गोण्डा को मिला ‘नगर वन’ का तोहफ़ा, सांसद राजा भैया की पहल रंग लाई
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गोण्डा। 5 जुलाई 2025
पर्यावरण संरक्षण और हरित क्षेत्र के विस्तार की दिशा में गोण्डा जिले के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 'नगर वन योजना' के अंतर्गत गोण्डा जिले में "कल्याणपुर वन ब्लॉक" (नवाबगंज) में नगर वन विकसित करने हेतु ₹110.84 लाख की प्रथम किस्त जारी कर दी है। यह योजना सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया के विशेष प्रयासों से साकार हो रही है।
158.35 लाख के कुल प्रोजेक्ट को मिली केंद्रीय मंजूरी
राष्ट्रीय प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (CAMPA) द्वारा स्वीकृत योजना के तहत कुल ₹158.35 लाख की लागत से नगर वन तैयार किया जाएगा। परियोजना का कुल क्षेत्रफल 40.72 हेक्टेयर होगा। प्रथम किस्त के रूप में कुल राशि की 70% यानी ₹110.84 लाख की धनराशि उत्तर प्रदेश राज्य वन विकास एजेंसी को जारी कर दी गई है।सांसद कीर्तिवर्धन सिंह ने इस प्रोजेक्ट को केवल क्षेत्रीय मांग के रूप में नहीं बल्कि पर्यावरणीय और सामाजिक आवश्यकता के रूप में दिल्ली में कई स्तरों पर प्रभावी पैरवी करते हुए CAMPA के समक्ष प्रस्तुत किया। उनका मानना है कि “हर जिले को एक शहरी वन मिलना चाहिए ताकि नागरिकों को स्वच्छ वायु, हरियाली और जैव विविधता के संरक्षण का एक जीवंत उदाहरण मिले।”
कल्याणपुर वन ब्लॉक में होंगे जन सहभागिता आधारित विकास कार्य
परियोजना में वृक्षारोपण, ट्रैकिंग ट्रेल, मेडिटेशन जोन, ओपन जिम, योग स्थल, बटरफ्लाई पार्क, एवं बच्चों के लिए नेचर जोन जैसे अनेक घटकों को शामिल किया जाएगा। यह वन न केवल जैव विविधता को बढ़ावा देगा बल्कि पर्यावरण शिक्षा, पारिवारिक भ्रमण एवं रोजगार सृजन का भी केंद्र बनेगा।
परियोजना की वित्तीय शर्तों के साथ पारदर्शिता अनिवार्य
परियोजना के अंतर्गत मिलने वाली सहायता को दो किश्तों में जारी किया जाएगा। पहली किस्त के 60% के उपयोग के बाद ही दूसरी किश्त जारी होगी। हर खर्च की ऑडिट रिपोर्ट, उपभोग प्रमाण पत्र, सैटेलाइट फोटो और जीआईएस कोऑर्डिनेट्स सहित विवरण ई-ग्रीन वॉच पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है।
स्थानीय रोजगार और ST/SC वर्ग को प्राथमिकता
इस योजना में श्रमिकों की भर्ती और निर्माण कार्यों में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लोगों को प्राथमिकता देने के निर्देश हैं। साथ ही योजना से जुड़ी सभी खरीद और भुगतान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से होंगे, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
पर्यावरणीय स्वच्छता की दिशा में बड़ा कदम
इस परियोजना से गोण्डा न सिर्फ हरा-भरा बनेगा, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने और भावी पीढ़ियों के लिए स्वच्छ पर्यावरण तैयार करने की दिशा में एक मजबूत कदम भी होगा।








Jul 05 2025, 18:34
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