सिंदरी के बीमार विधायक की सदस्यता बची, स्पीकर की उदारता और सत्ता पक्ष के सहयोग से हुआ सम्भव
रांची। राजनीति में पक्ष-विपक्ष के बीच की जो माहौल है उस अलग हटकर झारखंड में एक मानवीय पक्ष देखने को मिला।
मानवीय आधार पर राजनीति में बहुत कम फैसले लिए जाते हैं। लेकिन जैसा झारखंड के विधानसभा के बजट सत्र के दौरान देखने को मिला।उस से पूरे देश के राजनीतिज्ञ को सबक लेने की जरूरत है।
विदित हो कि स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो की पहल और तत्परता से सिंदरी के भाजपा विधायक इंद्रजीत महतो की सदस्यता निरस्त होने से बच गई। विधायक कोरोना से संक्रमित होने के कारण लंबे अरसे से बीमार हैं। उनका इलाज हैदराबाद में चल रहा है।
वे विधानसभा की बैठकों से लगातार अनुपस्थित हैं। संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक लगातार 60 बैठकों तक अनुपस्थित होने पर सदस्यता को रद्द करने का प्रावधान है। विधानसभा सचिवालय के मुताबिक महतो 52 बैठकों से अनुपस्थित हैं।
अगले मानसून सत्र में उनकी सदस्यता निरस्त हो जाती। वे अयोग्य करार दिए जाते। ऐसे में स्पीकर ने मानवीय आधार पर अपने स्तर से पहल की। इस संबंध में उन्होंने नेता सदन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विश्वास में लिया। वे तुरंत तैयार हो गए।
वे विधानसभा की बैठकों से लगातार अनुपस्थित हैं। संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक लगातार 60 बैठकों तक अनुपस्थित होने पर सदस्यता को रद्द करने का प्रावधान है। विधानसभा सचिवालय के मुताबिक महतो 52 बैठकों से अनुपस्थित हैं।
अगले मानसून सत्र में उनकी सदस्यता निरस्त हो जाती। वे अयोग्य करार दिए जाते। ऐसे में स्पीकर ने मानवीय आधार पर अपने स्तर से पहल की। इस संबंध में उन्होंने नेता सदन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विश्वास में लिया। वे तुरंत तैयार हो गए।
इसके बाद विधानसभा में उनकी अनुपस्थिति को क्षम्य करने का प्रस्ताव लाया गया, जिसका सभी सदस्यों ने समर्थन किया। यह झारखंड का पहला दृष्टांत है, जब विधानसभा में किसी सदस्य की अनुपस्थिति क्षम्य करने का प्रस्ताव लाया गया। लोकसभा में ऐसे दृष्टांत आए हैं।
क्या कहता है नियम
संविधान के अनुच्छेद 190(4) में इस संबंध में दिशानिर्देश है। यदि किसी राज्य के विधान मंडल के सदन का कोई सदस्य साठ दिनों की अवधि के लिए सदन की अनुमति के बिना उसकी सभी बैठकों से अनुपस्थित रहता है तो सदन उसकी सीट को खाली घोषित कर सकता है।
सदन में अगर किसी विधायक ने इसका विरोध किया तो मत विभाजन की नौबत आ जाती है। ऐसे में संख्या बल के आधार पर भाजपा विधायक की सदस्यता खतरे में पड़ सकती थी, लेकिन पक्ष-विपक्ष के सारे विधायकों ने एक स्वर में इंद्रजीत महतो की अनुपस्थिति को क्षम्य करने संबंधी प्रस्ताव का समर्थन किया।
इंद्रजीत महतो के इलाज को अबतक 1.30 करोड़ रुपये अग्रिम
विधानसभा सचिवालय ने सिंदरी के विधायक इंद्रजीत महतो के इलाज में भी पूरी तत्परता दिखाई है। अभी तक उनके इलाज के लिए 1.30 करोड़ रुपये अग्रिम दिया जा चुका है। धनबाद की पूर्व जिला परिषद सदस्य व सिंदरी के भाजपा विधायक इंद्रजीत महतो की पत्नी तारा देवी ने बताया कि विधायक की हालत में अभी पहले की अपेक्षा सुधार है।
दो वर्षों से वह हैदराबाद स्थित एचसीएएच सुवितास न्यूरो रिहैबिलिटेशन सेंटर में भर्ती हैं। विधायक अभी मुंह से आहार ले रहे हैं। वे बोल नहीं पाते हैं। इशारों में जवाब देते हैं। डाक्टर व नर्सिंग स्टाफ की देखरेख में उन्हें सहारा देकर चलाया जाता है।
उन्हें नियमित फिजियोथेरेपी दी जा रही है। कोरोना ने उनके तंत्रिका तंत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है। सुधार धीरे-धीरे हो रहा है। उनकी चिकित्सा में लगे डाक्टरों का कहना है कि वे जल्द पूरी तरह स्वस्थ होंगे।
Mar 30 2023, 12:51