पटना: एग्रो बिहार, राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आज तीसरा दिन, किसानों के लिए ज्ञानवर्द्धक एवं लाभदायक
पटना: गाँधी मैदान, पटना में कृषि विभाग, बिहार द्वारा सी॰आई॰आई॰ के सहयोग से आयोजित एग्रो बिहार, राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आज तीसरा दिन है।
इन तीन दिनों में राज्य के किसान बड़ी मात्रा में पूरे जिज्ञासा एवं उत्साह के साथ इस प्रदर्शनी में भाग ले रहे हैं। किसानों द्वारा इस मेला में विभिन्न प्रकार के बड़े एवं छोटे कृषि यत्रों की खरीददारी बड़ी मात्रा में गई है। सरकार द्वारा उन्हें कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ भी दिया जा रहा है। इस मेला में किचेन गार्डेन के उपयोग में आने वाले छोटे कृषि यंत्रों से लेकर कम्र्बाइंड हार्वेस्टर तक बड़े यंत्र उपलब्ध है।
यह मेला किसानों के लिए ज्ञानवर्द्धक एवं लाभदायक सिद्ध हो रहा है। कल इस मेला का आखिरी दिन है।
कृषि विभाग द्वारा आज मेला परिसर में क्वीज प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें कुल 21 विद्यालयों ने भाग लिया।
इस प्रतियोगिता में एस॰भी॰एम॰ रेजिडेंसियल स्कूल को प्रथम, इंटरनेशनल स्कूल को द्वितीय एवं डी॰पी॰एस॰ स्कूल को तृतीय पुरस्कार दिया गया। विजेता स्कूलों को प्रथम पुरस्कार के रूप मेें 3000 रूपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 2000 रूपये एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में 1000 रूपये के साथ-साथ मेडल दिया गया।
आज इस मेला में राज्य के 23 हजार से अधिक किसान/आगन्तुक आये, जिनमें आत्मा योजना के माध्यम से आज इस मेला में पटना सहित भागलपुर, बाँका, मुँगेर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, पूर्णियाँ, कटिहार, अररिया तथा किशनगंज 13 जिले के किसानों ने भ्रमण किया। इस मेले में किसी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं है। कोई भी किसान/व्यक्ति स्वेच्छा से इस प्रदर्शनी/मेला में भाग ले सकते हैं। आज इस मेला में विभिन्न जिलों के किसानों द्वारा सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, रीपर-कम-बाईंडर, राईस मिल, मल्टी क्राॅप थ्रेसर, सीड-कम-फटिलाईजर ड्रील, थ्रेसर सहित 204 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया, जिस पर 1,24,85,800 रूपये अनुदान दिया गया। इस प्रकार, 03 दिनों में कुल 551 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया, जिस पर 405.54 लाख रूपये का अनुदान दिया गया।
इस मेला-सह-प्रदर्शनी में विभिन्न कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा अपने कृषि यंत्र का प्रदर्शन किया जा रहा है। फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों का विशेष रूप से प्रदर्शन एवं बिक्री किया जा रहा है। सरकार द्वारा किसानों को फसल अवशेष जलाने के बदले उनका खेतों में ही प्रबंधन कर खाद के रूप में उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई नवीनत्तम कृषि यंत्रों यथा 9 से 11 टाईन का हैप्पी सीडर, बिना रैक का स्ट्राॅ बेलर, स्ट्राॅ रीपर, सुपर सीडर, रोटरी मल्चर एवं स्ट्राॅ मैनेजमेंट सिस्टम पर सामान्य वर्ग के किसान के लिए 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए 80 प्रतिशत अनुदान और स्वचालित/टैªक्टर चालित रीपर-कम-बाईंडर पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई है।
कृषक अपनी पसंद एवं इच्छा से इन कृषि यंत्रों का क्रय सरकार द्वारा अनुदानित दर पर कर रहे हैं। मेला में कृषि यंत्रों के अतिरिक्त उद्यान, बीज, पौधा संरक्षण, भूमि संरक्षण, उर्वरक, प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों का प्रदर्शन एवं बिक्री के साथ एग्रो प्रोसेसिंग यंत्रों का भी बिक्री एवं प्रदर्शन किया जा रहा है।
संध्या में मुख्य मंच पर दर्शकों के मनोरंजन के लिए मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
एग्रो बिहार 2023 का मुख्य आकर्षण:
लगभग 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में लगने वाले इस मेले में 125 से अधिक स्टाॅल लगाये गए हैं।
इस प्रदर्शनी में बिहार के अलावे दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता भाग ले रहे हैं।
राज्य एवं राज्य के बाहर के वरीय पदाधिकारी, वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी, उद्यमी भी मेला में भाग ले रहे हैं।
राज्य के सभी जिलों से 4500 किसानों को प्रतिदिन आत्मा के माध्यम से मेला भ्रमण की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही, राज्य के सभी जिलों से लगभग 500 कृषि यंत्र व्यवसायियों के भाग ले रहे हैं।
प्रत्येक दिन किसान पाठशाला में किसानों को बुआई से कटाई तक के नवीनतम कृषि यंत्र, फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र, बागवानी से संबंधित कृषि यंत्र, ड्रोन की उपयोगिता एवं महत्व, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का महत्व, खरपतवार नियंत्रण व निकाई-गुराई संबंधित यंत्र तथा कृषि यंत्रों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए कल-पूर्जों के रख-रखाव एवं अन्य संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मेला परिसर में चलन्त मिट्टी जाँच प्रयोगशाला भी कार्यरत है, जहाँ किसान भाई मिट्टी की जाँच करवा कर जाँच रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं।
मेला में खाद्य एवं प्रसंस्करण, पशुपालन, मत्स्य पालन, गव्य विकास, गन्ना उद्योग, उद्योग विभाग, सहकारिता, कम्फेड से संबंधित योजनाओं/क्रियाकलापों को प्रदर्शित किया गया है।
मेला में आंगतुकों के लिए बिहारी व्यंजनों का फूड कोर्ट की व्यवस्था भी की गई है।
Feb 12 2023, 11:41