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ग्राम चौपाल 3.0: जिलाधिकारी नेहा शर्मा की त्वरित कार्रवाई से डिडिसिया कलां के 16 मजरों में 3800 से अधिक ग्रामीणों को मिली राहत

गोंडा। 19 जून 2025:

जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निर्देशों के क्रम में जनपद में ग्राम चौपाल 3.0 के तहत प्राप्त जन शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में विकासखंड बेलसर अन्तर्गत ग्राम पंचायत डिडिसिया कलां में आयोजित ग्राम चौपाल के दौरान ग्रामीणों द्वारा स्थानीय जलापूर्ति व्यवस्था बाधित होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी।

स्थानीय नागरिकों ने ग्राम चौपाल के दौरान जिलाधिकारी महोदया के समक्ष यह अवगत कराया कि ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण जलापूर्ति पूरी तरह से प्रभावित हो गई है, जिससे ग्राम पंचायत के 16 मजरों में रहने वाली लगभग 3800 की आबादी को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इस गंभीर जनसमस्या पर त्वरित संज्ञान लेते हुए मौके पर ही अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण खंड को निर्देशित किया कि शीघ्रातिशीघ्र ट्रांसफार्मर को प्रतिस्थापित कर जलापूर्ति व्यवस्था को पुनः चालू किया जाए।

प्रशासनिक स्तर पर सक्रिय पहल करते हुए संबंधित विभाग ने मंगलवार रात्रि से ही आवश्यक कार्यवाही प्रारंभ की। ट्रांसफार्मर को बुधवार शाम तक ठीक कर विद्युत आपूर्ति बहाल की गई। इसके परिणामस्वरूप गुरुवार प्रातः से ही ग्राम पंचायत डिडिसिया कलां के 16 मजरों में जलापूर्ति प्रारंभ हो गई है।

इस त्वरित एवं प्रभावी प्रशासनिक कार्रवाई से प्रभावित आबादी को राहत मिली है, जिससे स्थानीय जनमानस में जिला प्रशासन के प्रति विश्वास और सुदृढ़ हुआ है।

ग्राम पंचायत के शेष मजरों में जलापूर्ति व्यवस्था को पूर्णतया सुचारु बनाने हेतु जल निगम द्वारा पाइप लाइन लीकेज मरम्मत कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। संबंधित कार्यों की सतत निगरानी की जा रही है तथा शीघ्र ही समस्त मजरों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने की प्रक्रिया प्रगति पर है।

मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर चल रही विकास कार्यों के योजनाओं के रैंकिंग की डीएम ने की समीक्षा बैठक

गोण्डा। 19 जून, 2025।

बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से जिले में चल रही विकास कार्यक्रमों के योजनाओं के रैंकिंग की कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा की। उन्होंने प्रोजेक्टर के माध्यम से विभागवार योजनाओं की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने एनआरएलएम विभाग, जल निगम विभाग, फैमिली आईडी, पंचायत विभाग, विद्युत विभाग, पर्यटन विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, पशुपालन विभाग, समाज कल्याण विभाग, प्रोवेशन विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, सिंचाई विभाग आदि विभागों की समीक्षा बैठक की।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों से सीएम डैशबोर्ड पर प्रदर्शित हो रहे एनआरएलएम विभाग, पंचायती राज विभाग, जलजीवन मिशन, पीडब्ल्यूडी विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, प्रधानमंत्री किसान सम्मान तथा पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि कार्यों का शतप्रतिशत कार्य करते हुए फीडिंग कराकर रैंकिंग में सुधार लायें अन्यथा विभागीय कार्यवाही के लिए तैयार रहें।

समीक्षा बैठक के दौरान सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी लोग अपने-अपने विभागों की सीएम डैशबोर्ड से संबंधित कार्यों/ योजनाओं की बराबर समीक्षा करते रहें, ताकि सीएम डैशबोर्ड पर विभाग की रैंकिंग खराब न होने पाए, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

उन्होंने सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों से कहा है कि निरंतर सीएम डैशबोर्ड की निगरानी करते रहें और अपने विभागों के योजनाओं के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दें, निर्धारित समय अवधि में निस्तारण करें। कहा कि संबंधित विभाग सीएम डैशबोर्ड को गंभीरता से लें।

जिलाधिकारी ने कहा कि सभी विभाग छोटी से छोटी कमियों पर ध्यान देते हुए अपनी रैंकिंग में सुधार लाएं।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, परियोजना निदेशक डीआरडीए चन्द्र शेखर, उपनिदेशक कृषि, एडीपीआरओ, जिला प्रोवेशन अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी, डीसी उद्योग बाबूराम, सहायक पर्यटन अधिकारी सभी संबंधित विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

गोंडा में जुलाई खाद्य माह के सापेक्ष निःशुल्क राशन वितरण 20 जून से प्रारंभ"

गोंडा।19 जून 2025*

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अंतर्गत जुलाई माह के सापेक्ष निःशुल्क राशन वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ 20 जून 2025 से होने जा रहा है। यह वितरण कार्यक्रम 10 जुलाई 2025 तक चलेगा, जिसमें अंत्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को नि:शुल्क आवश्यक वस्तुओं का वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निर्देशन में इस व्यवस्था को प्रभावी, पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर पुख्ता तैयारियाँ की गई हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, अंत्योदय कार्डधारकों को प्रति कार्ड 14 किलोग्राम गेहूं एवं 21 किलोग्राम चावल (कुल 35 किलोग्राम) का वितरण नि:शुल्क किया जाएगा। वहीं पात्र गृहस्थी कार्डों से जुड़ी प्रति यूनिट को 2 किलो गेहूं एवं 3 किलो चावल उपलब्ध कराया जाएगा।

इसके साथ ही अंत्योदय कार्डधारकों को त्रैमासिक अप्रैल, मई व जून 2025 के लिए प्रति कार्ड 3 किलोग्राम चीनी ₹18 प्रति किलो की दर से ₹54 में उपलब्ध कराई जाएगी। हालांकि चीनी की आपूर्ति केवल लाभार्थी की मूल राशन दुकान से ही की जाएगी तथा इस पर पोर्टेबिलिटी की सुविधा अनुमन्य नहीं होगी।

राशन वितरण को सुगमता से संपन्न कराने के लिए सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक वितरण की व्यवस्था की गई है। साथ ही प्रत्येक उचित दर विक्रेता की दुकान पर संबंधित विभागों के नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जो अपनी उपस्थिति में वितरण कार्य संपन्न कराएंगे। निगरानी को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु प्रत्येक 8-10 दुकानों पर ब्लॉक, तहसील एवं जिला स्तरीय अधिकारियों को भ्रमणशील नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने स्पष्ट किया है कि राशन वितरण में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी, घटतौली अथवा अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि किसी उपभोक्ता को कोई शिकायत हो तो वह जिला पूर्ति कार्यालय अथवा संबंधित तहसील के उपजिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकता है। दोषी पाए जाने पर संबंधित उचित दर विक्रेता के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

प्रदेश सरकार किसी दुर्घटना में मृत्यु होने पर कृषक के परिवार को दे रही है रू0 05 लाख की आर्थिक सहायता

गोंडा। 19 जून, 2025 - हमारे देश का किसान अपनी फसल की बुवाई से लेकर कटाई तक बड़ी जीतोड़ मेहनत करता है। चाहे गर्मी का मौसम हो, सर्दी का मौसम हो या बरसात का मौसम हो हमारे देश का किसान हर मौसम से लड़ते हुए बहुत मेहनत से फसल को घर तक ले आता है। इस दौरान ठंड गर्मी या आकाशीय बिजली गिरने, किसी दुर्घटना से कभी-कभी किसानों की मौत भी हो सकती है। इस तरह परिवार के कमाऊ सदस्य की असामयिक मौत या दुर्घटना हो जाने से किसान परिवार के ऊपर दुखों का पहाड टूट पड़ता है। इसी समस्या को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ’उ०प्र० मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की शुरूआत की है। यदि किसी किसान की असामयिक मृत्यु/दिव्यांगता होती है तो उसके परिवार को रु0 05 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाती है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु उ०प्र० मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की शुरुआत 2019 में की गई थी और इस योजना का संचालन जिले के जिलाधिकारी द्वारा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत जो किसान 14 सितंबर 2019 के बाद से किसी दुर्घटना में मृत्यु होने पर इस योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है।

किसानों की आजीविका का एकमात्र साधन कृषि ही होता है, अगर किसी परिवार के कमाऊ सदस्य किसान की दुर्घटनावश मृत्यु हो जाती है, या वह शारीरिक रूप से अक्षम हो जाता है, जिसके कारण वह कृषि करने के लायक नहीं रह जाता तो उसके परिवार की जीविका चलाने के लिए कोई साधन नहीं बचता है। इसी समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने इस योजना को शुरू करने का निर्णय लिया है। उ०प्र० मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत किसी किसान की दुर्घटनावश असामयिक मृत्यु हो जाती है तो उसे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रु0 05 लाख तक का मुआवजा प्रदान किया जाता है और यदि किसान की मृत्यु नहीं होती है फिर भी वह विकलांग होता है तो उसे आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत राज्य के सभी किसानों को शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में विभिन्न दुर्घटनाओं में मृत्यु/गंभीर घायलों को लाभ प्राप्त होता है, जिनमें सांप अथवा अन्य जीव-जंतु व जानवर के काटने, मारने व आक्रमण की स्थिति में, आग लगने, बाढ़, बिजली गिरने, करंट लगने से होने वाली दुर्घटना की स्थिति मे, हत्या, आतंकवादी हमला, लूट, डकैती, मारपीट में हुई दुर्घटना में, समुद्र, नदी, झील, तालाब, पोखर व कुएं में डूबने से, रेल, सड़क और हवाई यात्रा के दौरान होने वाली दुर्घटना, आंधी-तूफान, वृक्ष गिरने, दबने व मकान गिरने से होने वाली क्षति के कारण, आकाश से बिजली गिरने, आग लगने, बाढ़ आदि में होने वाली दुर्घटना की स्थिति में और सीवर चैम्बर में गिरने से होने वाली दुर्घटना की स्थिति में किसान / संबंधित परिवार को लाभान्वित किया जाता है।

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत लाभ उन्ही किसानों को दिया जायेगा जो उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी हैं। जिनकी आयु 18 से 70 वर्ष के मध्य हो। भूलेख निर्गत खतौनी में दर्ज खातेदार/सह खातेदार, भूमिहीन व्यक्ति जो पट्टे से प्राप्त कृषि भूमि के पट्टाधारक हो या बटाईदार जो कृषि का कार्य करते हो उनकी दुर्घटनावश मृत्यु अथवा विकलांगता के शिकार हुए हों उनके माता-पिता, पत्नी, पुत्र-पुत्री, पुत्रवधू, पौत्र-पौत्री जिनकी आय का जरिया खातेदार / सहखातेदार में दर्ज कृषिभूमि से चलता हो, इस योजना के लिए पात्र होंगें। ऐसे किसान जिनके पास खुद की जमीन नहीं है किन्तु वह बटाई अथवा पट्टे की भूमि लेकर खेती करतें हैं उन्हें अथवा उनके आश्रितों को भी योजना का लाभ दिया जाता है।

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में आवेदन करने हेतु प्रमुख दस्तावेज लगाने होते है जिनमें तहसील से प्राप्त खतौनी की प्रमाणित प्रति, रजिस्टर्ड निजी पट्टेदार हेतु प्रस्तर् 3 (क) के अनुसार पट्टे की प्रमाणित प्रति, बटाईदार हेतु प्रस्तर 3 (ख) के अनुसार कोई एक प्रमाण पत्र, नृतक विकलांग व्यक्ति की आयु का प्रमाण, मृत्यु प्रमाण पत्र, मृतक / विकलांग निवास का प्रमाण, मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अथवा जहां पर पोस्टमार्टम संभव नहीं है वहां पर पंचनामा, दिव्यांगता की स्थिति में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र, मृतक के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति संलग्न करने होते है।

प्रदेश के राजस्व विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के सफल एवं सुचारू रूप से क्रियान्वयन किये जाने हेतु वेबपोर्टल/सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है जो आमजनता के लिए क्रियाशील है। उत्तर प्रदेश में इस योजनान्तर्गत शुरूआत से लेकर अब तक कुल प्रदेश के दुर्घटनाग्रस्त मृत्यु पर 1,01,237 किसानों को रू0 4252.50 करोड़ का वितरण करते हुए लाभान्वित किया गया है।

सीएचसी हलधरमऊ में कन्या जन्मोत्सव का आयोजन

गोण्डा। 19 जून, 2025।

 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हलधरमऊ में बृहस्पतिवार को कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महिला कल्याण विभाग द्वारा ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के अंतर्गत आयोजित किया गया। बालिकाओं के जन्म को उत्सव के रूप में मनाकर समाज में सकारात्मक संदेश देने और लिंग समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत अधीक्षक डॉ. संत प्रताप वर्मा, डॉ. अरुन तथा हलधरमऊ चौकी इंचार्ज उपनिरीक्षक बृजेश कुमार द्वारा बालिका से केक कटवाकर की गई। 

इस अवसर पर सेंटर मैनेजर चेतना सिंह ने वन स्टॉप सेंटर पर महिलाओं को मिलने वाली सहायता और सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी। चाइल्ड हेल्पलाइन के परियोजना समन्वयक आशीष मिश्र ने बच्चों के लिए संचालित चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जानकारी साझा की। जिला मिशन कोऑर्डिनेटर (एचईडब्लू) शिवेंद्र श्रीवास्तव ने महिलाओं के लिए उपलब्ध विभिन्न टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी।

 वहीं जेंडर स्पेशलिस्ट ज्योत्सना सिंह ने महिलाओं के लिए चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया। जेंडर स्पेशलिस्ट राजकुमार आर्य ने ‘हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमेन’ योजना की जानकारी साझा की। 

कार्यक्रम में बीपीएम अभिषेक त्रिपाठी, केस वर्कर मुकेश भारद्वाज, कांस्टेबल मणिकांत चौहान आशा कार्यकर्ता, अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी और लाभार्थी उपस्थित रहे।

डीएम की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति/ जिला गंगा समिति की बैठक हुई सम्पन्न


गोण्डा 19 जून, 2025। बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पर्यावरणीय समिति/ जिला गंगा समिति की बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें उन्होंने वर्ष -2025 में होने वाले वृक्षारोपण के लक्ष्य के सापेक्ष शतप्रतिशत पौधरोपण करने की तैयारी समय से पहले करना सुनिश्चित करें। बैठक में सभी विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया कि यह सुनिश्चित करें सभी तैयारियां पूर्ण कर लें।समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि सभी विभाग अपने-अपने विभाग में लक्ष्य के सापेक्ष शतप्रतिशत गढ्ढे की जीयोटैगिंग कर लें।

इसके अलावा जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जनपद में वेटलैंड को अतिक्रमण एवं जलकुंभी से मुक्त किया जाए साथ ही जो वेटलैंड मृत हो चुके हैं उन्हें पुनर्जीवित किया जाए। बैठक के सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं कि दो दिवस के अंदर पौधों की मांग पत्र अनिवार्य रूप से भेज दें।

वालपेटिंग वाली दीवालों पर पोस्टर लगाने वाले संस्थाओं पर लगेगा जुर्माना।

बैठक में जिलाधिकारी ने नगरपालिका गोण्डा को निर्देश दिये हैं कि शहर से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण समय से कराते रहे। साथ ही खनन विभाग को निर्देश दिया गया है कि जनपद के सभी ईंट भट्ठों का नियमानुसार निरीक्षण करें, तथा जनपद में हो रहे, अवैध खनन को प्रभावी कार्यवाही करते हुए रोक लगायें। ताकि जनपद में कोई भी ईंट भट्ठा अवैध रूप से न चलने पाये। साथ ही साथ जनपद में अवैध खनन पर विशेष ध्यान दिया जाय, ताकि जनपद में कहीं पर अवैध रूप से मिट्टी खनन न होने पाये।

बैठक में डीएम ने सभी विभाग के अधिकारियों से पौधारोपण की गहन समीक्षा करते हुए सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये है कि शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष शतप्रतिशत पौधों के जीयोटैगिंग करना सुनिश्चित करें।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभाग के जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस बार वृक्षारोपण के समय जनपद के सभी नदियों के किनारे विभिन्न प्रकार के पौधे रोपित किए जाएंगे। इसके लिए सभी विभाग के अधिकारी पहले से ही सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर लें।

इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, प्रभागीय वनाधिकारी पंकज कुमार शुक्ल, डीसी मनरेगा, खनन विभाग, अपर जिला पंचायत राज अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी सत्येंद्र सिंह, नगर पालिका गोण्डा, और नगर पंचायत सहित सभी संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

*जनपद में जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निर्देश पर अमृत सरोवरों में जल भराव शुरू, तपती गर्मी में राहत की उम्मीद*

जनपद गोंडा में भीषण गर्मी और जलस्रोतों के सूखने की समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने तत्काल प्रभाव से अमृत सरोवरों और पारंपरिक तालाबों में जल भराव के निर्देश जारी किए हैं। उनके स्पष्ट व दूरदर्शी निर्देशों के अनुपालन में राजकीय नलकूपों से जल भरने का कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है।

जिलाधिकारी द्वारा संबंधित विभागों—नलकूप खंड, ग्राम विकास तथा पंचायती राज—को निर्देशित किया गया है कि वे आपसी समन्वय से कार्य को शीघ्रता, पारदर्शिता और प्रभावशीलता से पूर्ण करें। साथ ही, हर दिन की प्रगति रिपोर्ट शाम तक उनके कार्यालय और मुख्य विकास अधिकारी को अनिवार्य रूप से भेजी जाए, ताकि सतत निगरानी सुनिश्चित की जा सके।

कार्य प्रगति की स्थिति

जिला विकास अधिकारी श्री सुशील श्रीवास्तव ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर लगभग 60 तालाबों में जल भराव का कार्य प्रारंभ हो चुका है। इससे पहले मौखिक निर्देशों के तहत 1200 से अधिक तालाबों में भी सफलतापूर्वक जल भराव कराया गया था, जिससे सकारात्मक प्रभाव सामने आया।

प्रशासनिक निर्देशों का क्रियान्वयन

अधिशासी अभियंता, नलकूप खंड को निर्देशित किया गया है कि राजकीय नलकूपों के समीप स्थित अमृत सरोवरों में प्राथमिकता से जल भराव कार्य करें।

खंड विकास अधिकारियों को सरोवरों की सूची तत्काल अधिशासी अभियंता को उपलब्ध कराने व कार्य की निगरानी व्यक्तिगत रूप से करने के निर्देश मिले हैं।

जिलाधिकारी ने इस अभियान को जल जीवन मिशन, पर्यावरणीय संतुलन और ग्रामीण जीवन के हितों से जोड़ते हुए शीघ्रता व संवेदनशीलता से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा है।

मारीशस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार हेतु भारतीय दल रवाना

गोण्डा। सुदूर अफ्रीका महाद्वीप में स्थित मारीशस की अकादमिक यात्रा के लिए लखनऊ से तीस भारतीय प्रोफेसर का एक दल रवाना हुआ। अंतरराष्ट्रीय अवधी अकादमी, लखनऊ, भारत, आर्य महासभा, मॉरीशस एवं हिंदी साहित्य अकादमी, मारीशस के संयुक्त तत्वावधान में 'महात्मा गांधी के कालजयी दृष्टिकोण की पुनर्कल्पना : 21वीं सदी के परिप्रेक्ष्य में' विषयक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में देश के अलग-अलग हिस्सों से जा रहे मनीषी विचार- विमर्श करेंगें।

गोण्डा से एल.बी.एस. कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र नाथ मिश्र और उसी विभाग के प्रोफेसर जयशंकर तिवारी भी सेमिनार में सम्मिलित हो रहे हैं।

लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर अंतरराष्ट्रीय अवधी अकादमी के संस्थापक निदेशक डॉ. गंगा प्रसाद शर्मा 'गुणशेखर' जी ने यात्रियों के दल को सुखद यात्रा और सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं। इस यात्रा से जहाँ एक ओर भारत और मॉरीशस के संबंध मधुर एवं सुदृढ़ होंगे वहीं समकालीन वैश्विक परिवेश में विश्व शांति हेतु गांधी दर्शन की प्रासंगिकता समझी जा सकेगी।

अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन सचिव प्रो. अनिल कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि इस आयोजन में मॉरीशस से स्थानीय समन्वयक के रूप में हिंदी साहित्य अकादमी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. हेमराज सुंदर जी और डॉ. जयचंद लाल बिहारी जी योगदान दे रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मारीशस के राष्ट्रपति और भारतीय उच्चायोग, मारीशस से भी यात्रियों का दल शिष्टाचार भेंट करेगा।

*जिलाधिकारी ने किसान दिवस पर किसानों के साथ की बैठक, समस्याएं सुनी और दिए त्वरित निस्तारण के निर्देश*

*गोंडा।बुधवार को किसान दिवस के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी गोंडा श्रीमती नेहा शर्मा की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से किसान प्रतिनिधियों ने भाग लिया और अपनी समस्याएं जिलाधिकारी के समक्ष रखीं। जिलाधिकारी ने किसानों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए।

बैठक में मुख्य रूप से सिंचाई, खाद-बीज की उपलब्धता, बिजली आपूर्ति, फसल बीमा, नलकूपों की मरम्मत, और समर्थन मूल्य पर खरीद जैसी समस्याएं उठाई गईं। किसानों ने बताया कि कई क्षेत्रों में आवारा पशुओं के कारणों से फसलों का काम नहीं कर रहे हैं। जिससे फसलों को बचाने में बाधा आ रही है। इस पर जिलाधिकारी ने पशु चिकित्सा अधिकारी को तत्काल सर्वे कर आवश्यक कार्यवाही शीघ्र करने के निर्देश दिए।

इसके अलावा, किसानों के द्वारा अवगत कराए गए समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए समय से उसका समाधान करायें, और किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता से लें।

जिलाधिकारी ने कृषि विभाग को निर्देशित किया कि वे खाद और बीज वितरण की नियमित मॉनिटरिंग करें, तथा सभी दुकानों की जांच करते रहें। फसल बीमा के दावों के निस्तारण में हो रही देरी पर भी जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और बीमा कंपनियों को चेतावनी दी कि किसानों के दावे समय से निपटाए जाएं।

जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान अधिकारियों से कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे कृषि तकनीकों को अपनाएं और विभाग द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं का लाभ उठाएं।

बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने सभी किसानों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा, और हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, उपनिदेशक कृषि प्रेम ठाकुर, जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह, एसडीईएओ कृषि शिवशंकर चौधरी, जिला पंचायत राज अधिकारी लालजी दुबे, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी सहित अन्य सभी संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

*भीषण गर्मी में गोवंश की देखभाल के लिए जिलाधिकारी नेहा शर्मा की सख्त पहल: प्रतिदिन दो बार निरीक्षण के निर्देश*

गोंडा। गर्मियों की भीषण परिस्थितियों के बीच गोवंश की सुरक्षा और देखभाल को लेकर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने एक बार फिर संवेदनशीलता और प्रशासनिक दृढ़ता का परिचय दिया है। जिलाधिकारी ने जनपद में संचालित सभी गो-आश्रय स्थलों पर व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से खण्ड विकास अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है। खण्ड विकास अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक पंचायत सचिव अपने क्षेत्र के गो-आश्रय स्थलों का प्रतिदिन दो बार—सुबह और शाम—निरीक्षण करें और व्यवस्थाओं की रिपोर्ट फोटोग्राफ्स के साथ वाट्सएप समूह में साझा करें।

नेहा शर्मा ने कहा है कि गोवंश की देखभाल केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक मानवीय और प्रशासनिक दायित्व है। संज्ञान में यह बात आई है कि कुछ गो-आश्रय स्थलों पर हरे चारे, पेयजल, चिकित्सा और स्वच्छता जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की अनदेखी हो रही है, जिससे वहां संरक्षित गोवंश को समस्याएं हो रही हैं। जिलाधिकारी ने इस स्थिति को ‘अत्यंत खेदजनक एवं अस्वीकार्य’ करार देते हुए इसे सुधारने के लिए तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने अपने निर्देशों में खण्ड विकास अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा है कि वे न केवल सचिवों के माध्यम से निगरानी सुनिश्चित करें, बल्कि स्वयं भी रैंडम निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की स्थिति का आकलन करें और जहां कमियां पाई जाएं, उनका तत्काल निराकरण कराएं।

इसके अतिरिक्त, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को भी निर्देशित किया गया है कि वे वाट्सएप समूह में साझा किए गए फोटोग्राफ्स और रिपोर्ट्स का सूक्ष्म विश्लेषण करें और जिन समस्याओं का समाधान उनके स्तर से संभव हो, उन्हें तत्काल प्रभाव से अटेंड करें। साथ ही, वे प्रत्येक शनिवार को विकासखण्डवार रिपोर्ट जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करें, जिससे जिलास्तर पर व्यवस्थाओं की समीक्षा हो सके।