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रांची यूनिवर्सिटी के 36वें दीक्षांत समारोह में आज, 2859 छात्र प्राप्त करेंगे अपना डिग्री


रांची यूनिवर्सिटी के 36वें दीक्षांत समारोह का आयोजन आज मंगलवार को मोरहाबादी में किया गया है. पहली बार समारोह का लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा. डिग्री या गोल्ड मेडल लेनेवाले विद्यार्थियों के परिवार या अन्य लोग घर बैठे समारोह का सीधा प्रसारण सुबह 10 बजे से देख सकेंगे. 

इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा लिंक जारी किया गया है. 81 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिये जायेंगे.

राँची: जमीन घोटाला मामले में ईडी के सामने पेश हुए त्रिदीप मिश्रा

राँची : दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन खरीद-बिक्री के मामले में रांची के सब रजिस्ट्रार वैभवमणि त्रिपाठी से एक मई को ईडी कार्यालय पहुंचे जहां उनसे पूछताछ की गयी. 

अब 2 मई को कोलकाता के एडिशनल रजिस्ट्रार त्रिदीप मिश्रा से ईडी पूछताछ करेगी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इनको पूछताछ के लिए रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया है.

मजदूर दिवस विशेष : धनबाद यहां मजदूरों के कंधों पर चलती हैं दबंगों की दुकानें

धनबाद। विश्व पटल पर अपनी पहचान रखने वाला देश की कोयला राजधानी धनबाद के लिए वही कोयला अब मानो अभिशाप बन गया हो। यह सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लगे पर वर्तमान समय में काले नगरी का कड़वा सच भी सम्मुख है। 1972 में कोलियरियों के राष्ट्रीयकरण होने के बाद लोगों को ऐसा लगा था की बस अब कोयलांचल का सारा दुःख दर्द खत्म हो गया लेकिन उस समय से अब तक कोयलांचलवासी आज तक अच्छे दिन के इन्तजार में पलकें बिछाए अब तक अपनी बेबसी को सिर्फ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं।

मुद्दा कुछ भी हो छले गए सिर्फ यहां के लोग। और विशेषकर असंगठित मजदूर। चाहे कोयला राजधानी धनबाद में काले हीरे पर वर्चस्व को लेकर खूनी संघर्ष की बात हो, या फिर मजदूरों के मुंह मे जाने वाले निवाले की लेकिन इन सब के बीच पिसते है सिर्फ और सिर्फ मजदूर ही। 2005 के बाद इस काले हीरे के लिए खून से लाल होती धरती पर एक नया अध्याय जुड़ गया जो कि अब अवैध कमाई का मुख्य बाजार बन गया है।

यूं तो बीसीसीएल ने राष्ट्रीयकरण के बाद से ही अपने दम पर 100 से ज्यादा अंडरग्राउंड खदानों से कोयले का उत्पादन कर देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई लेकिन खदानों के गैर मशीनीकरण, व्यापार, संघवाद में बेतहाशा बृद्धि एंव कोयला उत्पादन प्रक्रिया के खर्च में लगातार वृद्धि सहित कई कारणों से 1990 के दशक की शुरुआत से ही बीसीसीएल को घाटे का सामना करना पड़ा और इस घाटे की खाई वर्ष दर वर्ष बढ़ती रही। बीसीसीएल के पूर्व सीएमडी एस भट्टाचार्य के कार्यकाल के दौरान बीसीसीएल के बिगड़ते हुए आर्थिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए इसी क्रम में कोयले की ई नीलामी प्रक्रिया भी शुरू हुई साथ-साथ 2005 में बीसीसीएल के कोयला खदानों को ओपेनकास्ट कर निजी कंपनियों द्वारा कोयले का उत्पादन करवाने का भी निर्णय लिया गया।

 निश्चित तौर पर ये निर्णय पूरे बीसीसीएल को घाटे से उबारने के लिए मील का पत्थर साबित हुआ लेकिन इसके साइड इफेक्ट की शुरूआत यही से हो चुकी थी कोयला उत्पादन करने वाली निजी कंपनियों पर अलग-अलग गुटों के द्वारा अपना वर्चस्व कायम करने के लिए समय-समय पर खूनी संघर्ष की दास्ताँ बन गई।

इस निर्णय के बाद बीसीसीएल के स्वास्थ्य में तो पूरी तरह सुधार हो गयी कंपनी मिनीरत्न से महारत्न के दौड में पहुंच गई पर धनबाद कई रोगों से ग्रसित होकर आज के समय मे कराह रहा है।

क्यों और कैसे होती है यह वर्चस्व की जंग

बताया जाता है की जब भी कोई नई उत्खनन परियोजना की शुरुआत होती है, दबंग व राजनीतिक पहुंच रखने वाले लोग पहले छोटे छोटे कुनबे बना कर निजी कंपनी पर स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाने के नाम पर धरना प्रदर्शन कर प्रेशर की राजनीति शुरू करते हैं। फिर वार्ता कर अपने अपने लोगों की परियोजना में बहाली करवाते हैं और यहीं से शुरू होता वर्चस्व का जंग। कोयलांचल के बड़े बड़े राजनीतिक पंडितों का आशीर्वाद प्राप्त किये लोग मजदूरों को उनके निवाले पर पहले लड़वाते हैं फिर भी बात नही बनी तो खूनी संघर्ष की जमीन तैयार। 

दूसरे हिसाब से देखा जाए तो इस खेल में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होते हैं असंगठित मजदूर। जी हां वही असंगठित मजदुर जो दिन भर जिले के विभिन्न कोयला लोडिंग पॉइंट में पूरा दिन ट्रकों पर कोयला लोड कर अपने परिवार की जीविका चलाते हैं। अगर एक दिन काम न मिले तो घर मे चूल्हा न जले। इसी का फायदा उठा कर अपने आकाओं को फायदा पहुंचाने के लिए यह छोटे छोटे गैंग पहले मजदूरों को लड़वाते हैं फिर इन्हें काम दिलाने के नाम प्रबंधन से वार्ता कर वाहवाही लूट असंगठित मजदूरों की कमाई का एक मोटा हिस्सा अपने नाम करते हैं। इन्हीं हिस्सों के कुछ भाग अपने आकाओं को भेंट कर उन्हें खुश रखते हैं। इस काम का एवज में इन छोटे छोटे गैंगों को अपने आकाओं से हर प्रकार का संरक्षण प्राप्त होता है।

राँची: बारिश के कारण हुई बज्रपात ने अलग अलग जगहों पर ले ली 7 बच्चों की जान, आधा दर्जन लोग घायल,मुख्यमंत्री ने किया दुख व्यक्त

राँची: अचानक हुए मौसम के बदलाव और बारिश से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली वहीं झारखंड में आकाशीय बिजली कहर बनकर टूट पड़ा, अलग-अलग जगहों पर हुई वज्रपात की घटनाओं में इस बारिश ने सात बच्चों की जान ले ली। वहीं आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। मृतकों में 4 बच्चे साहिबगंज व 3 बच्चे पाकुड़ के हैं। वहीं सरायकेला-खरसावां के गम्हरिया में भी ठनका की चपेट में आने से 4 युवक झुलस गए। इनका इलाज टीएमएच में चल रहा है।

आम चुनने गए 5 बच्चों में से साहिबगंज में 4 बच्चों की हुई मौत

साहिबगंज के पश्चिमी उधवा के बाबूटोला में आंधी-बारिश शुरू हुई। आंधी से आम टूटकर गिरने लगे। इसे चुनने के लिए 5 बच्चे बगीचे में गए। इसी बीच बारिश तेज होने पर पांचों आम के पेड़ के नीचे छुप गए। 

तभी उसी पेड़ के पास वज्रपात हुआ। इसकी चपेट में आने से चार की मौके पर ही मौत हो गई। एक घायल हो गया।

पाकुड़ में भी हुई वज्रपात से 3 बच्चों की मौत

इसी तरह पाकुड़ में भी वज्रपात की तीन घटनाओं में तीन बच्चों की मौत हो गई है। पहली घटना हिरणपुर क्षेत्र के बीरग्राम में हुई, जहां ठनका से एक 13 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई है। दूसरी घटना महेशपुर के सिरीशतल्ला गांव में हुई, जहां लालेश हांसदा की मौके पर ही मौत हो गई। दादपुर इलाके में भी ठनका से एक बच्चे की जान चली गई। उधर, सरायकेला-खरसावां जिले के आरआईटी थाना अंतर्गत काशीडीह गांव में वज्रपात में 4 युवक झुलस गये। सभी गम्हरिया स्टेशन से सटे नीमडीह बस्ती के हैं।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर घटना पर किया दुख व्यक्त

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी वज्रपात की वजह से 7 मासूम बच्चों की मौत पर दुख जताया है। मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि साहिबगंज और पाकुड़ में ठनका से सात बच्चों की मौत की दुखद खबर मिली है। परमात्मा दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे और परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति दे।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर सरयू राय के साथ अब भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी भी हमलावर

झारखंड की सियासत इनदिनों गर्म है।एक तरफ आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है तो दूसरे ओर आगामी 2024 में अपनी अपनी पार्टी की जीत को।लेकर रणनीति चल रहा है।

पिछले कुछ दिनों में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के कथित अश्लील वीडियो से जिस आरोप का दौर शुरू हुआ वह डीएनए जांच की मांग से होता हुआ अवैध हथियार तक आ पहुंचा है। 

दरअसल, अब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर आरोप लगाया जा रहा है कि उनके पास अवैध हथियार है। पहले तो पूर्वी जमशेदपुर से निर्दलीय विधायक सरयू राय ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री के पास प्रतिबंधित ग्लोक पिस्टल है ,वहीं अब बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि यदि स्वास्थ्य मंत्री के पास वाकई प्रतिबंधित हथियार है तो उन्हें यह पुलिस मालखाने में जमा कराना चाहिए और शिकायत दर्ज करानी चाहिए। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ऐसा नहीं करने से गलत संदेश जाएगा।

बन्ना गुप्ता पर विधायक सरयू राय का नया आरोप

पिछले कुछ दिनों सेब कथित अश्लील वीडियो प्रकरण को लेकर पहले से ही स्वास्थ्य मंत्री पर सरयू राय हमलावर हैं। अब 2 दिनों पहले नया शिगूफा छेड़ा है। सरयू राय ने बन्ना गुप्ता की एक तस्वीर जारी करते हुए आरोप लगाया है कि इसमें मंत्री जो पिस्टल हाथ में लिए हुए हैं वह दरअसल प्रतिबंधित है। सरयू राय ने बकायदा जमशेदपुर पुलिस से इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ आर्म्स एक्ट में कार्रवाई करने की मांग की है। 

सरयू राय ने ट्वीट पर लिखा कि जमशेदपुर पुलिस प्रतिबंधित हथियार रखने के जुर्म में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर आर्म्स एक्ट की धारा 7 का उल्लंघन करने के लिये धारा 25A के तहत कारवाई करे। सरयू राय ने कहा कि कई लोग सवाल कर रहे हैं कि ग्लोक पिस्टल रखना क्या गैरकानूनी नहीं है। क्या लाइसेंस लेकर पिस्टल रखा जा सकता है। सरयू राय ने साथ ही हथियारों के लाइसेंस को लेकर गृह मंत्रालय की गाइडलाइन का भी जिक्र किया। उन्होंने उपायुक्त को भी चिट्ठी लिखी है।

बाबूलाल मरांडी ने भी कर दी कार्रवाई की मांग

सरयू राय के बाद अब इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी कूद पड़े हैं। बाबूलाल मरांडी ने भी ट्विटर पर लिखा कि "मंत्री बन्ना गुप्ता के प्रतिबंधित हथियार रखने को लेकर पिछले कई दिनों से मीडिया में आ रही खबरें देख रहा हूं। मामला एक मंत्री जैसे सार्वजनिक जीवन के महत्वपूर्ण पद पर बैठे व्यक्ति से जुड़ा है और इस बारे में पुलिस की चुप्पी से लोगों में सत्ता और पद के दुरुपयोग का ग़लत मैसेज जा रहा है। 

सच क्या है? इस बारे में पुलिस को बिना विलम्ब किये जांच कर कार्रवाई का आदेश मुख्यमंत्री को देना चाहिए। मंत्री बन्ना गुप्ता को चाहिये कि अगर उन्हें किसी हथियार विक्रेता ने ग़लत हथियार थमा दिया है तो वे तुरंत इस हथियार को पुलिस माल खाने में खुद से जमा करायें और विक्रेता के खिलाफ जांच और कारवाई के लिये पुलिस में शिकायत दर्ज करायें। वर्ना इस गड़बड़ी के मामले में वे खुद भी गुनहगार माने जायेंगे।"

पीएम मोदी के मन की बात के 100वें एपिसोड में शामिल हुए झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के बच्चे, शिक्षक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. मन की बात कार्यक्रम के ऐतिहासिक क्षण का गवाह झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय भी बना. मन की बात कार्यक्रम के 100वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का सीधा प्रसारण सीयूजे के मनातू सभागार में हुआ जिसे विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी, छात्र व शोधार्थीयों ने गंभीरता से सुना. 

मन की बात के 100वां एपिसोड को सुनने के लिए सभी में काफी उत्साह नजर आया. इस दौरान सभागार में कुलपति प्रो के बी दास, ओएसडी डॉ जे के नायक, डीएसडब्लु प्रो रत्नेश विष्वक सेन, चीफ प्रॉकटर डॉ मयंक रंजन समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे. वहीं, कार्यक्रम को सफल बनाने की जिम्मेदारी एनएसएस कॉडिनेटर डॉ सुभाष बैठा ने निभाई. 

मन की बात के 100वें एपिसोड को लेकर सीयूजे के कुलपति प्रो के बी दास ने कहा की आज का दिन एतिहासिक है लाखों लोग अलग अलग माध्यमों से इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने.

पीएम मोदी के मन की बात के 100वें एपिसोड में शामिल हुए झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के बच्चे, शिक्षक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. मन की बात कार्यक्रम के ऐतिहासिक क्षण का गवाह झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय भी बना. मन की बात कार्यक्रम के 100वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का सीधा प्रसारण सीयूजे के मनातू सभागार में हुआ जिसे विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी, छात्र व शोधार्थीयों ने गंभीरता से सुना. 

मन की बात के 100वां एपिसोड को सुनने के लिए सभी में काफी उत्साह नजर आया. इस दौरान सभागार में कुलपति प्रो के बी दास, ओएसडी डॉ जे के नायक, डीएसडब्लु प्रो रत्नेश विष्वक सेन, चीफ प्रॉकटर डॉ मयंक रंजन समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे. वहीं, कार्यक्रम को सफल बनाने की जिम्मेदारी एनएसएस कॉडिनेटर डॉ सुभाष बैठा ने निभाई. 

मन की बात के 100वें एपिसोड को लेकर सीयूजे के कुलपति प्रो के बी दास ने कहा की आज का दिन एतिहासिक है लाखों लोग अलग अलग माध्यमों से इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने.

कल सीएम हेमंत सोरेन करेंगे 80 उत्कृष्ट स्कूलों का उद्घाटन

रांची. राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालय भवनों का उद्घाटन सह नामांकन प्रक्रिया का शुभारंभ दो मई को होगा. इसे लेकर ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव उच्च विद्यालय जगन्नाथपुर में समारोह का आयोजन किया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे.

वैभवमणि त्रिपाठी,पहुंचे ईडी ऑफिस ,जमीन खरीद-बिक्री मामले में होगी पूछताछ

जमीन खरीद-बिक्री के मामले में रांची के सब रजिस्ट्रार वैभवमणि त्रिपाठी ईडी कार्यालय पहुंच चुके है. उनसे जमीन खरीद-बिक्री मामले में ईडी के अधिकारी पूछताछ कर रहे है. 

जानकारी हो कि प्रवर्तन निदेशालय ने इन्हें पूछताछ के लिए रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया था.

प्रधानमंत्री की मन की बात बन गई देश की आवाज:- संजय कु जयसवाल

रांची: भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संजय कुमार जयसवाल ने अपने बूथ पर बूथ के मतदाताओं के साथ सुनी मन की बात

जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की मन की बात सुनने की प्रतीक्षा करते हैं देश की जनता 9 साल पहले 3 अक्टूबर 2014 को हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा विजयादशमी से शुरू किया गया मन की बात का यह ऐतिहासिक सफर अपने 100वें पड़ाव पर पहुंचा गया, यह शतक सबूत है।मोदीजी और देश की जनता के बीच मजबूत जुड़ाव और लगाव का।

प्रधानमंत्री जी मन की बात में देश की नारी शक्ति की सैकड़ो प्रेरणादायी गाथाओं का ज़िक्र किए।प्रधानमंत्री जी ने चर्चा किए की 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की शुरुआत मैंने हरियाणा से ही की थी। 'सेल्फी विद डॉटर' अभियान ने मुझे बहुत प्रभावित किया और मैंने अपने एपिसोड में इसका जिक्र किया। जल्द ही यह 'सेल्फी विद डॉटर' अभियान वैश्विक हो गया। इस अभियान का मकसद लोगों को जीवन में बेटी के महत्व को समझाना था।

इस मन की बात में महिलाओं युवाओं में सुनने की बहुत सी उत्साह थी भारी संख्या में मन की बात सुनने के लिए महिलाएं उपस्थित हुए और प्रधानमंत्री जी ने महिलाओं के बारे में चर्चा किया जो बहुत ही सराहनीय है

मन की बात सुनने वाले में राजकुमार जयसवाल शुभम कुमार जयसवाल अंकित कुमार मनोज कुमार शकुंतला देवी सुनैना देवी संजय टोप्पो रानी कुमारी सरस्वती देवी धर्मेंद्र कुमार विमला देवी मंगली उराव शोभा देवी मेरियम सीता देवी सुनीता देवी पीयूष कुमार संजीव जयसवाल पीयूष जायसवाल मनोज पंडित रोहित चौधरी विनीत संजीत कुमार कृष्णा कुमार प्रिंस यादव अंकित राज पाल तरुण जयसवाल सहित सैकड़ों महिला युवा साथियों उपस्थित रहे।