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*रोडवेज बसों की कमी, निजी में डेढ़ गुना किराया देकर यात्रा के लिए मजबूर*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में भले ही परिवहन निगम ने सवारी न होने हवाला देती हो, लेकिन जिले से होकर निकलने वाली निजी बसों में भर-भर के सवारी जाती हैं। रोडवेज निगम की उदासीनता से जिले की सड़कों पर रोडवेज बसों का टोटा है। रोडवेज बसों का संचालन न होने से लोगों को मजबूरी में निजी बसों का सहारा लेना है। जहां उन्हें डेढ़ गुना अधिक किराया देना पड़ता है। जिले के प्रमुख वाराणसी-चौरी वाया जौनपुर, प्रयागराज रूट पर ही 55 निजी बसों का संचालन होता है। इस रूट पर वाराणसी से भदोही का किराया 60 रुपये तय किया गया है। वहीं सरकारी बस में वाराणसी से भदोही का किराया 40 रुपये ही। ऐसे में डेढ़ गुना अधिक रुपये देकर लोग यात्रा करने को विवश हैं। जिले में रोडवेज बस डिपो न होने से बसों का टोटा रहता है। वाराणसी-प्रयागराज हाईवे स्थित औराई रोडवेज बस स्टेशन को छोड़ दिया जाए तो भदोही और ज्ञानपुर रोडवेज स्टेशन वीरान ही रहती है। ज्ञानपुर रोडवेज बस स्टेशन पर जहां अराजकतत्वों का डेरा लगा रहता है। रोडवेज निगम चालक न मिलने और यात्री न होने का हवाला देती है, लेकिन इसके उलट जिले की सड़कों पर जमकर निजी बसें फर्राटा भर रही हैं। चौरी-वाराणसी रूट के अलावा दुर्गागंज, सुरियावां और मोढ़ जैसे रूटों पर भी निजी बसें दिख जाती हैं। अब प्रश्न यह है कि अगर सरकारी बसों को सवारी नहीं मिल रही हैं तो निजी बसें सवारियों से भर-भर कर कैसे चल रही हैं। निजी बसें जहां सवारी दिखती हैं। वहीं रूक जाती हैं, लेकिन इनका कुछ जगहों पर स्टॉपेज भी बना हुआ है। जिसमें ये चौरी बाज़ार, इंद्रा मिल चौराहा, कंधिया फाटक जैसे स्थानों पर कुछ देर रूक यात्रियों का इंतजार भी करती हैं।


ग्रामीण रूटों पर बसों के संचालन को लेकर प्रयास किया जा रहा है। इस समय कुछ बसें चल भी रही हैं। निजी बसें जगह-जगह रूककर सवारियां ले लेती हैं। वहीं रोडवेज का अपना स्टॉपेज होता है। कुछ बसें बढ़ाए जाने पर विचार चल रहा है। विजय श्रीवास्तव, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, रोडवेज परिवहन निगम।
*इजरायल - ईरान युद्ध से फिलहाल रुकी मेडिकल केयर गिवर की भर्ती* *विदेश जाने में नर्सिंग अभ्यर्थियों की रुचि नहीं, दो महीने से एक भी आवेदन नहीं*






रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जापान, जर्मनी और इस्राइल जैसे देशों में ठीकठाक पैकेज मिलने के बाद नर्सिंग अभ्यर्थी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। करीब दो महीने में एक भी अभ्यर्थी जाने के लिए आवेदन नहीं किया। इस्राइल-ईरान युद्ध के मद्देनजर मेडिकल क्षेत्र के केयर गिवर आवेदन प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है। युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है। देश, प्रदेश के साथ विदेशों में भेजने के लिए व्यवस्था की जा रही है। जापान, जर्मनी और इस्राइल की मांग पर मार्च 2025 में प्रदेश सरकार ने 5000 नर्सिंग अभ्यर्थियों को चयनित करने का निर्देश दिया। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एमएसडीसी) को जिम्मेदारी सौंपी गई। इन भर्तियों के लिए सेवायोजन के संगम पोर्टल पर आवेदन लिए जा रहे थे। करीब दो महीने गुजरने पर भी एक अभ्यर्थी ने आवेदन नहीं किया। इसको लेकर ऐसा लग रहा है कि विदेशों में जाकर अच्छे पैकेज पर काम करने में मेडिकल अभ्यर्थियों में दिलचस्पी नहीं है। ईरान-इस्राइल संघर्ष के कारण फिलहाल इसे रोक दिया गया है। रोक लगने पर अब यह चयन कब तक होगा इसको लेकर अभी कुछ निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।


*2.29‌ से 1.31 लाख तक वेतन* नर्सिंग के अभ्यर्थियों को जर्मनी, जापान और इजरायल में नर्सिंग केयर गिवर और सहायक नर्स की नौकरी के लिए सरकार की तरफ से अनुबंध किया गया। अभ्यर्थियों को हर महीने अच्छा खासा वेतन मिलता। इसके अलावा पासपोर्ट एवं उम्र को लेकर भी क‌ई गाइडलाइन तय की गई थी।


संगम पोर्टल पर एक भी आवेदन नहीं आया है। युद्ध के कारण फिलहाल सभी प्रक्रिया रोक दी गई है। भविष्य में जो निर्देश आएगा उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। शिवानी, जिला सेवायोजन अधिकारी
*डीघ ब्लाॅक के 50 गांवों में नहीं है पशु अस्पताल*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।‌‌ डीघ ब्लॉक के करीब 50 गांवों में पशु अस्पताल या पशु सेवा केंद्र नहीं हैं। इससे पशुपालकों को मवेशियों का उपचार कराने में परेशानी होती है। उन्हें 10 किमी का चक्कर लगाकर गोपीगंज या 15 किमी दूर डीघ ब्लॉक जाना पड़ता है। परेशानी के साथ-साथ अतरिक्त पैसा भी खर्च करना पड़ता है। यदि घर पर पशुपालक मवेशी का उपचार करने के लिए डॉक्टर को बुलाते हैं। तो उसका अतिरिक्त चार्ज देना पड़ता है। क्षेत्र के कुरमैचा, नवधन, बिछिया, बनकट, सीकी चौरा, विश्वनाथपुर, बरईपुर, बेलहुआ, पूरे नगरी, सोबरी, मुगरी, चौरा कला, भैरोपुर, कूबी, हरदो पट्टी आदि समेत करीब 50 गांव में पशु अस्पताल नहीं है, जबकि इन क्षेत्रों से पराग दुग्ध उत्पादक संघ वाराणसी की कई समितियां हैं। यहां से दूध संकलित करके प्रतिदिन रामनगर चंदौली स्थित पराग के फैक्ट्री में भेजा जाता है। क्षेत्र के घनश्याम बिंद, प्रमोद उपाध्याय, नन्हेलाल यादव, छोटेलाल यादव, राम विलास यादव आदि ने जिलाधिकारी से मांग की है कि नवधन, बरईपुर न्याय पंचायत में पशु अस्पताल खोला जाए। इससे पशुपालकों को मवेशी का उपचार कराने में सहूलियत मिल सके।
*आगे और बढ़ सकती है टोल कंपनी की मुश्किल, लग सकता है जुर्माना* *प्रदेश के टोल कंपनियों की जांच हो तो सरकार को मिल सकता है करोड़ों का राजस्व*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। 62.87 करोड़ की स्टांप चोरी में पकड़ी गई लालानगर टोल प्लाजा की संचालन करने वाली काशी टोलवे प्राइवेट लिमिटेड पर जुर्माना भी लग सकता है। एआईजी स्टांप पंकज सिंह के अनुसार कंपनी पर स्टांप शुल्क का एक से चार फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है। खास बात है कि लालानगर टोल प्लाजा पर पकड़ी गई स्टांप चोरी एक नजीर बन सकती है, क्योंकि प्रदेश में चलने पर 90 फीसदी से अधिक टोल 100 रुपये के स्टांप पर ही संचालित होते हैं। एआईजी स्टांप के अनुसार टोलों के अनुबंधों की जांच हो तो करोड़ों रुपये सरकार को राजस्व के रूप में मिल सकते हैं। वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर लालानगर टोल प्लाजा का संचालन करने वाली काशी टोलवे प्राइवेट लिमिटेड, नेताजी सुभाष प्लेस प्रीतमपुर, नई दिल्ली की कंपनी है। टोल ने 18 मार्च, 2023 को एनएचएआई को 3244 करोड़ रुपये भुगतान कर टोल को 15 साल के लिए लीज पर लिया था। प्रमुख सचिव स्टांप के निर्देशों के बाद टोल के अनुबंध की जांच हुई तो यह लीज अनुबंध यानि की पट्टा अनुबंध की श्रेणी में पाया गया। जिसके बाद रजिस्ट्री विभाग ने 62.87 करोड़ रुपये के स्टांप की चोरी पकड़ी और कलेक्टर स्टांप के तहत मुकदमा भी दर्ज कराया। टोल कंपनी का मुकदमा फिलहाल जिला मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चलेगा। आने वाले दिनों में टोल कंपनी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि जिला मजिस्ट्रेट की अदालत से स्टांप शुल्क की चोरी के आरोपों में कंपनी पर जुर्माना भी लग सकता है। एआईजी स्टांप पंकज सिंह ने बताया कि कलेक्टर स्टांप के तहत मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद अब यह मामला जिला मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चलेगा। वहां से ही टोल कंपनी रजिस्ट्री शुल्क का एक से चार फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है। बताया कि प्रदेश में चलने वाले जितने भी टोल हैं। उसमें करीब 90 फीसदी से अधिक टोल कंपनियां 100 रुपये सामान्य अनुबंध वाले स्टांप पर ही टोल का संचालन कर रही है। ऐसे में अगर सभी टोलों के अनुबंध पत्रों की जांच हो तो हजारों करोड़ रुपये सरकार को राजस्व के रूप में प्राप्त हो। विवादों में रहा है टोल, जनप्रतिनिधि भी खोल चुके हैं मोर्चा लालानगर टोल प्लाजा अक्सर विवादों में रहा है। दो टोलों के बीच की दूरी केवल 35 किमी के अंदर होने को लेकर भी समय-समय पर स्थानीय लोगों द्वारा सवाल खड़ा किया जाता है। इसके अलावा टोल कर्मियों के दुर्व्यवहार को लेकर भी अक्सर सवाल उठते रहे हैं। लालानगर से टोल को हटाने को लेकर जिले के जनप्रतिनिधि भी मोर्चा खोल चुके हैं। इसको हटाने को लेकर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से लेकर सीएम तक को पत्रक लिखा गया है।
*22 बाढ़ चौकियां सक्रिय, 11 कंट्रोल रूम से होगी निगरानी* *बारिश के साथ प्रशासन अलर्ट, हर चौकी पर दो - दो कर्मचारी की लगी ड्यूटी*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। बारिश शुरु होते ही प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। डीएम के निर्देश पर सभी 22 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। प्रभावितों की सहायता एवं सुरक्षा के लिए 11 कंट्रोल रुम स्थापित हो गए हैं। इसमें एक कलेक्ट्रेट, तीन तहसील, छह ब्लॉक और एक सीएमओ कार्यालय में स्थापित किया गया है। बाढ़ प्रभावितों के लिए चौकियों के आसपास शरणालय स्थल भी बनाए जाएंगे। जिले में गंगा तटीय इलाका करीब 35 से 40 किमी है। इसमें से कई गांव ऐसे हैं। जहां गंभीर रूप से बाढ़ की स्थिति बनती है। खासकर डीघ ब्लॉक के कोनिया क्षेत्र के छेछुआ, भुर्रा, इटहरा और मवैया थानसिंह, हरिरामपुर गांव बाढ़ की दृष्टिकोण से अति संवेदनशील की श्रेणी में हैं। मानसूनी बारिश धीरे-धीरे शुरु हो गई है। भले ही गंगा का जलस्तर अभी सामान्य है, लेकिन प्रशासन की तरफ से बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। बाढ़ से प्रभावित होने वाले 212 गांव में विभागीय टीमों को समय-समय पर पहुंचने का निर्देश दिया गया है। एडीएम ने बताया कि प्रभावित लोगों के लिए 22 बाढ़ राहत शिविर स्थापित होंगे। 40 छोटी नाव, 15 बड़ी नाव, 10 मझौली नाव, एक सरकारी नाव, तीन मोटर बोट और 13 गोताखोर को लगाया गया है। उन्होंने बताया कि सभी 22 बाढ़ चौकियों पर दो-दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगी है। एक कर्मचारी चौकी पर 12 घंटे रहेगा। जिला स्तरीय बाढ़ कंट्रोल रूम कलेक्ट्रेट में स्थापित किया गया है। जिसका नंबर 05414-250223 और 05414-250308 हैं। इसके अलावा राहत एवं बचाव कार्य में मदद के लिये मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय, सभी छह ब्लॉक कार्यालय और तीनों तहसीलों में बाढ़ राहत कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।



*यहां स्थापित की गई है बाढ़ चौकियां*

औराई ब्लॉक में डेरवां, खमरिया, द्वारिकापुर, सहसेपुर, डीघ में धनतुलसी, लखनपुर, भदरांव, कटरा, इटहरा, कलिजरा, इनारगांव, बिहरोजपुर में बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। इसी तरह सुरियावां विकास खंड के करियांव, अबरना, सांडा, रामनगर तथा भदोही में सर्रोई, मुंसीलाटपुर, तुलसीचक, मईहरदोपट्टी और ज्ञानपुर विकास खंड में रमईपुर, मतेथु, कसियापुर, श्रीकांतपुर व भगवानपुर में बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। यहां स्थापित की गई है बाढ़ चौकियां ज्ञानपुर। औराई ब्लॉक में डेरवां, खमरिया, द्वारिकापुर, सहसेपुर, डीघ में धनतुलसी, लखनपुर, भदरांव, कटरा, इटहरा, कलिजरा, इनारगांव, बिहरोजपुर में बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। इसी तरह सुरियावां विकास खंड के करियांव, अबरना, सांडा, रामनगर तथा भदोही में सर्रोई, मुंसीलाटपुर, तुलसीचक, मईहरदोपट्टी और ज्ञानपुर विकास खंड में रमईपुर, मतेथु, कसियापुर, श्रीकांतपुर व भगवानपुर में बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं।
*61 हजार लाभार्थियों के पोषाहार पर गहराया संकट*






रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत लाभार्थियों का पोषण ट्रैकर एप पर चेहरा प्रमाणीकरण और ई-केवाईसी करने की अंतिम तिथि 30 जून है। ई केवाईसी नहीं होने के कारण 61 हजार लाभार्थियों के पोषाहार पर संकट मंडरा रहा है। उन्हें पोषाहार की आपूर्ति नहीं होगी। मिली जानकारी के अनुसार 21 जून तक 85,256 की तुलना में 24,040 लाभार्थियों का ही ई-केवाईसी हो सकी है। ऐसे में अगर नौ दिन में चेहरा प्रमाणीकरण और ईकेवाईसी नहीं हुई, तो 61 हजार लाभार्थियों के पोषाहार पर संकट गहराएगा। काम में लापरवाही बरतने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से लेकर सुपरवाईजर पर भी कार्रवाई हो सकती है। आंगनबाड़ी केंद्रों से गर्भवती, धात्री और बच्चों को मिलने वाले पोषाहार की व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। एक जुलाई से चेहरा मिलान होने के बाद ही पोषाहार का वितरण होगा। इसी के साथ लाभार्थी की ई-केवाईसी भी होगी। जिले में 1496 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। अभी इन केंद्रों से 85,256 गर्भवती, धात्री और बच्चों को पोषाहार का वितरण होता है। अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पंजीकृत नाम के आधार पर ही लाभार्थी को योजना का लाभ देती रही हैं। इसमें अक्सर पोषाहार नहीं मिलने की शिकायत सामने आती रही हैं। योजना को पारदर्शी बनाने के लिए पोषण ट्रैकर एप लॉन्च किया गया है। इसमें बायोमेट्रिक सिस्टम के जरिए लाभार्थी के चेहरे का सत्यापन होगा। बाद में पंजीकृत मोबाइल पर ओटीपी आएगा। इसके बाद पुष्टाहार मिलेगा। अब लाभार्थियों के फोटो खींचकर पोषण ट्रैकर पोर्टल पर अपलोड किया जाना है। इसके साथ ही लाभार्थी की ई-केवाईसी भी होगी। शासन ने 30 जून अंतिम तिथि तय की है। उसके बाद नई व्यवस्था से पोषाहार का वितरण शुरू कर दिया जाएगा। करीब तीन से चार महीने पूर्व से ईकेवाईसी और चेहरा प्रमाणीकरण की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की उदासीनता के कारण प्रगति ठीक नहीं है। चार महीने में 25 फीसदी भी लाभार्थियों की ईकेवाईसी नहीं हो पाई है। अब तक हुए कार्य में भदोही नगर की 61.58 फीसदी के साथ बेहतर है, जबकि भदोही ग्रामीण की हालत 5.96 फीसदी है। ब्लॉक सुरियावां के परियोजना कार्यालय ने अब तक 52.78 फीसदी लाभार्थियों की ईकेवाईसी करा चुका है। जिले में पोषाहार के लाभार्थियों का चेहरा प्रमाणीकरण और ईकेवाईसी की प्रगति ठीक नहीं है।




85 हजार 256 में से 24 हजार 40 की ईकेवाईसी हो सकी है। 30 जून तक शत प्रतिशत कार्य किया जाना है। एक जुलाई से नई व्यवस्था प्रभावी हो जाएगी। इससे ईकेवाईसी न कराने वाले लाभार्थी पोषाहार नहीं पाएंगे- दिनेश चंद्र मिश्रा, डीपीओ।
*62.87 करोड़ की स्टांप चोरी में काशी टोल वे प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दर्ज*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। वाराणसी-प्रयागराज हाईवे स्थित लालानगर टोल प्लाजा का संचालन कर रही काशी टोल-वे प्राइवेट लिमिटेड पर 62.87 करोड़ रुपये के स्टांप चोरी का आरोप लगा है। मामले में एआईजी स्टांप पंकज सिंह ने टोल कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। टोल कंपनी 100 रुपये का स्टांप पर शुल्क देकर सामान्य अनुबंध के आधार पर टोल का संचालन कर रही है। जांच में पता चला कि यह अनुबंध सामान्य नहीं बल्कि लीज अनुबंध है। लीज अनुबंध के हिसाब से दो फीसदी का शुल्क जमा करना होता है, जिसे कंपनी ने नहीं जमा किया। इस हिसाब से 62.87 करोड़ रुपये स्टांप चोरी का मामला बनता है। 18 मार्च, 2023 को नई दिल्ली, नेताजी सुभाष प्लेस, प्रीतमपुरा की कंपनी काशी टोल-वे प्राइवेट लिमिटेड ने एनएचएआई से टोल को 15 साल के लिए लीज पर लिया। टोल कंपनी ने एनएचएआई को 3244 करोड़ रुपये का भुगतान किया। राजातालाब-हंडिया हाईवे पर 72.644 किमी की दूरी का कंपनी टोल लेती है। 26 नवंबर, 2024 को प्रमुख सचिव ने टोल के अनुबंधों के जांच के निर्देश दिए। रजिस्ट्री विभाग की ओर से 20 जनवरी को नोटिस जारी कर अनुबंध की प्रति मांगी गई, लेकिन टोल कंपनी ने गोलमोल जवाब देकर टाल दिया और अनुबंध की प्रति नहीं दी। 25 जनवरी, चार मार्च को भी विभाग की ओर से नोटिस दिया। लेकिन हर बार टोल कंपनी प्रति देने में आनाकानी की करती रही। विभाग ने आरटीआई से जानकारी मांगी। आरटीआई से मिली अनुबंध की कॉपी की जांच गई तो, गड़बड़ी खुलकर सामने आ गई है। एआईजी स्टांप पंकज सिंह ने बताया कि काशी टोल-वे का महज अनुबंध नहीं, बल्कि 15 साल का लीज अनुबंध हैं। जिस पर दो फीसदी स्टांप देना पड़ता है। विभाग की जांच में अनुबंध में दो फीसदी स्टांप शुल्क के अनुसार 62.88 करोड़ रुपये स्टांप की चोरी पकड़ में आई है। इसीलिए कलेक्टर स्टांप के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया।



टोल का संचालन कर रही काशी टोल - वे प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। टोल कंपनी का 15 साल का लीज अनुबंध है, फिर भी दो फीसदी की दर से भुगतान नहीं किया गया। करीब 62.87 करोड़ के स्टांप चोरी का मामला पकड़ में आया है। पंकज सिंह एआईजी स्टांप
*1.99 लाख किसानों का डाटा लॉक, जल्द आएगी सम्मान निधि* *20 वीं किस्त के रुप में किसानों के खाते में भेजे आएंगे दो - दो हजार रुपए*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने वाले एक लाख 99 हजार किसानों का डाटा कृषि विभाग ने लॉक कर दिया है। जल्द ही उनके खाते में दो-दो हजार की 20वीं किस्त जारी होगी। उक्त राशि से किसान धान की नर्सरी डालने से लेकर अन्य कार्य कर सकेंगे। अभी तक 20वीं किस्त जारी होने की तिथि तय नहीं है, माना जा रहा है कि इसी सप्ताह में यह राशि किसानों के खाते में भेजी जा सकती है। फरवरी-2025 में किसानों को 19वीं किस्त मिली थी। अब 20वीं किस्त जारी होने की कवायद शुरू हो गई है। जिले में शुरूआत में 2.40 लाख किसानों ने निधि का लाभ लिया था। आयकर दाता भी इसका लाभ लेने लगे, पर सरकार ने इसकी जांच कराई तो ऐसे लगभग 20 हजार लोग सूची से हटाए गए। इसके बाद एक ही परिवार में पति-पत्नी, नई रजिस्ट्री हुई जमीन को दिखाकर लाभ लेने वाले और ज्यादा जमीन वालों के भी लगभग 21 हजार लोगों के नाम कटे। वर्तमान में 1.99 लाख लोग ऐसे रह गए हैं जो वास्तविक किसान हैं, जमीन के मालिक हैं और निधि के हकदार हैं।


1.99 लाख किसानों का डाटा लाॅक कर दिया गया है। इन सभी किसानों का ई-केवाइसी भी हो चुकी है। इसमें 57 प्रतिशत किसानों की फार्मर रजिस्ट्री हुई है। अभी शासन स्तर से कोई तिथि तय नहीं की गई है। उम्मीद है कि एक सप्ताह में यह राशि जारी हो सकती है। -अश्विनी कुमार सिंह, उप निदेशक कृषि
*1573 बेटियों को मिलेंगे 3.14 करोड़*



रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। शादी अनुदान योजना से 1573 बेटियों को तीन करोड़ 14 लाख 60 हजार की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। समाज कल्याण और पिछड़ा वर्ग विभाग को शासन से लक्ष्य मिल गया है। साल 2025-26 में आवेदन करने वाले लाभार्थियों को 20-20 हजार रुपये दिए जाएंगे। गरीब परिवारों को राहत देने के लिए शादी अनुदान योजना संचालित की जा रही थी। इसमें लाभार्थियों को 20 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती थी। इसे मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का संचालन होने के बाद बंद कर दिया गया था। हालांकि, फिर से योजना का संचालन शुरू कर दिया गया है। योजना के तहत साल 2025-26 में अनुसूचित जाति के 426 और सामान्य वर्ग के 193 बेटियों की शादी के लिए अनुदान देने का लक्ष्य तय किया गया है। समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव ने बताया कि अनुदान का लाभ लेने के लिए शादी की तिथि से 90 दिन पहले से लेकर 90 दिन बाद तक ऑनलाइन आवेदन शादी अनुदान डाट यूपीएसडीसी डाट गवर्नमेंट डाट इन पर किया जा सकता है। आवेदन के लिए ग्रामीण क्षेत्र के आवेदक की वार्षिक आय 46,080 रुपये और शहरी क्षेत्र में 56,460 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में 954 बेटियों को योजना का लाभ दिया जाएगा। प्रभारी जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी शत्रुघ्न कन्नौजिया ने बताया कि आवेदन लिया जा रहा है। सत्यापन के बाद पात्र परिवार को योजना का लाभ दिया जाएगा।
*31 गोशालाओं में लगेंगे 93 सीसी कैमरे*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। गोवंशों के प्रति लापरवाही बरतने वाले संचालकों की अब खैर नहीं हैं। गौशाला की सुरक्षा अब बढ़ाई जाएगी। सभी 31 गौशाला में 93 सीसी कैमरे लगाए जाएंगे। डीएम शैलेश कुमार के निर्देश पर पशुपालन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। सीसी कैमरे की निगरानी लखनऊ से की जाएगी। खामियां मिलने पर वहीं से सीधे फोन आएगा। एक गौशाला में तीन-तीन कैमरे लगाए जाएंगे। जिले में तीन स्थायी और 28 अस्थाई समेत कुल 31 गौशाला चल रहे हैं। इसमें करीब आठ हजार गोवंश संरक्षित है। एक गोवंश के भरण पोषण पर एक दिन का 50 रुपये गो आश्रय संचालक को दिया जाता है। जिसमें हरा चारा, पौष्टिक आहार, भूसा, पानी आदि शामिल हैं। अक्सर आश्रय स्थलों में गोवंश को समय से भोजन, पानी समेत अन्य सुविधाएं न मिलने की शिकायत उठती है। समय से उपचार न होने से मवेशियों की मौत भी हो जाती है। आश्रय स्थलों पर होने वाली समस्याओं पर नजर रखने के लिए अब सीसी कैमरा लगाया जाएगा। 31 आश्रय स्थलों पर 93 कैमरे लगेंगे। एक सप्ताह पहले डीएम शैलेश कुमार ने बैठक में इस कार्य को तेजी से कराने का निर्देश भी दिया। बृहद गौशाला के लिए पांच ब्लॉक में नहीं मिली जमीन जिले के सभी ब्लाॅक में एक-एक वृहद गौशाला खोलने की कवायद चल रही है। जिसमें डीघ ब्लाॅक के नारेपार में जमीन चिह्नित कर ली गई है, लेकिन अन्य ब्लॉक में अभी तक जमीन नहीं मिल सकी। नारेपार में जमीन मिलने के बाद भी उसका निर्माण शुरू नहीं हो सका। गो आश्रय स्थलों की निगरानी बढ़ाई जाएगी। इसके लिए सभी आश्रय स्थलों पर तीन-तीन सीसी कैमरे लगाए जाएंगे। कुल 93 कैमरा लगाने की तैयारी है। भविष्य में जरूरत के हिसाब से संख्या और बढ़ सकती है। - डॉ. एके सचान, सीवीओ, भदोही