पिछले 2018 से एक विकास योजना वाधित,गैंग्स ऑफ वासेपुर की दहशत से नही खड़े हो रहे कोई संवेदक,
दबंग और खून खराबा से विकास कार्य किस तरह प्रभावित होता है इसका उदाहरण है- मटकुरिया-आरा मोड़ वाया वासेपुर अंडरपास एवं फ्लाईओवर ब्रिज जिसकी कई वर्षों से टेंडर निकली,राशि भी स्वीकृत हुए लेकिन वासेपुर के गैंग्स की टकराहट और भय से यह योजना शुरू नही हो पाई।इस बार फिर टेंडर निकली और कुछ उम्मीदें बढ़ी है।
विदित हो कि 2018 में रघुवर सरकार ने मटकुरिया फ्लाईओवर की मंजूरी दी थी। उस समय इसका बजट 200 करोड़ रुपये था। बाद में हेमंत सरकार ने बजट में कटौती कर दी। 127 करोड़ रुपये में फ्लाईओवर बनाने की लागत स्वीकृत हुई।
विदित हो कि इस योजना में डीएमएफटी फंड की राशि खर्च होनी है। 2019 से लेकर अभी तक छह बार टेंडर निकाला जा चुका है। कभी एक एजेंसी ने भाग लिया तो कभी एक ने निविदा नहीं डाली। पांच वर्षों से टेंडर-टेंडर के इस खेल में फ्लाईओवर निर्माण की राशि 27 करोड़ रुपये बढ़ गई है। स्टेट हाइवे अथारिटी आफ झारखंड (साज) ने गुरुवार को एक वर्ष के अंदर तीसरी बार टेंडर निकाला।
154.51 करोड़ की लागत से 3.25 किमी फ्लाईओवर एवं अंडरपास का निर्माण होना है। 15 मार्च तक आनलाइन निविदा जमा होगी। इससे पहले पिछले वर्ष जुलाई और अक्टूबर में टेंडर निकला था। एक भी एजेंसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस वर्ष जनवरी माह में टेंडर निकला तो सिर्फ एक एजेंसी शामिल हुई। एक ही एजेंसी के टेंडर स्वीकृत होने की तकनीकी अड़चन का जिक्र करते हुए तीसरी बार टेंडर निकला। इस बार भी यदि एक ही एजेंसी निविदा में शामिल हुई तो सरकार अपने नियम के मुताबिक चाहे तो सिंगल एजेंसी को काम दे सकती है।
1.16 किमी लंबा होगा आरओबी
मटकुरिया जैन मंदिर के पास से नई सड़क बनेगी। सड़क में धनबाद-गया रेलखंड पर 1.16 किमी लंबा आरओबी यानी रेल ओवरब्रिज का निर्माण किया जाएगा। धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन के नीचे एक आरयूबी यानि अंडरपास बनेगा और इससे सड़क आरा मोड़ तक जाएगी। आरा मोड़ से बिनोद बिहारी चौक तक आठ लेन सड़क में इसे मिलाया जाएगा।
2019 में तीन बार टेंडर निकाला गया, लेकिन इसमें एक भी एजेंसी शामिल नहीं हुई। वासेपुर का नाम आने के कारण किसी एजेंसी या कंपनी ने भाग नहीं लिया। दरअसल, गैंग्स आफ वासेपुर का खौफ ऐसा है कि काम की इच्छुक एजेंसियों की हिम्मत नहीं हो रही है। उनको डर है कि इस काम को हाथ में लेने पर रंगदारी तो देनी ही होगी, यहां रह रहे लोगों को हटवाने में भी लोहे के चने चबाने होंगे इसलिए समय पर काम पूरा कराना भी चुनौती होगी। 220 परिवारों का पुनर्वास भी किया जाना है।
फ्लाईओवर के बन जाने से बैंक मोड़ और आसपास के ट्रैफिक का दबाव कम होगा।
मटकुरिया फ्लाईओवर बनने से शहर को जाम से मुक्ति मिलेगी।
कोलियरी क्षेत्र से निकलने वाले वाहन इसी रास्ते से होकर सीधे जीटी रोड पर जाएंगे।
शहर में ट्रकों का प्रवेश नहीं होगा, जाम, दुर्घटना एवं प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी।
मटकुरिया फ्लाईओवर बनने से बैंक मोड़ फ्लाईओवर पर बोझ घटेगा।
बाेकारो-चंदनकियारी-कुसुंडा से निकलने वाले मालवाहक ट्रक मटकुरिया फ्लाईओवर होते हुए सीधे आठ लेन सड़क पर मिल जाएंगे।
रांची बोकारो से आने वाले लोग जिन्हें धनबाद शहर नहीं जाना, वो सीधे फ्लाईओवर के रास्ते शहर से बाहर आठ लेन पर निकल सकेंगे।
Feb 17 2023, 15:52