बच्चों-महिलाओं की बेरहम पिटाई के विरोध में दो दिनों से बेमियादी धरना दे रहे बनतारा के महादलित, सुने दर्दभरी दास्तां
गोह(ओरंगाबाद)। गोह प्रखंड में देवकुंड थाना के बनतारा गांव में होली की रात डीजे बजाने को लेकर पुलिस द्वारा महादलित परिवार के बच्चों और महिलाओं को बेरहमी से पीटे जाने के विरोध में गांव में ग्रामीणों खिलाफ बनतारा में चल रहा बेमियादी धरना सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। धरना के दूसरे दिन सीपीआई के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने धरना में शामिल होकर आंदोलन का समर्थन किया और पीड़ितो की आवज को बुलंद किया। वही पीड़ितो ने कहा है कि यदि पुलिस का यही रवैया रहा तो वे सपरिवार गांव छोड़कर कही और चले जाएंगे। पीड़ित महिलाओं ने रोते-बिलखते हुए पुलिस की बर्बरता की दास्तां बयां की।
कहा कि हमलोगो का कोई कसूर नही है। हमलोगो को बाल बच्चों समेत बेवजह बेरहमी से पीटा गया है। इसी वजह से वे देवकुंड थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई और फर्जी मकदमा वापस लेने की मांग को लेकर गांव में ही बेमियादी धरना दे रहे है। इस मामले में उन्हे राहत नही मिली तो वे जिला मुख्यालय आकर भी धरना प्रदर्शन करेंगे और अंततः इंसाफ नही मिलने पर गांव छोड़कर दूर चले जाएंगे, जहां पुलिस का कोपभाजन नही बन सके।
वही धरना का समर्थन कर रहे सीपीआई नेताओं-गोह के अंचल मंत्री सुरेश प्रसाद यादव, पूर्व जिला मंत्री जगनारायण सिंह विकल, कृष्णनंदन यादव एवं एलजेपीआर के प्रदेश सचिव विजय कुमार अकेला ने कहा कि देवकुंड थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने होली की रात गांव में पहुँचकर बनतारा गांव के लोगो पर जो अत्याचार किया है, वह गलत है। मामले में पुलिस ने मनगढ़ंत कहानी बनाते हुए महादलितों पर फर्जी मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने मासूम बच्चों और महिलाओं को बेरहमी से पीटा है। मामले में देवकुंड थानाध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाना चाहिए और एसपी को मामले की उच्चस्तरीय जांच करानी चाहिए।
साथ ही जितना जल्द हो सके फर्जी मुकदमा को वापस लेते हुए गांव में शांति अमन बहाल होना चाहिए। यहां के लोगों को न्याय मिलना चाहिए। कहा कि बनतारा के लोगो पर जो पुलिसिया जुल्म ढाया गया है, वह कतई बर्दाश्त करने लायक नही है। वही इस मामले में पूछे जाने पर देवकुंड थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने कहा कि उन पर लगाये जा रहे सारे आरोप निराधार है। गांव में तेज और कर्कश आवाज वाला डीजे बजाया जा रहा था।
इसी सूचना पर पुलिस होली के रात में गांव में गई थी। मना करने पर एक ग्रुप ने डीजे बजाना बंद कर दिया था। वही दूसरा ग्रुप डीजे बजाना बंद करने के बजाय पुलिस से उलझ पड़ा था। उनके द्वारा पुलिस पर हमला बोल दिया गया था।
इसी कारण पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया था। इसी को तिल का ताड़ बनाया जा रहा है। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह जायज है और पुलिस किसी को भी परेशान नही कर रही है।
Mar 14 2023, 15:06