हाईकोर्ट में मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल अंधापन कांड की हुई सुनवाई, कोर्ट ने दिया यह आदेश
मुजफ्फरपुर : जिले के आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान हुए अंधेपन के शिकार मरीजों को राहत दिलवाने हेतु बिहार सिविल सोसायटी द्वारा पटना स्थित उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका की सुनवाई आज मुख्य न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन एवं न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ में हुई।
बिहार सिविल सोसाइटी के अध्यक्ष आचार्य चंद्र किशोर पाराशर; मुकेश कुमार और संत कुमार द्वारा संयुक्त रूप से दायर जनहित याचिका में याचिकाकर्ताओं के पक्ष को रखते हुए उनके अधिवक्ता विजय कुमार सिन्हा ने न्याय पीठ से निवेदन किया कि मोतियाबिंद ऑपरेशन के उपरांत संक्रमण से क्षतिग्रस्त होने के कारण कुल 32 मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी थी। परंतु पूर्व में न्याय पीठ के आदेश से केवल 19 मरीजों को ही राज्य सरकार द्वारा एक-एक लाख रुपए की राहत राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी गई है और शेष 13 मरीज आज भी मुआवजा से वंचित हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के पक्ष को खंडपीठ ने गंभीरता से लेते हुए आदेश किया कि मुआवजा से वंचित 13 मरीजों की सूची न्यायालय में प्रस्तुत की जाए, जिस पर विचार कर उन्हें भी मुआवजा दिए जाने के संदर्भ में निर्णय दिया जायेगा।
यहां यह उल्लेखनीय है कि उक्त जनहित याचिका के संदर्भ में विगत 4 मई को खंडपीठ ने लंबे समय से चल रही सुनवाई को पूरा मानते हुए अंतिम आदेश को सुरक्षित रखा था।
परंतु याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिन्हा द्वारा यह प्रार्थना पत्र दिए जाने पर की मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा बरती गई अनियमितता और हॉस्पिटल को गैरकानूनी ढंग से मानकों के विरुद्ध संचालित करने के कारण अंधेपन के शिकार हुए 13 अन्य मोतियाबिंद के मरीजों को अब तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। अतः उनके पक्ष में भी सुनवाई की जाए।
जिस पर खंडपीठ द्वारा विचार करते हुए आज पुनः सुनवाई प्रारंभिक की गई ।
उक्त जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता आचार्य चंद्र किशोर पाराशर ने बताया कि याचिका पर अगली सुनवाई 28 जुलाई 2023 को होगी और इस बीच मुआवजा राशि से वंचित मरीजों का नाम-पता एवं प्रामाणिक दस्तावेज वे अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्याय पीठ को उपलब्ध करवाएंगे।
मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी
May 16 2023, 17:47