भगवान बुद्ध के जीवन पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन
गोरखपुर। राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भगवान बुद्ध के जीवन पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन शुक्रवार को संग्रहालय के प्रदर्शनी हाल में किया गया। उक्त प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री सुभाष चैधरी पूर्व उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त, पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर ने फीता काटकर दीपप्रज्ज्वलन के साथ किया।
प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि श्री सुभाष चैधरी ने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा प्रत्येक वैशाख पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। भगवान बुद्ध के जीवन की सभी महत्वपूर्ण घटनाएं यथा लुंबिनी में उनका जन्म, बुद्धगया में उनको ज्ञान प्राप्ति और कुशीनगर में महापरिनिर्वाण की घटना इसी दिन हुई थी।
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर संग्रहालय द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी में लगे चित्र भगवान बुद्ध के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का ऐतिहासिक साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं। राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर के उप निदेशक ने इस प्रदर्शनी में अनेक दुर्लभ चित्रों को न केवल संजोया है, बल्कि उन्हें क्रमबद्ध ढंग से प्रदर्शित कर कला मर्मज्ञों, शोध छात्रों एवं जनसामान्य को अपने धरोहर के संरक्षण के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया है।
प्रदर्शनी में तृतीय शती ई0पू0 से लेकर 19वीं शती ई0 के मध्य बने विभिन्न मुद्राओं में बुद्ध, बोधिसत्व एवं बौद्ध चिन्ह एवं भगवान बुद्ध के जीवन सम्बन्धी छायाचित्र विशेष आकर्षण के केन्द्र है।
हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि भगवान बुद्ध के जीवन पर आधारित इस प्रदर्शनी से कलामर्मज्ञों एवं सामान्यजन को बहुत कुछ सीखने एवं देखने का सौभाग्य प्राप्त होगा। यहाॅं प्रदर्शित कुशीनगर, कौशाम्बी, सारनाथ, अमरावती, गांधार एवं मथुरा के अतिरिक्त विश्व के अन्य देशों की बौद्ध धर्म से सम्बन्धित कलाकृतियों के छायाचित्रों में शिल्प वैविध्य एवं सौन्दर्य का अद्भुत संगम है। मुख्य अतिथि ने यह भी कहा कि प्रदर्शित छायाचित्रों को देखकर हम कह सकते हैं कि भगवान बुद्ध का धम्म विश्व शांति के लिए वर्तमान परिवेश में अत्यन्त प्रासंगिक है।
संग्रहालय के उप निदेशक डाॅ0 मनोज कुमार गौतम ने कहा कि आज जहाॅं पूरा विश्व आतंकवाद एवं अराजकता से जूझ रहा है, वहीं शांति एवं सौहार्द बढ़ाने की दिशा में भगवान बुद्ध द्वारा प्रतिपादित धम्म के योगदान को किसी भी दशा में नकारा नहीं जा सकता।
उन्होंने यह भी कहा कि भगवान बुद्ध के बताये मार्गों पर चलने की आवश्यकता है और उसे जीवन में आत्मसात करने की कोशिश करनी चाहिए। भगवान बुद्ध के बगैर पूरे विश्व में शांति की परिकल्पना कर पाना संभव नहीं है।
अन्त में उन्होंने संग्रहालय पधारे सम्मानित अतिथियों सहित पत्रकार बन्धुओं का हार्दिक आभार प्रकट किया। उक्त अवसर पर सर्वश्री परमहंस यादव, ई0 मिन्नत गोरखपुरी, रीता श्रीवास्तव, डाॅ0 रेखारानी शर्मा, डाॅ0 राकेश, डाॅ0 आशीष श्रीवास्तव, डाॅ0 ओमप्रकाश मणि त्रिपाठी, डाॅ0 सरिता सिंह, कल्पनाथ, रामनरेश , दीनबन्धु, किशलय त्रिपाठी रहे।
जितेन्द्र मिश्रा, शिवरतन यादव, अरूण कुमार, विरेन्द्र सिंह, भालचन्द्र मिश्रा, अभिज्ञा शर्मा, आसिया गोरखपुरी, अमृता मेहरोत्रा, राजेश कुमार, राजेन्द्र प्रसाद, इन्द्रेश यादव, शिव सरोज शंकर, अतुल यादव, हरेन्द्र कुमार, अमरनाथ श्रीवास्तव, रंजना सिन्हा, प्रियंका त्रिपाठी एवं अंजली आदि गणमान्य जन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
May 06 2023, 21:52