जमशेदपुर यक्ष्मा केंद्र में पूर्व पदस्थापित चिकित्सक ने फर्जी उपस्थिति दिखाकर लेती रही पांच साल तक वेतन,सरकार कर रही कार्रवाई
जमशेदपुर : जमशेदपुर के यक्ष्मा उपचार केंद्र, में पदस्थापित चिकित्सक नें पदस्थापित रहते हुए पांच साल तक फर्जी उपस्थिति बनाकर सरकार से वेतन लेती रहीं। जब इसकी जांच राज्य सरकार द्वारा जिम्मेदार पदाधिकारियों एवं कर्मियों की माध्यम से किया तो संबंधित अवधि की चिकित्सकों की उपस्थिति पंजी, ओपीडी रजिस्टर आदि संबंधित कार्यालय से गायब पाई गई।
झारखंड के स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी विधायक सीपी सिंह द्वारा उठाये गए एक सवाल के जवाब में दी है।
हालांकि, विभाग ने जवाब में कहा है कि संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मचारी को चिह्नित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यक्ष्मा उपचार केंद्र, जमशेदपुर की तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी (वर्तमान सेवानिवृत्त) डा. रेणुका चौधरी के कार्यकलापों की जांच के लिए गठित त्रिस्तरीय समिति की रिपोर्ट तथा 18 जनवरी 2006 से 30 अप्रैल 2011 तक फर्जी तरीके से उपस्थिति दर्ज कर वेतन निकासी करने एवं एक सितंबर 1995 से 7 मई 2001 तक की अवधि में अनधिकृत अनुपस्थिति रहने एवं अन्य आरोपों के लिए उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की गई।
इसके आधार पर उनकी पेंशन में शत-प्रतिशत राशि कटौती करने का निर्णय लिया गया। द्वितीय कारण पृच्छा करने पर डा. चौधरी ने कोई नया तथ्य प्रस्तुत नहीं किया। इसके बाद उनके विरुद्ध शत-प्रतिशत पेंशन कटौती करने तथा उक्त अवधि तक सेवा में टूट का दंड लगाया गया।
इधर, विभाग ने गायब दस्तावेज के संबंध में यह भी कहा है कि जिस लिपिक संजय कुमार तिवारी के संरक्षण में यह दस्तावेज था, उनका 28 मार्च, 2022 को आकस्मिक निधन हो चुका है। बताया जाता है कि लिपिक संजय कुमार तिवारी का निधन भी विवादास्पद रहा है।
Mar 22 2023, 14:17