शिंदे सरकार में शामिल अजित पवार समेत इन तीन मंत्रियों के खिलाफ चल रही है जांच, कभी इस बीजेपी नेता ने ही जुटाए थे सबूत
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महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार दोपहर उस वक्त भूचाल आ गया, जब पता चला कि एनसीपी नेता और राज्य में विपक्ष के पूर्व नेता अजित पवार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। राजभवन में आयोजित समारोह में अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।अजित पवार के साथ एनसीपी के 8 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शपथ लेने वाले नौ मंत्रियों में से कम से कम तीन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है। ये तीन मंत्री अजित पवार, छगन भुजबल और हसन मुश्रीफ हैं। इनमें से कोई जमानत पर है तो किसी को सजा मिल चुकी। किसी का केस अभी कोर्ट में लंबित है। सबसे बड़ी बात इनके खिलाफ किरीट सोमैया ने कई सबूत जुटाए और मीडिया के सामने पेश किए थे।
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अजित पवार के खिलाफ चल रही है इन मामलों में जांच
महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हुए अजीत पवार के खिलाफ कोऑपरेटिव बैंक घोटाले में अभी जांच जारी है। एक जनहित याचिका के आधार पर इकोनॉमिक ऑफेंस विंग जांच कर रही है। इसी मामले में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। हालांकि सितंबर 2020 में इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने स्पेशल कोर्ट में कहा कि उन्हें अजित के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला और केस में क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी।ईडी ने इसका विरोध किया, लेकिन कोर्ट ने आपत्ति खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार यदि इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने केस बंद कर दिया है तो ईडी भी आगे जांच नहीं कर सकती।
इसके अलावा अजित पवार सिंचाई घोटाले का भी सामना कर रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस-एनसीपी सरकार में अजित जब जल संसाधन मंत्री थे, तब उनपर सिंचाई परियोजनाओं में अनियमितता के आरोप लगे थे। महाराष्ट्र एसीबी ने इस मामले में अदालत की निगरानी में जांच शुरू की थी। साल 2019 में देवेंद्र फडणवीस के साथ सरकार में आने के बाद एसीबी ने अजित पवार को क्लीनचिट दे दी थी। लेकिन इस रिपोर्ट को बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वीकार नहीं किया। जब महाविकास अघाड़ी सत्ता में आई तो कुछ बीजेपी नेताओं ने मामले की दोबारा जांच की मांग शुरू कर दी।
दो साल जेल में रहने के बाद जमानत पर हैं छगन भुजबल
छगन भुजबल और 16 अन्य लोगों के खिलाफ एसीबी ने 2015 में केस दर्ज किया था। यह मामला 2006 में तीन परियोजनाओं के लिए 100 करोड़ से अधिक के ठेके देने में अनियमिताओं से जुड़ा है। भुजबल तब पीडब्ल्यूडी मंत्री थे। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए एक अलग मामला भी दर्ज किया था। एजेंसी ने मामले में भुजबल को 2016 में गिरफ्तार किया था और दो साल जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिल गई थी।
हसन मुश्रीफ 11 जुलाई तक अंतरिम जमानत पर
हसन के खिलाफ सर सेनापति संताजी घोरपड़े शुगर फैक्ट्री लिमिटेड और उनके परिवार से जुड़ी कंपनियों के कामकाज में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में मुंबई में ईडी की जांच चल रही है। मुश्रीफ की अग्रिम जमानत याचिका अप्रैल में विशेष कोर्ट ने खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने उनकी अंतरिम राहत बढ़ा दी। पिछले हफ्ते इसे 11 जुलाई तक बढ़ा दिया गया था। इसी केस में ईडी उनके तीन बेटों के खिलाफ भी जांच कर रही है। इनकी अग्रिम जमानत याचिकाएं स्पेशल कोर्ट में पेंडिंग हैं।









Jul 03 2023, 13:32
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