झारखंड के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को झटका, हाई कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
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झारखंड सरकार में पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री रहे आलमगीर आलम को झारखंड हाइकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। उन्हें टेंडर आवंटन से जुड़े कमीशन घोटाला मामले में अभी जेल में ही रहना पड़ेगा।
क्या है मामला?
आलमगीर आलम को प्रवर्तन निदेशालय ने टेंडर आवंटन के बाद कमीशन घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। यह मामला ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है, जहां सरकारी ठेकों के आवंटन में भारी कमीशनखोरी का आरोप है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के अनुसार, आलमगीर आलम पर ग्रामीण विकास मंत्री रहते हुए टेंडर आवंटन में 1.5 प्रतिशत कमीशन के जरिये अवैध रूप से कमाई करने का आरोप है। जांच एजेंसी का दावा है कि यह कमीशन सीधे या सहयोगियों के माध्यम से पूर्व मंत्री तक पहुंचता था।
15 मई 2024 से जेल में हैं बंद
पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को 15 मई 2024 को गिरफ्तार किया गया था और तभी से वे जेल में हैं। इस मामले में सबसे बड़ा खुलासा तब हुआ जब 6-7 मई 2024 को आलम के निजी सचिव संजीव कुमार लाल के घरेलू सहायक के घर से लगभग 32 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए। ईडी ने जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत जुटाए थे, जिसके आधार पर आलमगीर आलम की गिरफ्तारी हुई।
फरवरी 2023 में शुरू हुई थी जांच
इस मामले की जांच फरवरी 2023 में शुरू हुई थी, जब निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। इसके बाद मई 2024 में आलम के पीए संजीव लाल और सहयोगी जहांगीर आलम के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। अब तक ईडी ने इस टेंडर घोटाले में कुल 4.42 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।
Jul 12 2025, 17:07