क्या 'कवच' से टल सकता था बालासोर रेल हादसा? जानें क्या होती है ये तकनीक, जिसे लेकर ममता बनर्जी ने रेल मंत्री से पूछे सवाल
#how_railway_kavach_system_prevents_train_accidents
ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के आपस में टकराने से भीषण हादसा हुआ है जिसमें अभी तक 288 लोगों की मौत हो गई है जबकि 900 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। हादसे के बाद बचाव और राहत का कार्य जारी है। रेल मंत्री ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इस बीच रेल हादसे के बाद से पूरे देश में एक बार फिर कवच सिस्टम को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। लोग जानना चाहते हैं कि क्या कवच सिस्टम इस बड़े हादसे को रोक सकता था? वहीं आज बालासोर में वर्तमान रेलमंत्री अश्विनी वैष्ण से रूबरू हुई पूर्व में रेलमंत्री रह चुकीं ममता बनर्जी ने भी कवच सिस्टम को लेकर सवाल उठाए।
ममता बनर्जी ने रेलमंत्री से पूछा सवाल
आज पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ओडिशा के बालासोर में पहुंची और वह वहां पर दुर्घटनास्थल का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ संबोधित किया। मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम ममता ने पास में खड़े रेल मंत्री से इस रूट पर कवच नहीं होने का कारण पूछ लिया। ममता बनर्जी ने कहा, 'कोरोमंडल एक्सप्रेस में कोई टक्कर रोधी (एंटी-कोलिजन) उपकरण नहीं था। जब मैं रेल मंत्री थी तब मैंने एक टक्कर रोधी उपकरण पेश किया था जिससे एक ही ट्रैक पर चलने वाली ट्रेनें एक निश्चित दूरी पर रुकती थीं। अब, जब आप यहां हैं (अश्विनी वैष्णव) तो मैं यह बताना चाहती हूं कि इस ट्रेन में कोई एंटी-कोलिजन डिवाइस नहीं था। इस तरह की तकनीक होती तो इस घटना को टाला जा सकता था।'
पिछले साल कवच टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग की गई थी
बता दें कि रेल मंत्रालय ने पिछले साल कवच टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग की थी और इसका प्रचार किया गया था। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 4 मार्च, 2022 को भारतीय रेल के 'कवच' की टेस्टिंग में खुद शामिल हुए थे। रेल मंत्री ने एक वीडियो पोस्ट की थी, जिसमें आमने-सामने से पूरी रफ्तार के साथ आ रही 2 ट्रेनें बिना ब्रेक लगाए अपने आप रुक गई थीं। रेल मंत्रालय ने बताया था कि कवच सिस्टम से रेल हादसों पर लगाम लगेगी और यात्रियों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या कवच सिस्टम इस बड़े हादसे को रोक सकता था?
क्या कवच से रुक सकता था हादसा?
बालासोर में जिस तरह का हादसा हुआ, वहां यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस ने मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मारी थी जबकि उसका इंजन आगे था। अगर इस ट्रेन में कवच सिस्टम होता, तब भी ये टक्कर नहीं रुकती। क्योंकि कवच सिर्फ उन परिस्थितियों में ही काम करता है जब आमने-सामने से आ रही दो ट्रेनों के इंजन में ये सिस्टम इंस्टॉल हो और काम कर रहा हो
भारतीय रेल के दक्षिण मध्य रेलवे के मुताबिक अप्रैल 2022 तक कुल 1445 रूट किलोमीटर की रेल लाइन, मुख्यतः दक्षिण भारत में कवच सिस्टम को इंस्टॉल किया गया है। लेकिन ओडिशा में जहां ये रेल हादसा हुआ, वहां कवच सिस्टम इंस्टॉल नहीं हुआ है।
Jun 03 2023, 17:45