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धनबाद: महिला थाना में मोहब्बत को मिला मुकाम, प्रेमी जोड़े ने रचाई शादी

धनबाद : धनबाद महिला थाना में प्रेमी जोड़े की शादी हुई. केंदुआडीह थाना क्षेत्र के रहने वाले कुंदन साव और अंकिता एक साल से प्यार करते थे. परिवार वालों की रजामंदी के बिना कानून के संरक्षण में दोनों ने एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाईं.

मंत्री बनते ही बेबी देवी आई एक्शन में : जारी किया फरमान.. देवघर कवारियां मार्ग पर नही होगी शराब बिक्री

रांची : हेमंत कैबिनेट में उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री बनी बेबी देवी पदभार ग्रहण करने के बाद एक्शन में दिखी. मंगलवार को पहले कार्य दिवस पर उन्होंने देवघर के कांवरिया पथ पर शराब बिक्री पर रोक लगा दी है. उन्होंने निर्देश दिया कि देवघर के श्रावणी मेले में बाबा बैद्यनाथ मंदिर तक सभी प्रकार की मदिरा या शराब की बिक्री पर पूरी तरह से रोक रहेगी.

उन्होंने कहा देवघर के विश्वस्तरीय श्रावणी मेले में तथा वैद्यनाथ मंदिर तक के कांवरिया पथ पर , किसी भी प्रकार के मदिरा – शराब की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा।शराब की दुकानें बंद रहेंगी।

उन्होंने बयान जारी कर कहा कि श्रद्धालुओं को ,विशेषकर मेरी बहन – बेटियों को ध्यान में रखते हुए मैंने यह निर्णय लिया है।

स्ट्रीटबज हेल्थ टिप्स: वजन कम करने के लिए करे इन 5 खट्टे-मीठे फल का सेवन,कोलेस्ट्रॉल-बीपी होगा कंट्रोल


आज के टाइम में भागदौड़ और खराब जीवन शैली की वजह से जिस समस्या ने लोगो को सबसे ज्यादा परेशान किया है वो है बढ़ता हुआ वजन और मोटापा। लोग बढ़ते हुए मोटापे के कारण चिंतित है वजन कम करने के लिए फलों का सेवन फायदेमंद माना जाता है. सही तरीके से कुछ फलों को खाया जाए, तो वजन तेजी से घटाने में मदद मिल सकती है. सेब, केला, कीवीफ्रूट जैसे कई फलों को वेट लॉस के लिए बेस्ट माना जाता है. इनमें मौजूद फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट समेत कई पोषक तत्व शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं और फैट को कम करने में मदद करते हैं. इन फलों का सेवन नियमित रूप से भी किया जा सकता है।

सेब सेहत के लिए बेहद लाभकारी होता है. यह शरीर को कई बीमारियों से बचाता है. वजन घटाने में भी सेब बेहद कारगर साबित हो सकता है. हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक सेब में कैलोरी की मात्रा कम होती है और फाइबर भरपूर होता है. सेब खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है. अब तक यह बात कई स्टडी में भी सामने आ चुकी है. सेब खाने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में भी काफी मदद मिलती है

स्ट्रॉबेरी और रेस्पबेरी समेत अधिकतर बेरीज को वजन कम करने के लिए फायदेमंद माना जाता है. बेरीज में जरूरी विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो वेट लॉस जर्नी को आसान बना सकते हैं. बेरीज का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. बेरीज को शरीर की सूजन कम करने के लिए भी लाभकारी माना जाता है. बेरीज को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए.

कीवी फल को पोषक तत्वों का खजाना माना जा सकता है. कीवी फ्रूट में विटामिन C, विटामिन K, फोलेट और फाइबर की भरपूर मात्रा होती है. इस फल को वजन घटाने में बेहद कारगर माना जाता है. एक अध्ययन में शामिल लोगों ने 12 सप्ताह तक प्रतिदिन दो कीवी फल खाए, तब उनकी कमर की परिधि में 1.2 इंच की कमी देखने को मिली. यानी कमर पर जमी चर्बी को कीवी फल तेजी से कम करता है.

वजन कम करने वाले तमाम लोग केले से परहेज करते हैं, लेकिन केला वेट लॉस में मददगार साबित हो सकता है. केला पोटेशियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन बी 6 का अच्छा स्रोत है. यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने और वजन कम करने में मदद कर सकता है. साल 2014 के एक अध्ययन से पता चला कि प्रतिदिन एक केला खाने से उच्च कोलेस्ट्रॉल से भी राहत मिलती है

एवोकाडो को वेट लॉस के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसमें कैलोरी और फैट की मात्रा ज्यादा होती है, लेकिन इसके बावजूद एवोकाडो वेट लॉस में मददगार होता है।

एक अध्ययन में पाया गया कि लगातार 12 सप्ताह तक तक प्रतिदिन एक एवोकाडो खाने से वजन में कमी हुई. एवोकाडो खाने से पेट भरा होने की भावना बढ़ सकती है, भूख कम हो सकती है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार हो सकता है.

झारखंड के पहले आदिवासी क्रिकेटर आईपीएल में आ सकते है नजर,सीएम हेमंत सोरेन से की मुलाकात,यहां जाने कौन है वह क्रिकेटर


रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से आज इंडियन प्रीमियर लीग, (आईपीएल) क्रिकेट की टीम- मुम्बई इंडियंस के लिए चयनित विकेटकीपर -सह- बल्लेबाज रॉबिन मिंज ने शिष्टाचार मुलाकात की। 

उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि मुंबई इंडियंस के द्वारा उन्हें यूनाइटेड किंगडम (यूके) में होने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण (अभ्यास ) शिविर के लिए बुलावा आया है। यह शिविर अगस्त माह- 2023 से शुरू होगा। 

मुख्यमंत्री ने मूल रूप से गुमला के रायडीह प्रखंड के एक छोटे से गांव सिलम पांदनटोली से आनेवाले प्रतिभावान क्रिकेटर रॉबिन मिंज को इस उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि अपने बेहतर खेल से क्रिकेट की दुनिया में एक अलग मुकाम हासिल करेंगे और झारखंड एवं देश का नाम रौशन करेंगे। 

गौरतलब है कि वर्तमान में राजधानी रांची के नामकुम, नया टोली में रह रहे रॉबिन मिंज झारखंड के पहले आदिवासी क्रिकेटर हैं, जिनका चयन आईपीएल क्रिकेट के लिए हुआ है। इस मौके पर विधायक राजेश कच्छप, रॉबिन मिंज के पिता फ्रांसिस जेवियर मिंज, माता एलिस मिंज, क्रिकेट कोच चंचल भट्टाचार्य, एसपी गौतम और आसिफ हक मौजूद थे।

राँची हाई कोर्ट ने राहुल गांधी को दी 16 अगस्त तक राहत,नही होना पड़ेगा सशरीर हाज़िर


राँची: राहुल गांधी को फिलहाल राँची पटना तथा गुजरात के अदालत में मोदी सरनेम को लेकर अलग अलग लोगों द्वारा केस दर्ज कर घेरने की कोशिश की जा रही है।

जिसमे गुजरात की अदालत ने उन्हें दो साल की सजा मुकर्रर कर दी ।जिसमे उनकी संसद सदस्यता भी चली गयी।अब पटना और राँची में भी इसी तरह का मामला दर्ज की गई है।जिसमे राँची के एमपी-एमएलए कोर्ट में मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी के सशरीर हाजिर होने के आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी गयी है। अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।

चतरा में भरी पंचायत में प्रेमी युगल को ग्रामीणों ने बांधकर की पिटाई, प्रेमिका की मौत,सात लोग गिरफ्तार

चतरा सदर थाना के बरैनी पंचायत मसूरिया तरी में प्रेमी प्रेमिका को जमकर पिटाई की गयी. जिसमें प्रेमिका की मौत हो गयी. प्रेमी की स्थिति गंभीर बनी हुई है. 

दोनों की पिटाई भरी पंचायत में की थी. पुलिस गांव पहुंचकर महिला का शव बरामद किया. इस मामले में पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है.

 यह मामला 30 जून को सदर थाना क्षेत्र में स्थानीय लोगों के एक समूह ने एक जोड़े की पिटाई कर दी थी.

संताली भाषा को राजभाषा की दर्जा और पढ़ाई के सिलेबस में शामिल करने की मांग को लेकर झारखंड बंद का चांडिल में रहा असर

संताली भाषा को राज भाषा की दर्जा एवं पढ़ाई के कोर्स में शामिल करने की मांग को लेकर झारखंड बंद का आज आयोजन किया गया था जिसका सरायकेला-खरसावां जिला के चांडिल में असर रहा. टाटा रांची मुख्य मार्ग संख्या एनएच 33 चांडिल गोल चक्कर में छोटी बड़ी वाहनों की लंबी कतारें लग गई. 

वहीं बंद समर्थकों ने एन एच-33 पर टायर जलाकर बंद किया . बंद समर्थक ने कहा कि ओलचिकी भाषा को लेकर झारखंड सरकार से हमारी मांगे हैं कि झारखंड प्रदेश में संताली भाषा का ओल चिकी लिपि से पुस्तकों का मुद्रण एवं पठन-पाठन आरम्भ करे, संथाली शिक्षकों का बहाली हो, संताली भाषा को प्रथम राज भाषा का दर्जा देना होगा, अलग से संताली अकादमी का गठन करना होगा जैसे मांगे शामिल हैं.

आज 4 को झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति की बैठक, लोकसभा चुनाव व विधानसभा चुनाव को लेकर होगी मंथन

झामुमो केंद्रीय समिति की बैठक रांची स्थित सोहराई भवन में आयोजित है। इसकी अध्यक्षता शिबू सोरेन करेंगे। जो बैठक में शामिल होने के लिए सोहराई भवन में पहुंच गए हैं। 

 कार्यकारी अध्यक्ष व मुख्यमंत्री! हेमंत सोरेन भी इस बैठक में शामिल होंगे। केंद्रीय समिति की बैठक में सांसद विधायक व ढाई सौ सदस्यों के साथ पार्टी की अगली दिशा क्या होगी इस पर विचार विमर्श करेंगे। बताया गया कि अगले वर्ष लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव पर चर्चा होगी साथ ही कार्यकर्ताओं को चुनावी त्यारी में जुट जाने का आवाहन किया जाएगा।

आइए जानते है सावन के पवित्र महीने में किन किन खाध पदार्थ का करना पड़ता है परहेज, और क्यों जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...?*


पंचांग के अनुसार आज से श्रावण मास यानी सावन शुरू हो गया है सावन का महीना का बहुत पवित्र माना जाता है। श्रावण मास यानी सावन माह की शुरुआत होते ही सड़कों पर 'बोल बम' के नारे लगने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रावण मास कुछ खाद्य पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध भी लगाता है? मांसाहार के अलावा हरी सब्जियां, बैंगन आदि खाना और यहां तक ​​कि दूध पीना भी वर्जित है। लेकिन क्यों? आइए आज हम इसी बारे में बात करते हैं और समझते हैं कि इस महीने में पांच चीजों का सेवन करना क्यों वर्जित है। 

दूध

दूध बहुत स्वास्थ्यवर्धक होता है और डॉक्टर इसे रोजाना पीने की सलाह देते हैं। लेकिन कहा जाता है कि सावन में दूध से परहेज करना चाहिए। ऐसा किस लिए?

धार्मिक मान्यता: सावन के महीने को भगवान शिव का महीना माना जाता है, हर दिन शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है दूध; इसलिए इस दौरान दूध पीने से मना किया जाता है। 

वैज्ञानिक मान्यता : लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से भी इस माह में दूध पीने की मनाही है। क्योंकि इस महीने में बहुत अधिक बारिश होती है जिसमें गायें कीड़े या सड़ी हुई घास की पत्तियाँ खाती हैं जिनमें कई रोगाणु हो सकते हैं। ऐसे में दूध उतना स्वास्थ्यवर्धक नहीं है जितना आम दिनों में होता है। इसलिए इस माह में दूध पीने की मनाही है।

मांस और मछली 

सावन में मांस-मछली नहीं खाई जाती. हिंदू धर्म में इसके पीछे कई धार्मिक कारण हैं। वहीं, वैज्ञानिक तौर पर भी मानसून के दौरान मछली का सेवन नहीं किया जाता है क्योंकि यही वह मौसम होता है जब मछलियां अंडे देती हैं (जो इंसानों के लिए हानिकारक हो सकता है)। वहीं, चिकन और मटन अच्छे से पच नहीं पाता, जिससे पेट खराब हो जाता है। इसलिए इन सभी कारणों से सावन में मांस-मछली से परहेज करना चाहिए।

हरी सब्जियां 

सावन माह में हरी सब्जियां भी वर्जित हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि बारिश में मच्छर और मक्खियाँ बहुत फैलती हैं। इसके अलावा हरी सब्जियों में भी कई कीटाणु होते हैं जो पेट और त्वचा संबंधी रोगों का कारण बनते हैं। इसलिए इनसे दूर रहने के लिए सावन के महीने में हरी सब्जियों से परहेज करने को कहा जाता है.

स्ट्रीटबज न्यूज: आइए जानते है सावन के पवित्र महीने में किन किन खाध पदार्थ का करना पड़ता है परहेज, और क्यों जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...?


पंचांग के अनुसार आज से श्रावण मास यानी सावन शुरू हो गया है सावन का महीना का बहुत पवित्र माना जाता है। श्रावण मास यानी सावन माह की शुरुआत होते ही सड़कों पर 'बोल बम' के नारे लगने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रावण मास कुछ खाद्य पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध भी लगाता है? मांसाहार के अलावा हरी सब्जियां, बैंगन आदि खाना और यहां तक ​​कि दूध पीना भी वर्जित है। लेकिन क्यों? आइए आज हम इसी बारे में बात करते हैं और समझते हैं कि इस महीने में पांच चीजों का सेवन करना क्यों वर्जित है। 

दूध

दूध बहुत स्वास्थ्यवर्धक होता है और डॉक्टर इसे रोजाना पीने की सलाह देते हैं। लेकिन कहा जाता है कि सावन में दूध से परहेज करना चाहिए। ऐसा किस लिए?

धार्मिक मान्यता: सावन के महीने को भगवान शिव का महीना माना जाता है, हर दिन शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है दूध; इसलिए इस दौरान दूध पीने से मना किया जाता है। 

वैज्ञानिक मान्यता : लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से भी इस माह में दूध पीने की मनाही है। क्योंकि इस महीने में बहुत अधिक बारिश होती है जिसमें गायें कीड़े या सड़ी हुई घास की पत्तियाँ खाती हैं जिनमें कई रोगाणु हो सकते हैं। ऐसे में दूध उतना स्वास्थ्यवर्धक नहीं है जितना आम दिनों में होता है। इसलिए इस माह में दूध पीने की मनाही है।

मांस और मछली 

सावन में मांस-मछली नहीं खाई जाती. हिंदू धर्म में इसके पीछे कई धार्मिक कारण हैं। वहीं, वैज्ञानिक तौर पर भी मानसून के दौरान मछली का सेवन नहीं किया जाता है क्योंकि यही वह मौसम होता है जब मछलियां अंडे देती हैं (जो इंसानों के लिए हानिकारक हो सकता है)। वहीं, चिकन और मटन अच्छे से पच नहीं पाता, जिससे पेट खराब हो जाता है। इसलिए इन सभी कारणों से सावन में मांस-मछली से परहेज करना चाहिए।

हरी सब्जियां 

सावन माह में हरी सब्जियां भी वर्जित हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि बारिश में मच्छर और मक्खियाँ बहुत फैलती हैं। इसके अलावा हरी सब्जियों में भी कई कीटाणु होते हैं जो पेट और त्वचा संबंधी रोगों का कारण बनते हैं। इसलिए इनसे दूर रहने के लिए सावन के महीने में हरी सब्जियों से परहेज करने को कहा जाता है.