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झारखंड विंधानसभा के बजट सत्र में शराब नीति को लेकर भाजपा ने किया हंगामा,सरकार के पक्ष से भाजपा द्वारा उठाये गए सवाल को बताया तथ्यहीन


(झारखंड डेस्क)

झारखंड में शराब नीति को लेकर झारखंड विधानसभा में हंगामा हुआ। इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोकझोक चला। भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने अल्पसूचित प्रश्न में राज्य की उत्पाद नीति को लेकर विभागीय मंत्री और अधिकारियों पर सवाल उठाया।

बिरंची ने कहा कि झारखंड की शराब नीति में दिल्ली की तरह घोटाला हुआ है। झारखंड में शराब घोटाले का किंग पिंग कौन है। इसकी सीबीआई जांच कराई जाए। मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने जवाब देते हुए बताया कि यह आरोप तथ्यहीन और भ्रामक हैं। तथ्य पेश करने पर मामले की जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। 

प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने नई उत्पाद नीति की वजह से राजस्व की हानि का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि 15 फरवरी 2023 तक राज्य में शराब बिक्री से 1607 करोड़ प्राप्त हुए हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में शराब बिक्री से मिलने वाले राजस्व का लक्ष्य 2500 करोड़ निर्धारित किया गया था। 14 मार्च 2023 तक 690 करोड़ राजस्व का नुकसान हुआ है।

राज्य में छत्तीसगढ़ मॉडल के आधार पर नई उत्पाद नीति लायी जा रही थी। राज्यपाल ने आठ बिंदुओं पर अपनी आपत्तियां दर्ज कर राजस्व पर्षद से मंतव्य लेने के लिए बिल वापस कर दिया था। बावजूद नियमावली लागू कर दी गई।

 भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने भी इसे गंभीर मामला बताते हुए स्पीकर रबींद्रनाथ महतो से विधानसभा की विशेष कमेटी बनाकर जांच की मांग की और कहा कि अगर घोटाला हुआ होगा तो विभागीय मंत्री और सचिव जेल जाएंगे। 

इस पर स्पीकर ने कहा कि एक सदस्य सीबीआई जांच तो दूसरे समिति बनाने की मांग कर रहे हैं। पहले मंत्री अपने स्तर से जांच करा लें।

प्रभारी मंत्री मिथलेश ठाकुर ने जवाब में कहा सरकार ने नियमावली की सारी आपत्तियों को दूर कर कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू किया। राज्यपाल की आपत्ति को भी दूर करने की प्रक्रिया चल रही है। पूरी पारदर्शिता के साथ नीति बनी है। इस वर्ष 2500 करोड़ के राजस्व लक्ष्य की तुलना में 1900 करोड़ का राजस्व हासिल हो चुका है। उन्होंने सदन को विश्वास दिलाया कि शेष लक्ष्य को भी पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2019-20 में विभाग ने रिकॉर्ड 2009 करोड़ का लक्ष्य हासिल किया था। इस बार भी अब तक का रिकॉर्ड राजस्व हासिल किया जाएगा।

नीति में कोई अनियमितता की बात नहीं है। प्रश्न से बाहर की बातों के जवाब के लिए सरकार बाध्य नहीं है। इसी बीच पूर्व मंत्री सरयू राय ने उत्पाद बिक्री का लक्ष्य 2500 करोड़ से घटाकर 2000 करोड़ किए जाने से संबंधित पूरक प्रश्न किया। मंत्री ने कहा कि उन्हें लक्ष्य घटाने जानकारी नहीं है। लक्ष्य हासिल नहीं होने पर एजेंसी से पैनल्टी वसूल कर लक्ष्य हासिल किया जाएगा।

झारखंड विधानसभा में शिक्षा विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान स्पीकर ने भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता को अपना वक्तव्य रखने को कहा। मेहता बोलने के लिए खड़े हुए, लेकिन उन्होंने बहुत नाराज होकर अपनी बातों को रखा और सदन से बाहर चले गए। उन्होंने कहा कि बड़ी मछली-छोटी मछली को खा जाती है, ये सुना और पढ़ा था, लेकिन मेरे साथ ऐसा होगा ये नहीं सोचा था। शशिभूषण ने कहा कि भाजपा को 26 मिनट बोलने के लिये मिला था। एक बहन ने 23 मिनट ले लिया। मेहता ने कहा कि एक साल से शिक्षा विभाग के लिये तैयारी कर रहा था, अब 3 मिनट में क्या बोलूं। ये कहते हुए सदन में अपने द्वारा तैयार किये गए भाषण की कॉपी को फाड़ दी। भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। गुस्से में तमतमाये भाजपा विधायक सदन से बाहर चले गए।

अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने विधायक के सदन से निकलने के बाद कहा कि विधायक बोलना शुरू करते तो जरूर ज्यादा समय उन्हें दिया जाता।

पूर्व सरकार द्वारा मर्ज की गई 4096 स्कूल को वर्तमान सरकार पुनः अलग कर चलाएगी,इसके लिए सभी जिला के उपायुक्त को भेजा गया आदेश

रांची: पूर्व की सरकार द्वारा मर्ज किए गए 4096 स्कूलों को वर्तमान सरकार पुनः खोलेगी। सरकार जिलों के डीसी को इस संबंध में आदेश भेजा गया है। झारखंड विधानसभा में शुक्रवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने ये बातें कहीं।

आलमगीर ने कहा कि स्कूल में ड्रॉप आउट चिंता का विषय है। इसपर कैसे रोक लगे, सरकार गंभीर है। भाजपा विधायक अनंत ओझा के कटौती प्रस्ताव का जवाब देते हुए मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए गंभीर है। बहुत सदस्यों की यह मांग थी कि पूर्व की सरकार में मर्ज किए गए स्कूलों को फिर से खोला जाता। इस पर सरकार की ओर से सभी उपायुक्तों को पत्र गया है। विधानसभा में भोजनावकाश के बाद स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सात करोड़ 24 लाख 69 हजार की अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित हुआ।

मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के लिए 10 करोड़ का प्रावधान

आलमगीर आलम ने कहा कि वर्तमान बजट में मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है। आदर्श विद्यालय योजना के लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है। पारा शिक्षकों का मामला काफी समय से लंबित था। 

हमारी सरकार ने इसका समाधान किया। वहीं अनुदान मांग पर कटौती प्रस्ताव रखते हुए भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा कि अटल बिहारी बाजपेयी जब प्रधानमंत्री बने, तब सर्व शिक्षा अभियान शुरू किया गया था। प्रारंभिक शिक्षा को आगे बढ़ाने का अनुभव झारखंड में भी रहा। आज सरकार ने जो बजट मांगा है, आकार बढ़ाया, लेकिन शिक्षा पर पिछले वर्ष 13.54 प्रतिशत दिया था, इस बार 12.08 प्रतिशत है। उसमें भी 11 माह में 61 प्रतिशत राशि ही खर्च हो पाई है। बचे 30 दिनों में 40 प्रतिशत राशि कैसे खर्च होगी, बड़ा सवाल है।

उन्होंने कहा कि राज्य में 90000 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं। तीन साल बीत गए। कहते थे खजाना खाली है, फिर बोले कोरोना आ गया, आज लाखों रिक्ति की बात मीडिया में आई है। सदन में सीएम कहते हैं खतियान लागू नहीं हो सकता, फिर नौजवानों की भावनाओं से खेलते हुए 1932 का खतियान विशेष सत्र में ले आए। अब कैबिनेट से नया रास्ता निकलने की बात कर रहे हैं।

एमडीएम में अंडा-फल के लिए 200 करोड़ का प्रावधान

स्कूल में बच्चों के मध्याह्न भोजन में अंडा और फल को शामिल किया गया है, इसके लिए बजट में 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उत्क्रमित विद्यालयों के शिक्षक एवम शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन के लिए 575 करोड़ का प्रावधान किया गया है। गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना शुरू कर दी गयी है। इसके तहत उच्च शिक्षा के लिए झारखंड के छात्रों को 15 लाख रुपये चार प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराया जाएगा।

अपडेट न्यूज़: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 23 मार्च को आएंगे झारखंड, रांची-जमशेदपुर को देंगे 5000 करोड़ के सड़क निर्माण की सौगात


सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी 23 मार्च गुरूवार को झारखंड आयेंगे। केंद्रीय मंत्री रांची-जमशेदपुर की 4468 करोड़ की लागत से कई महत्वपूर्ण सड़कों की सौगात भी देंगे। इसके अलावा सड़कों का उद्घाटन भी करेंगे। केंद्रीय मंत्री के दौरे की जानकारी झारखंड सरकार को भी दी गयी है। 

नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की झारखंड कार्यालय की ओर से एनएचएआई के परियोजनाओं के उद्घाटन- शिलान्यास के लिए सूची भी तैयार की गयी है। इसके अलावा एनएच विंग झारखंड भी अलग से रोड की सूची फाइनल कर रहा है जिसका उद्घाटन-शिलान्यास किया जाना है। केंद्रीय मंत्री रांची – बोकारो से जुड़ी 60 किमी एक्सप्रेस-वे निर्माण का भी शिलान्यास करेंगे। जिसमें करीब 2222 करोड़ की लागत आयेगी।

 वहीं, लाइफलाइन मानी जानी वाली एनएच 33 के जमशेदपुर-महुलिया सेक्शन का उद्घाटन भी करेंगे। केंद्रीय मंत्री के झरखंड दौरे को देखते हुए मंत्रालय की ओर से तैयारी करने का निर्देश दिया गया।

 उद्घाटन-शिलान्यास समारोह में सांसदों- विधायकों को भी आमंत्रित किया जायेगा।

सीएम हेमन्त सोरेन ने राज्य के स्थानीय उम्मीदवारों के नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमवाली 2022 के क्रियान्वयन हेतु झार नियोजन पोर्टल का किया उद्घाटन


रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखण्ड विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कक्ष में झारनियोजन पोर्टल का शुभारंभ किया। श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग की ओर से बनाए गए

 http://jharniyojan.jharkhand.gov.in पोर्टल के माध्यम से सरकार नियोक्ता एवं रोजगार ढूंढ रहे अभ्यर्थियों को प्लेटफार्म देने का प्रयास कर करेगी। पोर्टल पर नियोक्ता अपने व्यवसाय एवं उससे संबंधित मानव बल के बारे में जानकारी साझा कर सकते हैं। रोजगार के लिए अभ्यर्थी रजिस्ट्रेशन कर आवेदन भी भर सकेंगे।

40,000 वेतन तक के पदों की नियुक्ति में 75% स्थानीय की होगी नियुक्ति

राज्य के बेरोजगार युवक/युवतियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से झारखण्ड सरकार द्वारा “झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021” पारित किया गया है, एवं अधिनियम के क्रियान्वयन से सम्बंधित नियमावली की अधिसूचना के उपरांत यह अधिनियम 12 सितंबर 2022 से सम्पूर्ण झारखण्ड राज्य में प्रभावी है। यह अधिनियम वैसे सभी प्रतिष्ठान जो निजी क्षेत्र के हों एवं जहां 10 या 10 से अधिक कार्यबल कार्य कर रहे हैं पर लागू होता है। ऐसे सभी प्रतिष्ठानों को इस पोर्टल पर अपना निबंधन करवाना है। अधिनियम के प्रभावी होने के तिथि से वैसे सभी प्रतिष्ठान जिन पर यह अधिनियम लागू होता है द्वारा यदि कोई रिक्ति निकाली जाती है तो ₹40,000 वेतन तक के पदों की नियुक्ति में 75% स्थानीय (झारखण्ड) को नियुक्त करना होगा। झारखण्ड के युवा जो इस अधिनियम का लाभ उठाना चाहते हैं को रोजगार पोर्टल पर निबंधित होना होगा। 

जरूरत के अनुसार सरकार देगी प्रशिक्षण

यदि स्थानीय कम्पनियों द्वारा स्थानीय स्तर पर आवश्यक कौशल युक्त मानव बल की कमी के बारे में सूचित किया जाता है तो सरकार द्वारा आवश्यक कौशल के सम्बंध में प्रशिक्षण दिलाकर स्थानीय युवाओं को योग्य बनाने का प्रावधान अधिनियम के अन्तर्गत किया गया है। यद्यपि अधिनियम के अन्तर्गत दण्ड का प्रावधान है परंतु झारखण्ड राज्य के प्रति अपने सामाजिक एवं नैतिक दायित्वों के निर्वहन के क्रम में स्थानीय कम्पनियों एवं नियोक्ताओं से अपेक्षा की जाती है कि अधिनियम का स्वेच्छा से अनुपालन कर स्थानीय युवक/युवतियों को रोजगार के अवसर प्रदार करेंगे।

झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022 के महत्वपूर्ण तथ्य

अधिनियम / नियम का विस्तार सम्पूर्ण झारखण्ड राज्य में 10 या 10 से अधिक व्यक्तियों का नियोजन करने वाला कोई व्यक्ति अथवा ऐसी संस्था जिसे सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित की जाए, पर लागू होगा। इसमें केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार के उपक्रम शामिल नहीं होंगे, किन्तु केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकार के प्रतिष्ठानों/उपक्रमों में बाह्यस्त्रोत से सेवा उपलब्ध कराने वाली संस्था पर इस अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे।

प्रत्येक नियोक्ता स्वयं को झारनियोजन पोर्टल पर निबंधित करेगा एवं 30 दिनों के अन्दर 40000 रुपये तक वेतन पाने वाले कर्मचारियों की विवरणी पोर्टल में प्रविष्ट करेगा।

उपरोक्त अधिनियम /नियम के तहत प्रत्येक नयी परियोजना प्रारंभ करने वाले नए नियोक्ता परियोजना के प्रारंभ होने के 30 दिन पूर्व प्राधिकृत अधिकारी (इस अधिनियम / नियम के क्रियान्वयन के उद्देश्य के निमित घोशित सम्बंधित जिला के जिला नियोजन पदाधिकारी / नियोजन पदाधिकारी) को उक्त अधिनियम के अधीन आने वाले कर्मचारियों की संख्या को आवश्यक कौशल के साथ स्पष्टतः इंगित करते हुए आवश्यक कर्मचारियों की संख्या की जरूरत सम्बंधी विवरण को प्रस्तुत करना होगा।

अधिनियम / नियम के तहत रिक्तियों एवं नियोजन के बारे में त्रैमासिक प्रतिवेदन प्रत्येक नियोक्ता द्वारा प्रस्तुत की जाने की व्यवस्था निर्धारित की गई हैं।

अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अधीन अभिहित अधिकारी या प्राधिकृत अधिकारी द्वारा पारित किसी आदेश से असंतुष्ट कोई नियोक्ता निर्धारित रीति एवं प्रपत्र में साठ दिनों के अंदर अपीलीय प्राधिकार निदेशक, नियोजन एवं प्रशिक्षण, राज्य सरकार के यहां अपील कर सकता है तथा अपीलीय प्राधिकार द्वारा अपील की सुनवाई का अवसर दिए जाने के बाद साठ दिन के भीतर अपील का निपटारा किया जाएगा।

अधिनियम / नियम के अनुपालन के अनुश्रवण के लिए प्रधान सचिव, श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, झारखण्ड सरकार की अध्यक्षता में एक समिति गठित किए जाने का भी प्रावधान किया गया है।

इस अवसर पर मंत्री सत्यानंद भोक्ता, गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, श्रम विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा एवं श्रम विभाग के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज पर किये जा रहे फायरिंग पर लगा दी थी 2022 में रोक, आज भ है यह आदेश बरकरार


सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमो द्वारा फैलाये जा रहे अफवाह पर मुख्यमंत्री सचिवालय ने दिया जवाब

रांची: मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के आदेश के बाद वर्ष 1994 से अबतक तोपाभ्यास बंद रहने एवं लम्बे अवधि से हजारों ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए The Manoeuvres field Firing and Artillery Practice Act, 1938 एक्ट Chapter II के कंडिका-9 के आलोक में नेतरहाट फिल्ड फायरिंग रेंज को पुनः अधिसूचित करने के प्रस्ताव को राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022 में अस्वीकृत कर दिया गया था। 

फैलाई जा रही सूचना निराधार

मीडिया और सोशल मीडिया में माध्यम से यह बात फैलाई जा रही है कि नेतरहाट फिल्ड फायरिंग रेंज रद्द नहीं हुआ है। जबकि राज्य सरकार के पत्रांक-582, दिनांक-29.08.2022 एवं पत्रांक-376, दिनांक- 14.06.2022 में स्पष्ट उल्लेख है कि नेतरहाट फिल्ड फायरिंग रेंज को पुनः अधिसूचित करने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के आदेश पर अस्वीकृत कर दिया गया है। अब यहां राज्य सरकार के निर्णय के उपरांत किसी तरह का सैन्य अभ्यास हजारों ग्रामीणों की भावनाओं को देखते हुए नहीं किया जाएगा।

छोटी सी बात पर रेलकर्मी के परिवार के 3 लोगों की कर दी थी हत्या,कोर्ट ने साढ़े 3 साल बाद सुनाया फांसी की सजा,पढिये पूरी खबर...?


(झारखंड डेस्क)

झारखंड के बरकाकाना में रेलकर्मी के साथ 17 अगस्त 2019 को एक ऐसी घटना को आरपीएफ के एक जवान ने अंजाम दिया था जिससे से पूरा देश के लोगों में आक्रोश था।इस घटना में एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत हो गयी थी।अंततः कोर्ट ने इन मृतकों के साथ न्याय करते हुए दोषी को सजाए मौत का फैसला सुनाया।

इस चर्चित तिहरे हत्याकांड के दोषी आरपीएफ जवान को आज एडीजे प्रथम शेषनाथ सिंह की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। अदालत ने पवन को धारा 302 के तहत फंसी सुनाई। इसके साथ ही धारा 307 में 10 साल कारावास और आर्म्स एक्ट में सात साल कारावास की सजा के साथ दोनों ही धाराओं में 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया। अर्थदंड नहीं देने पर पवन को एक-एक साल की सजा अतिरिक्त भुगतनी होगी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

दूध नही देने पर रेलकर्मी अशोक राम के घर घुस कर चलाई थी गोली

बरकाकाना रेलवे कॉलोनी में आरपीएफ के जवान पवन कुमार सिंह ने रेलकर्मी अशोक राम के घर में घुसकर परिवार के पांच लोगों को गोली मार दी थी। घटना 17 अगस्त 2019 रात लगभग सवा 8 बजे की थी। गोली लगने से 55 वर्षीय अशोक राम, 50 वर्षीय उनकी पत्नी लीला देवी व 32 वर्षीय गर्भवती बेटी वर्षा देवी उर्फ मीना देवी की मौत हो गयी थी। जबकि 25 वर्षीय बेटी सुमन देवी और 24 वर्षीय बेटा संजय राम गंभीर रूप से घायल हो गये थे। ट्रिपल मर्डर की घटना से पूरा देश दहल उठा था।

 गांधी मैदान रेलवे कॉलोनी में आरपीएफ जवान ने एक ही परिवार के 5 लोगों को गोली मार दी थी। जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई थी।

घटना को अंजाम देने के बाद पवन सिंह पिस्टल लहराते हुए घटना स्थल से फरार हो गया था। अशोक राम मुलत बभंडी, प्रखंड अंबा, जिला औरंगाबाद बिहार का रहने वाला था। बड़ी मिन्नतों के बाद 10 साल में रेलकर्मी के बड़ी पुत्री मीना देवी गर्भवती हुई थी। डॉक्टर ने घटना के ठीक 5 दिन बाद डिलीवरी का डेट दिया था। 

ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। दुनिया में आने से 5 दिन पहले ही मां के पेट में ही मौत की नींद सो गई। पोस्टमार्टम के समय ऑपरेशन कर नवजात को निकाला गया था।

घायल रेलकर्मी के पुत्री के बयान पर हुआ था दर्ज मुकदमा

घायल रेलकर्मी के पुत्र संजय राम व छोटी पुत्री प्रियंका कुमारी ने उस समय पुलिस को बताया था कि आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह शराब के नशे में धुत होकर रात में करीब सवा आठ बजे उनके घर में दूध मांगने आया था। पिता ने कहा कि दूध नहीं बचा है। इसी बात पर आरपीएफ जवान ने गाली-गलौज करते हुए गोलियां चलाने लगा। छोटी पुत्री प्रियंका ने बताया था कि दोनों बहनें रसोई में थीं, गोली की आवाज सुनने पर दुबक गईं।

साढ़े तीन साल बाद मिला न्याय

आंखों में आंसू पोंछते हुए रमेश कुमार उर्फ बिट्टू ने बताया कि 3 साल 6 महीना 30 दिन के लंबे संघर्ष के बाद उनके परिवार को इंसाफ मिला। इस घटना से मेरा पूरा परिवार बिखर गया। पूरा परिवार सहमा हुआ है। बहुत मुश्किल से परिवार के बचे लोगों की जिंदगी को धिरे-धिरे पटरी पर लाया हूं। लेकिन घटना ने जो जख्म दिया, वह आज भी तरोताजा है। संजय राम उर्फ चिंटू, सुमन कुमारी, प्रियंका कुमारी सभी उस रात की घटना को याद कर सहम जाते हैं।

घटना के बाद आरोपी भोजपुर में था छिपा मार्च 2020 में किया गया गिरफ्तार

बरकाकाना में हुए ट्रिपल मर्डर के आरोपी आरपीएफ जवान पवन सिंह को झारखंड पुलिस ने भोजपुर के गांव तरारी गांव से मार्च 2020 में गिरफ्तार किया था। गांव में छिपकर रहने की सूचना के बाद झारखंड और भोजपुर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते आरोपी जवान पवन सिंह को गिरफ्तार कर लिया था।

7 अगस्त 2019 की रात नशे में धुत आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह दूध मांगने के बहाने रेलकर्मी अशोक राम के घर गया था। जहां उसने रेलकर्मी समेत परिवार के पांच लोगों को गोली मार दी थी। घटना को अंजाम देने के बाद जवान आरपीएफ के बैरक में गया था। हत्या में इस्तेमाल की गई सरकारी पिस्टल को वह बैरक में ही छोड़कर भाग गया था, जिसे बाद में पुलिस ने घटना में प्रयुक्त हथियार को बरामद कर लिया था। ज्ञात हो कि घटना के बाद से आरोपी जवान फरार चल रहा था, जिसके बाद से रामगढ़ पुलिस लगातार उसे तलाश रही थी।

वहीं इस मामले को लेकर पवन के घर की कुर्की भी की गयी थी। लेकिन वो उस समय भी पुलिस के गिरफ्त में नहीं आया था। बाद में 21 मार्च 2020 को पुलिस ने बिहार के भोजपुर जिले के तरारी थाना के करथ से उसको गिरफ्तार किया था।

विधान सभा में नियोजन नीति को लेकर पिछले चार दिनों से चल रहा गतिरोध, आज सदन के सामने रखेंगे मुख्यमंत्री अपनी बात


(झारखंड डेस्क)

रांची: आज विधानसभा में मुख्यमंत्री नियोजन नीति और 1932 के खतियान पर विधानसभा में अपनी बात रखेंगे। पिछले 4 दिनों से जारी गतिरोध के बाद आज मुख्यमंत्री देंगे जवाब।

 मुख्यमंत्री आज सदन में नियोजन नीति पर सरकार का पक्ष प्रस्तुत करेंगे। विपक्ष पिछले 4 दिन से इसकी मांग कर रहा है। सोमवार को शुरू बजट सत्र के दूसरे चरण में बीजेपी और आजसू विधायक लगातार मांग कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सदन में 1932 के खतियान और नियोजन नीति पर 60-40 फॉर्मूले पर सरकार की स्थिति स्पष्ट करें।

 इस मुद्दे को लेकर सदन में कई बार पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार भी हुई है। बीजेपी के विधायक सदन में 60-40 नाय चलतो और 1932 का क्या हुआ लिखा हुआ टीशर्ट पहनकर सदन में आ चुके हैं। वेल में जाकर हंगामा कर चुके हैं।

नियोजन नीति को लेकर जारी था घमासान

गौरतलब है कि 11 नवंबर 2022 को झारखंड की हेमंत सरकार 1932 के खतियान के आधार पर झारखंड की नागरिकता निर्धारित करने वाला विधेयक लाई थी। इसे विधानसभा से पारित भी करा लिया गया लेकिन राज्यपाल ने विधेयक वापस लौटा दिया। वहीं, फरवरी 2020 में हेमंत सोरेन सरकार द्वारा लाई गई नियोजन नीति को दिसंबर 2022 को हाईकोर्ट ने असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया था। पिछले दिनों हेमंत सोरेन सरकार नई नियोजन नीति लाई जिसमें तृतीय और चतुर्थवर्गीय नौकरियों में झारखंड से 10वीं और 12वीं पास करने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई। भोजपुरी, अंगिका और मगही भाषाओं को हटा दिया गया। हिंदी को शामिल किया गया है। स्थायीय भाषा, संस्कृति और परिवेश की जानकारी की बाध्यता भी समाप्त कर दी गई। नियोजन नीति में 60 फीसदी पद झारखंडियों के लिए आरक्षित किया गया वहीं शेष 40 फीसदी पद ओपेन फॉर ऑल रखा गया है। इसी का सदन में विपक्ष विरोध कर रहा है।

मुख्यमंत्री से मांगा गया नियोजन नीति पर जवाब

गौरतलब है कि विपक्ष द्वारा मुख्यमंत्री से नियोजन नीति पर स्पष्टीकरण की मांग को लेकर सदन में पिछले 4 दिन से गतिरोध बना हुआ है। आजसू नेता सुदेश महतो ने कहा था कि नियोजन नीति पर मुख्यमंत्री की चुप्पी बताती है कि सरकार की मंशा युवाओं को रोजगार देने की नहीं है। इसी बीच गुरुवार को गतिरोध खत्म करने के लिए स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने कार्यमंत्रणा समिति की बैठक बुलाई थी।

सदन में गतिरोध खत्म करने के लिए कार्यमंत्रणा समिति की बैठक

स्पीकर रबींद्रनाथ महतो द्वारा बुलाई गई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम, मंत्री चंपाई सोरेन, मंत्री रामेश्वर उरांव, सत्यानंद भोक्ता, झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी, बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव और डॉ. सरफराज अहमद के अलावा, आजसू विधायक सुदेश महतो, रांची विधायक सीपी सिंह, रामचंद्र चंद्रवंशी और सरयू राय सहित अन्य लोग शामिल हुए।

गतिरोध के कारण बाधित हो रही सदन की कार्यवाही

गौरतलब है कि सदन की कार्यवाही 24 मार्च तक चलेगी। इस दौरान बजट में कटौती प्रस्ताव पर चर्चा होनी है। मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को स्पीकर ने विपक्ष के हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चलाया। सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। स्पीकर नाराज भी हुए। कल जब बीजेपी विधायकों ने बोलने का समय मांगा तो स्पीकर ने कहा कि आपलोग नियमन का पालन करते नहीं है। स्लोगन लिखा हुआ टीशर्ट पहनकर सदन में आना मना है। आपलोग नहीं माने। अगर नियमन नहीं मानना है तो फिर समय क्यों मांग रहे हैं।

रांची में शर्मसार करने वाली घटना,हैवान पिता ने चाकू की नोक पर किया अपने बेटी के साथ गलत हड़कत


(झारखंड डेस्क)

रांची के बरियातू थाना क्षेत्र की रहने वाली एक नाबालिग लड़की के शर्मसार घटना घटी है। उस लड़की के पिता ने हीं चाकू की नोक पर उसके पिता ने ही दुष्कर्म किया है।

 घटना बुधवार रात की है। नाबालिग बरियातू के ही एक स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ती है। बरियातू पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपी पत्नी के साथ करता था मारपीट,उसकी हैवानियत से था घर के सभी परेशान

मिली जानकारी के अनुसार आरोपी पिता अक्सर अपनी पत्नी के साथ मारपीट करता था। बुधवार की रात भी वह अपनी पत्नी के साथ घर आया और किसी की बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा होने लगा। उसने पत्नी की जमकर पिटायी कर दी। पत्नी बचने के लिए पास में ही अपने एक परिचित के यहां सोने चली गई। इस दौरान नाबालिग बेटी घर में ही थी। आधी रात को आरोपी उठा और कमरे में सो रही बेटी के साथ गलत हरकत करने लगा। इसका नाबालिग ने विरोध किया। इसके बाद आरोपी रसोई से चाकू लेकर आया और उसकी गर्दन पर लगा दिया। कहा कि अगर शोर मचाएगी तो वह उसकी हत्या कर देगा। इसके बाद आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया।

पत्नी ने ही पति की कूकृत्य का दिया पुलिस को जानकारी

दुष्कर्म की शिकार नाबालिग भागकर अपनी मां के पास पहुंची। पिता की गलत हरकत के बारे में बताया। इसके बाद स्थानीय लोगों की पहल पर मामले की जानकारी बरियातू पुलिस को दी गई। बरियातू पुलिस ने मामले में बिना देरी किए फरार होने की तैयारी कर रहे आरोपी पिता को धर दबोचा। नाबालिग बच्ची का मेडिकल टेस्ट भी पुलिस द्वारा करवाया गया है। बरियातू पुलिस के अनुसार मामले में नाबालिग के बयान पर पॉक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी भी दर्ज कर ली गई है।

झारखंड: राज्य में जल्द मिलेगा युवाओं को नौकरी,जिला स्तर के रिक्त पदों की मांगी गई है सूची, इन पदों पर होगी बहाली


झारखंड: राज्य में नियुक्तियों का रास्ता साफ होनेवाला है. राज्य सरकार इस दिशा में काम शुरू कर दिया है. विभागों से रिक्त पदों की जानकारी जिलास्तर से मांगी गयी है. सदन में गुरुवार को संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने विधायक लंबोदर महतो के एक प्रश्न पर बड़ा एलान किया है. 

मंत्री श्री आलमगीर ने कहा कि 1932 आधारित स्थानीय और नियोजन नीति को सर्वसम्मति से विधानसभा से पारित कराकर राज्यपाल के माध्यम से भारत सरकार को भेजा गया है. इस पर भारत सरकार को निर्णय लेना है. भारत सरकार से इस पर क्या निर्णय लेती है, 

हमलोग भारत सरकार के आदेश का इंतजार नहीं कर सकते हैं. समय निकल जायेगा और नियुक्तियां प्रभावित होंगी. इसको ध्यान में रखकर सरकार ने कैबिनेट से नयी नियुक्ति नियमावली पारित करायी है.

3120 शिक्षकों की नियुक्ति की अधियाचना भेजी गयी

राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति नियमावली में संशोधन व जिलास्तरीय नियुक्ति में इ डब्ल्यू एस के आरक्षण के प्रावधान के बाद अब नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गयी है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने 3800 शिक्षक व प्रयोगशाला सहायक की नियुक्ति के लिए अधियाचना झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को भेज दी है. राज्य के 510 प्लस टू विद्यालयों में 3120 शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. इसके अलावा 690 प्रयोगशाला सहायक की नियुक्ति होगी. प्लस टू शिक्षक व प्रयोगशाला सहायक के लिए पहले भी आवेदन जमा लिया गया था. हाइकोर्ट द्वारा नियुक्ति नियमावली रद्द किये जाने के बाद आयोग द्वारा अधियाचना वापस भेज दी गयी थी. नियमावली में संशोधन के बाद अब फिर से अधियाचना भेजी गयी है.

झारखंड ब्रेकिंग: झारखंड को केंद्र सरकार का बड़ा तोहफा,1579 करोड़ की दी योजना, वहीं और 1500 करोड़ की योजना जल्द मिलने की उम्मीद


झारखंड (झारखंड डेस्क): केंद्र सरकार ने झारखंड को 1579 करोड़ की योजना एक सप्ताह के अंदर दी है. वहीं और 1500 करोड़ की योजना जल्द मिलने की उम्मीद है. 

इसमें पथ निर्माण विभाग तेजी से काम कर रहा है. विभाग ने आनन-फानन में कुछ दिन पहले यहां के लिए छह आरओबी की योजना केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजी थी. चूंकि अन्य राज्यों को स्कीम नहीं मिली. ऐसे में झारखंड के प्रस्ताव पर विचार कर यहां के लिए छह आरओबी को सेतु बंधन योजना के तहत स्वीकृति दे दी गयी है. 

विशेष परिस्थिति में 424 करोड़ की अतिरिक्त योजना लेने में सफलता मिली है. इसमें से भारत सरकार 341 करोड़ देगी.