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विधायक लखेन्द्र के निलंबन को लेकर बीजेपी विधायकों ने किया राजभवन मार्च, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

डेस्क : बिहार विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान माइक तोड़ने के जुर्म में भाजपा विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन को मंगलवार को दो दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है। मंगलवार को समाज कल्याण विभाग से जुड़े एक सवाल के दौरान बीजेपी विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन ने माइक तोड़ दी थी। जिसके बाद उनके विरुद्ध यह एक्शन लिया गया। 

वहीं आज बुधवार को भी सदन में पहुंचे भाजपा सदस्य अपनी मांग पर अड़े रहे और उन्होंने सदन के प्रवेश द्वार पर जमकर नारेबाजी करते हुए लखेंद्र के निलंबन को वापस लेने की मांग की।

इसके बाद इस मामले को लेकर भाजपा विधायकों ने राजभवन मार्च किया। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से मिलकर भाजपा विधायकों ने उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। 

नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने राज्यपाल से हुई मुलाकात के बाद कहा कि बिहार में गुंडाराज चल रहा है। जिस तरीके से हमारे विधायक को सदन से निलंबित किया गया वह अस्वीकार्य है। इसी मुद्दे पर हमने बिहार के राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें पूरे मामले पर ज्ञापन सौपा। 

विजय सिन्हा ने कहा कि राज्यपाल ने पूरी घटना को गंभीरता से सुना है। राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि हम हस्तक्षेप करेंगे।

बजट सत्र : विधायक लखेन्द्र के निलंबन वापसी की मांग पर अड़ी बीजेपी, सदन से बहिष्कार का किया एलान, धरना पर बैठे

डेस्क : बिहार विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान माइक तोड़ने के जुर्म में भाजपा विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन को मंगलवार को दो दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है। मंगलवार को समाज कल्याण विभाग से जुड़े एक सवाल के दौरान बीजेपी विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन ने माइक तोड़ दी थी। इस दौरान सत्ता पक्ष व विपक्षी विधायकों के बीच भारी नोक झोंक हुई थी। विवाद बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी। भोजनावकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो संसदीय कार्य मंत्री ने विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन से खेद व्यक्त करने को कहा। नेता प्रतिपक्ष ने इसका विरोध किया। वहीं आरोपी विधायक ने खेद व्यक्त करने के इनकार कर दिया और कहा कि दलित होने की सजा दी जा रही है।

वहीं आज बुधवार को भी सदन में पहुंचे भाजपा सदस्य अपनी मांग पर अड़े रहे और उन्होंने सदन के प्रवेश द्वार पर जमकर नारेबाजी करते हुए लखेंद्र के निलंबन को वापस लेने की मांग की। अगर निलंबन वापस नहीं लिया जाता है तो भाजपा ने सदन से बहिष्कार किए रखने की घोषणा की। 

भाजपा विधायकों ने बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया है। भाजपा विधायक लखेंद्र रौशन को सदन से दो दिनों के लिए निलंबित किए जाने के मामले में भाजपा का आक्रामक रुख लगातार जारी है। भाजपा के विधायकों ने बुधवार को फिर से विधानसभा की कार्यवाही से खुद को अलग रखने की घोषणा करते हुए सदन के बाहर प्रवेश द्वार पर धरना शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा की अगुवाई में भाजपा के विधायकों ने लखेंद्र के निलम्बन को वापस लेने की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। 

नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि हमारी मांग है कि लखेंद्र रौशन के खिलाफ जो कार्रवाई की गई है वह अनुचित है। सदन में उनका व्यवहार ऐसा नहीं था कि उन्हें निलंबित किया जाए। उन्होंने कहा कि इसे लेकर वे कल भी यही बात दोहरा चुके हैं और भाजपा विधायकों ने दिन में धरना भी दिया था। लखेंद्र का निलम्बन अगर वापस नहीं हुआ तो आज भी हमलोग सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करते रहेंगे। इस दौरान भाजपा के सदस्यों ने सदन के बाहर खूब हंगामा किया। पूरी कार्रवाई को एकतरफा बताया।

बीजेपी विधायक लखेन्द्र हुई कार्रवाई पर गरम हुई सियासत, भाजपा विधायको ने दोनो सदन के बाहर दिया धरना

डेस्क : बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरु होने के बाद प्रश्नकाल के दौरान माइक तोड़ने के जुर्म में भाजपा विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन को दो दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने दो दिनों के निलंबन का प्रस्ताव दिया जिसे सदन ने बहुमत से पारित कर दिया।  

इधर इस मामले के बाद सियासत गरम हो गई है। भाजपा विधायक के निलंबन के बाद विधानमंडल के अंदर और बाहर जोरदार तनातनी का मौहल रहा। लखेन्द्र कुमार रौशन के निलंबन को एकतरफा कार्रवाई बताते हुए भाजपा के दोनों सदनों के सदस्यों ने विधानमंडल के बाहर धरना शुरू कर दिया। 

पहले बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा और अन्य विधायक धरना पर बैठे। बाद में विधान परिषद में नेता विरोधी दल सम्राट चौधरी भी अन्य भजपा एमएलसी के साथ धरना में शामिल हो गए। 

वहीं इस मामले को लेकर बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने इसे विधानसभा का काला दिन बताया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी पर विपक्ष के साथ भेदभाव बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि दलित विधायक को आज सत्ता पक्ष के एक विधायक द्वारा सदन में गाली दी गई।

गौरतलब है कि आज मंगलवार को समाज कल्याण विभाग से जुड़े एक सवाल के दौरान बीजेपी विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन ने माइक तोड़ दी थी। इस दौरान सत्ता पक्ष व विपक्षी विधायकों के बीच भारी नोक झोंक हुई थी। विवाद बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी। भोजनावकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो संसदीय कार्य मंत्री ने विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन से खेद व्यक्त करने को कहा। नेता प्रतिपक्ष ने इसका विरोध किया। वहीं आरोपी विधायक ने खेद व्यक्त करने के इनकार कर दिया और कहा कि दलित होने की सजा दी जा रही है।

बीजेपी विधायक लखिन्द्र पासवान विस अध्यक्ष ने दो दिनों के लिए किया निलंबित, इस कारण लिया एक्शन

डेसक : बीजेपी विधायक लखिन्द्र पासवान पर विधान सभा अध्यक्ष ने बड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें दो दिनों निलंबित कर दिया है। दरअसल बिहार विधानसभा की आज मंगलवार की कार्यवाही एक फिर हंगामे के साथ शुरु हुई. वहीं प्रश्नकाल के दौरान बड़ी घटना होने से बच गया. कहा जा रहा कि सत्ता पक्ष की तरफ से गाली दी गई तो प्रश्न कर रहे भाजपा विधायक लखिन्द्र पासवान ने माईक तोड़ दिया. इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गए। इस दौरान मामला काफी बढ़ गया. स्थिति इतनी खराब हो गई कि सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी.

स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि सदस्य लखिन्द्र पासवान ने गलत किया. उन्होंने माइक तोड़ दिया है. इस पर उचित कार्रवाई की जायेगी. इस पर विपक्ष की तरफ से नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने जवाब दिया और कहा कि सत्ता पक्ष की तरफ से अपशब्दों और गाली की भाषा का प्रयोग किया गया है. विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है. यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. इस दौरान राजद और भाजपा सदस्य आमने-सामने खड़े थे. विवाद बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को 2 बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी.

वहीं बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरु होने के बाद प्रश्नकाल के दौरान माइक तोड़ने के जुर्म में भाजपा विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन को दो दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है. संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने दो दिनों के निलंबन का प्रस्ताव दिया जिसे सदन ने बहुमत से पारित कर दिया.

बिहार पुलिस के कर्मियों को लिए खुशखबरी, एडीजी मुख्यालय की घोषणा, गंभीर बीमारी के इलाज के लिए मिलेगा ब्याजमुक्त लोन

डेस्क : बिहार पुलिस के सभी रैंक के पुलिसकर्मियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। पुलिस मुख्यालय ने अपने सभी रैंक के पुलिसकर्मियों और उनके आश्रितों को गंभीर बीमारी की स्थिति में आर्थिक सहायता देने से संबंधित नई योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत गंभीर रोग से पीड़ित किसी भी रैंक के पुलिसकर्मी को तीन लाख रुपये तक ब्याजमुक्त लोन तत्काल मिलेगा।

इस लोन को वे छह माह में चिकित्सा प्रतिपूर्ति राशि के आने पर लौटा सकते हैं। अगर चिकित्सा प्रतिपूर्ति राशि से भी यह राशि एडजस्ट नहीं होती है, तो आगामी छह महीने के दौरान संबंधित कर्मी के वेतन से समान किस्तों में इसकी कटौती की जाएगी। यह ऋण मुख्यालय के पास मौजूद पुलिस परोपकार फंड से दिया जाएगा।

एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने पुलिस मुख्यालय में बताया कि पुलिसकर्मियों और उनके आश्रितों को गंभीर बीमारी के दौरान तुरंत इलाज के लिए बड़ी राशि की आवश्यकता पड़ती है। इसे ध्यान में रखते हुए डीजीपी आरएस भट्टी के स्तर पर हुई विशेष बैठक में यह निर्णय लिया गया और पुलिस महकमा में पहली बार ऐसी योजना शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी पुलिस कर्मी के बीमार पड़ने पर सरकार की तरफ से मिलने वाली चिकित्सा सहायता राशि के आने में थोड़ा समय लगता है, क्योंकि इसकी एक निर्धारित प्रक्रिया होती है। ऐसे में किसी आपात स्थिति के दौरान कर्मियों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए यह व्यवस्था की गई है।

एडीजी ने कहा कि इससे पहले 23 फरवरी को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय प्रशासी समिति की बैठक में पुलिसकर्मियों को चिकित्सा से लेकर उनके बच्चों की पढ़ाई समेत अन्य मौकों पर मिलने वाली राशि दोगुनी कर दी गई थी। इसी क्रम में पुलिसकर्मियों के कल्याण से संबंधित बिना ब्याज के तत्काल लोन देने का यह निर्णय लिया गया है। पुलिस सहाय्य एवं कल्याण कोष से कर्मियों तथा उनके आश्रितों को 43 रोगों के इलाज के लिए मिलने वाली राशि भी दोगुनी कर दी गयी है। कैंसर, ओपन हार्ट सर्जरी, किडनी प्रत्यारोपण, ब्रेन ऑपरेशन के लिए 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है।

ईडी की कार्रवाई पर तेजस्वी यादव ने कहा- बहनों के ससुराल वालों के गहने उतरवा कर फोटो लिए, बताया छापे में मिले हैं, दो लाख को बता रहे करोड़ों मिले

बिहार विधानसभा में सोमवार को कार्यवाही के दौरान ED और CBI पर जमकर हंगामा हुआ। इधर, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सदन के बाहर ईडी और सीबीआई की रेड और उससे जुड़ी खबरों पर म्याऊं कहकर तंज कसा। उन्होंने कहा है कि महागठबंधन की सरकार बनी उस दिन भी छापे पड़े थे। क्रोनोलॉजी को समझिए। उस छापे का क्या हुआ। 8 हजार करोड़ का मामला उठाया गया है। उसका क्या हिसाब है। सभी उछल-उछल कर बोल रहे थे, जो भी डायरेक्टर है, स्क्रिप्ट राइटर है। उसे बदल देना चाहिए। कुछ नहीं मिला है।

उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि तेजस्वी यादव से लड़ने की क्षमता नहीं है। औकात नहीं है। हमारी बहनों के यहां छापेमारी की। बहनों के ससुराल में सास है, ननद है, भौजाई है। सभी के गहने उतार कर फोटो लिए । अब अफवाह फैला रहे हैं कि इनके यहां गहने और रुपए मिले हैं। ये ज्यादातर बहनें 2012 के बाद ब्याही गई हैं। छापेमारी में लाख दो लाख मिला है, लेकिन जोड़ कर बता रहे हैं कि करोड़ों मिला है।

ED का आधे घंटा में हो गया था काम खत्म

तेजस्वी ने यह भी कहा कि ED वाले आए तो इनका काम आधे घंटे में खत्म हो गया। बाकी समय ये लोग बैठे रहे। हम लोगों ने चाय, नाश्ता और भोजन कराया, लेकिन वो नहीं जा रहे थे। कह रहे थे कि बोला गया है बैठे रहने को, ताकि बाहर न्यूज चलता रहे। वे नीचता पर आ गए हैं। बीजेपी माइंड सेट वाले भी कुछ लोग हैं। अभी खबर चलाएंगे ये मिला, वो मिला… शेर जैसा दहाड़ेंगे। फिर 10 दिन बाद म्याऊं करेंगे।

सब लोग जान रहे हैं। मेरी पत्नी की प्रेग्नेंसी का आखिरी महीना चल रहा है। आखिरी महीने में कितना ध्यान रखना होता है। मेरी पत्नी का ब्लड प्रेशर हाई रहता है। अब ये ईडी वाले आये। आधे घंटे में काम पूरा कर लिए और बाकी टाइम बैठे रहें। वहीं बिहार विधानसभा के बाहर तेजस्वी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा।

विधानसभा के बजट सत्र में छापे को लेकर जमकर हंगामा हुआ। राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने बिहार में बिना परमिशन छापों पर रोक की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। हम मांग करते है कि ऐसा कानून बनाए ताकि कहीं भी छापेमारी करने से पहले राज्य सरकार से परमिशन ली जाए। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव को लेकर भाजपा घबरा गई है, इसलिए छापेमारी करवा रही है।

बीजेपी ने कहा– तेजस्वी इस्तीफा दें

लैंड फॉर जॉब्स स्कैम में ED की लालू परिवार पर रेड को लेकर बीजेपी विधायकों ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांग की। बीजेपी का कहना है कि वो पद पर बने रहेंगे तो जांच प्रभावित कर सकते हैं। बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि जांच प्रभावित हुई तो केंद्र सरकार बिहार में मिलिट्री फोर्स को भी उतार देगी।

इधर, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने तेजस्वी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच मामले पर घबराहट क्यों है? लालू प्रसाद यादव चपरासी क्वार्टर में रहते थे। वह महलों के मालिक कैसे बने? कैसे इन्होंने इतना माल कमाया है? बिहार की जनता यह जानना चाहती है।

एक दिन पहले भी तेजस्वी ने तंज किया था

एक दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दावे के बाद तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। तेजस्वी ने अपने ट्वीट में कहा कि याद करिए- 2017 में भी कथित 8000 करोड़ का लेन-देन, हजारों करोड़ का मॉल, सैकड़ों संपत्तियां और अभी चंद महीनों पहले गुरुग्राम में अरबों का व्हाइटलैंड कंपनी का अर्बनक्यूब मॉल भी मिला था। भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपाई अब कथित 600 करोड़ का नया हिसाब लाने से पहले अपने सूत्रों को पुराने का तो हिसाब दे देते।

होली के बाद बिहार विधानसभा की कार्यवाही में ED और CBI की कार्रवाई का मुद्दा छाया रहा। राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने बिहार में बिना परमिशन छापों पर रोक की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। हम मांग करते है कि ऐसा कानून बनाए ताकि कहीं भी छापेमारी करने से पहले राज्य सरकार से परमिशन ली जाए। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव को लेकर भाजपा घबरा गई है, इसलिए छापेमारी करवा रही है।

जदयू को लगा एक और बड़ा झटका, पार्टी के पूर्व प्रदेश महासचिव सह प्रवक्ता ई. शंभूनाथ सिन्हा ने अपने दो दर्जन से अधिक नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी से दिया इस्तीफा


डेस्क : जदयू को एक के बाद एक झटका मिल रहा है। पिछले दिनों जहां पार्टी की पूर्व सांसद मीना सिंह ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी मे शामिल हो गई थी। वहीं अब वरिष्ठ जदयू नेता तथा पूर्व प्रदेश महासचिव सह प्रवक्ता ई. शंभूनाथ सिन्हा ने अपने दो दर्जन से अधिक नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ सोमवार को जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। 

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन कर जदयू से नाता तोड़ने का एलान किया। साथ ही उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी रालोजद संग जाने के संकेत दिए। इससे जुड़े सवाल पर कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा एक विकल्प हो सकते हैं।

ई. सिन्हा ने जदयू एवं उसके नेतृत्व पर अपने मूल सिद्धांतों से भटकने का आरोप लगाया। कहा कि जयप्रकाश, कर्पूरी एवं लोहिया के सिद्धांतों पर चलने का दावा करने वाली पार्टी आज सिर्फ सुविधाभोगी अवसरवादियों की एक जमात बनकर रह गई है। 

कहा कि पार्टी के 90 प्रतिशत कार्यकर्ता आज घुटन की स्थिति में हैं। इस संबंध में कई बार मैंने मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें इस स्थिति से अवगत कराने का प्रयास किया, परंतु अफसोस है कि आज तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

इस्तीफा करने वालों में ई शशिकांत, धीरेन्द्र चौधरी, राजकिशोर सिंह, डॉ. संजय कुमार, मंजेश शर्मा, अमरेंद्र कुमार, सतीश शर्मा, अर्जुन सिंह, कौशलेन्द्र मिश्र, उनय कुमार, मुकेश कुमार आदि शामिल हैं।

*32 जिलों के 100 प्रखंडों में खुलेंगे सामुदायिक कॅरियर विकास केंद्र, लाइब्रेरी संचालन करने वाली जीविका दीदी को मिलेगा इतना मानदेय*

डेस्क : राज्य के 32 जिलों के 100 प्रखंडों में सामुदायिक पुस्तकालय सह कॅरियर विकास केंद्र खोले जाएंगे। इसका संचालन जीविका दीदी करेंगी। लाइब्रेरी संचालन करने वाली जीविका दीदी को छह हजार रुपए मानदेय मिलेंगे। सर्वेश कुमार व निवेदिता सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने विधान परिषद में यह जानकारी दी।

मंत्री ने कहा कि बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत राज्य के 32 जिलों के 100 प्रखंडों में संकुल स्तर पर सामुदायिक पुस्तकालय सह कॅरियर विकास केंद्र की स्थापना की जा रही है। प्रश्नकर्ता ने जानना चाहा कि क्या लाइब्रेरियन की नियुक्ति पुस्तकालय के संचालन के लिए नहीं की जा सकती। 

इस पर मंत्री ने कहा कि जीविका समूह से अगर कोई लाइब्रेरियन जुड़ी होंगी तो उनका चयन किया जा सकता है। लेकिन उनको मानदेय मात्र छह हजार ही मिलेंगे। मानदेय कम होने के कारण ट्रेंड अभ्यर्थी इस पुस्तकालय में नहीं आना चाहती हैं। इसलिए मैट्रिक पास वाले को ही लाइब्रेरी की देखभाल के लिए रखा जाएगा। 

बिनोद कुमार जायसवाल के तारांकित प्रश्न के जवाब में ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि सामान्य जिलों में गरीबों को मकान बनाने पर एक लाख 20 हजार जबकि नक्सल प्रभावित जिलों में एक लाख 30 हजार दिए जाते हैं। 2011 की जनगणना की प्रतीक्षा सूची के अनुसार बीपीएल परिवार के मकान बन रहे हैं। नियमानुसार परिवार में किसी एक सदस्य के नाम पर ही मकान बनाए जाने हैं।

डिप्टी सीएम तेजस्वी का बीजेपी पर बड़ा हमला, भाजपा वालों को बताया फर्जी पॉलिटिकल साइंस वाला

डेस्क : डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने उनके परिवार पर जमीन के बदले नौकरी मामले को लेकर हो रही छापेमारी को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होने कहा है कि ये लोग पूरी तरह से फर्जी पॉलिटिकल साइंस वाले लोग हैं। हमलोग असल समाजवादी हैं। 

तेजस्वी ने कहा कि मेरी बहनों के यहां छापे पड़े, तो उनकी सास और ननद के हाथ, नाक और कान के गहने उतारकर ईडी ने फोटो खिंचवाकर जारी की है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी पत्नी गर्भवती है और आखिरी महीना चल रहा है। ब्लड प्रेशर उनका हाई रहता है। पर, ये सीबीआई और ईडी वालों का आधा घंटा में काम खत्म होने के बाद दिनभर बैठे रहे। हमलोगों ने पूछा तो बोले कि ऊपर से फोन आएगा, तब हमलोग जाएंगे। 

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि देश का अडानी हम ही हैं। 80 हजार करोड़ का घोटाला छोड़कर मेरे पीछे एजेंसी लगी है। आरोप लगाया कि भाजपा के बिहार के एक नेता और केंद्रीय मंत्री के यहां अकेले मेरे पूरे परिवार से अधिक राशि मिली, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

12 दिन बीत जाने के बाद भी एनएमसीएच के डॉक्टर संजय का नहीं चला पता, पुलिस ने किया यह एलान

डेस्क : पटना से एनएमसीएच में पदस्थापित डॉक्टर संजय के रहस्यमय ढ़ंग से गायब हुए 12 दिन बीत जाने के बाद भी अबतक कोई पता नहीं चल पाया है। इस मामले में पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं।

इस बावत प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने मिसिंग लोकेशन के आधार पर गंगा ब्रिज पर गाड़ी को बरामद किया है। इस मामले को लेकर एक विशेष टीम का गठन किया गया है। उन्होंने कहा की अभी भी अनुसंधान जारी है। जबतक किसी ठोस नतीजे पर पहुँच नहीं जाते। इस मामले में फिलहाल कुछ कहना जल्दबाजी होगा। पुलिस हर संभव एंगल पर अपनी जांच की दिशा में कार्य कर रही है। घर से लेकर गांधी सेतु तक 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरो की जांच हुई है। जिसमे कोई दूसरा व्यक्ति नहीं पाया गया। अपराध की घटना घटित नहीं हुई है।

एसएसपी ने कहा की इस मामले में जितने Cctv फुटेज मिला है। उसे नई दिल्ली भेजा गया है। जिससे वीडियो को इनहैंस किया जा सके। गंगा ब्रिज से डॉक्टर के मिले गाड़ी की भी फॉरेंसिक जांच हुई है। इस मामले में इओयू की टीम बरामद मोबाइल की जांच की जा रही है।

उन्होंने कहा कि लापता डॉक्टर के सरकारी बैंक खाते को भी पुलिस ने खंगाला है। जिसमे 5 लाख का ट्रांजेक्शन एक घर के रेनोवेशन को किया गया है। पुलिस अबतक लापता डॉक्टर के परिवार के 52 लोगो से पूछताछ कर चुकी है। जिसमे 2 महीने से लापता डॉक्टर के परेशान लग रहे होने की बात कही गई है। हालाँकि इस की परेशानी वजह क्या है अभी साफ़ नहीं हुआ।

वहीँ इस मामले में लगभग 500 नंबर को पुलिस ने आइडेंटिफाई किया है। बिहार, झारखंड, बंगाल सहित अन्य राज्यों की पुलिस से भीं संपर्क किया जा रहा है।

वही पटना एसएसपी ने एलान किया है की जो भी लापता डॉक्टर संजय को ढूंढेंगे उन्हें दो लाख का इनाम मिलेगा। बताते चले की बीते बारह दिनों से लापता डॉकटर संजय की तलाश अबतक जारी है।