बिहार से सबसे बड़े बेऊर जेल की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही उजागर, कचरे की गाड़ी में छिपकर बंदी फरार, बाद में पकड़ाया, छह सुरक्षाकर्मियों को किया गया निलंबित
बिहार से सबसे बड़े बेऊर जेल की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। जेल में बंद एक कैदी फरार हो गया और पुलिस वालों को पता भी नहीं चला। जेल प्रशासन ने छह सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया है। हालांकि, फरार कैदी को फिर से पकड़ लिया गया है।
शनिवार को बेऊर जेल में आयी कचरे की गाड़ी में छिपकर एक बंदी आसानी से भाग निकला और जेल में तैनात सुरक्षाकर्मियों को उसकी भनक तक नहीं लगी। यह घटना सुबह छह बजकर 40 मिनट की है। बंदी का नाम महेंद्र यादव (42) है। वह मूल रूप से मसौढ़ी का रहने वाला है। शराब के मामले में महेंद्र को बीते 13 मार्च को गिरफ्तार कर बेऊर जेल भेजा गया था।
इधर, बंदी के गायब होने के बाद पूरे जेल में हड़कंप मच गया। जेल प्रशासन ने काफी देर तक स्थानीय पुलिस को इसकी खबर नहीं दी। बंदी के भागने के बाद जेल कर्मियों ने खुद ही उसे ढूंढ़ना शुरू किया तो वह बेऊर जेल मेन रोड के पास स्थित बीएसएपी के क्वार्टर के समीप झाड़ी में छिपा मिला। सुबह के साढ़े नौ बजे उसे बरामद कर जेल प्रशासन की टीम वापस ले आयी। मामले में जेल अधीक्षक ने गेट वार्डर (गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी), तलाशी में लगे जवान, जेल इंचार्ज, जिस वार्ड में महेंद्र रहता था उसके प्रभारी समेत 5 को निलंबित कर दिया। जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार के मुताबिक जेलर, हवलदार, सहित चार से स्पष्टीकरण की मांग की गई है।
पूरी रात वार्ड से गायब रहा
रात की गिनती के बाद महेंद्र वार्ड से चकमा देकर निकल गया। वह कचरे के ढेर के पास जाकर छिपा था। बदबू के कारण खड़े रहना जहां मुश्किल है वहां वह पूरी रात खड़ा रहा। सुबह में कचरा उठाने वाली गाड़ी में वह छिप गया। महेंद्र की हड़कतों की किसी भी सुरक्षाकर्मी को भनक तक नहीं लगी।
जेल की सुरक्षा पर सवाल
जेल की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। गिनती के बाद बंदी निकल गया और भनक तक नहीं लगी। इसका फायदा कोई कुख्यात भी उठा सकता है। ऐसी गाड़ियों में आपत्तिजनक सामान को जेल के भीतर पहुंचाया जा सकता है।
कचरे से खुद को ढंक लिया था, चालक पर भी केस
रविवार को वरीय अधिकारी बेऊर जेल का निरीक्षण करने वाले हैं। इसे लेकर शनिवार की सुबह से ही जेल के भीतर तैयारी चल रही थी। नगर निगम की गाड़ी कचरा उठाने आयी थी। इसी बीच मौका देखकर महेंद्र गाड़ी के अंदर जा छिपा। इसपर किसी ने ध्यान नहीं दिया। बंदी ने खुद को कचरे से ढंक लिया था। कचरा भरने के बाद गाड़ी आसानी से बेऊर जेल गेट से निकल गई और किसी को भनक तक नहीं लगी। इस मामले में महेंद्र यादव के साथ ही नगर निगम गाड़ी के चालक दीपू राम पर भी केस दर्ज किया गया है।
Apr 02 2023, 17:27