/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz s:will
India

Jun 26 2024, 19:29

अमेरिका-यूरोप में बढ़ी भारत की अहमियत, क्या पड़ोसियों के साथ रिश्तों में होगा सुधार

#willpmmodiimproverelationswithneighbouring_countries 

नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने हैं।2014 में जब नरेंद्र दामोदरदास मोदी पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने, उनके शपथ ग्रहण समारोह में भारत के सभी पड़ोसी देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। संदेश स्पष्ट था भारत अच्छा पड़ोसी बनना चाहता है। अपने तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में भी भारत के सात पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को न्योता भेजा गया।पड़ोसी देशों के प्रमुखों को शपथ ग्रहण में बुलाने का फैसला उन देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए किया गया है, जो दिल्ली की 'पड़ोसी प्रथम' पॉलिसी के केंद्र में हैं। हालांकि मोदी सरकार के लिए पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को मधुर बनाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।

दरअसल, प्रधानमंत्री पद संभालने के तुरंत बाद नरेन्द्र मोदी ने जी 7 शिखर बैठक में शामिल होने के साथ वैश्विक रंगमंच पर शानदार आगाज किया। इसके तीन सप्ताह बाद वह शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अस्ताना, कजाकस्तान में 3-4 जुलाई को आयोजित हो रही शिखर बैठक में शामिल होंगे। अमेरिकी खेमे के संगठन जी7 में भाग लेने के एक महीने के भीतर अमेरिका विरोधी चीन और रूस की अगुआई वाले एससीओ में उनकी भागीदारी रोचक होगी।

प्रधानमंत्री मोदी का दो विरोधी गुटों की शिखर बैठक में शामिल होना साफ बताता है कि वैश्विक स्तर पर भारत की अहमियत बढ़ी है। हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि मोदी के लिए पड़ोसी देशों के साथ सामान्य रिश्ते बनाए रखना बड़ी चुनौती है। तीसरा कार्यकाल संभालने से पहले जिस तरह अमेरिका, रूस और कई यूरोपीय नेताओं ने मोदी को फोन कर बधाई दी और जिस तरह चीन और पाकिस्तान के नेताओं ने उन्हें नजरअंदाज किया, उससे पता चलता है कि जहां भारत को बड़ी ताकतें अपनी ओर आकर्षित करना चाहती हैं, वहीं कुछ पड़ोसी देशों के लिए मोदी सरकार में संबंध को सुधारना मुश्किल होगा।

भारत में मौजूदा सरकार के सत्ता में आने के बाद से कई सार्क देशों के साथ भारत के संबंध बिग़ड़ते चले गए हैं। पहले पाकिस्तान, नेपाल और अब बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान के साथ रिश्तों की गर्माहट कम हो रही है।

नेपाल के साथ भारत के रिश्ते

नेपाल और भारत 1750 किलोमीटर से अधिक की सीमा साझा करते हैं। कहा जाता है कि दोनों के बीच न केवल रोज़ी-रोटी का बल्कि रोटी-बेटी का संबंध रहा है। लेकिन 2015 में दोनों पड़ोसियों के बीच रिश्तों में तनाव आना शुरू हुआ। मामला जुड़ा था नेपाल के नए संविधान से। 2015 में जब वहां नया संविधान बनने वाला था, उस वक्त तराई के इलाके में रहने वाले मधेशी इसका विरोध कर रहे थे। उनका दावा था कि सरकार में उनकी भागीदारी नहीं है। विरोध बढ़ा और नेपाल ने भारत पर आर्थिक नाकेबंदी का आरोप लगाया। इस बीच नेपाल की चीन के साथ बढ़ती नजदीकियों ने भारत के सामने चुनौती पेश की है।ऐसे में भारत को नेपाली लोगों का विश्वास दोबारा हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। 

पाकिस्तान के साथ बिगड़े रिश्ते

रही पाकिस्तान और भारत के संबंधों की बात तो 2014 में अपने शपथ ग्रहण में पीएम मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था। यही नहीं 2015 दिसंबर में क़ाबुल से दिल्ली लौटते हुए अचानक प्रधानमंत्री मोदी लाहौर पहुंच गए। खुद पहल करते हुए मोदी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ से मुलाक़ात करने पहुंचे तो माना गया कि उन्होंने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है, लेकिन भविष्य कुछ और ही था।पहले पठानकोट, फिर उरी, पुलवामा और फिर बालाकोट को लेकर दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ा दिया। यही नहीं, जम्मू कश्मीर को ख़ास दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने के भारत सरकार के फ़ैसले ने दोनों देशों के रिश्ते को और तल्ख कर दिया।

अफगानिस्तान को किया नजरअंदाज

अफ़ग़ानिस्तान के साथ भारत के क़रीबी रिश्ते रहे हैं और ये संबंध कूटनीतिक तौर पर भी अहम माने जाते हैं। भारत आर्थिक तौर पर भी अफ़ग़ानिस्तान की काफ़ी मदद करता रहा है। लेकिन दशकों से हिंसा से जूझ रहे अफ़ग़ानिस्तान से जब अमरीका ने बाहर निकलने का ऐलान किया तो भारत शांत ही रहा। न तो वो शांति प्रक्रिया में ही शामिल हुआ और न ही किसी और मामले में।2021 में तालिबान के सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद से भारत और अफगानिस्तान के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं है। 

बांग्लादेश के साथ मधुर संबंध कटु होने की राह पर!

1971 में पश्चिमी पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान अलग हुआ और बांग्लादेश नाम का एक नया राष्ट्र बना। चूंकि इसके गठन में भारत की भूमिका अहम रही इस कारण भारत के साथ इसके रिश्ते भी शुरुआत से मधुर रहे। लेकिन अब आगे ऐसा होता दिख नहीं रहा।घुसपैठ ने दोनों देशों के रिश्तों में खटास पैदा कर दी है। वहीं, 2011 में पश्चिम बंगाल के विरोध के कारण हम तीस्ता समझौते पर दस्तख़त नहीं कर पाए। जो दोनों देशों के रिश्तों के बीच एक नकारात्मक संदेश था। हालांकि, हाल ही एक महीने के अंदर दो बार बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना का भारत दौरा दूरीयों को मिटाता नजर आ रहा है।

भूटान के साथ संबंध

भूटान भारत के लिए भी बेहद जरूरी पड़ोसी देश है। यही कारण है कि भारत अपनी पंचवर्षीय योजना, वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज और गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी परियोजना में सहायता के साथ भूटान का समर्थन करने को तैयार है।खासकर तब जब चीन अपनी शर्तों पर भूटान के साथ सीमा पर बातचीत करने को तैयार है।

दरअसल,चीन आर्थिक साझेदारी का चोला पहनकर हिंद महासागर के कई तटीय देशों के साथ संबंध बनाने की कोशिश कर रहा है। भूटान इसका ही एक उदाहरण है। चीन ने भूटान के इलाकों पर हमले करके वहां के पहाड़ों को काट डाला। चीन ने वहां की जमीन पर अपने कस्बे बसा लिए। भूटान के बास सैन्य बल न होने के कारण, वह चीन द्वारा उसके भू-भाग को काटे जाने की मूकदर्शक बना हुआ है, जो सीमा वार्ता जारी रहने के बावजूद जारी है।

मालदीव के साथ तनाव के बीत संबंध जारी

मालदीव ने मोदी 3.0 के शपथ ग्रहण का न्योता स्वीकार करके साफ कर दिया कि वो भारत से बातचीत करना चाहता है। जबकि हाल ही में मालदीव से भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी। पिछले साल भी मालदीव के कुछ मंत्रियों ने पीएम मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच विवाद खड़ा हो गया था। हालांकि मालदीव ने उन मंत्रियों को पद से हटा दिया था।मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू 'भारत को बाहर करो' के नारे के साथ सत्ता में आए थे।हालांकि, तनाव के बाद भी भारत की ओर से बरती गई या फिर कहें आर्थिक तौर पर चोट कानेके बाद मालदीव की सरकार भी झुकती नजर आ रही है।

श्रीलंका में भी चीन की पकड़ होगी कमजोर

श्रीलंका भारत के पड़ोसी देशों में से एक है। दोनों देशों के बीच एक ऐसा रिश्ता है जिसे 2500 साल पुराना कहा जा सकता है। भारत श्रीलंका ने आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आईडीपी) के लिए विकास सहायता परियोजनाओं में सहयोग की प्रगति दिखाई है, जिसने भारत श्रीलंका के बीच मैत्री बंधन को और मजबूत किया है। हाल में श्रीलंका के वित्तीय संकट से निपटने में भारत ने काफी मदद की है। भारत की कंपनियां अब श्रीलंका के बुनियादी ढांचे को डेवलेप करने में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। इन योजनाओं के लिए अमेरिका भी मदद कर रहा है, जो भारत का प्रमुख रणनीतिक साझेदार है। इसे इस तरह समझ सकते हैं कि पिछले साल कोलंबो पोर्ट के एक प्रोजेक्ट के लिए अमेरिकी कंपनी ने 4,600 करोड़ रुपये देने का वादा किया था। इस टर्मिनल में भारत के अडाणी ग्रुप की 51% हिस्सेदारी है।

हालांकि, हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कच्चातिवू द्वीप को लेकर दोनों देश आमने-सामने आते दिखे।

India

Jun 24 2024, 09:46

10 साल में पहली बार संसद में होगा मजबूत विपक्ष, कैसे सामना करेगी सरकार?*
#modi_government_3_0_will_face_challenge_a_strong_opposition

संसद सत्र से पहले कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि सियासी तापमान काफी बढ़ने वाला है, क्योंकि विपक्ष जोरदार तरीके से भाजपा पर निशाना साधेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सदन को पहले की तरह तानाशाह तरीके से नहीं संचालित किया जाए।कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि उनकी सहानुभूति भाजपा के साथ है, क्योंकि विपक्षी गठबंधन इंडिया के बड़े नेता, जो अच्छे वक्ता माने जाते हैं, सदन में पहुंच गए हैं। ये बातें बता रहा है कि विपक्ष मजबूती से संसद में सरकार का सामना करने के लिए तैयार है। यही, विपक्ष सरकार के सामने बड़ी चुनौती पेश करने वाला है। दरअसल, पिछले 10 साल में ऐसा पहली बार होगा जब लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी के सामने एक मजबूत विपक्ष होगा। दरअसल, नई लोकसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो रहा है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 10 साल बाद भाजपा को दमदार नेता और बड़े संख्या बल वाले विपक्ष का सामना करना होगा। यह चुनौती इंडिया गठबंधन के 234 सांसदों की संख्या भर की नहीं होगी बल्कि, कई जमीनी नेताओं के सदन में पहुंचने से अधिक मिलेगी। इसके अलावा भाजपा की विचारधारा के खिलाफ वाले अन्य विपक्षी दल व निर्दलीय भी लोकसभा पहुंचे हैं। लोकसभा में सीटें बढने से अब सदन में कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष को बोलने के लिए अधिक समय आवंटित होगा। इसके चलते अधिक से अधिक सांसदों को बोलने का मौका मिलेगा। पिछले दस साल से मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास नेता प्रतिपक्ष का आधिकारिक पद नहीं रहा। इसकी राह में एक नियम रोड़ा बना रहा। दरअसल, सदस्य संख्या का कम से कम 10 प्रतिशत, यानी 54 सांसद, होने पर ही नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिल सकता है। कांग्रेस के पास 16 वीं और 17 वीं लोकसभा में सिर्फ 44 और 52 सांसद ही रहे। लेकिन, इस बार उसके सदस्यों की संख्या 99 तक पहुंची है। जिससे कांग्रेस को 10 साल बाद नेता प्रतिपक्ष बनाने का मौका मिला है। लोकसभा का पहला सत्र सांसदो की शपथ जैसे औपचारिक कार्य से शुरू होगा लेकिन माना जा रहा है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष सरकार को जमकर घेरेगा। पेपर लीक और परीक्षाओं में अनियमितता के अतिरिक्त ‘अग्निपथ’ जैसी योजना का विरोध भी सरकार को झेलना पड़ेगा।चर्चा है कि लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन विपक्षी इंडिया गठबंधन के सदस्य सुबह संसद परिसर में इकट्ठा होंगे। इसके बाद सभी एक साथ सदन की ओर मार्च करेंगे। ये सभी सदस्य पुराने संसद भवन के गेट नंबर-2 के पास इकट्ठा होंगे, जहां पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा हुआ करती थी। अब इस प्रतिमा के साथ-साथ कई और को दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है, जिसे प्रेरणा स्थल का नाम दिया गया है।

India

Jun 22 2024, 14:27

अनशन पर आतिशी, क्या दिल्ली को मिलेगा जल संकट का समाधान?

#atishifastwillcontinueuntilharyanagovtprovideswater

दिल्ली में पानी के ले सत्याग्रह शुरू हो गया है।हरियाणा से रोज 100 मिलियन गैलन पानी दिए जाने की अपनी मांग को लेकर दिल्ली की जल मंत्री आतिशी शुक्रवार यानी 21 जून से भूख हड़ताल कर रही हैं। आज उनके अनशन का दूसरा दिन है। इस दौरान शनिवार को एक वीडियो जारी कर उन्होंने कहा कि अनशन पर बैठने के बाद हरियाणा ने 110 MGD कम पानी दिया है। जब तक दिल्ली के लोगों को पानी नहीं मिलेगा। ये अनशन जारी रहेगा।

अपने वीडियो मैसेज में आतिशी ने कहा, जैसा कि आप जानते हैं आज मेरे अनशन का दूसरा दिन है। दिल्ली में पानी का गंभीर संकट है। इस भीषण गर्मी में जब ज़्यादा पानी की ज़रूरत थी, तब शहर में पानी की किल्लत हो गई है। दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से पानी मिलता है। पिछले कई दिनों से हरियाणा दिल्ली के लिए कम पानी छोड़ रहा है। मैंने हर संभव रास्ता अपना कर देख लिया लेकिन जब किसी भी रास्ते से हरियाणा सरकार पानी देने को तैयार नहीं हुई तो मेरे पास अनशन पर बैठने के अलावा कोई रास्ता नहीं था।

आतिशी ने कहा कि आज भी पानी की कमी बनी हुई है। कल पूरे दिन भर में 110 MGD पानी कम आया है। जब तक हरियाणा सरकार दिल्ली को पानी नहीं देती, मैं अपना अनशन जारी रखूंगी। जब तक दिल्ली के 28 लाख लोगों को पानी नहीं मिल जाता, मैं कुछ नहीं खाऊंगी।'

उम्मीद है आतिशी की तपस्या सफल होगी- सुनीता केजरीवाल

अनशन बैठने के बाद दिल्ली सीएम केजरीवाल की पत्नी सुनीता ने कहा- हरियाणा सरकार से अपील करने के लिए दिल्ली की मंत्री आतिशी अनिश्चितकालीन समय के लिए सत्याग्रह करने जा रही हैं। वह कुछ भी नहीं खाएंगी, केवल पानी पिएंगी। वह दिल्ली के प्यासे लोगों के लिए ऐसा कर रही हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली के लोगों की पीड़ा को टीवी पर देखकर उन्हें बहुत दुख होता है। उन्हें उम्मीद है कि आतिशी की तपस्या सफल होगी और लोगों को कुछ राहत मिलेगी।

बीजेपी ने लगाया दिल्ली सरकार के संरक्षण में पानी की चोरी का आरोप

इससे पहले दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार के संरक्षण में पानी की चोरी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, दिल्ली सरकार के मंत्री बार-बार झूठ बोल रहे हैं कि हरियाणा से दिल्ली को पूरा पानी नहीं मिल रहा है। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली को हरियाणा से 17.34% अधिक पानी मिला। दिल्ली में पानी पहुंचने के बाद पानी टैंकर माफिया उसे चुरा लेते हैं। यह संकट आप और उनके भ्रष्टाचार की देन है।

सचदेवा ने कहा कि नौ जून को दिल्ली और हरियाणा के अधिकारियों ने मुनक नहर उससे दिल्ली तक आने वाले पानी निरीक्षण किया था। अधिकारियों ने यह माना था कि हरियाणा से दिल्ली को अधिक पानी मिल रहा है। मुनक से काकोरी आते-आते 20 प्रतिशत पानी बर्बाद या चोरी हो रहा है। उन्होंने सड़क पर खड़े टैंकरों की तस्वीर जारी की।दावा किया कि तस्वरी काकोरी से पहले की है और अवैध रूप से खड़े टैंकर से पानी की चोरी होती है।

India

Jun 22 2024, 14:26

अनशन पर आतिशी, क्या दिल्ली को मिलेगा जल संकट का समाधान?*
#atishi_fast_will_continue_until_haryana_govt_provides_water
दिल्ली में पानी के ले सत्याग्रह शुरू हो गया है।हरियाणा से रोज 100 मिलियन गैलन पानी दिए जाने की अपनी मांग को लेकर दिल्ली की जल मंत्री आतिशी शुक्रवार यानी 21 जून से भूख हड़ताल कर रही हैं। आज उनके अनशन का दूसरा दिन है। इस दौरान शनिवार को एक वीडियो जारी कर उन्होंने कहा कि अनशन पर बैठने के बाद हरियाणा ने 110 MGD कम पानी दिया है। जब तक दिल्ली के लोगों को पानी नहीं मिलेगा। ये अनशन जारी रहेगा। अपने वीडियो मैसेज में आतिशी ने कहा, जैसा कि आप जानते हैं आज मेरे अनशन का दूसरा दिन है। दिल्ली में पानी का गंभीर संकट है। इस भीषण गर्मी में जब ज़्यादा पानी की ज़रूरत थी, तब शहर में पानी की किल्लत हो गई है। दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से पानी मिलता है। पिछले कई दिनों से हरियाणा दिल्ली के लिए कम पानी छोड़ रहा है। मैंने हर संभव रास्ता अपना कर देख लिया लेकिन जब किसी भी रास्ते से हरियाणा सरकार पानी देने को तैयार नहीं हुई तो मेरे पास अनशन पर बैठने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। आतिशी ने कहा कि आज भी पानी की कमी बनी हुई है। कल पूरे दिन भर में 110 MGD पानी कम आया है। जब तक हरियाणा सरकार दिल्ली को पानी नहीं देती, मैं अपना अनशन जारी रखूंगी। जब तक दिल्ली के 28 लाख लोगों को पानी नहीं मिल जाता, मैं कुछ नहीं खाऊंगी।' *उम्मीद है आतिशी की तपस्या सफल होगी- सुनीता केजरीवाल* अनशन बैठने के बाद दिल्ली सीएम केजरीवाल की पत्नी सुनीता ने कहा- हरियाणा सरकार से अपील करने के लिए दिल्ली की मंत्री आतिशी अनिश्चितकालीन समय के लिए सत्याग्रह करने जा रही हैं। वह कुछ भी नहीं खाएंगी, केवल पानी पिएंगी। वह दिल्ली के प्यासे लोगों के लिए ऐसा कर रही हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली के लोगों की पीड़ा को टीवी पर देखकर उन्हें बहुत दुख होता है। उन्हें उम्मीद है कि आतिशी की तपस्या सफल होगी और लोगों को कुछ राहत मिलेगी। *बीजेपी ने लगाया दिल्ली सरकार के संरक्षण में पानी की चोरी का आरोप* इससे पहले दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार के संरक्षण में पानी की चोरी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, दिल्ली सरकार के मंत्री बार-बार झूठ बोल रहे हैं कि हरियाणा से दिल्ली को पूरा पानी नहीं मिल रहा है। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली को हरियाणा से 17.34% अधिक पानी मिला। दिल्ली में पानी पहुंचने के बाद पानी टैंकर माफिया उसे चुरा लेते हैं। यह संकट आप और उनके भ्रष्टाचार की देन है। सचदेवा ने कहा कि नौ जून को दिल्ली और हरियाणा के अधिकारियों ने मुनक नहर उससे दिल्ली तक आने वाले पानी निरीक्षण किया था। अधिकारियों ने यह माना था कि हरियाणा से दिल्ली को अधिक पानी मिल रहा है। मुनक से काकोरी आते-आते 20 प्रतिशत पानी बर्बाद या चोरी हो रहा है। उन्होंने सड़क पर खड़े टैंकरों की तस्वीर जारी की।दावा किया कि तस्वरी काकोरी से पहले की है और अवैध रूप से खड़े टैंकर से पानी की चोरी होती है।

India

Jun 21 2024, 09:02

आज जेल से बाहर आ सकते हैं अरविंद केजरीवाल, दिल्ली शराब घोटाला केस में मिली जमानत*
#cm_kejriwal_gets_bail_will_come_out_of_tihar_jail_today दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें एक लाख के मुचलके पर जमानत देने का फैसला किया है।केजरीवाल जमानत की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आज जेल से बाहर आ सकते हैं।हालांकि, अरविंद केजरीवाल के लिए आज का दिन काफी अहम है। उनके जेल से बाहर आने से पहले ही जांच एजेंसी ईडी बड़ा खेल कर सकती है।आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक ईडी ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ शुक्रवार सुबह दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करेगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत प्रदान करते हुए दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले जमानत प्रदान कर दी। अवकाश न्यायाधीश नियाय बिंदु ने केजरीवाल और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दो दिनों तक सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। इससे पहले उन्होंने दिन में दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने कल ही स्पष्ट किया था कि वे बहस पूरी होने के बाद तुरंत ही फैसला देगी क्योंकि यह मामला हाई प्रोफाइल है। हालांकि,सूत्रों की मानें तो अरविंद केजरीवाल के रेगुलर जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर आने से पहले ही ईडी आज यानी शुक्रवार को ही दिल्ली हाईकोर्ट में अपील कर जमानत को चुनौती देगी। ईडी आज इस मामले में जल्द सुनवाई का अनुरोध कर सकती है। हालांकि, राउज एवेन्यू कोर्ट की जज जस्टिस न्याय बिंदू का विस्तृत आदेश भी आज यानी शुक्रवार को ही सामने आएगा। इसका अर्थ ये है कि कोर्ट के आदेश की कॉपी आने के आने के बाद ही ईडी दिल्ली हाईकोर्ट में अपील कर सकती है। असल में अरविंद केजरीवाल की लीगल टीम की तरफ से दाखिल याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि इससे पहले अदालत ने बुधवार को केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद कहा था कि वह फैसला सुरक्षित नहीं रखेगी। अदालत ने मुख्यमंत्री की न्यायिक हिरासत की अवधि भी बढ़ा दी थी। बता दें कि केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनावों में प्रचार किए लिए जमानत प्रदान की थी। उसके बाद दो जून को उन्होंने समर्पण कर दिया था। एक्साइज पॉलिसी के मामले में सीएम केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। वहीं लोकसभा चुनाव के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी। जिसके बाद 2 जून की शाम को उन्होंने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था।

WestBengalBangla

Jun 20 2024, 18:15

BCCI has announced the men's international cricket schedule for the 2024-25 home season
*Sports News*

#Sports # Cricket# BCCI # INDIA # Street Buzz News



*SB News Bureau:* The Indian Cricket Board has announced the men's international cricket schedule for the 2024-25 home season. Currently the T20 World Cup is going on. The Indian cricket team will start the campaign in the Super Eight phase today. There are tours to Zimbabwe and Sri Lanka after the World Cup. India will play a five-match T20 series in Zimbabwe. ODI series in Sri Lanka. India's domestic season in international cricket starts from September. The schedule has been published by the Indian Cricket Board. India will play series against three countries in all formats. Total 16 matches. Among them, Kolkata's Eden Gardens is getting only one T20. Eden Gardens got India-England second T20. That match on 25 January 2025. *Pic Courtesy by: X*

India

Jun 20 2024, 10:35

प्रधानमंत्री मोदी का कश्मीर दौरा आज, कई परियोजनाओं की देंगे सौगात, युवाओं से करेंगे संवाद*
#pm_modi_will_visit_jammu_and_kashmir_today
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 और 21 जून को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी 20 जून की शाम 6 बजे श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर पहुंचेंगे। जहां वे इंपावरिंग यूथ ट्रांसफॉर्मिंग जेएंडके कार्यक्रम में भाग लेंगे और युवाओं से संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री अपने दौरे के दूसरे दिन सुबह करीब 6.30 बजे श्रीनगर के एसकेआईसीसी में 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। वह कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता सुधार परियोजना (जेकेसीआईपी) भी लॉन्च करेंगे। लगातार तीसरी बार पीएम बनने के बाद केंद्र शासित प्रदेश का ये उनका पहला दौरा होगा। इससे पहले वो मार्च में गए थे। दो दिवसीय दौरे के पहले दिन प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर के युवाओं से रूबरू होंगे। साथ ही जम्मू-कश्मीर के लोगों को कई सौगात देंगे। पीएम युवाओं को सशक्त बनाने और जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए पीएम मोदी कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। पीएम अपने दौरे के पहले दिन यानी कि 20 जून की शाम 6 बजे श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर पहुंचेंगे। यहां वो युवाओं को सशक्त बनाना, जम्मू-कश्मीर को बदलना कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। कृषि व अन्य क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता सुधार परियोजना (जेकेसीआईपी) का भी शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी 1,500 करोड़ से अधिक की 84 प्रमुख विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चिनैनी-पत्नीटाप-नाशरी खंड के सुधार, औद्योगिक संपदाओं के विकास और छह डिग्री कालेजों के निर्माण जैसी परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री 1,800 करोड़ वाली कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता सुधार (जेकेसीआइपी) परियोजना का शुभारंभ करेंगे। यह परियोजना जम्मू-कश्मीर के 20 जिलों के 90 ब्लाकों में क्रियान्वित की जाएगी। 15 लाख लाभार्थियों पर आधारित लगभग तीन लाख परिवारों को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री सरकारी सेवा में नियुक्त दो हजार से अधिक व्यक्तियों को नियुक्ति पत्र भी वितरित करेंगे। पीएम मोद 21 जून को सुबह करीब 6:30 बजे श्रीनगर के एसकेआईसीसी में 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लेंगे। इस अवसर पर वे उपस्थित लोगों को संबोधित करेंगे और उसके बाद योग सत्र में भाग लेंगे। इस वर्ष का योग दिवस कार्यक्रम युवा मन और शरीर पर योग के गहन प्रभाव को रेखांकित करता है। इस समारोह का उद्देश्य योग के अभ्यास में हजारों लोगों को एकजुट करना और वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के श्रीनगर दौरे के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि पीएम के कार्यक्रम के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सुरक्षा एजेंसियों ने श्रीनगर की हाई प्रोफाइल यात्रा के मद्देनजर सभी महत्वपूर्ण सड़कों और चौक-चौराहों पर अतिरिक्त नाके स्थापित कर दिए हैं।

Jharkhand

Jun 19 2024, 14:36

Unique initiative of Khunti District administration,Pension benefits will be given to sickle cell patients for the first time...

Ranchi:On the initiative of Deputy Commissioner, Shri Lokesh Mishra, for the first time in the district, pension has been approved for persons suffering from sickle cell anemia under Swami Vivekananda Nishakt Swawlamban Protsahan Scheme by district Social Security Cell, Khunti.

 In the first phase, 09 

persons of which 3 from Khunti block, 3 from Karra, 2 from Murhu and 1 from Torpa will be covered. 

Under this scheme, an amount of Rs 1000 per month will be given to the beneficiaries for life.In case any sickle cell case coming to light or identified later on it will be covered under this scheme.

Till now, sickle cell screening of 99165 persons has been done in the district, out of which 114 were found to be carriers of sickle cell and total 46 persons were found to be suffering from sickle cell anemia-thalassemia disease. Out of which 9 persons who are suffering from 40 percent or more sickle cell anemia-thalassemia disease are being given pension under Swami Vivekananda Nishakt Swavalamban Protsahan Yojana on the basis of disability certificate.

At present, while on one hand the life expectancy of people has increased due to health facilities, on the 

other hand the tribal population is suffering from various diseases.

Among these, sickle cell anemia is 

very widespread. It is a hereditary blood related disease, it is a group of disorders that affect the production of hemoglobin. The possibility of severe anemia, jaundice, delay in development and infection increases. Sickle cell anemia is a serious disease, it is the responsibility of all of us to spread the 

information about its remedies and treatment to remote areas.

For this, sickle cell anemia-thalassemia screening/checking camps were organized in all the blocks of the 

district.

Sickle cell mobile medical vans are continuously visiting remote rural areas from the district and 

conducting sickle cell screening.

Sickle cell anemia-thalassemia-Day Care Centre is being run in Sadar Hospital, Khunti with the objective 

of providing proper medical facilities to people suffering from sickle cell anemia.Here, free medical

consultation, treatment, medicines and blood are being provided to an average of 15 people suffering from sickle cell anemia-thalassemia every month.

India

Jun 19 2024, 05:55

A group of people from the Jain community in Delhi's Chandni Chowk saved more than 100 goats on Bakrid.

They paid Rs 11 lakh from their own pocket ⚡

All goats will be taken to a farm where they will live the rest of their lives in peace.

The emotional video is viral & getting lot of love from social media users.

Streetbuzznews

Jun 18 2024, 14:36

Akshat Nayyar, CEO Truemeds, shares How E-Pharmacies are Reshaping Medication Habits

Imagine a world where a few taps on your smartphone help you manage your health. Online or e-pharmacies are making this dream a reality by reshaping how we approach and understand our health and medication habits. These online platforms are more than just convenient storefronts — they are leading a revolution in healthcare accessibility and consumer education.

Gone are the days when consumers blindly followed medications based on prescriptions, with little knowledge or control over the process. Thanks to the wealth of information available online, from blogs to review platforms, we are far more aware now of our rights as consumers and are making informed choices about everything - from the food we eat to the skincare products we use. A recently found study by Bain & Co. on Asia-Pacific Front Line of Healthcare 2024 also states that Healthcare is no longer a passive experience: Consumers are taking charge of their health, are demanding a better experience, and are willing to invest in wellness.

The COVID-19 pandemic was a catalyst for this shift, forcing people to embrace e-commerce and online services out of sheer necessity. Even in smaller cities and suburbs, where the adoption of e-commerce might have otherwise been slower, the pandemic drove people to explore online shopping for essentials, including medicines. This shift towards e-pharmacies has continued to spike as these platforms bridge the gap in accessible and affordable healthcare. 

In fact, the Bain & Co. study also found that consumers desire a single touchpoint to manage their health and are increasingly placing high trust in primary care providers and other alternative sites of care like pharmacies and digital health. While face-to-face interactions are more commonly preferred, the pandemic has increased acceptance of virtual touchpoints. 

In India alone, there are over 50 e-pharmacy startups, serving around 5 million users every month with reasonably priced, high-quality medicines. The growth is fueled by rising education levels, increased consumer rights awareness, higher disposable incomes, and urbanization-driven lifestyle changes. Key to this is digital inclusion, as the internet and smartphones have reached a significant portion of the population. 

Why are e-pharmacies trending?

In today's fast-paced world, the hassle of traditional medication procurement processes—from scheduling appointments to purchasing medicines—is becoming increasingly unappealing. 

The biggest draw of e-pharmacies lies in the convenience they offer. One can easily track past orders, further helping them to take control of their healthcare needs from the comfort of their homes. Hence, offering “one-stop shop” solutions for all their needs, leveraging tech capabilities for better patient engagement. Pricing information is readily available on their platforms, and customers can compare options and choose the most affordable solutions for their prescription needs. This newfound transparency helps users make informed decisions and access the best deals. The survey also stated that telehealth led to major saving of healthcare costs due to the early triage and steerage care coupled with the low price point and pharmacy attach rate for teleconsultation compared to in-person primary consultation.

Future outlook

As the Indian government continues to push for digital transformation in the healthcare sector, e-pharmacies are likely to receive more support and recognition in the future.

India

Jun 26 2024, 19:29

अमेरिका-यूरोप में बढ़ी भारत की अहमियत, क्या पड़ोसियों के साथ रिश्तों में होगा सुधार

#willpmmodiimproverelationswithneighbouring_countries 

नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने हैं।2014 में जब नरेंद्र दामोदरदास मोदी पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने, उनके शपथ ग्रहण समारोह में भारत के सभी पड़ोसी देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। संदेश स्पष्ट था भारत अच्छा पड़ोसी बनना चाहता है। अपने तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में भी भारत के सात पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को न्योता भेजा गया।पड़ोसी देशों के प्रमुखों को शपथ ग्रहण में बुलाने का फैसला उन देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए किया गया है, जो दिल्ली की 'पड़ोसी प्रथम' पॉलिसी के केंद्र में हैं। हालांकि मोदी सरकार के लिए पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को मधुर बनाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।

दरअसल, प्रधानमंत्री पद संभालने के तुरंत बाद नरेन्द्र मोदी ने जी 7 शिखर बैठक में शामिल होने के साथ वैश्विक रंगमंच पर शानदार आगाज किया। इसके तीन सप्ताह बाद वह शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अस्ताना, कजाकस्तान में 3-4 जुलाई को आयोजित हो रही शिखर बैठक में शामिल होंगे। अमेरिकी खेमे के संगठन जी7 में भाग लेने के एक महीने के भीतर अमेरिका विरोधी चीन और रूस की अगुआई वाले एससीओ में उनकी भागीदारी रोचक होगी।

प्रधानमंत्री मोदी का दो विरोधी गुटों की शिखर बैठक में शामिल होना साफ बताता है कि वैश्विक स्तर पर भारत की अहमियत बढ़ी है। हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि मोदी के लिए पड़ोसी देशों के साथ सामान्य रिश्ते बनाए रखना बड़ी चुनौती है। तीसरा कार्यकाल संभालने से पहले जिस तरह अमेरिका, रूस और कई यूरोपीय नेताओं ने मोदी को फोन कर बधाई दी और जिस तरह चीन और पाकिस्तान के नेताओं ने उन्हें नजरअंदाज किया, उससे पता चलता है कि जहां भारत को बड़ी ताकतें अपनी ओर आकर्षित करना चाहती हैं, वहीं कुछ पड़ोसी देशों के लिए मोदी सरकार में संबंध को सुधारना मुश्किल होगा।

भारत में मौजूदा सरकार के सत्ता में आने के बाद से कई सार्क देशों के साथ भारत के संबंध बिग़ड़ते चले गए हैं। पहले पाकिस्तान, नेपाल और अब बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान के साथ रिश्तों की गर्माहट कम हो रही है।

नेपाल के साथ भारत के रिश्ते

नेपाल और भारत 1750 किलोमीटर से अधिक की सीमा साझा करते हैं। कहा जाता है कि दोनों के बीच न केवल रोज़ी-रोटी का बल्कि रोटी-बेटी का संबंध रहा है। लेकिन 2015 में दोनों पड़ोसियों के बीच रिश्तों में तनाव आना शुरू हुआ। मामला जुड़ा था नेपाल के नए संविधान से। 2015 में जब वहां नया संविधान बनने वाला था, उस वक्त तराई के इलाके में रहने वाले मधेशी इसका विरोध कर रहे थे। उनका दावा था कि सरकार में उनकी भागीदारी नहीं है। विरोध बढ़ा और नेपाल ने भारत पर आर्थिक नाकेबंदी का आरोप लगाया। इस बीच नेपाल की चीन के साथ बढ़ती नजदीकियों ने भारत के सामने चुनौती पेश की है।ऐसे में भारत को नेपाली लोगों का विश्वास दोबारा हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। 

पाकिस्तान के साथ बिगड़े रिश्ते

रही पाकिस्तान और भारत के संबंधों की बात तो 2014 में अपने शपथ ग्रहण में पीएम मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था। यही नहीं 2015 दिसंबर में क़ाबुल से दिल्ली लौटते हुए अचानक प्रधानमंत्री मोदी लाहौर पहुंच गए। खुद पहल करते हुए मोदी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ से मुलाक़ात करने पहुंचे तो माना गया कि उन्होंने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है, लेकिन भविष्य कुछ और ही था।पहले पठानकोट, फिर उरी, पुलवामा और फिर बालाकोट को लेकर दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ा दिया। यही नहीं, जम्मू कश्मीर को ख़ास दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने के भारत सरकार के फ़ैसले ने दोनों देशों के रिश्ते को और तल्ख कर दिया।

अफगानिस्तान को किया नजरअंदाज

अफ़ग़ानिस्तान के साथ भारत के क़रीबी रिश्ते रहे हैं और ये संबंध कूटनीतिक तौर पर भी अहम माने जाते हैं। भारत आर्थिक तौर पर भी अफ़ग़ानिस्तान की काफ़ी मदद करता रहा है। लेकिन दशकों से हिंसा से जूझ रहे अफ़ग़ानिस्तान से जब अमरीका ने बाहर निकलने का ऐलान किया तो भारत शांत ही रहा। न तो वो शांति प्रक्रिया में ही शामिल हुआ और न ही किसी और मामले में।2021 में तालिबान के सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद से भारत और अफगानिस्तान के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं है। 

बांग्लादेश के साथ मधुर संबंध कटु होने की राह पर!

1971 में पश्चिमी पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान अलग हुआ और बांग्लादेश नाम का एक नया राष्ट्र बना। चूंकि इसके गठन में भारत की भूमिका अहम रही इस कारण भारत के साथ इसके रिश्ते भी शुरुआत से मधुर रहे। लेकिन अब आगे ऐसा होता दिख नहीं रहा।घुसपैठ ने दोनों देशों के रिश्तों में खटास पैदा कर दी है। वहीं, 2011 में पश्चिम बंगाल के विरोध के कारण हम तीस्ता समझौते पर दस्तख़त नहीं कर पाए। जो दोनों देशों के रिश्तों के बीच एक नकारात्मक संदेश था। हालांकि, हाल ही एक महीने के अंदर दो बार बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना का भारत दौरा दूरीयों को मिटाता नजर आ रहा है।

भूटान के साथ संबंध

भूटान भारत के लिए भी बेहद जरूरी पड़ोसी देश है। यही कारण है कि भारत अपनी पंचवर्षीय योजना, वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज और गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी परियोजना में सहायता के साथ भूटान का समर्थन करने को तैयार है।खासकर तब जब चीन अपनी शर्तों पर भूटान के साथ सीमा पर बातचीत करने को तैयार है।

दरअसल,चीन आर्थिक साझेदारी का चोला पहनकर हिंद महासागर के कई तटीय देशों के साथ संबंध बनाने की कोशिश कर रहा है। भूटान इसका ही एक उदाहरण है। चीन ने भूटान के इलाकों पर हमले करके वहां के पहाड़ों को काट डाला। चीन ने वहां की जमीन पर अपने कस्बे बसा लिए। भूटान के बास सैन्य बल न होने के कारण, वह चीन द्वारा उसके भू-भाग को काटे जाने की मूकदर्शक बना हुआ है, जो सीमा वार्ता जारी रहने के बावजूद जारी है।

मालदीव के साथ तनाव के बीत संबंध जारी

मालदीव ने मोदी 3.0 के शपथ ग्रहण का न्योता स्वीकार करके साफ कर दिया कि वो भारत से बातचीत करना चाहता है। जबकि हाल ही में मालदीव से भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी। पिछले साल भी मालदीव के कुछ मंत्रियों ने पीएम मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच विवाद खड़ा हो गया था। हालांकि मालदीव ने उन मंत्रियों को पद से हटा दिया था।मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू 'भारत को बाहर करो' के नारे के साथ सत्ता में आए थे।हालांकि, तनाव के बाद भी भारत की ओर से बरती गई या फिर कहें आर्थिक तौर पर चोट कानेके बाद मालदीव की सरकार भी झुकती नजर आ रही है।

श्रीलंका में भी चीन की पकड़ होगी कमजोर

श्रीलंका भारत के पड़ोसी देशों में से एक है। दोनों देशों के बीच एक ऐसा रिश्ता है जिसे 2500 साल पुराना कहा जा सकता है। भारत श्रीलंका ने आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आईडीपी) के लिए विकास सहायता परियोजनाओं में सहयोग की प्रगति दिखाई है, जिसने भारत श्रीलंका के बीच मैत्री बंधन को और मजबूत किया है। हाल में श्रीलंका के वित्तीय संकट से निपटने में भारत ने काफी मदद की है। भारत की कंपनियां अब श्रीलंका के बुनियादी ढांचे को डेवलेप करने में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। इन योजनाओं के लिए अमेरिका भी मदद कर रहा है, जो भारत का प्रमुख रणनीतिक साझेदार है। इसे इस तरह समझ सकते हैं कि पिछले साल कोलंबो पोर्ट के एक प्रोजेक्ट के लिए अमेरिकी कंपनी ने 4,600 करोड़ रुपये देने का वादा किया था। इस टर्मिनल में भारत के अडाणी ग्रुप की 51% हिस्सेदारी है।

हालांकि, हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कच्चातिवू द्वीप को लेकर दोनों देश आमने-सामने आते दिखे।

India

Jun 24 2024, 09:46

10 साल में पहली बार संसद में होगा मजबूत विपक्ष, कैसे सामना करेगी सरकार?*
#modi_government_3_0_will_face_challenge_a_strong_opposition

संसद सत्र से पहले कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि सियासी तापमान काफी बढ़ने वाला है, क्योंकि विपक्ष जोरदार तरीके से भाजपा पर निशाना साधेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सदन को पहले की तरह तानाशाह तरीके से नहीं संचालित किया जाए।कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि उनकी सहानुभूति भाजपा के साथ है, क्योंकि विपक्षी गठबंधन इंडिया के बड़े नेता, जो अच्छे वक्ता माने जाते हैं, सदन में पहुंच गए हैं। ये बातें बता रहा है कि विपक्ष मजबूती से संसद में सरकार का सामना करने के लिए तैयार है। यही, विपक्ष सरकार के सामने बड़ी चुनौती पेश करने वाला है। दरअसल, पिछले 10 साल में ऐसा पहली बार होगा जब लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी के सामने एक मजबूत विपक्ष होगा। दरअसल, नई लोकसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो रहा है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 10 साल बाद भाजपा को दमदार नेता और बड़े संख्या बल वाले विपक्ष का सामना करना होगा। यह चुनौती इंडिया गठबंधन के 234 सांसदों की संख्या भर की नहीं होगी बल्कि, कई जमीनी नेताओं के सदन में पहुंचने से अधिक मिलेगी। इसके अलावा भाजपा की विचारधारा के खिलाफ वाले अन्य विपक्षी दल व निर्दलीय भी लोकसभा पहुंचे हैं। लोकसभा में सीटें बढने से अब सदन में कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष को बोलने के लिए अधिक समय आवंटित होगा। इसके चलते अधिक से अधिक सांसदों को बोलने का मौका मिलेगा। पिछले दस साल से मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास नेता प्रतिपक्ष का आधिकारिक पद नहीं रहा। इसकी राह में एक नियम रोड़ा बना रहा। दरअसल, सदस्य संख्या का कम से कम 10 प्रतिशत, यानी 54 सांसद, होने पर ही नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिल सकता है। कांग्रेस के पास 16 वीं और 17 वीं लोकसभा में सिर्फ 44 और 52 सांसद ही रहे। लेकिन, इस बार उसके सदस्यों की संख्या 99 तक पहुंची है। जिससे कांग्रेस को 10 साल बाद नेता प्रतिपक्ष बनाने का मौका मिला है। लोकसभा का पहला सत्र सांसदो की शपथ जैसे औपचारिक कार्य से शुरू होगा लेकिन माना जा रहा है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष सरकार को जमकर घेरेगा। पेपर लीक और परीक्षाओं में अनियमितता के अतिरिक्त ‘अग्निपथ’ जैसी योजना का विरोध भी सरकार को झेलना पड़ेगा।चर्चा है कि लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन विपक्षी इंडिया गठबंधन के सदस्य सुबह संसद परिसर में इकट्ठा होंगे। इसके बाद सभी एक साथ सदन की ओर मार्च करेंगे। ये सभी सदस्य पुराने संसद भवन के गेट नंबर-2 के पास इकट्ठा होंगे, जहां पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा हुआ करती थी। अब इस प्रतिमा के साथ-साथ कई और को दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है, जिसे प्रेरणा स्थल का नाम दिया गया है।

India

Jun 22 2024, 14:27

अनशन पर आतिशी, क्या दिल्ली को मिलेगा जल संकट का समाधान?

#atishifastwillcontinueuntilharyanagovtprovideswater

दिल्ली में पानी के ले सत्याग्रह शुरू हो गया है।हरियाणा से रोज 100 मिलियन गैलन पानी दिए जाने की अपनी मांग को लेकर दिल्ली की जल मंत्री आतिशी शुक्रवार यानी 21 जून से भूख हड़ताल कर रही हैं। आज उनके अनशन का दूसरा दिन है। इस दौरान शनिवार को एक वीडियो जारी कर उन्होंने कहा कि अनशन पर बैठने के बाद हरियाणा ने 110 MGD कम पानी दिया है। जब तक दिल्ली के लोगों को पानी नहीं मिलेगा। ये अनशन जारी रहेगा।

अपने वीडियो मैसेज में आतिशी ने कहा, जैसा कि आप जानते हैं आज मेरे अनशन का दूसरा दिन है। दिल्ली में पानी का गंभीर संकट है। इस भीषण गर्मी में जब ज़्यादा पानी की ज़रूरत थी, तब शहर में पानी की किल्लत हो गई है। दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से पानी मिलता है। पिछले कई दिनों से हरियाणा दिल्ली के लिए कम पानी छोड़ रहा है। मैंने हर संभव रास्ता अपना कर देख लिया लेकिन जब किसी भी रास्ते से हरियाणा सरकार पानी देने को तैयार नहीं हुई तो मेरे पास अनशन पर बैठने के अलावा कोई रास्ता नहीं था।

आतिशी ने कहा कि आज भी पानी की कमी बनी हुई है। कल पूरे दिन भर में 110 MGD पानी कम आया है। जब तक हरियाणा सरकार दिल्ली को पानी नहीं देती, मैं अपना अनशन जारी रखूंगी। जब तक दिल्ली के 28 लाख लोगों को पानी नहीं मिल जाता, मैं कुछ नहीं खाऊंगी।'

उम्मीद है आतिशी की तपस्या सफल होगी- सुनीता केजरीवाल

अनशन बैठने के बाद दिल्ली सीएम केजरीवाल की पत्नी सुनीता ने कहा- हरियाणा सरकार से अपील करने के लिए दिल्ली की मंत्री आतिशी अनिश्चितकालीन समय के लिए सत्याग्रह करने जा रही हैं। वह कुछ भी नहीं खाएंगी, केवल पानी पिएंगी। वह दिल्ली के प्यासे लोगों के लिए ऐसा कर रही हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली के लोगों की पीड़ा को टीवी पर देखकर उन्हें बहुत दुख होता है। उन्हें उम्मीद है कि आतिशी की तपस्या सफल होगी और लोगों को कुछ राहत मिलेगी।

बीजेपी ने लगाया दिल्ली सरकार के संरक्षण में पानी की चोरी का आरोप

इससे पहले दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार के संरक्षण में पानी की चोरी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, दिल्ली सरकार के मंत्री बार-बार झूठ बोल रहे हैं कि हरियाणा से दिल्ली को पूरा पानी नहीं मिल रहा है। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली को हरियाणा से 17.34% अधिक पानी मिला। दिल्ली में पानी पहुंचने के बाद पानी टैंकर माफिया उसे चुरा लेते हैं। यह संकट आप और उनके भ्रष्टाचार की देन है।

सचदेवा ने कहा कि नौ जून को दिल्ली और हरियाणा के अधिकारियों ने मुनक नहर उससे दिल्ली तक आने वाले पानी निरीक्षण किया था। अधिकारियों ने यह माना था कि हरियाणा से दिल्ली को अधिक पानी मिल रहा है। मुनक से काकोरी आते-आते 20 प्रतिशत पानी बर्बाद या चोरी हो रहा है। उन्होंने सड़क पर खड़े टैंकरों की तस्वीर जारी की।दावा किया कि तस्वरी काकोरी से पहले की है और अवैध रूप से खड़े टैंकर से पानी की चोरी होती है।

India

Jun 22 2024, 14:26

अनशन पर आतिशी, क्या दिल्ली को मिलेगा जल संकट का समाधान?*
#atishi_fast_will_continue_until_haryana_govt_provides_water
दिल्ली में पानी के ले सत्याग्रह शुरू हो गया है।हरियाणा से रोज 100 मिलियन गैलन पानी दिए जाने की अपनी मांग को लेकर दिल्ली की जल मंत्री आतिशी शुक्रवार यानी 21 जून से भूख हड़ताल कर रही हैं। आज उनके अनशन का दूसरा दिन है। इस दौरान शनिवार को एक वीडियो जारी कर उन्होंने कहा कि अनशन पर बैठने के बाद हरियाणा ने 110 MGD कम पानी दिया है। जब तक दिल्ली के लोगों को पानी नहीं मिलेगा। ये अनशन जारी रहेगा। अपने वीडियो मैसेज में आतिशी ने कहा, जैसा कि आप जानते हैं आज मेरे अनशन का दूसरा दिन है। दिल्ली में पानी का गंभीर संकट है। इस भीषण गर्मी में जब ज़्यादा पानी की ज़रूरत थी, तब शहर में पानी की किल्लत हो गई है। दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से पानी मिलता है। पिछले कई दिनों से हरियाणा दिल्ली के लिए कम पानी छोड़ रहा है। मैंने हर संभव रास्ता अपना कर देख लिया लेकिन जब किसी भी रास्ते से हरियाणा सरकार पानी देने को तैयार नहीं हुई तो मेरे पास अनशन पर बैठने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। आतिशी ने कहा कि आज भी पानी की कमी बनी हुई है। कल पूरे दिन भर में 110 MGD पानी कम आया है। जब तक हरियाणा सरकार दिल्ली को पानी नहीं देती, मैं अपना अनशन जारी रखूंगी। जब तक दिल्ली के 28 लाख लोगों को पानी नहीं मिल जाता, मैं कुछ नहीं खाऊंगी।' *उम्मीद है आतिशी की तपस्या सफल होगी- सुनीता केजरीवाल* अनशन बैठने के बाद दिल्ली सीएम केजरीवाल की पत्नी सुनीता ने कहा- हरियाणा सरकार से अपील करने के लिए दिल्ली की मंत्री आतिशी अनिश्चितकालीन समय के लिए सत्याग्रह करने जा रही हैं। वह कुछ भी नहीं खाएंगी, केवल पानी पिएंगी। वह दिल्ली के प्यासे लोगों के लिए ऐसा कर रही हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली के लोगों की पीड़ा को टीवी पर देखकर उन्हें बहुत दुख होता है। उन्हें उम्मीद है कि आतिशी की तपस्या सफल होगी और लोगों को कुछ राहत मिलेगी। *बीजेपी ने लगाया दिल्ली सरकार के संरक्षण में पानी की चोरी का आरोप* इससे पहले दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार के संरक्षण में पानी की चोरी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, दिल्ली सरकार के मंत्री बार-बार झूठ बोल रहे हैं कि हरियाणा से दिल्ली को पूरा पानी नहीं मिल रहा है। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली को हरियाणा से 17.34% अधिक पानी मिला। दिल्ली में पानी पहुंचने के बाद पानी टैंकर माफिया उसे चुरा लेते हैं। यह संकट आप और उनके भ्रष्टाचार की देन है। सचदेवा ने कहा कि नौ जून को दिल्ली और हरियाणा के अधिकारियों ने मुनक नहर उससे दिल्ली तक आने वाले पानी निरीक्षण किया था। अधिकारियों ने यह माना था कि हरियाणा से दिल्ली को अधिक पानी मिल रहा है। मुनक से काकोरी आते-आते 20 प्रतिशत पानी बर्बाद या चोरी हो रहा है। उन्होंने सड़क पर खड़े टैंकरों की तस्वीर जारी की।दावा किया कि तस्वरी काकोरी से पहले की है और अवैध रूप से खड़े टैंकर से पानी की चोरी होती है।

India

Jun 21 2024, 09:02

आज जेल से बाहर आ सकते हैं अरविंद केजरीवाल, दिल्ली शराब घोटाला केस में मिली जमानत*
#cm_kejriwal_gets_bail_will_come_out_of_tihar_jail_today दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें एक लाख के मुचलके पर जमानत देने का फैसला किया है।केजरीवाल जमानत की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आज जेल से बाहर आ सकते हैं।हालांकि, अरविंद केजरीवाल के लिए आज का दिन काफी अहम है। उनके जेल से बाहर आने से पहले ही जांच एजेंसी ईडी बड़ा खेल कर सकती है।आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक ईडी ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ शुक्रवार सुबह दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करेगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत प्रदान करते हुए दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले जमानत प्रदान कर दी। अवकाश न्यायाधीश नियाय बिंदु ने केजरीवाल और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दो दिनों तक सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। इससे पहले उन्होंने दिन में दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने कल ही स्पष्ट किया था कि वे बहस पूरी होने के बाद तुरंत ही फैसला देगी क्योंकि यह मामला हाई प्रोफाइल है। हालांकि,सूत्रों की मानें तो अरविंद केजरीवाल के रेगुलर जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर आने से पहले ही ईडी आज यानी शुक्रवार को ही दिल्ली हाईकोर्ट में अपील कर जमानत को चुनौती देगी। ईडी आज इस मामले में जल्द सुनवाई का अनुरोध कर सकती है। हालांकि, राउज एवेन्यू कोर्ट की जज जस्टिस न्याय बिंदू का विस्तृत आदेश भी आज यानी शुक्रवार को ही सामने आएगा। इसका अर्थ ये है कि कोर्ट के आदेश की कॉपी आने के आने के बाद ही ईडी दिल्ली हाईकोर्ट में अपील कर सकती है। असल में अरविंद केजरीवाल की लीगल टीम की तरफ से दाखिल याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि इससे पहले अदालत ने बुधवार को केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद कहा था कि वह फैसला सुरक्षित नहीं रखेगी। अदालत ने मुख्यमंत्री की न्यायिक हिरासत की अवधि भी बढ़ा दी थी। बता दें कि केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनावों में प्रचार किए लिए जमानत प्रदान की थी। उसके बाद दो जून को उन्होंने समर्पण कर दिया था। एक्साइज पॉलिसी के मामले में सीएम केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। वहीं लोकसभा चुनाव के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी। जिसके बाद 2 जून की शाम को उन्होंने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था।

WestBengalBangla

Jun 20 2024, 18:15

BCCI has announced the men's international cricket schedule for the 2024-25 home season
*Sports News*

#Sports # Cricket# BCCI # INDIA # Street Buzz News



*SB News Bureau:* The Indian Cricket Board has announced the men's international cricket schedule for the 2024-25 home season. Currently the T20 World Cup is going on. The Indian cricket team will start the campaign in the Super Eight phase today. There are tours to Zimbabwe and Sri Lanka after the World Cup. India will play a five-match T20 series in Zimbabwe. ODI series in Sri Lanka. India's domestic season in international cricket starts from September. The schedule has been published by the Indian Cricket Board. India will play series against three countries in all formats. Total 16 matches. Among them, Kolkata's Eden Gardens is getting only one T20. Eden Gardens got India-England second T20. That match on 25 January 2025. *Pic Courtesy by: X*

India

Jun 20 2024, 10:35

प्रधानमंत्री मोदी का कश्मीर दौरा आज, कई परियोजनाओं की देंगे सौगात, युवाओं से करेंगे संवाद*
#pm_modi_will_visit_jammu_and_kashmir_today
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 और 21 जून को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी 20 जून की शाम 6 बजे श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर पहुंचेंगे। जहां वे इंपावरिंग यूथ ट्रांसफॉर्मिंग जेएंडके कार्यक्रम में भाग लेंगे और युवाओं से संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री अपने दौरे के दूसरे दिन सुबह करीब 6.30 बजे श्रीनगर के एसकेआईसीसी में 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। वह कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता सुधार परियोजना (जेकेसीआईपी) भी लॉन्च करेंगे। लगातार तीसरी बार पीएम बनने के बाद केंद्र शासित प्रदेश का ये उनका पहला दौरा होगा। इससे पहले वो मार्च में गए थे। दो दिवसीय दौरे के पहले दिन प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर के युवाओं से रूबरू होंगे। साथ ही जम्मू-कश्मीर के लोगों को कई सौगात देंगे। पीएम युवाओं को सशक्त बनाने और जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए पीएम मोदी कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। पीएम अपने दौरे के पहले दिन यानी कि 20 जून की शाम 6 बजे श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर पहुंचेंगे। यहां वो युवाओं को सशक्त बनाना, जम्मू-कश्मीर को बदलना कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। कृषि व अन्य क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता सुधार परियोजना (जेकेसीआईपी) का भी शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी 1,500 करोड़ से अधिक की 84 प्रमुख विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चिनैनी-पत्नीटाप-नाशरी खंड के सुधार, औद्योगिक संपदाओं के विकास और छह डिग्री कालेजों के निर्माण जैसी परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री 1,800 करोड़ वाली कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता सुधार (जेकेसीआइपी) परियोजना का शुभारंभ करेंगे। यह परियोजना जम्मू-कश्मीर के 20 जिलों के 90 ब्लाकों में क्रियान्वित की जाएगी। 15 लाख लाभार्थियों पर आधारित लगभग तीन लाख परिवारों को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री सरकारी सेवा में नियुक्त दो हजार से अधिक व्यक्तियों को नियुक्ति पत्र भी वितरित करेंगे। पीएम मोद 21 जून को सुबह करीब 6:30 बजे श्रीनगर के एसकेआईसीसी में 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लेंगे। इस अवसर पर वे उपस्थित लोगों को संबोधित करेंगे और उसके बाद योग सत्र में भाग लेंगे। इस वर्ष का योग दिवस कार्यक्रम युवा मन और शरीर पर योग के गहन प्रभाव को रेखांकित करता है। इस समारोह का उद्देश्य योग के अभ्यास में हजारों लोगों को एकजुट करना और वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के श्रीनगर दौरे के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि पीएम के कार्यक्रम के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सुरक्षा एजेंसियों ने श्रीनगर की हाई प्रोफाइल यात्रा के मद्देनजर सभी महत्वपूर्ण सड़कों और चौक-चौराहों पर अतिरिक्त नाके स्थापित कर दिए हैं।

Jharkhand

Jun 19 2024, 14:36

Unique initiative of Khunti District administration,Pension benefits will be given to sickle cell patients for the first time...

Ranchi:On the initiative of Deputy Commissioner, Shri Lokesh Mishra, for the first time in the district, pension has been approved for persons suffering from sickle cell anemia under Swami Vivekananda Nishakt Swawlamban Protsahan Scheme by district Social Security Cell, Khunti.

 In the first phase, 09 

persons of which 3 from Khunti block, 3 from Karra, 2 from Murhu and 1 from Torpa will be covered. 

Under this scheme, an amount of Rs 1000 per month will be given to the beneficiaries for life.In case any sickle cell case coming to light or identified later on it will be covered under this scheme.

Till now, sickle cell screening of 99165 persons has been done in the district, out of which 114 were found to be carriers of sickle cell and total 46 persons were found to be suffering from sickle cell anemia-thalassemia disease. Out of which 9 persons who are suffering from 40 percent or more sickle cell anemia-thalassemia disease are being given pension under Swami Vivekananda Nishakt Swavalamban Protsahan Yojana on the basis of disability certificate.

At present, while on one hand the life expectancy of people has increased due to health facilities, on the 

other hand the tribal population is suffering from various diseases.

Among these, sickle cell anemia is 

very widespread. It is a hereditary blood related disease, it is a group of disorders that affect the production of hemoglobin. The possibility of severe anemia, jaundice, delay in development and infection increases. Sickle cell anemia is a serious disease, it is the responsibility of all of us to spread the 

information about its remedies and treatment to remote areas.

For this, sickle cell anemia-thalassemia screening/checking camps were organized in all the blocks of the 

district.

Sickle cell mobile medical vans are continuously visiting remote rural areas from the district and 

conducting sickle cell screening.

Sickle cell anemia-thalassemia-Day Care Centre is being run in Sadar Hospital, Khunti with the objective 

of providing proper medical facilities to people suffering from sickle cell anemia.Here, free medical

consultation, treatment, medicines and blood are being provided to an average of 15 people suffering from sickle cell anemia-thalassemia every month.

India

Jun 19 2024, 05:55

A group of people from the Jain community in Delhi's Chandni Chowk saved more than 100 goats on Bakrid.

They paid Rs 11 lakh from their own pocket ⚡

All goats will be taken to a farm where they will live the rest of their lives in peace.

The emotional video is viral & getting lot of love from social media users.

Streetbuzznews

Jun 18 2024, 14:36

Akshat Nayyar, CEO Truemeds, shares How E-Pharmacies are Reshaping Medication Habits

Imagine a world where a few taps on your smartphone help you manage your health. Online or e-pharmacies are making this dream a reality by reshaping how we approach and understand our health and medication habits. These online platforms are more than just convenient storefronts — they are leading a revolution in healthcare accessibility and consumer education.

Gone are the days when consumers blindly followed medications based on prescriptions, with little knowledge or control over the process. Thanks to the wealth of information available online, from blogs to review platforms, we are far more aware now of our rights as consumers and are making informed choices about everything - from the food we eat to the skincare products we use. A recently found study by Bain & Co. on Asia-Pacific Front Line of Healthcare 2024 also states that Healthcare is no longer a passive experience: Consumers are taking charge of their health, are demanding a better experience, and are willing to invest in wellness.

The COVID-19 pandemic was a catalyst for this shift, forcing people to embrace e-commerce and online services out of sheer necessity. Even in smaller cities and suburbs, where the adoption of e-commerce might have otherwise been slower, the pandemic drove people to explore online shopping for essentials, including medicines. This shift towards e-pharmacies has continued to spike as these platforms bridge the gap in accessible and affordable healthcare. 

In fact, the Bain & Co. study also found that consumers desire a single touchpoint to manage their health and are increasingly placing high trust in primary care providers and other alternative sites of care like pharmacies and digital health. While face-to-face interactions are more commonly preferred, the pandemic has increased acceptance of virtual touchpoints. 

In India alone, there are over 50 e-pharmacy startups, serving around 5 million users every month with reasonably priced, high-quality medicines. The growth is fueled by rising education levels, increased consumer rights awareness, higher disposable incomes, and urbanization-driven lifestyle changes. Key to this is digital inclusion, as the internet and smartphones have reached a significant portion of the population. 

Why are e-pharmacies trending?

In today's fast-paced world, the hassle of traditional medication procurement processes—from scheduling appointments to purchasing medicines—is becoming increasingly unappealing. 

The biggest draw of e-pharmacies lies in the convenience they offer. One can easily track past orders, further helping them to take control of their healthcare needs from the comfort of their homes. Hence, offering “one-stop shop” solutions for all their needs, leveraging tech capabilities for better patient engagement. Pricing information is readily available on their platforms, and customers can compare options and choose the most affordable solutions for their prescription needs. This newfound transparency helps users make informed decisions and access the best deals. The survey also stated that telehealth led to major saving of healthcare costs due to the early triage and steerage care coupled with the low price point and pharmacy attach rate for teleconsultation compared to in-person primary consultation.

Future outlook

As the Indian government continues to push for digital transformation in the healthcare sector, e-pharmacies are likely to receive more support and recognition in the future.