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एलन मस्क की कंपनी 'एक्स' ने किया भारत सरकार पर मुकदमा, जानें पूरा मामला

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एलन मस्क की कंपनी एक्स कॉर्प ने भारत सरकार के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) की धारा 79(3)(बी) को चुनौती दी गई है। कंपनी का आरोप है कि यह नियम सरकार को अनुचित और गैरकानूनी सेंसरशिप लागू करने की शक्ति देता है, जिससे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के संचालन पर गंभीर असर पड़ रहा है। एक्स का तर्क है कि यह नियम सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों का उल्लंघन करता है और ऑनलाइन स्वतंत्र अभिव्यक्ति को कमजोर करता है।

आईटी एक्ट की धारा 79(3)(बी) के तहत सरकार को यह अधिकार है कि वह कुछ खास परिस्थितियों में इंटरनेट पर मौजूद कंटेंट को हटाने या ब्लॉक करने का आदेश दे सकती है। यदि कोई प्लेटफॉर्म 36 घंटों के भीतर अनुपालन करने में विफल रहता है, तो उसे धारा 79(1) के तहत और उसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) सहित विभिन्न कानूनों के तहत जवाबदेह ठहराया जा सकता है। यह नियम ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को अवैध सामग्री को हटाने के लिए जवाबदेह बनाने के लिए डिजाइन किया गया है और यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि ऑनलाइन सामग्री कानूनी और नैतिक मानकों का पालन करती है।

हालांकि, एक्स कॉर्प का दावा है कि सरकार इस प्रावधान का दुरुपयोग कर रही है। कंपनी के मुताबिक, कंटेंट हटाने के लिए सरकार को लिखित में ठोस कारण बताना चाहिए, प्रभावित पक्ष को सुनवाई का मौका देना चाहिए और इस फैसले को कानूनी रूप से चुनौती देने का अधिकार भी होना चाहिए। एक्स ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत सरकार ने इनमें से किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया।

सेंसरशिप के लिए कानून के दुरुपयोग का आरोप

एक्स ने आरोप लगाया है कि सरकार उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना मनमाने ढंग से सेंसरशिप लागू करने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रही है। एक्स का मानना है कि यह प्रावधान सरकार को सामग्री को नियंत्रित करने के लिए अत्यधिक शक्ति प्रदान करता है और ऑनलाइन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कमजोर करता है।

ग्रोक को लेकर गहराया विवाद

यह विवाद तब और गहरा गया, जब केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक्स कॉर्प से उसके एआई चैटबॉट ग्रोक को लेकर स्पष्टीकरण मांगा। ग्रोक, जिसे एक्स की मूल कंपनी xAI ने विकसित किया है, हाल ही में कुछ सवालों के जवाब में अभद्र भाषा और गालियों का इस्तेमाल करता पाया गया। भारत सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए कंपनी से जवाब तलब किया है।

बता दें कि एलन मस्क के एआई चैटबॉट ग्रोक ने हाल ही में उपयोगकर्ताओं की तरफ से उकसाने के बाद हिंदी में अपशब्दों से भरी प्रतिक्रिया दी।

पहेल भी हो चुका है तनाव

इससे पहले भी साल 2022 में सरकार ने धारा 69ए के तहत एक्स को कुछ कंटेंट हटाने का निर्देश दिया था, जिसे लेकर कंपनी और सरकार के बीच तनाव देखा गया था।

Airtel के बाद Jio और Starlink के बीच हुई डील, सैटेलाइट से भारत में हाई-स्पीड इंटरनेट

डेस्क:–नई दिल्ली: Reliance Jio ने Elon Musk के SpaceX से पार्टनरशिप कर ली है, जिसके बाद Starlink सर्विस को भारत में लाया जाएगा. Starlink सेटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर है, जो लंबे समय भारत में अपनी सर्विस शुरू करने की कोशिश कर रहा है. एक दिन पहले ही Airtel ने भी SpaceX के साथ पार्टनरशिप का ऐलान किया था.

एक दिन पहले यानी मंगलवार को Airtel ने बताया था कि Airtel ने SpaceX के साथ पार्टनरशिप की है, जिसके बाद भारतीय कस्टमर को जल्द ही Starlink का हाई स्पीड इंटरनेट मिलेगा. हालांकि अभी SpaceX को भारतीय अथॉरिटीज से लाइसेंस लेना बाकी है, सभी अप्रूवल मिलने के बाद ही भारत में SpaceX की सर्विस भारत में शुरू हो सकेंगी.

Starlink, एक सेटेलाइट बेस्ड हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस है, जिसे खुद Elon Musk की कंपनी SpaceX ने डेवलप किया है. इसके लिए मोबाइल टावर लगाने की जरूरत नहीं होता है. Starlink दुनिया भर में हाई-स्पीड इंटरनेट प्रोवाइड कराना चाहती है.ख खासकर उन इलाकों में जहां वायर ब्रॉडबैंड उपलब्ध नहीं है.

Starlink में हजारों लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सेटेलाइट होते हैं, जो धरती से लगभग 550 किमी ऊपर होते हैं. ये सेटेलाइट लेजर लिंक की मदद से एक दूसरे से कनेक्ट होते हैं और डेटा को तेजी से ट्रांसमिट करते हैं.

Starlink की सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए एक छोटी डिश लगानी होती है, जिसे Starlink टर्मिनल भी कहते हैं. इसको कस्टमर को घर पर सेटअप कराना पड़ता है. यह डिश आसमान में मौजूद सैटेलाइट से सिग्नल रिसीव करता है और सेंड करता है. इसके बाद यह डिश WiFi राउटर से कनेक्ट होती है, जो घर के अंदर लगा होता है .

Starlink के काम करने के तरीके को देखें तो ये भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर कर सकता है. इसका फायदा रूरल और रिमोट एरियों में देखने में मिलेगा. भारत में अभी भी बहुत से गांव और पहाड़ी इलाके हैं, जहां फाइबर इंटरनेट नहीं पहुंच पाया है, ऐसे में Starlink से उनको फायदा हो सकता है. रिमोट एरियों में मौजूद स्कूल और अस्पतालों को इससे काफी फायदा हो सकता है.



कैबिनेट मीटिंग में ट्रंप के सामने भिड़े दो मंत्री, मस्क-रुबियो में जमकर हुई तकरार

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद कई सख्त फैसले लिए जा रहे हैं। इनमें से कई फैसलों का अमेरिका में विरोध भी हो रहा है। ट्रंप प्रशासन का एक ऐसा ही फैसला स्टाफ कटौती का है। जिसकी आलोचना अमेरिकी राजकर्मियों के संगठन के साथ-साथ अन्य लोग भी कर चुके। अब इसी फैसले के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में विदेश मंत्री मार्को रुबियो और सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) के प्रमुख एलन मस्क के बीच नोकझोंक की खबर सामने आ रही है।

व्हाइट हाउस में हुई कैबिनेट बैठक में उस समय तनावपूर्ण माहौल बन गया जब ट्रंप के दो मंत्री आपस में एक बात को लेकर भिड़ गए। डीओजीई विभाग के प्रमुख एलन मस्क और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच तीखी बहस हो गई। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह विवाद स्टेट डिपार्टमेंट में की गई स्टाफ कटौती को लेकर हुआ। खास बात है कि इस बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ही कर रहे थे।

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, तनाव कई हफ़्तों से चल रहा था, मगर कैबिनेट की बैठक में यह फूट पड़ा। रुबियो और मस्क के आक्रामक लागत-कटौती उपायों से लंबे समय से निराश थे। तभी बैठक के दौरान जब मस्क ने उन पर अपने विभाग का आकार कम करने में विफल रहने का आरोप लगाया, तो उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

बैठक के दौरान मस्क ने कहा, आपने किसी को भी नहीं निकाला है। आपका विदेश विभाग अभी भी फूला हुआ है। मस्क के तीखे सवाल को सुनते ही रुबियो भड़क उठे। उन्होंने जवाब दिया कि मस्क को 1,500 विदेश विभाग के अधिकारियों की याद दिला दी जिन्होंने बायआउट किया था। मगर मस्क प्रभावित नहीं हुए। दोनों के बीच जैसे ही बहस बढ़ी, ट्रंप, जो पहले हाथ पर हाथ धरे देख रहे थे, आखिरकार उनको हस्तक्षेप करना पड़ा।

दरअसल, हाल के दिनों में अमेरिका में बड़े पैमाने पर सरकारी एजेंसियों में कर्मचारियों की छटनी की गई है। ट्रंप और उनके सलाहकार ने हजारों लोगों को नौकरी से निकाल दिया है. ऐसा अमेरिकी नौकरशाही में कटौती के अभियान के तहत हुआ है। अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है। सत्ता में आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक कड़े और बड़े फैसले ले रहे हैं। नौकरी में कटौती को लेकर ट्रंप का कहना है कि फेडरल गवर्नमेंट में बहुत से स्टाफ हैं। उन्होंने हाल में कहा था कि सरकार पर 36 लाख करोड़ डॉलर का कर्ज है। पिछले साल करोड़ों डॉलर का घाटा हुआ था इसलिए इसमें सुधार की जरूरत है।

14वीं बार पिता बने एलन मस्क, पार्टनर शिवॉन जिलिस ने दिया बेटे को जन्म

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दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क एक बार फिर से पिता बने हैं। टेस्ला के सीईओ और दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क 14वें बच्चे के पिता बन गए हैं। एलन मस्क की पार्टनर शिवॉन जिलिस ने इस बच्चे को जन्म दिया है। शिवॉन जिलिस वहीं हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान मोदी और मस्क के साथ नजर आई थीं।

नवजात के जन्म की जानकारी उनकी पार्टनर शिवॉन जिलिस ने एक्स पर अपने पोस्ट में दिया। जिसे मस्क ने कन्फर्म भी कर दिया है। शिवॉन जिलिस ने एक्स कर लिखा कि एलन मस्क से चर्चा के बाद, हमने सोचा कि खूबसूरत अर्काडिया के जन्मदिन के मौके पर अपने बेटे सेल्डन लाइकर्गस के बारे में भी सभी को बता देना बेहतर होगा। वह जबरदस्त ताकतवर है, लेकिन दिल से बेहद दयालु। हम उसे बहुत प्यार करते हैं। 53 वर्षीय मस्क ने शिवॉन की पोस्ट पर दिल वाली इमोजी भेजी है।

आपको बता दें कि उनकी पार्टनर उनकी कंपनी न्यूरालिंक की एक्जीक्यूटिव हैं। शिवॉन से यह मस्क का चौथा बच्चा है। इनसे मस्क को पहले से ही तीन बच्चे हो चुके हैं। शिवॉन की तीसरी संतान एक बेटी है जिसका नाम आर्केडिया है।

एलन मस्क के अब कुल 14 बच्चे हैं। उनकी पहली पत्नी जस्टिन विल्सन से उन्हें छह बच्चे हुए। इनमें एक बच्चे नेवादा अलेक्जेंडर का 10 हफ्ते की उम्र में निधन हो गया था। संगीतकार ग्रिम्स के साथ मस्क के तीन बच्चे हैं। वहीं शिवॉन जिलिस से मस्क के चार बच्चे हैं। इनके अलावा लेखिका एश्ले सेंट क्लेयर ने हाल ही में दावा किया है कि मस्क उनके 5 महीने के बच्चे के पिता हैं।

मस्क व्हाइट हाउस के सिर्फ एक कर्मचारी”, टेस्ला के सीईओ पर क्या है इस बयान के मायने

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टेस्ला सीईओ और अमेरिका के सरकारी दक्षता विभाग यानी डीओजीई की जिम्मेदारी संभालने वाले एलन मस्क का सरकार के फैसलों में दखल अमेरिका के लोगों और प्रशासन को रास नहीं आ रहा है। अमेरिका में फेडरल कर्मियों को नौकरियों से निकालने के ट्रंप के आदेश को मॉनिटर करने की जिम्मेदारी भी मस्क को मिली हुई है जो खुद ट्रंप ने दी है। अब अमेरिका में राष्ट्रपति ऑफिस व्हाइट हाउस ने एक कोर्ट में जवाब दिया कि अमेरिकी बिजनेसमैन एलन मस्क सिर्फ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार हैं। वे डीओजीई के एम्पलॉयी नहीं हैं, इसलिए उनके पास सरकार के अंदर फैसले लेने का अधिकार नहीं है।

दरअसल, न्यू मेक्सिको की अगुआई में 14 अमेरिका राज्यों ने वॉशिंगटन डीसी के एक फेडरल कोर्ट में ट्रंप और मस्क के खिलाफ केस किया है। ये राज्य मस्क को डीओजीई प्रमुख बनाए जाने से नाराज हैं। राज्यों के मुताबिक, एलन के हाथ में बड़ी ताकत आ गई है, जो अमेरिकी संविधान के उल्लंघन में है।

इसी केस को लेकर व्हाइट हाउस में ऑफिस ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन के डायरेक्टर जॉशुआ फिशर ने कोर्ट में जानकारी दी कि मस्क की भूमिका सिर्फ सलाहकार की है। उनका काम सिर्फ राष्ट्रपति को सलाह देना और प्रशासन की तरफ से निर्देशों को कर्मचारियों तक पहुंचाने का है।

व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि ट्रंप प्रशासन में मस्क की भूमिका व्हाइट हाउस के कर्मचारी और राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में थी, और वह डीओजीई के कर्मचारी नहीं थे। व्हाइट हाउस ने यह भी कहा कि मस्क के पास निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है।

पिछले महीने डीओजीई द्वारा राष्ट्रपति के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने के बाद से डीओजीई ने संघीय एजेंसियों में अपनी पैठ बना ली है और मस्क को सरकार में नाटकीय बदलाव के तहत फिजूलखर्ची को रोकने का जिम्मा सौंपा है, जिसमें हजारों नौकरियों में कटौती भी शामिल है।

मस्क ने OpenAI को खरीदने का दिया ऑफर, ऑल्टमैन का जवाब सुनकर हो जाएंगे हैरान
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* दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क ने ChatGPT की पेरेंट कंपनी OpenAI को खरीदने का ऑफर दिया है। मस्क ने OpenAI के नॉन प्रॉफिट भाग को खरीदने के लिए $97.4 बिलियन (84 लाख करोड़ रुपये) की बोली लगाई है। हालांकि OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने मस्क के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। ऑल्टमैन ने कहा कि उनकी कंपनी बिक्री के लिए नहीं है लेकिन मस्क चाहें तो वह ट्विटर को 9.74 अरब डॉलर में खरीदने को तैयार हैं। बता दें कि 2015 में एलन मस्क ने OpenAI स्टार्टअप ऑल्टमैन के साथ शुरू किया था। बाद में निकल गए। ओपनएआई का नेतृत्व करने को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया और आखिरकार साल 2018 में मस्क ने ओपनएआई के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया। नॉनप्रॉफिट मामला था। मस्क को क्या पता कि इस ओपन एआई की वैल्यूएशन 300 अरब डॉलर हो जाएगी। हाल ही में जापान के सॉफ्ट बैंक ने ये दाम लगाया। अब, मस्क के खुद के एआई स्टार्टअप एक्सएआई और निवेशक फर्मों के एक समूह ने मिलकर चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपनएआई को 97 अरब डॉलर में खरीदने की इच्छा जताई है। एलन मस्क के वकील मार्क टोबरॉफ ने बताया कि मस्क ओपनएआई को एक गैर लाभकारी रिसर्च लैब में बदलना चाहते हैं। मस्क की पेशकश पर सैम ऑल्टमैन ने कहा है – नो थैंक्यू, आप बोलो तो ट्विटर 9.7 अरब डॉलर में मुझे बेच दो। मस्क की मंशा है कि ओपनएआई हथिया लेने के बाद अपनी एआई कंपनी में मर्ज कर दिया जाए और दुनिया भर में लोहा मनवा लें। मस्क का दावा है कि ओपनएआई अपने एआई टूल्स से मुनाफा कमाना चाहती है जो इसके फाउंडिंग चार्टर का उल्लंघन है। मस्क ने भी एआई के लिए एक्सएआई कंपनी बनाई है लेकिन यह अब तक कुछ खास नहीं कर पाई है। यही वजह है कि मस्क की नजर चैटजीपीटी पर है। अगर वह इस कंपनी को खरीदते हैं तो इसमें उनका मैज्योरिटी स्टेक होगा। चैटजीपीटी की सफलता का श्रेय पूरी तरह ऑल्टमैन को जाता है और वह इसे बेचने के लिए तैयार नहीं हैं।
अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स चलना-फिरना भूलीं, मस्क पर टिकी ट्रंप की उम्मीद

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भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर पिछले 8 महीनों से अंतरिक्ष में फंसे हैं। उनके बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी समस्याएं आने के बाद दोनों स्पेस में ही अटक गए। हालांकि, उन्हें लाने की कई बार कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। इस बीच सुनीता विलियम्स के एक बयान ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। अंतरिक्ष में 237 दिनों से फंसी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने कहा कि वह याद करने की कोशिश कर रही हैं कि चलना कैसा होता है।

एक मैगजीन को दिए गये इंटरव्यू में सुनीता विलियम्स ने कहा है, कि वो काफी बेसब्री से धरती पर लौटने का इंतजार कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने कहा, कि वो अब चलना तक भूल गईं हैं। उन्होंने कहा, कि वो याद कर रही हैं, कैसे चलती थीं। उन्होंने कहा, मैं स्पेस स्टेशन में काफी समय से हूं और मैं यह याद करने की कोशिश कर रही हूं, कि चलना कैसा होता है। मैं नहीं चली हूं। मैं नहीं बैठी हूं। मैं नहीं लेटी हूं। आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं है। आप बस अपनी आंखें बंद कर सकते हैं और जहां आप हैं, वहीं तैर सकते हैं।

मस्क ने कहा वापसी का काम शुरू

इस हालात में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मशहूर कारोबारी और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क से दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने में मदद मांगी है। एलन मस्क ने कहा है कि उन्होंने अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए काम शुरू कर दिया है। एलन मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, @ ने से पर फंसे 2 अंतरिक्ष यात्रियों को जल्द से जल्द घर लाने के लिए कहा है। हम ऐसा करेंगे।"

ट्रंप ने क्या कहा?

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा, कि स्पेसएक्स "जल्द ही" दोनों अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए एक मिशन शुरू करेगा, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर महीनों से फंसे हुए हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर कहा कि "एलन जल्द ही कोशिश शुरू करेंगे और उम्मीद हैं, कि सभी सुरक्षित होंगे। शुभकामनाएं एलन!!!"

अंतरिक्ष में कैसे फंसी सुनीता विलियम्स?

बता दें, कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले साल 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गये थे, लेकिन बोइंग स्पेसक्राफ्ट में टेक्निकल दिक्कतें आ गईं और दोनों अंतरिक्षयात्री वहीं फंस गये। सुनीता विलियम्स को सिर्फ 10 दिनों तक ही स्पेस स्टेशन में रहना था, लेकिन पिछले 8 महीनों से वो वहीं फंसी हुई हैं। नासा और बोइंग ने स्पेसक्राफ्ट को ठीक करने की काफी कोशिश की, लेकिन आखिरकार फैसला लिया गया, कि स्पेसक्राफ्ट को वैज्ञानिकों के साथ धरती पर लाना काफी जोखिम भरा कदम होगा।

एलन मस्क का सपना टूटा, स्पेस एक्स का स्टारशिप टेस्ट हुआ फेल, लॉन्चिंग के कुछ देर बाद ही ब्लास्ट

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अमेरिकी अरबपति एलन मस्क को बड़ा झटका लगा है। उनकी कंपनी स्पेस एक्स का स्टारशिप रॉकेट मिशन फेल हो गया है। स्पेसएक्स द्वारा टेक्सास से लॉन्च किया गया, हालांकि, स्टारशिप रॉकेट कुछ ही मिनटों बाद ब्लास्ट हो गया। जिसके बाद तरिक्षयान का मलबा हवा में फैल गया। एलन मस्क ने इसका एक वीडियो भी शेयर किया है और लिखा कि सफलता अनिश्चित है, लेकिन मनोरंजन की गारंटी है।

एलन मस्क की कंपनी ने कहा कि टेक्सास के बोका चिका से उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही अंतरिक्ष यान के छह इंजन एक-एक करके बंद हो गए। उड़ान के केवल 8 1/2 मिनट बाद ही अंतरिक्षयान का संपर्क टूट गया। यह घटना तब हुई, जब रॉकेट के सुपर हैवी बूस्टर ने अंतरिक्षयान से अलग होना शुरू किया था। यह स्टारशिप रॉकेट की सातवीं परीक्षण उड़ान थी। स्पेसएक्स के मिशन कंट्रोल के कम्युनिकेशन मैनेजर का कहना है कि स्टारशिप से संचार टूटने की वजह ऊपरी चरण में हुई तकनीकी खामी थी और कुछ मिनट बाद ही अंतरिक्षयान पूरी तरह से नष्ट हो गया और उसका मलबा आकाश में बिखर गया।

वहीं, एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर लॉन्च के बाद का वीडियो जारी करते हुए लिखा है, सफलता अनिश्चित है, लेकिन मनोरंजन की गारंटी है।

यह नया और उन्नत मॉडल, जो अपनी पहली उड़ान पर था, टेक्सास से मैक्सिको की खाड़ी के पार दुनिया के चारों ओर एक लूप में उड़ान भरने वाला था। स्पेसएक्स ने इसे 10 डमी सैटेलाइट्स के साथ पैक किया था ताकि उन्हें छोड़ने का अभ्यास किया जा सके।

क्या एलन मस्क खरीद रहे टिकटॉक? जानें क्यों उठ रहे ये सवाल
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अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगना लगभग तय माना जा रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि संभवत: चीन अमेरिकी में राष्ट्रपति की कुर्सी पर ट्रंप के बैठने के बाद के वातावरण से फायदा उठाने के लिए अपना यह एप एलन मस्क को बेच दे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन, एलन मस्क के साथ टिकटॉक को लेकर डील करना चाहता है। रिपोर्ट के मुताबिक चीनी अधिकारी टिकटॉक में कुछ शेयर बेचने पर विचार कर रहे हैं। चीन इससे पहले टिकटॉक की बिक्री का सख्त विरोध करता आया है।

टिकटॉक पर अमेरिकी यूजर्स का डाटा चीन भेजे जाने के आरोप लगने लगे। कंपनी ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया और खुद को सिंगापुर में निवेशित कंपनी करार दिया। लेकिन जून 2022 में एक मीडिया समूह ने टिकटॉक की आंतरिक बैठकों के हवाले से खुलासा किया कि इनमें चर्चा हुई कि कैसे चीन में बैठे बाइडांस के कर्मचारी विदेश में मौजूद डाटा तक पहुंच रखते हैं और कैसे एक मास्टर एडमिन सब कुछ देख सकता है। इन खुलासों के बाद अमेरिका की सीनेट (संसद के उच्च सदन) की खुफिया मामलों की समिति ने संघीय संचार आयोग (एफसीसी) से बाइडांस की जांच करने की मांग की और टिकटॉक की सच्चाई पता लगाने को कहा। इसके ठीक बाद टिकटॉक ने माना कि चीन में बैठे उसके कर्मचारियों की अमेरिकी यूजर्स के डाटा तक पहुंच हो सकती है। जून 2023 में टिकटॉक ने यह भी मान लिया कि कुछ अमेरिकी कंटेंट क्रिएटर्स की वित्तीय जानकारी चीन में भी स्टोर है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, बाइडांस की हालिया बैठक में टिकटॉक को अमेरिका में बंद होने से बचाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। इसी बैठक में टिकटॉक का अमेरिका से जुड़ा पूरा कारोबार और अधिकार एलन मस्क को बेचने पर भी चर्चा हुई। माना जा रहा है कि चीन के शासन की तरफ से भी इसकी मंजूरी मिल सकती है।

कंपनियों के मालिक की आगामी ट्रंप सरकार में अच्छी खासी पकड़ है। साथ ही चीन में भी मस्क को पसंद करने वाले लोग हैं। यही वजह है कि टिकटॉक को मस्क की कंपनी एक्स को बेचने पर विचार हो रहा है। टिकटॉक के अमेरिका में 17 करोड़ यूजर्स हैं और अगर मस्क टिकटॉक को खरीदते हैं तो इसका उनके मालिकाना हक वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स को भी जबरदस्त फायदा मिल सकता है।

यह कदम चीन के लिए सिर्फ टिकटॉक बचाने तक सीमित नहीं है। इसके जरिए चीन अमेरिकी प्रशासन के साथ अपने व्यापारिक रिश्ते सुधारना चाहता है। डोनाल्ड ट्रंप ने पहले चीनी आयातों पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। अगर मस्क के जरिए चीन और ट्रंप के बीच बातचीत होती है, तो चीन इस टैरिफ से बच सकता है। वहीं, ट्रंप इसे अमेरिका में टिकटॉक को बचाने और लोगों की प्राइवेसी सुनिश्चित करने के वादे के तौर पर पेश कर सकते हैं।
"क्या जेफ बेजोस को मस्क-ट्रंप के रिश्तों से अंतरिक्ष दौड़ में कोई खतरा नहीं?"

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जेफ बेजोस को नहीं लगता कि स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क, अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने करीबी संबंधों का इस्तेमाल बेजोस की प्रतिद्वंद्वी अंतरिक्ष कंपनी ब्लू ओरिजिन को कमतर आंकने के लिए करेंगे, और वे आने वाले प्रशासन के अंतरिक्ष एजेंडे के बारे में "बहुत आशावादी" हैं।

ब्लू ओरिजिन के न्यू ग्लेन रॉकेट का पहला प्रक्षेपण, जिसका काम अंततः नासा के लिए कंपनी के मून लैंडर को लॉन्च करना था, कई देरी के बाद सोमवार को सुबह होना था, लेकिन वाहन में आखिरी समय में आई समस्या के कारण इसे कम से कम एक और दिन के लिए टाल दिया गया। न्यू ग्लेन 30 मंजिला ऊंचा रॉकेट है, जिससे स्पेसएक्स के बाजार प्रभुत्व को कम करने और सैटेलाइट लॉन्च व्यवसाय में ब्लू ओरिजिन के लंबे समय से विलंबित प्रवेश को गति देने की उम्मीद है।

ब्लू ओरिजिन के संस्थापक बेजोस ने रविवार को रॉयटर्स से कहा, "एलोन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह यह सब सार्वजनिक हित के लिए कर रहे हैं, न कि अपने निजी लाभ के लिए और मैं उनकी बात को सच मानता हूँ।" मस्क, जिन्होंने ट्रम्प को चुनने में मदद करने के लिए एक चौथाई बिलियन डॉलर से अधिक खर्च किए हैं, अंतरिक्ष मामलों पर ट्रम्प की बात सुनते आए हैं। पिछले महीने, मस्क ने कहा था कि अमेरिका को पहले चंद्रमा पर जाने के बजाय सीधे मंगल पर मिशन भेजना चाहिए, जिससे नासा के अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम में बड़े बदलाव की उद्योग की चिंता बढ़ गई। 

बेजोस से जब पूछा गया कि क्या वह नासा के चंद्रमा कार्यक्रम में बदलावों के बारे में चिंतित हैं, तो उन्होंने कहा, "मेरी अपनी राय है कि हमें दोनों काम करने चाहिए - हमें चंद्रमा पर जाना चाहिए और हमें मंगल पर भी जाना चाहिए।" बेजोस ने कहा, "हमें जो नहीं करना चाहिए वह है चीजों को शुरू करना और बंद करना। हमें निश्चित रूप से चंद्र कार्यक्रम को जारी रखना चाहिए।" संभावित व्यापक बदलाव राष्ट्रपति के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में ट्रम्प से नासा के चंद्रमा कार्यक्रम में व्यापक बदलाव करने और मंगल पर मिशन भेजने पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। अमेज़ॅन ने ट्रम्प के उद्घाटन कोष में $1 मिलियन का दान दिया है और इस कार्यक्रम को अपनी प्राइम वीडियो सेवा पर स्ट्रीम करेगा। अमेज़ॅन के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष बेजोस ने ट्रम्प से मुलाकात की है, लेकिन रॉयटर्स से कहा कि "हमने वास्तव में अंतरिक्ष के बारे में बात नहीं की है।"

नए अमेरिकी राष्ट्रपतियों की राजनीतिक प्राथमिकताओं में बदलाव ने अतीत में महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों को खत्म कर दिया है। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश की अंतरिक्ष अन्वेषण पहल, एक चालक दल वाला चंद्रमा कार्यक्रम, उनके उत्तराधिकारी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की नीति द्वारा समाप्त कर दिया गया था, जो रोबोट जांच का पक्षधर था। नासा का बहु-बिलियन डॉलर का चंद्रमा कार्यक्रम, आर्टेमिस, काफी हद तक ट्रम्प के पहले प्रशासन द्वारा शुरू किया गया था, और इस दशक के अंत में मनुष्यों को चंद्रमा पर भेजने के इसके लक्ष्य - अपोलो कार्यक्रम के बाद पहली बार - को राष्ट्रपति जो बिडेन ने अपनाया था।

2000 में बेजोस द्वारा स्थापित ब्लू ओरिजिन का नासा के साथ आर्टेमिस के तहत मनुष्यों को चंद्रमा पर उतारने के लिए $3 बिलियन का अनुबंध है, जो स्पेसएक्स के स्टारशिप के मिशन के बाद है, मस्क का पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य रॉकेट विकास में है जिसे चंद्रमा और मंगल दोनों पर मनुष्यों और कार्गो को भेजने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

स्पेसएक्स के स्टारशिप के साथ विकास के मील के पत्थर से प्रभावित ट्रम्प ने हाल के महीनों में राजनीतिक रैलियों में मंगल ग्रह पर मिशन भेजने पर ध्यान केंद्रित किया है, यह सुझाव देते हुए कि वह नासा के प्रमुख अंतरिक्ष अन्वेषण एजेंडे पर अपना रुख बदल देंगे। "इन सभी कार्यक्रमों में किसी भी एक राष्ट्रपति प्रशासन की तुलना में अधिक समय लगता है," बेजोस ने कहा। "इसलिए यदि आप प्रगति देखना चाहते हैं तो आपको इन कार्यक्रमों में निरंतरता की आवश्यकता है।"

एलन मस्क की कंपनी 'एक्स' ने किया भारत सरकार पर मुकदमा, जानें पूरा मामला

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एलन मस्क की कंपनी एक्स कॉर्प ने भारत सरकार के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) की धारा 79(3)(बी) को चुनौती दी गई है। कंपनी का आरोप है कि यह नियम सरकार को अनुचित और गैरकानूनी सेंसरशिप लागू करने की शक्ति देता है, जिससे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के संचालन पर गंभीर असर पड़ रहा है। एक्स का तर्क है कि यह नियम सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों का उल्लंघन करता है और ऑनलाइन स्वतंत्र अभिव्यक्ति को कमजोर करता है।

आईटी एक्ट की धारा 79(3)(बी) के तहत सरकार को यह अधिकार है कि वह कुछ खास परिस्थितियों में इंटरनेट पर मौजूद कंटेंट को हटाने या ब्लॉक करने का आदेश दे सकती है। यदि कोई प्लेटफॉर्म 36 घंटों के भीतर अनुपालन करने में विफल रहता है, तो उसे धारा 79(1) के तहत और उसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) सहित विभिन्न कानूनों के तहत जवाबदेह ठहराया जा सकता है। यह नियम ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को अवैध सामग्री को हटाने के लिए जवाबदेह बनाने के लिए डिजाइन किया गया है और यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि ऑनलाइन सामग्री कानूनी और नैतिक मानकों का पालन करती है।

हालांकि, एक्स कॉर्प का दावा है कि सरकार इस प्रावधान का दुरुपयोग कर रही है। कंपनी के मुताबिक, कंटेंट हटाने के लिए सरकार को लिखित में ठोस कारण बताना चाहिए, प्रभावित पक्ष को सुनवाई का मौका देना चाहिए और इस फैसले को कानूनी रूप से चुनौती देने का अधिकार भी होना चाहिए। एक्स ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत सरकार ने इनमें से किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया।

सेंसरशिप के लिए कानून के दुरुपयोग का आरोप

एक्स ने आरोप लगाया है कि सरकार उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना मनमाने ढंग से सेंसरशिप लागू करने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रही है। एक्स का मानना है कि यह प्रावधान सरकार को सामग्री को नियंत्रित करने के लिए अत्यधिक शक्ति प्रदान करता है और ऑनलाइन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कमजोर करता है।

ग्रोक को लेकर गहराया विवाद

यह विवाद तब और गहरा गया, जब केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक्स कॉर्प से उसके एआई चैटबॉट ग्रोक को लेकर स्पष्टीकरण मांगा। ग्रोक, जिसे एक्स की मूल कंपनी xAI ने विकसित किया है, हाल ही में कुछ सवालों के जवाब में अभद्र भाषा और गालियों का इस्तेमाल करता पाया गया। भारत सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए कंपनी से जवाब तलब किया है।

बता दें कि एलन मस्क के एआई चैटबॉट ग्रोक ने हाल ही में उपयोगकर्ताओं की तरफ से उकसाने के बाद हिंदी में अपशब्दों से भरी प्रतिक्रिया दी।

पहेल भी हो चुका है तनाव

इससे पहले भी साल 2022 में सरकार ने धारा 69ए के तहत एक्स को कुछ कंटेंट हटाने का निर्देश दिया था, जिसे लेकर कंपनी और सरकार के बीच तनाव देखा गया था।

Airtel के बाद Jio और Starlink के बीच हुई डील, सैटेलाइट से भारत में हाई-स्पीड इंटरनेट

डेस्क:–नई दिल्ली: Reliance Jio ने Elon Musk के SpaceX से पार्टनरशिप कर ली है, जिसके बाद Starlink सर्विस को भारत में लाया जाएगा. Starlink सेटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर है, जो लंबे समय भारत में अपनी सर्विस शुरू करने की कोशिश कर रहा है. एक दिन पहले ही Airtel ने भी SpaceX के साथ पार्टनरशिप का ऐलान किया था.

एक दिन पहले यानी मंगलवार को Airtel ने बताया था कि Airtel ने SpaceX के साथ पार्टनरशिप की है, जिसके बाद भारतीय कस्टमर को जल्द ही Starlink का हाई स्पीड इंटरनेट मिलेगा. हालांकि अभी SpaceX को भारतीय अथॉरिटीज से लाइसेंस लेना बाकी है, सभी अप्रूवल मिलने के बाद ही भारत में SpaceX की सर्विस भारत में शुरू हो सकेंगी.

Starlink, एक सेटेलाइट बेस्ड हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस है, जिसे खुद Elon Musk की कंपनी SpaceX ने डेवलप किया है. इसके लिए मोबाइल टावर लगाने की जरूरत नहीं होता है. Starlink दुनिया भर में हाई-स्पीड इंटरनेट प्रोवाइड कराना चाहती है.ख खासकर उन इलाकों में जहां वायर ब्रॉडबैंड उपलब्ध नहीं है.

Starlink में हजारों लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सेटेलाइट होते हैं, जो धरती से लगभग 550 किमी ऊपर होते हैं. ये सेटेलाइट लेजर लिंक की मदद से एक दूसरे से कनेक्ट होते हैं और डेटा को तेजी से ट्रांसमिट करते हैं.

Starlink की सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए एक छोटी डिश लगानी होती है, जिसे Starlink टर्मिनल भी कहते हैं. इसको कस्टमर को घर पर सेटअप कराना पड़ता है. यह डिश आसमान में मौजूद सैटेलाइट से सिग्नल रिसीव करता है और सेंड करता है. इसके बाद यह डिश WiFi राउटर से कनेक्ट होती है, जो घर के अंदर लगा होता है .

Starlink के काम करने के तरीके को देखें तो ये भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर कर सकता है. इसका फायदा रूरल और रिमोट एरियों में देखने में मिलेगा. भारत में अभी भी बहुत से गांव और पहाड़ी इलाके हैं, जहां फाइबर इंटरनेट नहीं पहुंच पाया है, ऐसे में Starlink से उनको फायदा हो सकता है. रिमोट एरियों में मौजूद स्कूल और अस्पतालों को इससे काफी फायदा हो सकता है.



कैबिनेट मीटिंग में ट्रंप के सामने भिड़े दो मंत्री, मस्क-रुबियो में जमकर हुई तकरार

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद कई सख्त फैसले लिए जा रहे हैं। इनमें से कई फैसलों का अमेरिका में विरोध भी हो रहा है। ट्रंप प्रशासन का एक ऐसा ही फैसला स्टाफ कटौती का है। जिसकी आलोचना अमेरिकी राजकर्मियों के संगठन के साथ-साथ अन्य लोग भी कर चुके। अब इसी फैसले के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में विदेश मंत्री मार्को रुबियो और सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) के प्रमुख एलन मस्क के बीच नोकझोंक की खबर सामने आ रही है।

व्हाइट हाउस में हुई कैबिनेट बैठक में उस समय तनावपूर्ण माहौल बन गया जब ट्रंप के दो मंत्री आपस में एक बात को लेकर भिड़ गए। डीओजीई विभाग के प्रमुख एलन मस्क और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच तीखी बहस हो गई। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह विवाद स्टेट डिपार्टमेंट में की गई स्टाफ कटौती को लेकर हुआ। खास बात है कि इस बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ही कर रहे थे।

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, तनाव कई हफ़्तों से चल रहा था, मगर कैबिनेट की बैठक में यह फूट पड़ा। रुबियो और मस्क के आक्रामक लागत-कटौती उपायों से लंबे समय से निराश थे। तभी बैठक के दौरान जब मस्क ने उन पर अपने विभाग का आकार कम करने में विफल रहने का आरोप लगाया, तो उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

बैठक के दौरान मस्क ने कहा, आपने किसी को भी नहीं निकाला है। आपका विदेश विभाग अभी भी फूला हुआ है। मस्क के तीखे सवाल को सुनते ही रुबियो भड़क उठे। उन्होंने जवाब दिया कि मस्क को 1,500 विदेश विभाग के अधिकारियों की याद दिला दी जिन्होंने बायआउट किया था। मगर मस्क प्रभावित नहीं हुए। दोनों के बीच जैसे ही बहस बढ़ी, ट्रंप, जो पहले हाथ पर हाथ धरे देख रहे थे, आखिरकार उनको हस्तक्षेप करना पड़ा।

दरअसल, हाल के दिनों में अमेरिका में बड़े पैमाने पर सरकारी एजेंसियों में कर्मचारियों की छटनी की गई है। ट्रंप और उनके सलाहकार ने हजारों लोगों को नौकरी से निकाल दिया है. ऐसा अमेरिकी नौकरशाही में कटौती के अभियान के तहत हुआ है। अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है। सत्ता में आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक कड़े और बड़े फैसले ले रहे हैं। नौकरी में कटौती को लेकर ट्रंप का कहना है कि फेडरल गवर्नमेंट में बहुत से स्टाफ हैं। उन्होंने हाल में कहा था कि सरकार पर 36 लाख करोड़ डॉलर का कर्ज है। पिछले साल करोड़ों डॉलर का घाटा हुआ था इसलिए इसमें सुधार की जरूरत है।

14वीं बार पिता बने एलन मस्क, पार्टनर शिवॉन जिलिस ने दिया बेटे को जन्म

#elon_musk_become_father_14th_time

दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क एक बार फिर से पिता बने हैं। टेस्ला के सीईओ और दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क 14वें बच्चे के पिता बन गए हैं। एलन मस्क की पार्टनर शिवॉन जिलिस ने इस बच्चे को जन्म दिया है। शिवॉन जिलिस वहीं हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान मोदी और मस्क के साथ नजर आई थीं।

नवजात के जन्म की जानकारी उनकी पार्टनर शिवॉन जिलिस ने एक्स पर अपने पोस्ट में दिया। जिसे मस्क ने कन्फर्म भी कर दिया है। शिवॉन जिलिस ने एक्स कर लिखा कि एलन मस्क से चर्चा के बाद, हमने सोचा कि खूबसूरत अर्काडिया के जन्मदिन के मौके पर अपने बेटे सेल्डन लाइकर्गस के बारे में भी सभी को बता देना बेहतर होगा। वह जबरदस्त ताकतवर है, लेकिन दिल से बेहद दयालु। हम उसे बहुत प्यार करते हैं। 53 वर्षीय मस्क ने शिवॉन की पोस्ट पर दिल वाली इमोजी भेजी है।

आपको बता दें कि उनकी पार्टनर उनकी कंपनी न्यूरालिंक की एक्जीक्यूटिव हैं। शिवॉन से यह मस्क का चौथा बच्चा है। इनसे मस्क को पहले से ही तीन बच्चे हो चुके हैं। शिवॉन की तीसरी संतान एक बेटी है जिसका नाम आर्केडिया है।

एलन मस्क के अब कुल 14 बच्चे हैं। उनकी पहली पत्नी जस्टिन विल्सन से उन्हें छह बच्चे हुए। इनमें एक बच्चे नेवादा अलेक्जेंडर का 10 हफ्ते की उम्र में निधन हो गया था। संगीतकार ग्रिम्स के साथ मस्क के तीन बच्चे हैं। वहीं शिवॉन जिलिस से मस्क के चार बच्चे हैं। इनके अलावा लेखिका एश्ले सेंट क्लेयर ने हाल ही में दावा किया है कि मस्क उनके 5 महीने के बच्चे के पिता हैं।

मस्क व्हाइट हाउस के सिर्फ एक कर्मचारी”, टेस्ला के सीईओ पर क्या है इस बयान के मायने

#white_house_clarification_on_elon_musk

टेस्ला सीईओ और अमेरिका के सरकारी दक्षता विभाग यानी डीओजीई की जिम्मेदारी संभालने वाले एलन मस्क का सरकार के फैसलों में दखल अमेरिका के लोगों और प्रशासन को रास नहीं आ रहा है। अमेरिका में फेडरल कर्मियों को नौकरियों से निकालने के ट्रंप के आदेश को मॉनिटर करने की जिम्मेदारी भी मस्क को मिली हुई है जो खुद ट्रंप ने दी है। अब अमेरिका में राष्ट्रपति ऑफिस व्हाइट हाउस ने एक कोर्ट में जवाब दिया कि अमेरिकी बिजनेसमैन एलन मस्क सिर्फ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार हैं। वे डीओजीई के एम्पलॉयी नहीं हैं, इसलिए उनके पास सरकार के अंदर फैसले लेने का अधिकार नहीं है।

दरअसल, न्यू मेक्सिको की अगुआई में 14 अमेरिका राज्यों ने वॉशिंगटन डीसी के एक फेडरल कोर्ट में ट्रंप और मस्क के खिलाफ केस किया है। ये राज्य मस्क को डीओजीई प्रमुख बनाए जाने से नाराज हैं। राज्यों के मुताबिक, एलन के हाथ में बड़ी ताकत आ गई है, जो अमेरिकी संविधान के उल्लंघन में है।

इसी केस को लेकर व्हाइट हाउस में ऑफिस ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन के डायरेक्टर जॉशुआ फिशर ने कोर्ट में जानकारी दी कि मस्क की भूमिका सिर्फ सलाहकार की है। उनका काम सिर्फ राष्ट्रपति को सलाह देना और प्रशासन की तरफ से निर्देशों को कर्मचारियों तक पहुंचाने का है।

व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि ट्रंप प्रशासन में मस्क की भूमिका व्हाइट हाउस के कर्मचारी और राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में थी, और वह डीओजीई के कर्मचारी नहीं थे। व्हाइट हाउस ने यह भी कहा कि मस्क के पास निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है।

पिछले महीने डीओजीई द्वारा राष्ट्रपति के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने के बाद से डीओजीई ने संघीय एजेंसियों में अपनी पैठ बना ली है और मस्क को सरकार में नाटकीय बदलाव के तहत फिजूलखर्ची को रोकने का जिम्मा सौंपा है, जिसमें हजारों नौकरियों में कटौती भी शामिल है।

मस्क ने OpenAI को खरीदने का दिया ऑफर, ऑल्टमैन का जवाब सुनकर हो जाएंगे हैरान
#elon_musk_leads_an_offer_to_buy_openai_sam_altman_responds
* दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क ने ChatGPT की पेरेंट कंपनी OpenAI को खरीदने का ऑफर दिया है। मस्क ने OpenAI के नॉन प्रॉफिट भाग को खरीदने के लिए $97.4 बिलियन (84 लाख करोड़ रुपये) की बोली लगाई है। हालांकि OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने मस्क के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। ऑल्टमैन ने कहा कि उनकी कंपनी बिक्री के लिए नहीं है लेकिन मस्क चाहें तो वह ट्विटर को 9.74 अरब डॉलर में खरीदने को तैयार हैं। बता दें कि 2015 में एलन मस्क ने OpenAI स्टार्टअप ऑल्टमैन के साथ शुरू किया था। बाद में निकल गए। ओपनएआई का नेतृत्व करने को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया और आखिरकार साल 2018 में मस्क ने ओपनएआई के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया। नॉनप्रॉफिट मामला था। मस्क को क्या पता कि इस ओपन एआई की वैल्यूएशन 300 अरब डॉलर हो जाएगी। हाल ही में जापान के सॉफ्ट बैंक ने ये दाम लगाया। अब, मस्क के खुद के एआई स्टार्टअप एक्सएआई और निवेशक फर्मों के एक समूह ने मिलकर चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपनएआई को 97 अरब डॉलर में खरीदने की इच्छा जताई है। एलन मस्क के वकील मार्क टोबरॉफ ने बताया कि मस्क ओपनएआई को एक गैर लाभकारी रिसर्च लैब में बदलना चाहते हैं। मस्क की पेशकश पर सैम ऑल्टमैन ने कहा है – नो थैंक्यू, आप बोलो तो ट्विटर 9.7 अरब डॉलर में मुझे बेच दो। मस्क की मंशा है कि ओपनएआई हथिया लेने के बाद अपनी एआई कंपनी में मर्ज कर दिया जाए और दुनिया भर में लोहा मनवा लें। मस्क का दावा है कि ओपनएआई अपने एआई टूल्स से मुनाफा कमाना चाहती है जो इसके फाउंडिंग चार्टर का उल्लंघन है। मस्क ने भी एआई के लिए एक्सएआई कंपनी बनाई है लेकिन यह अब तक कुछ खास नहीं कर पाई है। यही वजह है कि मस्क की नजर चैटजीपीटी पर है। अगर वह इस कंपनी को खरीदते हैं तो इसमें उनका मैज्योरिटी स्टेक होगा। चैटजीपीटी की सफलता का श्रेय पूरी तरह ऑल्टमैन को जाता है और वह इसे बेचने के लिए तैयार नहीं हैं।
अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स चलना-फिरना भूलीं, मस्क पर टिकी ट्रंप की उम्मीद

#donaldtrumpurgeselonmusktobringbacksunitawilliams

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर पिछले 8 महीनों से अंतरिक्ष में फंसे हैं। उनके बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी समस्याएं आने के बाद दोनों स्पेस में ही अटक गए। हालांकि, उन्हें लाने की कई बार कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। इस बीच सुनीता विलियम्स के एक बयान ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। अंतरिक्ष में 237 दिनों से फंसी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने कहा कि वह याद करने की कोशिश कर रही हैं कि चलना कैसा होता है।

एक मैगजीन को दिए गये इंटरव्यू में सुनीता विलियम्स ने कहा है, कि वो काफी बेसब्री से धरती पर लौटने का इंतजार कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने कहा, कि वो अब चलना तक भूल गईं हैं। उन्होंने कहा, कि वो याद कर रही हैं, कैसे चलती थीं। उन्होंने कहा, मैं स्पेस स्टेशन में काफी समय से हूं और मैं यह याद करने की कोशिश कर रही हूं, कि चलना कैसा होता है। मैं नहीं चली हूं। मैं नहीं बैठी हूं। मैं नहीं लेटी हूं। आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं है। आप बस अपनी आंखें बंद कर सकते हैं और जहां आप हैं, वहीं तैर सकते हैं।

मस्क ने कहा वापसी का काम शुरू

इस हालात में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मशहूर कारोबारी और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क से दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने में मदद मांगी है। एलन मस्क ने कहा है कि उन्होंने अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए काम शुरू कर दिया है। एलन मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, @ ने से पर फंसे 2 अंतरिक्ष यात्रियों को जल्द से जल्द घर लाने के लिए कहा है। हम ऐसा करेंगे।"

ट्रंप ने क्या कहा?

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा, कि स्पेसएक्स "जल्द ही" दोनों अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए एक मिशन शुरू करेगा, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर महीनों से फंसे हुए हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर कहा कि "एलन जल्द ही कोशिश शुरू करेंगे और उम्मीद हैं, कि सभी सुरक्षित होंगे। शुभकामनाएं एलन!!!"

अंतरिक्ष में कैसे फंसी सुनीता विलियम्स?

बता दें, कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले साल 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गये थे, लेकिन बोइंग स्पेसक्राफ्ट में टेक्निकल दिक्कतें आ गईं और दोनों अंतरिक्षयात्री वहीं फंस गये। सुनीता विलियम्स को सिर्फ 10 दिनों तक ही स्पेस स्टेशन में रहना था, लेकिन पिछले 8 महीनों से वो वहीं फंसी हुई हैं। नासा और बोइंग ने स्पेसक्राफ्ट को ठीक करने की काफी कोशिश की, लेकिन आखिरकार फैसला लिया गया, कि स्पेसक्राफ्ट को वैज्ञानिकों के साथ धरती पर लाना काफी जोखिम भरा कदम होगा।

एलन मस्क का सपना टूटा, स्पेस एक्स का स्टारशिप टेस्ट हुआ फेल, लॉन्चिंग के कुछ देर बाद ही ब्लास्ट

#elon_musk_spacex_starship_destroyed_during_7th_test

अमेरिकी अरबपति एलन मस्क को बड़ा झटका लगा है। उनकी कंपनी स्पेस एक्स का स्टारशिप रॉकेट मिशन फेल हो गया है। स्पेसएक्स द्वारा टेक्सास से लॉन्च किया गया, हालांकि, स्टारशिप रॉकेट कुछ ही मिनटों बाद ब्लास्ट हो गया। जिसके बाद तरिक्षयान का मलबा हवा में फैल गया। एलन मस्क ने इसका एक वीडियो भी शेयर किया है और लिखा कि सफलता अनिश्चित है, लेकिन मनोरंजन की गारंटी है।

एलन मस्क की कंपनी ने कहा कि टेक्सास के बोका चिका से उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही अंतरिक्ष यान के छह इंजन एक-एक करके बंद हो गए। उड़ान के केवल 8 1/2 मिनट बाद ही अंतरिक्षयान का संपर्क टूट गया। यह घटना तब हुई, जब रॉकेट के सुपर हैवी बूस्टर ने अंतरिक्षयान से अलग होना शुरू किया था। यह स्टारशिप रॉकेट की सातवीं परीक्षण उड़ान थी। स्पेसएक्स के मिशन कंट्रोल के कम्युनिकेशन मैनेजर का कहना है कि स्टारशिप से संचार टूटने की वजह ऊपरी चरण में हुई तकनीकी खामी थी और कुछ मिनट बाद ही अंतरिक्षयान पूरी तरह से नष्ट हो गया और उसका मलबा आकाश में बिखर गया।

वहीं, एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर लॉन्च के बाद का वीडियो जारी करते हुए लिखा है, सफलता अनिश्चित है, लेकिन मनोरंजन की गारंटी है।

यह नया और उन्नत मॉडल, जो अपनी पहली उड़ान पर था, टेक्सास से मैक्सिको की खाड़ी के पार दुनिया के चारों ओर एक लूप में उड़ान भरने वाला था। स्पेसएक्स ने इसे 10 डमी सैटेलाइट्स के साथ पैक किया था ताकि उन्हें छोड़ने का अभ्यास किया जा सके।

क्या एलन मस्क खरीद रहे टिकटॉक? जानें क्यों उठ रहे ये सवाल
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अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगना लगभग तय माना जा रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि संभवत: चीन अमेरिकी में राष्ट्रपति की कुर्सी पर ट्रंप के बैठने के बाद के वातावरण से फायदा उठाने के लिए अपना यह एप एलन मस्क को बेच दे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन, एलन मस्क के साथ टिकटॉक को लेकर डील करना चाहता है। रिपोर्ट के मुताबिक चीनी अधिकारी टिकटॉक में कुछ शेयर बेचने पर विचार कर रहे हैं। चीन इससे पहले टिकटॉक की बिक्री का सख्त विरोध करता आया है।

टिकटॉक पर अमेरिकी यूजर्स का डाटा चीन भेजे जाने के आरोप लगने लगे। कंपनी ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया और खुद को सिंगापुर में निवेशित कंपनी करार दिया। लेकिन जून 2022 में एक मीडिया समूह ने टिकटॉक की आंतरिक बैठकों के हवाले से खुलासा किया कि इनमें चर्चा हुई कि कैसे चीन में बैठे बाइडांस के कर्मचारी विदेश में मौजूद डाटा तक पहुंच रखते हैं और कैसे एक मास्टर एडमिन सब कुछ देख सकता है। इन खुलासों के बाद अमेरिका की सीनेट (संसद के उच्च सदन) की खुफिया मामलों की समिति ने संघीय संचार आयोग (एफसीसी) से बाइडांस की जांच करने की मांग की और टिकटॉक की सच्चाई पता लगाने को कहा। इसके ठीक बाद टिकटॉक ने माना कि चीन में बैठे उसके कर्मचारियों की अमेरिकी यूजर्स के डाटा तक पहुंच हो सकती है। जून 2023 में टिकटॉक ने यह भी मान लिया कि कुछ अमेरिकी कंटेंट क्रिएटर्स की वित्तीय जानकारी चीन में भी स्टोर है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, बाइडांस की हालिया बैठक में टिकटॉक को अमेरिका में बंद होने से बचाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। इसी बैठक में टिकटॉक का अमेरिका से जुड़ा पूरा कारोबार और अधिकार एलन मस्क को बेचने पर भी चर्चा हुई। माना जा रहा है कि चीन के शासन की तरफ से भी इसकी मंजूरी मिल सकती है।

कंपनियों के मालिक की आगामी ट्रंप सरकार में अच्छी खासी पकड़ है। साथ ही चीन में भी मस्क को पसंद करने वाले लोग हैं। यही वजह है कि टिकटॉक को मस्क की कंपनी एक्स को बेचने पर विचार हो रहा है। टिकटॉक के अमेरिका में 17 करोड़ यूजर्स हैं और अगर मस्क टिकटॉक को खरीदते हैं तो इसका उनके मालिकाना हक वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स को भी जबरदस्त फायदा मिल सकता है।

यह कदम चीन के लिए सिर्फ टिकटॉक बचाने तक सीमित नहीं है। इसके जरिए चीन अमेरिकी प्रशासन के साथ अपने व्यापारिक रिश्ते सुधारना चाहता है। डोनाल्ड ट्रंप ने पहले चीनी आयातों पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। अगर मस्क के जरिए चीन और ट्रंप के बीच बातचीत होती है, तो चीन इस टैरिफ से बच सकता है। वहीं, ट्रंप इसे अमेरिका में टिकटॉक को बचाने और लोगों की प्राइवेसी सुनिश्चित करने के वादे के तौर पर पेश कर सकते हैं।
"क्या जेफ बेजोस को मस्क-ट्रंप के रिश्तों से अंतरिक्ष दौड़ में कोई खतरा नहीं?"

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जेफ बेजोस को नहीं लगता कि स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क, अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने करीबी संबंधों का इस्तेमाल बेजोस की प्रतिद्वंद्वी अंतरिक्ष कंपनी ब्लू ओरिजिन को कमतर आंकने के लिए करेंगे, और वे आने वाले प्रशासन के अंतरिक्ष एजेंडे के बारे में "बहुत आशावादी" हैं।

ब्लू ओरिजिन के न्यू ग्लेन रॉकेट का पहला प्रक्षेपण, जिसका काम अंततः नासा के लिए कंपनी के मून लैंडर को लॉन्च करना था, कई देरी के बाद सोमवार को सुबह होना था, लेकिन वाहन में आखिरी समय में आई समस्या के कारण इसे कम से कम एक और दिन के लिए टाल दिया गया। न्यू ग्लेन 30 मंजिला ऊंचा रॉकेट है, जिससे स्पेसएक्स के बाजार प्रभुत्व को कम करने और सैटेलाइट लॉन्च व्यवसाय में ब्लू ओरिजिन के लंबे समय से विलंबित प्रवेश को गति देने की उम्मीद है।

ब्लू ओरिजिन के संस्थापक बेजोस ने रविवार को रॉयटर्स से कहा, "एलोन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह यह सब सार्वजनिक हित के लिए कर रहे हैं, न कि अपने निजी लाभ के लिए और मैं उनकी बात को सच मानता हूँ।" मस्क, जिन्होंने ट्रम्प को चुनने में मदद करने के लिए एक चौथाई बिलियन डॉलर से अधिक खर्च किए हैं, अंतरिक्ष मामलों पर ट्रम्प की बात सुनते आए हैं। पिछले महीने, मस्क ने कहा था कि अमेरिका को पहले चंद्रमा पर जाने के बजाय सीधे मंगल पर मिशन भेजना चाहिए, जिससे नासा के अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम में बड़े बदलाव की उद्योग की चिंता बढ़ गई। 

बेजोस से जब पूछा गया कि क्या वह नासा के चंद्रमा कार्यक्रम में बदलावों के बारे में चिंतित हैं, तो उन्होंने कहा, "मेरी अपनी राय है कि हमें दोनों काम करने चाहिए - हमें चंद्रमा पर जाना चाहिए और हमें मंगल पर भी जाना चाहिए।" बेजोस ने कहा, "हमें जो नहीं करना चाहिए वह है चीजों को शुरू करना और बंद करना। हमें निश्चित रूप से चंद्र कार्यक्रम को जारी रखना चाहिए।" संभावित व्यापक बदलाव राष्ट्रपति के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में ट्रम्प से नासा के चंद्रमा कार्यक्रम में व्यापक बदलाव करने और मंगल पर मिशन भेजने पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। अमेज़ॅन ने ट्रम्प के उद्घाटन कोष में $1 मिलियन का दान दिया है और इस कार्यक्रम को अपनी प्राइम वीडियो सेवा पर स्ट्रीम करेगा। अमेज़ॅन के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष बेजोस ने ट्रम्प से मुलाकात की है, लेकिन रॉयटर्स से कहा कि "हमने वास्तव में अंतरिक्ष के बारे में बात नहीं की है।"

नए अमेरिकी राष्ट्रपतियों की राजनीतिक प्राथमिकताओं में बदलाव ने अतीत में महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों को खत्म कर दिया है। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश की अंतरिक्ष अन्वेषण पहल, एक चालक दल वाला चंद्रमा कार्यक्रम, उनके उत्तराधिकारी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की नीति द्वारा समाप्त कर दिया गया था, जो रोबोट जांच का पक्षधर था। नासा का बहु-बिलियन डॉलर का चंद्रमा कार्यक्रम, आर्टेमिस, काफी हद तक ट्रम्प के पहले प्रशासन द्वारा शुरू किया गया था, और इस दशक के अंत में मनुष्यों को चंद्रमा पर भेजने के इसके लक्ष्य - अपोलो कार्यक्रम के बाद पहली बार - को राष्ट्रपति जो बिडेन ने अपनाया था।

2000 में बेजोस द्वारा स्थापित ब्लू ओरिजिन का नासा के साथ आर्टेमिस के तहत मनुष्यों को चंद्रमा पर उतारने के लिए $3 बिलियन का अनुबंध है, जो स्पेसएक्स के स्टारशिप के मिशन के बाद है, मस्क का पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य रॉकेट विकास में है जिसे चंद्रमा और मंगल दोनों पर मनुष्यों और कार्गो को भेजने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

स्पेसएक्स के स्टारशिप के साथ विकास के मील के पत्थर से प्रभावित ट्रम्प ने हाल के महीनों में राजनीतिक रैलियों में मंगल ग्रह पर मिशन भेजने पर ध्यान केंद्रित किया है, यह सुझाव देते हुए कि वह नासा के प्रमुख अंतरिक्ष अन्वेषण एजेंडे पर अपना रुख बदल देंगे। "इन सभी कार्यक्रमों में किसी भी एक राष्ट्रपति प्रशासन की तुलना में अधिक समय लगता है," बेजोस ने कहा। "इसलिए यदि आप प्रगति देखना चाहते हैं तो आपको इन कार्यक्रमों में निरंतरता की आवश्यकता है।"