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पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर की फायरिंग, भारत ने पड़ोसी देश की चौकियों से हुई गोलीबारी का दिया जवाब

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पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तानी सेना के बीच तनातनी शुरू हो गई है। पाकिस्तान की सेना ने कुछ जगहों पर छोटे हथियारों से गोलीबारी शुरू की। भारतीय सेना ने इसका करारा जवाब दिया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही पाकिस्तान डरा हुआ है। वह भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से छटपटा रहा है। इस बीच पड़ोसी मुल्क की ओर से फायरिंग की गई है।

गुरुवार की रात को पाकिस्तानी आर्मी ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए भारत के 8 चौकियों पर रात भर फायरिंग करती रही। गोलीबारी छोटे हथियारों के जरिए की गई। भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया कि भारतीय सेना ने इसका प्रभावी ढंग से जवाब दिया। फिलहाल किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।

इससे पहले पाकिस्तान ने गुरुवार को भारत के साथ शिमला समझौते और अन्य द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित कर दिया, सभी प्रकार के व्यापार पर रोक लगा दी और भारतीय एयरलाइन के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया। इसके साथ ही उसने कहा कि सिंधु जल संधि के तहत उसके लिए निर्धारित पानी के प्रवाह को रोकने या परिवर्तित करने का कोई भी प्रयास युद्ध छेड़ने के समान माना जाएगा।

पाकिस्तान ने भारत की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई के बाद ये कदम उठाया। दरअसल, पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत ने जवाब में पाकिस्तान पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिया है। इसमें सिंधु जल समझौता, पाकिस्तानियों के वीजा रद्द और भारत खाली करने के आदेश से लेकर कई तरह के प्रतिबंध शामिल हैं। वहीं, पीएम मोदी ने गुरुवार को साफ कर दिया कि इस कुकृत्य के जिम्मेदार को ‘मिट्टी में मिला देंगे।’ इस हमले से भारत अभी उबर नहीं पाया था कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नापाक हरकत कर दी।

सिंधु नदी का पानी मोड़ना युद्ध की घोषणा जैसा”, पाकिस्तान की गीदड़भभकी, भारत के खिलाफ किए कई ऐलान

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पहलगाम में हुए हमले के बाद तनाव को बढ़ाते हुए पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कई घोषणाएं की हैं। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के बाद अब पाकिस्तान ने भी गीदड़भभकी देने की कोशिश की है। इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पाकिस्तान ने कई बड़े फैसलों का ऐलान किया है। इसमें भारत के साथ व्यापार पर रोक, वाघा बार्डर को बंद करना, भारतीय विमानों के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल पर रोक का फैसला किया गया है।

भारत पर आतंकवाद फैलाने जैसा गंभीर आरोप

इस्लामाबाद ने कहा कि यह कदम नई दिल्ली के पाकिस्तान के अंदर आतंकवाद को बढ़ावा देने, अंतरराष्ट्रीय हत्याओं में शामिल होने और कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों की अवहेलना करने के "प्रकट व्यवहार" का सीधा जवाब है। बयान में कहा गया है, "जब तक भारत अपने प्रकट व्यवहार से बाज नहीं आता, तब तक पाकिस्तान भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित रखने के अधिकार का प्रयोग करेगा।"

भारत के बयान को बताया राजनीति से प्रेरित

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, बैठक में भाग लेने वालों ने राष्ट्रीय सुरक्षा माहौल और क्षेत्रीय स्थिति, खासकर पहलगाम हमले के मद्देनजर चर्चा की। बयान में कहा गया, "पर्यटकों की जान जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए समिति ने 23 अप्रैल 2025 को घोषित भारतीय उपायों की समीक्षा की और उन्हें एकतरफा, अन्यायपूर्ण, राजनीति से प्रेरित, बेहद गैरजिम्मेदाराना और कानूनी योग्यता से रहित बताया।

सिंधु जल संधि पर बोला पाकिस्तान

पीएमओ के बयान में कहा गया है, पाकिस्तान सिंधु जल संधि को स्थगित रखने की भारत की घोषणा को पूरी तरह से खारिज करता है। बयान में कहा गया है कि यह संधि एक बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसमें एकतरफा निलंबन का कोई प्रावधान नहीं है। एनएससी ने जोर देकर कहा, पानी पाकिस्तान का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित है, यह उसके 240 मिलियन लोगों की जीवनरेखा है और इसकी उपलब्धता को हर कीमत पर सुरक्षित रखा जाएगा। इसने चेतावनी दी, सिंधु जल संधि के अनुसार पाकिस्तान के पानी के प्रवाह को रोकने या मोड़ने का कोई भी प्रयास और निचले तटवर्ती क्षेत्र के अधिकारों का हनन युद्ध की कार्रवाई के रूप में माना जाएगा और राष्ट्रीय शक्ति के पूरे स्पेक्ट्रम में पूरी ताकत से इसका जवाब दिया जाएगा।

भारत के लिए एयरस्पेश किया बंद

बयान में आगे कहा गया है कि, पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र तत्काल प्रभाव से सभी भारतीय स्वामित्व वाली या भारतीय संचालित एयरलाइनों के लिए बंद कर दिया जाएगा। भारत के साथ सभी व्यापार, जिसमें पाकिस्तान के माध्यम से किसी तीसरे देश के लिए या उससे होने वाला व्यापार भी शामिल है, तत्काल निलंबित कर दिया गया है।

पाकिस्तान ने वाघा सीमा चौकी को बंद किया

पाकिस्तान ने कहा है कि वह वाघा सीमा चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद करेगा। इस मार्ग से भारत से सीमा पार सभी पारगमन, बिना किसी अपवाद के निलंबित रहेंगे। जो लोग वैध समर्थन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे तुरंत लेकिन 30 अप्रैल 2025 से बाद में नहीं, वापस लौट सकते हैं।

सिखों को छोड़ भारतीय नागरिकों का वीजा निरस्त

पाकिस्तान ने भारतीय नागरिकों को जारी किए गए सार्क वीजा छूट योजना के तहत सभी वीजा निलंबित कर दिए हैं और सिख धार्मिक तीर्थयात्रियों को छोड़कर उन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। एसवीईएस के तहत वर्तमान में पाकिस्तान में भारतीय नागरिकों को 48 घंटे के भीतर बाहर निकलने का निर्देश दिया सलाहकारों के सहायक कर्मचारियों को भी भारत लौटने का निर्देश दिया गया है।

पहलगाम हमले के बाद क्यों खौफ में पाकिस्तान? सीमा के पास पीएएफ की बड़ी हलचल

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए खौफनाक आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में खौफ का माहौल है। शायद पाकिस्तान को पुलवामा हमले के बाद हुए भारतीय एक्शन की याद ताजा हो गई है। आतंकी हमले के तुरंत बाद पाकिस्तानी सेना ने अपने एयरबेस की सुरक्षा बढ़ा दी है। मंगलवार रात को सेना के बड़े-बड़े अधिकारी एयरबेस की मॉनिटरिंग में लगे रहे। भारत की कार्रवाई के खौफ में पाकिस्तानी वायुसेना अलर्ट पर हैं। फ्लाइट रेडार डेटा में दर्ज पाकिस्तानी वायुसेना की असामान्य गतिविधियों से इसका पता चलता है।

फ्लाइट रडार 24 में दर्ज डेटा के मुताबिक पहलगाम हमले के तुरंत बाद रावलपिंडी और लाहौर से सेना के 2 फाइटर जेट को उड़ते देखा गया। एक फाइटर जेट तो एलओसी के आसपास चक्कर लगा रहा था। अहमदपुर ईस्ट के पास आखिरी बार पाकिस्तानी फाइटर जेट को उड़ान भरते देखा गया। सीमा पर पाकिस्तानी वायुसेना के जिन विमानों को उड़ान भरते देखा गया है, उनमें PAF198 और PAF101 नंबर की फ्लाइट है। पाकिस्तान की वायुसेना दोनों ही विमानों का इस्तेमाल अक्सर खुफिया अभियानों के लिए करती रही है।

सीमा पर पाक सेना की उपस्थिति बढ़ी

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान एयरपोर्स ने भारतीय सीमा के पास अपनी उपस्थिति बढ़ानी शुरू कर दी है। पाकिस्तान ने क्षेत्र में हवाई निगरानी को बढ़ाने के लिए साब एरिए एयरबॉर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट को तैनात किया है। एरिए सिस्टम एयर क्राफ्ट, मिसाइल और लंबी दूरी पर जमीनी लक्ष्यों का पता लगाने में सक्षम है, जो पाकिस्तानी वायुसेना को त्वरित कार्रवाई करने की क्षमता के लिए तैयार करता है।

सर्जिकल स्ट्राइक का डर

पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने बयान जारी किया है। शाह का कहना है कि एक भी आंतकी बख्शे नहीं जाएंगे। शाह खुद जम्मू कश्मीर पहुंच गए हैं। वहीं से हालात का जायजा ले रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान की धड़कने बढ़ी हुई है। पाकिस्तानी पत्रकार और एनालिस्ट कमर चीमा ने चेतावनी दी है कि भारत इस हमले का जवाब दे सकता है। उन्होंने कहा, ‘पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक जैसी कार्रवाई हो सकती है। भारत इस हमले को हल्के में नहीं लेगा।

बता दें कि 2019 में पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसके बाद भारत ने पीओके के इलाके में सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए 300 आतंकवादियों को ढेर कर दिया था। इस बार भी पाकिस्तान की सेना को फिर से सर्जिकल स्ट्राइक का डर सताने लगा है।

हम हिंदुओं से अलग, बच्चों को पाकिस्तान की कहानी सुनाएं', पाक सेना प्रमुख ने उगला भारत के खिलाफ जहर

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पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। बुधवार को इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानी सम्मेलन में पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत और हिंदू धर्म को लेकर जहरीला बयान दिया।असीम मुनीर ने एक बार फिर ‘टू नेशन थ्योरी’ को दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान की नींव इस्लाम के कलमे पर रखी गई है और हम हर मामले में हिंदुओं से अलग हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक धार्मिक सोच की बुनियाद पर बना है।

जनरल मुनीर ने विदेशी पाकिस्तानियों से कहा कि वे देश के राजदूत हैं और उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे उच्च विचारधारा और संस्कृति" से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने कहा कि आपको अपने बच्चों को पाकिस्तान की कहानी जरूर बतानी चाहिए। हमारे पूर्वजों ने सोचा था कि हम जीवन के हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं। हमारे धर्म, हमारे रीति-रिवाज, परंपराएं, विचार और महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। यही द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की नींव थी जो रखी गई थी।

पाकिस्तान की कहानी याद रखने की अपील की

इसके साथ ही उन्होंने भारत से अपने देश की तुलना करते हुए कहा, हम दो देश हैं, हम एक देश नहीं हैं। इस देश के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है। उन्होंने इस देश को बनाने के लिए बहुत ज्यादा त्याग किया है। हम जानते हैं कि इसकी कैसे रक्षा करना है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा, मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, बेटों और बेटियों, पाकिस्तान की कहानी को मत भूलिए और इस पाकिस्तान की कहानी को अपनी अगली पीढ़ियों को जरूर सुनाइए, ताकि उनका पाकिस्तान से जुड़ाव कभी कमजोर न हो- चाहे वह तीसरी पीढ़ी हो, चौथी या फिर पांचवीं- उन्हें यह पता होना चाहिए कि पाकिस्तान उनके लिए क्या है।

13 लाख की मजबूत भारतीय सेना हमे डरा नहीं सकी-मुनीर

आसिम मुनीर यहीं नहीं रुके और विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों से कहा कि वे इस बात को न भूलें कि वे बेहतर विचारधारा और बेहतर संस्कृति से ताल्लुक रखते हैं। पाकिस्तान में बढ़ रहे आतंकी हमलों पर मुनीर ने कहा कि क्या आतंकी हमारे देश से हमारी किस्मत छीन सकते हैं? जब 13 लाख की मजबूत भारतीय सेना, हमारे नहीं डरा सकती तो कुछ आतंकी क्या हमें हरा सकते हैं?

बलूचिस्तान को बताया पाकिस्तान का गर्व

पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने बलूचिस्तान में बढ़ रहे विद्रोह पर कहा कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का गर्व है और आपको लगता है कि आप इसे आसानी से ले सकते हैं? आपकी दस पीढ़ियां भी इसे नहीं ले पाएंगी। हम जल्द ही आतंकियों को हरा देंगे।

पाकिस्तान का नाम लिए बिना एस जयशंकर ने साधा निशाना, पश्चिमी देशों को भी सुना डाला

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भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर अपने लाजवाब करने वाले बयानों के लिए जाने जाते हैं। एक बार फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बिना पाकिस्तान का नाम लिए ऐसी बात कह दी कि पड़ोसी देश तिलमिला जाए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रायसीना डायलॉग के दूसरे दिन बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा। जयशंकर ने कहा कि एक अंतर्राष्ट्रीय ऑर्डर न होने की वजह से न सिर्फ बड़े देशों को फायदा मिलता है, बल्कि दूसरे अतिवादी रुख अपनाने वाले देश इसका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करते हैं।

जयशंकर ने कहा हम सभी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की बात करते हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, किसी अन्य देश द्वारा किसी क्षेत्र पर सबसे लंबे समय तक अवैध कब्जे का उदाहरण भारत के कश्मीर से जुड़ा है। हमने संयुक्त राष्ट्र का रुख किया पर आक्रमण को विवाद बना दिया गया। हमलावर और पीड़ित को बराबर रखा गया।

अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की आवश्यकता जयशंकर ने स्पष्ट किया कि एक प्रभावी वैश्विक व्यवस्था दुनिया के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी किसी देश के लिए घरेलू शासन व्यवस्था। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यवस्था नहीं होगी, तो सिर्फ बड़े देशों को ही लाभ नहीं मिलेगा, बल्कि वे देश भी जिनका चरमपंथी रुख है, अव्यवस्था को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करेंगे।’ उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि जोखिम भरा देश होने के लिए बड़ा होना जरूरी नहीं, कुछ छोटे देश भी इसी रास्ते पर चल रहे हैं।

कश्मीर पर अवैध कब्जे का जिक्र

विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की आक्रामकता का उदाहरण देते हुए कहा कि कश्मीर में दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे लंबे समय तक अवैध कब्जा रहा। उन्होंने बताया कि जब भारत ने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाया, तो हमलावर और पीड़ित दोनों को समान रूप से दिखाया गया, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में विसंगतियां उत्पन्न हुईं।

पश्चिमी देशों पर निशाना

जयशंकर ने पाकिस्तान के संदर्भ में पश्चिमी देशों, जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया, पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, पश्चिमी देश अन्य देशों के लोकतंत्र को लेकर चिंता जताते हैं, लेकिन जब हम उनके देशों में लोकतंत्र की स्थिति पर सवाल उठाते हैं, तो वह इसे गलत हस्तक्षेप मानते हैं। विदेश मंत्री ने वैश्विक व्यवस्था के हिसाब-किताब की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि दुनिया में न्यायपूर्ण और सशक्त व्यवस्था स्थापित की जा सके।

न्यायसंगत और निष्पक्ष संस्था पर दिया जोर

जयशंकर ने कहा कि अगर दुनिया में अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था नहीं होगी तो कई तरह के खतरे पैदा हो जाएंगे। पुरानी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था अपने वक्त का प्रोडक्ट थी। उस व्यवस्था में नियम बनाने वाले और नियम का पालन करने वालों के अपने अलग नजरिए थे। जयशंकर ने कहा कि दुनिया के काम का हिसाब किताब रखने के लिए एक मजबूत यूएन की जरूरत है, लेकिन ये एक न्यायसंगत संस्था होनी चाहिए, निष्पक्ष होनी चाहिए। एक मजबूत ग्लोबल ऑर्डर में मानकों को लेकर एक निरंतरता कायम रहनी चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि पड़ोसी देश म्यांमार में मिलिट्री तख्तापलट होता हैं, तो वो किसी को मंजूर नहीं, लेकिन पश्चिम में नियमित तौर पर ऐसे तख्तापलट दिखते हैं, तब सवाल नहीं उठता। उन्होंने तालिबान का भी ज़िक्र किया और कहा कि जब आपको सही लगता है तो तालिबान सही हो जाता है और जब आपको ग़लत लगता है तो तालिबान ग़लत हो जाता है।

क्या आतंक के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का भी हो गया काम तमाम? जानें क्यों उठ रहे सवाल

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लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के शीर्ष कमांडर अबू कताल को पाकिस्तान में मार दिया गया है। लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर भी हमले की खबर है। कहा जा रहा था कि हमले में हाफिज सईद मारा जा चुका है। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया है कि अज्ञात बंदूकधारियों ने सईद को निशाना बनाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और पाकिस्तानी हैंडल पर हाफिज सईद पर हमले का दावा किया जा रहा है। एक्स पर तो हाफिज सईद ट्रेंड कर रहा है। कई अकाउंट से दावा किया गया कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में झेलम इलाके में जमात-उद-दावा मुखिया और मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद मारा गया है। हालांकि, इसकी कोई पुष्टि नहीं हो पाई है।

कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी आईएसआई से गहरे मतभेद की वजह से कताल मारा गया। पाकिस्तान में कताल के मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं हाफिज सईद को लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है। कहा जा रहा है कि अबू कताल को झेलम में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। झेलम में अज्ञात बंदूकधारियों ने लश्कर ए तैयबा के 2 फिदायीन को मार गिराया। वरिष्ठ पत्रकार अरशद यूसुफजई के मुताबिक 2 की मौत कन्फर्म है, लेकिन पुलिस चुप्पी साध रखी है। युसुफजई ने अपने पोस्ट पर हाफिज सईद का नाम भी लिया है।

सवाल उठ रहा है कि जब 2 मौत कन्फर्म है, तो फिर दूसरा कौन है? क्योंकि हाफिज सईद अक्सर अपने भतीजे अबू कताल के साथ ही रहता है। जेल में भी सईद कताल के साथ ही रहता था। ऐसे में कहा जा रहा है कि कताल के साथ बंदूकधारियों ने हाफिज को भी उड़ा दिया।

पाकिस्तान में उसके ठिकानों के आसपास सुरक्षा बढ़ाए जाने और सरकार की चुप्पी ने सईद की मौत की चर्चा को हवा दी है। पाकिस्तान में हालिया समय में टारगेट किलिंग देखने को मिली हैं। ऐसे लोगों को मारा जा रहा है, जो भारत की हिट लिस्ट में हैं। कताल के करीबी और आईएसआई से जुड़े लोग इसके पीछे भारत की एजेंसी रॉ को मान रहे हैं। ये माना जा रहा है कि सईद भी खतरे में है। ऐसे में उसकी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। उसके घर को अब सबजेल में तब्दील किया जा रहा है, जहां उसे रखा गया है।

कौन है हाफिज सईद?

हाफिज सईद ने 1980 के दशक में अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ जिहाद के दौरान अपनी आतंकी गतिविधियों की शुरुआत की थी। इसके बाद उसने 1987 में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की स्थापना की थी। जिसका मकसद भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करना और कश्मीर को "आजाद" करना था। संगठन ने जल्द ही अपनी हिंसक गतिविधियों से दुनिया का ध्यान खींच लिया था। हाफिज की अगुवाई में लश्कर ने भारत में कई बड़े हमले किए, जिनमें 2001 का भारतीय संसद पर हमला, 2006 के मुंबई ट्रेन धमाके और सबसे चर्चित 26/11 मुंबई हमला शामिल हैं। हाफिज सईद के खिलाफ आतंकी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध कब्जे जैसे 29 से ज्यादा मामले दर्ज थे। उसके सिर पर 10 मिलियन डॉलर (लगभग 70 करोड़ रुपये) का इनाम रखा गया था। हाफिज की क्राइम कुंडली में सैकड़ों बेगुनाहों की मौत का जिक्र है, जिसके लिए उसे आतंक का दूसरा नाम भी कहा जाता था।

ट्रेन हाईजैक के आरोपों पर पाक को भारत का जवाब, कहा-दुनिया जानती है ग्लोबल आतंकवाद का केंद्र कहां

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पाकिस्तान ने बलूचिस्तान प्रांत में ट्रेन हाईजैक की घटना के पीछे भारत का हाथ बताया है। शहबाज सरकार की ओर से लगाए गए इस आरोप पर भारत ने करारा जवाब दिया है। भारत ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय द्वारा लगाए गए उन आरोपों का जोरदार खंडन किया है। भारत ने कहा है कि पूरी दुनिया को पता है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है? दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से आरोप लगाए गए थे कि जाफर एक्सप्रेस हमले मामले में भारत का हाथ हो सकता है।

“अपने अंदर झांकना चाहिए”

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम पाकिस्तान के निराधार आरोपों को दृढ़ता से खंडन करते हैं। पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है? पाकिस्तान को अपनी अंदरूनी समस्याओं और विफलताओं के लिए दूसरों पर उंगली उठाने और दोष मढ़ने के बजाय अपने अंदर झांकना चाहिए।

पाक ने क्या कहा था?

इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने दावा किया था कि जाफर एक्सप्रेस पर हमले में शामिल विद्रोही अफगानिस्तान में मौजूद सरगनाओं के संपर्क में थे।शफकत अली खान ने अपने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, भारत पाकिस्तान में आतंकवाद में शामिल रहा है। जाफर एक्सप्रेस पर विशेष हमले में आतंकवादी अफगानिस्तान में मौजूद अपने आकाओं और सरगनाओं के संपर्क में थे। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंध सीमा पर लगातार झड़पों और इस्लामाबाद के दावों के कारण तनावपूर्ण हो गए हैं।

पाकिस्तान में 11 मार्च को जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का हाईजैक हुआ। जाफ़र एक्सप्रेस की घटना में 450 से अधिक यात्री शामिल थे, जिसमें 58 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 21 यात्री, चार सैनिक और अलगाववादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के 33 आतंकवादी शामिल थे। पाकिस्तान लगातार भारत पर बलूचिस्तान में अशांति पैदा करने के लिए बीएलए जैसे समूहों का समर्थन करने का आरोप लगाता है, इन आरोपों का भारत ने खंडन किया है।

भारत ने पाकिस्तान को बताया “असफल राष्ट्र”, संयुक्त राष्ट्र में पड़ोसी देश को धो डाला

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भारत ने अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान की एक बार फिर जमकर क्लास लगाई है। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत पर आए दिन आरोप लगाता रहा है। इस पर भारत ने भी वैश्विक मंच से पाकिस्तान को “असफल राष्ट्र” करार दिया। भारत ने स्विट्जरलैंड के जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की बैठक में पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई है।

पाकिस्तान पर झूठ फैलाने का आरोप

यूएन में भारत के स्थायी मिशन के अधिकारी क्षितिज त्यागी ने जेनेवा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 58वें सत्र की सातवीं बैठक में अपनी बात रखी। भारत ने पाकिस्तान पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया और उसे एक असफल राष्ट्र बताया जो केवल अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर है। क्षितिज त्यागी ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा कश्मीर और भारत के बारे में झूठ फैलाता आ रहा है। यह आश्चर्यजनक नहीं है कि पाकिस्तान के नेता अपने सैन्य-आतंकवादी परिसर से झूठ फैलाना जारी रखते हैं।

पाकिस्तान को अपने हालात देखने की सलाह

पाकिस्तान ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) को अपना मुखपत्र बताकर संगठन का मजाक उड़ा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस संगठन का समय एक असफल राज्य द्वारा बर्बाद किया जा रहा है। पाकिस्तान पहले अपने यहां के हालात देखे क्षितिज त्यागी ने जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की तरफ से लगाए गए आरोपों पर कहा- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। पाकिस्तान को भारत के बजाय अपने देश के हालात बदलना चाहिए।

पाखंड की बू आती है-भारत

त्यागी ने ये भी कहा, इनकी (पाकिस्तान) बयानबाजी में पाखंड की बू आती है। इसकी हरकतें अमानवीय हैं और ये शासन व्यवस्था चलाने में अक्षमता हैं। भारत लोकतंत्र, प्रगति और अपने लोगों के लिए सम्मान सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।

कश्मीर भारत का अभिन्न अंग

भारत के रुख की पुष्टि करते हुए त्यागी ने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख के साथ हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहे हैं। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने इन क्षेत्रों में हुए कामों की ओर ध्यान भी दिया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में अभूतपूर्व राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक प्रगति हुई है। ये सफलताएं दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से जख्मी क्षेत्र में सरकार की ओर से सामान्य स्थिति लाने की प्रतिबद्धता पर लोगों के भरोसे का प्रमाण हैं। पाकिस्तान को भारत के प्रति अपनी नफरत से आगे बढ़ना चाहिए और उन मुद्दों का समाधान करना चाहिए। भारत अपने लोगों के लिए लोकतंत्र, प्रगति और सम्मान सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। ये ऐसे मूल्य हैं, जिनसे पाकिस्तान को सीखना चाहिए।

भारत में मानवाधिकारों के हनन का आरोप

इससे पहले यूएनएचआरसी को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के कानून, न्याय और मानवाधिकार मंत्री आजम नजीर तरार ने दावा किया कि कश्मीर में लोगों के अधिकारों का लगातार हनन हो रहा है। यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।

पाकिस्तान में मंदिरों और गुरुद्वारों को लेकर बड़ा फैसला, जानें क्या है पड़ोसी देश की सरकार का प्लान?

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अब पाकिस्तान में भी हिंदुओं और पंजाबियों के धार्मिक स्थलों को संवारा जाएगा। पाकिस्तान सरकार ने मंदिरों और गुरुद्वारों के जीर्णोद्धार के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है। इस के तहत 1 अरब पाकिस्तानी रुपये से इन धार्मिक स्थलों को सजाया और संवारा जाएगा। यह निर्णय यहां ‘इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ की बैठक में शनिवार को इसके प्रमुख सैयद अतउर रहमान की अध्यक्षता में लिया गया।

इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करने वाले सैयद अताउर रहमान ने जानकारी देते हुए बताया कि मास्टर प्लान के तहत मंदिरों और गुरुद्वारों को सजाया जाएगा और विकास कार्य कराए जाएंगे। इस पर 1 अरब पाकिस्तानी रुपया खर्च किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत अल्पसंख्यक समुदायों के पूजा स्थलों का विशेष ध्यान दिया जाएगा। रहमान ने बताया कि इस साल ईटीपीबी को 1 अरब रुपये का राजस्व मिला था। इस बैठक में देशभर से हिंदू और सिख प्रतिनिधि शामिल हुए।

बैठक में मौजूद बोर्ड सचिव फरीद इकबाल ने इस योजना में कुछ बदलावों का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि वर्षों से अनुपयोगी पड़ी ट्रस्ट की संपत्तियों को विकास कार्यों में लगाने से राजस्व में कई गुना वृद्धि होगी। इसके अलावा बोर्ड ने मंदिरों और गुरुद्वारों में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा की और परियोजना प्रबंधन इकाई करतारपुर कॉरिडोर के संचालन के लिए एक परियोजना निदेशक की नियुक्ति का भी निर्णय लिया।

इस फैसले के पीछे की मजबूरी

पाकिस्तान में मंदिरों के संरक्षण को लेकर यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान सरकार का यह कदम वास्तव में अल्पसंख्यकों की भलाई से ज्यादा आर्थिक लाभ और वैश्विक छवि सुधारने की रणनीति का हिस्सा है। लंबे समय से पाकिस्तान पर धार्मिक असहिष्णुता और अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के आरोप लगते रहे हैं जिससे उसकी अंतरराष्ट्रीय साख प्रभावित हुई है। ऐसे में मंदिरों और गुरुद्वारों के जीर्णोद्धार की घोषणा कर सरकार निवेश और पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती है।

पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच सीधे व्यापार शुरू, 1971 के बाद पहली बार हुआ ऐसा, भारत पर होगा असर?

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शेख हसीना के तख्तापलट के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्तों में गरमाहट आई है। भारत के दोनों पड़ोसी देशों के बीच सुधरते रिश्ते नया आयाम गढ़ रहे हैं। अब पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच सीधा व्यापार शुरू हो चुका है।पाकिस्तान और बांग्लादेश ने 1971 के विभाजन के बाद पहली बार प्रत्यक्ष व्यापारिक संबंधों की बहाली की है। इस ऐतिहासिक कदम के तहत,पाकिस्तान के कासिम बंदरगाह से सरकारी स्वीकृति मिलने के बाद पहला मालवाहक जहाज बांग्लादेश के लिए रवाना हुआ है। 

पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट एक्सप्रेस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के कासिम बंदरगाह से पहली बार सरकार से मंजूरी मिला हुआ माल रवाना किया गया है। बांग्लादेश ने ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ पाकिस्तान के माध्यम से 50,000 टन पाकिस्तानी चावल खरीदने पर सहमति व्यक्त की है। इस समझौते को फरवरी की शुरुआत में अंतिम रूप दिया गया था। चावल की खेप को दो चरणों में पहुंचाया जाएगा, जिसमें 25000 टन की पहली खेप बांग्लादेश के रास्ते में है। दूसरी खेप मार्च की शुरुआत में रवाना होने वाली है।

हसीना के बाद द्विपक्षीय संबंधों में आई नरमी

पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पिछले वर्ष शेख हसीना को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ होने के बाद दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान के साथ द्विपक्षीय संबंधों में नरमी आई। अखबार ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शांति प्रस्ताव पेश किया, जिस पर पाकिस्तान ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।

यह पहली बार होगा जब सरकारी माल ले जाने वाला पाकिस्तान नेशनल शिपिंग कॉरपोरेशन का जहाज बांग्लादेश के बंदरगाह पर डॉक करेगा। हालांकि, दोनों देशों के बीच पहला सीधा समुद्री संपर्क बीते साल ही हुआ था, जब पाकिस्तानी जहाज माल लेकर बांग्लादेश पहुंचा था, लेकिन वह निजी कंपनी का जहाज था।

क्षेत्रीय राजनीति होगी प्रभावित

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच हालिया घटनाक्रम को आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने और दशकों से निष्क्रिय व्यापार मार्गों को दोबारा सक्रिय करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस नवीनतम व्यापार समझौते से दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध मजबूत होंगे और प्रत्यक्ष नौवहन मार्ग सुगम होंगे। हालांकि, इस घटनाक्रम का क्षेत्रीय राजनीति पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

भारत-बांग्लादेश व्यापार पर असर

बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक परिवर्तन और पाकिस्तान के साथ बढ़ते संबंधों के कारण भारत जरूर प्रभावित होगा। पाकिस्तान के साथ कारोबार बढ़ने की दशा में भारत से बांग्लादेश का व्यापार कमजोर होने की आशंका है। बड़ी मात्रा में खाद्य पदार्थों का आयात बांग्लादेश भारत से करता रहा है, लेकिन अब वह पाकिस्तान के ज्यादा करीब जा रहा है। ऐसे में भारत के नजरिए से क्षेत्रीय व्यापारिक संबंधों में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है। इस कदम का भारत पर कई प्रकार से प्रभाव पड़ेगा।

बांग्लादेश में “करवट” ले रहा आईएसआई

बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार भारत विरोध के सारे पैतरे आजमाने में लगी है। इसमें पाकिस्तान से दोस्ती बढ़ाना भी शामिल है। इसी साल की शुरुआत में बांग्लादेश की सेना के एक टॉप रैंकिंग जनरल ने पाकिस्तान का दौरान किया था, जहां पाकिस्तानी आर्मी चीफ सैयद आसिफ मुनीर समेत अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की थी। इसके ठीक बाद पाकिस्तान की आईएसआई के अधिकारियों ने बांग्लादेश का दौरा किया था।

रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तानी आईएसआई एक बार फिर से बांग्लादेश में 1971 के पहले के रणनीतिक ठिकानों का एक्टिव करना चाहती है। पाकिस्तान का उद्येश्य बांग्लादेश के पड़ोसी भारतीय राज्यों में उग्रवादियों को मदद पहुंचाकर दिल्ली को चोट देना है। मोहम्मद यूनुस को समर्थन देने वाली कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी इसमें पूरा साथ देने के लिए तैयार है।

पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर की फायरिंग, भारत ने पड़ोसी देश की चौकियों से हुई गोलीबारी का दिया जवाब

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पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तानी सेना के बीच तनातनी शुरू हो गई है। पाकिस्तान की सेना ने कुछ जगहों पर छोटे हथियारों से गोलीबारी शुरू की। भारतीय सेना ने इसका करारा जवाब दिया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही पाकिस्तान डरा हुआ है। वह भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से छटपटा रहा है। इस बीच पड़ोसी मुल्क की ओर से फायरिंग की गई है।

गुरुवार की रात को पाकिस्तानी आर्मी ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए भारत के 8 चौकियों पर रात भर फायरिंग करती रही। गोलीबारी छोटे हथियारों के जरिए की गई। भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया कि भारतीय सेना ने इसका प्रभावी ढंग से जवाब दिया। फिलहाल किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।

इससे पहले पाकिस्तान ने गुरुवार को भारत के साथ शिमला समझौते और अन्य द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित कर दिया, सभी प्रकार के व्यापार पर रोक लगा दी और भारतीय एयरलाइन के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया। इसके साथ ही उसने कहा कि सिंधु जल संधि के तहत उसके लिए निर्धारित पानी के प्रवाह को रोकने या परिवर्तित करने का कोई भी प्रयास युद्ध छेड़ने के समान माना जाएगा।

पाकिस्तान ने भारत की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई के बाद ये कदम उठाया। दरअसल, पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत ने जवाब में पाकिस्तान पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिया है। इसमें सिंधु जल समझौता, पाकिस्तानियों के वीजा रद्द और भारत खाली करने के आदेश से लेकर कई तरह के प्रतिबंध शामिल हैं। वहीं, पीएम मोदी ने गुरुवार को साफ कर दिया कि इस कुकृत्य के जिम्मेदार को ‘मिट्टी में मिला देंगे।’ इस हमले से भारत अभी उबर नहीं पाया था कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नापाक हरकत कर दी।

सिंधु नदी का पानी मोड़ना युद्ध की घोषणा जैसा”, पाकिस्तान की गीदड़भभकी, भारत के खिलाफ किए कई ऐलान

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पहलगाम में हुए हमले के बाद तनाव को बढ़ाते हुए पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कई घोषणाएं की हैं। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के बाद अब पाकिस्तान ने भी गीदड़भभकी देने की कोशिश की है। इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पाकिस्तान ने कई बड़े फैसलों का ऐलान किया है। इसमें भारत के साथ व्यापार पर रोक, वाघा बार्डर को बंद करना, भारतीय विमानों के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल पर रोक का फैसला किया गया है।

भारत पर आतंकवाद फैलाने जैसा गंभीर आरोप

इस्लामाबाद ने कहा कि यह कदम नई दिल्ली के पाकिस्तान के अंदर आतंकवाद को बढ़ावा देने, अंतरराष्ट्रीय हत्याओं में शामिल होने और कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों की अवहेलना करने के "प्रकट व्यवहार" का सीधा जवाब है। बयान में कहा गया है, "जब तक भारत अपने प्रकट व्यवहार से बाज नहीं आता, तब तक पाकिस्तान भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित रखने के अधिकार का प्रयोग करेगा।"

भारत के बयान को बताया राजनीति से प्रेरित

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, बैठक में भाग लेने वालों ने राष्ट्रीय सुरक्षा माहौल और क्षेत्रीय स्थिति, खासकर पहलगाम हमले के मद्देनजर चर्चा की। बयान में कहा गया, "पर्यटकों की जान जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए समिति ने 23 अप्रैल 2025 को घोषित भारतीय उपायों की समीक्षा की और उन्हें एकतरफा, अन्यायपूर्ण, राजनीति से प्रेरित, बेहद गैरजिम्मेदाराना और कानूनी योग्यता से रहित बताया।

सिंधु जल संधि पर बोला पाकिस्तान

पीएमओ के बयान में कहा गया है, पाकिस्तान सिंधु जल संधि को स्थगित रखने की भारत की घोषणा को पूरी तरह से खारिज करता है। बयान में कहा गया है कि यह संधि एक बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसमें एकतरफा निलंबन का कोई प्रावधान नहीं है। एनएससी ने जोर देकर कहा, पानी पाकिस्तान का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित है, यह उसके 240 मिलियन लोगों की जीवनरेखा है और इसकी उपलब्धता को हर कीमत पर सुरक्षित रखा जाएगा। इसने चेतावनी दी, सिंधु जल संधि के अनुसार पाकिस्तान के पानी के प्रवाह को रोकने या मोड़ने का कोई भी प्रयास और निचले तटवर्ती क्षेत्र के अधिकारों का हनन युद्ध की कार्रवाई के रूप में माना जाएगा और राष्ट्रीय शक्ति के पूरे स्पेक्ट्रम में पूरी ताकत से इसका जवाब दिया जाएगा।

भारत के लिए एयरस्पेश किया बंद

बयान में आगे कहा गया है कि, पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र तत्काल प्रभाव से सभी भारतीय स्वामित्व वाली या भारतीय संचालित एयरलाइनों के लिए बंद कर दिया जाएगा। भारत के साथ सभी व्यापार, जिसमें पाकिस्तान के माध्यम से किसी तीसरे देश के लिए या उससे होने वाला व्यापार भी शामिल है, तत्काल निलंबित कर दिया गया है।

पाकिस्तान ने वाघा सीमा चौकी को बंद किया

पाकिस्तान ने कहा है कि वह वाघा सीमा चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद करेगा। इस मार्ग से भारत से सीमा पार सभी पारगमन, बिना किसी अपवाद के निलंबित रहेंगे। जो लोग वैध समर्थन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे तुरंत लेकिन 30 अप्रैल 2025 से बाद में नहीं, वापस लौट सकते हैं।

सिखों को छोड़ भारतीय नागरिकों का वीजा निरस्त

पाकिस्तान ने भारतीय नागरिकों को जारी किए गए सार्क वीजा छूट योजना के तहत सभी वीजा निलंबित कर दिए हैं और सिख धार्मिक तीर्थयात्रियों को छोड़कर उन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। एसवीईएस के तहत वर्तमान में पाकिस्तान में भारतीय नागरिकों को 48 घंटे के भीतर बाहर निकलने का निर्देश दिया सलाहकारों के सहायक कर्मचारियों को भी भारत लौटने का निर्देश दिया गया है।

पहलगाम हमले के बाद क्यों खौफ में पाकिस्तान? सीमा के पास पीएएफ की बड़ी हलचल

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए खौफनाक आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में खौफ का माहौल है। शायद पाकिस्तान को पुलवामा हमले के बाद हुए भारतीय एक्शन की याद ताजा हो गई है। आतंकी हमले के तुरंत बाद पाकिस्तानी सेना ने अपने एयरबेस की सुरक्षा बढ़ा दी है। मंगलवार रात को सेना के बड़े-बड़े अधिकारी एयरबेस की मॉनिटरिंग में लगे रहे। भारत की कार्रवाई के खौफ में पाकिस्तानी वायुसेना अलर्ट पर हैं। फ्लाइट रेडार डेटा में दर्ज पाकिस्तानी वायुसेना की असामान्य गतिविधियों से इसका पता चलता है।

फ्लाइट रडार 24 में दर्ज डेटा के मुताबिक पहलगाम हमले के तुरंत बाद रावलपिंडी और लाहौर से सेना के 2 फाइटर जेट को उड़ते देखा गया। एक फाइटर जेट तो एलओसी के आसपास चक्कर लगा रहा था। अहमदपुर ईस्ट के पास आखिरी बार पाकिस्तानी फाइटर जेट को उड़ान भरते देखा गया। सीमा पर पाकिस्तानी वायुसेना के जिन विमानों को उड़ान भरते देखा गया है, उनमें PAF198 और PAF101 नंबर की फ्लाइट है। पाकिस्तान की वायुसेना दोनों ही विमानों का इस्तेमाल अक्सर खुफिया अभियानों के लिए करती रही है।

सीमा पर पाक सेना की उपस्थिति बढ़ी

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान एयरपोर्स ने भारतीय सीमा के पास अपनी उपस्थिति बढ़ानी शुरू कर दी है। पाकिस्तान ने क्षेत्र में हवाई निगरानी को बढ़ाने के लिए साब एरिए एयरबॉर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट को तैनात किया है। एरिए सिस्टम एयर क्राफ्ट, मिसाइल और लंबी दूरी पर जमीनी लक्ष्यों का पता लगाने में सक्षम है, जो पाकिस्तानी वायुसेना को त्वरित कार्रवाई करने की क्षमता के लिए तैयार करता है।

सर्जिकल स्ट्राइक का डर

पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने बयान जारी किया है। शाह का कहना है कि एक भी आंतकी बख्शे नहीं जाएंगे। शाह खुद जम्मू कश्मीर पहुंच गए हैं। वहीं से हालात का जायजा ले रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान की धड़कने बढ़ी हुई है। पाकिस्तानी पत्रकार और एनालिस्ट कमर चीमा ने चेतावनी दी है कि भारत इस हमले का जवाब दे सकता है। उन्होंने कहा, ‘पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक जैसी कार्रवाई हो सकती है। भारत इस हमले को हल्के में नहीं लेगा।

बता दें कि 2019 में पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसके बाद भारत ने पीओके के इलाके में सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए 300 आतंकवादियों को ढेर कर दिया था। इस बार भी पाकिस्तान की सेना को फिर से सर्जिकल स्ट्राइक का डर सताने लगा है।

हम हिंदुओं से अलग, बच्चों को पाकिस्तान की कहानी सुनाएं', पाक सेना प्रमुख ने उगला भारत के खिलाफ जहर

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पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। बुधवार को इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानी सम्मेलन में पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत और हिंदू धर्म को लेकर जहरीला बयान दिया।असीम मुनीर ने एक बार फिर ‘टू नेशन थ्योरी’ को दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान की नींव इस्लाम के कलमे पर रखी गई है और हम हर मामले में हिंदुओं से अलग हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक धार्मिक सोच की बुनियाद पर बना है।

जनरल मुनीर ने विदेशी पाकिस्तानियों से कहा कि वे देश के राजदूत हैं और उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे उच्च विचारधारा और संस्कृति" से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने कहा कि आपको अपने बच्चों को पाकिस्तान की कहानी जरूर बतानी चाहिए। हमारे पूर्वजों ने सोचा था कि हम जीवन के हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं। हमारे धर्म, हमारे रीति-रिवाज, परंपराएं, विचार और महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। यही द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की नींव थी जो रखी गई थी।

पाकिस्तान की कहानी याद रखने की अपील की

इसके साथ ही उन्होंने भारत से अपने देश की तुलना करते हुए कहा, हम दो देश हैं, हम एक देश नहीं हैं। इस देश के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है। उन्होंने इस देश को बनाने के लिए बहुत ज्यादा त्याग किया है। हम जानते हैं कि इसकी कैसे रक्षा करना है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा, मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, बेटों और बेटियों, पाकिस्तान की कहानी को मत भूलिए और इस पाकिस्तान की कहानी को अपनी अगली पीढ़ियों को जरूर सुनाइए, ताकि उनका पाकिस्तान से जुड़ाव कभी कमजोर न हो- चाहे वह तीसरी पीढ़ी हो, चौथी या फिर पांचवीं- उन्हें यह पता होना चाहिए कि पाकिस्तान उनके लिए क्या है।

13 लाख की मजबूत भारतीय सेना हमे डरा नहीं सकी-मुनीर

आसिम मुनीर यहीं नहीं रुके और विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों से कहा कि वे इस बात को न भूलें कि वे बेहतर विचारधारा और बेहतर संस्कृति से ताल्लुक रखते हैं। पाकिस्तान में बढ़ रहे आतंकी हमलों पर मुनीर ने कहा कि क्या आतंकी हमारे देश से हमारी किस्मत छीन सकते हैं? जब 13 लाख की मजबूत भारतीय सेना, हमारे नहीं डरा सकती तो कुछ आतंकी क्या हमें हरा सकते हैं?

बलूचिस्तान को बताया पाकिस्तान का गर्व

पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने बलूचिस्तान में बढ़ रहे विद्रोह पर कहा कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का गर्व है और आपको लगता है कि आप इसे आसानी से ले सकते हैं? आपकी दस पीढ़ियां भी इसे नहीं ले पाएंगी। हम जल्द ही आतंकियों को हरा देंगे।

पाकिस्तान का नाम लिए बिना एस जयशंकर ने साधा निशाना, पश्चिमी देशों को भी सुना डाला

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भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर अपने लाजवाब करने वाले बयानों के लिए जाने जाते हैं। एक बार फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बिना पाकिस्तान का नाम लिए ऐसी बात कह दी कि पड़ोसी देश तिलमिला जाए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रायसीना डायलॉग के दूसरे दिन बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा। जयशंकर ने कहा कि एक अंतर्राष्ट्रीय ऑर्डर न होने की वजह से न सिर्फ बड़े देशों को फायदा मिलता है, बल्कि दूसरे अतिवादी रुख अपनाने वाले देश इसका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करते हैं।

जयशंकर ने कहा हम सभी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की बात करते हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, किसी अन्य देश द्वारा किसी क्षेत्र पर सबसे लंबे समय तक अवैध कब्जे का उदाहरण भारत के कश्मीर से जुड़ा है। हमने संयुक्त राष्ट्र का रुख किया पर आक्रमण को विवाद बना दिया गया। हमलावर और पीड़ित को बराबर रखा गया।

अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की आवश्यकता जयशंकर ने स्पष्ट किया कि एक प्रभावी वैश्विक व्यवस्था दुनिया के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी किसी देश के लिए घरेलू शासन व्यवस्था। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यवस्था नहीं होगी, तो सिर्फ बड़े देशों को ही लाभ नहीं मिलेगा, बल्कि वे देश भी जिनका चरमपंथी रुख है, अव्यवस्था को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करेंगे।’ उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि जोखिम भरा देश होने के लिए बड़ा होना जरूरी नहीं, कुछ छोटे देश भी इसी रास्ते पर चल रहे हैं।

कश्मीर पर अवैध कब्जे का जिक्र

विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की आक्रामकता का उदाहरण देते हुए कहा कि कश्मीर में दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे लंबे समय तक अवैध कब्जा रहा। उन्होंने बताया कि जब भारत ने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाया, तो हमलावर और पीड़ित दोनों को समान रूप से दिखाया गया, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में विसंगतियां उत्पन्न हुईं।

पश्चिमी देशों पर निशाना

जयशंकर ने पाकिस्तान के संदर्भ में पश्चिमी देशों, जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया, पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, पश्चिमी देश अन्य देशों के लोकतंत्र को लेकर चिंता जताते हैं, लेकिन जब हम उनके देशों में लोकतंत्र की स्थिति पर सवाल उठाते हैं, तो वह इसे गलत हस्तक्षेप मानते हैं। विदेश मंत्री ने वैश्विक व्यवस्था के हिसाब-किताब की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि दुनिया में न्यायपूर्ण और सशक्त व्यवस्था स्थापित की जा सके।

न्यायसंगत और निष्पक्ष संस्था पर दिया जोर

जयशंकर ने कहा कि अगर दुनिया में अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था नहीं होगी तो कई तरह के खतरे पैदा हो जाएंगे। पुरानी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था अपने वक्त का प्रोडक्ट थी। उस व्यवस्था में नियम बनाने वाले और नियम का पालन करने वालों के अपने अलग नजरिए थे। जयशंकर ने कहा कि दुनिया के काम का हिसाब किताब रखने के लिए एक मजबूत यूएन की जरूरत है, लेकिन ये एक न्यायसंगत संस्था होनी चाहिए, निष्पक्ष होनी चाहिए। एक मजबूत ग्लोबल ऑर्डर में मानकों को लेकर एक निरंतरता कायम रहनी चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि पड़ोसी देश म्यांमार में मिलिट्री तख्तापलट होता हैं, तो वो किसी को मंजूर नहीं, लेकिन पश्चिम में नियमित तौर पर ऐसे तख्तापलट दिखते हैं, तब सवाल नहीं उठता। उन्होंने तालिबान का भी ज़िक्र किया और कहा कि जब आपको सही लगता है तो तालिबान सही हो जाता है और जब आपको ग़लत लगता है तो तालिबान ग़लत हो जाता है।

क्या आतंक के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का भी हो गया काम तमाम? जानें क्यों उठ रहे सवाल

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लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के शीर्ष कमांडर अबू कताल को पाकिस्तान में मार दिया गया है। लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर भी हमले की खबर है। कहा जा रहा था कि हमले में हाफिज सईद मारा जा चुका है। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया है कि अज्ञात बंदूकधारियों ने सईद को निशाना बनाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और पाकिस्तानी हैंडल पर हाफिज सईद पर हमले का दावा किया जा रहा है। एक्स पर तो हाफिज सईद ट्रेंड कर रहा है। कई अकाउंट से दावा किया गया कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में झेलम इलाके में जमात-उद-दावा मुखिया और मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद मारा गया है। हालांकि, इसकी कोई पुष्टि नहीं हो पाई है।

कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी आईएसआई से गहरे मतभेद की वजह से कताल मारा गया। पाकिस्तान में कताल के मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं हाफिज सईद को लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है। कहा जा रहा है कि अबू कताल को झेलम में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। झेलम में अज्ञात बंदूकधारियों ने लश्कर ए तैयबा के 2 फिदायीन को मार गिराया। वरिष्ठ पत्रकार अरशद यूसुफजई के मुताबिक 2 की मौत कन्फर्म है, लेकिन पुलिस चुप्पी साध रखी है। युसुफजई ने अपने पोस्ट पर हाफिज सईद का नाम भी लिया है।

सवाल उठ रहा है कि जब 2 मौत कन्फर्म है, तो फिर दूसरा कौन है? क्योंकि हाफिज सईद अक्सर अपने भतीजे अबू कताल के साथ ही रहता है। जेल में भी सईद कताल के साथ ही रहता था। ऐसे में कहा जा रहा है कि कताल के साथ बंदूकधारियों ने हाफिज को भी उड़ा दिया।

पाकिस्तान में उसके ठिकानों के आसपास सुरक्षा बढ़ाए जाने और सरकार की चुप्पी ने सईद की मौत की चर्चा को हवा दी है। पाकिस्तान में हालिया समय में टारगेट किलिंग देखने को मिली हैं। ऐसे लोगों को मारा जा रहा है, जो भारत की हिट लिस्ट में हैं। कताल के करीबी और आईएसआई से जुड़े लोग इसके पीछे भारत की एजेंसी रॉ को मान रहे हैं। ये माना जा रहा है कि सईद भी खतरे में है। ऐसे में उसकी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। उसके घर को अब सबजेल में तब्दील किया जा रहा है, जहां उसे रखा गया है।

कौन है हाफिज सईद?

हाफिज सईद ने 1980 के दशक में अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ जिहाद के दौरान अपनी आतंकी गतिविधियों की शुरुआत की थी। इसके बाद उसने 1987 में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की स्थापना की थी। जिसका मकसद भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करना और कश्मीर को "आजाद" करना था। संगठन ने जल्द ही अपनी हिंसक गतिविधियों से दुनिया का ध्यान खींच लिया था। हाफिज की अगुवाई में लश्कर ने भारत में कई बड़े हमले किए, जिनमें 2001 का भारतीय संसद पर हमला, 2006 के मुंबई ट्रेन धमाके और सबसे चर्चित 26/11 मुंबई हमला शामिल हैं। हाफिज सईद के खिलाफ आतंकी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध कब्जे जैसे 29 से ज्यादा मामले दर्ज थे। उसके सिर पर 10 मिलियन डॉलर (लगभग 70 करोड़ रुपये) का इनाम रखा गया था। हाफिज की क्राइम कुंडली में सैकड़ों बेगुनाहों की मौत का जिक्र है, जिसके लिए उसे आतंक का दूसरा नाम भी कहा जाता था।

ट्रेन हाईजैक के आरोपों पर पाक को भारत का जवाब, कहा-दुनिया जानती है ग्लोबल आतंकवाद का केंद्र कहां

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पाकिस्तान ने बलूचिस्तान प्रांत में ट्रेन हाईजैक की घटना के पीछे भारत का हाथ बताया है। शहबाज सरकार की ओर से लगाए गए इस आरोप पर भारत ने करारा जवाब दिया है। भारत ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय द्वारा लगाए गए उन आरोपों का जोरदार खंडन किया है। भारत ने कहा है कि पूरी दुनिया को पता है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है? दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से आरोप लगाए गए थे कि जाफर एक्सप्रेस हमले मामले में भारत का हाथ हो सकता है।

“अपने अंदर झांकना चाहिए”

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम पाकिस्तान के निराधार आरोपों को दृढ़ता से खंडन करते हैं। पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है? पाकिस्तान को अपनी अंदरूनी समस्याओं और विफलताओं के लिए दूसरों पर उंगली उठाने और दोष मढ़ने के बजाय अपने अंदर झांकना चाहिए।

पाक ने क्या कहा था?

इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने दावा किया था कि जाफर एक्सप्रेस पर हमले में शामिल विद्रोही अफगानिस्तान में मौजूद सरगनाओं के संपर्क में थे।शफकत अली खान ने अपने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, भारत पाकिस्तान में आतंकवाद में शामिल रहा है। जाफर एक्सप्रेस पर विशेष हमले में आतंकवादी अफगानिस्तान में मौजूद अपने आकाओं और सरगनाओं के संपर्क में थे। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंध सीमा पर लगातार झड़पों और इस्लामाबाद के दावों के कारण तनावपूर्ण हो गए हैं।

पाकिस्तान में 11 मार्च को जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का हाईजैक हुआ। जाफ़र एक्सप्रेस की घटना में 450 से अधिक यात्री शामिल थे, जिसमें 58 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 21 यात्री, चार सैनिक और अलगाववादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के 33 आतंकवादी शामिल थे। पाकिस्तान लगातार भारत पर बलूचिस्तान में अशांति पैदा करने के लिए बीएलए जैसे समूहों का समर्थन करने का आरोप लगाता है, इन आरोपों का भारत ने खंडन किया है।

भारत ने पाकिस्तान को बताया “असफल राष्ट्र”, संयुक्त राष्ट्र में पड़ोसी देश को धो डाला

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भारत ने अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान की एक बार फिर जमकर क्लास लगाई है। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत पर आए दिन आरोप लगाता रहा है। इस पर भारत ने भी वैश्विक मंच से पाकिस्तान को “असफल राष्ट्र” करार दिया। भारत ने स्विट्जरलैंड के जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की बैठक में पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई है।

पाकिस्तान पर झूठ फैलाने का आरोप

यूएन में भारत के स्थायी मिशन के अधिकारी क्षितिज त्यागी ने जेनेवा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 58वें सत्र की सातवीं बैठक में अपनी बात रखी। भारत ने पाकिस्तान पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया और उसे एक असफल राष्ट्र बताया जो केवल अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर है। क्षितिज त्यागी ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा कश्मीर और भारत के बारे में झूठ फैलाता आ रहा है। यह आश्चर्यजनक नहीं है कि पाकिस्तान के नेता अपने सैन्य-आतंकवादी परिसर से झूठ फैलाना जारी रखते हैं।

पाकिस्तान को अपने हालात देखने की सलाह

पाकिस्तान ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) को अपना मुखपत्र बताकर संगठन का मजाक उड़ा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस संगठन का समय एक असफल राज्य द्वारा बर्बाद किया जा रहा है। पाकिस्तान पहले अपने यहां के हालात देखे क्षितिज त्यागी ने जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की तरफ से लगाए गए आरोपों पर कहा- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। पाकिस्तान को भारत के बजाय अपने देश के हालात बदलना चाहिए।

पाखंड की बू आती है-भारत

त्यागी ने ये भी कहा, इनकी (पाकिस्तान) बयानबाजी में पाखंड की बू आती है। इसकी हरकतें अमानवीय हैं और ये शासन व्यवस्था चलाने में अक्षमता हैं। भारत लोकतंत्र, प्रगति और अपने लोगों के लिए सम्मान सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।

कश्मीर भारत का अभिन्न अंग

भारत के रुख की पुष्टि करते हुए त्यागी ने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख के साथ हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहे हैं। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने इन क्षेत्रों में हुए कामों की ओर ध्यान भी दिया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में अभूतपूर्व राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक प्रगति हुई है। ये सफलताएं दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से जख्मी क्षेत्र में सरकार की ओर से सामान्य स्थिति लाने की प्रतिबद्धता पर लोगों के भरोसे का प्रमाण हैं। पाकिस्तान को भारत के प्रति अपनी नफरत से आगे बढ़ना चाहिए और उन मुद्दों का समाधान करना चाहिए। भारत अपने लोगों के लिए लोकतंत्र, प्रगति और सम्मान सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। ये ऐसे मूल्य हैं, जिनसे पाकिस्तान को सीखना चाहिए।

भारत में मानवाधिकारों के हनन का आरोप

इससे पहले यूएनएचआरसी को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के कानून, न्याय और मानवाधिकार मंत्री आजम नजीर तरार ने दावा किया कि कश्मीर में लोगों के अधिकारों का लगातार हनन हो रहा है। यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।

पाकिस्तान में मंदिरों और गुरुद्वारों को लेकर बड़ा फैसला, जानें क्या है पड़ोसी देश की सरकार का प्लान?

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अब पाकिस्तान में भी हिंदुओं और पंजाबियों के धार्मिक स्थलों को संवारा जाएगा। पाकिस्तान सरकार ने मंदिरों और गुरुद्वारों के जीर्णोद्धार के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है। इस के तहत 1 अरब पाकिस्तानी रुपये से इन धार्मिक स्थलों को सजाया और संवारा जाएगा। यह निर्णय यहां ‘इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ की बैठक में शनिवार को इसके प्रमुख सैयद अतउर रहमान की अध्यक्षता में लिया गया।

इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करने वाले सैयद अताउर रहमान ने जानकारी देते हुए बताया कि मास्टर प्लान के तहत मंदिरों और गुरुद्वारों को सजाया जाएगा और विकास कार्य कराए जाएंगे। इस पर 1 अरब पाकिस्तानी रुपया खर्च किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत अल्पसंख्यक समुदायों के पूजा स्थलों का विशेष ध्यान दिया जाएगा। रहमान ने बताया कि इस साल ईटीपीबी को 1 अरब रुपये का राजस्व मिला था। इस बैठक में देशभर से हिंदू और सिख प्रतिनिधि शामिल हुए।

बैठक में मौजूद बोर्ड सचिव फरीद इकबाल ने इस योजना में कुछ बदलावों का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि वर्षों से अनुपयोगी पड़ी ट्रस्ट की संपत्तियों को विकास कार्यों में लगाने से राजस्व में कई गुना वृद्धि होगी। इसके अलावा बोर्ड ने मंदिरों और गुरुद्वारों में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा की और परियोजना प्रबंधन इकाई करतारपुर कॉरिडोर के संचालन के लिए एक परियोजना निदेशक की नियुक्ति का भी निर्णय लिया।

इस फैसले के पीछे की मजबूरी

पाकिस्तान में मंदिरों के संरक्षण को लेकर यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान सरकार का यह कदम वास्तव में अल्पसंख्यकों की भलाई से ज्यादा आर्थिक लाभ और वैश्विक छवि सुधारने की रणनीति का हिस्सा है। लंबे समय से पाकिस्तान पर धार्मिक असहिष्णुता और अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के आरोप लगते रहे हैं जिससे उसकी अंतरराष्ट्रीय साख प्रभावित हुई है। ऐसे में मंदिरों और गुरुद्वारों के जीर्णोद्धार की घोषणा कर सरकार निवेश और पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती है।

पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच सीधे व्यापार शुरू, 1971 के बाद पहली बार हुआ ऐसा, भारत पर होगा असर?

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शेख हसीना के तख्तापलट के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्तों में गरमाहट आई है। भारत के दोनों पड़ोसी देशों के बीच सुधरते रिश्ते नया आयाम गढ़ रहे हैं। अब पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच सीधा व्यापार शुरू हो चुका है।पाकिस्तान और बांग्लादेश ने 1971 के विभाजन के बाद पहली बार प्रत्यक्ष व्यापारिक संबंधों की बहाली की है। इस ऐतिहासिक कदम के तहत,पाकिस्तान के कासिम बंदरगाह से सरकारी स्वीकृति मिलने के बाद पहला मालवाहक जहाज बांग्लादेश के लिए रवाना हुआ है। 

पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट एक्सप्रेस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के कासिम बंदरगाह से पहली बार सरकार से मंजूरी मिला हुआ माल रवाना किया गया है। बांग्लादेश ने ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ पाकिस्तान के माध्यम से 50,000 टन पाकिस्तानी चावल खरीदने पर सहमति व्यक्त की है। इस समझौते को फरवरी की शुरुआत में अंतिम रूप दिया गया था। चावल की खेप को दो चरणों में पहुंचाया जाएगा, जिसमें 25000 टन की पहली खेप बांग्लादेश के रास्ते में है। दूसरी खेप मार्च की शुरुआत में रवाना होने वाली है।

हसीना के बाद द्विपक्षीय संबंधों में आई नरमी

पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पिछले वर्ष शेख हसीना को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ होने के बाद दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान के साथ द्विपक्षीय संबंधों में नरमी आई। अखबार ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शांति प्रस्ताव पेश किया, जिस पर पाकिस्तान ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।

यह पहली बार होगा जब सरकारी माल ले जाने वाला पाकिस्तान नेशनल शिपिंग कॉरपोरेशन का जहाज बांग्लादेश के बंदरगाह पर डॉक करेगा। हालांकि, दोनों देशों के बीच पहला सीधा समुद्री संपर्क बीते साल ही हुआ था, जब पाकिस्तानी जहाज माल लेकर बांग्लादेश पहुंचा था, लेकिन वह निजी कंपनी का जहाज था।

क्षेत्रीय राजनीति होगी प्रभावित

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच हालिया घटनाक्रम को आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने और दशकों से निष्क्रिय व्यापार मार्गों को दोबारा सक्रिय करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस नवीनतम व्यापार समझौते से दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध मजबूत होंगे और प्रत्यक्ष नौवहन मार्ग सुगम होंगे। हालांकि, इस घटनाक्रम का क्षेत्रीय राजनीति पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

भारत-बांग्लादेश व्यापार पर असर

बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक परिवर्तन और पाकिस्तान के साथ बढ़ते संबंधों के कारण भारत जरूर प्रभावित होगा। पाकिस्तान के साथ कारोबार बढ़ने की दशा में भारत से बांग्लादेश का व्यापार कमजोर होने की आशंका है। बड़ी मात्रा में खाद्य पदार्थों का आयात बांग्लादेश भारत से करता रहा है, लेकिन अब वह पाकिस्तान के ज्यादा करीब जा रहा है। ऐसे में भारत के नजरिए से क्षेत्रीय व्यापारिक संबंधों में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है। इस कदम का भारत पर कई प्रकार से प्रभाव पड़ेगा।

बांग्लादेश में “करवट” ले रहा आईएसआई

बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार भारत विरोध के सारे पैतरे आजमाने में लगी है। इसमें पाकिस्तान से दोस्ती बढ़ाना भी शामिल है। इसी साल की शुरुआत में बांग्लादेश की सेना के एक टॉप रैंकिंग जनरल ने पाकिस्तान का दौरान किया था, जहां पाकिस्तानी आर्मी चीफ सैयद आसिफ मुनीर समेत अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की थी। इसके ठीक बाद पाकिस्तान की आईएसआई के अधिकारियों ने बांग्लादेश का दौरा किया था।

रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तानी आईएसआई एक बार फिर से बांग्लादेश में 1971 के पहले के रणनीतिक ठिकानों का एक्टिव करना चाहती है। पाकिस्तान का उद्येश्य बांग्लादेश के पड़ोसी भारतीय राज्यों में उग्रवादियों को मदद पहुंचाकर दिल्ली को चोट देना है। मोहम्मद यूनुस को समर्थन देने वाली कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी इसमें पूरा साथ देने के लिए तैयार है।