घबराएं नहीं, सर्पदंश से कम हार्टअटैक से होती हैं 70 फीसदी मौतें
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नितेश श्रीवास्तव,भदोही । मानसून शुरू होते ही सर्पदंश की बढ़ी आशंकाओं को लेकर जिले के 26 स्वास्थ्य केंद्रों पर 880 एंटी वेनम के वायल उपलब्ध हैं। बीते पांच सालों में जिले में सर्पदंश से 23 लोग जान गंवा चुके हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि सर्पदंश से होने वाली मौतों में 70 फीसदी मामले हार्टअटैक के होते हैं। ऐसे में सांप काटने के बाद लोगों को झांड़ फूंक के चक्कर में पड़ने की बजाय स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचकर वैक्सीन लगवानी चाहिए। एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन से 600 से अधिक लोगों की जान भी बचाई जा चुकी है।
जिले में सांपों की 10 से 12 प्रकार की प्रजाति पाई जाती है। जिसमें केवल कोबरा और करैत की प्रजाति ही जहरीली होती है। यह दोनों प्रजातियां खासतौर पर गंगा के तटवर्ती इलाकों में पाई जाती हैं। गाहे-बगाहे अन्य ग्रामीण अंचलों में भी दिख जाते हैं। 100 शय्या के डॉ. सुशील शुक्ला ने बताया कि सर्प दंश से मौत काफी विरले होती है। लोगों की ज्यादातार मौतें हार्ट अटैक और घबराहट के कारण होती है। सांप काटने के बाद लोग घबराने लगते हैं। जिससे उनकी हार्ट बीट रूक जाती और बीपी इत्यादि लो या हाई हो जाती है, जो मौत का कारण बनते हैं। बताया कि सांप काटने हमें झाड़-फूंक की बजाय इलाज पर ध्यान देना चाहिए।
तमाम लोग वैक्सीन लगवाने के बजाए झाड फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं। इससे उन्हें जान गंवानी पड़ती है। सर्प दंश के बाद सीधे स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचना चाहिए। बारिश के सीजन में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं। जिले में सर्पदंश की अधिकतर घटनाएं खेत में होती हैं। सांप के बिल में पानी जाने के बाद वह बाहर निकल कर खेतों के मेड़ों पर बैठे रहते हैं। किसान खेत में जाते हैं, अचानक से सांप के ऊपर पैर पड़ते ही डस लेते हैं।
जहां सांप ने काटा, उस जगह को कपड़े से बांध दे
भुड़की निवासी हौसिला यादव (60) ने बताया कि जिले में सांप की 10 से 12 प्रजातियां पाई जाती हैं। इसमें कोबरा, अजगर, गेंहुअन, असल, दो मुंहा, कराईत, गूंगी और असड़िहा आदि सांप होते हैं। इनमें कोबरा और करैत सांप ही केवल जहरीले होते हैं। इनके काटने पर जान जाने की संभावना अधिक रहती है। बताया कि सांप काटने के बाद सबसे पहले जहां सांप ने काटा है। उससे कुछ ऊपर रस्सी या कपड़ा बांध दें, ब्लड निकल रहा है तो उसे निकलने दें, ठंडा पानी से मुंह धोते रहे। काटने वाले व्यक्ति से बातचीत करते रहें।
स्वास्थ्य केंद्र पर कितने वैक्सीन
जिला अस्पताल - 125
एमबीएस - 295
सौ शैय्या - 20
सुरियावां - 40
गोपीगंज - 60
औराई - 60
दुर्गागंज - 40
डीघ - 30
नोट: 17 पीएचसी पर 10-10 वायल है। इसके अलावा स्टोर में 25 वायल है।
सांप काटने के लक्षण:
- सांप काटने वाली जगह पर सूजन होना
- दर्द, ऐंठन के साथ उल्टी होना
- कंपकंपी होना, सर दर्द होना
- पलकों का न गिरना
- पसीना होना
।सीएचसी, पीएचसी से लेकर जिला अस्पताल तक एंटी स्नेक वेनम वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में है। सर्प दंश की घटनाएं को लेकर तैयारी पूर्ण है। सांप काटने के बाद तुरंत वैक्सीन लगवानी चाहिए, घबराना बिल्कुल नहीं चाहिए। - डॉ. एसके चक, सीएमओ, भदोही।
Jun 23 2025, 19:22