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राहुल गांधी के समर्थन में आए शशि थरूर, ‘वोट चोरी’ के दावे पर दिया साथ

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से चुनाव में ‘वोट चोरी’ करने का आरोप लगाए जाने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राहुल गांदी ने गुरूवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पीपीटी पेश कर कर्नाटक में लोकसभा सीट, महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और साथ ही एक ही वोटर के कई कई बूथों और राज्यों में नाम होने का आरोप लगाया। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेताओं ने राहुल गांधी की तीखी आलोचना की है। हालांकि, काफी समय से अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोल रहे केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी राहुल गांधी का समर्थन किया है।

पिछले कुछ महीनों से पार्टी आलाकमान से इतर नजरिया रखने वाले शशि थरूर ने गुरुवार को कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए इन आरोपों की जांच होनी चाहिए। राहुल गांधी ने चुनाव में धांधली के 'ठोस सबूत' पेश किए और भारतीय चुनाव आयोग पर बीजेपी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया। थरूर ने चुनाव आयोग से कार्रवाई करने और स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया।

चुनाव आयोग से की खास गुजारिश

शशि थरूर ने कांग्रेस पार्टी के पोस्ट को अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है। इसमें राहुल गांधी लोकसभा और कई राज्यों में विधानसभा के दौरान वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के बारे में बता रहे हैं। शशि थरूर ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए कहा, ‘ये गंभीर प्रश्न हैं जिनका सभी दलों और सभी मतदाताओं के हित में गंभीरता से समाधान किया जाना चाहिए। हमारा लोकतंत्र इतना मूल्यवान है कि इसकी विश्वसनीयता को अक्षमता, लापरवाही या उससे भी बदतर, जानबूझकर छेड़छाड़ से नष्ट नहीं होने दिया जा सकता। चुनाव आयोग को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और चुनाव आयोग के प्रवक्ता को देश को सूचित करते रहना चाहिए।’

काफी समय से पार्टी लाइन से हटकर दे रहे थे बयान

शशि थरूर का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है। दरअसल, शशि थरूर पिछले कुछ महीनों से कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुके हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की थी और इमरजेंसी के दौर की आलोचना भी की थी। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी थरूर सरकार के साथ खड़े नजर आए। जिसके बाद मॉनसूव सत्र के दौरान कांग्रेस की ओर से पार्टी के वक्ताओं में थरूर का नाम शामिल नहीं किया गया था। जिसको लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थी।

देश के गुनहगार सुन लें- वक्त बदलेगा, सजा मिलेगी', राहुल ने किसपर साधा निशाना?

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर लगातार हमलावर हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज वोटर लिस्ट में कथित धांधली के मुद्दे पर बेंगलुरू में ‘वोट अधिकार रैली’ को संबोधित करेंगे। इससे ठीक पहले कांग्रेस सांसद ने वोट चोरी मुद्दे पर चुनान आयोग को आड़े हाथों लिया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वोट चोरी मुद्दे को लेकर एक्स पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा, 'वोट चोरी सिर्फ एक चुनावी घोटाला नहीं, ये संविधान और लोकतंत्र के साथ किया गया बड़ा धोखा है। देश के गुनहगार सुन लें- वक्त बदलेगा, सजा जरूर मिलेगी।'

चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मिलीभगत का आरोप

इससे एक दिन पहले ही राहुल गांधी ने 'वोट चोरी' के मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया था कि भारत के चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मिलीभगत हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना तीसरा कार्यकाल मिला। राहुल गांधी ने कहा, 'नरेंद्र मोदी सिर्फ 25 सीटों के अंतर से प्रधानमंत्री बने। चुनाव आयोग भाजपा को भारत में चुनावी व्यवस्था को नष्ट करने में मदद कर रहा है। चुनाव आयोग हमें महादेवपुर (कर्नाटक विधानसभा क्षेत्र) में आंकड़े नहीं दे रहा है। अगर हम अन्य लोकसभा सीटों पर भी ऐसा करें, तो हमारे लोकतंत्र की सच्चाई सामने आ जाएगी।'

महादेवपुरा असेंबली सीट का जिक्र कर लगाए आरोप

राहुल गांदी ने बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के आंकड़े सामने रखते हुए आरोप लगाया कि मतदाता सूची में हेरफेर करके 'वोट चोरी' का मॉडल भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए लागू किया गया है। इस दौरान कांग्रेस नेता ने कहा था कि बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 मतों की चोरी की गई, जबकि यह सीट पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 32,707 मतों के अंतर से जीती थी।

महाराष्ट्र चुनाव में पहली बार हमें सबूत मिला- राहुल

राहुल गांधी ने कहा, महाराष्ट्र के चुनाव हुए, महाराष्ट्र चुनाव में पहली बार हमें सबूत मिला। विधानसभा और लोकसभा के बीच में जादू से वोटर्स आते हैं। जहां भी इन वोटर्स ने वोट किया। वहां पर वोट बीजेपी को गया। महाराष्ट्र चुनाव के बाद जब हमें संदेह हुआ, तब गठबंधन के सारे नेताओं ने पीसी की। हमने चुनाव आयोग से कहा कि आप हमें वोटर लिस्ट दीजिए, वीडिया रिकॉर्डिंग दीजिए। चुनाव आयोग ने मना कर दिया। न उन्होंने हमें वोटर लिस्ट दी और न उन्होंने वीडियो रिकॉर्डिंग दी। हमें शक हुआ कि यह क्यों नहीं दे रहे हैं। क्या कारण है। तो हमारे दिमाग में सवाल आया कि क्या चुनाव आयोग बीजेपी की मदद कर रहा है। क्या चुनाव आयोग ही इलेक्शन को चोरी करवा रहा है

डोनाल्ड ट्रंप ने फिर दिखाए तेवर, टैरिफ विवाद के बीच भारत के साथ ट्रेड डील पर बातचीत से किया इनकार

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को अपना तेवर दिखाया है। ट्रंप ने टैरिफ विवाद हल होने तक भारत के साथ किसी भी व्यापार वार्ता से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि जब तक टैरिफ विवाद का समाधान नहीं हो जाता, तब तक भारत के साथ कोई व्यापार वार्ता नहीं होगी। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप के मनमाने टैरिफ के आगे भारत झुक नहीं रहा, जो अमेरिकी राष्ट्रपति को परेशान कर रहा है। अब उनके बयान से ये बौखलाहट साफ नजर आ रही है।

बुधवार को ट्रंप ने एक नया आदेश जारी कर भारतीय सामानों पर 25% अतिरिक्त टैरिफ थोप दिया, जिससे कुल टैक्स अब 50% हो गया है। ट्रंप से वॉशिंगटन में ओवल ऑफिस में जब एक पत्रकार ने पूछा कि 50% टैरिफ लगाने के बाद क्या बातचीत शुरू होगी, तो उन्होंने कहा- नहीं, पहले मसला (टैरिफ) सुलझे, फिर बात होगी।

पीएम मोदी ने कहा- मैं तैयार हूँ

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर पहले से लगाए गए 25 प्रतिशत के टैरिफ को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया और अब उन्होंने भारत के साथ ट्रेड डील करने को लेकर भी बड़ी बात कह दी है। राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से ट्रैरिफ बढ़ाने के फैसले को लेकर भारत ने भी पलटवार किया। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कहा कि हम देश के किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं। हमारे लिए किसानों का हित सबसे ऊपर है। भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी वालों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। मुझे पता है, इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन मैं तैयार हूँ, भारत तैयार है!

ट्रंप ने बढ़ाया है टैरिफ

इससे पहले व्हाइट हाउस ने बुधवार को एक कार्यकारी आदेश जारी कर भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया, जिससे कुल टैरिफ बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया। ट्रंप प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति संबंधी चिंताओं का हवाला दिया और विशेष रूप से भारत की ओर से रूसी तेल के निरंतर आयात की ओर इशारा करते हुए टैरिफ बढ़ाने की बात कही। आदेश में दावा किया गया है कि ये आयात चाहे प्रत्यक्ष हों या बिचौलियों के माध्यम से, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक असामान्य और असाधारण खतरा पेश करते हैं। इसके अलावा राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के रूसी तेल न खरीदने की बात कही है। लेकिन, विदेश मंत्रालय ने अपने निवेश हितों का हवाला देते हुए ऑयल इंपोर्ट रोकने से मना कर दिया।

राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग की चुनौती, कहा-लिखित में प्रमाणित करें, शुक्रवार 3 बजे तक मांगा जवाब

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने महाराष्ट्र के चुनाव का डेटा दिखाकर आरोप लगाया कि राज्य विधानसभा चुनाव में धांधली हुई है और 40 लाख वोट रहस्यमयी तरीके से जोड़े गए। कांग्रेस नेता ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अनियमितताओं का गंभीर आरोप लगाया। राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूचियों में गड़बड़ी को लेकर लगाए गए आरोपों के बाद कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने उन्हें पत्र लिखकर जवाब मांगा है। इस पत्र में उनसे कहा गया है कि वह निर्वाचन नियमों के तहत शपथपत्र भरकर उन मतदाताओं के नाम दें, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया है।

कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने राहुल गांधी को पत्र भेजा है। ये पत्र सीईओ कर्नाटक के साथ मीटिंग और राहुल गांधी की आज की प्रेसवार्ता को लेकर है। पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल से कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिलने और ज्ञापन सौंपने के लिए समय मांगा गया था। 8 अगस्त 2025 को दोपहर 1 बजे से 3 बजे के बीच का समय निश्चित किया गया है। इसमें ये भी कहा गया है कि मतदाता सूचियाँ पारदर्शी तरीके से तैयार की जाती हैं, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950, मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 और भारत के चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के मुताबिक इसे तैयार किया जाता है। चुनाव आयोग का कहना है कि नवीनतम मतदाता सूचियाँ कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर तैयार की जाती हैं।

राहुल ने लगाया 'वोट की चोरी' का आरोप

राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और कुछ अन्य राज्यों की मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। उन्होंने कहा कि लाखों ऐसे नाम जोड़े गए हैं, जो अयोग्य हैं और वहीं लाखों योग्य मतदाताओं के नाम सूची से गायब कर दिए गए हैं। राहुल ने इसे 'वोट की चोरी' बताया और कहा कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता और विश्वसनीयता अब सवालों के घेरे में है।

राहुल गांधी ने कहा- चुनाव आयोग क्राइम में हिस्सेदार

राहुल ने कहा है कि मैं ये सब पब्लिकली कह रहा हूं और ये डेटा हमारा नहीं चुनाव आयोग का है। उन्होंने ये नहीं कहा कि ये वोटर लिस्ट गलत है। राहुल गांधी ने कहा है कि अगर चुनाव आयोग डिजिटल डेटा नहीं देता है, इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट नहीं देता है, सीसीटीवी नहीं देता है तो वो क्राइम में हिस्सेदार हैं।

चुनाव आयोग पर राहुल गांधी का हमला जारी, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोले- वोट चोरी पकड़ने में हमें 6 महीने लगे

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कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर करारा हमला बोला है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के एसआईआर प्रोजेक्ट पर सवाल उठाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भारत के चुनाव आयुक्त भाजपा के साथ मिले हुए हैं और वह भाजपा के लिए वोट की चोरी करवा रहे हैं।

चुनाव आयोग की निष्पक्षता लगातार हमलावर

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बीते कुछ समय से चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर लगातार हमलावर हैं। उन्होंने महाराष्ट्र, कर्नाटक और कुछ अन्य जगहों की मतदाता सूची के आधार पर चौंकाने वाले दावे किए हैं। मतदाता सूची में जोड़े गए हजारों-लाखों नाम का उल्लेख करते हुए राहुल ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन न करते हुए वोट की चोरी की जा रही है। उन्होंने कई आंकड़ों का हवाला देते हुए चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा किया और कहा कि आयोग की विश्वसनीयता संदेह के घेरे में है।

महाराष्ट्र में 40 लाख वोटर रहस्यमय- राहुल गांधी

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट को लेकर इलेक्शन कमीशन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वोटिंग पर लोगों को शंका हो रही। अब चुनाव प्रक्रिया लंबे समय तक चल रही है। यूपी में अलग दिन और बिहार अलग दिन मतदान होता है। महीनों चलने वाली चुनाव प्रक्रिया के बाद एग्जिट पोल में कुछ और नतीजे नजर आते हैं और रिजल्ट दूसरा आता है। महाराष्ट्र चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि वहां 40 लाख वोटर रहस्यमय हैं।

महाराष्ट्र की पूरी जनसंख्या से ज्यादा वोटर जुड़े-राहुल गांधी

एक समय था जब इलेक्ट्रॉनिक मशीन नहीं थी, पूरा देश एक दिन वोट करता था। लेकिन आज के जमाने में यूपी में अलग-अलग वोटिंग होती है। बिहार में कभी और हो रही है। महीनों के लिए वोटिंग चलती है। हम इसी को लेकर चिंतित है, महीनों के लिए वोटिंग क्यों चलती है। राहुल गांधी ने कहा, महाराष्ट्र में 5 महीने में इतने वोटर जुड़े हैं जितने 5 साल में नहीं जुड़े। महाराष्ट्र की पूरी जनसंख्या से ज्यादा वोटर जुड़े हैं। जिससे और ज्यादा संदेह पैदा होता है। राहुल गांधी ने आगे कहा, चुनाव आयोग ने हमें वोटर लिस्ट देने से इनकार कर दिया। उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव में कहा कि 5:30 बजे के बाद भारी मात्रा में वोटिंग हुई है। लेकिन, हम जानते हैं कि ऐसा नहीं हुआ है।

एक ही मतदाता कई राज्यों में वोट डालते हैं- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि एक ही व्यक्ति कई राज्यों में कई वोट डालते हैं। एक ही मतादाता कई राज्यों में वोट डालते हैं। ऐसे वोटरों की संख्या हजारों में हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में ऐसे 40 हजार से अधिक वोटरों के पता फर्जी पाए गए। हाउस नंबर-0 पर एक साथ कई मतदाता रजिस्टर्ड हैं। कर्नाटक में एक कमरे के एक घर में 80 वोटर रजिस्टर्ड हैं। ऐसे 10,452 वोटर्स हैं जो एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं।

चुनाव आयोग डेटा नष्ट कर रहा- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी की तरफ से जुटाए गए सबूतों का जिक्र करते हुए कहा कि वोटों की चोरी भाजपा के लिए की जा रही है। मतदाता सूची के मुद्दे पर कांग्रेस सांसद ने सवाल किया कि आयोग इस मुद्दे पर जवाब क्यों नहीं दे रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि मौजूदा वक्त में सीसीटीवी फुटेज और वीडियो को क्राइम में साक्ष्य माना जाता है। इसलिए चुनाव आयोग इन डेटा को नष्ट करने में लगा है।

टैरिफ अटैक के बीच पीएम मोदी का ट्रंप को साफ संदेश, बोले-किसानों-मछुआरों के हितों से समझौता नहीं

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका को साफ शब्दो में संदेश दिया है। डेनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। इस पर पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि अमेरिका जितना भी टैरिफ बढ़ा ले, लेकिन भारत किसी देश के आगे झुकने वाला नहीं है। पीएम मोदी ने अपने एक बयान में कहा कि हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा।

व्यक्तिगत रूप से बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी-पीएम मोदी

भारत के खिलाफ अमेरिका की तरफ से 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने पर पीएम मोदी ने कहा, मैं जानता हूं कि व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं। मेरे देश के मछुआरों के लिए, मेरे देश के पशु पालकों के लिए आज भारत तैयार है। पीएम मोदी ने कहा कि उनके लिए देश के किसान सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशु पालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा।

इशारों-इशारों में पीएम मोदी का कड़ा संदेश

प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे। पीएम मोदी का यह बयान तब आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। इसके ठीक एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा जवाब दिया। बगैर डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए इशारों-इशारों में पीएम मोदी ने कड़ा संदेश दिया है।

अमेरिका ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया

अमेरिकी एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में कहा गया है कि रूसी तेल खरीद की वजह से भारत पर यह एक्शन लिया गया है। इससे पहले उन्होंने 30 जुलाई को भारत पर 25% टैरिफ का ऐलान किया था। अब भारत पर कुल 50% टैरिफ लगेगा। पीएम मोदी के इस बयान से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका पर पलटवार किया था।

जस्टिस यशवंत वर्मा को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की कैश कांड में जांच की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका

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जस्टिस यशवंत वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा की याचिका खारिज कर दी है। कैश कांड मामले में जांच प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करते हुए शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का आचरण विश्वास पैदा नहीं करता, इसलिए उनकी याचिका पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। जस्टिस वर्मा ने कैश कांड में जांच प्रक्रिया को रोकने के लिए याचिका दाखिल की थी।

जांच कमेटी की रिपोर्ट को अमान्य करार देने की मांग खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने आंतरिक तीन न्यायाधीशों की जांच समिति की रिपोर्ट और पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश को चुनौती दी थी। जस्टिस यशवंत वर्मा ने अपनी याचिका में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की आंतरिक जांच कमेटी की रिपोर्ट को अमान्य करार दिया जाए। जस्टिस दीपंकर दत्ता और एजी मसीह की बेंच ने यह फैसला लिया। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका भी खारिज की।

जांच पैनल पर लगाए थे आरोप

जस्टिस यशवंत वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई का मौका दिए बिना ही दोषी ठहराया गया है। याचिका में तीन सदस्यीय जांच पैनल पर आरोप लगाया है कि उसने उन्हें पूरी और निष्पक्ष सुनवाई का मौका दिए बिना ही प्रतिकूल निष्कर्ष निकाले।

क्या है पूरा कैश कांड

जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड इसी साल मार्च में आया। यह विवाद तब शुरू हुआ जब होली की रात यानी 14 मार्च को जस्टिस यशवंत वर्मा के नई दिल्ली स्थित घर से जले हुए नोट मिले। उनके घर पर आग लग गई थी। आग पर काबू पाने के लिए दमकल विभाग की टीम आई थी। इसी टीम ने उनके घर में कैश देखा था। कुछ कैश जले भी बरामद किए गए थे। इस घटना ने न्यायिक हलकों में हड़कंप मचा दिया। इसके बाद जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट भेज दिया गया और आरोपों की जांच के लिए एक आंतरिक समिति गठित की गई। सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने हटाने की सिफारिश की थी।

अमेरिका ने भारत पर लगाया 50% टैरिफ, फिर भी ट्रंप को नहीं मिली तसल्ली, सेकेंडरी सैंक्शन लगाने की दी धमकी

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अमेरिका ने भारत के खिलाफ टैरिफ वॉर का शंखनाद कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया हैष इसका मतलब है कि अब भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लग गया। डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ वाले आदेश पर दस्तखत भी कर दिए हैं। यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा। जबकि पहला 25 फीसदी वाला टैरिफ 7 अगस्त से लागू होगा।

सेकेंडरी प्रतिबंध की धमकी

भारतीय आयातों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के कुछ घंटे बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को नई धमकी दी है। ट्रंप ने रूस से तेल खरीद जारी रखने पर भारत के ऊपर अधिक सेकंडरी प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। व्हाइट हाउस में जब पत्रकारों ने पूछा कि चीन जैसे देश भी रूस से तेल खरीदना जारी रखे हुए हैं, तो भारत को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है। इस पर ट्रंप ने कहा, 'अभी तो सिर्फ आठ घंटे ही हुए हैं। देखते हैं क्या होता है... आपको और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा। आपकी कई सेकेंडरी प्रतिबंध देखने को मिलेंगे।'

भारत ने टैरिफ को अन्यायपूर्ण और अनुचित बताया

भारत ने टैरिफ में बढ़ोतरी की कड़ी निंदा की है और इसे 'अन्यायपूर्ण, अनुचित और अतार्कित' बताया है। विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, हाल के दिनों में अमेरिका ने रूस से भारत के तेल आयात को निशाना बनाया है। हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है। इसमें कहा गया कि भारत का आयात बाजार के कारकों पर आधारित है और देश के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्येश्य से किया जाता है।

क्या चाहते हैं ट्रंप?

डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि भारत अपने दोस्त रूस से यारी खत्म करे। भारत और रूस के बीच तेल और हथियारों का व्यापार ट्रंप को बिल्कुल पसंद नहीं। ट्रंप चाहते हैं कि भारत उससे तेल न खरीदे। इसके लिए अमेरिका ने प्रेशर पॉलिटिक्स का सहारा लिया है। यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाने का आदेश जारी किया। इस फैसले के पीछे भारत की ओर से रूस से तेल खरीद जारी रखना बताया गया है। अमेरिका का कहना है कि यह कदम यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को और प्रभावी बनाने की दिशा में उठाया गया है।

आरएसएस शताब्दी समारोह में तीन देशों को न्योता नहीं, पाकिस्तान समेत इनसे बनाई दूरी

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपनी शताब्दी वर्षगांठ मनाने जा रहा है। इस साल विजयादशमी के मौके पर 100 वर्ष का होने वाला है। हालांकि, आरएसएस के शताब्दी समारोह से जुड़ी कार्यक्रमों की शुरुआत एक तरह से इसी महीने 26 अगस्त से ही हो रही है, जिसके तहत दिल्ली में तीन-दिवसीय संवाद का आयोजन हो रहा है, जिसकी अगुवाई सर संघचालक मोहन भागवत करेंगे।

दिल्ली में तीन दिवसीय संवाद

संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में चार प्रमुख आयोजनों की योजना है, जिनमें से पहला दिल्ली में 26 अगस्त से शुरू होगा। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में मोहन भागवत प्रत्येक दिन शाम 5:30 बजे से व्याख्यान देंगे। पहले दो दिन उनके व्याख्यान होंगे, जबकि तीसरा दिन पहले से जमा किए गए सवालों के जवाब के लिए समर्पित होगा। इस संवाद में ‘पंच परिवर्तन’ (पांच परिवर्तनों) के एजेंडे पर विशेष जोर होगा, जिसमें स्वदेशी ताकतों के आधार पर भारत के भविष्य को आकार देने, विभिन्न क्षेत्रों में अनछुई संभावनाओं और देश की उभरती वैश्विक भूमिका जैसे मुद्दे शामिल होंगे।

पाकिस्तान और उसके दो दोस्तों को न्योता नहीं

आरएसएस की तरफ से इस कार्यक्रम के लिए बड़ी तैयारियां चल रही हैं। इस मौके पर वह कई देशों के राजनयिकों को भी निमंत्रण देने जा रहा है और इसके लिए दूतावासों और उच्चायोगों से संपर्क भी किया जा रहा है। इसमें कई विपक्षी नेताओं को भी बुलाया जा रहा है। आरएसएस के प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने कहा है कि हम समाज के सभी वर्गों, समुदायों और विचारधाराओं के लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं। हम विपक्षी दलों से भी भागीदारी के लिए संपर्क कर रहे हैं। दुनिया के कई दूतावासों को भी न्योता भेजा जा रहा है लेकिन इसमें पाकिस्तान, तुर्किये और बांग्लादेश का नाम शामिल नहीं है।

पाक-तुर्किए और बांग्लादेश से दूरी की वजह

हाल की भू-राजनीतिक परिस्थितियों के चलते पाकिस्तान, तुर्किए और बांग्लादेश के दूतावासों को निमंत्रण नहीं दिया जाएगा. दरअसल, बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने हाल के वर्षों में कई बार भारत विरोधी रुख दिखाया है. उधर, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया था. ऐसे में पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्किए के खिलाफ भी लोगों का गुस्सा बना हुआ है।

चार प्रमुख संवाद कार्यक्रम

भागवत का दिल्ली संबोधन 2 अक्टूबर को विजयादशमी शताब्दी समारोह से पहले चार प्रमुख कार्यक्रमों की श्रृंखला का हिस्सा होगा। इस संवाद कार्यक्रम में आरएसएस की 100 वर्ष की लंबी यात्रा, राष्ट्र निर्माण में इसकी भूमिका और 'नए क्षितिज'पर इसके विजन की चर्चा होगी। इस साल 2 अक्टूबर को विजयादशमी है और शताब्दी समारोह इसके बाद भी चलता रहेगा और इस तरह के चार बड़े कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। मसलन, नवंबर में इसी तरह का एक विशाल संवाद कार्यक्रम बेंगलुरु में होगा, फिर कोलकाता और मुंबई की बारी आएगी। प्रत्येक संवाद कार्यक्रम में पहले दो दिन भागवत का संबोधन होगा और तीसरे दिन सवाल-जवाब के लिए रखे जाएंगे।

बिहार वोटर लिस्ट मामलाः 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब

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बिहार के वोटर लिस्ट रीविजन (एसआईआर) को लेकर पूरे देश में घमासान मचा हुआ है। संसद में विपक्ष विरोध प्रदर्शन कर रही है और इसके खिलाफ आवाज उठा रही है। वहीं, दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में एसआईआर से जुड़ी याचिका दायर की गई है। कोर्ट में इन याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है।सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में एसआईआर के बाद प्रकाशित ड्राफ्ट मतदाता सूची से 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने के आरोपों पर चुनाव आयोग से शनिवार तक जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सवाल किया है कि क्या एक अगस्त को प्रकाशित ड्राफ्ट सूची को राजनीतिक दलों के साथ साझा किया गया था या नहीं?

जस्टिस सूर्यकांत, उज्जल भुयान और एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने चुनाव आयोग से कहा, हमें हर उस वोटर की जानकारी चाहिए जिसका नाम हटाया गया है। ये देखें कि किस आधार पर नाम हटे हैं।

एडीआर ने याचिका दायर कर की ये मांग

दरअसल, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने याचिका दायर कर निर्वाचन आयोग ने ड्राफ्ट लिस्ट में जो 65 लाख लोगों के नाम हटाए हैं उनकी जानकारी प्रकाशित करने के लिए आयोग को निर्देश देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की है। ADR की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वकील प्रशांत भूषण ने मामला मेंशन किया। 65 लाख लोगों को मसौदा सूची से हटाए जाने के संबंध में दाखिल आवेदन को मेंशन किया।

चुनाव आयोग ने क्या कहा?

इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि हम ने राजनीतिक दलों को हटाए गए लोगों की सूची दी है। हम वोटर लिस्ट को साफ करने का काम कर रहे हैं। हमारा मकसद है कि अपात्र लोग हटें और केवल सही लोग वोटर लिस्ट में रहें। सुप्रीम कोर्ट ने आवेदन पर चुनाव आयोग से हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

65 लाख लोगों के हटाए गए नाम

बता दें कि बिहार में SIR प्रक्रिया के तहत, चुनाव आयोग ने आदेश दिया था कि सिर्फ उन्हीं वोटर्स को ड्राफ्ट रोल में शामिल किया जाएगा जो 25 जुलाई तक गणना फॉर्म जमा करेंगे। चुनाव आयोग ने कहा कि राज्य के 7.89 करोड़ पंजीकृत वोटर्स में से 7.24 करोड़ से फॉर्म हासिल हो चुके हैं, यानी बाकी 65 लाख को हटा दिया गया है। आयोग ने 25 जुलाई को बताया, 22 लाख वोटर्स की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 35 लाख या तो स्थायी रूप से पलायन कर गए हैं या फिर उनका पता नहीं चल पाया है, 7 लाख वोटर्स एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत हैं।