पलाश भवन में अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय ऑल इंडिया स्प्रिंग आर्ट कैम्प “प्रकृति” का किया जा रहा आयोजन।
20 से 22 मार्च तक राष्ट्रीय स्तर के चित्रकारों द्वारा होगा चित्रकला का प्रदर्शन
रांची: अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के अवसर पर हम संकल्प लें कि आने वाले 6 महीनों में 5 पेड़ अवश्य लगायें और उन्हें अपने पूर्वजों को समर्पिंत करें, ताकि हमारी संवेदना उन पेड़ों से जुड़ी रहे और उनकी देखभाल हम अच्छे तरीके से कर पायें। उक्त बातें प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह वन बल प्रमुख डा0 संजय श्रीवास्तव ने कही।
वे मंगलवार को पलाश भवन में अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के अवसर पर वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, झारखंड सरकार द्वारा आयोजित ऑल इंडिया स्प्रिंग आर्ट कैम्प “प्रकृति” कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
झारखण्ड एक वन संपन्न प्रदेश है, लेकिन फिर भी। कई चुनौतियां
उन्होंने कहा कि झारखण्ड एक वन संपन्न प्रदेश है, लेकिन हमारे सामने कई चुनौतियां हैं। झारखण्ड के परिप्रेक्ष्य में बात करें, तो जलवायु परिवर्तन राज्य में चिंता का विषय है। भूमि की उपजाऊ शक्ति में भी झारखण्ड सबसे नीचे है। इस दिशा में हमें काम करने की जरुरत हैं। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से जंगल पर निर्भर हैं। लगभग 95 प्रतिशत खाने के सामान से लेकर 75 प्रतिशत दवाई बनाने के उत्पाद वनों से ही आते हैं। हमें वनों के संरक्षण एवं विकास पर ध्यान देना होगा।
कलाकार हों या वन सुरक्षा समिति के सदस्य, कर्मचारी हों या पदाधिकारी, सभी को आपस में सहयोग करते हुये वनों को बचाने, बढ़ाने और उनके विकास को अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेवारी समझते हुये कार्य करना होगा।
राज्य के 36 जगहों में नगर वन विकसित करने का किया जा रहा कार्य
डा0 संजय श्रीवास्तव ने कहा कि झारखण्ड के शहरों में नगर वन की योजना पर काम किया जा रहा है । पूरे राज्य के 36 जगहों में नगर वन विकसित करने का कार्य किया जा रहा है, जहां 2-4 हेक्टेयर जमीन पर जंगल का स्वरूप आकार लेगा। साथ ही पूरे राज्य में नदियों के किनारे भी लगभग 134 किमी की लम्बाई में पेड़़ लगाये जाएंगे।
झारखंड में पिछले 2 वर्ष में 2 प्रतिशत वन की हुई है वृद्धि
अपर मुख्य मुख्य वन संरक्षक, कैम्पा संजीव कुमार ने कहा कि वन का महत्व सभ्यता की शुरुआत से है।आज वन का महत्व अस्तित्व से जुड़ गया है।वर्तमान में जलवायु परिवर्तन की समस्या से वन का महत्व और अधिक बढ़ गया है ।हमें वन के विकास एवं संरक्षण पर ध्यान देने की ज़रूरत है।वन विभाग लगातार इस ओर प्रयासरत है इसी का नतीजा है कि वर्ष 2021 के 17वें रिपोर्ट में झारखंड में 110 वर्ग किमी वन क्षेत्र बढ़ा है।उन्होंने कहा कि झारखंड देश के उन राज्यों में शामिल है, जहाँ पिछले 2 वर्ष में 2 प्रतिशत वन की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि वन विभाग वन की वृद्धि, जल का संरक्षण एवं वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए वन पर आधारित जीविका के लिए प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि कल वॉटर डे भी मनाया जाएगा।
प्रशस्तिपत्र देकर किया गया सम्मानित
इस अवसर पर झारखंड के विभिन्न जिलों से आए वन सुरक्षा समिति के सदस्यों को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया। वन सुरक्षा समिति के सदस्यों एवं विभिन्न राज्यों से आये कलाकरों और वन संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहे लोगों ने अपने-अपने अनुभव साझा कियें ।
चित्रकार अपनी चित्रकला के माध्यम से लोगों को वनों के संरक्षण हेतु जागरूक करने का कर रहें काम
ऑल इंडिया स्प्रिंग आर्ट कैम्प “प्रकृति” में देश के विभिन्न राज्यों से आए बच्चों एवं राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों द्वारा तीन दिनों तक वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तण के विषय पर चित्र बनाकर प्रदर्शित किया जा रहा है। चित्रकार अपनी चित्रकला के माध्यम से लोगों को वनों के संरक्षण हेतु जागरूक करने का काम कर रहे हैं। देश के कोने -कोने से चित्रकार आए हैं और अपनी चित्रकारी के ज़रिए समाज को प्रकृति को संरक्षित करने का संदेश दे रहे हैं।
यह त्रिदिवसीय कार्यक्रम दिनांक 20 मार्च से 22 मार्च 2023 तक पलाश सभागार, वन भवन, डोरंडा, रांची में आयोजित है। इस अवसर पर विभिन्न स्टॉलों पर कलाकारों द्वारा बनाए गए चित्रों का मुख्य अतिथियों ने अवलोकन किया और सराहा। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों द्वारा स्कूली बच्चों को भी चित्रकारी के बारे में बताया गया। साथ ही उनसे पर्यावरण संरक्षण के बारे में भी जानकारी साझा की गई।
इस अवसर पर वन विभाग के पदाधिकारीगण, विभिन्न राज्यों से आये कलाकार, विभिन्न स्कूलों एवं कॉलेजों से आये विद्यार्थी उपस्थित थे ।
Mar 24 2023, 11:52