एडवोकेट राजीव कुमार ने महाधिवक्ता राजीव रंजन के खिलाफ क्रिमिनल केस करने की राज्यपाल से मांगी अनुमति, जानें क्यों...?
रांची : मीडिया की सुर्खियों में अक्सर रहने वाले एडवोकेट राजीव कुमार एक बार फिर से खबरों में हैं. इस बार उन्होंने राज्यपाल को उनके प्रधान सचिव के माध्यम से एक चिट्टी लिखी है, जिसमें महाधिवक्ता राजीव रंजन के खिलाफ क्रिमिनल केस करने की अनुमति मांगी है. दरअसल, राज्य के महाधिवक्ता की नियुक्ति राज्यपाल के मंजूरी के बाद होती है. ऐसे में उनपर किसी भी प्रकार का केस करने के लिए राज्यपाल की अनुमति चाहिए होती है.
राजीव कुमार ने महाधिवक्ता राजीव रंजन पर केस करने के लिए राज्यपाल से अनुमति मांगी है .इस वजह से केस करना चाहते हैं एडवोकेट राजीव कुमार
राजीव कुमार ने राज्यपाल को लिखी चिट्ठी में कहा है कि राज्य सरकार की तरफ से किसी भी अधिवक्ता को अगर नियुक्त किया जाता है तो उसे अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्योरा राज्य सरकार को एक महीने के अंदर देना होता है.
लेकिन करीब तीन साल बीतने को है. महाधिवक्ता राजीव कुमार की तरफ से ऐसा नहीं किया गया है.
जानें, क्या कहता है कानून
ऐसे सभी अधिवक्ता जिसके अंतर्गत महाधिवक्ता, अपर महाधिवक्ता, सरकारी वकील, लोक अभियोजक, अपर लोक अभियोजक और सहायक सरकारी वकील आते हैं तथा जिनकी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा किसी अवधि के लिए विधि पदाधिकारी के रूप में की गई हो. वह अपनी नियुक्ति के एक महीने के अंदर अपनी समस्त चल एवं अचल संपत्ति का विवरण विहित प्रपत्र में राज्य सरकार को देंगे. और यदि पूर्व में ऐसी नियुक्ति कर दी गई हो तो इस अधिनियम के प्रभावी होने के समय से एक माह के अंदर अपनी संपत्ति का विवरण देंगे और प्रत्येक वर्ष 31 मार्च को नियमित रूप से देते रहेंगे.
यदि ऐसे विधि पदाधिकारी जानबूझकर निर्देश दिए जाने पर भी अपनी संपत्ति का विवरण नहीं देते हैं तो वह एक वर्ष का कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित होंगे.
Feb 07 2023, 09:22