झारखंड : अब स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनाने वाली रसोइया को मिलेंगे 12 महीने मानदेय
पहले मिलता था 10 महीना,2023-24 से साल में 12 महीने भुगतान का सरकार ने लिया निर्णय
(झारखंड डेस्क)
रांची: पीएम पोषण योजना (मध्याह्न भोजन योजना) में काम करने वाली रसोइया और सहायिका को अब 12 महीने मानदेय मिलेगा।इसके पहले उसे 10 महीने में ही मानदेय मिल रहा था।
झारखंड सरकार ने निर्णय लिया है कि आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 से साल में 12 महीने का मानदेय मिल सकता है। राज्य सरकार इसकी तैयारी कर रही है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसे लेकर प्रस्ताव तैयार किया है। हालांकि राज्य सरकार ने केंद्र से भी 12 माह का मानदेय देने की मांग की है।
85 हजार महिला रसोइया काम कर रही है पूरे राज्य में
पीएम पोषण योजना के तहत राज्य में लगभग 85 हजार महिला रसोइया कार्यरत हैं। भारत सरकार द्वारा स्वीकृत बजट के अनुसार, महिला रसोइया एवं सहायिका को वर्ष में दस माह के लिए ही मानदेय की राशि उपलब्ध कराई जाती है। महिला रसोइया एवं सहायिका कई वर्षों से पूरे वर्ष अर्थात 12 माह के लिए मानदेय देने की मांग करते हुए आंदोलन करती रही हैं।
इन रसोइया को मिलता है प्रति माह 2000 रुपये
बता दें कि इन्हें प्रतिमाह दो हजार रुपये मानदेय मिलता है। इसमें 600 रुपये भारत सरकार द्वारा वहन किया जाता है, जबकि केंद्रांश के रूप में 400 रुपये तथा अतिरिक्त एक हजार रुपये अर्थात कुल 1,400 रुपये राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
पीएम पोषण योजना की बजट को लेकर प्रोग्राम एप्रूबल बोर्ड की बैठक 20 अप्रैल को
पीएम पोषण योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट की स्वीकृति के लिए प्रोग्राम एप्रूबल बोर्ड की बैठक अब 20 अप्रैल को होगी। पहले यह बैठक 14 मार्च को ही होनेवाली थी, लेकिन समय पर नहीं हो सकी थी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पैब की बैठक की नई तिथि की जानकारी राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को दे दी है।
Mar 17 2023, 11:59