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सीधी कांड पर नेहा सिंह राठौर की एक पोस्ट पर दर्ज हुई एफआईआर, जानें क्या है पूरा मामला

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मध्य प्रदेश के सीधी पेशाब कांड को लेकर देश भर में बवाल मचा हुआ है। सियासत गरमाने के बाद शिवराज सिंह सरकार ने पेशाब कांड के आरोपी प्रवेश शुक्ला के घर पर प्रशासन का बुलडोजर भी चलावा दिया। इसके अलाव पीड़ित दशमत रावत को सरकारी आवास देने की घोषणा की गई। इसी बीच लोकगायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ सीधी कांड को लेकर एफआईआर दर्ज कराई गई है। ये एफआईआर ट्वीटर हैंडल से किए उनके पोस्ट को लेकर दर्ज हुई है।

दरअसल, नेहा सिंह राठौर ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने अपने लोकप्रिय गाने 'यूपी में का बा' की तर्ज पर जल्द ही 'एमपी में का बा' लाने की बात कही है। पोस्ट में एक मीम भी जोड़ा गया है, जिसमें आरएसएस की ड्रेस पहने एक व्यक्ति को सीधी कांड की तरह एक अन्य व्यक्ति पर पेशाब करते हुए दिखाया गया है। इस पोस्ट में अरेस्ट प्रवेश शुक्ला का हैशटैग भी जोड़ा गया है, जो सीधी कांड का आरोपी था।

क्यों दर्ज हुआ नेहा सिंह पर केस

नेहा सिंह का ये पोस्ट तुरंत वायरल हो गया। जिसके बाद भोपाल के हबीबगंज थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। बीजेपी के अनुसूचित जाति मोर्चे के मीडिया प्रभारी सूरज खरे ने शिकायत की थीय़जिसके आधार पर धारा 153(A) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है।इस धारा में जाति, धर्म, निवास, भाषा जैसे मामलों में दो समूहों में शत्रुता पैदा करने से संबंधित मामले दर्ज किए जाते हैं। एफआईआर में गायिका पर आरएसएस और आदिवासी समुदाय में शत्रुता पैदा कराने का आरोप लगाया गया है। 

एफआईआर पर नेहा ने किया रिएक्ट

नेहा सिंह ने ट्वीट में लिखा, 'मैंने आदिवासी व्यक्ति के ऊपर पेशाब करने का विरोध किया तो बीजेपी के अनुसूचित जाति मोर्चा के मीडिया प्रभारी ने मेरे खिलाफ FIR दर्ज करवा दी। गजब है इनका आदिवासी प्रेम..!'

क्या है सीधी पेशाब कांड?

बता दें कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें आरोपी प्रवेश शुक्ला एक शख्स के ऊपर पेशाब करता हुआ नजर आ रहा था। मामला सामने आने के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया, जबकि सीएम शिवराज के निर्देश पर उसके खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की गई थी। इसके अलावा सीधी में आरोपी के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई भी की गई थी।

राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा,

उनके खिलाफ 10 आपराधिक मामले लंबित, राजनीति में शुचिता की जरूरत, पढ़िए, और क्या की टिपण्णी


कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में गुजरात उच्च न्यायालय से भी बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कोर्ट ने राहुल गांधी की 2 साल की जेल की सजा के खिलाफ दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। यानी राहुल गांधी की संसद सदस्यता अभी बहाल नहीं होगी और यह सजा बरकरार रहेगी। शुक्रवार (7 जुलाई) को गुजरात उच्च न्यायालय की जस्टिस हेमंत पृच्छक की बेंच ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है। 

यह फैसला सुनाते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि 'राहुल गांधी बिल्कुल गैर-मौजूद आधार पर दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। दोषसिद्धि पर रोक कोई नियम नहीं है। उनके (राहुल गांधी) के खिलाफ 10 आपराधिक मामले लंबित हैं। राजनीति में शुचिता की आवश्यकता है। एक मामला कैंब्रिज में राहुल द्वारा वीर सावरकर के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करने के बाद वीर सावरकर के पोते द्वारा पुणे कोर्ट में (गांधी) के खिलाफ दाखिल किया गया है। राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार करने से किसी भी प्रकार से आवेदक के साथ अन्याय नहीं होगा। उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने का कोई उचित आधार नहीं है। दोषसिद्धि न्यायसंगत, उचित और कानूनी है।' 

इस तरह गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल गांधी को लोअर कोर्ट द्वारा सुनाई गई 2 साल जेल की सजा को सही ठहराया है। हालाँकि, कांग्रेस ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला लिया है। अब देखना ये है कि, सूरत कोर्ट, सेशन कोर्ट और गुजरात हाई कोर्ट में दोषी साबित होने के बाद क्या राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट बेकसूर ठहरती है या नहीं ? क्योंकि, यदि उनकी दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगी, तो राहुल गांधी 2024 और 2029 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित हो जाएंगे। 

बता दें कि, राहुल गांधी को सजा सुनाते हुए लोअर कोर्ट ने भी कहा था कि, एक सांसद होने के नाते उन्हें जिम्मेदारी के साथ बोलना चाहिए, क्योंकि उनके बयान बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करते हैं। इस पूरे मामले पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के अन्य नेताओं ने दावा किया था कि राहुल गांधी ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का तिरस्कार किया है। ऐसे में उन्हें ओबीसी समाज से माफी मांगनी चाहिए। हालाँकि, राहुल गांधी ने माफ़ी मांगने से साफ इंकार कर दिया था, माना जाता है कि, उन्हें सजा मिलने के पीछे भी यही कारण रहा, क्योंकि मानहानि के अधिकतर मामले माफ़ी के साथ ख़त्म हो जाते हैं, मगर राहुल माफ़ी मांगने से बार-बार इंकार कर रहे थे।

रायपुर में कांग्रेस पर बरसे पीएम मोदी, कहा-जो डर जाए वो मोदी नहीं हो सकता, कांग्रेस को जमकर सुनाई खरी-खोटी

#pmmodilashedoutatoppositioninraipur

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार राज्यों की यात्रा पर निकले हुए हैं। इस यात्रा की शुरुआत उन्होंने छत्तीसगढ़ से की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रायपुर में रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर, 4 लेन रायपुर-कोड़ेबोड़े खंड समेत कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसके बाद पीएम मोदी ने विजय संकल्प रैली को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये लोग मेरे पीछे पड़ेंगे, मेरी कब्र खोदने की धमकी देंगे, मेरे खिलाफ साजिशें रचेंगे। लेकिन उन्हें पता नहीं है, जो डर जाए वह मोदी नहीं हो सकता है।

प्रधानमंत्री ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में आज एक अहम दिन है। आज छत्तीसगढ़ को 7 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उपहार मिल रहा है। सड़क विकास के तहत नया कॉरिडोर, नई पाइपलाइन बनेगी जिसके जरिए हजारों किमी का सफर आधा हो जाएगा।

भ्रष्टाचार के बगैर कांग्रेस सांस तक नहीं ले सकती-पीएम मोदी

भाजपा ही छत्तीसगढ़ के लोगों को समझती है, उनकी जरूरतों को जानती है। लेकिन एक बहुत बड़ा पंजा छत्तीसगढ़ के विकास के सामने दीवार बनकर खड़ा है। ये पंजा कांग्रेस का है। कांग्रेस के रग-रग में करप्शन है। भ्रष्टाचार के बगैर कांग्रेस सांस तक नहीं ले सकती है। कांग्रेस की सबसे बड़ी विचारधारा है करप्शन। छत्तीसगढ़ से 36 वादे जो कांग्रेस ने किए थे, उसमें एक ये था कि राज्य में शराब बंदी की जाएगी। 5 वर्ष बीत गए, लेकिन सच ये है कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में हजारों करोड़ का शराब घोटाला कर दिया है और इसकी पूरी जानकारी अखबारों में भरी पड़ी है।

कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ एक एटीएम की तरह-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी के लिए छत्तीसगढ़ एक एटीएम की तरह है। यहां पर कोयला माफिया, रेत माफिया, भूमि माफिया... न जाने कैसे-कैसे माफिया यहां फल-फूल रहे हैं। यहां सूबे के मुखिया से लेकर तमाम मंत्रियों और अधिकारियों तक पर घोटाले के गंभीर से गंभीर आरोप लगते रहे हैं। आज छत्तीसगढ़ सरकार कांग्रेस के भ्रष्टाचार और कुशासन का मॉडल बन चुकी है इसलिए आज एक ही आवाज सुनाई दे रही है कि इस बार कांग्रेस की सरकार बदली जाएगी।

जिनके दामन में दाग है, वेसाथ आने की कोशिश में-पीएम मोदी

विपक्षी महागठबंधन पर भी पीएम मोदी ने कहड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जिनके दामन में दाग है, वे सब आज एक साथ आने की कोशिश कर रहे हैं। जो लोग एक दूसरे को पीनी पी-पीकर कोसते थे। आज वे एक साथ आने के बहाने खोज रहे हैं।

पिछले नौ वर्षों में हजारों आदिवासी गांवों में पहंची सड़कें-पीएम मोदी

पिछले 9 वर्षों में छत्तीसगढ़ के हजारों आदिवासी गांवों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़कें पहुंची हैं। भारत सरकार ने यहां करीब साढ़े 3 हजार किमी लंबी नेशनल हाईवे की परियोजनाएं स्वीकृत की है। इसमें सबसे लगभग तीन हजार किमी की परियोजनाएं पूरी भी हो चुकी है।

मोदी मतलब भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की गारंटी-पीएम मोदी

कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अपने कुशासन और भ्रष्टाचार के दाग को कांग्रेस पार्टी अब झूठी गारंटियों के जरिए छिपाने की कोशिश में लगी है। आपको इस तरह की झूठी गारंटियों से बहुत ही सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। बीजेपी ही वो पार्टी है जो असली गारंटी देती है, साथ में जो वादा करती है, उसे पूरा करके दिखाती है। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि वो मेरी कब्र खोद रहे हैं, लेकिन उन्हें नहीं मालूम कि जो डर जाए वो मोदी नहीं। मोदी मतलब भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की गारंटी है। जिसने भी गलत किया है वो बचेगा नहीं।

किसी निजी स्वार्थ में जाति गणना एवं आर्थिक सर्वे नहीं हो रहा, जनमानस के हित को ध्यान में रखकर राज्य सरकार करा रही सर्वे, हाई कोर्ट में नीतीश सरकार ने दी दलील



जाति गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को भी पटना हाइकोर्ट में सुनवाई अधूरी रही। मामले पर राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही और अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार दलीले पेश कर रहे हैं। पीके शाही का कहना था कि किसी निजी स्वार्थ में जाति गणना एवं आर्थिक सर्वे नहीं कराया जा रहा है। जनमानस के हित को ध्यान में रखकर राज्य सरकार सर्वे करा रही है।

उनका कहना था कि यह एक सर्वे है, जिसका उद्देश्य जनमानस के हित में आंकड़ा एकत्रित करना है। इसका उपयोग उनके कल्याण और हितों में किया जाना है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जाति संबंधी सूचना शिक्षण संस्थाओं में नामांकन के समय स्वेच्छा से दी जाती है। जातियां समाज का हिस्सा हैं। 

उन्होंने कहा कि हर धर्म में अलग-अलग जातियां हैं। सर्वे के दौरान किसी को भी सूचना देने की अनिवार्यता नहीं है। सर्वेक्षण से किसी की निजता का उल्लंघन नहीं हो रहा है। बहुत सी सूचनाएं पहले से ही सार्वजनिक हैं। मामले पर मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सुनवाई की। शुक्रवार को भी सुनवाई होगी।

मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को बड़ा झटका, गुजरात हाई कोर्ट ने सजा पर रोक की अपील खारिज की

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम मानहानि केस में बड़ा झटका लगा है। गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक की अपील को खारिज कर दिया है। जस्टिस एम एम प्राच्छक ने सुबह 11 बजे सबसे पहले फैसला सुनाया और कहा कि कोर्ट उनकी सजा की मांग की याचिका को खारिज करती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के कई मामले चल रहे हैं। ऐसे में उन्हें राहत नहीं दी जा सकती है।बता दें कि इससे पहले 23 मार्च 2023 को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, इसके बाद उन्हें जमानत भी मिल गई थी।हालांकि, इसके अगले दिन उनकी सांसदी चली गई थी।

2 मई को हुई थी आखिरी सुनवाई

राहुल गांधी की अपील पर हाई कोर्ट में 2 मई को आखिरी सुनवाई हुई थी। इस सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने फैसले को आर्डर पर रख लिया था और समर वेकेशन के बाद फैसला सुनाने को कहा था। न्यायमूर्ति प्रच्छक ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वह ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे। इसके बाद से फैसले का इंतजार हो रहा था। राहुल गांधी ने 25 अप्रैल को गुजरात हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन लगाई थी।

सूरत कोर्ट ने दी थी दो साल सजा

बता दें कि सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। 

राहुल ने क्या कहा था

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, 'कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?' इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

BIG BREAKING राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा

मोदी सरनेम केस में गुजरात हाई कोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लगा झटका। गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक की अपील को खारिज कर दिया। राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा को गुजरात हाई कोर्ट ने रखा बरकरार।

BIG BREAKING मोदी सरनेम केस में गुजरात हाई कोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लगा झटका।

गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक की अपील को खारिज कर दिया। राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा को गुजरात हाई कोर्ट ने रखा बरकरार।

खराब मौसम के कारण रोकी गई अमरनाथ यात्रा, अब तक 85 हजार भक्‍तों ने किया बाबा बर्फानी के दर्शन

#amarnath_yatra_2023_temporarily_suspended_due_to_bad_weather

देशभर में मॉनसून सक्रिय हो चुका है। जिसके प्रभाव के कारण अधिकांश हिस्सों में बारिश हो रही है। लगातार बारिश के कारण कई जगहों पर हालात खराब हो रहे हैं। इस बीच भगवान भोलेनाथ के दर्शन के ल‍िए होने वाली पव‍ित्र अमरनाथ यात्रा खराब मौसम के चलते रोक दी गई है। अधिकारियों ने कहा है कि खराब मौसम के कारण शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा निलंबित कर दी गई क्योंकि कश्मीर के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई है। उन्होंने बताया कि बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों पर यात्रा निलंबित कर दी गई है।

अध‍िकार‍ियों ने बताया कि शुक्रवार तड़के शुरू हुई भारी बारिश के कारण तीर्थयात्रा को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा। तीर्थयात्रियों को बालटाल और नुनवान आधार शिविरों में रोका गया है। अधिकारियों ने कहा कि मौसम में सुधार होते ही यात्रा फिर से शुरू होगी। 

प्रशासन के मुताबिक शुक्रवार सुबह एक जत्थे को बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रवाना किया गया था, लेकिन मौसम खराब होने लगा। ऐसे में बाबा बर्फानी के भक्तों को रोक दिया गया। वहीं बालटाल और नुनवान में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई है। उन्हें आगे जाने की इजाजत नहीं दी जा रही।

गुरुवार को 17,202 तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा मंदिर में दर्शन किए। साथ ही पिछले सात दिनों के दौरान दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की कुल संख्या अब तक 84768 तक पहुंच गई है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। पवित्र गुफा के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों में 12408 पुरुष, 4095 महिलाएं, 490 बच्चे, 192 साधु और 17 साध्वियां शामिल थीं। 

बासठ दिनों तक चलने वाली यह यात्रा 1 जुलाई को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम और मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के बालटाल के दोहरे मार्गों से शुरू हुई थी। यह यात्रा 31 अगस्त को संपन्न होगी।

मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि केस में राहुल को सजा या राहत? पुनर्विचार याचिका पर फैसला आज

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मोदी सरनेम वाले बयान पर मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा बरकरार रहेगी या उन्हें राहत मिलेगी? इस पर आज फैसला आ सकता है।इस मामले में दी गई सजा के खिलाफ राहुल गांधी की याचिका पर गुजरात हाई कोर्ट शुक्रवार की सुबह 11 बजे फैसला सुनाएगा।इस दौरान सभी की निगाहें हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी हुईं हैं, क्योंकि दो निचली अदालतों से इस केस में राहुल को राहत नहीं मिली है। दरअसल सूरत में मजिस्ट्रेट अदालत में राहुल को मानहानि के मामले 2 साल की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद उनकी संसदीय सदस्यता भी खत्म कर दी गई थी।

2 साल की सजा के बाद चली गई थी सांसदी

दरअसल, राहुल गांधी को सूरत की कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 23 मार्च को दो साल की सजा सुनाई थी।राहुल को 2 साल कैद की सजा सुनाए जाने के बाद सचिवालय ने उन्हें नोटिस भेजकर उनकी सांसदी खत्म कर दी थी। इसका कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने जमकर विरोध किया था। इतना ही नहीं राहुल गांधी की सदस्यता खत्म करने के बाद उन्हें सरकारी बंगला भी खाली करने को कहा गया था जिसके बाद उन्हें तय समय में सरकारी बंगला खाली कर दिया था।

क्या फिर बहाल होगी संसद सदस्यता 

इसके बाद राहुल गांधी ने एडिशनल सेशन कोर्ट में अपील की थी। हालांकि राहुल गांधी को एडिशनल कोर्ट से भी कोई राहुत नहीं मिली थी। एडिशनल सेशन कोर्ट ने भी राहुल गांधी की सजा को बरकरार रखा था। इसके बाद राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया था। इस मामले में कोर्ट ने 7 जुलाई को फैसला सुनाने को कहा है। ऐसे में अगर हाईकोर्ट से राहुल के पक्ष में फैसला आता है तो कांग्रेस नेता की संसद सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।

राहुल ने क्या कहा था

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, 'कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?' इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

मणिपुर हिंसा पर अमेरिका ने की मदद की पेशकश, बयान पर भड़की कांग्रेस, मनीष तिवारी ने कहा-हमने पहले भी ऐसी चुनौतियों का सामना किया

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मणिपुर में भड़की हिंसा शांत होने का नाम नहीं ले रही है।पिछले करीब दो महीने महीनों से मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है।राज्य और केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद इस पर लगाम नहीं लग पा रही है।इस बीच अमेरिका ने मणिपुर में हिंसा से निपटने में भारत की सहायता करने की पेशकश की है। भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका मणिपुर में हिंसा से निपटने में भारत की सहायता करने के लिए तैयार है। बता दें कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।

अमेरिका को रणनीतिक चिंता नहीं बल्कि मानवीय चिंताएं- एरिक गार्सेटी

भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी इनदिनों कोलकाता में है। वहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान मणिपुर हिंसा पर किए गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि संकट का हल करने में अमेरिका किसी भी तरह से सहायता करने के लिए तैयार है। जब उनसे यह कहा गया कि यह भारत का आंतरिक मामला है तो उन्होंने जवाब में कहा कि अमेरिका को रणनीतिक चिंता नहीं बल्कि मानवीय चिंताएं हैं। गार्सेटी ने कहा- इस तरह के हिंसा में जब बच्चे मरते हैं तो आपको इसमें चिंता करने के लिए भारतीय होने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। शांति कायम रखना एक मिशाल है। जरूरत पड़ने पर हम मदद के लिए तैयार हैं। हमें पता है कि यह भारत का आंतरिक मुद्दा है और हम राज्य में शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस क्षेत्र में शांति स्थापित होने से यहां हम कई परियोजना और निवेश ला सकते हैं। 

कांग्रेस ने कहा इस तरह का बयान देना बहुत दुर्लभ

वहीं एरिक गार्सेटी के बयान पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि किसी अमेरिकी दूत के लिए भारत के आंतरिक मामलों के बारे में इस तरह का बयान देना बहुत दुर्लभ है। मनीष तिवारी ने पंजाब, जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर में पहले की चुनौतियों का जिक्र किया और कहा कि अमेरिकी राजदूत तभी सतर्क थे। उन्होंने ट्वीट किया कि हमने दशकों तक पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तर पूर्व में चुनौतियों का सामना किया और चतुराई से उन पर विजय प्राप्त की। कांग्रेस नेता ने कहा कि मुझे संदेह है कि क्या नए यूएस राजदूत एरिक गार्सेटी को अमेरिका-भारत संबंधों के जटिल इतिहास और हमारे आंतरिक मामलों में हमारी संवेदनशीलता का ज्ञान है।

मणिपुर के इंफाल में महिला की गोली मारकर हत्या

इससे पहले गुरुवार को मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में एक स्कूल के बाहर एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मणिपुर में हिंसा तब शुरू हुई जब मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा की मांग का विरोध करने के लिए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था। तब से लेकर अब तक मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 130 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।