/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1533309721596966.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1533309721596966.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1533309721596966.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1533309721596966.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1533309721596966.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1533309721596966.png StreetBuzz मुकदमें से नाम निकालने के खेल पर अफसरों ने फेरा पानी Kanpur
मुकदमें से नाम निकालने के खेल पर अफसरों ने फेरा पानी

कानपुर। काकादेव में कारोबारी की बेटी के साथ रेप, ब्लैकमेलिंग की घटना में काकादेव पुलिस का बड़ा खेल सामने आया है।

 मुकदमा दर्ज होने के बाद जिन आरोपियों को पकड़ने के लिये पुलिस पीड़ित को आश्वासन देती रही, वही पुलिस मुकदमें से उनका नाम निकालने में जुट गयी है। पूरे मामले में सत्तापक्ष के एक विधायक का दबाव बताकर इंस्पेक्टर और आईओ मामले में खेल करने में जुटे थे। इसी बीच एक सांसद के हस्ताक्षेप के बाद सीपी ने पूरे मामले को तलब कर लिया। जिसके बाद थाना पुलिस की सारी कलई खुलती नजर आ रही है। 

काकादेव निवासी हास्टल संचालक की बेटी को तेजाब मिल निवासी युवक ने प्रेम जाल में फंसा कर रेप करके वीडियो बना लिये, उसके बाद ब्लैकमेलिंग करता था। इस पूरे केस में छात्रा की सहेली ने उसकी सोशल आईडी आरोपी को मुहैया करा कर दोस्ती करने का दबाव दिया था। जिसकी चैटिंग पीड़ित ने पुलिस को दी थी। 

पुलिस ने शुरूआत में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। वहीं पीड़िता के द्वारा दबाव में दिये गये सोने के बिस्कुट को जिस लकी सुनार ने बिकवाया था। उसे पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया।और तो और नितेश और आरोपी छात्रा का भी पुलिस मुकदमें से नाम निकाल कर एसीपी आफिस फाइल भेज दी। 

थानापुलिस का खेल यहीं नहीं रूका बल्कि पीड़ित को दबाव दिया जा रहा है सुनार को मुकदमें में शामिल कर लिया जायेगा। अगर वो किशोरी और एक युवक का नाम मुकदमें से निकालने में राजी हो जाये।

 पुलिस सूत्रों के अनुसार पूरे मामले में काकादेव इंस्पेक्टर की भूमिका भी संदेह के घेरे मे है। खास बात यह कि बर्रा में डॉक्टर दम्पति की बेटी से हुई घटना में अजय ठाकुर नाम के आरोपी का नाम मुकदमें में है, पर 164 के बयान में उसका नाम पीड़िता ने नहीं लिया पर पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिये हाथ पैर मार रही है। 

काकादेव प्रकरण में आरोपियों के नाम मुकदमें भी है और पीड़िता ने कोर्ट में जो बयान दिये उसमें भी पर थानापुलिस जांच में क्लू न मिलने की बात कहकर खेल कर गयी।

 पूरे मामले में पुलिस आयुक्त ने एसीपी के यहां नाम निकाल कर भेजी गयी फाइल तो तलब कर लिया है। अब आला अफसरों की निगरानी में पूरी जांच होगी।

नामी पान मसाला कम्पनी का रसूख के आगे नाची पुलिस

कानपुर । हमेशा विवादों में रहने वाली पुलिस क्या रसूखदारों की कठपुतली बन गयी? ये सवाल इसलिये कि जिस आंचल खरबंदा, स्पा सेंटर समेत कई मामलों की शिकायतों और जांच को हवाला बनाकर गिरफ्तारी करने से बचती है वही पुलिस रसूखदार की शिकायत पर इतनी तेजी से काम करती है कि मानों आतंकियों की सूचना मिली हो। 

जानकारों के अनुसार पुलिसिया कार्यवाही सवालों के घेरे में

मामला नजीराबाद थानाक्षेत्र से जुड़ा है। जहां एक नामी पान मसाला कारोबारी के इशारे पर पुलिस ने तीन युवकों को न सिर्फ पकड़ा बल्कि लाखों की बरामदगी भी कर ली। जबकि पूरे मामले में कानून के जानकारों के अनुसार पुलिसिया कार्यवाही सवालों के घेरे में है।

शहर के एक नामी व अक्सर सुर्खियों में रहने वाले पान मसाला कारोबारी से का कम्पनी के डायरेक्टर त्रिलोकीनाथ की सूचना पर नजीराबाद पुलिस ने 23 फरवरी को सलीम, मेराज और तुषार नाम के युवक को पकड़ा था। 

आरोप है कम्पनी में आने वाले कूपनों की चोरी करके दुकानदारों को बेंचते थे

कम्पनी के डायरेक्टर का आरोप है कम्पनी में आने वाले कूपनों की चोरी करके दुकानदारों को बेंचते थे जिससे कम्पनी को नुकसान हो रहा था। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नजीराबाद पुलिस ने आनन फानन में सूचना पर तीनों आरोपियों को पकड़ा और 420, 381, 406 का मुकदमा भी दर्ज कर लिया।

यहां एक बड़ा पेंच यह सामने आ रहा है जब तहरीर के अनुसार कम्पनी के डायरेक्टर को पहले ही पता चला चुका था कूपन की चोरी हो रही है पर इसकी सूचना स्थानीय थाना कलक्टरगंज मे नहीं दी। और तो और पुलिस को दी तहरीर में कहा कि आरोपी कूपन का पैसा लेने आ रहे है उनके पास और कूपन हो सकते है जबकि पुलिस को कूपन बरामद नहीं हुआ था।

बिना माल बरामद किये ही कई घंटे आरोपियों को कस्टडी में रखने का आरोप

 परिजनों का आरोप था कि जब कुछ बरामद नहीं हुआ था तो पुलिस ने तीनों को थाने में क्यों बैठाया। जिसके बाद परिजनों ने सीपी आवास पर हंगामा भी किया था। अब पूरे मामले में सोशल मीडिया पर चल रही खबरों में यहां तक कहा जा रहा है कि नामी पान मसाला कम्पनी के मालिको का विवादों से कथित तौर पर नाता रहा है। जीएसटी से लेकर आयकर तक में खेल किये जाते है। सबसे बड़ा सवाल यह है कम्पनी जिन कूपनों को जमा करती थी आखिर उन पर कोई मार्क या सिंबल क्यों नहीं लगाताी थी। 

इससे पता चलता है कम्पनी की मंशा भी कुछ मायनों में ठीक नहीं थी। क्योंकि जो कूपन जलाये जाते थे उनका रिकार्ड होता होगा, कहीं ऐसा तो नहीं कूपनों को जलाने के नाम पर फिर से इस्तेमाल करके अन्य राजस्व विभागों को गुमराह करने का खेल चल रहा है।

फिलहाल सोशल मीडिया पर चल रही खबरों पुलिस की कार्यवाही में गिरफ्तार आरोपियों के परिजनों के आरोपों की हमारा पोर्टल पुष्टि नहीं करता है। लेकिन इस पूरे मामले में स्टेट जीएसटी विभाग को जांच करनी चाहिये कि कूपनों के नाम पर कहीं कम्पनी मार्केट में कोई स्कैम तो नहीं कर रही है। 

इस प्रकरण में पुलिस आयुक्त का क्या कहना 

इस पूरे प्रकरण में पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने बताया कि पुलिस को फौरी सूचना मिली थी उस आधार पर कार्रवाई की गयी है। मुकदमा दर्ज करके जांच चल रही है इसमें कई और लोगों के शामिल होने की आशंका है। दुकानादारों से कूपनों लेने के बाद कम्पनी तुंंरत डमैज या मार्क क्यों नहीं लगाती थी ये जांच का विषय है। फिलहाल मौके से आरोपियों के पास से कूपन बरामद नहीं होने की बात थानेदार ने बतायी है। मामले की जांच की जा रही ह

कम्पनी के डायरेक्टर से नहीं हो सकी बात 

 वहीं इस मामले में कम्पनी के डायरेक्टर त्रिलोकीनाथ से बात करने के लिये फोन किया गया तो उन्होंने अस्पताल में होने की बात कही जिसके चलते उनसे उनका पक्ष नहीं लिया जा सका है।