मोतिहारी में जहरीली शराब से हुई मौत को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी सीएम नीतीश पर हुए हमलावर, मांगा इस्तीफा
डेस्क : बिहार में पूर्ण शराबबंदी होने के बाद भी इसके कारोबार और इसके सेवन से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों छपरा में जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई थी। वहीं अब पूर्वी चंपारण जिले में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत की खबर सामने आई है।
इधर इस मामले को लेकर प्रदेश में सियासत शुरु हो गई। प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी शराबबंदी को असफल करार देते हुए राज्य सरकार पर हमलावर है। इसी कड़ी में पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने सरकार पर हमला बोला है।
उन्होंने इसे नरसंहार करार देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे तक की मांग कर डाली है। सुशील मोदी ने कहा है कि 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से जहरीली शराब पीने की घटनाओं में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। यह हादसा नहीं, दलितों-गरीबों की हत्या का मामला है और इसकी जिम्मेदारी लेकर नीतीश कुमार को इस्तीफा देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से मरने वालों और उनके आश्रितों के प्रति नीतीश कुमार की कोई सहानुभूति नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्वी चम्पारण में जहरीली शराब से जिनकी मृत्यु हुई, उनके आश्रितों को भी उत्पाद कानून के अनुसार 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलनी चाहिए। खजूरबन्ना (गोपालगंज) में जहरीली शराब से मरने वाले 30 लोगों को मुआवजा दिया गया गया था।
सुशील मोदी ने कहा कि जदयू-राजद सहित जिन सात दलों के राज में दो दिन के भीतर जहरीली शराब से दलित-आदिवासी समुदाय के 30 से ज्यादा लोगों की जान गई, वे यूपी के एक माफिया के गैंगवार में मारे जाने पर आँसू बहा रहे हैं। उन्होंने कहा कि माफिया अतीक और उसके गुर्गों के मारे जाने से उत्तर प्रदेश की जनता खुश है, लेकिन जिन्होंने बिहार में शहाबुद्दीन को माफिया बनाया, वे पड़ोसी राज्य के एक दुर्दांत माफिया का मजहब देख कर उसकी मौत पर छाती पीट रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी राज में मंत्री वृजबिहारी प्रसाद को पुलिस सुरक्षा में रहते हुए अस्पताल परिसर में गोलियों से भून दिया गया था। अजित सरकार, अशोक सिंह सहित आधा दर्जन विधायकों की हत्या भी उसी दौर में हुई, लेकिन राजद से मिल कर सत्ता पाने वाले लोग यह सब भूल गए। मोदी ने कहा कि राजद शासन में दलित-पिछड़े हत्या-नरसंहार का शिकार होते थे, आज चाचा-भतीजा राज में जहरीली शराब के जरिये दलित-आदिवासी नरसंहार हो रहा है।
Apr 17 2023, 10:03