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*तेज रफ्तार ट्रक और ट्रेकर में हुई टक्कर, एक युवक गंभीर रुप से घायल*

औरंगाबाद : जिले में आज एक तेज रफ्तार ट्रक और ट्रेकर की हुई भिड़ंत में एक युवक गंभीर रुप से घायल हो गया। जिसे प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए ऱेफर कर दिया गया। 

घटना दाऊद नगर थाना क्षेत्र के परावा मोड़ के समीप घटित हुई है। जहां एक तेज रफ्तार ट्रक ट्रेक्टर से भूसा लेकर औरंगाबाद जा रहा था तभी ट्रेक्टर मे धक्का मार दिया। घायल युवक की पहचान बारून थाना क्षेत्र के क्रमड़ी गांव निवासी हीराराम सिंह के 45 वर्षीय पुत्र मेघनाथ सिंह के रूप में की गई है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार युवक ट्रेक्टर से भूसा लेकर जा रहा था। तभी सड़क हादसे का शिकार हो गया। इस घटना के बाद घटनास्थल पर आसपास के नागरिकों की भीड़ इकट्ठा हो गई। 

स्थानीय लोगो के द्वारा आनन-फानन में उसे उठाकर इलाज के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल लाया गया। जहां चिकित्सकों के द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालत देखते हुए बेहतर इलाज हेतु ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

जिलाधिकारी ने शिक्षा पदाधिकारी के साथ गेट स्कूल के कैंपस में परित्यक्त भवनों का किया निरीक्षण, दिए कई जरुरी निर्देश

औरंगाबाद : आज दिनांक 11 मार्च 2023 को जिला पदाधिकारी, श्री सौरभ जोरवाल ने भवन निर्माण के अभियंता, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद औरंगाबाद एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ गेट स्कूल के कैंपस में परित्यक्त भवनों का निरीक्षण किया गया।

विद्यालय के कैंपस में कुछ भवन ऐसे थे जिन्हें मरम्मती कराया जाना संभव था। ऐसे ही एक भवन के लिए मरम्मती का आदेश भवन निर्माण विभाग को दिया गया। उक्त भवन की मरम्मती के लिए लगभग 5 लाख की राशि की आवश्यकता थी तथा वर्षों से इस भवन का प्रयोग नहीं हो रहा था। उक्त भवन तक जाने के मार्ग में झाड़ियां थी जिसे साफ कराने का निर्देश कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद औरंगाबाद को दिया गया।

इसके अतिरिक्त गेट स्कूल की भूमि में से ही इंडोर स्टेडियम के सामने एक स्थल था जिसे विकसित किया जाना संभव था। कार्यपालक पदाधिकारी को इंडोर स्टेडियम के दूसरी ओर अवस्थित इस प्लॉट में साफ सफाई कर, बेंच एवं लाइट लगाकर पार्क के रूप के विकसित करने का निर्देश दिया गया ताकी विद्यार्थियों एवं आम नागरिकों के द्वारा इसका उपयोग किया जा सके।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

युवक की पीट-पीटकर हत्या के बाद शहर में बवाल, सांसद व एलजेपी (आर) नेताओं ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को ले किया रोड जाम

     

औरंगाबाद : जिले के बारुण थाना क्षेत्र में टेंगरा नहर के पास बीते शुक्रवार की देर शाम तीन बाइक पर सवार छह अपराधियों द्वारा एक युवक की बेरहमी से पिटाई करने से उसकी मौत हाेने के बाद आज शनिवार की सुबह से बवाल मचा है। 

मृतक के परिजन और ग्रामीण औरंगाबाद शहर में रमेश चौक पर शव को रखकर बवाल कर रहे है। सड़क जाम कर अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग हो रही है। 

मामले में बीजेपी के स्थानीय सांसद सुशील कुमार सिंह ने भी एंट्री मारी है। उन्होने परिजनों को सांत्वना दी है और अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। 

साथ ही घटना के लिए बारूण थाना की पुलिस को दोषी ठहराते हुए थानेदार को मुअत्तल करने की मांग की है। 

गौरतलब है कि युवक को तीन बाइको पर सवार छः अपराधियों ने शुक्रवार को देर शाम बेरहमी से पिटाई कर मरणासन्न हालत में छोड़ दिया था और मौके से फरार हो गये थे। 

घटना के बाद युवक को इलाज के लिए आनन-फानन में औरंगाबाद सदर अस्पताल लाया गया था। चिकित्सकों ने प्रारंभिक उपचार के बाद उसकी हालत बेहद नाजुक बताते हुए बेहतर इलाज के लिए अन्यत्र रेफर कर दिया था। 

रेफर के बाद परिजन युवक को इलाज के लिए पटना के आईजीआईएमएस ले जा रहे थे। इसी दौरान उसकी रास्ते में ही मौत हो गई। 

मृतक चंदन कुमार नरारी कला खुर्द थाना के बसडीहा गांव निवासी राजाराम प्रजापति का पुत्र था। वह टेंगरा नहर पर एक़ छोटी सी दुकान चलाता था और दुकान पर आकर ही अपराधियों ने उसे लाठी-डंडे से बेरहमी से पीटा जिससे उसकी मौत हो गई। 

युवक की मौत के बाद परिजन शव को लेकर शनिवार को करीब 8.30 बजे औरंगाबाद आए और उनके द्वारा शव को शहर के रमेश चौक पर रखकर सड़क जाम कर दिया गया। 

घटना के बारे में मृतक के गांव के अमित कुमार ने बताया कि तीन दिन पहले हमलावरों में शामिल एक युवक ने चंदन के घर में घुसकर हंगामा किया था। चंदन ने इसका विरोध किया था। 

इसी के बाद बदले की भावना से शुक्रवार को देर शाम राहुल, दिनेश अनिरुद्ध एवं अन्य तीन युवक तीन बाइको पर सवार होकर टेंगरा नहर पर पहुंचे, जहां उन्होने युवक को चारो ओर से घेरकर लाठी-डंडे से बेरहमी से पिटाई कर मरणासन्न कर दिया। 

इसके बाद घायल अवस्था में इलाज़ के लिए औरंगाबाद से पटना ले जाने के दौरान रास्ते में उसकी मौत हो गई। युवक की मौत के बाद परिजनों में हाहाकार मचा है। 

परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। परिजन आक्रोशित है। इसी वजह से उन्होने अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर रमेश चौक पर शव को रखकर सड़़क जाम कर रखा है। 

मौके पर बीजेपी के स्थानीय सांसद और अन्य भाजपा नेता भी स्मार्थन में मौजूद है। सांसद ने परिजनों को ढ़ांढ़स बंधाते हुए हमलावरों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की। सांसद ने पुलिस पर मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। 

कहा कि जब तीन दिन पहले युवक के घर पर हमलावरों में शामिल एक युवक ने हंगामा किया था, तो पुलिस ने उस वक्त कार्रवाई क्यो नही की। यदि पुलिस उस वक्त फौरन कार्रवाई करती तो यह घटना नही होती। 

इस बीच लोजपा(रामविलास) संसदीय बोर्ड के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रभूषण कुमार उर्फ सोनू सिंह एवं पार्टी के जिलाध्यक्ष अनूप ठाकुर भी समर्थकों के साथ रमेश चौक पहुंचे है। एलजेपीआर नेता भी अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग कर रहे है। 

इधर पुलिस मौके पर पहुंचकर परिजनो को समझा रही है। परिजन हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए है। 

मामले में पुलिस का कहना है कि मामले में बारूण थाना में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। 

बारूण थानाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएंगी। पुलिस ने गांव के ही छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। फिलहाल सड़क जाम है और आक्रोशितों का प्रदर्शन जारी है। 

वहीं अभी अभी औरंगाबाद की अपर पुलिस अधीक्षक सह अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी(एसडीपीओ) स्वीटी सहरावत मौके पर पहुंची है। वह अपराधियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दे रही है। 

वही सड़क जाम कर धरना पर बैठे परिजन, सांसद, भाजपा एवं एलजेपीआर के नेता तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद सहित बिहार के अधिकांश जिलो में बदला मौसम


देश के पच्छिमी हिस्सों में इस समय प्रि मानसून गतिविधियों में ने जोर पकड़ा है ।

राजस्थान एवम मध्यप्रदेश के कुछ स्थानों पर तेज हवा के साथ साथ बारिस एवम ओलावृष्टि हुई है।

इस कारण औरंगाबाद में भी 9 एवम 10 मार्च को हल्के बादल छाए रहेंगे साथ ही कुछ स्थानों पर हल्के बारिश होने की संभावना है ।

अचानक हुए मौसम परिवर्तन से अधिकतम एवम न्यूनतम तापमान में भी गिरावट होगा । 

डॉ अनूप चौबे

प्रभात ने एक नई कविता के माध्यम से बिहारियों के दर्द को फिर से किया बयां

अपना घर, गांव, ब्लॉक, जिला और राज्य छोड़ बाहर कौन जाना चाहता है? इसके बावजूद लोग जाते है क्योकि स्थानीय स्तर पर रोजगार की कमी है। 

दो पैसे कमाने है, बाल-बच्चों का भविष्य बनाना है, परिवार चलाना है। इस कारण विकल्प के अभाव में बाहर जाना है। अपने बिहार के लोग बाहर जाते है, कमाते भी है लेकिन पर्व-त्योहार पर घर नही आ पाते तो उन्हे क्या दर्द होता है, को "बनारस वाला इश्क" फेम लेखक प्रभात बांधुल्य ने कविता के जरिए बयां किया था।

 प्रभात ने होली के त्योहार पर अपने घर नहीं लौट पाने वाले बिहारियों के दर्द को बयां अपने अंदाज में बयां किया था। अब होली खत्म होने के बाद प्रभात ने एक नई कविता के माध्यम से उन बिहारियों के दर्द को फिर से बयां किया है, जो होली पर घर तो आ गए। घर वालो से मिले प्यार से मन बाहर न जाने को कहता है पर रोजगार भी जरूरी है। लिहाजा जाना ही है।

 प्रभात की यह ताजी कविता-"जाए के मनवा तो न हउ माइ लेकिन जाना जरूरी गे....", इस बात को बयां कर रही है कि रोजगार ही है जो पलायन के लिए उकसाता है। हमारे मजदूर, मजबूर हैं क्योंकि उनको हम उनके राज्य में काम नहीं दे पा रहे है। 

प्रभात बांधुल्य वह लेखक है, जिसके लिए उनकी वन साइडेड लवर राजधानी पटना की पिंकी ने उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को वैलेंटाइन वीक पर चिठ्ठी लिखी थी। चिट्ठी लिख पिंकी ने अपने इस वन साइडेड लवर को प्रपोज करने के लिए पत्र के माध्यम से तेजस्वी से नौकरी मांगी थी। इसी चिठ्ठी से पिंकी तो हिट हो ही गयी थी।

 साथ ही लेखक प्रभात बांधुल्य भी बेहद चर्चित हुए थे। इसी वजह से लेखक ने चिट्ठी का जवाब भी दिया था। जवाब में लेखक ने पिंकी के प्रेम को ठुकरा दिया था। कहा था कि उसका पहले से ही किसी से अफेयर चल रहा है,

 वह उससे शादी करने वाला है लेकिन वह पिंकी को नौकरी दिलाने की लड़ाई लड़ेगा। समय लेकर तेजस्वी यादव से मिलेगा। फिर बिहार दिवस पर पटना में पिंकी से मिलने का वादा भी किया था। बिहार दिवस आने में अब कुछ दिनों की देरी है। 

अब होली के पहले और होली के बाद बिहारी मजदूरों पर अपनी दो कविताओं से यह लेखक पुनः चर्चा में है।

मुकेश शर्मा एकबार फिर बने बीजेपी जिलाध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष समेत वरिष्ठ नेताओं का जताया आभार

औरंगाबाद : भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा को पुनः जिलाध्यक्ष बनाए जाने पर जिलाध्यक्ष ने राष्ट्रीय एवं प्रदेश नेतृत्व और प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद डॉ. संजय जायसवाल,सांसद सुशील कुमार सिंह,विधान पार्षद दिलीप सिंह, प्रदेश प्रवक्ता सह गोह के पूर्व विधायक मनोज शर्मा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया है।

जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश नेतृत्व ने साधारण कार्यकर्ता को पुनः जिलाध्यक्ष बनाकर यह सिद्ध कर दिया कि कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान व स्वाभिमान भाजपा में सुरक्षित है।

कहा कि आगामी नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में होने वाले 2024 लोकसभा चुनाव में केन्द्र में पूर्ण बहुमत से सरकार बनेगा एवं बिहार के सभी सीटों पर भारी मतों से जीत हासिल होगी।

सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में संगठन और मजबूत होगा। यह एक कुशल संगठनकर्ता के साथ-साथ सरल स्वभाव व व्यक्तित्व के धनी है। इनके मनोनीत होने से कार्यकर्ताओं में खुशी व उत्साह है।

कहा कि यह लगातार संगठन से जुड़कर कार्यो में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाया है। संगठन के प्रति कार्य करने का लंबा अनुभव है।

बिहार भाजपा वरीय नेता सुनील सिंह,सांसद प्रतिनिधि अश्विनी सिंह,पूर्व जिलाध्यक्ष कृष्ण वल्लभ कुमार सिंह उर्फ बबुआ जी,इन्द्रदेव यादव,मनोज शर्मा,प्रदेश कार्य समिति सदस्य अशोक सिंह,अनिल सिंह, पुरषोत्तम सिंह, सुनील शर्मा, जिलाउपाध्यक्ष दीनानाथ विश्वकर्मा, जिला महामंत्री मुकेश सिंह, देव के पूर्व उप प्रमुख मनीष राज पाठक, जिलामंत्री धर्मेन्द्र शर्मा, तीर्थ नारायण प्रसाद वैश्य,किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष विनय सिंह, दीनानाथ विश्वकर्मा, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष अनिता सिंह,पूर्व मुखिया जुलेखा खातुन, समाजसेवी रवि सिंह,आशु अभिनव, राजकुमार सिंह, अमिताभ सिंह, अमरीश सिंह, जिला मीडिया प्रभारी मितेन्द्र सिंह,युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष चंदन सिंह,दिपक सिंह,अभिषेक सिंह वसु,भाजपा नेता राकेश कुमार देवता,नीलमणि कुमार,अवनीश सिंह,आशुतोष मोनू,रामानुज पांडेय,अमरेन्द्र पांडेय,पंकज सिंह,आशु अभिनव,रवि सिंह,नगर अध्यक्ष कौशल सिंह,समाजवादी नेता रामलखन सिंह,मंडल अध्यक्ष अरुण सिंह,उदय सिंह,सुबोध सिंह,कौशल सिंह,आलोक सिंह,अश्विनी तिवारी, जितेन्द्र शर्मा,प्रफुल्ल सिंह,सत्येन्द्र सिंह,बिनोद सिंह,अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष औरंगजेब खान,नलिनी रंजन,दीपक सिंह,प्रभात सिंह,राहुल सिंह,अति पिछड़ा प्रकोष्ठ जिला संयोजक रंजीत कुशवाहा, अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष औरंगजेब खान,हुमायूँ अंसारी सहित सभी प्रदेश कार्य समिति सदस्य, जिला पदाधिकारी,मंडल अध्यक्ष, जिला कार्यसमिति सदस्य,मंच मोर्चा, प्रकोष्ठ एवं समाजसेवी लोगो ने हर्ष व्यक्त किया है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

बिहार में केंद्र सरकार की संपूर्ण स्वच्छता योजना का सिर्फ नाम बदला है काम नही


औरंगाबाद : बिहार में केंद्र सरकार की संपूर्ण स्वच्छता योजना का सिर्फ नाम ही बदला है। काम नही बदला है। राज्य में योजना का नाम भले ही लोहिया स्वच्छता अभियान, बिहार है, पर काम वही है। काम महिलाओं को इज्जत बख्शना है। इस योजना ने महिलाओं की ऐसी इज्जत बख्शी कि वे आज केंद्र सरकार की मुरीद बनी नजर आती है।                  

केंद्र सरकार की शौचालय योजना ने महिलाओं का मान-सम्मान बढ़ाया है। बिहार का औरंगाबाद भी इससे अछूता नही है। यह तस्वीर औरंगाबाद के बारूण प्रखंड के कंचनपुर पंचायत के कंचनपुर गांव की है। 

कंचनपुर गांव की इन महिलाओं के लिए यह शौचालय नही बल्कि उनके लिए इज्जत घर है। इस इज्जत घर से उनकी इज्जत बढ़ी है। सम्मान बढ़ा है। पहले अपने घर में उन्हे शौचालय के अभाव में बेपर्द होना पड़ता था। शर्मिंदगी झेलनी पड़ती थी। 

दिन में यदि शौच लग जाएं तो शाम का धुंधलका होने का इंतजार करना पड़ता। खेतों में जाना पड़ता था पर केंद्र सरकार की शौचालय योजना लागू हुई। अभियान चल पड़ा। गांव के हर गरीब के घर में शौचालय बनते गये। सक्षम लोगो ने अपने खर्च पर शौचालय बनाएं। उन्हे भी केंद्र सरकार की ओर से शौचालय अनुदान मिला। देखते ही देखते कंचनपुर गांव ही नही पूरा कंचनपुर पंचायत ओडीएफ पंचायत बन गया। 

अब यहां की महिलाएं गर्व से कहती है कि हमारे घर में शौचालय है। हमे बेपर्द नही होना पड़ता है। हमें शौच के लिए शाम का धुंधलका या ओर होने का इंतजार नही करना पड़ता। जब शौच का अहसास हुआ, अपने घर के शौचालय में जाकर हल्का हो गये। ऐसी तस्वीरे अब जिले के हर गांव में है और प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण योजना के सहारे अब पूरा औरंगाबाद जिला ओडीएफ बन चुका है

निःसंदेह केंद्र सरकार की योजनाएं ग्रामीण स्तर तक लोगो के जीवन स्तर में सुधार का सबब बनी है और ऐसी ही योजनाएं लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को धरातल पर प्रस्तुत करती है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

ग्रामीणों के चेहरे पर मुख्कान बिखेर रही पीएम आवास योजना, पढिए खास रिपोर्ट

औरंगाबाद : जिले में केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण) गांवों में खुशियां बिखेर रही है। लाभुकों के चेहरे पर मुस्कान देखते ही बन रही है। 

ये तस्वीरे बिहार के औरंगाबाद जिले के बारूण प्रखंड के कंचनपुर पंचायत के कंचनपुर गांव की है। पहली तस्वीर नवनिर्मित सजे धजे उन आवासों की है, जो प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत बनी है। दूसरी तस्वीर पुरानी है। पुरानी तस्वीर उस वक्त की है, जब ये गरीब गुरबे एक तरह से बेघर थे। घर के नाम पर उनके पास कच्ची मिट्टी के खपरैल थे। गरीबी के कारण इनकी मरम्मत कराने तक की ये हैसियत में नही थे। नतीजतन गर्मी के दिनों में लू के थपेड़ो को सहना और बरसात के दिनों में पानी चुती खपरैल में गुजारा करना पड़ता था। बाल-बच्चों और पूरे परिवार के साथ ऐसे घर में महिलाएं कैसे गुजारा करती होंगी, इसकी सहज ही कल्पना की जा सकती है। 

दोनो तस्वीरों को देखकर पहले और आज के बीच के अंतर को देखा और समझा जा सकता है। इस अंतर का सबब बनी पीएम आवास योजना जो न केवल इनके सिर पर ढंग की छत का सहारा बनी और इनका जीवन स्तर भी उपर उठा। इस योजना के लाभुको की जुबान सरकार की तारीफ करते नही अघाते। 

लाभुक बताते है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हे आवास ही नही दिया बल्कि शौचालय और उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस का कनेक्शन भी दिया। इससे धुएं से भी मुक्ति मिली शौचालय बनने से महिलाओं को इज्जत भी मिली। इस मामले में एक मुस्लिम महिला तो एक हाथ आगे बढ़कर यह भी बोल गयी कि मोदी जी ने घर और शौचालय तो दिया ही। साथ ही तीन तलाक से भी मुक्ति दिला दी।                  

दरअसल कंचनपुर गांव की ये तस्वीरे प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण) के फलाफल की बानगी और प्रतिनिधित्व करती तस्वीरें है। ऐसी तस्वीरे औरंगाबाद के हर गांव में मौजूद है, जो प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोंच को बयान करती है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

होली के त्योहार पर अपने घर नहीं लौट पाने वाले बिहारियों के दर्द को बयां करती "बनारस वाला इश्क" फेम लेखक प्रभात बांधुल्य की कविता।

यह लेखक उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को वैलेंटाइन वीक पर पटना की पिंकी द्वारा लिखी गई चिट्ठी से चर्चा में आया था। पिंकी ने अपने इस वन साइडेड लवर को प्रपोज करने के लिए पत्र के माध्यम से तेजस्वी से नौकरी मांगी थी।

जवाब में लेखक ने पिंकी के प्रेम को ठुकरा दिया था। कहा था कि उसका पहले से ही किसी से अफेयर चल रहा है, वह उससे शादी करने वाला है लेकिन वह पिंकी को नौकरी दिलाने की लड़ाई लड़ेगा।

समय लेकर तेजस्वी यादव से मिलेगा। फिर बिहार दिवस पर पटना में पिंकी से मिलने का वादा भी किया था। बिहार दिवस आने में अब कुछ दिनों की देरी है।

औरंगाबाद में होली पर इतनी मात्रा में मिली इंसानी दिमाग को ‘आउट ऑफ कंट्रोल’ कर देनेवाली यह चीज

 औरंगाबाद()। बिहार में शराबबंदी है तो होली भी है। यह रंगों का त्योहार है। खास यह कि इस त्योहार में अलग तरह की रंगीनी है। यही अलग वाली रंगीनी मिजाज को भी रंगीन बनाने को कहता है। अब मिजाज में रंगीनी कैसे आएंगी।इसके लिए तो कुछ रंगीन चीज चाहिए ही, तभी तो खाएंगे-पीएंगे ऐश करेंगे और क्या? रंगों का यह पर्व भी तो रंग में आने के लिए खाने पीने की इजाजत देता ही है। पीना तो सब समझते ही है लेकिन जब से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हुई है, तबसे पीना लोगो के लिए आफत वाला हो ग्या है। खैर पीने वाले मानते थोड़े ही है, वें तो आफत को मोल लेते है।

पहले भी लेते रहे है होली के बहाने कुछ ज्यादा ही मोल ले रहे है लेकिन थोड़ी दिक्कत जरूर है भाई। चूंकि दारूबंदी है। लिहाजा आफत लानेवाली चीज लेने में परेशानी है, पर होली है तो लेना ही है। जब लेना ही है तो सस्ता महंगा भी नही देखना है, बस जैसे भी हो लेना है। अब लेना है तो देनेवाले भी होने चाहिए। देनेवाले है भी पर खुल्लमखुल्ला दे नही सकते है। इसी वजह से देनेवाले यह काम कुछ ओट लेकर करते है। ऐसे ही ओट लेकर होली के त्योहार में तबीयत को रंगीन करने वाली चीज औरंगाबाद शहर में बिक रही थी, जिसका पुलिस ने न केवल भंडाफोड़ किया है बल्कि एक बेंचवईया को धर दबोचने के साथ माल भी बरामद किया है। पुलिस ने 680 ग्राम गांजा बरामद किया है। साथ ही एक धंधेबाज को भी धर दबोंचा है। गांजा की बिक्री का यह गोरखधंधा कीटनाशक दवा की दुकान का ओट लेकर किया जा रहा था। औरंगाबाद की पुलिस कप्तान स्वपना गौतम मेश्राम ने बताया कि मंगलवार की दोपहर औरंगाबाद नगर थाना की पुलिस ने शहर में सिंहा कॉलेज के पास एक दुकान में गांजा बेचने का धंधा किये जाने का भंडाफोड़ किया है।

उन्होने बताया कि उन्हे खुफिया इनपुट मिली कि होली के त्योहार पर औरंगाबाद शहर में सिंहा कॉलेज के पास रामविलास यादव के मकान में स्थित कीटनाशनक दवा की दुकान में गांजा की बिक्री की जा रही है। इस सूचना का सत्यापन करने का उन्होने औरंगाबाद नगर थानाध्यक्ष को निर्देश दिया। निर्देश पर नगर थानाध्यक्ष ने अविलंब कार्रवाई करते हुए पुअनि शिशुपाल कुमार एवं सअनि जगन्नाथ ठाकुर को सशस्त्र बल के साथ सिंहा कॉलेज के पास रामविलास यादव के मकान में कीटनाशक की दुकान पर छापा मारने भेजा। छापेमारी में दुकान से एक अभियुक्त को गिरफ्तार करते हुए 680 ग्राम गांजा, एक मोबाईल एवं 2290 रूपये की नगदी बरामद की गयी। इस मामले में औरंगाबाद नगर थाना में भादंवि की धारा 20/22 एवं एनडीपीएस एक्ट के तहत कांड संख्या-163/23 दर्ज किया गया है। गिरफ्तार गांजा विक्रेता राजेंद्र महतो औरंगाबाद मुफ्फसिल थाना के खान गांव का निवासी है। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है। गौरतलब है कि गांजा की तस्करी और बिक्री के गोरखधंधे में गाढ़ी कमाई है। यही वजह है कि नशे का अवैध धंधा करने वाले लोग खूब फल-फूल रहे हैं।

मुख्यतः गांजे की खेप ओडिसा से लाई जाती है। जानकार बताते है कि ओडिसा में एक किलो गांजा ढाई हजार रुपये में मिलता है और बिहार में आकर इसकी कीमत 14 हजार रुपये प्रति किलो तक हो जाती है। रिटेल में गांजा बेंचनेवाले आठ-दस किलो गांजा ही खरीदकर ले जाते हैं, जिसे वें फुटकर में पुड़िया बनाकर बेचते हैं।  इसकी खुदरा बिक्री 1/2, 1, 2, 5 एवं 10 ग्राम का पुड़िया बनाकर की जाती है। आधा ग्राम की कीमत दस रूपये की होती है। इस रेट से गांजा बेचने से होनेवाली आमदनी का अंदाज लगाया जा सकता है। हालांकि लाख टके का सवाल यह है कि उड़ीसा से लेकर बिहार के औरंगाबाद तक गांजे की खेपें आखिर कैसे आ रहीं हैं। रास्ते में कई राज्यों के बार्डर पार करने पड़ते हैं, वहां से गांजा लेकर तस्कर कैसे सुरक्षित निकल आते हैं। इसके पीछे वजह यह है कि दरअसल गांजा तस्करों का बड़ा नेटवर्क है। जहां से भी तस्कर गांजा लेकर आते हैं, वहां उसके मुखिया से उनका कभी भी आमना-सामना नहीं होता। यही वजह है कि गांजा बेंचने बाले खुदरा धंधेबाज और छोटे तस्कर तो पुलिस के पकड़ में आ जाते है।

गांजे की छोटी से लेकर बड़ी खेप तक बरामद होती है लेकिन बड़े माफिया कभी भी पकड़ में नही आते है।  गांजा का सेवन करते ही ‘आउट ऑफ कंट्रोल’ हो जाता है इंसान का दिमाग- विशेषज्ञों के अनुसार गांजा के शरीर में जाने के बाद इंसान का दिमाग ‘आउट ऑफ कंट्रोल’ हो जाता है। यह गांजे में पाए जानेवाले दो केमिकल्स टीएचसी और सीबीडी के कारण होता है। दोनो के अलग-अलग काम हैं। जहां एक तरफ टीएचसी नशा बढ़ाता है। वहीं दूसरी ओर सीबीडी, टीएचसी के प्रभाव को कम करता है।

यह भी हैरान करने वाली बात है कि सीबीडी लोगों की घबराहट को कम करने में काफी मदद करता है लेकिन, यह इंसान को उस वक्त हिलाकर रख देता है जब गांजे में टीएचसी की मात्रा सीबीडी की मात्रा से ज्यादा हो। जब कोई इंसान गांजा स्मोक करता है तो टीएचसी खून के साथ उसके दिमाग तक पहुंच जाता है और गड़बड़ करने लगता है। यह तो सबको मालूम ही होगा कि हमारा दिमाग अपना सारा काम न्यूरॉन्स की मदद से करता है और गांजा पीने के बाद न्यूरॉन्स ही कंट्रोल से बाहर हो जाता है।

गांजा पीने के बाद जब न्यूरॉन्स या दिमाग बेकाबू हो जाता है तो लोगों को बेशक आनंद की अनुभूति होती है लेकिन वे कोई बात ज्यादा देर तक याद नहीं रख पाते, वे पहले की तरह किसी बात तो याद भी नहीं कर पाते यानि यदि ऐसे लोगों को कोई बात बताई जाए तो वह उनके दिमाग में नहीं बैठती। यह सब कम अवधि वाली दिक्कतें हैं, जो गांजे का नशा उतरने के बाद ठीक हो जाती हैं। हालांकि भारत में गांजा की बिक्री पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। इसके बावजूद लोग चोरी-छिपे इसका व्यापार और सेवन करते है।