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जाति की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, कल गुरुवार को आ सकता है फैसला

डेस्क : बिहार सरकार द्वारा राज्य में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पटना हाइकोर्ट में चल रही सुनवाई आज पूरी हो गई। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका पर फैसला गुरुवार तक के लिए टाल दिया है। ऐसी संभावना है कि कल गुरुवार को इसपर फैसला आ सकता है। 

बता दें कि अखिलेश कुमार व अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये जानना चाहा कि जातियों के आधार पर गणना व आर्थिक सर्वेक्षण कराना क्या कानूनी बाध्यता है। कोर्ट ने ये भी पूछा है कि ये अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में है या नहीं।साथ ही ये भी जानना कि इससे निजता का उल्लंघन होगा क्या।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है जो राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के बाहर है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि ये संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है।

उन्होंने कहा कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है। ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है। उन्होंने बताया कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पाँच सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही है।  दूसरी तरफ राज्य सरकार राज्य सरकार का कहना कि जन कल्याण की योजनाएं बनाने और सामाजिक स्तर सुधारने के लिए ये सर्वेक्षण किया कराया जा रहा है।

 

कोर्ट इस मामलें पर कल 4 मई,2023 को अंतरिम आदेश पारित करेगा। इसमें याचिकाकर्ताओं की ओर से दीनू कुमार व ऋतु राज, अभिनव श्रीवास्तव ने और राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पी के शाही कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया।

वाहन चलाते समय रहिए सावधान : यातायात नियमों का उल्लंघन किया तो स्वत: कट जाएगा ई-चालन

डेस्क : राजधानी पटना समेत प्रदेश के इन शहरवासियों के लिए जरुरी खबर है। अब उन्हें वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतनी होगी। अगर यातायात नियमों का उल्लंघन किया तो स्वत ई-चालन कट जाएगा और एसएमएस के माध्यम से वाहन मालिक को इसकी जानकारी चली जाएगी। 

पटना के बाद अब यह व्यवस्था बिहारशरीफ, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में लागू होगी, जिसकी तैयारी चल रही है। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के मकसद से इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से ऑटोमेटिक ई चालान की व्यवस्था शुरू की गई है।

राज्य परिवहन आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने मंगलवार को बताया कि पटना नगर निगम में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से यातायात उल्लंघनकर्ताओं के विरुद्ध चालान निर्गत करने के लिए इंटिग्रेशन का कार्य किया गया है। इसके माध्यम से पटना में ऑटोमेटिक चालान निर्गत करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। बहुत जल्द बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी, मुज़फ़्फरपुर स्मार्ट सिटी एवं भागलपुर स्मार्ट सिटी में भी कमांड एंड कंटोल सेंटर के माध्यम से ई चालान शुरू करने की योजना है। 

उन्होंने बताया कि पटना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंटोल सेंटर के माध्यम से 20 मार्च से लेकर अब तक 487 उल्लंघनकर्ताओं का ई चालान काटा गया है। इसके लिए राजधानी के विभिन्न 30 मुख्य जगहों पर रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन सिस्टम, 25 जगहों पर एएनपीआर कैमरा और 12 जगहों पर स्पीड वॉयलेशन डिटेक्शन सिस्टम लगाए गए हैं। यातायात पुलिस की हुई प्रतिनियुक्ति भी की गई है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को खुले तौर पर पेश किया सीएम पद का उम्मीदवार, लगवाये यह नारा

डेस्क : बिहार की राजनीति में लंबे समय तक सत्ता में होने के बावजूद यह कहा जाता है कि अगर प्रदेश में बीजेपी की अकेली सरकार बनती है तो सीएम कौन होगा। वहीं यह भी चर्चा होती रहती है कि बीजेपी के पास बिहार में सीएम पद का कोई चेहरा नहीं है। लेकिन अब लगता है कि बीजेपी को बिहार में सीएम पद के लिए चेहरा मिल गया है।  

बीजेपी के फायर ब्रांड नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी को खुले तौर पार्टी के सीएम उम्मीदवार के तौर पर पेश कर दिया। उनकी राय रही कि सम्राट चौधरी प्रदेश का मुख्यमंत्री बनें। उन्होंने लोगों से बिहार का मुख्यमंत्री कैसा हो, सम्राट चौधरी जैसा हो के नारे भी लगवाये। यह सब सम्राट चौधरी की मौजूदगी में हुआ। 

दरअसल प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद बीते मंगलवार को सम्राट चौधरी पहली दफा बेगूसराय पहुंचे हुए थे। दिनकर भवन में उनके स्वागत में आयोजित समारोह में गिरिराज ने कहा कि बिहार में परिवर्तन की लड़ाई है। बिहार में योगी जैसा मुख्यमंत्री चाहिए। बिहार सरकार तुष्टीकरण की नीति पर काम करती है। उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जब मंदिर से लाउडस्पीकर हटता है तो मस्जिद से भी हटता है। बिहार में भी ऐसी ही सरकार चाहिए।

उन्होंने कहा कि रामनवमी जुलूस में हिंसा में जानबूझकर भाजपा से जुड़े लोगों को फंसाया जा रहा है। वहीं, सम्राट चौधरी ने कहा कि जदयू सिद्धांतविहीन पार्टी है। 2025 के चुनाव में वह शून्य पर आउट होगी।

राजद नेता ने ब्राह्मणों को बताया विदेशी, जदयू ने कड़ी आपत्ति जताते हुए माफी मांगने को कहा

डेस्क : सत्ता में वापसी के बाद से राजद नेताओं की तल्ख और बेतुकी बयानबाजी से प्रदेश की सियासत गरम है। सत्ताधारी जदयू की ओर से बार-बार सहयोगी राजद से यहा कहा जा रहा है उनके नेता बेतुकी और गलत बयानबाजी नहीं करें, लेकिन राजद नेता बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे। पहले राजद कोटे से शिक्षा मंत्री प्रो. चन्द्रशेखर ने रामचरित मानस पर विवादित बयान देकर बवाल मचा दिया था। अब राजद के पूर्व विधायक ब्राह्मणों को बाहरी बता दिया है। आरजेडी नेता के विवादित बयान पर जेडीयू ने कड़ी आपत्ति जताई है और माफी मांगने को कह दिया है।

राजद के पूर्व विधायक यदुवंश कुमार यादव ने कहा है कि भारत के ब्राह्मण समाज के लोग भारतीय नहीं हैं, बल्कि रूस और अन्य देश के रहने वाले हैं और भारत में आकर बस गए हैं। उन्होंने यहां तक दावा किया है कि डीएनए जांच से इसका खुलासा हुआ है कि सभी रूस और दूसरे देशों से आए है। इनके आतंक के चलते वहां से इन्हें भगाया गया था। जिसके बाद ये सभी भारत आ गए। आरजेडी नेता के इस बयान पर जेडीयू ने कड़ी आपत्ति जताई है।

जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि ऐसे घटिया बयान देने वालों पर आरजेडी को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आरजेडी के नेता मीडिया में बने रहने के लिए इस तरह की बयानबाजी करते हैं। ऐसे नेता महागठबंधन की छवि को धूमिल कर रहे हैं, आरजेडी इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।

बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब राजद के किसी नेता के द्वारा ऐसा विवादित बयान दिया गया है और जदयू की ओर से आपत्ति जताई गई है। इससे पहले राजद विधायक व पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह द्वारा कई बार सीएम नीतीश कुमार और अपनी ही सरकार के खिलाफ बयानबाजी की गई। वहीं शिक्षा मंत्री प्रो. चन्द्रशेखर द्वारा रामचरित मानस पर और मंत्री सुरेन्द्र यादव द्वारा सेना के खिलाफ बयानबाजी की गई थी। जिसपर जदयू की ओर से आपत्ति जताई गई थी। लेकिन उनपर अबतक राजद की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

बिहार कैबिनेट का बड़ा फैसला : प्रदेश के इन दो शहरो में 15 साल पुरानी व्यवसायिक वाहन के परिचालन पर प्रतिबंध, 1.78 लाख शिक्षकों की होगी बहाली

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में चल रही कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। इस बैठक में 18 महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगी है। कैबिनेट की बैठक में आज बड़ा फैसला लेते हुए गया और मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र में 15 साल पुरानी कॉमर्शियल गाड़ियों के परिचालन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। परिवहन विभाग के प्रस्ताव पर आज कैबिनेट ने मुहर लगा दी। बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। 1 अक्टूबर 2023 से इन दोनों नगर निगम क्षेत्र में पंद्रह साल पुरानी व्यवसायिक गाड़ियां भी नहीं चलेंगी। इसके साथ ही गया और मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र में सभी प्रकार के डीजल चालित तिपहिया वाहनों के परिचालन पर 30 सितंबर 2023 से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यानि अब पटना के साथ-साथ गया और मुजफ्फरपुर भी होगा। तिपहिया मालवाहक वाहनों के लिए अनुदान का प्रावधान किया गया है।

सरकार ने बिहार में 1 लाख 78 हजार से अधिक शिक्षकों की बहाली का फैसला लिया है। कैबिनेट ने शिक्षक नियमावली 2023 पर अपनी मुहर लगा दी है। इसके बाद बीपीएससी के माध्यम से बिहार में शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ हो गया है। कैबिनेट ने नई शिक्षक बहाली नियमावली पर मुहर लगाते हुए बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद का सृजन कर दिया है।

बिहार सरकार की नई शिक्षक बहाली नियमावली के तहत पंचायत प्रारंभिक शिक्षक/नगर प्रारंभिक शिक्षक के मूल कोटि के 39758 पद, जिला संवर्ग के मूल कोटि के 40185 पद, विशेष शिक्षक के लिए पंचायत प्रारंभिक शिक्षक/नगर प्रारंभिक शिक्षक के मूल कोटि और स्नातक कोटि के 5534 एवं 1745 सृजित पद को प्रत्यर्पित करते हुए कक्षा 1 से 5वीं तक के लिए शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन विद्यालय अध्यापक के मूल कोटि के 85477 पद एवं वर्ग 6 से 8वीं तक के लिए विशेष अध्यापक के स्नातक कोटि के लिए 1745 पदों के सृजन को स्वीकृति दी है जबकि 9वीं, 10वीं और ग्यारहवीं बारहवीं के लिए कुल 90804 पदों के सृजन पर स्वीकृति की मिली है।

बीपीएससी की परीक्षा पास कर बहाल हुए शिक्षकों का सरकार ने वेतन निर्धारण कर दिया है। सरकार कक्षा 1-5 तक के शिक्षकों को 25 हजार, कक्षा 6-8 तक के शिक्षकों को 28 हजार, कक्षा 9-10 के शिक्षकों को 31 हजार और कक्षा 11 से 12 के शिक्षकों को 32 हजार रुपए मूल वेतन देगी। इसके अलावा राज्यकर्मियों को मिलने वाले अन्य वेतन भत्ते भी शिक्षकों को मिलेंगे।

इसके अलावे सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए एक साथ दो हजार पंचायतों में पंचायत सरकार भवन बनाने की प्रशासनिक स्वीकृति दी है। 2 हजार पंचायत सरकार भवनों के लिए सरकार ने 41 अरब 71 करोड़ 16 लाख रू जारी कर दिए हैं।

बड़ी खबर : राजधानी पटना के इस पॉस इलाके में चल रहा था देह व्यापार का धंधा, गेस्ट हाउस में छापेमारी कर पुलिस ने 4 युवतियों को किया रेस्कयू

डेस्क : बिहार की राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। शास्त्री नगर थाना क्षेत्र के राजा बाजार इलाके में पुलिस ने एक रेस्ट हाउस में छापेमारी कर चार युवतियों को रेस्क्यू किया है। वहीं इस छापेमारी के दौरान गेस्ट हाउस के कमरे से कई आपत्तिजनक सामान भी बरामद किए गए हैं।

सबसे बड़ी बात यह है कि जिस होटल में पुलिस ने छापेमारी की है, वह पुलिस मुख्यालय से महज डेढ़ से दो सौ मीटर की दूरी पर है। एक ही थाना क्षेत्र होने तथा पुलिस के कई बड़े अधिकारियों की मौजूदगी होने के बाद भी यह गंदा धंधा चल रहा था।

मिली जानकारी के मुताबिक शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र के शेखपुरा मोड़ के पास पिलर नं. 73 के पास तपेश्वर कुंज है। जिसमें एस्ट्रो रिसॉर्ट गेस्ट हाउस संचालित है। जिसके बारे में पुलिस को जानकारी मिली कि यहा देह व्यापार का धंधा चल रहा है। जिसके बाद देर रात यहां छापेमारी की गई।

बताया जा रहा है कि इन युवतियों को इवेंट कराने के नाम पर पटना बुलाया गया था और उसके बाद इसे गलत काम कराया जा रहा था। हालांकि युवतियों ने पूछताछ में पुलिस से झूठ बोला है। लेकिन मौके पर बरामद की गई आपत्तिजनक सामान से मामले का भंडाफोड़ हो गया है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

वहीं बताया जा रहा है, इस धंधे में शामिल लोगों द्वारा व्हाट्स अप पर लड़कियों की तस्वीरें भेजी जाती थी और ग्राहकों को उपलब्ध कराई जाती थी।

बिहार के मुजफ्फरपुर में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ मुकदमा दायर, धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप

 बिहार के मुजफ्फरपुर में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ परिवाद दायर कराया गया है। आरोप है कि उन्होंने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया। अपने प्रवचनों के जरिए अंधविश्वास को बढ़ावा दया है। अधिवक्ता सूरज कुमार ने एसीजेएम सब जज पश्चिमी की अदालत में धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ परिवाद दायर किया है। इस मामले पर 10 मई को सुनवाई होगी।

परिवाद दायर कराने वाले वकील सूरज कुमार ने कहा है कि उदयपुर में एक कार्यक्रम में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने खुद को भगवान हनुमान का अवतार बताया था। उनके इस बयान से हिंदू समाज के करोड़ों लोगों की भावना को ठेस पहुंची है। इस विवादित बयान को लेकर ही आईपीसी की धारा 295 A, 298, 505 के तहत धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ परिवाद दायर कराया गया है।

सूरज कुमार ने धीरेंद्र शास्त्री पर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए एसीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर किया है। कोर्ट ने इस परिवाद को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। इस मामले पर सुनवाई की तिथि 10 मई निर्धारित की गई है। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 5 दिनों के दौरे परप पटना आ रहे हैं। 13 से 17 मई तक पटना के नौबतपुर में कार्यक्रम में प्रवचन करेंगे।

पूर्व डिप्टी के बयान पर जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने किया पलटवार, कहा-छपास की बीमारी से ग्रसित है सुशील मोदी

डेस्क : बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी लगातार सीएम नीतीश कुमार और जदयू के नेताओं पर बयानबाजी करते रहते है। पिछले दिनों बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद ललन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा था कि, ललन सिंह को 6 महीना पहले मन की बात अच्छा लगता था और आज बेकार लग रहा है। 

वहीं सुशील मोदी के इस बयान पर ललन सिंह ने पलटवार किया है। ललन सिहं ने कहा कि सुशील मोदी असत्य बोलने वाले गिरोह के सरगना है। उनको छपास का बीमारी हो गया है। छपने के लिए कुछ भी बोलते रहते हैं। हम आज तक कभी भी मन की बात नहीं सुने हैं।

ललन सिंह ने कहा की मन की बात क्या होती है आप देश की बात कीजिए देश के प्रधानमंत्री हैं। सुशील मोदी को यह बताना चाहिए कि देश में महंगाई है या बेरोजगारी है या नहीं। इस पर बात करनी चाहिए। नियुक्ति पर रोक है प्रतिक्रिया दीजिए। सभी जगहों का निजीकरण कर रहे है कि नहीं। इसका जवाब दीजिए। रेलवे और हवाई अड्डा का निजीकरण हो रहा है। इस पर प्रतिक्रिया दीजिए। 88 हजार करोड़ घोटाले का क्या हुआ। महंगाई बेरोजगारी पर क्या हुआ।

ललन सिंह ने आगे कहा कि, हम बेरोजगारी और महंगाई का सवाल उठाते हैं। वह गलत है या सही है। इसका जवाब सुशील मोदी दें। देश के प्रधानमंत्री का यह दायित्व है कि देश के ज्वलंत समस्याओं के बारे में जवाब दें। प्रधानमंत्री के मन के अंदर कुछ आता है। 

आनंद मोहन की रिहाई पर ललन सिंह ने कहा कि, कानून में जो अड़चन था। उसे खत्म किया गया है। आम और खास के अंतर को समाप्त किया गया है। भाजपा लोगों का राजनीतिक इस्तेमाल करती है। वहीं जातीय गणना पर उन्होंने कहा कि सभी दलों की सहमति से कराई जा रही है। भाजपा को लग रहा है की इससे कुछ घाटा होगा। इसीलिए पर्दे के पीछे से मुकदमा करा रहे हैं।

कर्नाटक में सिविल कोड मामले पर ललन सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की आदत है धार्मिक उन्माद फैलाना। भारत में सभी लोगों का अलग कर भाजपा धार्मिक उन्माद फैलाना चाहती है। केंद्र सरकार सिविल कोड लाकर दूसरे पर थोपना चाहती है। वहीं नीतीश कुमार के लोकसभा का चुनाव लड़ने पर ललन सिंह ने कनी काटते हुए कहा कि नीतीश जी से भेंट होगी तब आप पूछ लीजिएगा।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में जो चला जाता है वह भ्रष्टाचारी नहीं होता है। हम भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देते हैं की वह कहे कि हमारे पार्टी में एक भी भ्रष्टाचारी नहीं है। फिर हम बताएंगे कि उनके पार्टी में कौन-कौन भ्रष्टाचारी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बताए कि भाजपा में जो भ्रष्टाचारी है किन-किन लोगों पर कार्रवाई हुई है।

गंगा नदी पर बन रहे कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल का सीएम नीतीश कुमार ने लिया जायजा, काम में तेजी लाने का दिया निर्देश

डेस्क : गंगा नदी पर बन रहा कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल अगले साल बनकर तैयार हो जाएगा। यह जानकारी रविवार को कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल का जायजा लेने के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से निर्माण कार्य के विभिन्न अवयवों एवं प्रगति के संबंध में जानकारी दी। 

बताया कि कच्ची दरगाह से राघोपुर तक का निर्माण कार्य दिसंबर, 2023 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। बाकी बचे कार्य भी जल्द से जल्द पूर्ण कर लिये जायेंगे। सीएम ने इस 6 लेन ग्रीन फील्ड पुल के काम में तेज लाने को कहा।

वहीं मुख्यमंत्री ने जेपी गंगा पथ परियोजना का भी निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को तेजी से निर्माण कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री जेपी गंगा पथ होते हुए गायघाट पहुंचे और वहां कराये जा रहे निर्माण कार्य की प्रगति की विस्तृत जानकारी ली। पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि जेपी गंगा पथ का गायघाट तक निर्माण कार्य जून माह तक पूर्ण हो जायेगा।

सीएम ने 152.4 करोड़ की लागत से जिला आपदा रिस्पांस फैसिलिटी के 18 भवनों का शिलान्यास किया, निर्माण कार्य ससमय पूरा करने का दिया निर्देश

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को भारी बारिश के बावजूद आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बिहटा में आयोजित शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हुए। जहां उन्होंने एसडीआरएफ वाहिनी मुख्यालय बिहटा (पटना) में 287.52 करोड़ की लागत से सभी सुविधाओं से युक्त स्थायी भवन एवं संरचनाओं के निर्माण कार्य के शिलापट्ट का अनावरण कर शिलान्यास किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने 152.4 करोड़ की लागत से जिला आपदा रिस्पांस फैसिलिटी सह प्रशिक्षण केंद्र के कुल निर्मित होने वाले 18 भवनों के निर्माण कार्य का भी शिलान्यास किया। 

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आज जिन भवनों का शिलान्यास किया गया है उनका निर्माण कार्य ससमय पूरा हो, इस पर विशेष ध्यान दें। आपदा की स्थिति में हर तरह की गतिविधि इन केन्द्रों से संचालित होगी। इसलिए इसका बेहतर ढंग से निर्माण सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि इन केन्द्रों के फंक्शनल हो जाने के बाद राज्य में आपदाओं के दौरान खोज, बचाव एवं राहत आदि कार्यों के त्वरित एवं प्रभावी ढंग से निष्पादन संभव हो सकेगा।

गौरतलब है कि जिला आपदा रिस्पांस फैसिलिटी-सह-प्रशिक्षण केंद्र के कुल निर्मित होनेवाले 18 भवनों में 7 ए-टाइप और 11 बी-टाइप भवन निर्मित होंगे। 18 जिलों में निर्मित होनेवाले प्रशिक्षण केन्द्रों में ए-टाइप के कुल 07 सेंटर भागलपुर, पश्चिम चम्पारण, दरभंगा, पटना सिटी, गया, पूर्णिया एवं सहरसा में तथा बी-टाइप के कुल 11 सेंटर मुंगेर, खगड़िया, समस्तीपुर, किशनगंज, पूर्वी चम्पारण, सारण (छपरा), नालन्दा, गोपालगंज, अररिया, बक्सर एवं मधुबनी जिलों में होंगे। 

इस अवसर पर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष उदय कांत मिश्र, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि, अपर पुलिस महानिदेशक, विधि व्यवस्था संजय सिंह, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य पीएन राय, पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा सहित एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के अधिकारीगण, कर्मीगण, बिहार राज्य नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव अरविंद कुमार, राज्य खाद्य आयोग के पूर्व सदस्य नंद किशोर कुशवाहा, जदयू नेता सुबोध कुमार उपस्थित थे।