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युक्तियुक्तकरण : BEO ने पद का किया दुरुपयोग, हिंदी टीचर पत्नी को बताया गणित का टीचर, आयुक्त द्वारा किया गया सस्पेंड

दुर्ग-  युक्तियुक्तकरण में लापरवाही को लेकर आज दो बड़ी कार्रवाई हुई है। एक ओर जहां बालोद में जिला शिक्षा अधिकारी को युक्तियुक्तकरण से अलग कर दिया गया, तो वहीं एक BEO को सस्पेंड कर दिया गया। दुर्ग जिले के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी (BEO) गोविंद साव को शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में कर्तव्य में गंभीर लापरवाही और कदाचार का दोषी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि साव ने अपनी पत्नी को अतिशेष घोषित होने से बचाने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर कर जानकारी में कुटरचना की। दुर्ग संभाग के आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने कलेक्टर दुर्ग के प्रतिवेदन के आधार पर यह कार्रवाई की है।

दुर्ग जिले के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी गोविंद साव पर पद का दुरुपयोग कर पत्नी को लाभ पहुंचाने का आरोप सिद्ध होने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन की यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकृत, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1)(क) के तहत की गई है।

निलंबन आदेश के अनुसार, निलंबन अवधि में साव का मुख्यालय कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग रहेगा और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा। साव पर आरोप है कि उन्होंने युक्तियुक्तकरण के अंतर्गत परिशिष्ट-02 में अपनी पत्नी कुमुदनी साव को “उच्च वर्ग शिक्षक (हिंदी)” के बजाय “उच्च वर्ग शिक्षक (गणित)” के रूप में दर्ज किया। यह बदलाव जानबूझकर इसलिए किया गया ताकि गणित विषय की आवश्यकता बताकर उनकी पत्नी को अतिशेष शिक्षकों की सूची से बाहर रखा जा सके।

इस प्रकार की कुटरचना एक जिम्मेदार अधिकारी के पद पर रहते हुए न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया का उल्लंघन है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 03 के भी प्रतिकूल है, जो अधिकारियों से निष्पक्षता, ईमानदारी और पारदर्शिता की अपेक्षा करता है।कलेक्टर दुर्ग द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में इस विषय को गंभीरता से उठाया गया था। इसके आधार पर संभागीय आयुक्त ने तुरंत संज्ञान लेते हुए साव को निलंबित किया और उनके विरुद्ध विभागीय जांच की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है।

मुख्यमंत्री श्री साय से केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान श्री साय ने श्री पासवान को कोसा वस्त्र एवं बेल मेटल से बने स्मृति चिन्ह भेंटकर आत्मीय स्वागत किया। गौरतलब है कि केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री चिराग पासवान आज एक दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ पहुंचे थे।

अजीत जोगी प्रतिमा विवाद : रेणु और अमित जोगी ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, लगाए गंभीर आरोप

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर उपजा विवाद अब और गहराता जा रहा है। सोमवार को पूर्व विधायक डॉ. रेणु जोगी और अमित जोगी ने गौरेला कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपते हुए मांग किया कि जोगी की प्रतिमा का विधिवत अनावरण जल्द से जल्द हो।

रेणु जोगी ने कलेक्टर से मुलाकात के बाद कही ये बात

पूर्व विधायक डॉ. रेणु जोगी ने कहा कि स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा के लिए उन्होंने नगर पंचायत, कलेक्टर और अन्य संबंधित अधिकारियों से वैधानिक अनुमति मांगी थी ताकि युवाओं को प्रेरणा मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि आज पहली बार कलेक्टर को यह जानकारी हुई कि वह जमीन सरकारी नहीं बल्कि निजी है।

अमित जोगी ने इस दौरान नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिस स्थान पर प्रतिमा स्थापित की गई थी, वह भूमि उनकी निजी संपत्ति है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “मैं अपनी जमीन पर किसकी प्रतिमा लगाऊं या नहीं लगाऊं, यह कोई नगरपालिका तय नहीं कर सकती।” अमित ने 2020 में प्राप्त अनापत्ति प्रमाण पत्र का हवाला देते हुए दावा किया कि प्रतिमा पूरी तरह से कानूनी तरीके से स्थापित की गई थी।

CMO पर गंभीर आरोप

अमित जोगी ने गौरेला नगर पालिका के सीएमओ नारायण साहू पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि सीएमओ ने “दारू पिलाकर गुंडों को भेजा” जिन्होंने प्रतिमा को चुराया। उन्होंने यह भी कहा कि ये लोग उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और बनारस से बुलाए गए थे।

अमित ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर को सीएमओ की शिकायत शासन स्तर पर हटाने के लिए दी है और कलेक्टर ने इस पर सहमति जताई है। साथ ही उन्होंने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि वे प्रतिमा चोरी के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है। अमित ने कहा कि जब हम खुद CMO की लाइव लोकेशन ट्रैक कर सकते है तो पुलिस क्यों नहीं कर सकती।

क्या है विवाद की जड़?

अमित जोगी का कहना है कि प्रतिमा को उनके अधिपत्य की भूमि पर वैधानिक रूप से स्थापित किया गया था और इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री की मौजूदगी में होना था। मगर इससे पहले ही प्रतिमा को कथित तौर पर रातों-रात चोरी कर लिया गया। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी यह झूठा भ्रम फैला रहे हैं कि उस जगह पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगनी थी।

अमित जोगी ने दिया था अल्टीमेटम

अमित जोगी ने इससे पहले चेतावनी दी कि यदि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती तो वे आंदोलन का रुख अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस को लोकेशन की जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं होती, तो यह प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े करता है।

अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ शासन के 2003 और 2015 के शहरी विकास दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि यह नियम सिर्फ सार्वजनिक भूमि पर लागू होते हैं, जबकि उनका मामला निजी जमीन से जुड़ा है। उन्होंने बताया कि स्थापित मूर्ति की ऊंचाई सिर्फ ढाई मीटर है, जो नियमानुसार है।

CMO नारायण साहू ने दी सफाई, कहा- “हमारी कोई भूमिका नहीं”

पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर मचे बवाल के बीच गौरेला नगर पालिका के मुख्य नगरपालिका अधिकारी (CMO) नारायण साहू ने अपना पक्ष सामने रखा है। मूर्ति तोड़फोड़ के आरोपों पर सफाई देते हुए उन्होंने किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया।

साहू ने कहा, “यह जो घटना हुई है, उसके बारे में मुझे किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है। किन व्यक्तियों ने इस कृत्य को किया है, वह अपने स्वयं के विवेक से किए होंगे। शासन जो भी कार्रवाई करेगा, उसमें हम साथ हैं। इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है, ना ही नगर पालिका प्रशासन की कोई भूमिका है।”

CCTV फुटेज को लेकर प्रतिक्रिया

जब उनसे पूछा गया कि प्रतिमा को नगर पालिका कार्यालय के पास छोड़ दिया गया और CCTV कैमरों से कुछ फुटेज भी मिले हैं, तो उन्होंने कहा, “CCTV कैमरे में जो भी फुटेज आए हैं, वह जांच का विषय है। जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी।”

आरोपों से किया इनकार

अमित जोगी द्वारा लगाए गए आरोपों जवाब देते हुए नारायण साहू ने स्पष्ट कहा, “हमारी कोई भूमिका नहीं है। ना ही हमने किसी को ऐसा करने के लिए कहा और ना ही हमारी मंशा ऐसी कोई कार्रवाई करने की रही है।”

फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी हासिल करने वाली शिक्षिका बर्खास्त, हाइकोर्ट के फैसले के बाद संयुक्त संचालक ने जारी किया आदेश…

बिलासपुर- फर्जी आदिवासी जाति की प्रमाण पत्र बनवाकर शिक्षिका बनी महिला को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने व उच्च स्तरीय छानबीन समिति पिछड़ा वर्ग की पाए जाने पर जेडी ने नौकरी बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है. 

दरअसल, उर्मिला बैगा वर्तमान में शासकीय पूर्व मध्यमिक शाला चांटीडीह, विखं बिल्हा में पदस्थ है. उनके खिलाफ ओबीसी होते हुए अनुसूचित जनजाति के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने की शिकायत हुई थी. इस मामले में उच्च स्तरीय छानबीन समिति कार्यालय आयुक्त आदिम जाति व अनुसूचित जाति विकास विभाग पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर से जांच कराया गया. इसमें शिक्षिका के पिता रतनलाल के दादा दुखिया पिता हरिराम के मिसल अभिलेख 1926-20 को देखा गया. इसमें ढीमर जाति अंकित था.

रतनलाल की सर्विस बुक में भी ढीमर दीमर जाति अंकित है. साथ ही शिक्षिका के शासकीय प्राथमिक शाला कुदुदंड के दाखिल खारिज रजिस्टर में भी जाति ढीमर लिखा हुआ है. 

ढीमर जाति केंद्र व राज्य सरकार की अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल है. 11 दिसंबर 2006 को अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने आदेश पारित किया. इसमें शिक्षिका की अनुसूचित जनजाति की जाति प्रमाण प्रमाण पत्र को गलत बताकर निरस्त कर दिया, और कहा गया कि उसके आधार पर पाई गई नौकरी को भी तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए. 

इस आदेश के पालन में जिला शिक्षा अधिकारी ने 7 फरवरी 2007 को शिक्षिका उर्मिला बैगा की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया. जिसके खिलाफ शिक्षिका ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई. कोर्ट ने 1 मार्च 2007 को जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश पर स्टे लगा दिया, लेकिन बाद में शिक्षिका ने अपनी याचिका वापस ले ली. इसके कारण कोर्ट ने पूर्व में जारी अंतरिम आदेश को समाप्त कर दिया. इसके आधार पर संयुक्त संचालक शिक्षा आरपी आदित्य ने उच्च स्तरीय छानबीन समिति के पारित निर्णय एवं हाईकोर्ट के पारित निर्णय 24 जुलाई 2024 के पालन में उर्मिला बैगा को सेवा से पृथक कर दिया है.

देखें आदेश :

फार्म हाउस में छापा मारकर पुलिस ने 14 जुआरियों को किया गिरफ्तार

बिलासपुर-  शहर में जुआरियों के खिलाफ पुलिस लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है. पुलिस ने रविवार को एक फार्म हाउस में छापा मारकर 14 जुआरियों को गिरफ्तार किया. पकड़े गए आरोपियों क पास से 3 लाख रुपए कैश, 5 लग्जरी कार और 17 मोबाइल फोन जब्त किया गया है. कोटा थाना में आरोपियों के खिलाफ जुआ एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.

जानकारी के अनुसार, अजयपुर स्थित बंटी कश्यप के फार्म हाउस में बड़ी संख्या में शहर से जुआरी 52 परियों पर पैसों का दांव लगाकर जुआ खेल रहे थे. मुखबिर की सूचना पर एसीसीयू प्रभारी एएसपी अनुज कुमार के नेतृत्व में एसीसीयू और कोटा पुलिस की संयुक्त टीम ने फार्म हाउस में दबिश दी. 


छापेमारी के दौरान कुछ जुआरी मौके से फरार हो गए, जबकि मिश्रीलाल कश्यप, हरिओम साहू, दीपक सोनी, ज्वाला सूर्यवंशी, प्रदीप पाण्डेय, राकेश कहार, शांतनु बघेल, राजेन्द्र कुम्हारे, मनोज कश्यप, यशोधर कश्यप, सागर कश्यप, महेन्द्र वर्मा, सिरीश कश्यप और राजकुमार तेजवानी को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने आरोपियों से 3,04,200 नगद, 17 मोबाइल फोन और मौके पर खड़ी 5 लग्जरी कारें—इनोवा (CG10 AE 8187), टियागो (CG10 AM 1573), बलेनो (CG10 AZ 5491), किया सेल्टॉस (CG10 BK 3849) और विटारा ब्रेजा (CG10 BE 7804) जप्त की है. गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022 के तहत कार्रवाई की जा रही है. 

उदंती अभ्यारण क्षेत्र में अवैध बस्ती पर चला बुलडोजर, 29 लोगों ने हजारों पेड़ काटकर वन भूमि पर किया था कब्जा

गरियाबंद- डेढ़ साल बाद फिर उदंती सीता नदी अभ्यारण्य के बफर जोन इलाके के अवैध बस्ती पर बुलडोजर चला है। इस बार इंदागांव रेंज के घुमरापदर गांव से लगे जंगल में बसे अवैध बस्ती पर कार्रवाई हुई है। उप निदेशक वरुण जैन के साथ 100 से ज्यादा वन और पुलिस अमला अतिक्रमण हटाने में जुटे रहे।

उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि अभ्यारण्य में बसी 6वीं अवैध बस्ती को उजाड़ा गया। 29 अवैध कब्जाधारियों के विरुद्ध नामजद प्रकरण दर्ज किया गया है। ये लोग पिछले 10 सालों में हजारों पेड़ों की अवैध कटाई कर 60 हैक्टेयर वन भूमि पर कब्जा कर लिए थे। उन्हें छोड़ने कई बार नोटिस दिया गया था। ये लोग यहां मकान बनाकर रहते हुए वन भूमि पर मक्के और धान का फसल ले रहे थे। नोटिस अवधि खत्म होने के बाद बेदखली की कार्रवाई की गई है।

अब तक खाली करा चुके 700 हेक्टेयर वन भूमि

उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया, पिछले डेढ़ साल में 5 से ज्यादा अवैध बस्ती बेदखल कर 700 हेक्टेयर वन भूमि को खाली कराया जा चुका है। खाली कराए भूमि में पौधरोपण के अलावा जल एवं भूमि संरक्षण के लिए कंटूर ट्रेंच का निर्माण कराया गया है। बेदखली के बाद से अभ्यारण्य इलाके में होने वाले वन्य जीव के शिकार में कमी आई है। इसके अलावा वन्य प्राणियों के लिए अनुकूल वातावरण बनने से प्राणियों के कुनबे में बढ़ोतरी हुई है।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन की कार्रवाई, 249 दुकानदारों पर लगा जुर्माना

रायपुर- छत्तीसगढ़ में आमजन को गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे निरीक्षण अभियान के तहत राज्य के विभिन्न जिलों से एकत्र किए गए औषधि नमूनों की जांच में पांच दवाएं अमानक पायी गई हैं।

विभागीय जानकारी के अनुसार, रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सक्ति, राजनांदगांव, कोंडागांव, सूरजपुर सहित अन्य जिलों से कुल 34 औषधि नमूनों को एकत्र कर रायपुर स्थित राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया था। मई 2025 में जांच उपरांत इनमें से 03 दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरीं।

अमानक घोषित दवाएं:

  • विल्डमेड टैबलेट (बैच नं. VGT 242068A) – निर्माता: वृंदावन ग्लोबल, सोलन (हि.प्र.)
  • रिफलीवे एम टैबलेट (बैच नं. HG 24080598) – निर्माता: आई हील फार्मास्युटिकल्स, बद्दी (हि.प्र.)
  • डोंलोकैर डी एस सस्पेंशन (बैच नं. DCN-002) – निर्माता: क्विक्सोटिक फार्मा, मोहाली (पंजाब)

इन दवाओं का उपयोग मधुमेह, बुखार व संक्रमण जैसे रोगों के उपचार में किया जाता है। विभाग द्वारा संबंधित उत्पादकों एवं वितरकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, “जनस्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अमानक औषधियां बेचने या वितरित करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमारी सरकार राज्य में उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है। सभी औषधि विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे केवल मान्यता प्राप्त व प्रमाणित दवाएं ही विक्रय करें।”

नशीली दवाओं के विरुद्ध सख्ती:

राज्यभर में नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए औषधि निरीक्षकों की टीमों द्वारा मेडिकल स्टोर्स पर लगातार छापेमारी की जा रही है। शासन के निर्देश पर सभी मेडिकल प्रतिष्ठानों को सीसीटीवी कैमरे से युक्त किए जाने की दिशा में भी तेजी से कार्य जारी है।

तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष अभियान:

विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) के अवसर पर राज्य में विशेष अभियान चलाया गया। औषधि निरीक्षकों द्वारा कोटपा अधिनियम, 2003 की धारा 4 व 6 के तहत शिक्षण संस्थानों के समीप पान दुकानों और सार्वजनिक स्थलों पर 249 चालान जारी किए गए। प्रत्येक पर ₹100 की दर से जुर्माना लगाया गया।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे दवाओं की खरीद करते समय गुणवत्ता और वैधता की जांच अवश्य करें तथा संदिग्ध औषधियों की सूचना विभाग को दें।

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में छात्राओं के साथ अभद्रता, कार्रवाई नहीं होने पर किया विरोध प्रदर्शन

रायपुर- कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय (KTU) में छात्राओं से गाली-गलौज की घटना के विरोध में छात्रों ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। आरोप है कि बॉयस हॉस्टल से गर्ल्स हॉस्टल की लड़कियों के नाम लेकर रात के समय गंदी-गंदी गालियां दी गई।

घटना के बाद छात्राओं ने सुरक्षा कर्मियों, हॉस्टल इंचार्ज, रजिस्ट्रार और कुलपति से शिकायत की, लेकिन किसी ने भी उनकी सुनवाई नहीं की। घटना को दो दिन बीत जाने के बाद रजिस्ट्रार सुनील कुमार ने छात्रों को कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बावजूद छात्राओं ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे फिर से उग्र आंदोलन करेंगी।

प्रदर्शन के दौरान पांच सूत्रीय मांगों पर सहमति बनी और प्रशासन ने कार्रवाई का आश्वासन दिया।

ये हैं छात्राओं की मांगें :

गाली-गलौज और अभद्र व्यवहार करने वाले लड़कों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

हॉस्टल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।

गर्ल्स हॉस्टल और बॉयस हॉस्टल आमने-सामने नहीं होने चाहिए, किसी एक को हटाया जाए।

हॉस्टल में दो-दो गार्डों की तैनाती हो।

परिसर में सुनवाई के लिए जिम्मेदार व्यक्ति तैनात किया जाए।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा – बस्तर में धर्मांतरण का सबसे ज्यादा खतरा, छत्तीसगढ़ में निकालेंगे पदयात्रा, जशपुर में चर्च के सामने करेंगे कथा

बिलासपुर- बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री आज बिलासपुर पहुंचे हैं. पं. शास्त्री ने धर्मांतरण को लेकर कहा, भारत में सबसे ज्यादा धर्मांतरण का खतरा बस्तर में है, इसलिए आगामी समय में छत्तीसगढ़ में पदयात्रा करेंगे. जशपुर में कथा करेंगे. यहां एशिया का सबसे बड़ा चर्च है, उसके ठीक सामने कथा करेंगे. 7 नवंबर से दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा करेंगे.

मीडिया से बातचीत करते हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, छत्तीसगढ़ की भूमि अद्भुत है. प्रभु श्रीराम का ननिहाल आकर प्रसन्नता हुई. बस्तर में माओवादियों के खिलाफ चलाए गए अभियान को लेकर पंडित शास्त्री ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, गृहमंत्री विजय शर्मा व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को साधुवाद दिया है।


मुख्यधारा में लौटें नक्सली, हिंदू राष्ट्र बनकर रहेगा भारत : शास्त्री


पं. शास्त्री ने नक्सलियों से आग्रह किया है कि भारत को भारत रहने दें. मूलधारा में आकर भारत की परंपरा के साथ कदम मिलाकर चलें, ताकि विदेशी ताकतों से लड़ सकें और भारत को अखंड बनाया जा सके. उन्होंने कहा, भारत हिंदू राष्ट्र बनकर रहेगा. हमने प्लान बना दिया है. संतों का कमंडल बागेश्वर धाम से निकलेगा.

मंत्री केदार कश्यप ने की सहकारिता विभाग के कार्यों की समीक्षा की

रायपुर- सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने आज महानदी मंत्रालय भवन में सहकारिता विभाग की वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर राज्य में रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति, भण्डारण एवं किसानों को वितरण की स्थिति की गहन समीक्षा की। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि किसानों को सुगमता से रासायनिक उर्वरक उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सहकारी समितियों की है। किसानों की डिमांड को देखते समितियों में नियमित रूप से खाद का भण्डारण एवं वितरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि किसानों को डीएपी के विकल्प के रूप में अन्य उर्वरकों के उपयोग के लिए जागरूक किया जाना चाहिए।

मंत्री श्री कश्यप ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि किसानों को खाद के लिए भटकना न पड़े। निजी क्षेत्र की दुकानों में किसी भी तरीके की गड़बड़ी न हो इस पर भी कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए। उन्होंने उर्वरकों को निर्धारित दाम से अधिक मूल्य पर बेचने और कालाबाजारी की शिकायतों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि किसानों के हितों का संरक्षण सरकार की प्राथमिकता है। इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए।

बैठक में जानकारी दी गई कि खरीफ सीजन 2025 के लिए सहकारिता के लिए 10.72 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य है। इसके विरूद्ध 4.10 लाख मीट्रिक टन का भण्डारण हुआ है, जो कि लक्ष्य का 38.23 प्रतिशत है। किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से रासायनिक उर्वरकों का वितरण जारी है। 31 मई की स्थिति में 1.57 लाख मीट्रिक टन खाद का वितरण किसानों को किया जा चुका है। सहकारी समितियों में वर्तमान में 2.52 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक उपलब्ध है।

मंत्री श्री कश्यप ने अधिकारियों को राज्य में सहकारिता को मजबूत करने और ग्रामीणों, किसानों को इसका लाभ पहुंचाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में सहकारी समितियों के गठन के निर्देश दिए। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि सहकारिता से समृद्धि के लिए यह जरूरी है। बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में 11650 ग्राम पंचायतें है, जिनमें 2058 पैक्स, 1958 मत्स्य, 1009 दुग्ध तथा 1055 लघु वनोपज सहकारी समितियां पंजीकृत है। राज्य की 8611 सहकारी समिति विहीन ग्राम पंचायतों का चिन्हांकन कर युक्तियुक्त करते हुए 1279 अतिरिक्त ग्राम पंचायतों को आच्छादित किया गया है। इस वर्ष 1175 दुग्ध, 120 मत्स्य तथा 532 पैक्स के गठन का लक्ष्य है।

बैठक में खरीफ वर्ष 2025 के लिए ऋण वितरण की भी गहन समीक्षा की गई। बैठक में जानकारी दी गई कि इस साल 7800 करोड़ रूपए के ऋण वितरण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 4.90 लाख किसानों को 2441 करोड़ रूपए का ऋण वितरित किया जा चुका है। बैठक में अधिकारियों को 30 जून तक सभी सहकारी समितियों का ऑडिट पूरा कराने के निर्देश दिए है।

बैठक में सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सचिव सी.आर. प्रसन्ना, एमडी मार्कफेड किरण कौशल, संचालक कृषि राहुल देव, अपेक्स एमडी के.एन. काण्डे, अपर आयुक्त हितेश दोषी सहित सभी संभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।