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विधान सभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार को दी जन्मदिन की बधाई, कही यह बात

डेस्क : बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज 72 साल के हो गए हैं। आज उनके जन्मदिन पर जदयू के तमाम नेताओं द्वारा उन्हें जन्मदिन की बधाई देने का सिलसिला जारी है।

विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान सीएम नीतीश सदन पहुंचे तभी स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने उन्हें आसन से जन्मदिन की बधाई दी। बधाई देते हुए स्पीकर ने कहा कि आप ऐसे ही दिन-दुनी रात चौगुनी विकास करते रहें। आपने बिहार की सेवा की, अब देश की सेवा कीजिए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। बता दें, सीएम नीतीश आज 72 साल के हो गए हैं। जन्मदिन के मौके पर आज पक्ष-विपक्ष के छोटे से लेकर बड़े नेता मुख्यमंत्री को जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं। 

बता दें कि बिहार में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड बना चुके नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को पटना जिले के बख्तियारपुर में हुआ था। नीतीश का उपनाम मुन्ना है।

72 साल के नीतीश कुमार देश में वर्तमान में सक्रिय राजनीति से जुड़े रहनेवाले नेताओं में सिर्फ लालू प्रसाद ही ज्यादा अनुभवी हैं। देश की राजनीति के तीनों सदन के सदस्य बन चुके हैं। लेकिन सिर्फ राज्यसभा ऐसा है, जिसका सदस्य बनने का उन्हें कभी मौका नहीं मिला। इस बात का जिक्र उन्होंने खुद किया था कि एक बार राज्यसभा का सदस्य बनना चाहते हैं। जिसके बाद यह चर्चा शुरू हो गई थी कि उन्हें उप राष्ट्रपति के रूप में राज्यसभा भेजा जा सकता है। हालांकि बाद में यह चर्चा गलत साबित हुई।

1985 में पहली बार विधान सभा का चुनाव जीते

नीतीश के राजनीतिक करियर की शुरूआत साल 1977 में हुई थी। इस साल नीतीश ने जनता पार्टी के टिकट पर पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। साल 1985 को नीतीश बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए। इसके बाद नीतीश कुमार कभी भी विधानसभा के चुनाव में नहीं उतरे।

1990 में बने केंद्रीय मंत्री

 नीतीश का राजनीतिक कद धीरे धीरे बढ़ता जा रहा था। इसी बीच साल 1987 को नीतीश कुमार बिहार के युवा लोकदल के अध्यक्ष बन गए। नीतीश राजनीति में पारंगत हो ही रहे थे कि साल 1989 को नीतीश कुमार को जनता दल (बिहार) का महासचिव बना दिया गया। अब तक नीतीश ने अच्छी खासी राजनीतिक पहचान बना ली थी। साल 1989 नीतीश के राजनीतिक करियर के लिए काफी अहम था। इस साल नीतीश 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए। लोकसभा के लिए ये नीतीश का पहला कार्यकाल था। इसके बाद साल 1990 में नीतीश अप्रैल से नवंबर तक कृषि एवं सहकारी विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री रहे।

विधानसभा और लोकसभा सदस्य बनने के बाद नीतीश कुमार पहली बार 2006 में बिहार विधान परिषद पहुंचे। हालांकि इस समय तक वह बिहार के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके थे। उसके बाद 2012 और 2018 में फिर से वह विधानसभा पहुंचे।

रसोई गैस की कीमत में हुई बढ़ोत्तरी के खिलाफ कांग्रेस ने खोला मोर्चा, विधान सभा में किया प्रदर्शन

डेस्क : घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में 50 रुपए और कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में 350.50 प्रति सिलेंडर की वृद्धि की गई है। एलपीजी की कीमतें बढने के बाद अब बिहार में घरेलू गैस की कीमत करीब 1201 रुपए हो जायगी। यह दर आज 1 मार्च से लागू हो गई है। पटना सहित राज्य के सभी जिलों में अब उपभोक्ताओं को गैस के लिए 50 रुपए ज्यादा कीमत का भुगतान करना होगा। 

इधर रसोई गैस की कीमतों के बढने के बाद कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस सदस्यों ने सदन के बाहर महंगाई और गैस की बढ़ी कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा सहित कई सदस्यों ने इसे मोदी सरकार की जनविरोधी नीति बताकर नारेबाजी की। 

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने घरेलू रसोई गैस सिलेंडर और वाणिज्यिक गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि ‘लूट के फरमान’ कब तक जारी रहेंगे।

खरगे ने ट्वीट किया, “घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दाम 50 रुपये बढ़े,वाणिज्यिक गैस सिलेंडर 350 रुपये महंगे हुए। जनता पूछ रही है-अब कैसे बनेंगे होली के पकवान, कब तक जारी रहेंगे लूट के ये फरमान?” कांग्रेस अध्यक्ष ने तंज कसते हुए कहा, “मोदी सरकार में लागू कमरतोड़ महंगाई के तले पिसता हर इंसान!” उल्लेखनीय 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में बुधवार को 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई।

विपक्ष के हंगामे के साथ शुरु हुई आज बिहार विधानसभा की तीसरे दिन की कार्यवाही, विपक्षी विधायकों ने सदन के अंदर उठाई रिपोर्टर कुर्सी

डेस्क : बिहार विधानसभा में आज बजट सत्र का तीसरा दिन है। इस तीसरे दिन सदन का सत्र शुरू होते ही विरोधी दल भाजपा की तरफ से गलवान मुद्दे को लेकर जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा के तरफ से पोस्टर लेकर सदन के पोर्टिको के बाहर हंगामा किया किया गया। 

वहीं वैशाली के जन्दाहा में गलवान घाटी में शहीद जवान जय किशोर के पिता राजकपूर सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने जिस मामले में शहीद के पिता को गिरफ्तार किया है उसकी जानकारी परिवार को नहीं है। इनके ऊपर रंगदारी की धारा लगाई गई है। जिसको लेकर कई लोगों का यह कहना है कि इस मामले में पुलिस ने कानून की कई धाराओं का उल्लंघन किया है। इस बीच अब आज इस मामले को लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया।

विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे। भाजपा के सदस्य वेल में पहुंचकर पोस्टर लहराने लगे। इस दौरान सभापति ने मार्शल को आदेश दिया कि विधायकों के हाथ से पोस्टर ले लें। नारेबाजी कर भाजपा विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे। अपराध और पुलिसिया जुल्म के खिलाफ विपक्षी विधायकों के हंगामे के बीच स्पीकर ने प्रश्नकाल को शुरू करा दिया। इसके बाद भाजपा सदस्य आक्रोशित हो गए।

वेल में पहुंचे भाजपा विधायकों की मांग जब स्पीकर नहीं मान रहे थे तो उग्र विधायकों ने रिपोर्टर कुर्सी को उठा लिया। इस दौरान डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव प्रश्न का जवाब दे रहे थे। विपक्षी विधायकों ने जब कुर्सी उठा ली, इसके बाद स्पीकर ने प्रदर्शन कर रहे विधायकों को चेताया और कहा कि आप सही नहीं कर रहे हैं। इसके बाद मार्शल को कहा कि कुर्सी को सही जगह पर रखें। स्पीकर ने हंगामा कर रहे विधायकों को चेताते हुए कहा कि अगर आपका यही रवैया रहा तो कार्रवाई करने पर हमें विवश होना पड़ेगा।

आज 72 साल के हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार, बधाई देने वालो का लगा तांता

डेस्क : बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज 72 साल के हो गए हैं। आज उनके जन्मदिन पर जदयू के तमाम नेताओं द्वारा उन्हें जन्मदिन की बधाई देने का सिलसिला जारी है।

बता दें कि बिहार में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड बना चुके नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को पटना जिले के बख्तियारपुर में हुआ था। नीतीश का उपनाम मुन्ना है।

72 साल के नीतीश कुमार देश में वर्तमान में सक्रिय राजनीति से जुड़े रहनेवाले नेताओं में सिर्फ लालू प्रसाद ही ज्यादा अनुभवी हैं। देश की राजनीति के तीनों सदन के सदस्य बन चुके हैं। लेकिन सिर्फ राज्यसभा ऐसा है, जिसका सदस्य बनने का उन्हें कभी मौका नहीं मिला। इस बात का जिक्र उन्होंने खुद किया था कि एक बार राज्यसभा का सदस्य बनना चाहते हैं। जिसके बाद यह चर्चा शुरू हो गई थी कि उन्हें उप राष्ट्रपति के रूप में राज्यसभा भेजा जा सकता है। हालांकि बाद में यह चर्चा गलत साबित हुई।

1985 में पहली बार विधान सभा का चुनाव जीते

नीतीश के राजनीतिक करियर की शुरूआत साल 1977 में हुई थी। इस साल नीतीश ने जनता पार्टी के टिकट पर पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। साल 1985 को नीतीश बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए। इसके बाद नीतीश कुमार कभी भी विधानसभा के चुनाव में नहीं उतरे।

1990 में बने केंद्रीय मंत्री

 नीतीश का राजनीतिक कद धीरे धीरे बढ़ता जा रहा था। इसी बीच साल 1987 को नीतीश कुमार बिहार के युवा लोकदल के अध्यक्ष बन गए। नीतीश राजनीति में पारंगत हो ही रहे थे कि साल 1989 को नीतीश कुमार को जनता दल (बिहार) का महासचिव बना दिया गया। अब तक नीतीश ने अच्छी खासी राजनीतिक पहचान बना ली थी। साल 1989 नीतीश के राजनीतिक करियर के लिए काफी अहम था। इस साल नीतीश 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए। लोकसभा के लिए ये नीतीश का पहला कार्यकाल था। इसके बाद साल 1990 में नीतीश अप्रैल से नवंबर तक कृषि एवं सहकारी विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री रहे।

विधानसभा और लोकसभा सदस्य बनने के बाद नीतीश कुमार पहली बार 2006 में बिहार विधान परिषद पहुंचे। हालांकि इस समय तक वह बिहार के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके थे। उसके बाद 2012 और 2018 में फिर से वह विधानसभा पहुंचे।

राजधानी पटना में लूट की बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे थे अपराधी, पुलिस ने दबोचा

डेस्क : राजधानी पटना की कदमकुआं थाना पुलिस ने एक बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बनाते चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए अपराधियों की पहचान संजय कुमार ठाकुर (खाजेकलां), जय राज (गोविंदपुर, फतुहा), रंजीत राज (फतुहा) और अमरजीत कुमार उर्फ मंजीत (फतुहा) रुप में हुई हैं। हालांकि छापेमारी के दौरान इन अपराधियों का एक साथी छोटू कुमार भाग निकला। वह नदी थाना इलाके के समनपुर जफराबाद का रहने वाला है।

घटना के संबंध में बताया गया है पुलिस को सूचना मिली कि कदमकुआं थाना क्षेत्र के लंगरटोली इलाके में कुछ अपराधी जुटे और एक वृद्ध दंपती के घर डकैती की साजिश रच रहे है। सूचना मिलते ही पुलिस ने छापेमारी की और चार अपराधियों को धर दबोचा।

पुलिस ने आरोपितों के पास से एक कट्टा, 5 गोलियां व एक चाकू बरामद किया है। गिरफ्तार अपराधियों में जय राज और अमरजीत पर पहले से भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। दोनों पूर्व में जेल भी जा चुके हैं। 

थानेदार विमलेंदु कुमार ने बताया कि पुलिस टीम गश्त कर रही थी तभी दरियापुर स्थित नगर निगम के शेड के पास एक सफेद रंग की चार पहिया गाड़ी में चार-पांच लोग बैठें मिले। शक होने पर पुलिस ने गाड़ी को घेर लिया। इतने में कार सवार छोटू भाग निकला, जबकि बाकी के 4 पकड़े गये। तलाशी लेने पर आरोपितों के पास से हथियार बरामद हुए।

उन्होंने बताया कि पुलिस के हत्थे चढ़े संजय ने अपराधियों के लिये लाइनर का काम किया था। पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि संजय पूर्व में दरियापुर इलाके में ही रहता था। उसे पता था कि वृद्ध दंपती घर में अकेले रहते हैं। इस कारण उसने अपराधियों को उनकी जानकारी दी।

बजट पर बोले सीएम नीतीश कुमार, आर्थिक विकास को मिलेगी गति

डेस्क : बीते मंगलवार को वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बिहार का बजट पेश किया। इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बजट की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि वर्ष 2023-24 का बिहार बजट आर्थिक विकास को गति देगा। यह लोक कल्याणकारी बजट है। साथ ही यह बजट उच्चतर आर्थिक विकास, बेहतर वित्तीय प्रबंधन एवं समाज के हर तबके के सर्वांगीण विकास को तेज करेगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह एक विकासशील बजट है। इस बजट का आकार 2,37,691 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,61,885 करोड़ रुपये हो गया है। मानव विकास के सभी आयाम, स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ-साथ आधारभूत संरचनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। पूर्व से चली आ रही राज्य सरकार की योजनाओं को पूर्ण करने तथा अन्य योजनाओं की स्वीकृति एवं क्रियान्वयन का जो लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए इस बजट में राशि की व्यवस्था की गयी है। इस बजट से राज्य के सभी क्षेत्रों, समुदायों एवं सभी वर्गों का विकास संभव हो सकेगा।

इसके पहले विधानसभा में राज्य सरकार का 2 लाख 61 हजार 885.40 करोड़ का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए मुख्यमंत्री के मंत्र न्याय के साथ विकास की यात्रा को और तेजी से बढ़ाने का संकल्प ही इस बजट के केन्द्र में है। इसी के आधार पर हमने अपनी आगे की कार्ययोजना तैयार की है। यही नहीं, राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली विशेष योजनाओं पर काम कर रहे हैं। इसी के तहत जाति गणना कराने का निर्णय लिया गया है। अभी तक जातिगत जनसंख्या को लेकर भ्रम की स्थिति रहती है। इसका पहला चरण 21 जनवरी को पूरा हो चुका है। द्वितीय चरण का काम मई 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि देश बिहार का अनुकरण करता है। कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनके माध्यम से यह प्रमाणित होता है। जैसे हर घर नल का जल योजना बिहार की महती योजना थी, जिसका अनुसरण करते हुए केन्द्र सरकार ने जल जीवन मिशन की शुरुआत की। इसी तरह जीविका की तर्ज पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, दीनदयाल अंत्योदय योजना और मुख्यमंत्री विद्युत संबंधन योजना के तहत हर घर बिजली योजना के अनुरूप सौभाग्य-प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना एवं जल जीवन हरियाली के तहत तालाबों के पुर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण की तर्ज पर अमृत सरोवर योजना केन्द्र सरकार ने लागू किया है।

बजट को विपक्ष ने बताया दिशाहीन और डपोरशंखी, कहा- सरकार ने युवाओं को रोजगार के नाम पर फिर दिया झांसा

डेस्क : आज विधानसभा में वित्त मंत्री विजय चौधरी ने बिहार का बजट पेश किया। वित्त मंत्री इस बार काले रंग का सूटकेस लेकर विधानसभा पहुंचे थे। 2023-24 का बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि 10 साल में बिहार के बजट का आकार 3 गुना बढ़ा है। बिहार की आर्थिक वृद्धि दर 10.98 फीसदी रही। विकास दर के मामले में यह प्रदेश तीसरे स्थान पर हैं। बिहार की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और देश से ज्यादा बिहार का विकास दर है।

उन्होंने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में 237691.19 करोड़ का बजट था जो इस बार 24194 करोड़ रुपए अधिक का है। हमारा मुख्य ध्यान रोजगार, शिक्षा और कृषि पर है। इस बजट में इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है जो बिहार को समृद्धि की ओर ले जाएगा।

इधर विपक्ष ने इस बजट को पूरी तरह से दिशाहीन, डपोरशंखी और युवाओं के साथ धोखा करार दिया है।

बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने बिहार के बजट 2023-24 पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह पूरी तरह से दिशाहीन और डपोरशंखी घोषणाओं से भरा हुआ है। बजट में गांव, गरीब और बेरोजगारों की घोर उपेक्षा की गई है। बजट पूरी तरह से युवा बेरोजगारों की आशाओं व उम्मीदों पर पानी फेरने वाला है। एक बार फिर सरकार ने युवाओं को 10 लाख नौकरियों का झुनझुना थमा कर उन्हें निराश किया है।

सरकार ने बजट के जरिए एक बार फिर युवाओं को झांसा देने का प्रयास किया है। 10 लाख युवाओं को रोजगार देने की घोषणा के साथ सरकार ने उसमें स्वरोजगार व युवाओं को स्कील्ड बनाने के कार्यक्रमों को जोड़ कर यह स्पष्ट कर दिया है कि उसके पास नौकरियां नहीं है। वह केवल युवकों को ठगने के लिए इस तरह की घोषणाएं कर रही है।

एक ओर सरकार ने कहा है कि उसने वर्ष 2023-24 के लिए 49 हजार रिक्तियों की अधियाचना बीपीएससी, 29 हजार रिक्तियों की अधियाचना बीएसएससी और 12 हजार रिक्तियों की अधियाचना बीटीएससी सहित अन्य भर्ती एजेंसियों को कुल 63,900 पदों की रिक्तियां भेजी है। मगर बड़ी चालाकी से उसने यह छुपा लिया है कि पिछले तीन-चार सालों से जो बहाली की प्रक्रिया चल रही है, उनका क्या होगा? विभिन्न पात्रता उत्तीर्ण शिक्षक अभ्यर्थियों से भी सरकार ने छल करते हुए केवल इतना भर कहा है कि 7 वें चरण की शिक्षक नियुक्ति प्रक्रियाधीन है।

कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य सरकार की प्राथमिकता में होते हुए सर्वाधिक बदहाल स्थिति में हैं। कृषि के लिए कुल 3,639.78 करोड़, शिक्षा विभाग के लिए कुल 40,450.91 करोड़ व स्वास्थ्य विभाग के लिए 16,966.42 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है जो पिछले वर्ष की तुलना में मामूली वृद्धि है। पिछले 5 वर्षों में शिक्षा पर 8 गुना एवं स्वास्थ्य पर 11 गुना अधिक व्यय के बावजूद शिक्षा व स्वास्थ्य की बदहाली में कोई सुधार नहीं हुआ है।

राज्य की सभी 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। अभी हाल में आए परीक्षा परिणाम में जहां 460 छात्र फेल हो गए वहीं सभी कॉलेजों के सभी छात्र किसी न किसी विषय में अनुत्तीर्ण हुए। मौलिक आधारभूत संसाधनों के साथ शिक्षकों की कमी से किसी भी अभियंत्रण महाविद्यालयों में पठन-पाठन की स्थिति ठीक नहीं है, जबकि सरकार ने इनमें पहले की 8,772 सीटों की संख्या बढ़ा कर 10,965 करने की घोषणा की है।

कहा कि बजट में किसान, गरीब, गांव और मजदूरों के लिए एक भी ऐसा प्रभावकारी पहल नहीं दिख रहा है जिससे उनकी जिन्दगी को बेहतर बनाने की उम्मीद जगे। 2.61 लाख करोड़ के बजट प्रस्ताव में योजनाओं पर मात्र 38.20 प्रतिशत यानी 1 लाख करोड़ खर्च करने का अनुमान किया गया है, जिससे यह स्पष्ट है विकास सरकार की प्राथमिकता में नहीं है।

उन्होंने कहा है कि एक बार फिर सरकार की निर्भरता केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी और कर्जों से उगाही जाने वाली राशि पर टीका हुआ है। पिछले वित्तीय वर्ष में बिहार को केन्द्रीय करों में हिस्सेदारी के तौर पर 95,509.85 करोड़ मिलने का पुनरीक्षित अनुमान है वहीं वर्ष 2023-24 में यह बढ़ कर 1,02,737.36 करोड़ होने का अनुमान है। आगामी वित्तीय वर्ष में बिहार को केन्द्र सरकार से सहायक अनुदान के रूप 53,377.92 करोड़ प्राप्त होने की उम्मीद है।

सम्राट चौधरी ने कहा कि दरअसल सरकार मूल समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की सतही घोषणाएं कर रही है।

वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने पेश किया बिहार बजट, जानिए क्या है इस बजट मे खास

डेस्क : विधानसभा में वित्त मंत्री विजय चौधरी ने बिहार का बजट पेश किया। वित्त मंत्री इस बार काले रंग का सूटकेस लेकर विधानसभा पहुंचे थे। 2023-24 का बजट पिछले वित्तीय वर्ष तुलना में अधिक है। पिछले वित्तिय वर्ष का बजट 2 लाख 37 हजार 691.19 करोड़ का बजट था जो इस बार 2 लाख 61 हजार 885.04 करोड़ रुपए का है।

वित्त मंत्री ने कहा बजट पेश करते हुए कहा कि इस बजट में महिला सशक्तिकरण के लिए नारी शक्ति योजना के लिए 60 करोड़ का प्रावधान, बालिका साइकिल योजना के लिए 50 करोड़ और बालिका पोशाक के लिए 100 करोड़ रुपये के प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि चौथे कृषि रोड मैप पर काम जारीहै. जैविक कृषि का विस्तार जारी है और किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश है. साथ ही दलहन और तिलहन विकास मिशन की स्थापना की जाएगी.

बाढ़ से बचाव के लिए बिहार में नदी जोड़ो योजना पर काम जारी है. राज्य के पशुपालकों को लिए 525.38 करोड़ रुपये और सोलर लाइट के लिए 392 करोड़ का प्रावधान किया गया है. मगही पान और मखाना को GI टैग मिल चुका है.

वहीं मैट्रिक में प्रथम श्रेणी के लिए 94 करोड़, मदरसा के पुनर्निर्माण के लिए 40 करोड़ और PMCH के विस्तार के लिए 5540 करोड़ का प्रावधान बजट में किया गया है. साथ ही राज्य के 21 सदर अस्पताल अब मॉडल अस्पताल बनेंगे. गांव में टेली मेडिसिन की सुविधा और 9 जिलों में मेडिकल कॉलेज बनाये जाएंगे।

उन्होंने कहा कि सीएम ग्रामीण आवास योजना के लाभुक को 50 हजार रुपए मिलेगा. वर्षा जल संचयन पर काम जारी है. मवेशियों का टीकाकरण कराया जाएगा. वाटर हार्वेस्टिंग पर होल्डिंग टैक्स में छूट मिलेगी. कजरा-पीरपैंती में सोलर ऊर्जा प्लांट लगेगा. राज्य के संस्कृत शिक्षकों को 7वें वेतनमान का लाभ मिलेगा. कोसी लिंक योजना पर काम जारी है. साथ ही मुजफ्फरपुर-पूर्णिया में खादी मॉल बनेगा।

वित्त मंत्री विजय चौधरी ने पेश किया महागठबंधन की सरकार का पहला बजट, रोजगार, शिक्षा और कृषि पर दिया गया है ज्यादा जोर

डेस्क : विधानसभा में वित्त मंत्री विजय चौधरी ने बिहार का बजट पेश किया। वित्त मंत्री इस बार काले रंग का सूटकेस लेकर विधानसभा पहुंचे थे। 2023-24 का बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि 10 साल में बिहार के बजट का आकार 3 गुना बढ़ा है। बिहार की आर्थिक वृद्धि दर 10।98 फीसदी रही। विकास दर के मामले में यह प्रदेश तीसरे स्थान पर हैं। बिहार की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और देश से ज्यादा बिहार का विकास दर है। वित्त मंत्री ने बिहार में बंपर बहाली किये जाने का ऐलान किया।

उन्होंने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में 237691।19 करोड़ का बजट था जो इस बार 24194 करोड़ रुपए अधिक का है। हमारा मुख्य ध्यान रोजगार, शिक्षा और कृषि पर है। इस बजट में इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है जो बिहार को समृद्धि की ओर ले जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य का राजस्व घाटा 1132 करोड़ से घटाकर 21- 22 में 422 करोड़ पर लाया गया है। यानी एक वित्तीय वर्ष में राजस्व घाटा 710 करोड़ रुपए कम हुआ है। राज्य में रोजगार को प्रमुख बताते हुए उन्होंने कहा कि युवा शक्ति बिहार की प्रगति के ध्येय पर सरकार चल रही है। 10 लाख युवाओं को रोजगार की योजना है। इसमें युवाओं को सरकारी नौकरी के साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध करना है।

साथ ही बजट में बंपर बहाली का एलान करते हुए उन्होंने कहा कि BPSC में 49000 पद, SSC में 2900 पद सृजन किया गया है। इस बार 63900 पदों पर बहाली का बजट में प्रावधान है। वहीं पुलिस विभाग में 75 हजार 543 पद की स्वीकृति दी गई है। साथ ही 40506 प्रधान शिक्षक की बहाली जारी है। 7वें चरण के लिए 44193 माध्यमिक और 89724 उच्च माध्यमिक शिक्षकों की बहाली होगी। इसके लिए प्रक्रिया की जा रही है।

विपक्ष की मांग के आगे झुके सीएम नीतीश कुमार, सदन में खुद उठकर कही यह बात

डेस्क : बीते 9 फरवरी को मुजफ्फरपुर में कांटी थर्मल पावर के समीप धरना पर बैठे युवक की हत्या कर दी गई थी। उक्त मामले में मंत्री इसरायल मंसूरी पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा है। हत्या का यह पूरा मामला थर्मल के छाई के टेंडर पर कब्जा को लेकर बताई जा रही है। 

इधर आज विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विपक्ष बीजेपी द्वारा इस मामले को जोरशोर से उठाते हुए जोरदार हंगामा किया गया। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इसरायल मंसूरी पर लगे हत्या के आरोप को सदन में उठाया। 

उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर के काँटी में हुई हत्या में इसरायल मंसूरी का नाम आया है। उनके खिलाफ इस मामले को लेकर पिछले कई दिनों से सब ओर चर्चा है। लेकिन मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कागज दिखाते हुए कहा कि नीतीश कुमार आखिर क्यों नहीं अपने आरोपित मंत्री को बर्खास्त कर रहे हैं। 

विजय सिन्हा ने कहा कि एक ओर नीतीश कुमार कहते हैं कि हम ना तो किसी को बचाते हैं और ना ही किसी को फंसाते हैं। उसके बाद भी उनके हत्या आरोपित मंत्री खुले आम घूम रहे हैं। किसी में हिम्मत नहीं है कि उन्हें छू ले। वहीं इस दौरान विजय सिन्हा सहित भाजपा के कई सदस्यों ने इस मुद्दे पर नीतीश सरकार के खिलाफ सदन में जमकर आरोप लगाए। 

विपक्ष के हंगामे और आरोपों को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने अंततः खुद सदन में उठकर कहा कि मंत्री के खिलाफ जांच होगी। उन्होंने कहा कि हम कागज पढ़े हैं, हमने जांच करने को कहा है ,जांच होगी।