GNM ट्रेनिंग संस्थान में AES/JE प्रशिक्षण का उद्घाटन, सिविल सर्जन ने की जागरूकता की अपील
जहानाबाद GNM ट्रेनिंग संस्थान, जहानाबाद में सिविल सर्जन महोदय द्वारा दीप प्रज्वलन कर AES (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) एवं JE (जापानी इंसेफेलाइटिस) पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।
प्रशिक्षण में शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, जीविका, पंचायती राज विभाग के पाँच-पाँच प्रतिनिधि एवं स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर बिनोद कुमार सिंह (वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी), डॉ. प्रमोद कुमार (जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी), श्री निशिकांत (जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार), सुश्री दीक्षा कुमारी, श्री आलोक कुमार (जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट), रवि रंजन कुमार (पीरामल स्वास्थ्य), सुश्री पल्लवी कुमारी (सीएफआर प्रतिनिधि), प्रखंड बाल विकास योजना पदाधिकारी, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर, ANM, एमटी, VDS एवं प्रखंड स्तरीय सुपरवाइजर शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को AES/JE के कारण, लक्षण, बचाव, और हीट स्ट्रोक से बचाव के उपायों की विस्तृत जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने बताया कि मस्तिष्क ज्वर किसी भी उम्र में, किसी भी मौसम में हो सकता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, बेहोशी, भ्रम, शरीर में चमकी, हाथ-पैर में थरथराहट और लकवा शामिल हैं।
प्रशिक्षण में बताया गया कि पैथोलॉजी जांच के जरिए बीमारी की पहचान की जाती है। जब बीमारी की पुष्टि हो जाती है, तो उसे नोन कहा जाता है, और जब पहचान नहीं हो पाती, तो अननोन कहा जाता है। गंभीर मामलों में, जहाँ मरीज की मृत्यु हो जाती है और जांच नहीं हो पाती, उसे AES अननोन माना जाता है। JE की पहचान और रोकथाम के लिए विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
बिहार में AES की दो श्रेणियाँ बताई गईं — इंडेमिक (स्थायी) और एपिडेमिक (महामारी)। मुजफ्फरपुर व सीमावर्ती जिलों में गर्मी और आर्द्रता के कारण यह बीमारी अधिक देखी जाती है।
बचाव के उपायों में स्वच्छ पानी का उपयोग, मच्छरों से बचाव, ओआरएस का सेवन, कुपोषित बच्चों की देखभाल और अनिवार्य JE टीकाकरण शामिल हैं। प्राथमिक उपचार में बुखार के समय गीले कपड़े से शरीर पोंछना, पेरासिटामोल देना, दौरे की स्थिति में उचित देखभाल करना, तथा बेहोशी की स्थिति में बच्चे को सुरक्षित और हवादार जगह पर रखना सिखाया गया।
सिविल सर्जन महोदय ने सभी प्रतिभागियों से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर जन-जागरूकता फैलाएँ और बच्चों का JE टीकाकरण सुनिश्चित कराएँ, जिससे इस गंभीर बीमारी पर काबू पाया जा सके।
May 16 2025, 11:37