छोटी सी बात पर रेलकर्मी के परिवार के 3 लोगों की कर दी थी हत्या,कोर्ट ने साढ़े 3 साल बाद सुनाया फांसी की सजा,पढिये पूरी खबर...?
(झारखंड डेस्क)
झारखंड के बरकाकाना में रेलकर्मी के साथ 17 अगस्त 2019 को एक ऐसी घटना को आरपीएफ के एक जवान ने अंजाम दिया था जिससे से पूरा देश के लोगों में आक्रोश था।इस घटना में एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत हो गयी थी।अंततः कोर्ट ने इन मृतकों के साथ न्याय करते हुए दोषी को सजाए मौत का फैसला सुनाया।
इस चर्चित तिहरे हत्याकांड के दोषी आरपीएफ जवान को आज एडीजे प्रथम शेषनाथ सिंह की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। अदालत ने पवन को धारा 302 के तहत फंसी सुनाई। इसके साथ ही धारा 307 में 10 साल कारावास और आर्म्स एक्ट में सात साल कारावास की सजा के साथ दोनों ही धाराओं में 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया। अर्थदंड नहीं देने पर पवन को एक-एक साल की सजा अतिरिक्त भुगतनी होगी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
दूध नही देने पर रेलकर्मी अशोक राम के घर घुस कर चलाई थी गोली
बरकाकाना रेलवे कॉलोनी में आरपीएफ के जवान पवन कुमार सिंह ने रेलकर्मी अशोक राम के घर में घुसकर परिवार के पांच लोगों को गोली मार दी थी। घटना 17 अगस्त 2019 रात लगभग सवा 8 बजे की थी। गोली लगने से 55 वर्षीय अशोक राम, 50 वर्षीय उनकी पत्नी लीला देवी व 32 वर्षीय गर्भवती बेटी वर्षा देवी उर्फ मीना देवी की मौत हो गयी थी। जबकि 25 वर्षीय बेटी सुमन देवी और 24 वर्षीय बेटा संजय राम गंभीर रूप से घायल हो गये थे। ट्रिपल मर्डर की घटना से पूरा देश दहल उठा था।
गांधी मैदान रेलवे कॉलोनी में आरपीएफ जवान ने एक ही परिवार के 5 लोगों को गोली मार दी थी। जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई थी।
घटना को अंजाम देने के बाद पवन सिंह पिस्टल लहराते हुए घटना स्थल से फरार हो गया था। अशोक राम मुलत बभंडी, प्रखंड अंबा, जिला औरंगाबाद बिहार का रहने वाला था। बड़ी मिन्नतों के बाद 10 साल में रेलकर्मी के बड़ी पुत्री मीना देवी गर्भवती हुई थी। डॉक्टर ने घटना के ठीक 5 दिन बाद डिलीवरी का डेट दिया था।
ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। दुनिया में आने से 5 दिन पहले ही मां के पेट में ही मौत की नींद सो गई। पोस्टमार्टम के समय ऑपरेशन कर नवजात को निकाला गया था।
घायल रेलकर्मी के पुत्री के बयान पर हुआ था दर्ज मुकदमा
घायल रेलकर्मी के पुत्र संजय राम व छोटी पुत्री प्रियंका कुमारी ने उस समय पुलिस को बताया था कि आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह शराब के नशे में धुत होकर रात में करीब सवा आठ बजे उनके घर में दूध मांगने आया था। पिता ने कहा कि दूध नहीं बचा है। इसी बात पर आरपीएफ जवान ने गाली-गलौज करते हुए गोलियां चलाने लगा। छोटी पुत्री प्रियंका ने बताया था कि दोनों बहनें रसोई में थीं, गोली की आवाज सुनने पर दुबक गईं।
साढ़े तीन साल बाद मिला न्याय
आंखों में आंसू पोंछते हुए रमेश कुमार उर्फ बिट्टू ने बताया कि 3 साल 6 महीना 30 दिन के लंबे संघर्ष के बाद उनके परिवार को इंसाफ मिला। इस घटना से मेरा पूरा परिवार बिखर गया। पूरा परिवार सहमा हुआ है। बहुत मुश्किल से परिवार के बचे लोगों की जिंदगी को धिरे-धिरे पटरी पर लाया हूं। लेकिन घटना ने जो जख्म दिया, वह आज भी तरोताजा है। संजय राम उर्फ चिंटू, सुमन कुमारी, प्रियंका कुमारी सभी उस रात की घटना को याद कर सहम जाते हैं।
घटना के बाद आरोपी भोजपुर में था छिपा मार्च 2020 में किया गया गिरफ्तार
बरकाकाना में हुए ट्रिपल मर्डर के आरोपी आरपीएफ जवान पवन सिंह को झारखंड पुलिस ने भोजपुर के गांव तरारी गांव से मार्च 2020 में गिरफ्तार किया था। गांव में छिपकर रहने की सूचना के बाद झारखंड और भोजपुर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते आरोपी जवान पवन सिंह को गिरफ्तार कर लिया था।
7 अगस्त 2019 की रात नशे में धुत आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह दूध मांगने के बहाने रेलकर्मी अशोक राम के घर गया था। जहां उसने रेलकर्मी समेत परिवार के पांच लोगों को गोली मार दी थी। घटना को अंजाम देने के बाद जवान आरपीएफ के बैरक में गया था। हत्या में इस्तेमाल की गई सरकारी पिस्टल को वह बैरक में ही छोड़कर भाग गया था, जिसे बाद में पुलिस ने घटना में प्रयुक्त हथियार को बरामद कर लिया था। ज्ञात हो कि घटना के बाद से आरोपी जवान फरार चल रहा था, जिसके बाद से रामगढ़ पुलिस लगातार उसे तलाश रही थी।
वहीं इस मामले को लेकर पवन के घर की कुर्की भी की गयी थी। लेकिन वो उस समय भी पुलिस के गिरफ्त में नहीं आया था। बाद में 21 मार्च 2020 को पुलिस ने बिहार के भोजपुर जिले के तरारी थाना के करथ से उसको गिरफ्तार किया था।
Mar 17 2023, 17:19