/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz *31 गोशालाओं में लगेंगे 93 सीसी कैमरे* News 20 Uttar Pradesh
*31 गोशालाओं में लगेंगे 93 सीसी कैमरे*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। गोवंशों के प्रति लापरवाही बरतने वाले संचालकों की अब खैर नहीं हैं। गौशाला की सुरक्षा अब बढ़ाई जाएगी। सभी 31 गौशाला में 93 सीसी कैमरे लगाए जाएंगे। डीएम शैलेश कुमार के निर्देश पर पशुपालन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। सीसी कैमरे की निगरानी लखनऊ से की जाएगी। खामियां मिलने पर वहीं से सीधे फोन आएगा। एक गौशाला में तीन-तीन कैमरे लगाए जाएंगे। जिले में तीन स्थायी और 28 अस्थाई समेत कुल 31 गौशाला चल रहे हैं। इसमें करीब आठ हजार गोवंश संरक्षित है। एक गोवंश के भरण पोषण पर एक दिन का 50 रुपये गो आश्रय संचालक को दिया जाता है। जिसमें हरा चारा, पौष्टिक आहार, भूसा, पानी आदि शामिल हैं। अक्सर आश्रय स्थलों में गोवंश को समय से भोजन, पानी समेत अन्य सुविधाएं न मिलने की शिकायत उठती है। समय से उपचार न होने से मवेशियों की मौत भी हो जाती है। आश्रय स्थलों पर होने वाली समस्याओं पर नजर रखने के लिए अब सीसी कैमरा लगाया जाएगा। 31 आश्रय स्थलों पर 93 कैमरे लगेंगे। एक सप्ताह पहले डीएम शैलेश कुमार ने बैठक में इस कार्य को तेजी से कराने का निर्देश भी दिया। बृहद गौशाला के लिए पांच ब्लॉक में नहीं मिली जमीन जिले के सभी ब्लाॅक में एक-एक वृहद गौशाला खोलने की कवायद चल रही है। जिसमें डीघ ब्लाॅक के नारेपार में जमीन चिह्नित कर ली गई है, लेकिन अन्य ब्लॉक में अभी तक जमीन नहीं मिल सकी। नारेपार में जमीन मिलने के बाद भी उसका निर्माण शुरू नहीं हो सका। गो आश्रय स्थलों की निगरानी बढ़ाई जाएगी। इसके लिए सभी आश्रय स्थलों पर तीन-तीन सीसी कैमरे लगाए जाएंगे। कुल 93 कैमरा लगाने की तैयारी है। भविष्य में जरूरत के हिसाब से संख्या और बढ़ सकती है। - डॉ. एके सचान, सीवीओ, भदोही
*ग्रामीण क्षेत्रों में 15 घंटे ही मिल रही बिजली*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। गर्मी और उमस के बीच बिजली कटौती ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। शहर से लेकर गांव तक कटौती की मार झेल रहे हैं। कटौती संग ट्रिपिंग ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। रोस्टर का शेड्यूल धराशाई हो चुका है। चार से पांच घंटे अतिरिक्त बिजली कटने से लोग बेहाल हैं। रात में तीन से चार घंटे की कटौती से लोगों की नींद तक पूरी नहीं हो पा रही है। शासन स्तर से शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे और ग्रामीण अंचलों में 22 घंटे बिजली आपूर्ति का रोस्टर तय किया है, लेकिन गर्मी में स्थिति खराब हो गई है। जिला मुख्यालय समेत नगरीय क्षेत्रों में 18 से 19 और ग्रामीण क्षेत्रों में 14 से 15 घंटे बिजली मिल रही है। अभोली ब्लॉक स्थित विद्युत उपकेंद्र अभोली और मिश्राइनपुर फीडर से लगातार कटौती हो रही है। इससे एक लाख की आबादी प्रभावित हो रही है। कटौती से नीबी, गड़ौरा, मिल्कीपुर, सराय होला, फत्तूपुर, ख्योंखर, जगतपुर, दुर्गापुर, अभोली , दुर्गागंज, गौरा, मसुधी, गंगारामपुर सहित 30 गांवों के लोग प्रभावित हैं। आशुतोष तिवारी, सुमन मिश्रा, राकेश पांडे ने अघोषित कटौती रोकने की मांग की। एसडीओ राजेश जायसवाल ने बताया कि गर्मी पड़ने से ऑटोमेटिक मशीन ओवर हीट हो जा रही हैं, जिससे आपूर्ति ट्रिप हो जाती है। ठंडा होने पर ही मशीन चलती है। जिसकी वजह से यह परेशानी उठानी पड़ रही है। महराजगंज के चकापुर उपकेंद्र से भी कटौती हो रही है। सुबह-शाम मिलाकर पांच घंटे बिजली कट रही है। चौरी उपकेंद्र से जुड़े 80 गांव और ममहर उपकेंद्र से 75 गांव जुड़े हैं। दोनों उपकेंद्रों से 15 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है। रात में दो से तीन घंटे की कटौती लोगों की परेशानी बढ़ाती है। करियावं उपकेंद्र से हर घंटे पर बिजली ट्रिप कर जा रही है। मोढ़ के बरदहवा फीडर में भी बिजली की कटौती होती है। अधीक्षण अभियंता राधेश्याम ने बताया कि गर्मी के कारण लोड बढ़ गया है। मशीने गर्म होने से वह ऑटोमैटिक बंद हो जाती है। मेन से भी कटौती चल रही है।
*मां दुर्गा मंदिर का 2.80 करोड़ से होगा सौंदर्यीकरण*



रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जलालपुर स्थित प्राचीन दुर्गा माता मंदिर का 2.80 करोड़ की लागत से सुंदरीकरण होगा। मंदिर तक पहुंच मार्ग के लिए सीसी रोड व परिसर की इंटरलॉकिंग के साथ सामुदायिक हाल का निर्माण, सीमेंटेड कुर्सियां, रेलिंग और शेड निर्माण के साथ-साथ प्रकाश व पेयजल व्यवस्था की जाएगी। नगर विकास विभाग की ओर संचालित वंदन योजना के तहत यह विकास कार्य होंगे। धार्मिक व पौराणिक स्थलों के जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण के लिए वंदन योजना संचालित है। इस मंदिर पर नवरात्र में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। पालिकाध्यक्ष नरगिस अतहर ने बताया कि वंदन योजना के तहत जलालपुर वार्ड के दुर्गा मंदिर का चयन किया गया है। 2.80 करोड़ का डीपीआर नगर विकास विभाग के पास भेजा गया है। जल्द ही स्वीकृति मिलने पर काम शुरू होगा।
*17.50 फीसदी पर ठिठकी गेहूं की खरीद* *15 जून तक होनी है खरीद,20 फीसदी तक पहुंचना मुश्किल*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। क्रय केंद्र प्रभारियों की उदासीनता कहें या फिर बाजार में अधिक कीमत मिलने से गेहूं खरीद की रफ्तार ठिठक गई है। खरीद के लिए अब चंद दिन शेष हैं। ऐसे में लक्ष्य पूरा करना मुश्किल दिख रहा है। अभी तक मात्र 17.50 फीसदी ही खरीद हो सकी है। क्रय केंद्रों पर सन्नाटा पसरा है। ऐसे में 15 जून तक 20 फीसदी तक पहुंचना मुश्किल दिख रहा है। साल 2024 में लक्ष्य ढाई गुना अधिक होने पर भी पांच हजार मिट्रिक टन के करीब खरीद हुई थी। रबी और खरीफ सीजन में सरकार गेहूं और धान किसानों से खरीदती है। अबकी बार 17 मार्च से जिले में गेहूं खरीद के लिए 36 क्रय केंद्र खोले गए, हालांकि खरीद की शुरूआत अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू हो सकी। मई में खरीद में तेजी आई, हालांकि जून के पहले सप्ताह तक खरीद ठिठक गई है। छह जून तक 18 हजार 500 मिट्रिक टन के सापेक्ष 3237 मिट्रिक टन की खरीद हो सकी है। जंगीगंज, गोपीगंज, औराई के विपणन केंद्रों को छोड़ दिया जाए तो अन्य केंद्रों पर खरीद की स्थिति ठीक नहीं है। अब तक हुई खरीद पर नजर डाली जाए तो विपणन विभाग के छह केंद्रों को मिले लक्ष्य के मुकाबले 50 फीसदी खरीद हुई जबकि अन्य केंद्रों की हालत ठीक नहीं रही। इसके लिए एजेंसियों को नोटिस जारी किया गया है, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हो सका है। गेहूं खरीद कम होने के पीछे कुछ क्रय केंद्र प्रभारियों की उदासीनता भी है। खरीद की सुस्त रफ्तार का मुख्य कारण बाजार में गेहूं की अधिक कीमत होना भी है। व्यापारियों ने किसानों से संपर्क करके खलिहान और घर से ही खरीद कर लिया है। जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि केंद्रों पर पहुंचने वाले किसानों को गेहूं खरीद के लिए सभी सुविधाएं दी गई। खरीद बढ़ाने के लिए मोबाइल क्रय केंद्रों का प्रयोग किया गया। तमाम कवायद के बाद भी 17.50 फीसदी खरीद हो सकी है।
*जिला अस्पताल में बढ़ी मरीजों की संख्या*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल में उल्टी-दस्त और डायरिया के मरीजों में वृद्धि होता जा रहा है। संक्रामक बीमारी से पीड़ित मरीजों को ड्रिप लगा दिया जा रहा है। वार्ड में भर्ती मरीज आराम होने के बाद वापस लौट जा रहे थे। जिला चिकित्सालय में तीन वार्ड मरीजों के भर्ती होने के लिए बने हैं और तीनों वार्ड वातानुकूलित है। फीजिशियन डॉ प्रदीप कुमार ने बताया कि बदलते मौसम में एलर्जी और अन्य गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में वृद्धों और बच्चों की सेहत के प्रति गंभीर रहना जरूरी है।
*आरआरसी चलाएंगी समूह की महिलाएं, चयन प्रक्रिया शुरू*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले की ग्राम पंचायतों में कूड़ा निस्तारण के लिए बने रिसोर्स रिकवरी सेंटर का संचालन अब समूह की महिलाएं करेंगी। प्रधानों की उदासीनता को देखते हुए पंचायती राज विभाग चयन की प्रक्रिया में जुट गया है। इससे आने वाले समय में गांव में गीला और सूखा कचरा निस्तारण में महिलाएं अहम भूमिका निभाएंगी। जिले में 546 ग्राम पंचायतें हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत इन ग्राम पंचायतों में दो लाख 81 हजार एकल शौचालय बनाए गए हैं, जबकि सभी गांव में करोड़ों की लागत से सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं। ओडीएफ फेज-2 में एकल शौचालय से वंचित परिवारों को संतृप्त किया जा रहा है। हर गांव को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए रिसोर्स रिकवरी सेंटर बनाया जा रहा है। जहां गीला और सूखा कूड़ा निस्तारित किया जाएगा। करीब आठ से 12 लाख की लागत से बनने वाले यह सेंटर अब तक 250 गांव में पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन क्रियाशील मात्र 50 ही हैं। शेष 300 गांव में अभी निर्माण चल रहा है। अभी तक इनका संचालन ग्राम प्रधान करा रहे थे, लेकिन काम अधिक होने के कारण वह इस पर फोकस नहीं कर पाते। पंचायती राज विभाग की तरफ से इसके संचालन की जिम्मेदारी भी महिलाओं को दी जाएगी। जिला पंचायत राज अधिकारी संजय मिश्रा ने बताया कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना शासन की प्राथमिकता में शामिल है। गांव को महिला हितैषी बनाया जा रहा है। समूह के माध्यम से आआरसी का संचालन किया जाएगा। महिलाओं का चयन वरियता के आधार पर किया जाएगा।
*47 मतदान केंद्रों पर लगेंगे दो-दो बीएलओ* *आयोग का फरमान, तीन हजार मतदाता तक रहेंगे एक बीएलओ*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना भले जारी नहीं हुई, लेकिन तैयारी धीरे-धीरे होने लगी है। मतदाता सूची संशोधन से लेकर अन्य कार्य अब शुरू होंगे। इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग का पत्र स्थानीय कार्यालय में आ गया है। इसमें तीन हजार मतदाताओं पर एक और उससे अधिक होने पर मतदान केंद्रों पर दो बीएलओ लगाने के निर्देश दिए गए हैं। कुल 47 ऐसे मतदान केंद्र हैं, जहां पर दो-दो बीएलओ की तैनाती की जाएगी। लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत हर पांच साल पर लोकसभा, विधानसभा, पंचायत चुनाव कराया जाता है। वर्ष 2026 में पंचायत चुनाव प्रस्तावित है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायतों के चुनाव होते हैं। चुनाव से पहले मतदाता सूची संशोधित करने के लिए बीएलओ की ड्यूटी लगाई जानी है। इससे पहले उनकी सूची राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी जाएगी। जिला प्रशासन भी पंचायत चुनाव की घोषणा से पहले तैयारी में जुट गया है। साल 2021 के अनुसार जिले की तीनों तहसीलों में 647 मतदान केंद्र और 1810 बूथ हैं। आगामी चुनावों में यह संख्या घट-बढ़ सकती है। 647 मतदान केंद्र में 47 ऐसे हैं जिन पर मतदाताओं की संख्या तीन हजार से अधिक है। अपर निर्वाचन आयुक्त डॉ. अखिलेश मिश्र ने पत्र जारी कर बूथ, मतदान केंद्र, बीएलओ के चयन से लेकर अन्य तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसमें तीन हजार मतदाता पर एक और उससे अधिक मतदाता पर दो बीएलओ की तैनाती के लिए कहा गया है। सहायक निर्वाचन अधिकारी पंचस्थानीय डीएस शुक्ला ने बताया कि शिक्षकों, लेखपालों, ग्राम पंचायत सचिवों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका का ब्योरा लेना है। इसी आधार पर पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में मतदाताओं के नाम बढ़ाने व घटाने का काम होगा। उन्होंने बताया कि 47 मतदान केंद्रों पर तीन हजार से अधिक मतदाता हैं। जहां पर दो बीएलओ तैनात होंगे। बीएलओ के लिए 710 किट भी मंगा ली गई है।
*राजकीय गोदामों पर आया 585 क्विंटल धान, क्रय करें किसान*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। धान की रोपाई के लिए किसान नर्सरी डालना शुरू कर दिये हैं। किसानों को बीज के लिए परेशान न होना पड़े उन्हें अनुदान देकर सस्ते दर पर बीज मुहैया कराने के प्रयास में कृषि विभाग लगा है। विभिन्न प्रजातियों के 585 क्विंटल धान राजकीय बीज गोदामों पर पहुंच चुका है। किसान अनुदानित दर पर बीज हासिल कर नर्सरी डाल सकते हैं। इस बार रोपाई का लक्ष्य बढ़ाकर 54 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल कर दिया गया है। नर्सरी डालने का समय आते ही किसान बीज को लेकर भागदौड़ शुरू कर देते हैं। 682 क्विंटल धान बीज वितरण का लक्ष्य तय किया गया है। जिला कृषि अधिकारी रत्नेश कुमार सिंह ने बताया कि एमटीयू 7029 व एचयूआर 917, सीओ 51, सीएस 76 प्रजाति के585 क्विंटल बीज की आपूर्ति कर दिया गया है। एमटीयू 7029 बीच का मूल्य 46.10 रुपये किलो तय किया गया है। जिसमें प्रति किलो 13 रुपये अनुदान हासिल होगा। जबकि एचयूआर 917 का मूल्य 61.38 रुपये तय है। इसमें 26 रुपये अनुदान तो सीएस 76 का मूल्य 46.10 रुपये में 23 रुपये तो सीओ 51 के तय मूल्य 45.09 रुपये किलो में 22 रुपये अनुदान तय है। उन्होंने किसानों से कहा कि वह आधार कार्ड लेकर राजकीय बीज गोदामों पर जाकर धान का बीज प्राप्त करें।
*212 गांव संवेदनशील, 22 बाढ़ चौकियां स्थापित*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में बाढ़ से बचने और बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जिले में 212 गांवों को बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील श्रेणी में डाला गया है। बाढ़ से निपटने के लिए 22 बाढ़ चौकियां और इतने ही बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं। वहीं जिला स्तरीय बाढ़ स्टीयरिंग कमेटी का गठन कर लिया गया है। जिले में गंगा तटीय इलाका करीब 35 किमी है। इसमें से कई गांव ऐसे हैं। जहां गंभीर रूप से बाढ़ की स्थिति बनती है। खासकर डीघ ब्लॉक के कोनिया क्षेत्र के छेछुआ, भुर्रा, इटहरा और मवैया थानसिंह, हरिरामपुर जैसे क्षेत्र बाढ़ की दृष्टिकोण से संवेदनशील की श्रेणी में हैं। हालांकि यहां पर कटान की समस्या हर साल बनी रहती है। कोनिया क्षेत्र में गंगा का घुमाव होने के कारण जब-जब तेज हवाएं चलती हैं तो गंगा की लहरें तटों से टकराने पर कटान की स्थिति बनती है। इसी तरह औराई क्षेत्र कुछेक इलाके बाढ़ के लिए संवेदनशील होते हैं। मानसून से पहले ही जिला प्रशासन ने बाढ़ के लिए तैयारियां तेज कर दी है। जिसमें बाढ़ को देखते हुए 212 गांवों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा बाढ़ चौकियां 22, बाढ़ राहत शिविर 22, बाढ़ चौकी से संबंध सभी 212 गांव में 40 छोटी नाव, 15 बड़ी नाव, 10 मझौली नाव, गोताखोर 13 की ड्यूटी लगाई गई है। वहीं कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम भी स्थापित किया किया गया है। बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। बाढ़ की तैयारियों के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सभी विभागों के साथ बैठक की जा चुकी है। उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं।

आने वाले समय में बाढ़ जैसी संभावनाएं बनने पर हर तरह से तैयारियां पुख्ता हैं। कुंवर वीरेन्द्र मौर्य, एडीएम, वित्त एवं राजस्व।
*पुलिस लाइन में बन रहा प्रशिक्षण कैंप*



रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पुलिस लाइन में प्रशिक्षण केंद्र खोला जाएगा। इसके लिए पुलिस लाइन में ट्रैक इत्यादि का निर्माण कराया जाएगा। अब तक पुलिस भर्ती के नए रंग रूटों को ट्रेनिंग के लिए बाहर जाना होता था। अब जनपद में ही प्रशिक्षण ट्रैक का निर्माण कराया जा रहा है। जिले में पुलिस में भर्ती हुए नए रंगरूटों के लिए जिले में प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं थी। इसके लिए मिर्जापुर या अन्य जनपदों में प्रशिक्षण होता था। हालांकि अब भदोही में भी ट्रेनिंग कैंप की व्यवस्था हो गई है। ज्ञानपुर पुलिस लाइन में 200 रंगरूटों के लिए आवास, बैरक, पीटी कोर्ट, पाथ रनवे के अलावा हर वह व्यवस्था की जा रही है, जो एक सिपाही को मिलनी चाहिए। ट्रेनिंग के लिए नए रंगरूटों का पहला बैच जून में शुरू होगा। उनके लिए वह सारी व्यवस्था की जा रही है, जो एक प्रशिक्षण कैंप में होनी चाहिए। इनके लिए बकायदा कैंटीन रहेगी, तो सामूहिक मैस, सामूहिक स्नानगृह, दौड़ने के ट्रैक, कंप्यूटर में दक्ष होके लिए बकायदा कंप्यूटर लाइब्रेरी होगी, इसमें 50 कंप्यूटर लगेंगे। पुलिस लाइन में चलने वाले इस प्रशिक्षण में भाग ले रहे रंगरूटों की हर गतिविधियों पर नजर रखने को 50 सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक का कहना है कि जून से कैंप चालू हो जाएगा। इस बीच शासन की जो गाइडलाइन हैं उसके अनुरूप सारी सुविधाएं यहां हो जाएंगी।