रामगढ के बरकाकाना क्षेत्र में नक्सली संघटन द्वारा आजसू नेता को गोली मारकर कर दी गयी हत्या
रामगढ़: बुधवार देर शाम बरकाकाना क्षेत्र के लोवाडीह में
आजसू नेता मनोज मुंडा की गोली मार कर हत्या कर दी गई। तीन अज्ञात लोगों ने आजसू नेता मनोज मुंडा के सिर पर तीन गोली मार दी जिससे उनकी तत्काल मौत हो गई।उस हत्याकांड के पीछे नक्सली हाथ होने और लिवु वसूलने के मामला सामने आ रहा है।
जानकारी के अनुसार मनोज मुंडा झांझीटाड़ में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में मुर्गा लड़ाई देखने गए थे। वहां से जब वे अपने गांव के लोगों के साथ बैठक कर पकौड़ी खा रहे थे। तभी तीन युवक वहां आए और मनोज मुंडा के बारे में पूछ ताछ करने लगे।
वहां मौजूद ग्रामीणों ने कहा कि वे नहीं आए है। तभी एक युवक ने मनोज मुंडा को पहचान लिया और कॉलर पकड़ कर किनारे ले गया।इस दौरान ग्रामीणों द्वारा विरोध करने पर एक युवक ने पिस्टल दिखा कर ग्रामीण को धमकाया जिसके कारण वे डर गए।
कुछ देर के बाद तीन गोली चलने की आवाज आई। कोई डर से कोई सामने नहीं जा रहा था। हमलावर जिंदाबाद का नारा लगाकर जंगल की ओर निकल गए। इसके बाद ग्रामीण लहुलुहान मनोज मुंडा को उठा कर रिम्स ले गए। जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही पतरातू एसडीपीओ डॉ वीरेंद्र कुमार चौधरी के नेतृत्व में पुलिस दल बल के साथ घटना स्थल पर पहुंच कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
नक्सली दे रहा था धमकी
बताया जा रहा है कि आजसू नेता मनोज मुंडा चिट्टो गांव में अभिषेक पोद्दार के स्टोन माइंस का सारा काम देखते थे। उग्रवादी संगठन लगातार लेवी के लिए मनोज मुंडा को धमकी दे रहा था। उनकी पत्नी मालती देवी ने बताया कि 29 दिसंबर को चाची के अंतिम संस्कार के दिन चार लोगों ने पति मनोज मुंडा को स्टोन माइंस से लेवी दिलवाने का दबाव बनाते हुए धमकी दी। वहीं आनाकानी करने पर जान से मारने की बात भी कही।
मालती देवी ने कहा कि धमकी दे रहे लोगों ने उन्हें जाने को कहा, मगर मैं पति के साथ ही खड़ी कि रही। वो लोग लोवाडीह जंगल में मिटिंग में आने की बात कह कर चले गए। इसकी सूचना हमलोगों ने भदानीनगर थाना को दी।
पुलिस ने कहा कि जंगल में मिटिंग का दिन फाइनल होने पर सूचना देना। मगर मीटिंग के लिए बुलावा नहीं आया। बता दें कि मृतक मनोज मुंडा उग्रवादी संगठन जेपीसी से संबंध रखने के मामले में 2017 में जेल गया था। 2016 की घटना में अनुसंधान के क्रम में मनोज मुंडा का नाम आया था। वहीं जानकारी के अनुसार बासल थाना क्षेत्र में भी एक मामले में नामजद था।
इस क्षेत्र में नक्सली गतिविधिनसे है दहशत
भदानीनगर और बरकाकाना क्षेत्र में उग्रवादी संगठन से जुड़े लोगों की चहलकदमी से ग्रामीणों में दहशत है। इधर अक्सर अनजान लोगों का आना-जाना लगा रहता है। ग्रामीण पिछले 6 महीने से ऐसा महसूस कर रहे हैं। मगर इस घटना ने सारी अटकलों को सही साबित कर दिया है।
Feb 17 2023, 15:03