पुरानी प्रथा को यादगार बनाते हुए नीमडीह प्रखंड के घुटियाडीह के ग्राम प्रधान दीपक महतो के बेटे ने की शादी
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के नीमडीह प्रखंड के घुटियाडीह के ग्राम प्रधान दीपक महतो के बेटे जयंत अपनी शादी पर कुछ अलग करने की चाहत पाल रखा था जिसे उन्होंने पूरा किया।
जयंत के पिता ने अपने एकमात्र बेटे की शादी नीमडीह प्रखंड के नीमडीह गांव के रहने वाले शंकर महतो की बेटी मोनिका के साथ तय कर दिया। विगत दिन शादी करने के लिए जयंत ने परंपरागत तरीका को अपनाया जहा। डौली पालकी ,घोड़ा गाड़ी ,हाथी के बाद दूल्हा गाड़ी के लिए बैलगाड़ी को चुना ।
आकर्षक रूप से सजे बैलगाड़ी में उन्होंने बारात निकाला और करीब चार किलोमीटर की दूरी तय कर दूल्हन के घर पहुंचे और कुड़माली रीति-रिवाज से शादी की।
और उन्होंने अपने पुराने परम्परा को जीवित रखने का संदेश दिया।
उन्होंने कहा पुराने जमाने में लोग बैलगाड़ी डौली पालकी से ही बारात जाते थे । उस जमाने में राजा-महाराजा पालकी ,हाथी ,घोड़ा , पर बारात जाते थे ।
वर्तमान समय में भी लोगों को ऐसा ही करना चाहिए इससे ना केवल प्रकृति का संरक्षण होगा बल्कि अपनी परंपरा बची रहेगी पेट्रोल-डीजल की बचत होगी और बेवजह की फिजूलखर्च बंद होंगे. कुछ दूर बारात निकालने के लिए लोग लाखों रुपये खर्च कर देते हैं ।
वहीं आधुनिकता के दौर में लोग अपनी परंपरा को भुलते जा रहे हैं ।उन्होंने अपनी परंपरा का संरक्षण वाले कई स्लोगन लिखे पोस्टर दूल्हा बैलगाड़ी के चारों ओर चिपकाया ।कुछ इस तरह।रह जहां दुल्हा धोती कुर्ता पायजामा पहनते है।उसके कागज।दुल्हा।नए दौर।पर।रहा।गया।पुराना रीती रिवाज अपनाया परंतु परिधान नए युग का रहा।गया ।बदले सब कुछ पर नए रंग में स्की गया ।
May 14 2023, 20:14