भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करेंगे” मोहम्मद यूनुस का बयान, अब क्या करेगी मोदी सरकार?
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पांच अगस्त को शेख हसीना ने अपनी सरकार के खिलाफ छात्रों और अन्य लोगों द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद इस्तीफा दे दिया था। बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शनों के चलते सत्ता से बेदखल होने के बाद शेख हसीना भारत चली गई थीं। बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के साथ शुरू हुई हिंसा की लहर आज तक बांग्लादेश में देखने को मिल रही है। इसी बीच बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने बड़ा बयान दिया है। मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि अंतरिम सरकार अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का प्रत्यर्पण भारत से मांगेगी। अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर राष्ट्र के नाम संबोधन में यूनुस ने ये ऐलान किया।
अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर राष्ट्र के नाम संबोधन में यूनुस ने कहा कि अंतरिम सरकार हसीना सहित उन लोगों पर मुकदमा चलाएगी, जो छात्र-नेतृत्व वाले प्रदर्शनों के दौरान सैकड़ों मौतों के लिए जिम्मेदार हैं। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित यूनुस ने कहा, हम भारत से तानाशाह शेख हसीना को स्वदेश भेजने की मांग करेंगे। मैंने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) के मुख्य अभियोजक करीम खान के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की थी।
सरकार हर एक मौत का विवरण इकट्ठा कर रही- यूनुस
यूनुस ने यह भी बताया कि हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान लगभग 1500 लोग मारे गए थे और 19,931 लोग घायल हुए थे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हर एक मौत का विवरण इकट्ठा कर रही है और घायलों का इलाज भी सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उन मामलों की जांच कर रही है जिनमें धार्मिक अल्पसंख्यकों को हिंसा का शिकार होना पड़ा। उन्होंने कहा हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी नागरिक को हिंसा का शिकार न होना पड़े, चाहे वह हिंदू हो या कोई और।
निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपना सबसे महत्वपूर्ण काम- यूनुस
हसीना और उनके करीबी सहयोगी देश में कई आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। वहीं, यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार भी इस मामले को आईसीसी को सौंपने पर जोर दे रही है। यूनुस ने कहा कि उनकी सरकार का सबसे महत्वपूर्ण काम एक निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपने के लिए चुनाव कराना है, लेकिन उन्होंने कोई समयसीमा नहीं बताई। उन्होंने कहा कि उनका प्रशासन सबसे पहले चुनावी प्रणाली सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाएगा। यूनुस ने वादा किया कि एक बार चुनावी सुधार पूरे हो जाने के बाद नये चुनाव के लिए खाका पेश किया जाएगा।
हिंदू समुदाय के लोगों के साथ हुई हिंसा पर क्या बोले युनुस?
वहीं, मोहम्मद यूनुस ने कहा कि देश में कुछ हिंसक घटनाएं मुख्य रूप से राजनीतिक कारणों से हुईं और धार्मिक रूप से उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। हिंदू समुदाय के लोगों में से कई ने शिकायत की थी कि हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद से कट्टरपंथी इस्लामवादी तेजी से प्रभावशाली हो रहे हैं। लेकिन इस बारे में जो भी प्रचार किया गया वह पूरी तरह से अतिशयोक्तिपूर्ण है। हिंसा के जो छोटे-मोटे मामले हुए वे मुख्य रूप से राजनीतिक थे। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं को धार्मिक रंग देकर देश को फिर से अस्थिर करने के प्रयास किए गए। उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी के सहयोग से स्थिति से दृढ़ता से निपटा। उनकी सरकार के सत्ता में आने के दो महीने बाद देश भर में लगभग 32,000 पूजा मंडपों में दुर्गा पूजा मनाई गई।
बता दे कि शेख हसीना ने सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ छात्रों और अन्य लोगों द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद इस्तीफा दे दिया था और भारत चली गई थीं। शेख हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं पर भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के क्रूर दमन का आदेश देने का आरोप है, जिसके परिणामस्वरूप जुलाई-अगस्त के विरोध प्रदर्शनों के दौरान कई लोग हताहत हुए।
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