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एयर इंडिया की फ्लाइट को मिली बम से उड़ाने की धमकी, न्यूयॉर्क जा रहे विमान की दिल्ली में इमरजेंसी लैंडिंग

#air_india_flight_emergency_landing_in_delhi_due_to_bomb_threat

एयर इंडिया के विमान को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। जिसके बाद विमान को दिल्ली डायवर्ट किया गया है। मुंबई से न्यूयॉर्क जा रही एयर इंडिया की एक फ्लाइट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है, जिसके बाद आनन-फानन में उसे हवा में ही दिल्ली के लिए डाइवर्ट कर दिया गया है। न्यूयॉर्क जा रही इस फ्लाइट के सभी यात्री सुरक्षित बताए जा रहे हैं।

आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के मुताबिक, इस फ्लाइट में कुल 239 यात्री सवार थे। विमान फिलहाल आईजीआई एयरपोर्ट पर है और उसमें सवार यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। पुलिस ने कहा कि हम आपसे सहयोग का अनुरोध करते हैं और असत्यापित जानकारी को फैलाने से परहेज करने को कहते हैं। आगे की जानकारी समय-समय पर शेयर की जाएगी।

एयर इंडिया ने जारी किया बयान

एयर इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा, ’14 अक्टूबर को मुंबई से जेएफके के लिए उड़ान भरने वाली फ्लाइट एआई119 को एक विशेष सुरक्षा अलर्ट मिला और सरकार की सुरक्षा नियामक समिति के निर्देश पर इसे दिल्ली की ओर डायवर्ट किया गया। सभी यात्री उतर चुके हैं और दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल पर हैं। ग्राउंड पर हमारे सहकर्मी इस अप्रत्याशित व्यवधान के कारण यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम से कम करने का प्रयास कर रहे हैं। एयर इंडिया अपने यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा और संरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।

पहले भी मिल चुकी है धमकी

इससे पहले अगस्त में मुंबई से आ रहे एयर इंडिया के एक विमान में बम होने की धमकी मिली थी। विमान के शौचालय में एक टिशू पेपर पर ‘उड़ान में बम है’ संदेश लिखा मिला था। इसमें 135 यात्री सवार थे। इसके बाद पायलट ने एटीसी को इस बारे में बताया और तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पूर्ण आपात स्थिति घोषित कर दी गई। धमकी के बाद तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को हाई अलर्ट पर रखा गया था। हालांकि, जांच के बाद धमकी अफवाह साबित हुई थी।

वायुसेना दिवस विशेष: भारतीय वायुसेना की 92वीं वर्षगांठ पर जानें इसका इतिहास

आज, 8 अक्टूबर को, पूरे देश में भारतीय वायुसेना दिवस (Indian Air Force Day) मनाया जा रहा है। यह दिन 1932 में भारतीय वायुसेना की स्थापना की याद में मनाया जाता है, जब वायुसेना ने पहली बार भारतीय आसमान में अपने पंख फैलाए और एक नई शक्ति के रूप में उभरी।

भारतीय वायुसेना (IAF) का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना और भारतीय सीमाओं की रक्षा करना है। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force, IAF) भारतीय सशस्त्र बलों में से एक महत्वपूर्ण अंग है। भारतीय वायु सेना का देश की सुरक्षा में बड़ा योगदान है। देश की वायु सेना भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्थापित की गई थी और आज यह एक अत्याधुनिक और शक्तिशाली वायुसेना बन चुकी है। 

भारतीय वायुसेना दिवस देश के वीर जवानों के साहस और बलिदान को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन न केवल वायु सेना की उपलब्धियों को मनाने का समय होता है, बल्कि समाज के लिए उनके बलिदान और योगदान को सम्मानित करने का भी है।

भारतीय वायुसेना की युद्धों में भूमिका

भारतीय वायुसेना ने 1965, 1971 और कारगिल युद्धों में अपनी ताकत और क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया है। इसके पास परमाणु शक्ति से लैस युद्ध विमान भी हैं, जो देश की आकाशीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

वायुसेना दिवस कब और क्यों मनाते हैं?

हर साल 8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना दिवस मनाया जाता है। यह दिन वायु सेना की उपलब्धियों को याद करने और वायु सेना में शामिल उन वीर जवानों के साहस को नमन करने का अवसर होता है, जो देश के लिए जान कुर्बान करने में भी पीछे नहीं हटते। इस साल वायुसेना दिवस की 92 वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है।

वायु सेना दिवस का इतिहास

भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को अविभाजित भारत में ब्रिटिश शासन के अधीन की गई थी। द्वितीय विश्व युद्ध में भी भारतीय वायुसेना ने हिस्सा लिया था, जिसके लिए किंग जॉर्ज VI ने इसे 'रॉयल' का प्रीफिक्स दिया था। लेकिन भारत की आजादी के बाद जब देश गणराज्य बना, तब यह प्रीफिक्स हटा दिया गया।

वायु सेना दिवस 2024 की थीम

भारतीय वायुसेना दिवस 2024 की थीम "भारतीय वायुसेना - सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर" रखी गई है। हर साल यह दिन जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य वायु सेना के योगदान को समझना और सराहना करना होता है।

भारतीय वायुसेना की उपलब्धियां

स्वतंत्रता के बाद से भारतीय वायुसेना ने कुल पाँच युद्ध लड़े, जिनमें चार पाकिस्तान के साथ और एक चीन के साथ हुआ। 1948, 1965, 1971 और 1999 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चीन के साथ 1962 के युद्ध में भी वायु सेना ने अपना पराक्रम दिखाया। इसके अलावा, ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस और बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसी प्रमुख घटनाओं में भी भारतीय वायुसेना का योगदान अहम रहा है।

आज 92वां भारतीय वायु सेना दिवस मना रहा देश, जानिए कब हुई थी इसकी स्थापना …

डेस्क :– 8 अक्टूबर 2024 यानी आज भारत अपना 92वां भारतीय वायु सेना दिवस (Air Force Day) मना रहा है। राष्ट्र अपने वायु योद्धाओं के असाधारण समर्पण और बलिदान का सम्मान करने के लिए एकजुट है। यह महत्वपूर्ण दिन भारतीय वायु सेना (IAF) की अपनी साधारण शुरुआत से लेकर दुनिया की सबसे दुर्जेय हवाई सेनाओं में से एक बनने तक की उल्लेखनीय यात्रा की याद दिलाता है।

*स्थापना*

भारतीय वायु सेना दिवस  की स्थापना 8 अक्टूबर, 1932 को हुई थी, जो शुरुआत में ब्रिटिश प्रशासन के तहत एक सहायक वायु सेना के रूप में कार्यरत थी। बल ने 1 अप्रैल, 1933 को अपनी पहली आधिकारिक उड़ान के साथ परिचालन की शुरुआत की थी। सीमित संसाधनों और कर्मियों के साथ शुरुआत करने के बावजूद, भारतीय वायुसेना नौ दशकों में महत्वपूर्ण रूप से विकसित हुई है।

*विकास और वृद्धि*

अपनी मामूली शुरुआत से, भारतीय वायुसेना एक विश्व स्तरीय वायु सेना में तब्दील हो गई है, जो अत्याधुनिक तकनीक और उच्च प्रशिक्षित कर्मियों से सुसज्जित है। इसकी यात्रा में शामिल हैं:

द्वितीय विश्व युद्ध में महत्वपूर्ण भागीदारी

1955 और 1971 के बीच जेट विमान के अधिग्रहण के साथ महत्वपूर्ण प्रगति

अपने बेड़े और क्षमताओं का निरंतर आधुनिकीकरण

उत्कृष्ट कार्य करने वाले 2 नगर निगम, 5 नगर पालिका व 10 नगर पंचायतें होंगी सम्मानित
लखनऊ। प्रदेश के नगरों को स्वच्छ और सुन्दर बनाने, आम जनमानस को शुद्ध वातावरण व पेयजल की आपूर्ति करने के लिए नगर विकास विभाग प्रतिबद्ध है। इसके दृष्टिगत नगरीय निकायों में 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक विशेष स्वच्छता अभियान तथा 25 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक "सतत् 155 घण्टे का स्वच्छता अभियान" चलाये जाने का आह्वान किया गया।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में स्वच्छता मैराथन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए स्वच्छता ही सेवा 2024 अभियान की शुरुआत की। वहीं नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने इस अभियान की शुरुआत जौनपुर की शाहगंज नगर पंचायत में आयोजित स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम में प्रतिभाग और श्रमदान कर की। उन्होंने कहा कि स्वच्छ को स्वभाव और संस्कार में स्थापित करना ही मुख्य उद्देश्य है, और यही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।स्वच्छता ही सेवा 2024 अंतर्गत "स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता" की थीम पर प्रदेश के सभी निकायों में जनप्रतिधियों के साथ ही जनमानस ने भी बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग कर रहे हैं।

साथ ही सभी नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी और स्वच्छता के कार्यों में तत्परता से जुटे कार्मिकों ने नगरीय निकाय निदेशालय से इस अभियान की हो रही ऑनलाइन मॉनिटरिंग में भी निकयों में हो रहे कार्यों को दिखाते हुए जानकारी दी। प्रदेश में चल रहे इस अभियान का मुख्य उद्देश्य नगरीय क्षेत्रों की सफाई कर उन्हें सुन्दर बनाने के साथ ही आम जनमानस के स्वभाव और संस्कार में भी स्वच्छता और उसके मूल्यों को स्थापित भी करना है। निदेशक नगरीय निकाय श्री अनुज झा ने बताया कि प्रदेश में 114500 कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। 53762 लक्षित इकाइयां व 47587 सी.टी.यू. को चिन्हित किया गया है। इस अभियान में 57 हजार से अधिकारी लोगों ने प्रतिभाग किया है। सफाई मित्रों के लिए 4237 “सफाईमित्र सुरक्षा शिविर” का आयोजन कर स्वास्थ्य परीक्षण व सरकारी योजनाओं का लाभ देने की व्यवस्था की गयी है। ऑनलाइन मॉनिटरिंग के दौरान प्रदेश के कई जिलों के मा. प्रभारी मंत्री, मा. सांसद, मा. विधायक, महापौर, चेयरमैन, जिलाधिकारी व अन्य विभागों के अधिकारीयों ने भी श्रमदान करते हुए स्वच्छता का सन्देश जनमानस को दिया। स्वच्छता ही सेवा 2024 अभियान के दौरान लखनऊ में प्रमुख सचिव श्री अमृत अभिजात ने स्वच्छ भारत मिशन के 10 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई देते हुए कहा कि इस अभियान अन्तर्गत निकायों में साफ-सफाई व्यवस्था, नाला-नालियों की सफाई, जल निकासी की समुचित व्यवस्था, शुद्ध पेय जल की उपलब्धता, मार्ग प्रकाश व्यवस्था को और सुदृढ़ करने का कार्य किया जायेगा। नियमित रूप से सुबह 5 बजे से 8 बजे तक साफ-सफाई करायी जायेगी। माइक्रो प्लान बनाकर प्रत्येक मोहल्लों, वार्डो की सड़कों व गलियों की सफाई के लिए सफाई कर्मियों की बीट बनायें और नियमित ऑनलाइन व ऑफलाइन मॉनीटरिंग की जाए। मुख्य बाजारों, प्रमुख सार्वजनिक स्थलों बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थलों, शिक्षण संस्थानों इत्यादि के आस-पास के क्षेत्रों में शाम 4 बजे से 8 बजे के बीच भी द्वितीय पाली में सफाई का कार्य एवं कूड़े का उठान कराया जायेगा। निकाय क्षेत्र में स्थित जलाशय, तालाब व नदी के तट की साफ-सफाई स्वयं के संसाधनों तथा जन सहयोग (वॉलंटियर / स्वैच्छिक संगठन / व्यापार मण्डल / उद्योग मण्डल) के माध्यम से करायी जाए।

नगर विकास के सभी अधिकारीगण अपने निकायों के महापौर और अध्यक्षों के संपर्क में रहते हुए कार्यक्रम और और भी वृहद् रूप देकर सफल बनाएंगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रदेश की 2 नगर निगमो, 05 नगर पालिकाएं व 10 नगर पंचायतों को सम्मानित भी किया जाएगा। एक जुट हुआ प्रदेश, बनेगा स्वच्छ भारत – स्वच्छ उत्तर प्रदेश* राष्ट्रपिता महात्मा गांधी “बापू” के स्वच्छता के सन्देश को जन-जन तक पहुंचाने और उनको स्वाभाव और संस्कार में स्वच्छता को स्थापित करने के लिए प्रदेश के सभी निकायों में एकजुटता के साथ विशेष अभियान की शुरुआत हुई। जौनपुर की शाहगंज नगर पंचायत में आयोजित कार्यक्रम में नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने श्रमदान, स्वच्छता प्लेज, पौधोंरोपण, स्वच्छ संवाद व सफाई मित्रों का सम्मान कर इस विशेष अभियान की शुरुआत की।

वहीं अयोध्या के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप साही ने राम की नगरी में विशेष सफाई अभियान में प्रतिभाग करते हुए श्रमदान करते हुए जनमानस को बताया कि स्वच्छता ही सबसे बड़े सेवा है। उन्होंने कहा कि आज इस अभियान की शुरुआत सरयू नदी के तट पर गुप्तार घाट, श्रीराम की पैड़ी, रामघाट व मंडी स्थल पर सफाई अभियान से की। उसके पश्चात् प्लोग रन और विभिन्न स्वच्छता संवाद कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत और स्वच्छ उत्तर प्रदेश की अवधारणा को साकार करना ही राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि है। मथुरा के महापौर विनोद अग्रवाल जी और प्रयागराज के महापौर गणेश केसरवानी ने भी ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर जनमानस को स्वच्छता का सन्देश दिया और जिले में आयोजित श्रमदान और अन्य कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। जिलाधिकारी संभल राजेंद्र पेंसिया ने स्वयं श्रमदान करते हुए आर.आर.आर. सेंटर और वेस्ट तो वंडर पार्क का शुभारंभ किया। जिले में स्वच्छता पर संवाद और प्लोग रन का भी आयोजन किया जा रहा है। जिलाधिकारी मिर्ज़ापुर ने मां विन्ध्याचल धाम में विशेष सफाई अभियान में प्रतिभाग कर श्रमदान करते हुए जिले को स्वच्छता का सन्देश दिया। प्रतापगढ़ के बेल्हादेवी मंदिर में जिलाधिकारी के नेतृत्व में भी जनप्रतिनिधियों ने भी श्रमदान किया। अपर निदेशक ऋतु सुहास ने काकोरी के शीतला माता मंदिर में चेयरमैन गोविन्द साहू के नेतृत्व में चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान में प्रतिभाग किया। वहीँ प्रदेश के अन्य निकायों के अधिशासी अधिकारीयों ने भी जनप्रतिनिधियों और जनता के सहयोग से स्वच्छता कार्यक्रमों के आयोजन की जानकारी दी। एकत्र कूड़े अथवा सिल्ट को सड़क पर न छोड़ें, सेनेट्री लैण्ड फिल साईट भिजवाएं : प्रमुख सचिव प्रमुख सचिव ने कहा कि सफाई के समय एकत्र किये गये कूड़े को उसी समय सेनेट्री लैण्ड फिल साईट पर अथवा उचित स्थान पर भिजवायें। किसी भी दशा में एकत्र कूड़े अथवा सिल्ट को सड़क पर नहीं छोड़ा जाये। निकाय के नियंत्रणाधीन सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों में भी साफ-सफाई व्यवस्था एवं विसंक्रमण की कार्यवाही सुनिश्चित करें। जल भराव वाले स्थानों को चिन्हित करते सूक्ष्म कार्ययोजना बनातव हुए नियमित रूप से दिन में एण्टीलार्वा स्प्रे का छिड़काव तथा शाम के समय फॉगिंग करायी जाये। सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर निकायों में ब्लीचिंग पाउडर, मैलाथियान डस्ट, चूना इत्यादि का नियमित छिड़काव भी कराया जायेगा। गार्बेज वर्नेबल प्वाइंट को शत्-प्रतिशत समाप्त करते हुए उन स्थलों का सौन्दर्यीकरण भी कराया जायेगा। नगर में होल्डिंग के स्थलों का चिन्हाकन कर उन्हें व्यवस्थित एवं उनका मानकीकरण किया जायेगा। कुछ प्रोमिनेंट स्थलों पर स्थानीय निकाय की तरफ से होर्डिंग व डिजिटल होर्डिंग लगाकर आम जनमानस को नागरिक सुविधाओं और स्वच्छता के बारे में जानकारी देते हुए जागरूक किया जा सके। प्रमुख सचिव ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने एवं एक्यूआई (AQI - Air Quality Index) को मानक के अनुरूप रखने के लिए वैज्ञानिक तरीके से रोड़ साइड प्लान्टेशन तथा ग्रीन बेल्ट विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निकाय नियंत्रणाधीन पार्को में भी साफ-सफाई व्यवस्था कराते हुए सौन्दर्गीकरण कराया जाये।

स्वच्छ सारथि क्लब, स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति के साथ दिखी जनभागीदारी स्वच्छता के विशेष अभियान में स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति ने महत्वपूर्ण भूमिका के साथ साफ-सफाई अभियान में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संस्थाओं को प्रोत्साहित कर श्रमदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। वहीं दैनिक जीवन एवं स्कूल परिसरों में साफ-सफाई व्यवस्था तथा स्कूल परिसरों को प्रतिबन्धित प्लास्टिक मुक्त करने के लिए शिक्षकों एवं छात्रों को शपथ दिलायी गयी। स्वच्छता के प्रति जागरूक करते युवाओं, महिलाओं, गृहणियों के लिए विभिन्न आई.ई.सी. कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कैंप लगाकर साफ-सफाई व्यवस्था, कूड़े का पृथक्करण, प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग न करने इत्यादि के विषयगत विशेष रूप से प्रचार-प्रसार अभियान चला गया। एन.सी.सी. कैडेट्स, छात्रों, वॉलंटियर, स्वैच्छिक संगठनों, व्यापार मण्डल, उद्योग मण्डल, जनप्रतिनिधियों इत्यादि का भी सहयोग लिया जा रहा है। स्थायी एवं अस्थायी पी.ए. सिस्टम का उपयोग करते हुए जनसामान्य को जागरूक भी किया जा रहा है। *निकायों में हो रही शुद्ध पेयजल अपूर्ति की व्यवस्था* जल संस्थान व निकाय के अधिकारी पेयजल व्यवस्था से जुड़े नलकूप, हैण्डपम्पस्, पाइपलाइन्स व अन्य उपकरणों का संचालन निकाय में निर्बाध पाइप पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं। नगरीय निकाय तथा स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम द्वारा यूजर एन्ड पॉइंट (उपभोक्ता द्वारा उपयोग प्वाईन्ट) पर जल के नमूने एकत्र कर उनका ओ.टी. टेस्ट किया जा रहा है। साथ ही इन नमूनों का वायरोलॉजिकल, बैक्टिरियोलॉजिकल एवं केमिकल एनालिसिस भी किया जा रहा है। नगरीय क्षेत्र में सीवर लाईन तथा पानी की पाईप लाईन की सघन चैकिंग की जा रही है। यदि कहीं सीवर अथवा पानी की पाईप लाईन में ब्रेकेज अथवा लीकेज मिलने पर उसे तत्काल सही किया जा रहा है। *निकायों में मार्ग प्रकाश से सम्बंधित सभी व्यवस्थायें को भी सुदृढ़ किया जा रहा है* निकाय का संबंधित यांत्रिकी विभाग सभी स्ट्रीट लाइट्स को समुचित रूप से क्रियाशील करने में प्रयासरत है। इनकी मरम्मत, अनुरक्षण व खराब लाइट्स को बदलने की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण की जा रही है। स्ट्रीट लाईट मरम्मत करने के बाद समुचित इन्सुलेटेड टेपिंग कराने एवं उक्त का परीक्षण के बाद ही प्रकाश बिन्दु को ऊर्जीकृत किया जा रहा है, जिससे कि विद्युत धारा का प्रवाह जलीय क्षेत्रों में न हो सके।

प्रतिबन्धित प्लास्टिक के उत्पादों के विरुद्ध चलाएं अभियान जनमानस को किया जा रहा जागरूक

स्वच्छता ही सेवा 2024 की थीम "स्वभाव स्वच्छता -संस्कार स्वच्छता" अभियान अंतर्गत प्रतिबंधित प्लास्टिक के उपयोग तथा निर्माण पर पूर्णत्या रोक लगाने का प्रयास निकायों में किया जा रहा है। प्रतिबन्धित प्लास्टिक कैरी बैग तथा प्लास्टिक या थर्मोकोल से निर्मित एक बार उपयोग के पश्चात निस्तारण योग्य कप, गिलास, प्लेट, इत्यादि उत्पादों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाकर कार्यवाही भी की जा रही है। वहीं जनसामान्य के मध्य प्रतिबन्धित प्लास्टिक उपयोग के विरुद्ध जनजागरूकता अभियान चलाकर प्लास्टिक कैरीबैग के स्थान पर अन्य विकल्पों यथा जूट बैग, कपड़ों का बैग इत्यादि का उपयोग करने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। *अतिक्रमण मुक्त निकाय, निराश्रित गोवंशों को गो आश्रय स्थल व यातायात व्यवस्था में भी हो रहा सुधार* प्रदेश की सभी नगरीय निकायों में विशेष अभियान चलाकर पार्को, सड़कों, फुटपाथों एवं पार्किंग क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाकर व सफाई करते हुए सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है। विशेष अभियान चलाकर निराश्रित गोवंशों को संवेदनशीलता से पकड़कर निकाय द्वारा संचालित गो आश्रय स्थलों में रखा जाये। साथ ही प्रदेश के नगर निगमों में स्थापित आई.सी.सी.सी. (I.C.C.C.) एवं आई.टी.एम.एस. (I.T.M.S.) के माध्यम से यातायात का प्रबंधन भी सुनिश्चित किया जा रहा है। स्वच्छता ही सेवा 2024 अभियान में प्रदेश के सभी निकायों में हो रहे स्वच्छता सम्बंधित कार्यक्रमों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग प्रमुख सचिव नगर विकास श्री अमृत अभीजात, सचिव श्री अजय कुमार शुक्ला, निदेशक श्री अनुज कुमार झा, अपर निदेशक श्रीमती ऋतु सुहास, श्री असलम अंसारी, श्री सुनील यादव, स्वच्छ भारत मिशन नगरीय की टीम द्वारा नगरीय निकाय निदेशालय में स्थापित डीसीसीसी कक्ष से की जा रही है। वहीं सभी नगर निगमों के नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी, स्वच्छ भारत मिशन नगरीय की टीम समेत स्वच्छता कार्यों में जुड़े कर्मिक भी ऑनलाइन माध्यम से प्रतिभाग कर स्वच्छता कार्यों को प्रदर्शित कर रहे हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के झारखंड आगमन पर रांची में 19 और 20 सितंबर को इन जगहों पर No Fly Zone घोषित


No Fly Zone के ऊपर Drones, Paragliding and Hot Air Ballons पूर्णतः वर्जित, 19 एवं 20 सितंबर 2024 के प्रातः 05ः00 बजे से रात्रि 10ः00 बजे तक निषेधाज्ञा

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड की राजधानी रांची में 19 और 20 सितंबर को राष्ट्रपति महोदया द्रौपदी मुर्मू का भ्रमण कार्यक्रम प्रस्तावित है। उनके रांची आगमन को लेकर रांची प्रशासन सुरक्षा की दृष्टिकोण से काफी मुस्ताक है। रांची उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संभावित रूट बिरसा मुण्डा एयरपोर्ट से राजभवन एवं राजभवन से कार्यक्रम स्थल तक के रूट और कार्यक्रम स्थल के आसपास के क्षेत्रों में Drones, Paragliding and Hot Air Ballons पूर्णतः वर्जित के साथ अन्य संबंधित गतिविधियों पर रोक लगा दिया गया है।

 रांची सदर अनुमंडल दंडाधिकारी केद्वारा इस क्षेत्र में No Drone Zone घोषित किया गया है।

सुरक्षा के दृष्टिकोण से अनुमंडल दण्डाधिकारी, सदर, रांची द्वारा BNSS की धारा-163 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निषेधाज्ञा जारी की गयी है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 19 सितंबर को रांची आएंगे इस दिन बिरसा मुण्डा एयरपोर्ट से हिनू चौक, बिरसा चौक, अरगोड़ा चौक से राजभवन तक No Fly Zone रहेगा। अगले दिन 20 सितंबर को राजभवन से अरगोड़ा चौक से कडरु होते हुए राजेन्द्र चौक से सदाबहार चौक के समीप CAR National Institute of Secondary Agriculture, Tata Road, Namkum, Ranchi के 200 मीटर की परिधि को Drones, Paragliding and Hot Air Ballons के संदर्भ में No Fly Zone घोषित किया गया है। साथ ही इस क्षेत्र के ऊपर Drones, Paragliding and Hot Air Ballons पूर्णतः वर्जित रहेंगे।

यह निषेधाज्ञा दिनांक 19 व 20 सितंबर के प्रातः 05ः00 बजे से रात्रि 10ः00 बजे तक के लिए लागू रहेगा।

हिज़्बुल्लाह ने इजराइल पर 320 रॉकेट दागे जाने का किया दावा, तेल अवीव ने दक्षिणी लेबनान में शुरू किए हवाई हमले

#airstrikesinsouthernlebanon

Pictures of blast in Israel

ईरान समर्थित समूह हिजबुल्लाह ने रविवार को कहा कि शेष मध्य पूर्व संभावित रूप से एक और युद्ध के कगार पर पहुंच सकता है, उसने 11 इजरायली सैन्य स्थलों पर 320 कत्यूषा रॉकेट दागे। इज़राइल ने कहा कि उसने समूह के हमले को विफल करने के लिए दक्षिणी लेबनान में हवाई हमले शुरू किए हैं।

लेबनानी आतंकवादी समूह ने कहा कि उसने बेरूत में अपने एक कमांडर की हत्या के प्रतिशोध में इज़राइल पर ड्रोन हमले किए थे।

समूह ने कहा कि हमला "एक गुणात्मक इजरायली सैन्य लक्ष्य को लक्षित कर रहा था जिसकी घोषणा बाद में की जाएगी" और साथ ही "कई दुश्मन साइटों और बैरकों और आयरन डोम प्लेटफार्मों को लक्षित किया गया।"

ये हमले समूह के एक शीर्ष कमांडर फौद शुकुर की हत्या के जवाब में थे

इससे पहले रविवार को, इजरायली सेना ने लेबनान में हिजबुल्लाह साइटों पर अपने पूर्वव्यापी हमलों की घोषणा करते हुए कहा था कि आतंकवादी समूह हमले की तैयारी कर रहा था। सेना ने कहा कि हिजबुल्लाह इजरायल की ओर रॉकेट और मिसाइलों की भारी बमबारी शुरू करने की योजना बना रहा था। ईरान समर्थित समूह पिछले महीने के अंत में इज़राइल द्वारा एक शीर्ष कमांडर की हत्या का बदला लेने का वादा कर रहा था।

इन खतरों को दूर करने के लिए एक आत्मरक्षा कार्रवाई में, (इजरायली सेना) लेबनान में आतंकी ठिकानों पर हमला कर रही है, जहां से हिजबुल्लाह इजरायली नागरिकों पर अपने हमले शुरू करने की योजना बना रहा था। हम देख सकते हैं कि हिज़्बुल्लाह लेबनानी नागरिकों को खतरे में डालते हुए इज़राइल पर एक व्यापक हमला करने की तैयारी कर रहा है,'' उन्होंने विवरण दिए बिना कहा। हम उन क्षेत्रों में स्थित नागरिकों को चेतावनी देते हैं कि अपनी सुरक्षा के लिए जहां हिज़्बुल्लाह नुकसान कर रहा है वहां रास्ते से तुरंत हट जाएं , ”इजरायल के सैन्य प्रवक्ता, रियर एडमिरल डैनियल हागारी ने रविवार को कहा।

कई समाचार एजेंसियों के अनुसार, उत्तरी इज़राइल में हवाई हमले के सायरन बजाए गए। देश के बेन-गुरियन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने भी एहतियात के तौर पर उड़ानों को डायवर्ट किया। इसके तुरंत बाद हिजबुल्लाह ने अपने हमले की घोषणा कर दी। 

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस मामले पर कैबिनेट बैठक में हिस्सा लेंगे। यह हमला गाजा में इजरायल-हमास युद्ध को समाप्त करने के लिए नए दौर की वार्ता से पहले हुआ। हिजबुल्लाह ने कहा है कि अगर संघर्ष विराम होता है तो वह लड़ाई रोक देगा।

इस सुपरस्टार के बेटे ने एक्टिंग को दिखाया ठेंगा, UPSC परीक्षा पास कर के बना IAS अधिकारी


डेस्क: भारतीय सिनेमा में कुछ ही एक्टर्स हैं जो सुपरस्टार का ओहदा हासिल कर पातें और खुद की एक लेगेसी बना पाते हैं। ज्यादातर देखा गया है कि इन सितारों के बच्चे भी इनके नक्शेकदम पर ही चलते हैं। अमिताभ बच्चन की तरह अभिषेक बच्चन भी फिल्मों में आए, वहीं ऋषि कपूर की तरह रणबीर कपूर भी एक्टर बने, लेकिन कई एक्टर्स के बच्चे हैं जो उनके दिखाए रास्ते पर न चलकर अपने लिए अलग राह चुनते हैं, अलग फील्ड एक्सप्लोर करके नई पहचान बनाते हैं। ऐसे ही एक स्टारकिड के बारे में हम आपको बताएंगे जो अपने पिता के नक्शेकदम पर नहीं चले और आज वो एक IAS अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। इस स्टारकिड ने फिल्म इंडस्ट्री में आने के बजाय IAS अधिकारी बनने का फैसला किया और इसे पूरा करके भी दिखाया है। हम बात कर रहे हैं IAS अधिकारी श्रुतंजय नारायणन की जो प्रसिद्ध तमिल अभिनेता चिन्नी जयंत के बेटे हैं।

आईएएस अधिकारी श्रुतंजय नारायणन के पिता तमिल सिनेमा में सुपरस्टार के रूप में जाने जाते हैं और 80 के दशक की रजनीकांत अभिनीत फिल्मों में अपनी कॉमेडी के लिए प्रसिद्ध हैं। आईएएस अधिकारी श्रुतंजय नारायणन का रुझान भी अपने पिता की तरह ही एक्टिंग और कला की ओर रहा। एक्टिंग के प्रति प्यार के चलते ही काफी वक्त तक श्रुतंजय नारायणन ने थिएटर किए। बचपन से लेकर बड़े होने तक उनका काफी वक्त थिएटर्स कलाकार के रूप में बीता। फिल्मों में अपनी रुचि के बावजूद, आईएएस अधिकारी श्रुतंजय नारायणन ने अपनी शिक्षा पूरी की। उनके पास गिंडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से स्नातक की डिग्री और प्रसिद्ध अशोका विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री है।

आईएएस अधिकारी श्रुतंजय नारायणन ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ही खुद को इधर-उधर नहीं भटकाया। उन्होंने एक स्टार्टअप में काम करके भी अनुभव हासिल किया।  नए अवसरों ने आईएएस अधिकारी श्रुतंजय नारायणन को अभिनय छोड़ने और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया। आईएएस अधिकारी श्रुतंजय नारायणन ने रोजाना 4-5 घंटे सेल्फ स्टडी की और फिर नाइट शिफ्ट में भी काम किया। इन्हीं प्रयासों की बदौलत आईएएस अधिकारी श्रुतंजय नारायणन ने 2015 में यूपीएससी परीक्षा में AIR 75 रैंक के साथ सफलता हासिल की और दूसरे प्रयास में ही आईएएस अधिकारी बन गए। आईएएस अधिकारी श्रुतंजय नारायणन वर्तमान में तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के अतिरिक्त कलेक्टर (विकास) के पद पर तैनात हैं।
15 अगस्त अब दूर नहीं, दुनिया भर में तिरंगा लहराने का मौका', जानें PM मोदी ने मन की बात में क्या-क्या कहा

डेस्क : पीएम मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के 112वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश भर में चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों के तहत जनभागीदारी की चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी। पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम को 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित किया गया। मन की बात का प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के 500 से अधिक प्रसारण केंद्रों पर किया गया। वहीं भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मन की बात कार्यक्रम को अलग-अलग जगहों पर सुना।

पीएम मोदी ने पेरिस ओलंपिक की बात करते हुए भारत के खिलाड़ियों को समर्थन देने की बात की। इसके साथ ही उन्होंने चीयर फॉर भारत का स्लोगन भी दिया। इसके साथ ही उन्होंने International Mathematics Olympiad का जिक्र करते हुए उन्होंने इससे जुड़े छात्रों से फोन पर बात की और उनके अनुभवों को भी जाना। पीएम मोदी ने चराई देव मैदाम का जिक्र करते हुए कहा कि असम के चराई देव मैदाम को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह नॉर्थ-ईस्ट की पहली साइट होगी। इसका खासियत बताते हुए उन्होंने इसका मतलब बताया। उन्होंने बताया कि चराई देव मैदाम का मतलब साइनिंग सिटी ऑन द हिल्स है। यह अहोम राज्य की राजधानी थी। 13वीं शताब्दी में शुरू हुआ ये साम्राज्य 19वीं शताब्दी तक रहा, ये बहुत बड़ी बात है। उन्होंने लोगों से अपील की कि आप भविष्य में इस साइट को अपनी ट्रैवल लिस्ट में जरूर शामिल करें। 

पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट परी का भी जिक्र किया। उन्होंने प्रोजेक्ट परी के बारे में बताते हुए कहा कि इसका मतलब 'पब्लिक आर्ट ऑफ इंडिया' है। प्रोजेक्ट परी, पब्लिक ऑर्ट के उभरते कलाकारों को एक मंच पर लाने का प्रयास कर रही है। दिल्ली के भारत मंडपम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यहां पर देश भर के पब्लिक आर्ट देखे जा सकते हैं। हरियाणा के रोहतक की महिलाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन्होंने उन्नति सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ने का फैसला लिया और अब ये महिलाएं लाखों रुपये कमा रही हैं। खादी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कई लोग होंगे जो खादी का उपयोग नहीं करते होंगे लेकिन आज गर्व से खादी पहन रहे हैं। पहली बार खादी का कारोबारी 1.5 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। खादी की बिक्री 400 परसेंट बढ़ी है। इससे सबसे ज्यादा फायदा महिलाओं को हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर आपने अब तक खादी का वस्त्र नहीं खरीदा है तो इसे इसी साल से शुरू कर दें।

ड्रग्स की चुनौती की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ये हर परिवार की चिंता होती है। इसके लिए सरकार ने मानस नाम से एक विशेष केंद्र खोला है। मानस की हेल्प लाइन और पोर्टल को कुछ दिन पहले ही शुरू किया है। उन्होंने कहा कि 1933 पर कॉल करके कोई भी जरूरी सलाह या जानकारी ले सकता है। अगर कोई अन्य जानकारी है तो वह भी इसी नंबर पर कॉल करके साझा कर सकते हैं। इस पर साझा की गई हर जानकारी गोपनीय रखी जाती है। 

पीएम मोदी ने कहा कि कल दुनिया भर में टाइगर डे मनाया जाएगा। ये हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। हम सभी किस्सों-कहानियों में बाघों से जुड़ी कहानियां सुने हैं। हमारे देश में कई गांव हैं जहां इंसान और बाघ के बीच कई टकराव की स्थिति नहीं आती, लेकिन जहां ऐसी स्थिति आती है वहां भी बाघों के संरक्षण के लिए प्रयास किए जा रहा है। कुल्हाड़ी बंद पंचायत इसी का एक हिस्सा है। रणथंभौर से शुरू हुआ यह अभियान रोचक है। स्थानीय लोगों ने ही संकल्प लिया है कि ये जंगल नहीं काटेंगे, इससे बाघों के लिए बेहतर पर्यावरण तैयार हो रहा है। देश भर में इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। जनभागीदारी बाघों के संरक्षण में बहुत काम आ रही है। इसी से बाघों की आबादी हर साल बढ़ रही है। दुनिया भर के बाघों में से 70 प्रतिशत बाघ हमारे देश में हैं। तभी हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में कई टाइगर सेंचुरी हैं। हमारे देश में वन क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रही है। एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम के तहत देश भर से लोग जुड़ रहे हैं। इसके तहत इंदौर में एक ही दिन में 2 लाख से ज्यादा पौधे लगाए गए। इस अभियान से आप भी जरूर जुड़ें और सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करें।

15 अगस्त का दिन दूर नहीं है। इसके साथ एक और अभियान जुड़ गया है। हर घर तिरंगा अभियान भी इससे जुड़ गया है। पिछले कुछ सालों से लोगों में इसके लिए जोश हाई रहता है। आपने गौर किया होगा कि जब एक-एक घर पर तिरंगा लहराता है तो दूसरे घरों पर भी तिरंगा दिखने लगता है। यह एक यूनिक फेस्टिवल बन चुका है। इस साल भी आप तिरंगे के साथ अपनी सेल्फी जरूर अपलोड करें। इसके अलावा 15 अगस्त से पहले आप अपने सुझाव जरूर भेजें। माई गॉव या नमो एप पर भी सुझाव भेज सकते हैं। 15 अगस्त के संबोधन में इन सुझावों को मैं कवर करने की कोशिश करूंगा। इसके अलावा उन्होंने आने वाले पर्वों की शुभकामनाएं भी दीं।

भारत के बड़े शहरों में सांस लेना भी हुआ दूभर, जहरीली हवा से रोजाना हो रही 7 फीसदी लोगों की मौत

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लोग अक्सर कहते हैं, घरों के दरवाजें और खिड़कियां खुली रहने दो। बाहर की ताजी हवा घर के अंदर आने दो। अब यक्ष प्रश्न ये है कि ताजी हवा है कहां? हम जिस हवा में सांसें ले रहे हैं वो कतई ताजी और स्वच्छ नहीं है। लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ की रिपोर्ट तो यही कहती है। रिपोर्ट कहती है कि ये हवाएं “जानलेवा” हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 10 सबसे बड़े शहरों में होने वाली 100 मौतों में से 7 मौत एयर पॉल्यूशन के कारण होती है।

सर्दियां शुरू होने से पहले दिल्ली में प्रदूषण को लेकर हाय-तौबा मच जाती है। लेकिन केवल दिल्ली ही नहीं पूरा देश में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 10 प्रमुख भारतीय शहरों में दैनिक मौतों में से 7 प्रतिशत से अधिक मौतें प्रदूषण के चलते हुई हैं। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि भारत में सालाना 33 हजार मौतों के लिए भी खराब हवा जिम्मेदार है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश के 10 शहरों- अहमदाबाद, बंगलूरू, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे, शिमला और वाराणसी में साल 2008 से 2019 के बीच अध्ययन किया, इन शहरों में वायु प्रदूषण से 33 हजार मौतें हुई हैं। अध्ययन में पाया गया कि वर्तमान भारतीय वायु गुणवत्ता मानकों से नीचे वायु प्रदूषण के स्तर से भी देश में दैनिक मृत्यु दर में वृद्धि होती है। "देश के 10 शहरों - अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे, शिमला और वाराणसी में, प्रति वर्ष लगभग 33,000 मौतें वायु प्रदूषण के स्तर के कारण होती हैं, जो डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों से अधिक है।

रिपोर्ट की मानें तो मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु और कोलकाता में बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई हैं, लेकिन सबसे खराब हालत राजधानी दिल्ली की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदूषण से होने वाली सालाना और दैनिक मौतों में सबसे ज्यादा मौतें राजधानी दिल्ली में हुई हैं।दिल्ली में प्रति वर्ष लगभग 12,000 प्रदूषण से संबंधित मौतें हुईं, जो कुल मौतों का 11.5 प्रतिशत है। वहीं दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा मौतें वाराणसी में हुई हैं। जहां हर साल 830 लोगों की मौत हुई, जो कुल मौतों का 10.2 प्रतिशत है। सबसे कम दर शिमला में थी, जहां 2008 और 19 के बीच प्रति वर्ष 59 मौतें हुईं।वहीं बंगलूरू में 2,100, चेन्नई में 2900, कोलकाता में 4700 और मुंबई में करीब 5100 लोगों की मौत हर साल वायु प्रदूषण के चलते हुई है।

ये सभी मौतें 2.5 माइक्रोमीटर वाले पोल्यूटेड पार्टिकल के कारण हुई हैं। इस तरह के प्रदूषण के सोर्स में व्हीकल ट्रैफिक और इंडस्ट्रियल इमिशन के शामिल है। रिसर्चर्स के मुताबिक, भारत में PM2.5 प्रदूषण के रोज संपर्क में आने से जान जाने का खतरा बढ़ गया है।

क्या होता है PM 2.5?

शोध की रिपोर्ट जानने से पहले PM2.5 को समझना जरूरी है। PM 2.5 का ताल्लुक ऐसे कणों से है जो हवा में बिल्कुल घुले हुए हैं। इन कणों की साइज 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है। PM 2.5 का लेवल जब हवा में बढ़ता है तो धुंध बढ़ने लगता है। धुंध इतना ज्यादा होता है कि विजिबिलिटी का लेवल गिर जाता है। WHO के मानक के हिसाब से PM2.5 का 24 घंटो में डायमीटर 15 माइक्रोग्राम होना चाहिए। जबकि भारतीय मानकों में 24 घंटे में 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पीएम 2.5 निर्धारित हैं। जो WHO की सिफारिश के चार गुना है।

एयर इंडिया में परोसे जाने वाले खाने के विकल्प पर कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर को हुई आपत्ति, जानें क्या है मामला

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कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने सोशल मीडिया पर एयर इंडिया की वेबसाइट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए एयर इंडिया की उड़ानों में परोसे जाने वाले भोजन विकल्पों पर सवाल उठाए हैं। मणिकम टैगोर ने धर्म के आधार पर एयर इंडिया के मेन्यू रखे जाने पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

दरअसल, कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने एयर इंडिया की डाइनिंग एक्सपीरियंस पेज का स्क्रीनग्रैब लिया, जिसमें खाने की कैटेगरी हिंदू मील और मुस्लिम मील के आधार पर था। एयरलाइंस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने सवाल उठाया कि हिंदू या मुस्लिम खाना क्या है? सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर करते हुए उन्होंने मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन से इसके खिलाफ कार्रवाई करने की भी अपील की है। आगे उन्होंने कहा कि क्या संघियों ने एयर इंडिया पर कब्जा कर लिया है।

केवल हिंदू मील और मुस्लिम मील ही दिखा

वैसे यहां गौर करने वाली बात ये है कि कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर को डाइनिंग एक्सपीरियंस पेज पर केवल हिंदू मील और मुस्लिम मील ही दिखाई दिया। हालांकि इसके अलावा भी एयर इंडिया जैन और यहूदी यात्रियों के लिए भी विशिष्ट मेनू प्रदान करता है। एयर इंडिया के अलावा सिंगापुर एयरलाइन्स, एमिरेट्स एयरलाइन्स और जेट एयरलाइन्स जैसी कंपनियां भी अपने कस्टमर्स को 'रिलिजियस' मील का ऑप्शन देती हैं। रिलिजियस मील कैटिगरी के अंतर्गत 4 तरह के ऑप्शन्स होते हैं- मुस्लिम मील, हिंदू मील, जैन मील और कोशर मील।

हिंदू मील के तहत वेज और नॉन वेज

हिंदू मील के अंदर भी 2 ऑप्शन्स हैं- इंडियन वेजिटेरिअन मील और नॉन वेजिटेरिअन हिंदू मील। इंडियन वेजिटेरिअन यानी शाकाहारी मील के तहत यात्रियों को खाने में हर तरह की सब्जियां, ताजे फल, ड्राई फ्रूट्स, दाल, डेयरी प्रॉडक्ट्स, टोफू, अनाज और वेजिटेबल जिलेटिन दिया जाता है। इस शाकाहारी खाने में किसी भी तरह का मीट या मीट-बाय प्रॉडक्ट्स, मछली, शेलफिश, अंडा या ऐनिमल जिलेटिन शामिल नहीं होता।

नॉन वेज हिंदू मील बीफ सर्व नहीं किया जाता

नॉन वेज हिंदू मील की करें तो यह खाना वैसे इन-फ्लाइट पैसेंजर्स को सर्व किया जाता है जो हिंदू धर्म को मानने वाले हैं। इसमें मिलने वाले नॉन वेज खाने में यात्रियों को गोश्त, चिकन, मछली, अंडा, दूध, डेयरी प्रॉडक्ट्स और अनाज दिया जाता है जबकि बीफ या बीफ बाय-प्रॉडक्ट्स और रॉ या स्मोक्ड फिश बिलकुल सर्व नहीं किया जाता।

जैन कम्युनिटी के लिए अलग मील

इसके अलावा जैन मील जैन कम्युनिटी के लोगों को सर्व किया जाता है जो प्योर वेजिटेरिअन होते हैं। जैन मील में सिर्फ वैसे फलों और सब्जियों को शामिल किया जाता है जो जमीन के ऊपर उगते हैं। जैन मील में ऐनिमल प्रॉडक्ट्स, सी-फूड, अंडा, डेयरी प्रॉडक्ट्स, बैंगन, गोभी, ब्रॉकली और जड़ वाली सब्जियां जैसे- प्याज, मशरूम, अदरक, लहसुन आलू, गाजर, चुकंदर, मूली और हल्दी बिलकुल सर्व नहीं किया जाता।

मेडिकल और डायटरी जरूरतों के हिसाब से भी मील

ठीक वैसे पैसेंजर्स जो यहूदी कस्टम को मानने वाले होते हैं उन्हें कोशर मील सर्व किया जाता है। यहूदी को डायटरी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस मील को तैयार किया जाता है। इसके अलावा फ्लाइट्स पर पैसेंजर्स को मेडिकल और डायटरी जरूरतों के हिसाब से भी मील दी जाती है जिसमें डायबीटिक मील, ग्लूटेन-फ्री मील, लो कलेस्ट्रॉल और लो फैट मील, लो सॉल्ट मील और नॉन-लैक्टोज मील भी शामिल है।

एयर इंडिया की फ्लाइट को मिली बम से उड़ाने की धमकी, न्यूयॉर्क जा रहे विमान की दिल्ली में इमरजेंसी लैंडिंग

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एयर इंडिया के विमान को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। जिसके बाद विमान को दिल्ली डायवर्ट किया गया है। मुंबई से न्यूयॉर्क जा रही एयर इंडिया की एक फ्लाइट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है, जिसके बाद आनन-फानन में उसे हवा में ही दिल्ली के लिए डाइवर्ट कर दिया गया है। न्यूयॉर्क जा रही इस फ्लाइट के सभी यात्री सुरक्षित बताए जा रहे हैं।

आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के मुताबिक, इस फ्लाइट में कुल 239 यात्री सवार थे। विमान फिलहाल आईजीआई एयरपोर्ट पर है और उसमें सवार यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। पुलिस ने कहा कि हम आपसे सहयोग का अनुरोध करते हैं और असत्यापित जानकारी को फैलाने से परहेज करने को कहते हैं। आगे की जानकारी समय-समय पर शेयर की जाएगी।

एयर इंडिया ने जारी किया बयान

एयर इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा, ’14 अक्टूबर को मुंबई से जेएफके के लिए उड़ान भरने वाली फ्लाइट एआई119 को एक विशेष सुरक्षा अलर्ट मिला और सरकार की सुरक्षा नियामक समिति के निर्देश पर इसे दिल्ली की ओर डायवर्ट किया गया। सभी यात्री उतर चुके हैं और दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल पर हैं। ग्राउंड पर हमारे सहकर्मी इस अप्रत्याशित व्यवधान के कारण यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम से कम करने का प्रयास कर रहे हैं। एयर इंडिया अपने यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा और संरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।

पहले भी मिल चुकी है धमकी

इससे पहले अगस्त में मुंबई से आ रहे एयर इंडिया के एक विमान में बम होने की धमकी मिली थी। विमान के शौचालय में एक टिशू पेपर पर ‘उड़ान में बम है’ संदेश लिखा मिला था। इसमें 135 यात्री सवार थे। इसके बाद पायलट ने एटीसी को इस बारे में बताया और तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पूर्ण आपात स्थिति घोषित कर दी गई। धमकी के बाद तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को हाई अलर्ट पर रखा गया था। हालांकि, जांच के बाद धमकी अफवाह साबित हुई थी।

वायुसेना दिवस विशेष: भारतीय वायुसेना की 92वीं वर्षगांठ पर जानें इसका इतिहास

आज, 8 अक्टूबर को, पूरे देश में भारतीय वायुसेना दिवस (Indian Air Force Day) मनाया जा रहा है। यह दिन 1932 में भारतीय वायुसेना की स्थापना की याद में मनाया जाता है, जब वायुसेना ने पहली बार भारतीय आसमान में अपने पंख फैलाए और एक नई शक्ति के रूप में उभरी।

भारतीय वायुसेना (IAF) का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना और भारतीय सीमाओं की रक्षा करना है। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force, IAF) भारतीय सशस्त्र बलों में से एक महत्वपूर्ण अंग है। भारतीय वायु सेना का देश की सुरक्षा में बड़ा योगदान है। देश की वायु सेना भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्थापित की गई थी और आज यह एक अत्याधुनिक और शक्तिशाली वायुसेना बन चुकी है। 

भारतीय वायुसेना दिवस देश के वीर जवानों के साहस और बलिदान को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन न केवल वायु सेना की उपलब्धियों को मनाने का समय होता है, बल्कि समाज के लिए उनके बलिदान और योगदान को सम्मानित करने का भी है।

भारतीय वायुसेना की युद्धों में भूमिका

भारतीय वायुसेना ने 1965, 1971 और कारगिल युद्धों में अपनी ताकत और क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया है। इसके पास परमाणु शक्ति से लैस युद्ध विमान भी हैं, जो देश की आकाशीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

वायुसेना दिवस कब और क्यों मनाते हैं?

हर साल 8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना दिवस मनाया जाता है। यह दिन वायु सेना की उपलब्धियों को याद करने और वायु सेना में शामिल उन वीर जवानों के साहस को नमन करने का अवसर होता है, जो देश के लिए जान कुर्बान करने में भी पीछे नहीं हटते। इस साल वायुसेना दिवस की 92 वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है।

वायु सेना दिवस का इतिहास

भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को अविभाजित भारत में ब्रिटिश शासन के अधीन की गई थी। द्वितीय विश्व युद्ध में भी भारतीय वायुसेना ने हिस्सा लिया था, जिसके लिए किंग जॉर्ज VI ने इसे 'रॉयल' का प्रीफिक्स दिया था। लेकिन भारत की आजादी के बाद जब देश गणराज्य बना, तब यह प्रीफिक्स हटा दिया गया।

वायु सेना दिवस 2024 की थीम

भारतीय वायुसेना दिवस 2024 की थीम "भारतीय वायुसेना - सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर" रखी गई है। हर साल यह दिन जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य वायु सेना के योगदान को समझना और सराहना करना होता है।

भारतीय वायुसेना की उपलब्धियां

स्वतंत्रता के बाद से भारतीय वायुसेना ने कुल पाँच युद्ध लड़े, जिनमें चार पाकिस्तान के साथ और एक चीन के साथ हुआ। 1948, 1965, 1971 और 1999 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चीन के साथ 1962 के युद्ध में भी वायु सेना ने अपना पराक्रम दिखाया। इसके अलावा, ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस और बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसी प्रमुख घटनाओं में भी भारतीय वायुसेना का योगदान अहम रहा है।

आज 92वां भारतीय वायु सेना दिवस मना रहा देश, जानिए कब हुई थी इसकी स्थापना …

डेस्क :– 8 अक्टूबर 2024 यानी आज भारत अपना 92वां भारतीय वायु सेना दिवस (Air Force Day) मना रहा है। राष्ट्र अपने वायु योद्धाओं के असाधारण समर्पण और बलिदान का सम्मान करने के लिए एकजुट है। यह महत्वपूर्ण दिन भारतीय वायु सेना (IAF) की अपनी साधारण शुरुआत से लेकर दुनिया की सबसे दुर्जेय हवाई सेनाओं में से एक बनने तक की उल्लेखनीय यात्रा की याद दिलाता है।

*स्थापना*

भारतीय वायु सेना दिवस  की स्थापना 8 अक्टूबर, 1932 को हुई थी, जो शुरुआत में ब्रिटिश प्रशासन के तहत एक सहायक वायु सेना के रूप में कार्यरत थी। बल ने 1 अप्रैल, 1933 को अपनी पहली आधिकारिक उड़ान के साथ परिचालन की शुरुआत की थी। सीमित संसाधनों और कर्मियों के साथ शुरुआत करने के बावजूद, भारतीय वायुसेना नौ दशकों में महत्वपूर्ण रूप से विकसित हुई है।

*विकास और वृद्धि*

अपनी मामूली शुरुआत से, भारतीय वायुसेना एक विश्व स्तरीय वायु सेना में तब्दील हो गई है, जो अत्याधुनिक तकनीक और उच्च प्रशिक्षित कर्मियों से सुसज्जित है। इसकी यात्रा में शामिल हैं:

द्वितीय विश्व युद्ध में महत्वपूर्ण भागीदारी

1955 और 1971 के बीच जेट विमान के अधिग्रहण के साथ महत्वपूर्ण प्रगति

अपने बेड़े और क्षमताओं का निरंतर आधुनिकीकरण

उत्कृष्ट कार्य करने वाले 2 नगर निगम, 5 नगर पालिका व 10 नगर पंचायतें होंगी सम्मानित
लखनऊ। प्रदेश के नगरों को स्वच्छ और सुन्दर बनाने, आम जनमानस को शुद्ध वातावरण व पेयजल की आपूर्ति करने के लिए नगर विकास विभाग प्रतिबद्ध है। इसके दृष्टिगत नगरीय निकायों में 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक विशेष स्वच्छता अभियान तथा 25 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक "सतत् 155 घण्टे का स्वच्छता अभियान" चलाये जाने का आह्वान किया गया।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में स्वच्छता मैराथन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए स्वच्छता ही सेवा 2024 अभियान की शुरुआत की। वहीं नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने इस अभियान की शुरुआत जौनपुर की शाहगंज नगर पंचायत में आयोजित स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम में प्रतिभाग और श्रमदान कर की। उन्होंने कहा कि स्वच्छ को स्वभाव और संस्कार में स्थापित करना ही मुख्य उद्देश्य है, और यही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।स्वच्छता ही सेवा 2024 अंतर्गत "स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता" की थीम पर प्रदेश के सभी निकायों में जनप्रतिधियों के साथ ही जनमानस ने भी बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग कर रहे हैं।

साथ ही सभी नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी और स्वच्छता के कार्यों में तत्परता से जुटे कार्मिकों ने नगरीय निकाय निदेशालय से इस अभियान की हो रही ऑनलाइन मॉनिटरिंग में भी निकयों में हो रहे कार्यों को दिखाते हुए जानकारी दी। प्रदेश में चल रहे इस अभियान का मुख्य उद्देश्य नगरीय क्षेत्रों की सफाई कर उन्हें सुन्दर बनाने के साथ ही आम जनमानस के स्वभाव और संस्कार में भी स्वच्छता और उसके मूल्यों को स्थापित भी करना है। निदेशक नगरीय निकाय श्री अनुज झा ने बताया कि प्रदेश में 114500 कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। 53762 लक्षित इकाइयां व 47587 सी.टी.यू. को चिन्हित किया गया है। इस अभियान में 57 हजार से अधिकारी लोगों ने प्रतिभाग किया है। सफाई मित्रों के लिए 4237 “सफाईमित्र सुरक्षा शिविर” का आयोजन कर स्वास्थ्य परीक्षण व सरकारी योजनाओं का लाभ देने की व्यवस्था की गयी है। ऑनलाइन मॉनिटरिंग के दौरान प्रदेश के कई जिलों के मा. प्रभारी मंत्री, मा. सांसद, मा. विधायक, महापौर, चेयरमैन, जिलाधिकारी व अन्य विभागों के अधिकारीयों ने भी श्रमदान करते हुए स्वच्छता का सन्देश जनमानस को दिया। स्वच्छता ही सेवा 2024 अभियान के दौरान लखनऊ में प्रमुख सचिव श्री अमृत अभिजात ने स्वच्छ भारत मिशन के 10 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई देते हुए कहा कि इस अभियान अन्तर्गत निकायों में साफ-सफाई व्यवस्था, नाला-नालियों की सफाई, जल निकासी की समुचित व्यवस्था, शुद्ध पेय जल की उपलब्धता, मार्ग प्रकाश व्यवस्था को और सुदृढ़ करने का कार्य किया जायेगा। नियमित रूप से सुबह 5 बजे से 8 बजे तक साफ-सफाई करायी जायेगी। माइक्रो प्लान बनाकर प्रत्येक मोहल्लों, वार्डो की सड़कों व गलियों की सफाई के लिए सफाई कर्मियों की बीट बनायें और नियमित ऑनलाइन व ऑफलाइन मॉनीटरिंग की जाए। मुख्य बाजारों, प्रमुख सार्वजनिक स्थलों बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थलों, शिक्षण संस्थानों इत्यादि के आस-पास के क्षेत्रों में शाम 4 बजे से 8 बजे के बीच भी द्वितीय पाली में सफाई का कार्य एवं कूड़े का उठान कराया जायेगा। निकाय क्षेत्र में स्थित जलाशय, तालाब व नदी के तट की साफ-सफाई स्वयं के संसाधनों तथा जन सहयोग (वॉलंटियर / स्वैच्छिक संगठन / व्यापार मण्डल / उद्योग मण्डल) के माध्यम से करायी जाए।

नगर विकास के सभी अधिकारीगण अपने निकायों के महापौर और अध्यक्षों के संपर्क में रहते हुए कार्यक्रम और और भी वृहद् रूप देकर सफल बनाएंगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रदेश की 2 नगर निगमो, 05 नगर पालिकाएं व 10 नगर पंचायतों को सम्मानित भी किया जाएगा। एक जुट हुआ प्रदेश, बनेगा स्वच्छ भारत – स्वच्छ उत्तर प्रदेश* राष्ट्रपिता महात्मा गांधी “बापू” के स्वच्छता के सन्देश को जन-जन तक पहुंचाने और उनको स्वाभाव और संस्कार में स्वच्छता को स्थापित करने के लिए प्रदेश के सभी निकायों में एकजुटता के साथ विशेष अभियान की शुरुआत हुई। जौनपुर की शाहगंज नगर पंचायत में आयोजित कार्यक्रम में नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने श्रमदान, स्वच्छता प्लेज, पौधोंरोपण, स्वच्छ संवाद व सफाई मित्रों का सम्मान कर इस विशेष अभियान की शुरुआत की।

वहीं अयोध्या के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप साही ने राम की नगरी में विशेष सफाई अभियान में प्रतिभाग करते हुए श्रमदान करते हुए जनमानस को बताया कि स्वच्छता ही सबसे बड़े सेवा है। उन्होंने कहा कि आज इस अभियान की शुरुआत सरयू नदी के तट पर गुप्तार घाट, श्रीराम की पैड़ी, रामघाट व मंडी स्थल पर सफाई अभियान से की। उसके पश्चात् प्लोग रन और विभिन्न स्वच्छता संवाद कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत और स्वच्छ उत्तर प्रदेश की अवधारणा को साकार करना ही राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि है। मथुरा के महापौर विनोद अग्रवाल जी और प्रयागराज के महापौर गणेश केसरवानी ने भी ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर जनमानस को स्वच्छता का सन्देश दिया और जिले में आयोजित श्रमदान और अन्य कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। जिलाधिकारी संभल राजेंद्र पेंसिया ने स्वयं श्रमदान करते हुए आर.आर.आर. सेंटर और वेस्ट तो वंडर पार्क का शुभारंभ किया। जिले में स्वच्छता पर संवाद और प्लोग रन का भी आयोजन किया जा रहा है। जिलाधिकारी मिर्ज़ापुर ने मां विन्ध्याचल धाम में विशेष सफाई अभियान में प्रतिभाग कर श्रमदान करते हुए जिले को स्वच्छता का सन्देश दिया। प्रतापगढ़ के बेल्हादेवी मंदिर में जिलाधिकारी के नेतृत्व में भी जनप्रतिनिधियों ने भी श्रमदान किया। अपर निदेशक ऋतु सुहास ने काकोरी के शीतला माता मंदिर में चेयरमैन गोविन्द साहू के नेतृत्व में चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान में प्रतिभाग किया। वहीँ प्रदेश के अन्य निकायों के अधिशासी अधिकारीयों ने भी जनप्रतिनिधियों और जनता के सहयोग से स्वच्छता कार्यक्रमों के आयोजन की जानकारी दी। एकत्र कूड़े अथवा सिल्ट को सड़क पर न छोड़ें, सेनेट्री लैण्ड फिल साईट भिजवाएं : प्रमुख सचिव प्रमुख सचिव ने कहा कि सफाई के समय एकत्र किये गये कूड़े को उसी समय सेनेट्री लैण्ड फिल साईट पर अथवा उचित स्थान पर भिजवायें। किसी भी दशा में एकत्र कूड़े अथवा सिल्ट को सड़क पर नहीं छोड़ा जाये। निकाय के नियंत्रणाधीन सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों में भी साफ-सफाई व्यवस्था एवं विसंक्रमण की कार्यवाही सुनिश्चित करें। जल भराव वाले स्थानों को चिन्हित करते सूक्ष्म कार्ययोजना बनातव हुए नियमित रूप से दिन में एण्टीलार्वा स्प्रे का छिड़काव तथा शाम के समय फॉगिंग करायी जाये। सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर निकायों में ब्लीचिंग पाउडर, मैलाथियान डस्ट, चूना इत्यादि का नियमित छिड़काव भी कराया जायेगा। गार्बेज वर्नेबल प्वाइंट को शत्-प्रतिशत समाप्त करते हुए उन स्थलों का सौन्दर्यीकरण भी कराया जायेगा। नगर में होल्डिंग के स्थलों का चिन्हाकन कर उन्हें व्यवस्थित एवं उनका मानकीकरण किया जायेगा। कुछ प्रोमिनेंट स्थलों पर स्थानीय निकाय की तरफ से होर्डिंग व डिजिटल होर्डिंग लगाकर आम जनमानस को नागरिक सुविधाओं और स्वच्छता के बारे में जानकारी देते हुए जागरूक किया जा सके। प्रमुख सचिव ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने एवं एक्यूआई (AQI - Air Quality Index) को मानक के अनुरूप रखने के लिए वैज्ञानिक तरीके से रोड़ साइड प्लान्टेशन तथा ग्रीन बेल्ट विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निकाय नियंत्रणाधीन पार्को में भी साफ-सफाई व्यवस्था कराते हुए सौन्दर्गीकरण कराया जाये।

स्वच्छ सारथि क्लब, स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति के साथ दिखी जनभागीदारी स्वच्छता के विशेष अभियान में स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति ने महत्वपूर्ण भूमिका के साथ साफ-सफाई अभियान में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संस्थाओं को प्रोत्साहित कर श्रमदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। वहीं दैनिक जीवन एवं स्कूल परिसरों में साफ-सफाई व्यवस्था तथा स्कूल परिसरों को प्रतिबन्धित प्लास्टिक मुक्त करने के लिए शिक्षकों एवं छात्रों को शपथ दिलायी गयी। स्वच्छता के प्रति जागरूक करते युवाओं, महिलाओं, गृहणियों के लिए विभिन्न आई.ई.सी. कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कैंप लगाकर साफ-सफाई व्यवस्था, कूड़े का पृथक्करण, प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग न करने इत्यादि के विषयगत विशेष रूप से प्रचार-प्रसार अभियान चला गया। एन.सी.सी. कैडेट्स, छात्रों, वॉलंटियर, स्वैच्छिक संगठनों, व्यापार मण्डल, उद्योग मण्डल, जनप्रतिनिधियों इत्यादि का भी सहयोग लिया जा रहा है। स्थायी एवं अस्थायी पी.ए. सिस्टम का उपयोग करते हुए जनसामान्य को जागरूक भी किया जा रहा है। *निकायों में हो रही शुद्ध पेयजल अपूर्ति की व्यवस्था* जल संस्थान व निकाय के अधिकारी पेयजल व्यवस्था से जुड़े नलकूप, हैण्डपम्पस्, पाइपलाइन्स व अन्य उपकरणों का संचालन निकाय में निर्बाध पाइप पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं। नगरीय निकाय तथा स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम द्वारा यूजर एन्ड पॉइंट (उपभोक्ता द्वारा उपयोग प्वाईन्ट) पर जल के नमूने एकत्र कर उनका ओ.टी. टेस्ट किया जा रहा है। साथ ही इन नमूनों का वायरोलॉजिकल, बैक्टिरियोलॉजिकल एवं केमिकल एनालिसिस भी किया जा रहा है। नगरीय क्षेत्र में सीवर लाईन तथा पानी की पाईप लाईन की सघन चैकिंग की जा रही है। यदि कहीं सीवर अथवा पानी की पाईप लाईन में ब्रेकेज अथवा लीकेज मिलने पर उसे तत्काल सही किया जा रहा है। *निकायों में मार्ग प्रकाश से सम्बंधित सभी व्यवस्थायें को भी सुदृढ़ किया जा रहा है* निकाय का संबंधित यांत्रिकी विभाग सभी स्ट्रीट लाइट्स को समुचित रूप से क्रियाशील करने में प्रयासरत है। इनकी मरम्मत, अनुरक्षण व खराब लाइट्स को बदलने की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण की जा रही है। स्ट्रीट लाईट मरम्मत करने के बाद समुचित इन्सुलेटेड टेपिंग कराने एवं उक्त का परीक्षण के बाद ही प्रकाश बिन्दु को ऊर्जीकृत किया जा रहा है, जिससे कि विद्युत धारा का प्रवाह जलीय क्षेत्रों में न हो सके।

प्रतिबन्धित प्लास्टिक के उत्पादों के विरुद्ध चलाएं अभियान जनमानस को किया जा रहा जागरूक

स्वच्छता ही सेवा 2024 की थीम "स्वभाव स्वच्छता -संस्कार स्वच्छता" अभियान अंतर्गत प्रतिबंधित प्लास्टिक के उपयोग तथा निर्माण पर पूर्णत्या रोक लगाने का प्रयास निकायों में किया जा रहा है। प्रतिबन्धित प्लास्टिक कैरी बैग तथा प्लास्टिक या थर्मोकोल से निर्मित एक बार उपयोग के पश्चात निस्तारण योग्य कप, गिलास, प्लेट, इत्यादि उत्पादों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाकर कार्यवाही भी की जा रही है। वहीं जनसामान्य के मध्य प्रतिबन्धित प्लास्टिक उपयोग के विरुद्ध जनजागरूकता अभियान चलाकर प्लास्टिक कैरीबैग के स्थान पर अन्य विकल्पों यथा जूट बैग, कपड़ों का बैग इत्यादि का उपयोग करने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। *अतिक्रमण मुक्त निकाय, निराश्रित गोवंशों को गो आश्रय स्थल व यातायात व्यवस्था में भी हो रहा सुधार* प्रदेश की सभी नगरीय निकायों में विशेष अभियान चलाकर पार्को, सड़कों, फुटपाथों एवं पार्किंग क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाकर व सफाई करते हुए सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है। विशेष अभियान चलाकर निराश्रित गोवंशों को संवेदनशीलता से पकड़कर निकाय द्वारा संचालित गो आश्रय स्थलों में रखा जाये। साथ ही प्रदेश के नगर निगमों में स्थापित आई.सी.सी.सी. (I.C.C.C.) एवं आई.टी.एम.एस. (I.T.M.S.) के माध्यम से यातायात का प्रबंधन भी सुनिश्चित किया जा रहा है। स्वच्छता ही सेवा 2024 अभियान में प्रदेश के सभी निकायों में हो रहे स्वच्छता सम्बंधित कार्यक्रमों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग प्रमुख सचिव नगर विकास श्री अमृत अभीजात, सचिव श्री अजय कुमार शुक्ला, निदेशक श्री अनुज कुमार झा, अपर निदेशक श्रीमती ऋतु सुहास, श्री असलम अंसारी, श्री सुनील यादव, स्वच्छ भारत मिशन नगरीय की टीम द्वारा नगरीय निकाय निदेशालय में स्थापित डीसीसीसी कक्ष से की जा रही है। वहीं सभी नगर निगमों के नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी, स्वच्छ भारत मिशन नगरीय की टीम समेत स्वच्छता कार्यों में जुड़े कर्मिक भी ऑनलाइन माध्यम से प्रतिभाग कर स्वच्छता कार्यों को प्रदर्शित कर रहे हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के झारखंड आगमन पर रांची में 19 और 20 सितंबर को इन जगहों पर No Fly Zone घोषित


No Fly Zone के ऊपर Drones, Paragliding and Hot Air Ballons पूर्णतः वर्जित, 19 एवं 20 सितंबर 2024 के प्रातः 05ः00 बजे से रात्रि 10ः00 बजे तक निषेधाज्ञा

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड की राजधानी रांची में 19 और 20 सितंबर को राष्ट्रपति महोदया द्रौपदी मुर्मू का भ्रमण कार्यक्रम प्रस्तावित है। उनके रांची आगमन को लेकर रांची प्रशासन सुरक्षा की दृष्टिकोण से काफी मुस्ताक है। रांची उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संभावित रूट बिरसा मुण्डा एयरपोर्ट से राजभवन एवं राजभवन से कार्यक्रम स्थल तक के रूट और कार्यक्रम स्थल के आसपास के क्षेत्रों में Drones, Paragliding and Hot Air Ballons पूर्णतः वर्जित के साथ अन्य संबंधित गतिविधियों पर रोक लगा दिया गया है।

 रांची सदर अनुमंडल दंडाधिकारी केद्वारा इस क्षेत्र में No Drone Zone घोषित किया गया है।

सुरक्षा के दृष्टिकोण से अनुमंडल दण्डाधिकारी, सदर, रांची द्वारा BNSS की धारा-163 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निषेधाज्ञा जारी की गयी है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 19 सितंबर को रांची आएंगे इस दिन बिरसा मुण्डा एयरपोर्ट से हिनू चौक, बिरसा चौक, अरगोड़ा चौक से राजभवन तक No Fly Zone रहेगा। अगले दिन 20 सितंबर को राजभवन से अरगोड़ा चौक से कडरु होते हुए राजेन्द्र चौक से सदाबहार चौक के समीप CAR National Institute of Secondary Agriculture, Tata Road, Namkum, Ranchi के 200 मीटर की परिधि को Drones, Paragliding and Hot Air Ballons के संदर्भ में No Fly Zone घोषित किया गया है। साथ ही इस क्षेत्र के ऊपर Drones, Paragliding and Hot Air Ballons पूर्णतः वर्जित रहेंगे।

यह निषेधाज्ञा दिनांक 19 व 20 सितंबर के प्रातः 05ः00 बजे से रात्रि 10ः00 बजे तक के लिए लागू रहेगा।

हिज़्बुल्लाह ने इजराइल पर 320 रॉकेट दागे जाने का किया दावा, तेल अवीव ने दक्षिणी लेबनान में शुरू किए हवाई हमले

#airstrikesinsouthernlebanon

Pictures of blast in Israel

ईरान समर्थित समूह हिजबुल्लाह ने रविवार को कहा कि शेष मध्य पूर्व संभावित रूप से एक और युद्ध के कगार पर पहुंच सकता है, उसने 11 इजरायली सैन्य स्थलों पर 320 कत्यूषा रॉकेट दागे। इज़राइल ने कहा कि उसने समूह के हमले को विफल करने के लिए दक्षिणी लेबनान में हवाई हमले शुरू किए हैं।

लेबनानी आतंकवादी समूह ने कहा कि उसने बेरूत में अपने एक कमांडर की हत्या के प्रतिशोध में इज़राइल पर ड्रोन हमले किए थे।

समूह ने कहा कि हमला "एक गुणात्मक इजरायली सैन्य लक्ष्य को लक्षित कर रहा था जिसकी घोषणा बाद में की जाएगी" और साथ ही "कई दुश्मन साइटों और बैरकों और आयरन डोम प्लेटफार्मों को लक्षित किया गया।"

ये हमले समूह के एक शीर्ष कमांडर फौद शुकुर की हत्या के जवाब में थे

इससे पहले रविवार को, इजरायली सेना ने लेबनान में हिजबुल्लाह साइटों पर अपने पूर्वव्यापी हमलों की घोषणा करते हुए कहा था कि आतंकवादी समूह हमले की तैयारी कर रहा था। सेना ने कहा कि हिजबुल्लाह इजरायल की ओर रॉकेट और मिसाइलों की भारी बमबारी शुरू करने की योजना बना रहा था। ईरान समर्थित समूह पिछले महीने के अंत में इज़राइल द्वारा एक शीर्ष कमांडर की हत्या का बदला लेने का वादा कर रहा था।

इन खतरों को दूर करने के लिए एक आत्मरक्षा कार्रवाई में, (इजरायली सेना) लेबनान में आतंकी ठिकानों पर हमला कर रही है, जहां से हिजबुल्लाह इजरायली नागरिकों पर अपने हमले शुरू करने की योजना बना रहा था। हम देख सकते हैं कि हिज़्बुल्लाह लेबनानी नागरिकों को खतरे में डालते हुए इज़राइल पर एक व्यापक हमला करने की तैयारी कर रहा है,'' उन्होंने विवरण दिए बिना कहा। हम उन क्षेत्रों में स्थित नागरिकों को चेतावनी देते हैं कि अपनी सुरक्षा के लिए जहां हिज़्बुल्लाह नुकसान कर रहा है वहां रास्ते से तुरंत हट जाएं , ”इजरायल के सैन्य प्रवक्ता, रियर एडमिरल डैनियल हागारी ने रविवार को कहा।

कई समाचार एजेंसियों के अनुसार, उत्तरी इज़राइल में हवाई हमले के सायरन बजाए गए। देश के बेन-गुरियन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने भी एहतियात के तौर पर उड़ानों को डायवर्ट किया। इसके तुरंत बाद हिजबुल्लाह ने अपने हमले की घोषणा कर दी। 

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस मामले पर कैबिनेट बैठक में हिस्सा लेंगे। यह हमला गाजा में इजरायल-हमास युद्ध को समाप्त करने के लिए नए दौर की वार्ता से पहले हुआ। हिजबुल्लाह ने कहा है कि अगर संघर्ष विराम होता है तो वह लड़ाई रोक देगा।

इस सुपरस्टार के बेटे ने एक्टिंग को दिखाया ठेंगा, UPSC परीक्षा पास कर के बना IAS अधिकारी


डेस्क: भारतीय सिनेमा में कुछ ही एक्टर्स हैं जो सुपरस्टार का ओहदा हासिल कर पातें और खुद की एक लेगेसी बना पाते हैं। ज्यादातर देखा गया है कि इन सितारों के बच्चे भी इनके नक्शेकदम पर ही चलते हैं। अमिताभ बच्चन की तरह अभिषेक बच्चन भी फिल्मों में आए, वहीं ऋषि कपूर की तरह रणबीर कपूर भी एक्टर बने, लेकिन कई एक्टर्स के बच्चे हैं जो उनके दिखाए रास्ते पर न चलकर अपने लिए अलग राह चुनते हैं, अलग फील्ड एक्सप्लोर करके नई पहचान बनाते हैं। ऐसे ही एक स्टारकिड के बारे में हम आपको बताएंगे जो अपने पिता के नक्शेकदम पर नहीं चले और आज वो एक IAS अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। इस स्टारकिड ने फिल्म इंडस्ट्री में आने के बजाय IAS अधिकारी बनने का फैसला किया और इसे पूरा करके भी दिखाया है। हम बात कर रहे हैं IAS अधिकारी श्रुतंजय नारायणन की जो प्रसिद्ध तमिल अभिनेता चिन्नी जयंत के बेटे हैं।

आईएएस अधिकारी श्रुतंजय नारायणन के पिता तमिल सिनेमा में सुपरस्टार के रूप में जाने जाते हैं और 80 के दशक की रजनीकांत अभिनीत फिल्मों में अपनी कॉमेडी के लिए प्रसिद्ध हैं। आईएएस अधिकारी श्रुतंजय नारायणन का रुझान भी अपने पिता की तरह ही एक्टिंग और कला की ओर रहा। एक्टिंग के प्रति प्यार के चलते ही काफी वक्त तक श्रुतंजय नारायणन ने थिएटर किए। बचपन से लेकर बड़े होने तक उनका काफी वक्त थिएटर्स कलाकार के रूप में बीता। फिल्मों में अपनी रुचि के बावजूद, आईएएस अधिकारी श्रुतंजय नारायणन ने अपनी शिक्षा पूरी की। उनके पास गिंडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से स्नातक की डिग्री और प्रसिद्ध अशोका विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री है।

आईएएस अधिकारी श्रुतंजय नारायणन ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ही खुद को इधर-उधर नहीं भटकाया। उन्होंने एक स्टार्टअप में काम करके भी अनुभव हासिल किया।  नए अवसरों ने आईएएस अधिकारी श्रुतंजय नारायणन को अभिनय छोड़ने और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया। आईएएस अधिकारी श्रुतंजय नारायणन ने रोजाना 4-5 घंटे सेल्फ स्टडी की और फिर नाइट शिफ्ट में भी काम किया। इन्हीं प्रयासों की बदौलत आईएएस अधिकारी श्रुतंजय नारायणन ने 2015 में यूपीएससी परीक्षा में AIR 75 रैंक के साथ सफलता हासिल की और दूसरे प्रयास में ही आईएएस अधिकारी बन गए। आईएएस अधिकारी श्रुतंजय नारायणन वर्तमान में तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के अतिरिक्त कलेक्टर (विकास) के पद पर तैनात हैं।
15 अगस्त अब दूर नहीं, दुनिया भर में तिरंगा लहराने का मौका', जानें PM मोदी ने मन की बात में क्या-क्या कहा

डेस्क : पीएम मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के 112वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश भर में चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों के तहत जनभागीदारी की चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी। पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम को 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित किया गया। मन की बात का प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के 500 से अधिक प्रसारण केंद्रों पर किया गया। वहीं भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मन की बात कार्यक्रम को अलग-अलग जगहों पर सुना।

पीएम मोदी ने पेरिस ओलंपिक की बात करते हुए भारत के खिलाड़ियों को समर्थन देने की बात की। इसके साथ ही उन्होंने चीयर फॉर भारत का स्लोगन भी दिया। इसके साथ ही उन्होंने International Mathematics Olympiad का जिक्र करते हुए उन्होंने इससे जुड़े छात्रों से फोन पर बात की और उनके अनुभवों को भी जाना। पीएम मोदी ने चराई देव मैदाम का जिक्र करते हुए कहा कि असम के चराई देव मैदाम को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह नॉर्थ-ईस्ट की पहली साइट होगी। इसका खासियत बताते हुए उन्होंने इसका मतलब बताया। उन्होंने बताया कि चराई देव मैदाम का मतलब साइनिंग सिटी ऑन द हिल्स है। यह अहोम राज्य की राजधानी थी। 13वीं शताब्दी में शुरू हुआ ये साम्राज्य 19वीं शताब्दी तक रहा, ये बहुत बड़ी बात है। उन्होंने लोगों से अपील की कि आप भविष्य में इस साइट को अपनी ट्रैवल लिस्ट में जरूर शामिल करें। 

पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट परी का भी जिक्र किया। उन्होंने प्रोजेक्ट परी के बारे में बताते हुए कहा कि इसका मतलब 'पब्लिक आर्ट ऑफ इंडिया' है। प्रोजेक्ट परी, पब्लिक ऑर्ट के उभरते कलाकारों को एक मंच पर लाने का प्रयास कर रही है। दिल्ली के भारत मंडपम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यहां पर देश भर के पब्लिक आर्ट देखे जा सकते हैं। हरियाणा के रोहतक की महिलाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन्होंने उन्नति सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ने का फैसला लिया और अब ये महिलाएं लाखों रुपये कमा रही हैं। खादी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कई लोग होंगे जो खादी का उपयोग नहीं करते होंगे लेकिन आज गर्व से खादी पहन रहे हैं। पहली बार खादी का कारोबारी 1.5 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। खादी की बिक्री 400 परसेंट बढ़ी है। इससे सबसे ज्यादा फायदा महिलाओं को हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर आपने अब तक खादी का वस्त्र नहीं खरीदा है तो इसे इसी साल से शुरू कर दें।

ड्रग्स की चुनौती की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ये हर परिवार की चिंता होती है। इसके लिए सरकार ने मानस नाम से एक विशेष केंद्र खोला है। मानस की हेल्प लाइन और पोर्टल को कुछ दिन पहले ही शुरू किया है। उन्होंने कहा कि 1933 पर कॉल करके कोई भी जरूरी सलाह या जानकारी ले सकता है। अगर कोई अन्य जानकारी है तो वह भी इसी नंबर पर कॉल करके साझा कर सकते हैं। इस पर साझा की गई हर जानकारी गोपनीय रखी जाती है। 

पीएम मोदी ने कहा कि कल दुनिया भर में टाइगर डे मनाया जाएगा। ये हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। हम सभी किस्सों-कहानियों में बाघों से जुड़ी कहानियां सुने हैं। हमारे देश में कई गांव हैं जहां इंसान और बाघ के बीच कई टकराव की स्थिति नहीं आती, लेकिन जहां ऐसी स्थिति आती है वहां भी बाघों के संरक्षण के लिए प्रयास किए जा रहा है। कुल्हाड़ी बंद पंचायत इसी का एक हिस्सा है। रणथंभौर से शुरू हुआ यह अभियान रोचक है। स्थानीय लोगों ने ही संकल्प लिया है कि ये जंगल नहीं काटेंगे, इससे बाघों के लिए बेहतर पर्यावरण तैयार हो रहा है। देश भर में इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। जनभागीदारी बाघों के संरक्षण में बहुत काम आ रही है। इसी से बाघों की आबादी हर साल बढ़ रही है। दुनिया भर के बाघों में से 70 प्रतिशत बाघ हमारे देश में हैं। तभी हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में कई टाइगर सेंचुरी हैं। हमारे देश में वन क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रही है। एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम के तहत देश भर से लोग जुड़ रहे हैं। इसके तहत इंदौर में एक ही दिन में 2 लाख से ज्यादा पौधे लगाए गए। इस अभियान से आप भी जरूर जुड़ें और सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करें।

15 अगस्त का दिन दूर नहीं है। इसके साथ एक और अभियान जुड़ गया है। हर घर तिरंगा अभियान भी इससे जुड़ गया है। पिछले कुछ सालों से लोगों में इसके लिए जोश हाई रहता है। आपने गौर किया होगा कि जब एक-एक घर पर तिरंगा लहराता है तो दूसरे घरों पर भी तिरंगा दिखने लगता है। यह एक यूनिक फेस्टिवल बन चुका है। इस साल भी आप तिरंगे के साथ अपनी सेल्फी जरूर अपलोड करें। इसके अलावा 15 अगस्त से पहले आप अपने सुझाव जरूर भेजें। माई गॉव या नमो एप पर भी सुझाव भेज सकते हैं। 15 अगस्त के संबोधन में इन सुझावों को मैं कवर करने की कोशिश करूंगा। इसके अलावा उन्होंने आने वाले पर्वों की शुभकामनाएं भी दीं।

भारत के बड़े शहरों में सांस लेना भी हुआ दूभर, जहरीली हवा से रोजाना हो रही 7 फीसदी लोगों की मौत

#airpollutioninindia10majorcitiesdrive7percentofdeaths 

लोग अक्सर कहते हैं, घरों के दरवाजें और खिड़कियां खुली रहने दो। बाहर की ताजी हवा घर के अंदर आने दो। अब यक्ष प्रश्न ये है कि ताजी हवा है कहां? हम जिस हवा में सांसें ले रहे हैं वो कतई ताजी और स्वच्छ नहीं है। लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ की रिपोर्ट तो यही कहती है। रिपोर्ट कहती है कि ये हवाएं “जानलेवा” हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 10 सबसे बड़े शहरों में होने वाली 100 मौतों में से 7 मौत एयर पॉल्यूशन के कारण होती है।

सर्दियां शुरू होने से पहले दिल्ली में प्रदूषण को लेकर हाय-तौबा मच जाती है। लेकिन केवल दिल्ली ही नहीं पूरा देश में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 10 प्रमुख भारतीय शहरों में दैनिक मौतों में से 7 प्रतिशत से अधिक मौतें प्रदूषण के चलते हुई हैं। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि भारत में सालाना 33 हजार मौतों के लिए भी खराब हवा जिम्मेदार है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश के 10 शहरों- अहमदाबाद, बंगलूरू, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे, शिमला और वाराणसी में साल 2008 से 2019 के बीच अध्ययन किया, इन शहरों में वायु प्रदूषण से 33 हजार मौतें हुई हैं। अध्ययन में पाया गया कि वर्तमान भारतीय वायु गुणवत्ता मानकों से नीचे वायु प्रदूषण के स्तर से भी देश में दैनिक मृत्यु दर में वृद्धि होती है। "देश के 10 शहरों - अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे, शिमला और वाराणसी में, प्रति वर्ष लगभग 33,000 मौतें वायु प्रदूषण के स्तर के कारण होती हैं, जो डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों से अधिक है।

रिपोर्ट की मानें तो मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु और कोलकाता में बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई हैं, लेकिन सबसे खराब हालत राजधानी दिल्ली की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदूषण से होने वाली सालाना और दैनिक मौतों में सबसे ज्यादा मौतें राजधानी दिल्ली में हुई हैं।दिल्ली में प्रति वर्ष लगभग 12,000 प्रदूषण से संबंधित मौतें हुईं, जो कुल मौतों का 11.5 प्रतिशत है। वहीं दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा मौतें वाराणसी में हुई हैं। जहां हर साल 830 लोगों की मौत हुई, जो कुल मौतों का 10.2 प्रतिशत है। सबसे कम दर शिमला में थी, जहां 2008 और 19 के बीच प्रति वर्ष 59 मौतें हुईं।वहीं बंगलूरू में 2,100, चेन्नई में 2900, कोलकाता में 4700 और मुंबई में करीब 5100 लोगों की मौत हर साल वायु प्रदूषण के चलते हुई है।

ये सभी मौतें 2.5 माइक्रोमीटर वाले पोल्यूटेड पार्टिकल के कारण हुई हैं। इस तरह के प्रदूषण के सोर्स में व्हीकल ट्रैफिक और इंडस्ट्रियल इमिशन के शामिल है। रिसर्चर्स के मुताबिक, भारत में PM2.5 प्रदूषण के रोज संपर्क में आने से जान जाने का खतरा बढ़ गया है।

क्या होता है PM 2.5?

शोध की रिपोर्ट जानने से पहले PM2.5 को समझना जरूरी है। PM 2.5 का ताल्लुक ऐसे कणों से है जो हवा में बिल्कुल घुले हुए हैं। इन कणों की साइज 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है। PM 2.5 का लेवल जब हवा में बढ़ता है तो धुंध बढ़ने लगता है। धुंध इतना ज्यादा होता है कि विजिबिलिटी का लेवल गिर जाता है। WHO के मानक के हिसाब से PM2.5 का 24 घंटो में डायमीटर 15 माइक्रोग्राम होना चाहिए। जबकि भारतीय मानकों में 24 घंटे में 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पीएम 2.5 निर्धारित हैं। जो WHO की सिफारिश के चार गुना है।

एयर इंडिया में परोसे जाने वाले खाने के विकल्प पर कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर को हुई आपत्ति, जानें क्या है मामला

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कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने सोशल मीडिया पर एयर इंडिया की वेबसाइट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए एयर इंडिया की उड़ानों में परोसे जाने वाले भोजन विकल्पों पर सवाल उठाए हैं। मणिकम टैगोर ने धर्म के आधार पर एयर इंडिया के मेन्यू रखे जाने पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

दरअसल, कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने एयर इंडिया की डाइनिंग एक्सपीरियंस पेज का स्क्रीनग्रैब लिया, जिसमें खाने की कैटेगरी हिंदू मील और मुस्लिम मील के आधार पर था। एयरलाइंस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने सवाल उठाया कि हिंदू या मुस्लिम खाना क्या है? सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर करते हुए उन्होंने मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन से इसके खिलाफ कार्रवाई करने की भी अपील की है। आगे उन्होंने कहा कि क्या संघियों ने एयर इंडिया पर कब्जा कर लिया है।

केवल हिंदू मील और मुस्लिम मील ही दिखा

वैसे यहां गौर करने वाली बात ये है कि कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर को डाइनिंग एक्सपीरियंस पेज पर केवल हिंदू मील और मुस्लिम मील ही दिखाई दिया। हालांकि इसके अलावा भी एयर इंडिया जैन और यहूदी यात्रियों के लिए भी विशिष्ट मेनू प्रदान करता है। एयर इंडिया के अलावा सिंगापुर एयरलाइन्स, एमिरेट्स एयरलाइन्स और जेट एयरलाइन्स जैसी कंपनियां भी अपने कस्टमर्स को 'रिलिजियस' मील का ऑप्शन देती हैं। रिलिजियस मील कैटिगरी के अंतर्गत 4 तरह के ऑप्शन्स होते हैं- मुस्लिम मील, हिंदू मील, जैन मील और कोशर मील।

हिंदू मील के तहत वेज और नॉन वेज

हिंदू मील के अंदर भी 2 ऑप्शन्स हैं- इंडियन वेजिटेरिअन मील और नॉन वेजिटेरिअन हिंदू मील। इंडियन वेजिटेरिअन यानी शाकाहारी मील के तहत यात्रियों को खाने में हर तरह की सब्जियां, ताजे फल, ड्राई फ्रूट्स, दाल, डेयरी प्रॉडक्ट्स, टोफू, अनाज और वेजिटेबल जिलेटिन दिया जाता है। इस शाकाहारी खाने में किसी भी तरह का मीट या मीट-बाय प्रॉडक्ट्स, मछली, शेलफिश, अंडा या ऐनिमल जिलेटिन शामिल नहीं होता।

नॉन वेज हिंदू मील बीफ सर्व नहीं किया जाता

नॉन वेज हिंदू मील की करें तो यह खाना वैसे इन-फ्लाइट पैसेंजर्स को सर्व किया जाता है जो हिंदू धर्म को मानने वाले हैं। इसमें मिलने वाले नॉन वेज खाने में यात्रियों को गोश्त, चिकन, मछली, अंडा, दूध, डेयरी प्रॉडक्ट्स और अनाज दिया जाता है जबकि बीफ या बीफ बाय-प्रॉडक्ट्स और रॉ या स्मोक्ड फिश बिलकुल सर्व नहीं किया जाता।

जैन कम्युनिटी के लिए अलग मील

इसके अलावा जैन मील जैन कम्युनिटी के लोगों को सर्व किया जाता है जो प्योर वेजिटेरिअन होते हैं। जैन मील में सिर्फ वैसे फलों और सब्जियों को शामिल किया जाता है जो जमीन के ऊपर उगते हैं। जैन मील में ऐनिमल प्रॉडक्ट्स, सी-फूड, अंडा, डेयरी प्रॉडक्ट्स, बैंगन, गोभी, ब्रॉकली और जड़ वाली सब्जियां जैसे- प्याज, मशरूम, अदरक, लहसुन आलू, गाजर, चुकंदर, मूली और हल्दी बिलकुल सर्व नहीं किया जाता।

मेडिकल और डायटरी जरूरतों के हिसाब से भी मील

ठीक वैसे पैसेंजर्स जो यहूदी कस्टम को मानने वाले होते हैं उन्हें कोशर मील सर्व किया जाता है। यहूदी को डायटरी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस मील को तैयार किया जाता है। इसके अलावा फ्लाइट्स पर पैसेंजर्स को मेडिकल और डायटरी जरूरतों के हिसाब से भी मील दी जाती है जिसमें डायबीटिक मील, ग्लूटेन-फ्री मील, लो कलेस्ट्रॉल और लो फैट मील, लो सॉल्ट मील और नॉन-लैक्टोज मील भी शामिल है।