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विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना साकार करने सभी अधिकारी निष्ठा एवं प्रतिबद्धता से करें कार्य: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर - मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज सुशासन तिहार के अंतर्गत संयुक्त जिला कार्यालय, बालोद के सभाकक्ष में बालोद, नारायणपुर एवं कांकेर जिले के अधिकारियों की बैठक लेकर शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति की गहन समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे समर्पण एवं जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हुए विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने में सक्रिय भागीदारी निभाएं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुशासन तिहार के तीसरे चरण के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों का सतत निरीक्षण एवं अधिकारियों के साथ बैठक कर योजनाओं की वास्तविक प्रगति का मूल्यांकन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आम जनता से प्राप्त सकारात्मक फीडबैक इस बात का प्रमाण है कि बीते डेढ़ वर्षों में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वच्छता को जनभागीदारी से जोड़ते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे स्वच्छता के प्रति विशेष रूचि लेकर कार्य करें एवं सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त स्वच्छता संबंधी आवेदनों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारंभ किए गए स्वच्छ भारत मिशन का सकारात्मक प्रभाव प्रदेशभर में परिलक्षित हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से दौरा कर निर्माण एवं विकास कार्यो का मौका मुआयना करने के साथ ही जनसमस्याओं का त्वरित निदान का काम करें। मुख्यमंत्री ने फसल चक्र को अपनाने हेतु किसानों को प्रेरित करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने बालोद जिले में गन्ना तथा कांकेर एवं नारायणपुर जिलों में दलहन-तिलहन फसलों को प्रोत्साहित करने हेतु आवश्यक रणनीति बनाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने राजस्व मामलों के निराकरण पर जोर देते हुए कहा कि अनावश्यक विलंब से जनता में असंतोष उत्पन्न होता है। उन्होंने जिला एवं तहसील स्तर पर नियमित रूप से राजस्व न्यायालय की तिथि सुनिश्चित करने तथा सभी लंबित मामलों के समयबद्ध निराकरण के निर्देश दिए। राजस्व अधिकारियों को बरसात से पहले सीमांकन कार्य पूर्ण करने के भी निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने आजीविकामूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने, ड्रोन दीदी कार्यक्रम पर विशेष ध्यान केंद्रित करने एवं अधोसंरचना विकास कार्यों को गुणवत्ता एवं समयसीमा के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने आय, जाति एवं निवास प्रमाण पत्रों के संबंध में प्राप्त आवेदनों का त्वरित निदान करने तथा विशेषकर विद्यार्थियों को आवश्यक प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए विशेष शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बालोद जिले के परीक्षा परिणामों पर असंतोष व्यक्त किया तथा सुधारात्मक उपाय तत्काल अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं जैसे आयुष्मान भारत, हर घर जल, प्रधानमंत्री आवास योजना तथा प्रधानमंत्री जनमन योजना के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बालोद जिले के देवरी एवं डौंडीलोहारा में 500 करोड़ रूपए की लागत से 400/220/132 केवी उच्चदाब उपकेन्द्र तथा 11.47 करोड़ रूपए की लागत से जुनवानी से चिखली सड़क मार्ग निर्माण की जानकारी भी साझा की।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस., दुर्ग संभाग के आयुक्त सत्य नारायण राठौर, बस्तर संभाग के आयुक्त डोमन सिंह, बालोद कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा, कांकेर कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर, नारायणपुर कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगई, संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

युक्तियुक्तकरण के विरोध में शिक्षकों ने किया मंत्रालय का घेराव, शिक्षा सचिव से वार्ता विफल

रायपुर- युक्तियुक्तकरण के विरोध में प्रदेश भर के हजारों शिक्षकों ने आज राजधानी रायपुर स्थित मंत्रालय का घेराव किया। सर्व शिक्षक साझा मंच के बैनर तले प्रदेश के 23 शिक्षक संगठनों ने एकजुट होकर यह प्रदर्शन किया। शिक्षक संगठनों की शिक्षा सचिव से वार्ता विफल हो रही, जिसके बाद आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया गया है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि दो दिन के भीतर समाधान नहीं निकला तो 31 मई से संभागवार क्रमिक धरना शुरू होगा। सबसे पहले राजधानी रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर और अंत में सरगुजा संभाग के शिक्षक चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे।

शिक्षक संगठनों ने सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। शिक्षकों का कहना है कि सरकार द्वारा 10,463 स्कूलों के युक्तियुक्तकरण से प्रदेश के लगभग 30,000 स्कूलों का स्वतंत्र अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और इससे करीब 40,000 शिक्षक प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होंगे। संगठन का कहना है कि स्कूल बंद होने से जनाक्रोश बढ़ेगा और शिक्षक कम होने सरकारी स्कूलों की शिक्षा बदतर होगी।

शिक्षकों की सुझाव

  1. वि‌द्यालय एवं शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण तत्काल स्थगित किया जाए-

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए एकल शिक्षक व शिक्षकविहीन वि‌द्यालयों में शिक्षक उपलब्ध कराने युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, विसंगतिपूर्ण कार्यवाही प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था, शिक्षा की गुणवत्ता, छात्र सुरक्षा, छात्रहित व शिक्षकहित के प्रतिकूल है। एवं व्यापक विसंगति, समस्याएं तथा शिक्षक एवं शिक्षक संगठन तथा समाज के सुझाव/मांग की अनदेखी की गई है। कार्यवाही एक तरफा, नियमों के विपरीत तथा शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009, शिक्षा विभाग सेटअप 2008 के विपरीत है ज्ञात हो वर्तमान में शिक्षा विभाग में लगातार हो रही पदोन्नति, पदस्थापना से एकल शिक्षक व शिक्षकविहीन विद्यालयों में पदस्थ कर कमियां दूर की जा सकती है।

एक जगह पदस्थापना ई एवं टी संवर्ग में भेदभाव की समाप्ति, प्रतिनियुक्ति में पारदर्शिता, प्राथमिक विद्यालयों में सेटअप अनुसार नई भर्ती (रिक्त पद / स्वीकृत पद), निलंबित शिक्षकों की समयबद्ध बहाली एवं संगठन के साथ समन्वय बनाकर नीति का क्रियान्वयन किया जाना उचित प्रतीत होता है।

महोदय शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रत्येक 1 किलोमीटर में प्राथमिक, 3 किलोमीटर में पूर्व माध्यमिक, 5 किलोमीटर में हाई स्कूल तथा 8 किलोमीटर में हायर सेकेंडरी विद्यालय की स्थापना और उस विद्यालय में सेटअप 2008 में वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत पद के अनुरूप प्राथमिक विद्यालयों में 60 विद्यार्थियों पर एक प्रधानपाठक एवं दो सहायक शिक्षक का पद अनुमोदित है। उसी तरह वाणिज्य संकाय में सेटअप 2008 के अनुसार तीन विषय के लिए दो पद यथावत रखी जाए। भेदभाव एवं विसंगति पूर्ण युक्तियुक्तकरण में शिक्षा विभाग द्वारा संचालित 100% अनुदान प्राप्त स्वामी आत्मानंद विद्यालय में पदस्थ शिक्षक तथा अतिथि शिक्षकों को अतिशेष के दायरे से बाहर रखा जाना न्याय के सिद्धांत के विपरीत है।

विसंगतिपूर्ण, भेदभावपूर्ण, सेटअप 2008 व शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के विपरीत युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही को तत्काल स्थगित किया जाए। भविष्य में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के लिए दिशा निर्देश जारी करने के पूर्व समस्त शैक्षिक संगठनों से चर्चा कर सुझाव लिया जाय जिससे शिक्षक व विद्यार्थी हित प्रभावित न हो।

  1. क्रमोन्नत वेतनमान –

सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सोना साहू शिक्षक पंचायत/शिक्षक एल बी को पंचायत व शिक्षा विभाग का पूर्व सेवा अवधि की गणना कर एरियर्स सहित क्रमोन्नत वेतनमान भुगतान किया गया है। सोना साहू की तरह प्रदेश के सभी पात्र शिक्षक एल.बी. संवर्ग के लिए एरियर्स सहित क्रमोन्नत वेतनमान भुगतान के लिए जनरल आदेश जारी किया जाए।

  1. बीएड प्रशिक्षण अनिवार्यता शिथिल किया जाय –

पूर्व की भांति शिक्षक से व्याख्याता एवं व्याख्याता से प्राचार्य पदोन्नति के लिए बी.एड. प्रशिक्षण अनिवार्यता शिथिल कर डी.एड. प्रशक्षित शिक्षक संवर्ग को पदोन्नति हेतु अवसर प्रदान किया जाए। प्राचार्य के 10% पदों पर विभागीय परीक्षा के माध्यम से तत्काल किया जाए।

राज्य में शिक्षक एल.बी. संवर्ग प्रशिक्षित एवं डी. एड. योग्यताधारी हैं शिक्षा के अधिकार के तहत राज्य सरकार सभी को प्रशिक्षित किया था।

शिक्षक एल.बी. संवर्ग को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर पेंशन सहित समस्त लाभ दिया जाए।

सहायक आयुक्त ने महिला से किया दुष्कर्म : पीड़िता ने कहा – शादी का झांसा देकर 2018 से करता रहा यौन शोषण, तीन बार कराया अबॉर्शन

दंतेवाड़ा- आदिवासी विकास विभाग बीजापुर के सहायक आयुक्त पर एक महिला ने शादी का झांसा देकर यौन शोषण का आरोप लगाया है. पीड़िता ने गीदम थाने में मामले की शिकायत की है. वहीं सहायक आयुक्त ने भी थाने में आवेदन देकर महिला पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया है. पुलिस मामले की जांच कर रही.

पीड़ित महिला का आरोप है कि सहायक आयुक्त 2018 से शादी का झांसा देकर लगातार दैहिक शोषण करता रहा. उसने दवाई खिलाकर तीन बार गर्भपात भी कराया. जब शादी के लिए कहा तो उन्होंने मोबाइल नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया. इस मामले की शिकायत करने 16 मई से लगातार गीदम थाने का चक्कर काट रही थी, लेकिन 26 मई को मामला पंजीबद्ध किया गया वो भी दैहिक शोषण का केस दर्ज नहीं हुआ है. महिला ने आरोप लगाया है कि पुलिस भी सहायक आयुक्त की मदद कर रही है।


सहायक आयुक्त ने भी की शिकायत, ब्लैकमेल करने का लगाया आरोप

पीड़ित महिला ने मीडिया को डिजिटल साक्ष्य भी उपलब्ध करवाए हैं. इन साक्ष्यों में कितनी सच्चाई है, ये तो पुलिस जांच का विषय है. पीड़िता ने जो कॉल रिकॉर्ड दी है उसमें एक व्यक्ति द्वारा महिला को बड़ी बेहरहमी से पीटने की आवाज आ रही है. पीड़िता का दावा है कि जो मारपीट कर रहा है वह सहायक आयुक्त आनंद सिंह है. इधर सहायक आयुक्त ने भी गीदम थाना पुलिस को छह पेज का आवेदन दिया है. इस आवेदन में उन्होंने महिला पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया है. सहायक आयुक्त ने आवेदन में लिखा है कि महिला एक करोड़ रुपए की डिमांड कर रही है. पत्र में इस बात का भी उल्लेख है कि उन्होंने महिला के साथ यौन संबध बनाए हैं. इस विषय पर आनंद सिंह से दूरभाष पर बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका नबंर बंद आ रहा हपीड़िता ने कहा – जान से मारने की मिल रही धमकीपीड़ित महिला ने एक और गंभीर आरोप लगाया है कि सहायक आयुक्त आनंद सिंह ने उसके साथ संबंध बनाए. उसका तीन बार गर्भ ठहरा तो तीनों बार दवाई खिलाकर गर्भपात करवाया गया. पीड़िता का यह भी कहना है कि जब शादी का वादा किया है तो उनको शादी करना चाहिए. थाना में जब से आवेदन दिया है लगातार आनंद सिंह के पक्ष से कर्मचारी आ रहे और धमकी दे रहे हैं. इतना ही नहीं खुद आनंद सिंह जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.

एएसपी ने कहा – मामले की जांच की जा रही

इस मामले में दंतेवाड़ा एएसपी आरके बर्मन ने कहा, पीड़ित महिला ने सहायक आयुक्त पर शादी का झांसा देकर यौन शोषण का आरोप लगाया है. आरोपी सहायक आयुक्त आनंद सिंह के खिलाफ बीएनएस की धाराओं में गीदम थाने में अपराध दर्ज किया गया है. अभी मामला विवेचनाधीन है.

ै.

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दोस्तों के साथ एनीकट में नहाने गए दो बच्चे डूबे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, घटनास्थल पर जुटी भारी भीड़

सूरजपुर- छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में दर्दनाक हादसा हुआ है, जहां दो बच्चे एनीकट में नहाते समय गहरे पानी में डूब गए। घटना से इलाके में सनसनी फ़ैल गई है। वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। यह मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के अनुसार, वार्ड क्रमांक 12 भट्ठापारा निवासी 15-15 साल के दो किशोर अपने दोस्तों के साथ नहाने के लिए महोरा एनीकट गए थे। नहाते वक्त वे गहरे पानी में चले गए और डूब गए। साथ गए बच्चों ने जब शोर मचाया, तो उसके बाद आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। वहीं घटना की सूचना मिलते ही डीडीआरएफ (डिस्टिक डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। शवों को खोजने का प्रयास किया जा रहा है।

दो घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद अब तक दोनों बच्चों के शव बरामद नहीं हो पाए हैं। घटनास्थल पर भारी संख्या में लोग जुटे हुए हैं और परिजनों का हाल भी बेहाल है।

बताया जा रहा है कि एनीकट में इससे पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। पिछले साल भी एक बच्चे की डूबने से मौत हुई थी। इसके बावजूद न तो सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं और न ही चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं।

01 से 07 जून तक मनाया जायेगा 'चावल उत्सव', राशनकार्डधारी परिवारों को एकमुश्त मिलेगा तीन माह का चावल

रायपुर- छत्तीसगढ़ में आगामी 01 से 07 जून 2025 तक ‘चावल उत्सव’ आयोजित किया जाएगा। इस उत्सव के दौरान प्रदेश के 81 लाख से अधिक राशनकार्डधारी परिवारों को जून, जुलाई एवं अगस्त—तीनों माह का चावल एकमुश्त वितरित किया जाएगा।

राज्य शासन ने इस उद्देश्य से प्रदेश की 13,928 उचित मूल्य दुकानों को चावल का आबंटन जारी कर दिया है। सभी दुकानों में चावल का भण्डारण कार्य तेजी से जारी है ताकि वितरण में किसी प्रकार की बाधा न आए। इस पहल से दूरस्थ और ग्रामीण अंचलों तक समय पर खाद्य उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

राज्य खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, 1 जून से 7 जून तक चावल उत्सव के दौरान सभी उचित मूल्य दुकानों से चावल का वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। इस अवसर पर दुकानों में वितरण संबंधित जानकारी का प्रदर्शन अनिवार्य किया गया है।

सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि चावल वितरण की सूचना स्थानीय स्तर पर विभिन्न प्रचार माध्यमों से व्यापक रूप से प्रसारित की जाए, जिससे प्रत्येक लाभार्थी तक यह जानकारी सुगमता से पहुंचे और वितरण पारदर्शी रहे।

खाद्य विभाग की सचिव रीना बाबासाहेब कंगाले ने आज 28 मई को 'चावल उत्सव' की तैयारी के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिला कलेक्टरों, खाद्य अधिकारियों एवं नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधकों के साथ समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि प्रत्येक उचित मूल्य दुकान में समय से पूर्व चावल का समुचित भण्डारण सुनिश्चित किया जाए। चावल का वितरण दुकान स्तर की निगरानी समिति की उपस्थिति में हो, और प्रत्येक लाभार्थी को ई-पॉस मशीन द्वारा बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण के पश्चात ही चावल प्राप्त हो। साथ ही लाभार्थियों को वितरित चावल की पावती रसीद अनिवार्य रूप से दी जाए।

खाद्य सचिव श्रीमती कंगाले ने कहा कि इस समग्र प्रक्रिया का उद्देश्य पारदर्शिता, जवाबदेही और लाभार्थी की सुविधा को सुनिश्चित करना है। विभाग द्वारा तकनीक का प्रभावी उपयोग भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

मानसून के दौरान प्रदेश की 249 ऐसे उचित मूल्य दुकानें, जो वर्षा ऋतु में पहुंचविहीन हो जाती हैं, उनके लिए भी विशेष तैयारी की गई है। जून माह में ही इन दुकानों में अग्रिम चावल भण्डारण की कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि वर्षाकाल में भी राशन वितरण अविरत जारी रह सके।

बैठक में नागरिक आपूर्ति निगम की प्रबंध संचालक किरण कौशल और खाद्य विभाग के संचालक रमेश शर्मा उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त सभी जिलों के कलेक्टर, खाद्य नियंत्रक, जिला खाद्य अधिकारी तथा जिला प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति निगम भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए।

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विभाग हुआ सतर्क: संक्रमण के लक्षणों की निगरानी के लिए जारी किया नया प्रोटोकॉल

रायपुर- छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले फिर से सामने आने लगे हैं। सोमवार को दुर्ग और रायपुर में कुल दो नए कोरोना पॉज़िटिव मरीज पाए गए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण की आशंकाओं के बीच स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। आज विभाग द्वारा ILI (Influenza Like Illness) और SARI (Severe Acute Respiratory Illness) की प्रभावी निगरानी के लिए नया विस्तृत सर्विलांस प्रोटोकॉल जारी किया है। यह आदेश प्रदेश के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में लागू होगा।

सभी जिलों के CMHO को निर्देश

संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, छत्तीसगढ़ द्वारा जारी आदेश में प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) को निर्देशित किया गया है कि OPD और IPD में आने वाले सर्दी, खांसी, जुकाम व बुखार के लक्षणों वाले मरीजों का IHIP पोर्टल पर “L फार्म” में अनिवार्य रूप से एंट्री की जाए। यह कदम राज्य में संभावित कोविड-19 के प्रसार को समय रहते पहचानने और रोकथाम के उद्देश्य से उठाया गया है।

मितानिनों के माध्यम से समुदाय स्तर पर रिपोर्टिंग

सामुदायिक निगरानी को भी मजबूत किया जा रहा है। आदेश में कहा गया है कि मितानिन कार्यकर्ताओं के माध्यम से गांव-शहरों में सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षणों वाले व्यक्तियों की जानकारी IHIP पोर्टल के कम्युनिटी बेस्ड सर्विलांस (CBS) सेक्शन में https://ihip.mohfw.gov.in/cbs/# पर दर्ज की जाए।

स्वास्थ्य कर्मियों को संवेदीकरण और मास्क अनिवार्य

स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को ILI/SARI के इलाज व प्रबंधन के प्रति संवेदनशील बनाने के निर्देश भी दिए हैं। इसके साथ ही सभी अस्पतालों में मास्क का उपयोग अनिवार्य किया गया है। Respiratory etiquette का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।

दवाओं और संसाधनों की उपलब्धता पर जोर

SARI मामलों के प्रबंधन हेतु मास्क, PPE किट जैसे सुरक्षा उपकरणों का स्टॉक अपडेट करने और जरूरत के अनुसार उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, लक्षण आधारित उपचार (Symptomatic treatment) के लिए आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता बनाए रखने को कहा गया है।

कोविड जांच और जीनोम सीक्वेंसिंग का प्रावधान

अगर कोई ILI या SARI रोगी लक्षण आधारित उपचार से ठीक नहीं होता है और उसमें को-मॉर्बिडिटी (अन्य बीमारियां) पाई जाती हैं, तो चिकित्सक की सलाह पर उसकी कोविड-19 जांच करवाई जाए। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसका सैंपल WGS (Whole Genome Sequencing) के लिए AIIMS रायपुर भेजा जाए ताकि नए वैरिएंट की पहचान की जा सके।

PSA प्लांट की समीक्षा और सक्रियता

राज्य के सभी जिलों में स्थापित PSA ऑक्सीजन प्लांट्स की समीक्षा की जाएगी और उन्हें क्रियाशील करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर इनका तुरंत उपयोग किया जा सके।

दैनिक रिपोर्टिंग अनिवार्य

जिन भी मामलों की पुष्टि होती है, उनकी रिपोर्टिंग IHIP पोर्टल में अनिवार्य रूप से की जाएगी और इसका दैनिक प्रतिवेदन राज्य सर्विलांस इकाई को भेजना होगा।

देखें आदेश –

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग का यह कदम आगामी समय में संभावित कोविड-19 की पुनरावृत्ति को रोकने, नए वैरिएंट की पहचान करने, और समुदाय स्तर पर बीमारियों की निगरानी को सुदृढ़ करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। सभी जिलों में इस प्रोटोकॉल को तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा गया है।

सुशासन तिहार के दौरे पर मुख्यमंत्री अचानक पहुंचे मांदरी गांव के आँगनबाड़ी केंद्र, बच्चों से आत्मीयता से मिले, व्यवस्थाओं का लिया जायजा

रायपुर।   सुशासन तिहार के तहत् मुख्यमंत्री विष्णु देव साय हेलीकॉप्टर से आज अचानक कांकेर जिले के मांदरी गांव पहुंचे। हेलीपेड से गांव के रास्ते पर आँगनबाड़ी भवन देखकर मुख्यमंत्री केंद्र के बच्चों से मिलने और वहां की व्यवस्था का जायजा लेने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचे। आँगनबाड़ी केंद्र में बच्चों ने मुख्यमंत्री का स्थानीय फूलों से तैयार किया गया गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने बड़ी आत्मीयता के साथ बच्चों से घुल-मिल कर बातचीत की और उनसे आंगनबाड़ी और उनके अक्षर ज्ञान की जानकारी ली। मुख्यमंत्री के पूछने पर बच्चों ने धारा-प्रवाह कविता सुनाई। मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से बच्चों को चाकलेट वितरित कर उन्हें दुलार किया।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से आँगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं और भोजन व्यवस्था की जानकारी भी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

टोल प्लाजा को लेकर कांग्रेस का हल्ला बोल : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी को पत्र लिखने के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई

रायपुर- रायपुर और दुर्ग के बीच संचालित कुम्हारी टोल प्लाजा की अनियमितताओं और अवैध वसूली को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि इस टोल प्लाजा के खिलाफ वे लंबे समय से चरणबद्ध आंदोलन करते आ रहे हैं, लेकिन अब तक न तो राज्य सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई की है और न ही केंद्र सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है। इसी मुद्दे को लेकर आज कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे, वरिष्ठ नेता पंकज शर्मा और कन्हैया अग्रवाल ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर टोल की अवैध वसूली से जुड़े तथ्यों को मीडिया के सामने रखा।

60 किमी के भीतर 3 टोल, नियमों का हो रहा उल्लंघन

नेताओं ने बताया कि रायपुर से दुर्ग के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-53 (पूर्व NH-6) पर संचालित कुम्हारी टोल प्लाजा को लेकर जन आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। केवल 54 किलोमीटर की दूरी में तीन टोल प्लाजा – मंदिर हसौद (किमी 258), कुम्हारी (किमी 281), और दुर्ग (किमी 312) – संचालित हो रहे हैं, जो भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसमें दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी अनिवार्य की गई है।

कुम्हारी टोल की वैधता समाप्त, फिर भी वसूली जारी

उन्होंने बताया कि सबसे विवादास्पद स्थिति कुम्हारी टोल प्लाजा को लेकर है, जिसकी वैधानिक वसूली अवधि समाप्त हो चुकी है, फिर भी यह 20 से 25 वर्षों से अवैध रूप से संचालित हो रहा है। स्थानीय निवासियों, खासकर रायपुर के टाटीबंध और कुम्हारी नगर निगम क्षेत्र के लोगों को प्रतिदिन भीषण ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। कई बार 1 से 2 घंटे तक यात्री जाम में फंसे रहते हैं।

नितिन गडकरी को भेजा पत्र, नहीं मिला जवाब

जनप्रतिनिधियों द्वारा इस मुद्दे को कई बार केंद्र सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के समक्ष उठाया गया है। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर इस टोल प्लाजा को अविलंब बंद करने की मांग पहले ही की थी, पर सरकार इस मामले में गंभीर नहीं है और टोल वसूली जारी है। वैसे तो नियमानुसार जब टोल वसूली की निर्धारित लागत वर्षों पहले ही वसूल की जा चुकी है, तो इस टोल प्लाजा का संचालन पूरी तरह से अवैध और जनविरोधी है।

कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो वे चरणबद्ध आंदोलन चलाएंगे और आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन करेंगे।

कांग्रेस का सीधा आरोप है कि यह टोल नाका न केवल अवैध वसूली का केंद्र बन गया है, बल्कि जानलेवा जाम और दुर्घटनाओं की वजह से यह स्थानीय नागरिकों के लिए संकट का कारण बन चुका है।

समय सीमा समाप्त होने के बाद वसूली

  1. कई बार टोल प्लाजा की वैधानिक अवधि (Concession Agreement Period) समाप्त हो जाने के बावजूद, पुराने ठेकेदार या एजेंसियां टोल वसूली जारी रखती हैं। यह कॉन्ट्रैक्ट उल्लंघन है और इसे “अवैध वसूली“ माना जाता है।
  2. सार्वजनिक निधियों (Public Funded Projects) में मनमानी

कुछ टोल प्लाजा सरकारी निधियों से निर्मित होते हैं, जहां टोल वसूली एक तय अवधि तक ही की जा सकती है। लेकिन कई बार इनकी वसूली अनिश्चित काल तक जारी रहती है, जो पूर्णतया नियमविरुद्ध है।

  1. ट्रैफिक घनत्व का दुरुपयोग

कई टोल प्लाजा अधिक ट्रैफिक घनत्व वाले क्षेत्रों में स्थित होते हैं, जहाँ लोगों को वैकल्पिक मार्ग नहीं मिलते। इसका लाभ उठाकर अवैध वसूली की जाती है और स्थानीय जनता मजबूरी में भुगतान करती है।

  1. नियमों का उल्लंघन – दूरी संबंधी गाइडलाइन
  2. NHAI की गाइडलाइन के अनुसार, दो टोल प्लाज़ा के बीच कम से कम 60 किमी की दूरी होनी चाहिए। लेकिन जब यह नियम तोड़ा जाता है (जैसे मंदिरहसौद-कुम्हारी-दुर्ग केस में), तो यह अवैध वसूली की श्रेणी में आता है


मनमाने दर से शुल्क वसूलना

कुछ टोल प्लाजा पर पुराने रेट चार्ज किए जाते हैं या रेट चार्ट सार्वजनिक नहीं होता, जिससे जनता को भ्रमित कर अधिक शुल्क लिया जाता है।

  1. स्थानीय वाहनों से वसूली

स्थानीय निवासियों को NHAI के नियमों के अनुसार छूट या रियायत मिलनी चाहिए, लेकिन कई टोल प्लाजा नियमों की अनदेखी कर इनसे भी नियमित वसूली करते हैं।

वर्तमान में रायपुर से दुर्ग के बीच टोल नाके (NH-53 पर)

रायपुर से दुर्ग के बीच लगभग 54 किलोमीटर की दूरी है, जिस पर तीन टोल प्लाजा संचालित हैं।

  1. मंदिर हसौद टोल प्लाजा – किमी 258.650 (NH-53)

नया स्थापित टोल (BOT आधारित)

  1. कुम्हारी टोल प्लाजा – किमी 281.400 (NH-53)

सार्वजनिक निधि से निर्मित (Public Funded)

इसकी वैधता समाप्त हो चुकी है, पर वसूली जारी है

  1. दुर्ग टोल प्लाजा – किमी 312.780 (NH-6 /NH-53)

BOT आधारित टोल

टोल प्लाजा के बीच की दूरी –

मंदिर हसौद से कुम्हारी – लगभग 23 किमी

कुम्हारी से दुर्ग – लगभग 31 किमी

कुल दूरी (तीनों के बीच) – 54 किमी में 3 टोल प्लाजा

NHAI / MoRTH के अनुसार नियम


भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के दिशा-निर्देशों के अनुसारः


दो टोल प्लाजा के बीच की न्यूनतम दूरी

60 किलोमीटर होनी चाहिए (सामान्यतः National Highways पर) इस नियम का पालन ना कर के वसूली जारी रखी गई हैटोल प्लाजा संचालन के लिए NHAI या MoRTH (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय) से अनुबंध जरूरी होता है।


ये कहते हैं नियम

विकास उपाध्याय ने बताया कि यदि टोल संचालन का अनुबंध समाप्त हो गया हो या नियमों का उल्लंघन हो, तो राज्य सरकार अथवा लोक प्रतिनिधि मंत्रालय से टोल को बंद कराने की सिफारिश कर सकते हैं। लेकिन राज्य सरकार ने इस ओर से मुंह फेरा हुआ है और देखते जानते समझते हुए भी राज्य सरकार की आंखों में पट्टी बंधी हुई है।

केंद्र सरकार और NHAI से की मांग

  1. कुम्हारी टोल प्लाजा को अविलंब बंद किया जाए।
  2. अवैध वसूली की उच्च स्तरीय जांच की जाए।
  3. स्थानीय नागरिकों को यातायात जाम और दुर्घटनाओं से राहत दिलाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
  4. स्थानीय नागरिकों से नियम विरुद्ध फास्ट्रेक कैमरा लगा कर, अवैध वसूली की जा रही है इस प्रकरण में कंपनी से जनता से वसूली गई रकम वसूली जाए।


उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा पूर्व में भी विरोध के कारण रायपुर राजधानी स्थित सुन्दर नगर में टोल प्लाजा का निर्माण भारतीय जनता पार्टी के शासन में किया जा रहा था जिसे शासन को बंद करना पड़ा। पूर्व में हमारे द्वारा परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी को पत्र प्रेषित कर कुम्हारी टोल प्लाजा को बंद करने की मांग के लिए एवं छत्तीसगढ़ प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए समय की मांग की गई थी, लेकिन आज तक उनका कोई जवाब नहीं आया है। वर्तमान में कुछ दिनों पूर्व हमने भारतीय जनता पार्टी के 10 लोकसभा सांसदों को पत्र प्रेषित किया गया कि आप लोग भी कुम्हारी टोल प्लाजा को बंद कराने हेतु सहयोग करें और कांग्रेस द्वारा लगातार अवैध टोल प्लाजा के खिलाफ आंदोलन किये जा रहे हैं। इस मामले को लेकर विधिक कार्रवाई जारी है।

सिपेट रायपुर में प्रवेश के लिए आवेदन की तिथि में बढ़ोतरी, 9 जून को होगी परीक्षा

रायपुर-  केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) रायपुर में प्रवेश के लिए आवेदन की तिथि में बढ़ोतरी की गई है. इच्छुक छात्र अब एक जून तक आवेदन कर सकते हैं. सिपेट अध्ययन, शोध, विकास एवं औद्योगिक तकनीक उन्नयन के क्षेत्र में एक अद्वितीय संस्थान हैं. रसायन व उर्वरक मंत्रालय एवं रसायन व पेट्रो रसायन विभाग, भारत सरकार के अंतर्गत संपूर्ण देश में संस्थान विशिष्टता से संचालित है.

छत्तीसगढ में सिपेट के दो केन्द्र स्थापित हैं, जिसमें राजधानी रायपुर और ऊर्जा राजधानी कोरबा सम्मिलित हैं. रायपुर में प्लॉट नं. 48, औद्योगिक क्षेत्र भनपुरी और कोरबा में स्याहीमुड़ी ग्राम के एजुकेशन हब में स्थित है. सिपेट में AICTE द्वारा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन प्लास्टिक्स प्रोसेसिंग एंड टेस्टिंग (PGD-PPT, पाठ्यक्रम अवधि – 2 वर्ष), डिप्लोमा इन प्लास्टिक मोल्ड टेक्नोलॉजी (DPMT पाठ्यक्रम अवधि – 3 वर्ष), डिप्लोमा इन प्लास्टिक टेक्नोलॉजी (DPT पाठ्यक्रम अवधि-3 वर्ष) के लिए सिपेट प्रवेश परीक्षा (CIPET ADMISSION TEST- 2025) द्वारा प्रवेश प्रारंभ है. इनमें प्रवेश के लिए 9 जून को ऑनलाइन परीक्षा होगी।

प्रवेशार्थी ऑनलाइन आवेदन https://cipet25.onlineregistrationform.org/CIPET/ वेबसाइट के माध्यम से कर सकते हैं. सिपेट में संचालित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि में वृद्ध‍ि की गई है. पूर्व में आवेदन करने की अंतिम तिथि 29.05.2025 थी. अब डिप्लोमा एवं पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए इच्छुक 10वीं उत्तीर्ण छात्र DPMT / DPT एवं B.Sc. उत्तीर्ण छात्र PGDPPT पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए एक जून 2025 तक ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए www.cipet.gov.in पर संपर्क कर सकते हैं.

कांकेर जिले के मांदरी गांव में उतरा मुख्यमंत्री का उड़नखटोला, ग्रामीणों से आत्मीयता के साथ किया संवाद, हितग्राहियों से की चर्चा

रायपुर- सुशासन तिहार के अंतिम चरण के अंतर्गत आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का हेलीकॉप्टर कांकेर (उत्तर बस्तर) जिले के ग्राम मांदरी में उतरा। उन्होंने पंचायत शेड के नीचे अपनी चौपाल लगाई और ग्रामीणों से संवाद कर योजनाओं पर फीडबैक लिया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्रामीणों की मांग पर मांदरी में हाई स्कूल बाउंड्रीवाल निर्माण हेतु 20 लाख की स्वीकृति, मांदरी आंगनबाड़ी केंद्र भवन में बाउंड्रीवाल के लिए 5 लाख की स्वीकृति, साल्हेभांट मुख्य मार्ग से टीरउ सलाम के घर तक सीसी सड़क निर्माण 600 मीटर हेतु 15 लाख की स्वीकृति, झुरा नाला से खेतों में सिंचाई के लिए लाइन विस्तार हेतु 3.50 करोड़ की स्वीकृति की घोषणा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों से चर्चा करते हुए कहा कि हमने बीते डेढ़ वर्षों में जनता के हित में कार्य किया है। सुशासन तिहार हमारा रिपोर्ट कार्ड भी है और सरकार द्वारा किए गए कार्यों का मूल्यांकन करने का अवसर भी। इसके माध्यम से हम जनकल्याणकारी योजनाओं के धरातल पर क्रियान्वयन की स्थिति जान रहे हैं। हमारे अलावा मंत्री, सांसद, विधायक, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी सुशासन तिहार में शामिल हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने शपथ लेते ही प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी के तहत कैबिनेट में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जरूरतमंदों को आवास मिलेगा, ‘आवास प्लस’ में जिनका नाम है, उन्हें भी आवास दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 70 लाख से अधिक महिलाओं को ‘महतारी वंदन योजना’ की राशि सीधे उनके खातों में देकर आर्थिक समृद्धि और महिला सशक्तिकरण का द्वार खोला गया है। जो लाभार्थी अभी वंचित हैं, उन्हें भी जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 24 अप्रैल से ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र शुरू किए गए हैं। इससे ग्रामीणों को गांव में ही बैंकिंग व अन्य सेवाओं की सुविधा मिलेगी। अभी यह सेवा 1460 पंचायतों में शुरू की गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरकार तकनीक के उपयोग से भ्रष्टाचार के सभी रास्ते बंद कर रही है। पंजीयन की नई प्रक्रिया से रजिस्ट्री के साथ नामांतरण की प्रक्रिया को सरल किया गया है।

जानी योजनाओं की हकीकत

ग्राम मांदरी में अचानक पहुंचे मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों से छत्तीसगढ़ी में संवाद किया। मुख्यमंत्री ने बिजली व्यवस्था, राशन वितरण और महतारी वंदन योजना की राशि के संबंध में हितग्राहियों से जानकारी ली। इस अवसर पर हितग्राही इतवारिन आचला ने बताया कि महतारी वंदन योजना की प्राप्त राशि का बेटी के नाम पर सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खुलवाकर राशि जमा कर रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि सरकार हर जरूरतमंद के साथ खड़ी है, और जनकल्याण ही सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।

इस अवसर पर विधायक कांकेर आशा राम नेताम, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण नूरेटी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ बसव राजु एस., कमिश्नर बस्तर डोमन सिंह, डीआईजी अमित कामले, कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर, पुलिस अधीक्षक इंद्र कल्याण एलेसेला सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में युवाओं प्रतियोगिता परीक्षा के तैयारी हेतु जिला प्रशासन द्वारा तैयार की पुस्तक “नई दिशा” का विमोचन कर युवाओं को वितरित किया। साथ ही विभिन्न विभागों के जन कल्याणकारी योजनाओं के हितग्राहियों को सामग्री, आवास की चाबी, ट्राई साइकिल आदि वितरित की ।