/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz *212 गांव संवेदनशील, 22 बाढ़ चौकियां स्थापित* News 20 Uttar Pradesh
*212 गांव संवेदनशील, 22 बाढ़ चौकियां स्थापित*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में बाढ़ से बचने और बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जिले में 212 गांवों को बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील श्रेणी में डाला गया है। बाढ़ से निपटने के लिए 22 बाढ़ चौकियां और इतने ही बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं। वहीं जिला स्तरीय बाढ़ स्टीयरिंग कमेटी का गठन कर लिया गया है। जिले में गंगा तटीय इलाका करीब 35 किमी है। इसमें से कई गांव ऐसे हैं। जहां गंभीर रूप से बाढ़ की स्थिति बनती है। खासकर डीघ ब्लॉक के कोनिया क्षेत्र के छेछुआ, भुर्रा, इटहरा और मवैया थानसिंह, हरिरामपुर जैसे क्षेत्र बाढ़ की दृष्टिकोण से संवेदनशील की श्रेणी में हैं। हालांकि यहां पर कटान की समस्या हर साल बनी रहती है। कोनिया क्षेत्र में गंगा का घुमाव होने के कारण जब-जब तेज हवाएं चलती हैं तो गंगा की लहरें तटों से टकराने पर कटान की स्थिति बनती है। इसी तरह औराई क्षेत्र कुछेक इलाके बाढ़ के लिए संवेदनशील होते हैं। मानसून से पहले ही जिला प्रशासन ने बाढ़ के लिए तैयारियां तेज कर दी है। जिसमें बाढ़ को देखते हुए 212 गांवों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा बाढ़ चौकियां 22, बाढ़ राहत शिविर 22, बाढ़ चौकी से संबंध सभी 212 गांव में 40 छोटी नाव, 15 बड़ी नाव, 10 मझौली नाव, गोताखोर 13 की ड्यूटी लगाई गई है। वहीं कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम भी स्थापित किया किया गया है। बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। बाढ़ की तैयारियों के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सभी विभागों के साथ बैठक की जा चुकी है। उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं।

आने वाले समय में बाढ़ जैसी संभावनाएं बनने पर हर तरह से तैयारियां पुख्ता हैं। कुंवर वीरेन्द्र मौर्य, एडीएम, वित्त एवं राजस्व।
*पुलिस लाइन में बन रहा प्रशिक्षण कैंप*



रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पुलिस लाइन में प्रशिक्षण केंद्र खोला जाएगा। इसके लिए पुलिस लाइन में ट्रैक इत्यादि का निर्माण कराया जाएगा। अब तक पुलिस भर्ती के नए रंग रूटों को ट्रेनिंग के लिए बाहर जाना होता था। अब जनपद में ही प्रशिक्षण ट्रैक का निर्माण कराया जा रहा है। जिले में पुलिस में भर्ती हुए नए रंगरूटों के लिए जिले में प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं थी। इसके लिए मिर्जापुर या अन्य जनपदों में प्रशिक्षण होता था। हालांकि अब भदोही में भी ट्रेनिंग कैंप की व्यवस्था हो गई है। ज्ञानपुर पुलिस लाइन में 200 रंगरूटों के लिए आवास, बैरक, पीटी कोर्ट, पाथ रनवे के अलावा हर वह व्यवस्था की जा रही है, जो एक सिपाही को मिलनी चाहिए। ट्रेनिंग के लिए नए रंगरूटों का पहला बैच जून में शुरू होगा। उनके लिए वह सारी व्यवस्था की जा रही है, जो एक प्रशिक्षण कैंप में होनी चाहिए। इनके लिए बकायदा कैंटीन रहेगी, तो सामूहिक मैस, सामूहिक स्नानगृह, दौड़ने के ट्रैक, कंप्यूटर में दक्ष होके लिए बकायदा कंप्यूटर लाइब्रेरी होगी, इसमें 50 कंप्यूटर लगेंगे। पुलिस लाइन में चलने वाले इस प्रशिक्षण में भाग ले रहे रंगरूटों की हर गतिविधियों पर नजर रखने को 50 सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक का कहना है कि जून से कैंप चालू हो जाएगा। इस बीच शासन की जो गाइडलाइन हैं उसके अनुरूप सारी सुविधाएं यहां हो जाएंगी।
*सहायता राशि बढ़ी,घट गया लक्ष्य* *अब 55 हजार के बजाय बेटियों के खाते में भेजे जाएंगे 60 हजार*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की सहायता राशि बढ़ने के साथ नए वित्तीय वर्ष का लक्ष्य घट गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में जहां 831 जोड़ों के विवाह का लक्ष्य था। वहीं 2025-26 में 416 तय हुआ है, हालांकि विभाग का मानना है कि आने वाले समय में लक्ष्य बढ़ भी सकता है। गरीब बेटियों के हाथ पीले करने के लिए सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना चला रही है। अभी तक योजना में 51 हजार रुपये खर्च होते थे। इसमें 35 हजार वधू के खाते में जाता है और 10 हजार का सामान और छह हजार शादी-विवाह के आयोजन पर खर्च किया जाता है। शासन स्तर से अब अनुदान की राशि को बढ़ा दिया गया है। अब मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में एक लाख रुपये खर्च होगा। इसके तहत 60 हजार रुपये वधू के बैंक खाता में जमा कराए जाएंगे। 25 हजार रुपये की उपहार सामग्री और 15 हजार रुपये आयोजन खर्च के मद में शामिल है। अनुदान राशि जहां बढ़ा दी गई वहीं लक्ष्य कम हो गया है। इस साल सिर्फ 416 शादियों का लक्ष्य तय किया गया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव ने बताया कि लाभार्थियों की संख्या तो शासन से तय कर दी गई है। शासन से जो लाभार्थियों का लक्ष्य मिला है वह बढ़ भी सकता है।



सामूहिक विवाह योजना की पात्रता - कन्या के अभिभावक उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हों। - कन्या या कन्या के अभिभावक निराश्रित, निर्धन और जरूरतमंद हों। - आवेदक के परिवार की वार्षिक आय सीमा अधिकतम दो लाख तक हो। - विवाह के लिए किए गए आवेदन में पुत्री की आयु शादी की तिथि को 18 वर्ष या उससे अधिक होनी अनिवार्य है - वर की आयु भी विवाह की तिथि को 21 वर्ष या इससे अधिक होनी चाहिए। - आयु की पुष्टि के लिए स्कूल शैक्षिक रिकॉर्ड, जन्म प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र, मनरेगा जॉब कार्ड, आधार कार्ड मान्य होंगे। - कन्या अविवाहित हो या विधवा, तलाकशुदा जिसका कानूनी रूप से तलाक हो गया हो, का पुनर्विवाह किया जाना हो। - अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र देना होगा। - विवाह के लिए निराश्रित कन्या, विधवा महिला की पुत्री, दिव्यांगजन अभिभावक की पुत्री, ऐसी कन्या जो स्वयं दिव्यांग हो, उसको प्राथमिकता दी जाएगी।
*28 को आएंगी महिला आयोग की सदस्य*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। राज्य महिला आयोग की सदस्य नीलम प्रभात 28 म‌ई की सुबह 11 बजे भदोही आएंगी। वह राजकीय अतिथि गृह ज्ञानपुर में महिला जनसुनवाई में भाग लेंगी। जिला प्रोबेशन अधिकारी शत्रुघ्न कन्नौजिया ने बताया कि जन सुनवाई में कोई भी महिला या बालिका,जो किसी प्रकार की हिंसा, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न या अन्य उत्पीड़न से पीड़ित को शिकायत कर सकती हैं।
*मूंसीलाटपुर में बनेगी पुलिस चौकी 60 गांवों के लोगों को मिलेगी मदद* *चौकी बनने से कानून व्यवस्था के अनुपालन में मिलेगी मदद*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले के मूंसीलाटपुर में पुलिस चौकी बनेगी। चौकी बनाने के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है। जल्द ही वहां चौकी की स्थापना होगी। मूंसीलाटपुर में चौकी बनने से 60 गांवों की बड़ी आबादी को लाभ मिलेगा। वहीं आने वाले दिनों में वहां प्रस्तावित परियोजनाओं के बनने से कानून व्यवस्था के अनुपालन में भी मदद मिलेगी। जिले के मूंसीलाटपुर में जिला स्टेडियम और फायर स्टेशन मौजूद है। स्टेडियम में हर दिन बड़ी संख्या में खिलाड़ी प्रैक्टिस करने और खेलने के लिए जाते हैं। वहीं समय-समय पर यहां बड़े-बड़े आयोजन भी होते हैं। वहीं मूंसीलाटपुर के आसपास की करीब 50 से 60 गांवों की आबादी को पुलिस की मदद के लिए सात से आठ किमी दूर भदोही कोतवाली जाना पड़ता है। घटना-दुर्घटना होने के बाद पुलिस को भी मौके पर पहुंचने में समय लगता है। मूंसीलाटपुर में आने वाले दिनों में जिला कारागार और रोडवेज बस डिपो बनाया जाना है। जिला कारागार को लेकर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं रोडवेज डिपो को लेकर भी जमीन की पहचान हो गई है। ऐसे में आने वाले दिनों में मूंसीलाटपुर में लोगों की आवाजाही और चहल पहल बढ़ेगी। ऐसी दशा में वहां कानून व्यवस्था के अनुपालन में परेशानी न आए। इस लिहाज से भी मूंसीलाटपुर में पुलिस चौकी की स्थापना महत्वपूर्ण हो गई है। जिला प्रशासन की ओर से मूंसीलाटपुर में 0.190 हेक्टेयर ऊसर जमीन को पुलिस चौकी निर्माण के लिए चिह्नित किया गया है। जमीन पहचान की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है, जल्द ही वहां पर चौकी स्थापना होगी। पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक ने बताया कि मूंसीलाटपुर में चौकी बनाए जाने को लेकर जमीन की पहचान हो गई है। कुछ प्रक्रिया बाकी है। उसे जल्द ही पूरा कर पुलिस चौकी की स्थापना की जाएगी।
*मानसून आने से पहले तीन लाख मवेशियों को लगेगा गलाघोंटू का टीका*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। मवेशियों को गलाघोंटू बीमारी से बचाव को पशु पालन विभाग टीकाकरण करेगा। जिले में तीन लाख गोवंशों को गलाघोंटू का टीका लगाया जाएगा। बर्ड फ्लू की जांच के बाद पशु विभाग की टीम टीकाकरण अभियान में लगेगी। 18 हजार गलाघाेंटू टीका की पहली खेप जिले में पहुंच चुकी है। गला घोंटू पशुओं को होने वाली एक घातक बीमारी है। यह एक जीवाणु संक्रमण है, जो गले और नाक की अंदरूनी परत को प्रभावित करता है। इससे पशुओं को सांस लेने में मुश्किल और गले में खराबी आती है। मुख्य रूप से गाय, भैंस और अन्य मवेशियों में होने वाली यह बीमारी का खतरा सबसे अधिक मानसून सीजन में होता है। जिसको लेकर हर साल पशुपालन विभाग पशुओं का टीकाकरण करता है। इस साल भी मानसून सीजन के पहले पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। हर साल 15 मई से टीकाकरण आरंभ हो जाता था, लेकिन इस बार बर्ड फ्लू को लेकर चल रहे जांच के कारण उसमें 16 पशु चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है। वहां से खाली होने के बाद चिकित्सक गला घोंटू टीकाकरण अभियान में लगेंगे। सीवीओ डा. एके सचान ने बताया कि जिले में कुल मवेशियों की संख्या करीब तीन लाख 50 हजार है। इसमें दो लाख 95 हजार पशुओं को गलाघोंटू टीका लगाने का लक्ष्य शासन स्तर से प्राप्त हुआ है। आगामी 15 जून से टीकाकरण अभियान शुरू होगा।
*विभाग के निरीक्षण के लिए रुका है एमसीएच विंग का लोकार्पण*




रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में महाराजा बलवंत सिंह राजकीय अस्पताल में बना 100 बेड का मातृ-शिशु विंग का लाभ अब तक लोगों को नहीं मिल पा रहा है। वर्ष 2018 से बनकर तैयार नगर के इस अस्पताल का संचालन हेरिटेज समूह को करना है। अभी विभाग की ओर से निरीक्षण नहीं किया गया है। हालांकि उसे बीते साल ही हैंडओवर कर दिया गया। इसके बाद अब इसके संचालन को लेकर देरी लोगों की समझ से परे हैं। एमबीएस अस्पताल में 100 बेड का मातृ-शिशु विंग वर्ष 2018 में तैयार हो गया है। कोविड काल में इसका इस्तेमाल एल-वन अस्पताल के रूप में किया गया। कोविड से पार पाने के बाद फिर से हेरिटेज को इसके हस्तांतरण की बात चली, तो एक न एक कमी के चलते हैंडओवर में देरी होती गई। किसी तरह बीते साल सितंबर में हेरिटेज समूह ने अस्पताल पर अधिकार प्राप्त कर लिया। इसके बाद से ही अटकलें लगाई जाने लगीं कि शीघ्र ही अस्पताल का संचालन शुरू हो जाएगा और लोगों को भारी सहूलियत हो जाएगी अब इस साल मई महीना बीतने वाला है, लेकिन अब तक अस्पताल की सेवाएं लोगों को नहीं मिल सकी हैं। पिछले तीन महीनों से अधिकारिक स्तर पर केवल यह कहा जा रहा है कि अगले सप्ताह इसका निरीक्षण होगा। शासन की हरी झंडी मिलने की देरी है। हरी झंडी मिलते ही अस्पताल का शुभारंभ हो जाएगा, लेकिन तीन माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक स्थिति में कोई विशेष बदलाव नहीं आया है। आम आदमी के लिए संतोष की बात बस इतनी ही है कि अस्पताल को शुरू करने के लिए हेरिटेज की ओर से पूरी तैयारी कर ली गई है। कहां जा रहा है कि लखनऊ स्वास्थ्य विभाग से अधिकारियों के निरीक्षण के लिए मामला लटका है। स्वास्थ्य विभाग की हरी झंडी मिलते ही लोकार्पण कर दिया जाएगा।



अस्पताल का संचालन किन कारणों से लटका है। इसकी जानकारी ली जाएगी। जल्द ही अस्पताल निरीक्षक किया जाएगा। जल्द ही अस्पताल का निरीक्षण किया जाएगा और संचालन में जो भी तकनीकी दिक्कतें आ रही है। उसे दूर कराकर जल्द संचालन सुनिश्चित कराया जाएगा। शैलेश कुमार डीएम भदोही
*मिलावट करेंगे तो होंगे बदनाम, चौराहे पर लगेगी फोटो* *बीते साल ही हेरिटेज समूह को हैंडओवर किया जा चुका है अस्पताल*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। खाद्य पदार्थ में मिलावट करने वाले मिलावटखोरों की पहचान अब उजागर की जाएगी। मिलावट की पुष्टि होने पर उनकी फोटो चौराहों पर चस्पा की जाएगी। इससे ग्राहक ऐसे मिलावटखोरों से सावधान हो जाएंगे और उन लोगों की बदनामी भी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद खाद्य औषधी एवं प्रशासन विभाग इसको अमली जामा पहनाने की कवायद में जुट गया है। पिछले छह महीने में 200 सैंपल की जांच में 82 में मिलावट की पुष्टि हुई। एडीएम कोर्ट ने मिलावटखोरों पर नौ लाख 58 हजार का जुर्माना लगाया है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए साफ-सुथरा खाद्य पदार्थ जरूरी है। मांग के सापेक्ष आपूर्ति कम होने पर दूध, पनीर, मिठाई से लेकर किराना के सामानों में मिलावट की जाती है। इस पर रोकथाम के लिए जिला खाद्य एवं औषधीय प्रशासन विभाग समय-समय पर अभियान चलाकर सैंपल लेती है। तमाम दुकानदार ऐसे हैं जो थोड़ा सा अधिक लाभ हासिल करने के लिए चाहे दुग्ध निर्मित उत्पाद हो या फिर ब्रांडेड सामान। उसमें सस्ती चीजों की मिलावट कर देते हैं। इससे एक ओर जहां ग्राहकों की जेब पर मार पड़ती है तो उनके स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ होता है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने बैठक में ऐसे मिलावटखोरों की फोटो चौराहों पर लगाने के निर्देश दिए थे। शासन का निर्देश मिलने पर खाद्य एवं औषधीय प्रशासन विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। जिले में खाद्य विभाग ने बीते छह महीने में 200 सैंपल लिए। जिसे जांच के लिए लैब भेजा गया। जांच के बाद 82 खाद्य पदार्थों में मिलावट की पुष्टि हुई। वहीं, एडीएम कोर्ट से मिलावटखोरों पर नौ लाख 58 हजार का जुर्माना लगाया गया।
*मूंसीलाटपुर में बनेगा रोडवेज डिपो, जमीन चिह्नित* *एसडीएम ने क्षेत्रीय प्रबंधक कैंट को निर्धारित मालगुजारी जमा करने के लिए भेजा पत्र*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में भदोही रोडवेज बस डिपो का रास्ता लगभग साफ हो चुका है। मूंसीलाटपुर में करीब 2.6580 हेक्टेयर में भदोही रोडवेज डिपो की इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से जमीन चिह्नित कर उसकी मंजूरी दे दी गई है। एसडीएम ने उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक को पत्र लिखकर जमीन चिह्नांकन की जानकारी दी। वहीं शासन की ओर से निर्धारित वार्षिक मालगुजारी जमाकर उक्त जमीन को रोडवेज बस डिपो के नाम पर दर्ज कराए जाने की प्रक्रिया पूरी कराने को कहा है। जिले में लंबे समय से रोडवेज के बस डिपो की मांग हो रही है। इसके लिए आम जन से लेकर जनप्रतिनिधि भी काफी समय से प्रयासरत हैं। वाराणसी से कटकर 30 जून 1994 को नया जिला बनने के बाद से ही जिले में रोडवेज बस डिपो की मांग उठ रही थी। जिला बनने पर यहां बसें तो चलाई गईं, लेकिन डिपो न रहने के कारण रोडवेज परिवहन की व्यवस्था नाकाफी रही। स्थिति यह है कि जिले में रात्रि में एक भी बस नहीं रुकती है। एक दो बसें आती जरूर हैं, लेकिन वह वाराणसी से भदोही, ज्ञानपुर होते हुए प्रयागराज या जौनपुर तक जाती है। बीते सात-आठ महीनों से जिले में रोडवेज डिपो बनाने की प्रक्रिया में तेजी आई है। इसको लेकर मूंसीलाटपुर में जमीन की तलाश पूरी हो गई है। जिला प्रशासन की ओर से चिह्नित भी कर लिया गया है। भदोही तहसील प्रशासन की ओर से मूंसीलाटपुर में 2.6580 हेक्टेयर जमीन की चिह्नित कर लिया गया है। जिसके बाद अब जिले में रोडवेज डिपो की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। एडीएम कुंवर वीरेन्द्र मौर्य ने क्षेत्रीय प्रबंधक उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम को पत्र लिखकर इससे अवगत कराया है।


मूंसीलाटपुर में रोडवेज बस डिपो के लिए जमीन चिह्नित कर क्षेत्रीय आर‌एम को लेटर भेजा गया है। निर्धारित मालगुजारी जमा किए जाने के बाद ही उक्त जमीन को डिपो के नाम अंकित किया जाएगा। कुंवर वीरेंद्र मौर्य एडीएम वित्त एवं राजस्व मंत्री
*मक्के की खेती मुनाफे का सौदा मानसून सीजन तक होगा तैयार*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। इन दिनों मक्का की खेती करने के लिए उपयुक्त समय है। किसान बोआई की तैयारी में जुटे हैं। वहीं, कुछ किसान गेहूं की कटाई के बाद ही मक्का की बोआई कर चुके हैं। अभी बोआई की गई मक्के की फसल मॉनसून तक बाजार में आ जाती है। उसकी तोड़ाई करके किसान मानसून सीजन में बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। इससे उनकी आर्थिक तंगी दूर होगी। यहां दो से ढ़ाई लाख लघु सीमांत किसानों की संख्या है। जिले में करीब 10 से 15 हेक्टेयर में मक्के की खेती होती है। किसानों का एक तबका परंपरागत खेती को छोड़ कर तकनीकि खेती की तरफ कदम बढ़ाए है। सिर्फ जरुरत के अनुसार किसान दो चार बिस्वा में मक्का की खेती करते हैं। यदि किसान चाहे तो बड़े पैमाने पर इसकी खेती करके मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। मॉनसून सीजन में एक भूट्टा 20 से 30 रुपये तक मिलता है। भिडिऊरा के किसान सुभाष दूबे ने बताया कि मक्का की बोआई करने के लिए अभी खेत की सिंचाई किया हूं। दो बिस्वा में मक्का की बोआई करता हूं। यहां दो से चार बिस्वा में मक्का की खेती ज्यादातर किसान करते हैं। बड़े पैमाने पर खेती नहीं की जाती है। जोताई के साथ दो बिस्वा खेती करने पर करीब एक हजार रुपये तक खर्च आता है। कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि विशेषज्ञ डॉ. आरपी चौधरी ने बताया कि बताया कि मक्का की बुआई शुरु है। किसानों का एक तबका इसकी बुआई कर चुका है। आषाढ़ में मक्का की बोआई की जाती है। अभी गर्मी वाली मक्का की बोआई किसान कर रहे हैं, या कर चुके हैं।