/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1535892218485949.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1535892218485949.png StreetBuzz *बड़ी खबर : औरंगाबाद बीजेपी सांसद सुशील सिंह को माओवादियों ने दी दी धमकी, गोह के जेडीयू नेता व पूर्व विधायक की हत्या करने का किया ऐलान* Aurangabad
*बड़ी खबर : औरंगाबाद बीजेपी सांसद सुशील सिंह को माओवादियों ने दी दी धमकी, गोह के जेडीयू नेता व पूर्व विधायक की हत्या करने का किया ऐलान*

औरंगाबाद : जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने पोस्टरबाजी की है। पोस्टर के माध्यम से माओवादियों ने पूर्व विधायक की हत्या करने का ऐलान किया है जबकि सांसद को क्षेत्र में नहर नही लाने पर विरोध की धमकी दी है। पोस्टर में पूर्व विधायक और उनके पार्टी(जदयू) कार्यालय को उड़ाने की भी धमकी दी गयी है। यह पोस्टरबाजी औरंगाबाद के गोह और बंदेया थाना क्षेत्र के कई गांवों में की गई है। गोह थाना के पेमा व डिहुरी तथा बंदेया थाना के महरी एवं जैतिया गांव के ग्रामीणों ने पोस्टर देखे जाने की पुष्टि की है। 

पोस्टर हस्तलिखित है, जो काले और ब्लू कलर में बॉल प्वाइंट पेन से भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(माओवादी) के लेटरपैड पर लिखा गया है। ब्लू कलर में लिखे पोस्टर के पहले पारा में कहा गया है कि सांसद सुशील सिंह जब तक अपने क्षेत्र में नहर नहीं लाएंगे। तब तक क्षेत्र में घूमने पर मार्क्सवादी (एमसीसी) कम्युनिस्ट पार्टी आपको प्रतिबंधित करती है। यदि आप आदेश नहीं मानेंगे तो माओवादी का विरोध झेलना पड़ेगा। 

वहीं पोस्टर के दूसरे पाराग्राफ में गोह के पूर्व विधायक रणविजय सिंह को हत्या की धमकी दी गई है। पोस्टर में कहा गया है कि पूर्व विधायक गोह रणविजय सिंह आपका वही हाल किया जाएंगा जो पिसाय सुशील पांडेय का किया गया, जिसका शव आज भी गरीब किसान के खेत का उपज बढ़ा रहा है। पोस्टर में आगे कहा गया है कि गोह चौक पर आप सामंतवादी सोंच और रंगदारीपूर्वक जो बैठते है, वही तुम्हारे पार्टी कार्यालय एवं तुमको उड़ा दिया जाएगा। अपना सोंच बदलो। मार्क्सवाद कभी खत्म नही होते। हमारे सभी कामरेड जो जेल में बंद या बाहर है, सभी तुम्हारे हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है। कभी भी तुम्हारा विचारधारा बदला जा सकता है। पोस्टर के नीचे अंत में लाल सलाम अंकित है।     

पुलिस को नही मिले पोस्टर

इस बारें में पूछे जाने पर गोह थानाध्यक्ष कमलेश पासवान ने पोस्टरबाजी की पुष्टि करते हुए कहा कि पूर्व विधायक तथा पेमा एवं डिहुरी गांव के लोगों से पोस्टरबाजी की सूचना मिली, लेकिन पुलिस के मौके पर पहुंचने के पहले ही वहां से पोस्टर उखाड़ लिया गया था। उन्हे पोस्टर हाथ नही लगा है। 

वही बंदेया के प्रभारी थानाध्यक्ष अरविंद सिंह ने भी पोस्टर चिपकाने की पुष्टि की लेकिन कहा कि घटनास्थल पर जब पुलिस पहुंची तो वहां पोस्टर नही था। सिर्फ निशान थे, जिससे लग रहा था कि यहां कोई पोस्टर चिपकाया गया था, जिसे उखाड़ दिया गया है।             

पूर्व विधायक ने कहा चुनौती कबुल, 42 साल से लड़ रहा हूं-फिर लड़ूंगा

पोस्टरबाजी की घटना के बारे में पूछे जाने पर पूर्व विधायक डॉ. रणविजय कुमार ने कहा कि नक्सली मृत प्राय हो चुके है। सरकार के विकास, सीआरपीएफ और कोबरा के प्रहार से इनकी कहानी खत्म हो चुकी है। इनकी साख समाप्त हो चुकी है। ये जनता में पुनः साख स्थापित करने के लिए इस तरह की हरकत करते है लेकिन इनकी साख अप स्थापित नही होनेवाली है। ये माओत्से के सिद्धांत से भटक गये है। 

उन्होंने कहा कि माओत्से ने कही भी रंगदारी, लूट अवैध वसूली करने की बात नही की है। रही बात इनकी धमकी की, तो इन गुंडों को मैं जवाब देना जानता हूं। 42 साल से इनसे लड़ाई लड़ रहा हूं। इनकी चुनौती कबुल है, जैसे पहले लड़ा हूं, वैसे फिर लडूंगा। उन्होने सुरक्षा बढ़ाने की बात पर कहा कि सरकार ने उन्हे वाई श्रेणी की सुरक्षा दे रखी है। इतने में ही उनसे बखूबी लड़ लुंगा।

सांसद ने कहा, मेरी जान ले लेने से नहर आ जाती है तो जान देने को तैयार

वही सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि उन्हे जानकारी मिली है कि मेरे खिलाफ नक्सली पोस्टरबाजी हुई है। पोस्टर में नहर नही लाने पर नतीजा भुगतने यानी हत्या की धमकी दी गई है। मैं तो जनता की सेवा के प्रति संकल्पित हूं। जनता की सेवा में मेरी जान लेने से नहर आ जाती है तो मैं अपनी जान देने को भी तैयार हूं। मैं तो 24 घंटे अपनी जान हथेली पर लेकर ही चलता हूं।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

गोह के पूर्व विधायक व औरंगाबाद के सांसद को नक्सलियों ने पोस्टर चिपकाकर दी हत्या करने की धमकी

 गोह थाना क्षेत्र व बन्देया थाना क्षेत्र के कई गांव में माओवादियों ने पोस्टर चिपकाकर औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह एवं गोह के पूर्व विधायक डॉ. रणविजय कुमार को हत्या करने की धमकी दी है।

 पोस्टर की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में सनसनी फैल गई। पोस्टरर गोह थाना क्षेत्र में पेमा व डिहुरी गांव में चिपकाया गया है। बंदेया थाना क्षेत्र के महरी एवं जैतिया गांव में भी पोस्टर चिपकाया गया है। चिपकाया गया पोस्टर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी के पैड पर लिखा गया है। पोस्टर में कहा गया है कि सांसद सुशील सिंह जब तक अपने क्षेत्र में नहर नहीं लाएंगे। 

तब तक क्षेत्र में घूमने पर मार्क्सवादी (एमसीसी) कम्युनिस्ट पार्टी आपको प्रतिबंधित करती है। यदि आप आदेश नहीं मानेंगे तो माओवादी का विरोध झेलना पड़ेगा।

 दूसरे पाराग्राफ में गोह के पूर्व विधायक रणविजय सिंह को धमकी दी गई है कि पिसाय के सुशील पांडेय की जिस तरह से हत्या की गई थी। उसी तरह आपको भी भुगतना पड़ेगा। साथ ही गोह जदयू कार्यालय एवं पूर्व विधायक को उड़ाने की भी धमकी दी गई है। 

हालांकि पूर्व विधायक रणविजय कुमार की हत्या करने को लेकर नक्सलियों ने कई बार पोस्टर चिपका कर हत्या करने की धमकी दी थी। सरकार ने पूर्व विधायक व उनके गांव की सुरक्षा को लेकर बंदेया में थाना भी स्थापित कर दिया है।इसके बावजूद नक्सलियों द्वारा पोस्टर चिपकाकर धमकी दी जा रही है। 

गोह थानाध्यक्ष कमलेश पासवान ने पोस्टरबाजी की पुष्टि करते हुए कहा कि पेमा गांव एवं डिहुरी गांव के लोगों द्वारा सूचना मिली थी। लेकिन स्थल पर जाने के बाद वहां पोस्टर उखाड़ लिया गया था। 

वही प्रभारी थानाध्यक्ष अरविंद सिंह ने भी पोस्टर चिपकाने की पुष्टि की हैं। हालांकि घटना स्थल पर पुलिस पहुंची तो पोस्टर नही था। निशान थे।

औरंगाबाद -बच्चा नही हुआ तो हैवान पति ने पत्नी को गला दबाकर कर दी हत्या

 गोह थाना क्षेत्र के सिंघाड़ी गांव में शादी के पन्द्रह साल बाद भी बच्चा न होने से नाराज हैवान पति ने गला दबाकर पत्नी की हत्या कर दी। सूचना पर पहुंची गोह पुलिस ने मृतका का शव उसके घर से बरामद कर पोस्टमार्टम को लेकर सदर अस्पताल औरंगाबाद भेज, आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

बताया जाता है कि अरवल जिले के करपी थाना क्षेत्र के धराना गांव निवासी शिवपूजन चौधरी अपनी पुत्री सिंधु कुमारी की शादी 2007 में गोह थाना क्षेत्र के सिंघाड़ी गांव निवासी बैजनाथ चौधरी के पुत्र संतोष चौधरी से हिन्दू रीति रिवाज के साथ सामर्थ्य के अनुसार दान दहेज देकर किया था।

जब सिंधु की बच्चा नहीं हुआ तो लगातार पति मारपीट व प्रताड़ित करते रहता था।मृतका की बहन बिंदु देवी ने बताया कि जब मेरी बहन सिंधु का बच्चा नही हो रहा था, तो उसके पति संतोष चौधरी को बार बार कहा जा रहा था कि डॉक्टर से दिखाकर इलाज कराया जाय, लेकिन संतोष न हमोलोगों को डॉक्टर के पास ले जाने दिया, ना अपने ले गया।

बार-बार पिटाई करता था और हत्या करने की धमकी देता रहा और अंततः मेरी बहन की गला दबाकर हत्या कर दी और फरार हो गया।

किसी ने इसकी सूचना मृतका के पिता शिव पूजन चौधरी को दूरभाष के माध्यम से दी। सूचना मिलते ही पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव को बरामद करते हुए पोस्टमार्टम को लेकर सदर अस्पताल औरंगाबाद भेज दिया। 

इधर मृतका की बहन बिंदु दवी सुनील का रोते-रोते हाल बेहाल है।

थानाध्यक्ष कमलेश पासवान ने बताया कि परिजनों की सूचना पर शव को बरामद करते हुए पोस्टमार्टम को लेकर सदर अस्पताल औरंगाबाद भेज दिया गया है। आवेदन मिलते ही प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

*बिहार की लड़की ने तेजस्वी यादव को लिखा लेटर, कहा- अफेयर की उम्र में ‘करेंट अफेयर’ पढ़ रहे हैं

             

औरंगाबाद : वैलेंटाइन डे वीक के बीच एक लड़की ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को एक चिट्ठी लिखी है। लड़की की ओर से लिखी गई चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लड़की ने चिट्ठी में खुद को बेरोजगार बताया है। 

लड़की ने कहा है कि आपने तो अपने लव मैरिज कर लिया, लेकिन हमारे लव पर बेरोजगारी का अड़चन है। नौकरी का जुगाड़ लगाइए नहीं तो हमारे लव किसी और जुगाड़ के साथ फरार हो जाएंगे।

चिट्ठी की सोशल मीडिया पर हो रही चर्चा लड़की की ओर से डिप्टी सीएम को लिखी गई चिट्ठी की चर्चा सोशल मीडिया पर हो रही है। 

लड़की ने तेजस्वी यादव को लिखी गई चिट्ठी में अपने प्यार का जिक्र किया है। लड़की का कहना है कि वो किसी लड़के से प्यार करती है, लेकिन उनकी शादी में बेरोजगारी अड़चन बनी हुई है।   

पढ़िए लड़की ने चिट्ठी में क्या लिखा है…

डियर तेजस्वी जी,

उप मुख्यमंत्री, बिहार   आपको पता है हम बड़ी टेंशन में हैं। आप तो लव मैरेज कर लिये लेकिन हमर मैरेज पर बेरोजगारी का अड़चन लगल है। हम चार साल से प्रभात बांधुल्य संग वन साइडेड अफेयर में हैं। अफेयर के उमर में करेंट अफेयर पढ़ रहे हैं। सोचे थे नौकरी लगेगा तो परपोज करेंगे, लेकिन नौकरी तो लगने से रहा। एक तो भैंकेंसी नहीं आता है और भैंकेंसी आता भी है तो पेपरे लीक हो जाता है।

लड़की ने लिखा कि ई सब देखते देखते लगता है इहो वैलेंटाइन अइसहीं पार हो जाएगा और हम परपोज भी ना कर पाएंगे। हम उधर कंपटीशन की तैयारी में लगल हैं और बाबू जी मने मन हमारे बियाह की तैयारी में। हमारी सब सहेली लोग का तो बच्चा भी हो गया है बियाह के बाद। मन बड़ी मायूस हो रहा है ई सब सोच सोच के। बड़ी उम्मीद से चिट्ठी लिख रहे हैं, नौकरी का जुगाड़ लगवाइए नहीं तो लेखक साहब किसी और जुगाड़ के साथ फरार हो जाएंगे। प्यार बिना नौकरी लेके क्या करेंगे।

आपकी वोटर और लेखक प्रभात बांधुल्य की वन साइडेड लवर पिंकी (फ्रॉम पटना)।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

फिर 3 दिन के हड़ताल पर गए देश भर से जनवितरण के डीलर,22 मार्च को संसद भवन का करेंगे घेराव

औरंगाबाद : जनवरी में हुए 10 दिवसीय हड़ताल के बाद जनवितरण डीलर फिर से 3 दिवसीय हड़ताल पर गए हैं।  

फेयर प्राईस डीलर एसोसिएशन के प्रदेश संगठन मंत्री सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि डीलरों के साथ सरकार अन्याय कर रही है। सरकार द्वारा तय मजदूरी भी नहीं दे रही है।

इस बार के बजट में भी डीलरों के लिए फूटी कौड़ी का प्रावधान नही किया है जबकि डीलरों के भी जरूरत के खर्च मिलने वाले कमीशन से ही चलता है। 

लेकिन सरकार द्वारा दिए जा रहे कमीशन से दुकान का किराया, बिजली बिल ,स्टेशनरी और सहायक का खर्च भी किसी तरह निकाल पाना मुश्किल है।

प्रदेश संगठन मंत्री सुरेंद्र सिंह ने भारत सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से डीलरों के मानदेय निर्धारित करने की मांग की है। 

साथ ही राशन के साथ साथ अन्य आवश्यक वस्तुओं जैसे चीनी, तेल, दाल वगैरह की आपूर्ति जनवितरण के माध्यम से कराने की मांग की है।

 22 मार्च को संसद भवन का करेंगे घेराव

सुरेंद्र सिंह ने बताया कि 3 दिवसीय हड़ताल के बाद भी अगर सरकार मानदेय की मांग नहीं मानती है तो देश के सभी राज्यों के डीलर दिल्ली में संसद भवन मार्च कर सरकार को अपनी समस्याओं से अवगत करायेंगे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद: माओवादियों ने फिर की थी सुरक्षा बलों पर हमले की प्लानिंग, पुलिस ने किया नाकाम, भारी मात्रा में कारतूस व आपत्तिजनक सामान बरामद


बिहार में औरंगाबाद की पुलिस माओवादियों के सफाये को लेकर लगातार अभियान चला रही है। वही नक्सली भी पुलिस से दो-दो हाथ करने की लगातार तैयार कर रहे है लेकिन पुलिस उनके नापाक मंसूबों पर हर बार पानी फेर दे रही है। इसी कड़ी में पुलिस ने मंगलवार को मदनपुर के सुदूरवर्ती अति दुरूह जंगली पहाड़ी क्षेत्र में पचरुखिया और आसपास के इलाकों में स्पेशल सर्च ऑपरेशन चलाकर नक्सलियों की सुरक्षा बलों पर हमला करने की एक बड़ी योजना को फिर से विफल कर दिया है।

पुलिस अधीक्षक स्वपना गौतम मेश्राम ने मंगलवार की शाम प्रेसवार्ता में बताया कि खुफिया इनपुट मिला कि मदनपुर के विभिन्न पहाड़ी क्षेत्रों में पुलिस के लगातार चल रहे छापेमारी अभियान से खार खाए नक्सली एक बार फिर सुरक्षा बलों पर बड़ा हमला करने की योजना बना रहे है।

यह इनपुट मिलते ही उनके निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक(अभियान) मुकेश कुमार के नेतृत्व में एसटीएफ, मदनपुर पुलिस एवं गया जिला स्थित सीआरपीएफ की 159वीं वाहिनी ने संयुक्त रूप से मदनपुर के पचरुखिया पहाड़, शिकारी कुआं एवं आसपास के इलाकों में नक्सलियों के विरुद्ध स्पेशल सर्च ऑपरेशन चलाया।

इसी अभियान के दौरान ऑपरेशन में लगी टीम ने नक्सलियों द्वारा छिपा कर रखी भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री एवं प्लास्टिक के डिब्बे में रखे जिंदा कारतूसों की बरामदगी की। बरामद सामानों में एसएलआर 7.2 के 1011 जिंदा कारतूस , 5.56 इंसास राइफल के 1168 जिंदा कारतूस एवं 12 किलो का एक आईईडी बम बरामद किया गया।

बरामद विस्फोटकों की खेप को पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से जंगलों में ही विनष्ट कर दिया गया।

एसपी ने बताया कि बरामद सामानों को जब्ती सूची तैयार कर मदनपुर थाना लाया गया।

इस मामले में मदनपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी में सात नक्सलियों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। एसपी ने कहा पुलिस के छापेमारी अभियान से नक्सलियों का मनोबल काफी गिरा हुआ है।

माओवादियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस का ऑपरेशन लगातार जारी है। यह छापेमारी अभियान तब तक जारी रहेगी, जब तक जंगली-पहाड़ी इलाकों से नक्सलियों का समूल सफाया नही हो जाता है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय

माओवादी करा रहे थे अफीम की खेती, पुलिस ने तोड़ी कमर, नष्ट कर दी 10 एकड़ में लगी 20 करोड़ की फसल*

औरंगाबाद : अति नक्सल प्रभावित औरंगाबाद जिले में पुलिस ने लंबे अरसे के बाद माओवादियों की इकोनॉमी पर करारा प्रहार किया है। इस प्रहार से नक्सलियों को तगड़ा झटका लगा है। 

आमदनी के एक प्रमुख स्त्रोत पर पुलिस के सधे प्रहार से नक्सलियों की आर्थिक रूप से कमर टूटी है। इस प्रहार से नक्सली बिलबिला से उठे है।

पुलिस ने मदनपुर थाना के सुदूरवर्ती दक्षिणी इलाके में बादम और देव प्रखंड में ढ़िबरा थाना के छुछिया, ढाबी एवं महुआ गांव में करीब 10 एकड़ में हो रही अफीम की खेती को तहस नहस किया है। 

पुलिस ने करोड़ों की अफीम की फसल को नष्ट कर दिया है। पुलिस द्वारा बर्बाद की गई अफीम के फसल की कीमत 20 करोड़ आंकी जा रही है। फसल के तैयार होने पर इससे भी अधिक आमदनी हो सकती थी। मौके से पुलिस ने ग्रीन अफीम भी बरामद किया है। 

पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम मेश्राम ने आज मंगलवार की शाम प्रेसवार्ता में बताया कि मदनपुर थाना के बादम और देव प्रखंड में ढ़िबरा थाना के छुछिया, ढाबी एवं महुआ गांव के जंगली इलाके में अफीम की खेती किये जाने की खुफिया जानकारी मिली। इस सूचना की सत्यता का मुखबिरों से पता लगाया गया। 

तब जाकर पता चला कि इन इलाकों में जंगली-पहाड़ी इलाके में करीब 10 एकड़ में अत्यधिक नशीले पदार्थ अफीम की खेती हो रही है। 

अफीम की खेती को लोगों के नजर में नही आने देने के लिए अफीम की फसल के चारो ओर कुछ दूरी तक वैसी फसले लगाई गई है, जिनकी उंचाई अधिक होती है। इसके बाद पुलिस की दो अलग-अलग टीम गठित की गई। 

मदनपुर पुलिस की टीम ने थानाध्यक्ष शशि कुमार राणा के नेतृत्व में बादम गांव पहुंची। पुलिस ने करीब तीन एकड़ खेतों में लगी अफीम की फसल को तहस नहस कर दिया। 

वही दूसरी टीम ने देव प्रखंड में ढ़िबरा थाना के छुछिया, ढाबी एवं महुआ गांव के जंगली इलाके में 7 एकड़ में हो रही अफीम की खेती को पूरी तरह नष्ट कर दिया। 

उन्होने बताया कि अफीम की फसल को चारो ओर से मक्का व अरहर की फसल से छिपा कर रखा गया था। इन फसलों के बीच अफीम की फसल बोई गयी थी। खेत में अफीम की फसल लहलहा रही थी। फसल में मोटी-मोटी अफीम की गांठे उभर आई थी, जो शीघ्र ही तैयार होनेवाली थी। 

अफीम की फसल के इन्ही गांठों में चीरा लगाया गया था। इन्ही चीरों वाली गांठ से निकलने वाले चिपचिपे पदार्थ को जमा कर अफीम तैयार किया जाता है। 

उन्होंने बताया कि मादक पदार्थ अफीम की खेती करनेवालो को चिन्हित किया जा रहा है। इस तरह की खेती करनेवालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

कहा कि माओवादियों द्वारा अफीम की खेती कराने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता। इन इलाके में पहले भी माओवादियों द्वारा अफीम की खेती कराने के कई मामले प्रकाश में आ चुके है। पुलिस ने पहले भी अफीम की खेती को नष्ट कर नक्सलियों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ने का काम किया है। 

नक्सली मादक पदार्थों की खेती से होनेवाली भारी आमदनी का इस्तेमाल अपने संगठन और व्यक्तिगत हित में करते रहे है। फिलहाल मामले में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।               

दो साल से हो रही थी अफीम की खेती, लहलहा रही थी फसल

 

बादम के ग्रामीण इलाके के ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि इस क्षेत्र में पिछले दो सालो से अफीम की यह खेती हो रही थी। 

ग्रामीणों की माने तो बादम, पिछुलिया, पिपरगढ़ी सहित अन्य इलाको में चोरी छिपे अफीम की खेती हो रही है। वही कुछ ग्रामीणों ने कहा कि हमें यह नही मालूम था कि यह फसल अफीम की है। उन्हें बताया गया था कि पोस्ता दाना की खेती की जा रही है। 

ग्रामीणों के मुताबिक इस इलाके में लगभग पांच एकड़ में अफीम की खेती की गई थी। यदि अफीम की फसल को बर्बाद नहीं किया जाता तो इससे खेती करने कराने वालो को करोड़ों की आमदनी होती। 

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

दहेज हत्यारोपी ठहराया गया दोषी

आज व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने कुटुंबा थाना कांड संख्या 158/20,सेसन ट्रायल संख्या 19/21 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए एकमात्र काराधिन बंदी अभियुक्त रोहित कुमार कुटुंबा को भादंवि धारा 304 बी 34 में दोषी पाया है,.

लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल ने बताया कि सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई के तिथि 15/02/23 निर्धारित किया गया है अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक अनीता देवी ने दहेज के लिए हत्या करने का आरोप अभियुक्त पर 07/09/20 को लगया था .

अभियुक्त दो साल से मंडल कारा औरंगाबाद में बंद हैं इस वाद में बहस पर सुनवाई कुल आठ तिथि में पूरी हुई है और आज दहेज हत्यारोपी को दोषी ठहराया गया है,

नक्सल प्रभावित बादम गांव में पुलिस ने तीन एकड़ में लगी अफीम फसल को किया नष्ट कर दिया, दो करोड़ रुपए में आंकी गई है नष्ट की गई अफीम की कीमत

औरंगाबाद : जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित दक्षिणी इलाके में स्थित बादम गांव में तीन एकड़ में लगी अफीम फसल को पुलिस ने   नष्ट कर दिया. नष्ट की गई अफीम की कीमत दो करोड़ रुपए में आंकी गई है.

बताया जा रहा है कि पुलिस को सूचना मिली थी कि मदनपुर थाना क्षेत्र के जंगली क्षेत्र में अफीम की खेती की गई है। उक्त सूचना पर जब पुलिस ने जांच की तो यह बात सत्य निकली।

इसके बाद मदनपुर थाना अध्यक्ष शशि कुमार राणा के नेतृत्व में पुलिस ने टीम बनाकर सुदूर नक्सल क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए खेतों में लगी सभी अफीम की फसल को नष्ट कर दिया।

3 एकड़ में लगी अफीम की फसल को पुलिस ने किया नष्ट

थानाध्यक्ष शशि कुमार राणा के नेतृत्व में मदनपुर शिव अंजू सिंह राजस्व अधिकारी उदय प्रताप सिंह के नेतृत्व में अभियान चलाकर बादम गांव में 3 एकड़ में लगी अफीम के फसल को नष्ट किया गया है।

उन्होंने बताया कि मक्का व अरहर की फसल के बीच यह फसल लगाया गया था। जिसके कारण पता नहीं चलता था कि यहां अफीम का फसल लगाया गया है।

हालांकि जैसे ही गुप्त सूचना मिली वैसे ही पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए पूरी फसल को नष्ट कर दिया है।

उन्होंने बताया कि मादक पदार्थ अफीम की खेती करने वाले को ऊपर चिन्हित कर बड़ी कार्रवाई की जाएगी इस मामले में किसी को मौके से गिरफ्तारी नहीं की गई है

2 वर्षों से इस इलाके में हो रही है अफीम की खेती

ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने के नाम पर बताया कि इस इलाके में 2 वर्षों से अफीम की खेती किया जा रहा है।

बता दें कि बादम पिछुलिया, पिपरगढ़ी सहित अन्य क्षेत्रों में अफीम की खेती की जा रही है। पुलिस के इस कार्रवाई से इस इलाके के लोगों में दहशत का माहौल कायम है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

11 फरवरी को राष्ट्रीय लोक अदालत में 12 बेंचों पर होगी सुलहनीय वादों की सुनवाई, तैयारी अंतिम चरण में

औरंगाबाद : जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के तत्वावधान में वर्ष 2023 का पहला राष्ट्रीय लोक अदालत 11 फरवरी को लगने जा रहा है।।

व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद और अनुमंडलीय न्यायालय दाउदनगर में लगने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियां अंतिम चरण में है।

डीएलएसए के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश कुमार श्रीवास्तव एवं प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में 09 बेंच और अनुमंडलीय न्यायालय दाउदनगर में तीन बेंच का गठन किया गया है। कुल 12 बेंचो पर लोक अदालत से संबंधित वादों का निपटारा किया जाएगा।

कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत वादों के सुलह के आधार पर निस्तारण का एक सशक्त माध्यम है। यहां संबंधित पक्षों को त्वरित न्याय प्राप्त होता है।अपील किया कि 11 फरवरी को आयोजित होनेवाले राष्ट्रीय लोक अदालत का अधिक से अधिक आमजन लाभ उठायें।

जो भी व्यक्ति को अपने सुलहनीय वाद का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत में कराना चाहते हैं तो वे किसी भी कार्य दिवस में जिला विधिक सेवा प्राधिकार में स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपना आवेदन दे सकते है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र