तपोबन के सहस्त्र बुद्ध एवं अन्य प्राचीन मूर्तियाँ गया संंग्रहालय में रखी जायेगी
गया। जिलाधिकारी त्यागराजन ने नीमचक बथानी के अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को निदेशित किया है कि मोहड़ा प्रखंड के तपोबन स्थित बुद्ध पार्क के निकट बिखरे हुए देवी देवताओं की प्राचीन मूर्तियों को गया संंग्रहालय मे रखवाया जाय।
इसके लिए गया संग्रहालय के संग्रहालयाध्यक्ष से समन्वय स्थापित करने का भी निदेश दिया गया है।आदेश की प्रतिलिपि संग्रहालयाध्यक्ष के साथ ही अतरी थाना तथा मोहड़ा थाना के अलावा स्थानीय मुखिया, पंचायत सेवक एवं संबंधित राजस्व कर्मचारी को भी भेजी गई है। इस संबंध मे गया संग्रहालय के अध्यक्ष डा शिव कुमार मिश्र द्वारा जिलाधिकारी, गया से 11 अप्रैल 2023 को एक पत्र भेज कर आग्रह किया गया था कि तपोवन मे अनेक दुर्लभ प्रतिमाएं बिखरी पड़ी हुई हैं।
स्थानीय लोगों तथा पंडा मनोज पांडे का कहना है कि पहले यहां बहुत मूर्तियाँ बिखरी हुई थी जो धीरे धीरे गायब कर दी गई। जिसके कारण इन धरोहरों से सदा के लिए हम वंचित हो गये। स्थानीय पुलिस प्रशासन की उदासीनता के चलते धीरे धीरे हमारे धरोहर गायब हो गए। पिछले 10 अप्रैल को संग्रहालयाध्यक्ष द्वारा सूर्य की एक भग्न मूर्ति को संग्रहालय लाकर रखा गया था।यह मूर्ति कुषाण कालीन है जो बिहार की सबसे पुरानी स्वतंत्र सूर्य प्रतिमा है। यहां सूर्य के अलावा सहस्त्र बुद्ध, विष्णु, सिंहवाहिनी दुर्गा, गणेश, उमा महेश्वर आदि की भग्न प्रतिमाएं अभी भी बची हुई है।भग्न प्रतिमाओं का पूजन निषेध है तथा अनिष्टकारी होता है।डा मिश्र ने बताया कि इन्डियन ट्रेजर ट्रोव एक्ट 1878 के प्रावधानों के अनुसार क्षेत्र में बिखरे हुए पुरावशेषों को सुरक्षित सरकारी संग्रहालय में रखवाने का दायित्व जिलाधिकारी पर है।
बिहार पुलिस मैनुअल 1978 के अनुसार स्थानीय पुलिस का भी यही दायित्व है। स्थानीय निकायों पर भी ऐसी ही जिम्मेवारी है। संग्रहालयाध्यक्ष को स्थानीय प्रशासन से सहयोग की अपेक्षा रहती है। इसी उद्देश्य से ऐसा पत्र भेजा गया था। संग्रहालयाध्यक्ष के अनुसार गया के जिलाधिकारी के ऐसे आदेश से धरोहरों के संरक्षण के प्रति राज्य के अन्य जिलाधिकारियों को भी प्रेरणा मिलेगी और धरोहरों के संरक्षण की दिशा में यह मील का पत्थर साबित हो सकता है।
May 07 2023, 11:06