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सत्य सनातन के प्रतीक है चिरंजीवी परशुराम : सुरज प्रसाद चौबे

लखनऊ । भगवान विष्णु के छठे अवतार चिंजीवी भगवान परशुराम का जन्मोत्सव सवर्ण आर्मी धूम धाम से मनाई,सवर्ण आर्मी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सुरज प्रसाद चौबे के आवास पर सवर्ण समाज के सैकड़ों लोगों ने भगवान परशुराम की मूर्ति पर माल्यार्पण कर आरती किया,प्रात: काल भगवान परशुराम की शोभायात्रा निकाली गई।

सवर्ण आर्मी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सुरज प्रसाद चौबे ने उपस्थित लोगों से कहा कि महाभारत,विष्णुपुराण के अनुसार परशुराम का मूल नाम राम था किंतु भगवान शिव ने उन्हें अपना परशु नामक अस्त्र प्रदान किया तभी से उनका नाम परशुराम हो गया,पितामह भृगु सम्पन्न नामकरण संस्कार के अन्तर राम कहलाए , परशुराम भीष्म द्रोण कर्ण को भी अस्त्र विद्या प्रदान की थी सत्य एव सनातन के प्रतीक परशुराम है। इस कली काल में भी आज पृथ्वी पर बिराज मान है,सेवानिवृत पुलिस अधीक्षक एस के राय को भगवान परशुराम का प्रतीक फरसा भेट कर सवर्ण आर्मी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सुरज प्रसाद चौबे ने सम्मानित किया श्री एस के राय ने कहा कि अधर्म के खिलाफ धर्म की लड़ाई भगवान परशुराम के लड़ी पृथ्वी से अधर्म का नाश किए भगवान परशुराम आज भी पृथ्वी पर है इसलिए चिरंजीवी कहा जाता है मुख्य रूप से बि के सिंह,अरविंद सिंह,जुगल किशोर पांडेय आशु श्रीवास्तव,राहुल सिंह सुरेंद्र नाथ तिवारी आदि उपस्थित रहे।

वर्ल्ड फूड इंडिया–2025: वैश्विक मंच पर उत्तर प्रदेश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की दमदार प्रस्तुति की तैयारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राज्य के खाद्य प्रसंस्करण विभाग को निर्देश दिए हैं कि आगामी वर्ल्ड फूड इंडिया–2025 (दिनांक 25–28 सितम्बर, 2025, नई दिल्ली) में राज्य की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि इस वैश्विक आयोजन में उत्तर प्रदेश के खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी नीतियों, उत्पादों और नवाचारों को प्रदर्शित करने के लिए विशेष स्टाल लगाए जाएं और प्रचार-प्रसार की विस्तृत योजना बनाई जाए।

नोवोटेल होटल, लखनऊ में आयोजित उद्योग संपर्क बैठक में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव डॉ. सुब्रत गुप्ता ने वर्ल्ड फूड इंडिया–2025 में उत्तर प्रदेश की भागीदारी का आमंत्रण देते हुए कहा कि यह आयोजन उद्योग जगत, एमएसएमई, स्टार्टअप्स और नवाचारकर्ताओं के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करेगा, जहां वे अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकेंगे और निर्यात एवं निवेश के अवसर तलाश सकेंगे।

बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव (उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण) बी.एल. मीना ने प्रदेश की खाद्य प्रसंस्करण नीति, पूंजी सब्सिडी, ब्याज छूट, कोल्ड चेन और लॉजिस्टिक्स पार्कों जैसी सुविधाओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पीएम-एफएमई योजना के तहत सूक्ष्म इकाइयों को वित्तीय, तकनीकी व प्रशिक्षण सहायता दी जा रही है।

इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरण आनंद ने राज्य में निवेश के अवसरों को रेखांकित किया। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के उप सचिव विवेक कुमार सिंह ने केंद्र सरकार की विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं की जानकारी दी।

इस कार्यक्रम में इन्वेस्ट इंडिया की सुश्री आरती ऋषि, फिक्की के अपूर्व भटनागर, केसीसीआई के डॉ. अमित जोशी और नकुल प्रकाश लाखे सहित 150 से अधिक उद्योग प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

वर्ल्ड फूड इंडिया–2025 भारत को खाद्य प्रसंस्करण का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें उत्तर प्रदेश की भागीदारी राज्य की औद्योगिक छवि को वैश्विक स्तर पर मजबूती प्रदान करेगी।

महाकुंभ बना वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र

__ 45 देशों के श्रद्धालुओं ने सराहा भारत की संस्कृति, अयोध्या, प्रयागराज और वाराणसी बने विश्वस्तरीय धार्मिक गंतव्य

__ 5877 प्रति श्रद्धालु खर्च कर महाकुंभ ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दी नई उड़ान

लखनऊ। भारतीय संस्कृति की गूंज अब सिर्फ देश की सीमाओं में ही नहीं, बल्कि विश्व पटल पर भी सुनाई दे रही है। इसका साक्षात प्रमाण महाकुंभ 2025 बना, जिसमें भारत सहित 45 देशों के 3.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा कराए गए महाकुंभ स्पीरिचुअल सर्वे में प्रयागराज, अयोध्या और वाराणसी जैसे तीर्थस्थल न केवल श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र बने, बल्कि भारत के टॉप टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में उभर कर सामने आए।

सर्वे के अनुसार, प्रत्येक श्रद्धालु ने औसतन ₹5877.63 खर्च किए, जिससे उत्तर प्रदेश की जीडीपी में करोड़ों रुपये का सीधा योगदान हुआ। विदेशी पर्यटक जहाँ आध्यात्मिक खोज के उद्देश्य से अकेले आए, वहीं भारतीय श्रद्धालु परिवारों और मित्रों के साथ आस्था की इस विराट धारा में शामिल हुए।

विश्व भर में फैली भारतीय संस्कृति की गूंज

यूएसए, यूके, कनाडा, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया और फिजी जैसे देशों से आए श्रद्धालुओं ने न केवल भारत की प्राचीन आध्यात्मिक विरासत को सराहा, बल्कि अयोध्या, संगम और काशी को अपनी भविष्य की यात्रा सूची में भी शीर्ष पर रखा। 32.57% पर्यटकों ने अगली यात्रा में प्रयागराज को प्राथमिकता देने की बात कही, जबकि अयोध्या को 22.55% ने अपनी सबसे पसंदीदा जगह बताया।

पर्यटन से अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि मेसर्स डिलायट द्वारा किया गया यह सर्वे उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। सर्वे में यह स्पष्ट हुआ कि यात्रा, ठहराव, खानपान, धार्मिक खरीदारी और शॉपिंग में हुआ खर्च प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दे रहा है।

पर्यटन विभाग ने किया विशेष अनुभव का सृजन

महाकुंभ में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को दी गई सुविधाएं — स्वच्छता, सुरक्षित आवागमन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन और डिजिटल जानकारी — ने भारत के पर्यटन क्षेत्र की साख को और भी मजबूत किया। यह आयोजन न केवल एक धार्मिक समागम रहा, बल्कि यह ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को भी वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने वाला अवसर बना।

पर्यटन को मिलेगा नया आयाम: सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद में 4318.07 लाख की परियोजनाएं स्वीकृत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद जनपदों में कुल 4318.07 लाख रुपये की लागत से विभिन्न तीर्थस्थलों और धार्मिक स्थलों के विकास हेतु परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। इन परियोजनाओं को उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड एवं सीएनडीएस के माध्यम से निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाएगा।

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सहारनपुर जनपद के लिए 1120.11 लाख रुपये की तीन परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इनमें:

पतेश्वर महादेव मंदिर के पर्यटन विकास हेतु 119.00 लाख रुपये

गंगोह रोड स्थित शिव मंदिर एवं भैरव काली मंदिर के लिए 100.00 लाख रुपये

शाकुम्भरी देवी शक्तिपीठ में पर्यटक सुविधाओं के विकास हेतु 901.31 लाख रुपये शामिल हैं।

मुजफ्फरनगर जनपद के लिए 2482.71 लाख रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें:

शुक्रतीर्थ में लाइट एंड साउंड शो के लिए 1525.1 लाख रुपये

शुक्रतीर्थ परिक्रमा मार्ग के सुदृढ़ीकरण हेतु 477.6 लाख रुपये

श्रीमद्भागवत कथा केन्द्र के निर्माण हेतु 480.01 लाख रुपये शामिल हैं।

वहीं, गाजियाबाद जनपद में 715.25 लाख रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें:

मुरादनगर स्थित भगवान परशुराम मंदिर,

मोदीनगर स्थित सीकरी महामाया मंदिर,

दूधेश्वरनाथ मंदिर का पर्यटन विकास शामिल है।

मंत्री जयवीर सिंह ने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिया है कि सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में गुणवत्ता सहित पूर्ण किए जाएं, ताकि देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके और धार्मिक पर्यटन को नई दिशा मिल सके।

यूपी में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या के खिलाफ बड़ा एक्शन, नेपाल सीमा पर भी सख्ती तेज

लखनऊ। पहलगाम आतंकी हमले के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध विदेशी नागरिकों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। पाकिस्तानी नागरिकों को राज्य से बाहर निकालने के बाद अब योगी सरकार की नजर बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों पर है, जो अवैध रूप से प्रदेश में रह रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों, पुलिस कप्तानों और पुलिस आयुक्तों को निर्देश जारी किए हैं कि ऐसे सभी अवैध विदेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें जल्द से जल्द वापस भेजा जाए। उत्तर प्रदेश, केंद्र सरकार के निर्देश के अनुपालन में, पाकिस्तानी नागरिकों को निष्कासित करने वाला पहला राज्य बन गया है।

अब सरकार का फोकस बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों पर है। राज्य भर में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है ताकि अवैध रूप से रह रहे इन नागरिकों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई की जा सके। इस अभियान के तहत भारत-नेपाल सीमा पर भी कार्रवाई तेज कर दी गई है। सीमा से सटे जिलों में अवैध मदरसों और धार्मिक संस्थानों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। सोमवार को बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, महराजगंज और लखीमपुर खीरी में अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया।

बहराइच: 6 अवैध निर्माणों और 7 मदरसों पर कार्रवाई

श्रावस्ती: 12 अवैध मदरसे बंद, 8 अवैध कब्जे हटाए गए

सिद्धार्थनगर: 12 अवैध निर्माण चिन्हित

महराजगंज: एक अवैध मदरसा ध्वस्त, नो-मैन्स लैंड पर बने मजार को हटाया गया

* लखीमपुर खीरी: मस्जिद के अस्थायी निर्माण को हटाया गया

प्रदेश सरकार का स्पष्ट संदेश है कि किसी भी प्रकार के अवैध निर्माण या अवैध नागरिकों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ किया है कि प्रदेश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था के साथ कोई समझौता नहीं होगा।

बिजली उपभोक्ता अब व्हाट्सएप्प, ऐप और ईमेल से भी दर्ज करा सकेंगे अपनी समस्याएं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने बिजली उपभोक्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए शिकायत दर्ज कराने के नए विकल्प उपलब्ध कराए हैं। अब उपभोक्ताओं को केवल 1912 पर कॉल करने की आवश्यकता नहीं होगी, वे कई डिजिटल माध्यमों से भी अपनी समस्याएं दर्ज करा सकेंगे।

यूपीपीसीएल ने उपभोक्ताओं के लिए WhatsApp नंबर, आधिकारिक मोबाइल ऐप, और वेबसाइट के ज़रिए भी शिकायत दर्ज करने की सुविधा शुरू कर दी है। इसके साथ ही उपभोक्ता ट्विटर और ईमेल के माध्यम से भी अपनी बिजली से जुड़ी शिकायतें भेज सकते हैं।

कॉर्पोरेशन के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य उपभोक्ताओं को तेजी से, पारदर्शी और सुलभ सेवा प्रदान करना है। यूपीपीसीएल ने सभी उपभोक्ताओं से अपील की है कि किसी भी प्रकार की बिजली समस्या होने पर इन नए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का भरपूर लाभ उठाएं और अपनी शिकायतें तुरंत दर्ज कराएं।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जनता दर्शन में फरियादियों को दिलाया भरोसा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को अलीगढ़ दौरे से पहले राजधानी स्थित 7-कालिदास मार्ग स्थित कैम्प कार्यालय में आयोजित जनता दर्शन में शामिल होकर आम जन की समस्याएं सुनीं। उन्होंने फरियादियों को भरोसा दिलाया कि प्रत्येक व्यक्ति की समस्या का हरसंभव समाधान किया जाएगा और किसी को भी अनसुना नहीं किया जाएगा।

जनता दर्शन के दौरान उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि: प्रत्येक फरियादी की समस्या को त्वरित और संतोषजनक ढंग से सुलझाया जाए। समस्याओं का पूर्ण समाधान सुनिश्चित किया जाए और जवाबदेही तय की जाए। उत्पीड़न, भूमि पर अवैध कब्जों, और अतिक्रमण से जुड़ी शिकायतों को संवेदनशीलता और गंभीरता से लिया जाए, जहां आवश्यक हो, वहां कठोर कार्यवाही की जाए।

हर वर्ग की समस्या को मिली प्राथमिकता जनसुनवाई के दौरान उपमुख्यमंत्री ने महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगजनों सहित सभी वर्गों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसे मामलों का समाधान प्राथमिकता के आधार पर हो और प्रभावित व्यक्तियों को दुबारा भटकना न पड़े।

खुद जाकर सुनीं लोगों की परेशानियां

जनता दर्शन में भूमि विवाद, दुर्घटनाएं, स्वास्थ्य, शिक्षा, अवैध कब्जा, आवास, सड़क निर्माण, विद्युत समस्याएं, अभियुक्तों की गिरफ्तारी, और पुलिस उत्पीड़न जैसे विषयों पर कई जिलों से आए लोगों ने शिकायतें दर्ज कीं। उपमुख्यमंत्री खुद फरियादियों के पास गए और उनकी समस्याएं सीधे संवाद के माध्यम से सुनीं।

सीधे जिलाधिकारियों से की बात, दिए तत्काल निर्देश

उपमुख्यमंत्री श्री मौर्य ने समस्याओं के तत्काल निस्तारण हेतु राजस्व और पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर मौके पर भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने ज़िला प्रशासन और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से दूरभाष पर बात कर समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

अरेबियन ट्रैवल मार्ट में लखनऊ की ऐतिहासिक विरासत और सांस्कृतिक विविधता की भव्य प्रस्तुति

लखनऊ। दुबई में आज से 01 मई तक आयोजित हो रहे प्रतिष्ठित अरेबियन ट्रैवल मार्ट में लखनऊ के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर स्थलों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया जा रहा है। इस आयोजन में रूमी दरवाजा, बड़ा इमामबाड़ा और घंटाघर जैसे ऐतिहासिक स्थल विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे।

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने राज्य की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधताओं को दुनिया के समक्ष पेश करने के लिए व्यापक तैयारियाँ की हैं।पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि लखनऊ ही नहीं, बल्कि राज्य के अन्य क्षेत्रों की स्थापत्य कला, संस्कृति और परंपराओं को भी अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर उत्तर प्रदेश को विश्व पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करना है।

उन्होंने बताया कि लखनऊ के साथ-साथ बुलंद दरवाजा, फतेहपुर सीकरी (आगरा), राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य, बुद्धिस्ट सर्किट सहित अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों का भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।श्री सिंह ने यह भी कहा कि अयोध्या, वाराणसी, मथुरा-वृंदावन और विंध्याचल जैसे धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों को भी वैश्विक पहचान दिलाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है।

पर्यटन विभाग इस अवसर पर विदेशी टूर ऑपरेटरों, ट्रैवल एजेंट्स और संभावित निवेशकों से सीधे संवाद स्थापित कर रहा है, जिससे राज्य में पर्यटन निवेश के नए अवसर सृजित किए जा सकें।इसके अतिरिक्त, ट्रैवल मार्ट में लखनऊ की विशिष्ट कारीगरी, हस्तशिल्प, पारंपरिक खानपान और सांस्कृतिक विरासत की भी झलक प्रस्तुत की जाएगी। मंत्री ने विश्वास जताया कि इससे न केवल विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय शिल्पकारों और पर्यटन से जुड़े उद्यमियों के लिए भी नए द्वार खुलेंगे।

उन्होंने अंत में कहा कि यह पहल लखनऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

बांदा को मिलेगा धार्मिक पर्यटन का नया स्वरूप: पर्यटन विभाग ने 1980.43 लाख रुपये की 6 परियोजनाओं को दी मंज़ूरी

लखनऊ। पर्यटन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत जनपद बांदा में धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 1980.43 लाख रुपये की 6 परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है। इन परियोजनाओं के तहत प्राचीन धार्मिक स्थलों और मंदिरों का संरक्षण, सौंदर्यीकरण और सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।

बांदा एक ऐतिहासिक नगर है, जहां वर्षभर देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। प्रदेश सरकार का उद्देश्य इन स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से और अधिक आकर्षक बनाना है। इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी जनपदों में बुनियादी पर्यटन सुविधाएं सृजित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इन 6 परियोजनाओं में शामिल प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं:

ग्राम पंचायत चन्दौरा, ब्लॉक नरेनी: कारू बाबा भगवान मंदिर के पर्यटन विकास के लिए 108.90 लाख रुपये स्वीकृत।

ग्राम लसड़ा बसधरी: ऋषि वेदव्यास की जन्मस्थली के पर्यटन विकास हेतु 127.08 लाख रुपये की स्वीकृति।

ग्राम मुंडवारा, ब्लॉक कमसिन: भादेबाबा स्थल के विकास के लिए 86.20 लाख रुपये।

रनगढ़ किला: पहुंच मार्ग का उच्चीकरण एवं स्ट्रीट फर्नीचर कार्य हेतु 1516.07 लाख रुपये, जो इस परियोजना का सबसे बड़ा हिस्सा है।

ग्राम सोहाना गंछा, तहसील बांदा सदर: सिद्ध बाबा स्थान का पर्यटन विकास कार्य, 92.30 लाख रुपये की लागत से।

कुरसेजा धाम मंदिर, तिन्दवारी: धार्मिक स्थल के विकास हेतु 49.88 लाख रुपये की राशि स्वीकृत।

मंत्री ने यह भी बताया कि सभी परियोजनाओं के लिए कार्यदायी संस्थाओं को जिम्मेदारी सौंप दी गई है और शासनादेश जारी कर दिए गए हैं। इन कार्यों से क्षेत्र में पर्यटन को नया प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।

सीएम योगी का एक्शन: यूपी बना पहला राज्य जिसने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा

-- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त मॉनिटरिंग और स्पष्ट निर्देशों का बड़ा असर, सभी जिलों में चला सघन अभियान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। सीएम योगी की लगातार निगरानी और उच्च स्तरीय बैठकों के बाद यह कार्रवाई सुनिश्चित की गई।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए। इसके बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने मिलकर 75 जिलों में व्यापक अभियान चलाया। इस अभियान के तहत चिन्हित सभी पाकिस्तानी नागरिकों को उनके देश वापस भेज दिया गया। अब प्रदेश में केवल एक पाकिस्तानी नागरिक शेष है, जिसे बुधवार तक पाकिस्तान रवाना किया जाएगा।

सीएम योगी की सख्त निगरानी के चलते उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहां 100 प्रतिशत पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की कार्रवाई पूरी की गई। इस पूरी प्रक्रिया में राज्य सरकार के साथ-साथ पुलिस और खुफिया एजेंसियों की भूमिका अहम रही।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार, संबंधित जिलों की पुलिस टीमें बनाकर पाकिस्तानी नागरिकों को उनके देश भेजने की जिम्मेदारी सौंपी गई। सुरक्षा एजेंसियां अंतिम नागरिक की वापसी तक उस पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।