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मोतिहारी में जहरीली शराब से हुई मौत को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी सीएम नीतीश पर हुए हमलावर, मांगा इस्तीफा

डेस्क : बिहार में पूर्ण शराबबंदी होने के बाद भी इसके कारोबार और इसके सेवन से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों छपरा में जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई थी। वहीं अब पूर्वी चंपारण जिले में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत की खबर सामने आई है। 

इधर इस मामले को लेकर प्रदेश में सियासत शुरु हो गई। प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी शराबबंदी को असफल करार देते हुए राज्य सरकार पर हमलावर है। इसी कड़ी में पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने सरकार पर हमला बोला है। 

उन्होंने इसे नरसंहार करार देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे तक की मांग कर डाली है। सुशील मोदी ने कहा है कि 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से जहरीली शराब पीने की घटनाओं में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। यह हादसा नहीं, दलितों-गरीबों की हत्या का मामला है और इसकी जिम्मेदारी लेकर नीतीश कुमार को इस्तीफा देना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से मरने वालों और उनके आश्रितों के प्रति नीतीश कुमार की कोई सहानुभूति नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्वी चम्पारण में जहरीली शराब से जिनकी मृत्यु हुई, उनके आश्रितों को भी उत्पाद कानून के अनुसार 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलनी चाहिए।  खजूरबन्ना (गोपालगंज) में जहरीली शराब से मरने वाले 30 लोगों को मुआवजा दिया गया गया था। 

सुशील मोदी ने कहा कि जदयू-राजद सहित जिन सात दलों के राज में दो दिन के भीतर जहरीली शराब से दलित-आदिवासी समुदाय के 30 से ज्यादा लोगों की जान गई, वे यूपी के एक माफिया के गैंगवार में मारे जाने पर  आँसू बहा रहे हैं। उन्होंने कहा कि माफिया अतीक और उसके गुर्गों के मारे जाने से उत्तर प्रदेश की जनता खुश है, लेकिन जिन्होंने बिहार में शहाबुद्दीन को माफिया बनाया, वे पड़ोसी राज्य के एक दुर्दांत माफिया का मजहब देख कर उसकी मौत पर छाती पीट रहे हैं।

उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी राज में मंत्री वृजबिहारी प्रसाद को पुलिस सुरक्षा में रहते हुए अस्पताल परिसर में गोलियों से भून दिया गया था। अजित सरकार, अशोक सिंह सहित आधा दर्जन विधायकों की हत्या भी उसी दौर में हुई, लेकिन राजद से मिल कर सत्ता पाने वाले लोग यह सब भूल गए। मोदी ने कहा कि राजद शासन में दलित-पिछड़े हत्या-नरसंहार का शिकार होते थे, आज चाचा-भतीजा  राज में जहरीली शराब के जरिये दलित-आदिवासी नरसंहार हो रहा है।

बिहार, जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों के राज्यपाल रह चुके सतपाल मलिक के बयान के बाद मचा बवाल, जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पीएम मोदी से किया यह सवाल

डेस्क : बीजेपी के वरिष्ठ नेता व बिहार, जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों के राज्यपाल रह चुके सतपाल मलिक द्वारा दिए गए बयान के बाद बवाल मचा हुआ है। सतपाल मलिक के बयान के बाद विपक्ष केन्द्र सरकार पर हमलावर हो गई है। 

इसी कड़ी में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद ने केन्द्र सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए पीएम मोदी से सवाल किया है। सतपाल के सनसनीखेज दावों के बीच अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने सवाल किया है। 

ललन सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए पीएम मोदी से सवाल किया है। उन्होने अपने सोशल मीडिया ट्वीटर पर ट्वीट किया है, ‘आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार द्वारा नियुक्त तत्कालीन गवर्नर श्री सत्यपाल मलिक जी ने पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत के संबंध में जो खुलासा किया है उस खुलासे पर क्या आदरणीय प्रधानमंत्री जी देश की जनता के समक्ष वास्तविकता स्पष्ट करेंगे...? आख़िर देश की रक्षा में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए सदैव तत्पर रहने वाले नौजवानों की ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ करने का दोषी कौन है...?’

बताते चले कि सतपाल मलिक ने एक वेबसाइट से की गई बातचीत में यह दावा किया है। इससे भूचाल मच गया है। बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने ऐसे दावे किए हैं जिससे बड़ा राजनीतिक बवंडर उठ गया है। मलिक का दावा है कि प्रधानमंत्री मोदी को भ्रष्टाचार से कोई खास नफरत नहीं है। इतना ही नहीं, मलिक का दावा है कि पीएम मोदी को कश्मीर के बारे में कुछ भी नहीं पता है। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री कश्मीर को लेकर गफलत में हैं और उन्हें कश्मीर के बारे में कोई ज्ञान नहीं है। 

उन्होंने दावा किया कि अगस्त 2020 में उन्हें गोवा से हटाकर मेघालय भेजा ही इसलिए गया था क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी को भ्रष्टाचार के कई मामलों की जानकारी दी थी। लेकिन उन पर कार्रवाई होने के बदले मोदी की ओर से उन्हें (सतपाल) ही मेघालय भेज दिया गया। सत्यपाल मलिक ने कहा कि पुलवामा की घटना खुफिया एजेंसियों की असफलता थी। 300 किलोग्राम RDX विस्फोटक ले जाने वाली कार पाकिस्तान से आई थी, लेकिन 10-15 दिनों तक जम्मू-कश्मीर की सड़कों और गांवों में बेरोक-टोक घूम रही थी।

मलिक ने दावा किया है कि पुलवामा हमले के तत्काल बाद शाम को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि यह हमारी गलती से हुआ है तो प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें कहा कि तुम अभी चुप रहो। इंटरव्यू में मलिक ने यह भी कहा कि उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने भी उनसे पुलवामा हमले पर चुपचाप रहने को कहा था। मलिक का आरोप है कि इसका मकसद चुनावों में सरकार और बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए पुलवामा हमले का सारा ठीकरा पाकिस्तान पर फोड़ना था, मुझे बाद में यह अहसास हुआ। 

सतपाल मलिक ने बीजेपी नेता राम माधव पर भी गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि माधव ने एक पनबिजली योजना और रिलायंस इंश्योरेंस स्कीम की मंजूरी के लिए उनसे संपर्क किया था, लेकिन मलिक ने साफ इनकार कर दिया। मलिक के इन दावों के बाद कांग्रेस की ओर से बड़ी प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने शनिवार को कहा पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक जी के ख़ुलासों से ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी जी को "राष्ट्र-हानि" से उतना डर नहीं जितना "मानहानि" से है !

सरकार ने इस नियमावली में किया संशोधन, पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता हुआ साफ

डेस्क : पूर्व सांसद आनंद मोहन और उनके परिजनों के साथ-साथ समर्थकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने बिहार कारा हस्तक 2012 के नियम 48(1) (क) में संशोधन करते हुए उस प्रावधान को हटा दिया है, जिस कारण रिहाई में बाधा आ रही थी।

कैबिनेट की मंजूरी के बाद गृह विभाग ने गत 10 अप्रैल को नियम में संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी है। संशोधन करते हुए वाक्यांश से ‘या काम पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या’ को विलोपित किया गया है। इसके बाद ड्यूटी पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या अपवाद की श्रेणी में नहीं मानी जाएगी। जिसके बाद अब आनंद मोहन के परिहार (रिहाई) की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। 

दरअसल, इस नियमावली में 2002 में दो बड़े बदलाव हुए थे। इसके तहत पांच तरह के कैदी को नहीं छोड़ने का प्रावधान शामिल था। इनमें एक से अधिक मर्डर, डकैती, दुष्कर्म, आतंकी साजिश रचने व सरकारी अधिकारी की हत्या के दोषी को नहीं छोड़ने का प्रावधान था। 

गौरतलब है कि पूर्व सांसद आनंद मोहन गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया की हत्या में सजा काट रहे हैं। उनकी सजा की अवधि 14 वर्ष से ज्यादा हो गई है।

सीएम नीतीश कुमार ने अपने पुश्तैनी आवास से जाति आधारित गणना के दूसरे चरण की शुरुआत की, दर्ज कराए सभी आंकड़े

डेस्क : बीते शनिवार 15 अप्रैल से बिहार में जाति आधारित जनगणना के दूसरे चरण की शुरुआत हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पैतृक आवास बख्तियारपुर घर जाकर एक सामान्य नागरिक की तरह जातीय गणना में भाग लिया। गणना कार्य के दौरान इससे संबंधित सभी आंकड़े दर्ज करवाए।

गणना कार्य कर रही प्रगणक सना ने मुख्यमंत्री कुमार और उनके सुपुत्र निशांत कुमार से गणना से संबंधित सवाल पूछे और उनसे जानकारी लेकर कॉलम को भरा। इस दौरान मुख्यमंत्री के बड़े भाई सतीश कुमार और उनकी पत्नी ने भी प्रगणक को अपने और अपने परिवार के संबंध में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने परिवार के प्रधान के रूप में घोषणा पत्र में हस्ताक्षर किया कि उनकी ओर से दी गई सूचना सही है। 

मालूम हो कि गणना के दूसरे चरण का कार्य 15 अप्रैल से 15 मई, 2023 तक चलेगा। जाति आधारित गणना कार्य के बाद मुख्यमंत्री ने बख्तियारपुर में उपस्थित लोगों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और उनके समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना का काम पूरा होने के बाद इसके आंकड़ा के मुख्य चीजों पर काम शुरू होगा। इसकी रिपोर्ट को बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद में पेश की जायेगी। इसके बाद इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जायेगी।

गौरतलब है कि राज्य के सभी 261 नगर निकाय और 534 प्रखंड यानी कुल 795 क्षेत्रों में गणना शुरू हुई है। जाति, शैक्षणिक योग्यता, जमीन-जायदाद से लेकर आर्थिक-सामाजिक स्थिति आदि की जानकारी ली जा रही है। गणना में कुल 18 बिंदुओं पर जानकारी प्राप्त की जा रही है। इसमें 17 बिंदुओं पर जानकारी लेना जरूरी है जबकि एक बिंदु स्वैच्छिक है। स्वैच्छिक बिंदू में आधार नंबर की जानकारी लेनी है।

केजरीवाल के बहाने सीएम नीतीश कुमार ने केन्द्र सरकार पर बोला हमला, कही यह बात

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बहाने केन्द्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले में पूछताछ के लिए सीबीआई मुख्यालय बुलाने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि अधिक-से-अधिक विपक्षी पार्टियों के एकजुट होने से केंद्र को चिंता हो रही है। पता नहीं वे लोग क्या-क्या करेंगे, लेकिन यह सब करने से क्या होगा?

मुख्यमंत्री शनिवार को पटना और बख्तियारपुर में पत्रकारों के सवाल पर ये बातें कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपलोग तो जानते ही हैं कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ क्या-क्या काम हो रहा है। सभी विपक्षी लोगों ने अपने-अपने इलाके के के लिए काफी काम किया है। 

केजरीवाल के संबंध में सीएम ने कहा कि उनकी काफी इज्जत है। विपक्षी एकता को लेकर कांग्रेस और अन्य दलों से बैठकर बात हो गई है। अरविंद केजरीवाल भी हमलोगों के साथ बैठे थे, अब उनपर कार्रवाई हो रही है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सब लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो मजबूती से आएंगे। यह देश के हित में है। देश को और आगे बढ़ाने के लिए यह सब हो रहा है। जब सभी पार्टियां एक साथ बैठेंगी तो आगे क्या-क्या करना है, वो सभी चीजें तय हो जाएंगी और इसको सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

बाबा साहेब की जयंती पर पटना में आयोजित समारोह में शामलि हुए राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं सीएम नीतीश कुमार, प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया नमन


डेस्क : देश के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की आज 132वीं जयंती है। आज उन्हें पूरा राष्ट्र नमन कर रहा है। जगह- जगह पर कार्यक्रम आयोजित करके उन्हें याद किया रहा है। 

आंबेडकर जयंती को समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। वहीं इस जयंती को मनाने के पीछे एक वजह और भी है। भीमराव आंबेडकर ने भारत का संविधान लिखा था, जो जाति और धर्म की परवाह न करते हुए सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है।

इधर इस मौके पर पटना हाई कोर्ट के समीप आयोजित राजकीय समारोह में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाबा साहेब डॉ० भीमराव अम्बेडकर के आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। 

इस अवसर पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा आरती पूजन, भजन, बिहार गीत एवं देशभक्ति गीतों के कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये ।

मौके पर मौजूद भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, शिक्षा मंत्री श्री चन्द्रशेखर, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन, विधि मंत्री शमीम अहमद, बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधीजी, पूर्व मंत्री श्याम रजक, पूर्व मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, बिहार राज्य नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव अरविंद कुमार, राज्य खाद्य आयोग के पूर्व सदस्य नंदकिशोर कुशवाहा, बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य शिवशंकर निषाद, जदयू नेता ओमप्रकाश सेतु सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों, सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी की आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव अभी सिंगापुर नहीं जाएंगे, डॉक्टरों की सलाह पर बदला उनका उनका प्लान, अगले माह सिंगापुर जाने की संभावना

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव अभी सिंगापुर नहीं जाएंगे। उनका प्लान बदल गया है। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद सेहत पहले से बेहतर है और वे अगले माह सिंगापुर जा सकते हैं। उनकी सेहत पर लगातार नजर रखी जा रही है और वे चिकित्सकीय देखरेख में है। दिल्ली के चिकित्सकों ने स्थानीय स्तर पर उनके स्वास्थ्य की जांच कर रिपोर्ट सिंगापुर के चिकित्सकों को भेज दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार लालू प्रसाद अभी सिंगापुर नहीं जाएंगे। 13 अप्रैल को सिंगापुर चिकित्सकीय जांच के लिए उनके जाने की संभावना पूर्व में जतायी गयी थी। इधर आरजेडी चीफ लालू प्रसाद का दिल्ली में रहना महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि मिशन 2024 को लेकर विपक्षी एकता की मुहीम अभी रेस में हैं। दिल्ली में नीतीश कुमार की नेताओं से मुलाकात में लालू यादव की अहम भूमिका रही।

राजद के सूत्रों के अनुसार चिकित्सकों की सलाह के बाद ही लालू प्रसाद सिंगापुर के लिए रवाना होंगे। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान सिंगापुर में किडनी का ट्रांसप्लांट करने वाले चिकित्सकों के साथ लालू प्रसाद के स्वास्थ्य रिपोर्ट के आधार पर विमर्श किया है। सिंगापुर के चिकित्सकों ने अभी वहां आने की स्वीकृति नहीं दी है। इस वजह से लालू यादव अभी सिंगापुर नहीं जा रहे हैं।

 विपक्षी एकता की कवायद में लालू प्रसाद के दिल्ली प्रवास को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, लालू प्रसाद विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं लेकिन उनके निर्देश पर ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ इस मुहिम में शामिल हैं। तेजस्वी लगातार विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं। गौरतलब है कि 25 सितंबर 2022 को राजद प्रमुख लालू प्रसाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक साथ कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर जाकर मिले थे।

पिछले साल दिसम्बर माह में सिंगापुर में लालू यादव का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने उन्हें अपनी किडनी दी। काफी दिनों तक सिंगापुर में रहने के बाद लालू भारत आए। फिलहाल वे दिल्ली में अपनी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती के आवास पर स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। जांच के लिए 13 अप्रैल को लालू यादव सिंगापुर जाने वाले थे। फिलहाल डॉक्टर की सलाह पर उनका प्रोग्राम टल गया है।

बिहार में बनेगी अगली बार बनेगी बीजेपी की सरकार, अपराधियों का होगा सफाया भाजपा : सम्राट चौधरी

डेस्क : बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगली बार यहां भाजपा की सरकार बनेगी और कोई भी अपराधी बख्शा नहीं जाएगा। जरूरत हुई तो पुलिस अपराधियों का एनकाउंटर भी करेगी। 

उन्होंने मीडिया से बातचीत में गुरुवार को कहा कि बिहार में अपराधियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। आए दिन लूट और हत्या जैसी घटना को अपराधी अंजाम दे रहे है। अगली बार यहां भाजपा की सरकार बनेगी और कोई भी अपराधी बख्शा नहीं जाएगा। जरूरत हुई तो पुलिस अपराधियों का एनकाउंटर भी करेगी।   

देश में चल रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंधी से विपक्षी दलों का मनोबल पूरी तरह टूट चुका है। यही कारण है कि कल तक एक-दूसरे को पानी पी-पी कर कोसने वाले अवसरवादी आज एक साथ खड़े होने को मजबूर हो चुके हैं। लेकिन, दिल्ली पर कब्जा करने की इनकी मंशा कभी पूरी नहीं होने वाली। वर्ष 2024 से पहले इनकी एकता ताश के महल की तरह भरभरा कर ध्वस्त हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति या परिवार के इर्द-गिर्द बने इनके दलों में पहले ही दंगल मचा हुआ है। इनमें हर दूसरा व्यक्ति पीएम का उम्मीदवार है। अगर हिम्मत हो तो बताएं कि इनकी बारात का दूल्हा कौन है?

राज्य के अपराधियों, माफियाओं और नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 142 की संपत्ति जब्त करने के लिए ईओयू ने ईडी को भेजा प्रस्ताव

डेस्क : राज्य के अपराधियों, माफियाओं और नक्सलियों के खिलाफ बड़ा कदम उठाया गया है। सरकार ने इनकी अवैध संपत्ति जब्त करने के लिए इसकी पूरी फेहरिस्त अपडेट करके ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को भेज दी गई है। 142 अपराधियों के खिलाफ पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट) के अंतर्गत कार्रवाई कर संपत्ति जब्त करने के लिए यह प्रस्ताव आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने भेजा है।

इस लिस्ट में आय से अधिक संपत्ति मामले में पकड़े गए कुछ अधिकारी भी शामिल हैं। इन पर पहले राज्य की जांच एजेंसी ईओयू या विशेष निगरानी इकाई के स्तर से शिकंजा कसा जा चुका है। इस सूची में सबसे ज्यादा 30 से अधिक नाम शराब माफियाओं या तस्करों के हैं। इसमें आधा दर्जन नाम दूसरे राज्यों से पकड़े गए शराब माफियाओं या सप्लायर के हैं, जिन्हें दूसरे स्थानों से गिरफ्तार किया गया है। 

इस सूची के आधार पर ईडी लिस्ट तैयार करेगी, जिन्होंने करोड़ों की चल एवं अचल संपत्ति जमा कर ली है। इन पर इंफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।

जिन कुख्यात शराब माफियाओं के नाम सूची में हैं, उसमें राज कुमार यादव, अनिरुद्ध सिंह, मो. एकरामुल, सुधीर कुमार मंडल, जुगनू ओझा, योगेंद्र प्रसाद गुप्ता, मनीश शाह, प्रदीप यादव, बसंत सिंह, पंकज राय, विक्रम यादव, कन्हैया कुमार, विक्रम यादव, अमरनाथ शाह, जितेंद्र राय समेत अन्य शामिल हैं। इसमें दूसरे राज्यों से पकड़े गये माफियाओं में त्रेता सवालिया सिंह, जीते ऊर्फ जितेंद्र, चंदन कुमार, रविंद्र बिंदर, विश्वजीत जैसे नाम शामिल हैं।

एडीजी ईआयू नैयर हसनैन खान ने कहा है कि माफियाओं, अपराधियों, तस्करों समेत अन्य की यह सूची ईडी को भेजी गई है। ताकि इन पर पीएमएलए के तहत कार्रवाई हो सके। आपराधिक गतिविधि से संपत्ति अर्जित करने वाले ऐसे कुछ अन्य लोगों की जांच अभी चल रही है और जल्द ही कुछ अन्य नाम भी ईडी को भेजे जायेंगे। अपराध से संपत्ति अर्जित करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती आज, राष्ट्र कर रहा नमन

डेस्क : देश के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की आज 132वीं जयंती है। आज उन्हें पूरा राष्ट्र नमन कर रहा है। जगह- जगह पर कार्यक्रम आयोजित करके उन्हें याद किया रहा है। 

आंबेडकर जयंती को समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। वहीं इस जयंती को मनाने के पीछे एक वजह और भी है। भीमराव आंबेडकर ने भारत का संविधान लिखा था, जो जाति और धर्म की परवाह न करते हुए सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है।

जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले डॉ. आंबेडकर को समानता और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। बाबा साहेब का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के महू गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल वहीं माता का नाम भीमाबाई था। 

महार जाति के होने की वजह से डॉ. अंबेडकर को बचपन से ही भेदभाव का सामना करना पड़ा। यही वजह भी है कि अब इस जयंती को जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने के रूप में भी मनाया जाता है।