आज का हिन्दू पंचांग, दिनांक - 06 जून 2023:पंचांग के अनुसार जानिए आज का तिथि ,कालगणना और ग्रहयोग
दिन - मंगलवार
विक्रम संवत - 2080
शक संवत -1945
अयन - उत्तराण
ऋतु - ग्रीष्म ॠतु
मास - आषाढ
पक्ष - कृष्ण
तिथि - तृतीया रात्रि 12:50 तक तत्पश्चात चतुर्थी
नक्षत्र - पूर्वाषाढा रात्रि 11:13 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा
योग - शुक्ल 07 जून रात्रि 01:54 तक तत्पश्चात ब्रह्म
राहुकाल - शाम 03:58 से शाम 05:38 तक
सूर्योदय-04:59
सूर्यास्त- 06:27
दिशाशूल- उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण -
विद्यालाभ योग (गुजरात व महाराष्ट्र छोड़कर बाकी सभी जगह) पूर्णिमांत आषाढ
विशेष - तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
रोजगार की तलाश कर रहे लोग
लगातार 40 दिन तक पीतल के लोटे में साधारण जल भरकर उसमें गंगाजल की 11 बूंदे डालें। इस जल को 5 बेलपत्र के साथ पवित्र शिवलिंग में अर्पित करें। ऐसा करने से नौकरी मिलने का मार्ग प्रशस्त होने लगता है।
विवाह के लिए नहाने के पानी में गंगाजल और चुटकी भर हल्दी मिलाएं, अगर कोई जातक कर्ज से परेशान हों तो उन्हें घर में गंगाजल जरूर रखना चाहिए।
लेकिन ध्यान रखें कि गंगाजल को किसी पीतल की बोतल में भरें और उसे अपने कमरे में उत्तर-पूर्व कोण में रख दें। मान्यता है ऐसा करने से जातक को कर्ज से तो मुक्ति मिलती ही है। साथ ही जीवन की अन्य परेशानियां भी हल हो जाती हैं।
विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए
07 जून 2023 बुधवार को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 10:46)
शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :
ॐ गं गणपते नमः ।
ॐ सोमाय नमः ।
वैदिक पंचांग
चतुर्थी तिथि विशेष
चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेशजी हैं।
हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं।
पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।
शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा
“ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।
कोई कष्ट हो तो
हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |
छः मंत्र इस प्रकार हैं
ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।
ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।
ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।
ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।
ॐ अविघ्नाय नम:
ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:
Jun 07 2023, 08:33