दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत एकदिवसीय सेंसटाइजेशन वर्कशॉप संपन्न
गिरिडीह: समाहरणालय स्थित सभागार कक्ष में आज शनिवार को उपायुक्त, श्री नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत एकदिवसीय सेंसटाइजेशन वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उपायुक्त समेत सभी वरीय अधिकारियों के द्वारा डीडीयू जीकेआई के तहत सेंसटाइजेशन वर्कशॉप के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त, श्री नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि आज की कार्यशाला में तकनीकी बातें संबंधित विभाग के अधिकारियों के द्वारा बताई जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराई जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में युवाओं को इस योजना से जो लाभान्वित किया जाए। इस हेतु सभी संबंधित अधिकारियों को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कार्य संपादित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस योजना के साथ-साथ बीमा क्लेम का प्रचार कराया जाए ताकि बीमा क्लेम की जानकारी लोगों को दी जा सके। इसके अलावा उन्होंने कहा कि ग्रामीण कौशल को बढ़ावा दिया जाए ताकि स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलें।
कार्यशाला में अध्यक्ष, जिला परिषद महोदया ने कहा कि यह काफी अच्छी योजना है। इस योजना के तहत युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान होंगे। साथ ही उन्हें प्रशिक्षण उपलब्ध कराई जाएगी ताकि स्थानीय स्तर पर कुशल कारीगरों रोजगार प्राप्त कर सकें। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस योजना का व्यापक प्रचार प्रसार कराएं ताकि अधिकाधिक संख्या में युवाओं को इस योजना से जो लाभान्वित किया जा सके।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त ने कहा कि गिरिडीह जिला में कौशल विकास केंद्र का सुचारू रूप से उपयोग किया जा रहा है। इसके तहत जिले के युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान कराकर उन्हें रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर कुशल कारीगर होने से लोगों को सहूलियत मिलेगी और रोजगार भी मिलेगा।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीपीएम, जेएसएलपीएस ने कहा कि भारत एवं राज्य सरकार के तत्वाधान में यह योजना संचालित हैं। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को कौशल व उद्यमिता विकास से उनका आयवर्धन करना है। गिरिडीह जिले में यह योजना सुचारू रूप से संचालित है। इस योजना में 100% अचीवमेंट है। इस योजना के 337 युवकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
कौशल विकास विभाग में कौशल अंतर की पहचान करने और उन्हें कौशल प्रशिक्षण और रोजगार लाभ प्रदान करने की प्रक्रिया है।
आज के वैश्वीकरण और तकनीकी अस्थिरता के युग में बेहतर उत्पादकता और आर्थिक विकास के लिए श्रम की प्रभावकारिता और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कौशल निर्माण एक महत्वपूर्ण साधन है।
कौशल और ज्ञान विकास किसी भी देश के वित्तीय विकास और सामुदायिक विकास के पीछे प्रेरक शक्तियां हैं। युवाओं की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इस आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों के साथ पूरा होना चाहिए। कौशल विकास कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं की क्षमता का आकलन कर उचित मार्गदर्शन प्रशिक्षण एवं उत्साहित कर उनकी महत्वाकांक्षाओं को प्राप्त करने में मदद करता है।
डीडीयू-जीकेवाई एवं रोशनी योजना, डेय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन - ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए की गई एक पहल है। डीडीयू-जीकेवाई एवं रोशनी योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का एक हिस्सा है। यह वेतन आधारित रोजगार कौशल प्रशिक्षण है, जिसका उद्देश्य विशिष्ट रूप से 18 से 35 वर्ष की आयु के ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए आय विविधता प्रदान करना है एवं गरीब परिवारों और ग्रामीण युवाओं को उनके करियर की आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद करता है।
इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बेरोजगार युवा जो देश के किसी भी हिस्से मे या देश के बाहर नियमित वेतन आधारित रोजगार करने के इच्छुक है, वैसे युवाओं के लिए राज्य में ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत कौशल विकास की ये दो योजनाएँ संचालित की जा रही है, जिससे जुड़कर ग्रामीण युवा संगठित क्षेत्र में वेतन आधारित रोजगार कि आकांक्षा को पूरा कर सकते हैं।दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण योजना आवासीय एवं गैर-आवासीय दोनों होता है जबकि रोशनी योजना पूर्णत आवासीय ही होता है।ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 25 सितंबर 2014 को दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना की घोषणा की।
डीडीयू-जीकेआई एवं रौशनी योजना का उद्देश्य गरीब ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर निर्धारित न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे ऊपर की वेतन पर रोजगार/स्वरोजगार उपलब्ध कराना है एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। अहर्ता की शर्तें 18 से 35 वर्ष की आयु वर्ग के गरीब परिवारों के ग्रामीण युवा विशेष समूह के लिए अधिकतम 45 वर्ष तक)
न्यूनतम शिक्षा आठवीं या ट्रेड में निर्धारित शैक्षणिक योग्यता, गरीब एवं गरीबी का एक साथ होना चाहिए।
राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कहीं भी कार्य करने का आकांक्षा या समर्पण आदि।
वहीं झारखंड राज्य के संदर्भ में राज्य की ग्रामीण क्षेत्र का निवासी होना चाहिए। उपरोक्त निर्धारित पात्रता को पूरा करने वाले ग्रामीण युवाओं को निशुल्क आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
डीडीयू-जीकेआई एवं रौशनी योजना से जुड़ने के लिए आवश्यक दस्तावेज पहचान पत्र, आय प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, गरीबी का साक्ष्य, आवासीय प्रमाण पत्र, श्रेणी प्रमाण पत्र (कैटेगरी एससी एसटी के लिए) जरूरी बताए गए।
ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार प्रशिक्षण योजना। महिलाओं के लिए 33 से 40% आरक्षण का प्रावधान। योजना के अंतर्गत एससी/एसटी/अल्पसंख्यक अभ्यर्थियों पर विशेष ध्यान। प्रशिक्षण अवधि के आधार पर न्यूनतम सकल वेतन पहले से निर्धारित। रोजगार के दौरान अभ्यर्थियों को आर्थिक सहायता। अभ्यर्थियों को रोजगार एवं नई जगह पर सहायता के लिए प्रवासी सहायता केंद्र। प्रशिक्षण पश्चात अभ्यर्थियों से 1 साल तक संपर्क एवं रोजगार हेतु सहायता प्रदान करना। विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस प्रशिक्षण केंद्र।
डीडीयू-जीकेआई एवं रौशनी योजना के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाओ आवासीय प्रशिक्षण, जहां रहने खाने की नि:शुल्क व्यवस्था, नि:शुल्क पोशाक, नि:शुल्क प्रशिक्षण सामग्री तथा पठन-पाठन सामग्री, बैंक अकाउंट की सुविधा आदि, नि:शुल्क प्रशिक्षण (ट्रेड प्रशिक्षण के अलावा अंग्रेजी कंप्यूटर एवं सॉफ्ट स्किल्स),प्रधान मंत्री जननी सुरक्षा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत बीमा का लाभ,पोस्ट प्लेसमेंट सपोर्ट के रूप में नौकरी लगने पर 6 महीने तक आर्थिक मदद,आर्थिक सहायता के रूप में 1270 की दर से रोजगार के दौरान।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत वार्षिक प्रीमियम सिर्फ ₹20 में 2 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा तथा प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत वार्षिक प्रीमियम सिर्फ 436 रुपए में 02 लाख रुपए का जीवन बीमा के लिए आवश्यक दस्तावेज के रूप में दावा फॉर्म (पूर्णत: भरा हुआ),अस्पताल डिस्चार्ज रसीद की मूलप्रति (आवश्यकतानुसार), दुर्घटना की स्थिति में अपंगता प्रमाण पत्र सिविल सर्जन द्वारा निर्गत), मृत्यु की स्थिति में मृत्यु प्रमाण पत्र (प्रखंड कार्यालय द्वारा निर्गत) तथा अप्राकृतिक मृत्यु होने पर पुलिस एफआईआर की प्रति तथा पोस्टमार्टम / पंचनामा रिपोर्ट ,बीमा धारक के बैंक पासबुक की छायाप्रति,
नॉमिनी का बैंक पासबुक और आधार कार्ड की छायाप्रति आदि पेश करने की बात बताई गई।
वहीं प्रखण्ड के सभी पंचायत सेवक, जेएसएलपीएस के सभी बीपीएम के साथ समन्वय स्थापित कर क्लैम प्राप्ति हेतु बीमाधारक मृतकों की पहचान करें।बताया गया कि बीमाधारक अथवा उनके नॉमिनी बीमा क्लेम संबंधित दस्तावेज बैंक में जमा करने के लिए बैंक सखी, बैंक शाखा प्रबंधक, बीसी एजेंट,जेएसएलपीएस प्रखण्ड कार्यालय इत्यादि से सहायक प्राप्त कर सकते हैं।लंबित क्लेम का ससमय निपटान कराने हेतु जिले के एलडीएम तथा बैंक के संबंधित अधिकारियों का सहयोग लिया जा सकता है।
उक्त कार्यशाला में उपरोक्त के अलावा निदेशक डीआरडीए, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी, जिला कौशल विकास पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, डीपीएम, जेएसएलपीएस, अग्रणी बैंक प्रबंधक, निदेशक आर सेटी, सभी सदस्य जिला परिषद, जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला नियोजन पदाधिकारी, जिला श्रम पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला समन्वयक, एनआरएचएम, सभी प्रखंड प्रमुख, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सभी प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
Jun 04 2023, 22:38