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इस साल नहीं होगी क्वाड बैठक, अमेरिका की वजह से ऑस्ट्रेलिया ने लिया ये बड़ा फैसला, जानें क्या है वजह

#australian_pm_anthony_albanese_cancels_quad_meeting_in_sydney

अगल हफ्ते होने वाली क्वाड की बैठक फिलहाल टाल दी गई है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने बुधवार को एलान किया कि अगले हफ्ते होने वाली क्वाड की बैठक फिलहाल टाली जा रही है।ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बैठक में शामिल न हो पाने की वजह से लिया गया है। ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी में होने वाली क्वाड बैठक में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका हिस्सा लेने वाले थे।।

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में क्वाड की बैठक 24 मई को होनी थी। इसे लेकर पहले अल्बानीज ने कहा था कि क्वाड में शामिल देशों- भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया बिना अमेरिका की मौजूदगी के भी बैठक के लिए आ सकते हैं। उन्होंने कहा था कि बाइडन की ओर से दौरा रद्द किए जाने के बाद उनकी सरकार जापान और भारत के प्रधानमंत्री से बात कर रही है। हालांकि, बाद में राष्ट्रपति अल्बानीज ने माफी मांगते हुए कहा था कि उन्हें क्वाड में शामिल साथियों के इस दौरे की तारीखों को आगे बढ़ाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत और जापान के प्रधानमंत्रियों ने इस बैठक की तारीख बदलने और इसे जल्द से जल्द आयोजित करने पर सहमति जताई है। 

अमेरिका को इन दिनों राजनीतिक और आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। अमेरिका में कर्ज संकट भी बढ़ता जा रहा है और उसके ऊपर डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है।बाइडेन ने कहा है कि वह जापान में होने वाले जी-7 समिट में हिस्सा लेंगे। इसके बाद वह क्वाड नेताओं की होने वाली बैठक में हिस्सा लेने नहीं जाएंगे। इसके बजाय वह वाशिंगटन लौट आएंगे।देश में हो रही उथल-पुथल को देखते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन क्वाड सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। इस बात को ध्यान में रखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी में होने वाली क्वाड बैठक को रद्द कर दिया है।

व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम में बात करते हुए बाइडेन ने सबसे पहले जापान के अपने दौरे को लेकर बात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के तौर पर एक बार में कई सारे मुद्दों को देखना पड़ता है। मुझे भरोसा है कि हम डिफॉल्ट होने से बच जाएंगे और दुनिया के लिए अमेरिका की जिम्मेदारियों को पूरा करेंगे। उन्होंने आगे बताया कि वह अपने दौरे को छोटा कर रहे हैं। वह ऑस्ट्रेलिया नहीं जा रहे हैं, ताकि देश लौटकर नेताओं से बातचीत कर सकें।

ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा, ‘सिडनी में अगले हफ्ते होने वाली क्वाड नेताओं की बैठक नहीं होगी। हालांकि, सिडनी में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता जरूर होगी।इसे लेकर भारत की ओर से भी जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है।

केदारनाथ के गोल प्लाजा में 60 क्विंटल वजनी कांसे की लगेगी भव्य ऊं की आकृति, गुजरात के बडौदा में बनकर तैयार, ट्रायल भी रहा सफल

भगवान भोलनाथ के द्वादश ज्योतिर्लिंग केदारनाथ में गोल प्लाजा में 60 क्विंटल वजनी कांसे का भव्य ऊं की आकृति स्थापित की जाएगी। इस आकृति को स्थापित करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सफल ट्रायल कर दिया है। जल्द जरूरी कार्य पूरा करते ही इसे स्थायी रूप से स्थापित कर दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ को सुरक्षित करने के साथ ही भव्य रूप से संवारा जा रहा है। इन दिनों धाम में दूसरे चरण के कार्य जोरों पर चल रहे हैं। पहले चरण में मंदिर परिसर के विस्तार के साथ ही मंदिर मार्ग और गोल प्लाजा का निर्माण किया गया था।

अब, इस गोल प्लाजा, जो मंदिर से लगभग ढाई सौ मीटर पहले संगम के ठीक ऊपर स्थित है, पर ऊं की आकृति को स्थापित किया जा रहा है। 60 क्विंटल वजनी कांसे से ऊं की आकृति को गुजरात के बडौदा में बनाया गया है।

चारों तरफ से तांबे से वेल्डिंग की जाएगी

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, लोनिवि ने हाइड्रा मशीन की मदद से ऊं आकृति को गोल प्लाजा में स्थापित करने के लिए ट्रायल किया, जो पूरी तरह से सफल रहा। कार्यदायी संस्था के ईई विनय झिक्वांण ने बताया कि ऊं की आकृति को पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिए इसके चारों तरफ से तांबे से वेल्डिंग की जाएगी। साथ ही मध्य हिस्से के साथ ही किनारों को भी सुरक्षित किया जाएगा, जिससे बर्फबारी से इसे नुकसान न हो। एक सप्ताह में ऊं आकृति को स्थायी रूप से स्थापित कर दिया जाएगा।

केदारनाथ गोल प्लाजा में ऊं की आकृति स्थापित होने से वहां की भव्यता और भी बढ़ जाएगी। डीडीएमए द्वारा ऊं आकृति को स्थापित करने के लिए जरूरी कार्रवाई की जा रही हैं।

पूरे ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे की मांग, वाराणसी कोर्ट ने स्वीकार की याचिका

#gyanvapi_case_petition_for_survey_from_asi_of_the_entire_gyanvapi_masjid

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मंदिर परिसर के एएसआई सर्वे की याचिका को जिला कोर्ट ने मंजूर कर लिया। कोर्ट की ओर से याचिका मंजूर किए जाने के बाद हिंदू पक्षकार की ओर से सर्वे से संबंधित दावेदारी की गई है। ज्ञानवापी कैंपस की एएसआई जांच को मंजूरी दिए जाने की बात कही है। हिंदू पक्षकार की ओर से दी गई याचिका को स्वीकार करते हुए वाराणसी जिला कोर्ट ने 22 मई को अगली सुनवाई का आदेश दिया है। 

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि हिन्दूपक्ष ने सम्पूर्ण ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक जांच हेतु एक अलग याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने इस मामले में मुस्लिम पक्ष को 19 मई तक आपत्ति दर्ज करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी। हिन्दू पक्ष काशी विश्वनाथ मंदिर के ध्वंस होने के बाद, बचे हुए तीनों भव्य शिखर की जीपीआर पद्धति से पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से जांच की मांग कर रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने छह याचिकाकर्ताओं की तरफ से सर्वे की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि सनातन हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले सभी लोग यह चाहते हैं कि हमारे आराध्य आदि विश्वेश्वर से जुड़ा ज्ञानवापी का सच सामने आए। सबको यह मालूम होना चाहिए कि ज्ञानवापी में आदि विश्वेश्वर का मंदिर कब बना था? उन्होंने कहा कि इसके लिए अब हम लोगों ने अदालत से पूरे विवादित स्थल की कार्बन डेटिंग और ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सर्वे कराने की मांग की है। अधिवक्ता ने कहा कि अनादि काल से हमारी आस्था के केंद्र रहे हमारे धर्मस्थलों को विदेशी आक्रांताओं ने तलवार के बल पर उजाड़ा था।

वहीं, मुस्लिम पक्षकारों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। मुस्लिम पक्षकारों की ओर से 19 मई को याचिका दायर की जाएगी। इसमें एएसआई सर्वे का विरोध किए जाने की बात कही गई।मुस्लिम पक्ष के वकील ने इस याचिका को बेवजह देरी करने की कोशिश बताया है। ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील मोहम्मद तौहीद खान ने कहा कि सारे परिसर की ASI की रिपोर्ट मांगने के पीछे, केस को विलंबित करने का मकसद है। जब सभी चीजों के पुराने सबूत उपलब्ध हैं तो उसकी जांच की क्या आवश्यकता है?

हेमकुंड साहिब की यात्रा को लेकर तैयारियां जोरों पर, 60 मीटर तक बर्फ के बीच से होकर गुजरेंगे तीर्थयात्री, 20 मई को खुलेंगे कपाट

20 मई से शुरू होने जा रही हेमकुंड साहिब की यात्रा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। गोविंदघाट और घांघरिया गुरुद्वारे में रंग-रोगन का काम पूरा हो गया है। तो दूसरी ओर अटलाकुड़ी से हेमकुंड साहिब तक सेना के 40 जवान, 40 सेवादार और 34 मजदूर आस्था पथ से बर्फ हटाने में जुटे हैं।

हेमकुंड साहिब के ग्लेशियर प्वाइंट पर अभी करीब 6 फीट तक बर्फ जमी है जिसे देखते हुए यहां करीब 60 मीटर तक बर्फ के बीचोंबीच आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं। हेमकुंड साहिब में गुरुद्वारे के मुख्य द्वार पर भी करीब चार फीट बर्फ है।

इस बर्फ को हटाने में 40 सेवादार लगे हैं। गोविंदघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवासिंह ने बताया कि हेमकुंड साहिब को चार क्विंटल गेंदे के फूल और गुलाब की पत्तियों से सजाया जाएगा। गोविंदघाट और घांघरिया में सजावट का काम अंतिम चरण में है।

आस्था पथ पर भारी बर्फ जमी होने के कारण घांघरिया से हेमकुंड साहिब (6 किमी) तक घोडे़-खच्चरों की आवाजाही भी बर्फ पिघलने तक प्रतिबंधित रहेगी। गुरुद्वारा प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि गोविंदघाट से दोपहर दो बजे बाद किसी भी तीर्थयात्री को घांघरिया नहीं भेजा जाएगा जबकि घांघरिया से सुबह 10 बजे के बाद तींर्थयात्री हेमकुंड साहिब नहीं भेजे जाएंगे।

गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने कहा कि हेमकुंड की तीर्थयात्रा के लिए पंजीकरण कराना जरूरी है। बीमार या सांस से संबंधित बीमारी वाले तीर्थयात्रियों के साथ ही बच्चों को यात्रा पर आने की मनाही है।

जून के बाद बर्फ पिघल जाने पर ही इन्हें यात्रा पर आने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक आस्था पथ से बर्फ पिघल कर स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक तीर्थयात्रा भी सीमित रखी जाएगी।

इस साल थोड़ी देरी से आएगा मॉनसून, 5 जून को देगा केरल में दस्तक

#monsoon_may_be_delayed_by_5_june_says_imd

देश इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। लगातार पारा चढ़ रहा है। ऐसे में लोग बारिश का इंतजार कर रहे है। ऐसे में, मौसम विभाग का ताजा अनुमान लोगों की पेरशानी बढ़ाने वाला है। दरअसल, मॉनसून 2023 को लेकर भारतीय मौसम विभाग ने नया अपडेट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक, देश में मॉनसून की एंट्री में देरी हो सकती है। आमतौर पर 1 जून तक केरल में मॉनसून की एंट्री होती है।लेकिन, इस बार ये 4 जून तक दस्तक देगा।

केरल में मानसून की शुरुआत देश में मानसून (बारिश के मौसम) की आधिकारिक शुरुआत मानी जाती है। भारतीय मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत में होगा थोड़ा विलंब होगा। इसके चार जून को दस्तक देने की संभावना है।पिछले साल यानी पिछले साल मानसून 29 मई को केरल पहुंचा था। वहीं इससे पहले ये 1 जून को पहुंचा था।

इस साल मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने अपने पहले अनुमान में बताया था कि इस साल देश में सामान्य मॉनसून रह सकता है।। साल भर औसत 96% बारिश होने का अनुमान है।हालांकि, सामान्य और सामान्य से ज्यादा मॉनसून होने की 67% संभावना है। मतलब अगर आने वाले दिनों में मॉनसून की स्थिति बदलती है तो मॉनसून को लेकर बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

त्रयंबकेश्वर मंदिर में जबरन घुसे 4 युवक? फडणवीस ने दिया SIT जांच का आदेश, जानें पूरा मामला

#maharashtragovtsetsupsitforprobeoftrimbakeshwartempleinsult_case 

महाराष्ट्र के नासिक के प्रसिद्ध त्रयंबकेश्वर मंदिर में खास समुदाय के लोगों के जबरन घुसने के मामले में राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है। बता दें कि महाराष्ट्र के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में बीते साल की तरह इस साल भी दूसरे समुदाय के युवकों के जबरन घुसने का मामला सामने आया है। दो दिन पहले की इस तरह का वीडियो वायरल होन के बाद महाराष्ट्र सरकार एक्शन में आ गई है।

फडणवीस के आदेश पर एसआईटी का गठन

महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर एसआईटी का गठन किया जा रहा है। एसआईटी का गठन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में किया जाएगा। यह एसआईटी सिर्फ इसी साल मंदिर में हुई घटना की जांच ही नहीं करेगी, पिछले साल हुई घटना की जांच भी करेगी।

मंदिर प्रशासन ने कहा- साजिश के तहत किया जा रहा ऐसा

मंदिर प्रशासन का कहना है कि बार-बार इस तरह की कार्रवाई साजिश के तहत की जा रही है। मंदिर प्रशासन की ओर से उत्तरी प्रवेश द्वार पर लिखित सूचना के बावजूद जबर्दस्ती दूसरे धर्म के लोग मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। मंदिर के पुजारियों की ओर से संदिग्धों पर कठोर कार्रवाई की मांग के बाद एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और उन पर कठोर कार्रवाई करने का आदेश गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दे दिया है।

क्या है मामला

बीते शनिवार को महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में दूसरे धर्म के लोगों के एक समूह ने मंदिर में जबरन घुसने की कोशिश की थी। हालांकि मंदिर के सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी से वह सफल नहीं हो सके थे। बता दें कि मंदिर प्रबंधन समिति के निर्देश हैं कि मंदिर में हिंदुओं के अलावा किसी अन्य धर्म के लोग नहीं आ सकते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और करोड़ों लोगों की इस मंदिर में आस्था है। घटना के बाद मंदिर समिति ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए थे।

त्रयंबकेश्वर मंदिर में जबरन घुसे 4 युवक? फडणवीस ने दिया SIT जांच का आदेश, जानें पूरा मामला

#maharashtragovtsetsupsitforprobeoftrimbakeshwartempleinsult_case

महाराष्ट्र के नासिक के प्रसिद्ध त्रयंबकेश्वर मंदिर में खास समुदाय के लोगों के जबरन घुसने के मामले में राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है। बता दें कि महाराष्ट्र के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में बीते साल की तरह इस साल भी दूसरे समुदाय के युवकों के जबरन घुसने का मामला सामने आया है। दो दिन पहले की इस तरह का वीडियो वायरल होन के बाद महाराष्ट्र सरकार एक्शन में आ गई है।

फडणवीस के आदेश पर एसआईटी का गठन

महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर एसआईटी का गठन किया जा रहा है। एसआईटी का गठन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में किया जाएगा। यह एसआईटी सिर्फ इसी साल मंदिर में हुई घटना की जांच ही नहीं करेगी, पिछले साल हुई घटना की जांच भी करेगी।

मंदिर प्रशासन ने कहा- साजिश के तहत किया जा रहा ऐसा

मंदिर प्रशासन का कहना है कि बार-बार इस तरह की कार्रवाई साजिश के तहत की जा रही है। मंदिर प्रशासन की ओर से उत्तरी प्रवेश द्वार पर लिखित सूचना के बावजूद जबर्दस्ती दूसरे धर्म के लोग मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। मंदिर के पुजारियों की ओर से संदिग्धों पर कठोर कार्रवाई की मांग के बाद एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और उन पर कठोर कार्रवाई करने का आदेश गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दे दिया है।

क्या है मामला

बीते शनिवार को महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में दूसरे धर्म के लोगों के एक समूह ने मंदिर में जबरन घुसने की कोशिश की थी। हालांकि मंदिर के सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी से वह सफल नहीं हो सके थे। बता दें कि मंदिर प्रबंधन समिति के निर्देश हैं कि मंदिर में हिंदुओं के अलावा किसी अन्य धर्म के लोग नहीं आ सकते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और करोड़ों लोगों की इस मंदिर में आस्था है। घटना के बाद मंदिर समिति ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए थे।

त्रयंबकेश्वर मंदिर में जबरन घुसे 4 युवक? फडणवीस ने दिया SIT जांच का आदेश, जानें पूरा मामला

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महाराष्ट्र के नासिक के प्रसिद्ध त्रयंबकेश्वर मंदिर में खास समुदाय के लोगों के जबरन घुसने के मामले में राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है। बता दें कि महाराष्ट्र के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में बीते साल की तरह इस साल भी दूसरे समुदाय के युवकों के जबरन घुसने का मामला सामने आया है। दो दिन पहले की इस तरह का वीडियो वायरल होन के बाद महाराष्ट्र सरकार एक्शन में आ गई है।

फडणवीस के आदेश पर एसआईटी का गठन

महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर एसआईटी का गठन किया जा रहा है। एसआईटी का गठन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में किया जाएगा। यह एसआईटी सिर्फ इसी साल मंदिर में हुई घटना की जांच ही नहीं करेगी, पिछले साल हुई घटना की जांच भी करेगी।

मंदिर प्रशासन ने कहा- साजिश के तहत किया जा रहा ऐसा

मंदिर प्रशासन का कहना है कि बार-बार इस तरह की कार्रवाई साजिश के तहत की जा रही है। मंदिर प्रशासन की ओर से उत्तरी प्रवेश द्वार पर लिखित सूचना के बावजूद जबर्दस्ती दूसरे धर्म के लोग मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। मंदिर के पुजारियों की ओर से संदिग्धों पर कठोर कार्रवाई की मांग के बाद एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और उन पर कठोर कार्रवाई करने का आदेश गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दे दिया है।

क्या है मामला

बीते शनिवार को महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में दूसरे धर्म के लोगों के एक समूह ने मंदिर में जबरन घुसने की कोशिश की थी। हालांकि मंदिर के सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी से वह सफल नहीं हो सके थे। बता दें कि मंदिर प्रबंधन समिति के निर्देश हैं कि मंदिर में हिंदुओं के अलावा किसी अन्य धर्म के लोग नहीं आ सकते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और करोड़ों लोगों की इस मंदिर में आस्था है। घटना के बाद मंदिर समिति ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए थे।

भारत में अफगान दूतावास में तालिबानी राजनयिक की नियुक्ति पर विवाद, जानें क्या है पूरा मामला

#powerstruggleatafghanembassy 

भारत में अफगानिस्तान के राजदूत और राजनयिक मिशन को लेकर घमासान मचा हुआ है।दिल्ली स्थित अफगानिस्तान दूतावास में राजदूत कौन होगा इसको लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। तालिबान की ओर से पहली बार भारत में अफगानिस्तान दूतावास के लिए राजदूत की नियुक्ति की गई।तालिबान के एक टॉप लीडर की ओर से कहा गया कि कादिर शाह अगले राजदूत होंगे।वहीं भारत में मौजूद अफगान दूतावास ने इन खबरों को भ्रामक और तालिबान निजाम का प्रतिनिधि बताने वाले को ही गलत करार दिया है।

दूतावास ने बयान जारी कर दी सफाई

भारत में अफगानिस्तानी दूतावास के मौजूदा प्रमुख फरीद मामुंदजई की जगह तालिबान द्वारा नया प्रभारी नियुक्त किए जाने की खबरों के बीच वहां के दूतावास ने स्पष्ट किया है कि मिशन के नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं हुआ है।नई दिल्ली स्थित अफगान दूतावास ने एक पत्र जारी कर कहा है कि खुद को कथित तौर पर मिशन प्रमुख और तालिबान निजाम के प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्ति की खबर गलत है।मामुंदजई के नेतृत्व वाले दूतावास ने एक बयान में कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक आफ अफगानिस्तान का दूतावास तालिबान के इशारे पर नई दिल्ली में मिशन की कमान संभालने के संबंध में एक व्यक्ति के दावों को सिरे से खारिज करता है। साथ ही यह भी दावा किया गया कि खुद को काबुल से नियुक्त चार्ज दी अफेयर्स बताने वाला व्यक्ति दूतावास में भ्रष्टाचार की गलत खबरें फैला रहा है।

दूतावास ने कहा- काबुल में तालिबान शासन को मान्यता नहीं देता

बयान में कहा गया है, दूतावास अफगान लोगों के हितों का समर्थन करने के लिए भारत सरकार के रुख की सराहना करता है। साथ ही काबुल में तालिबान शासन को मान्यता नहीं देता है, जैसा कि दुनियाभर की लोकतांत्रिक सरकारों के साथ होता रहा है।

कादिर शाह तालिबान के प्रतिनिधि घोषित 

बताया जा रहा है कि नई नियुक्ति के तौर पर काबुल से किसी को नहीं भेजा गया है। बल्कि अफगान दूतावास में पहले से काम कर रहे मुहम्मद कादिर शाह नाम के राजनयिक को ही तालिबान का प्रतिनिधि घोषित किया गया है। वर्ष 2020 से अफगान दूतावास में ट्रेड काउंसलर के रूप में काम कर रहे कादिर शाह ने पिछले महीने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर दावा किया था कि उन्हें तालिबान द्वारा दूतावास प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है। 

हालांकि, भारत ने अभी तक तालिबान के गठन को मान्यता नहीं दी है। भारत काबुल में समावेशी सरकार बनाने की वकालत करता रहा है और इस बात पर जोर देता रहा है कि अफगान धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

धूल की चादर में लिपटा दिल्ली-एनसीआर, पारा पहुंचा 40 के पार, मौसम विभाग ने कहा-अगले तीन दिन तक रहेंगे ऐसे ही हालात

#dust_cover_has_enveloped_many_areas_of_delhi_ncr 

दिल्ली- एनसीआर में सुबह से ही हवा में धूल है और धूल की चादर के चलते विजिबिलिटी भी काफी कम हो गई है। मौसम विभाग के मुताबिक- अगले तीन दिन दिल्ली एनसीआर, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यही हालात रहेंगे।दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में सुबह से धूल की चादर छाई हुई है। कल रात से ही तेज हवाएं चल रही हैं। जिसके चलते आसमान में धूल की चादर देखी जा रही है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी)की मानें तो आज से (16 मई से) अगले दो दिनों में दिल्ली में धूल भरी आंधी चलने के साथ हल्की बारिश भी हो सकती है।तीन दिन तक हवा में धूल रहेगी। ये धूल भरी आंधियां राजस्थान की ओर से आ रही हैं। बता दें कि दिल्ली में आज सुबह तेज हवा चली, जिससे धूल उड़ी और वायु की गुणवत्ता पर काफी असर पड़ा और इसके साथ दृश्यता घटकर 1,000 मीटर तक रह गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने यह जानकारी दी। मौसम विज्ञानियों ने धूल उड़ने के पीछे पिछले पांच दिन से उत्तरपश्चिम भारत में भीषण गर्मी, बारिश न होने के कारण सूखी मिट्टी और आधी रात से ही तेज हवा के संयोजन को जिम्मेदार ठहराया।

वहीं, मौसम विभाग ने मंगलवार को हल्की बूंदाबांदी की संभावना जताई है। हालांकि, बारिश होने के बावजूद भी दिल्ली वासियों को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री व न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। साथ ही 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। वहीं, बुधवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ ही हल्की बारिश की संभावना है। अधिकतम तापमान 42 डिग्री दर्ज किया जा सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार को नजफगढ़ इलाका सबसे अधिक गर्म दर्ज किया गया, जहां अधिकतम तापमान 43.9 डिग्री तो न्यूनतम तापमान 26.7 डिग्री रहा। वहीं, नरेला इलाका का अधिकतम तापमान 42.3 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।