सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में आदिम जनजाति ग्रामीण चिकित्सक के सहारे जीने को मजबूर
बीमार अगर किसी अस्पताल नही जा पाते तो ये ग्रामीण चिकित्सक पेड़ के नीचे करते हैं इनका इलाज़
सरायकेला : अभी भी झारखंड के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था कितनी मज़बूत हो पायी इसका उदाहरण
जिला के चांडिल अनुमंडल के आसनवनी पंचायत स्थित दलना जंगल की तराई बसे खड़िया बस्ती में देखने को मिला।
यहां आदिम जनजाति सुखलाल पहाड़िया की तबियत बिगड़ी जिसे देखते हुए अस्पताल जाने का मौका नही मिला तो महूआ पेड़ के नीचे हीं चिकित्सक, डॉ,एस,एन मुर्मू ने चिकित्सा की।
एक तरफ भीषण गर्मी दूसरी ओर गरीबी और लाचार को देखते हुए।
सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के अपेक्षा ग्रामीण आर एम पी चिकित्सक के सहयोग से गांव के लोग जिंदा रहने के लिए संघर्ष करते हैं।
जानकारी के अनुसार।चांडिल चांडिल अनुमंडल के चांडिल प्रखण्ड अंतर्गत आसनबनी निवासी आदिम जनजाति सुकलाल पहरिया ने ग्रामीण चिकित्सक के बल पर स्वास्थ्य लाभ लिया।आज भी गांव गरीब असहाय लोगों ग्रामीण चिकित्सक के बल पर ही जिंदा है। गांव में बेहतर स्वास्थ्य बहाल में ग्रामीण चिकित्सक का भुमिका अहम है।
सुकलाल।पहाड़िया विगत एक सप्ताह से बीमार रहने लगा ।
आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण गांव के ग्रामीण चिकित्सक से ही अपना उपचार कराया वर्तमान में सुकलाल पहाड़िया ठीक है।
एक तरफ केंद्र सरकार दूसरी ओर राज्य सरकार द्वारा आदिम जनजाति के लोगो को विलुप्त होने से बचने की प्रयास कर रहे दूसरी ओर कुछ पदाधिकारी के कारण यह परिवार विलुप्त की कगार पर हे। दलमा जंगल पर इन परिवार आपने आपने जीवन निर्भर देखा गया ।
May 17 2023, 12:04